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सोमवार, 9 नवंबर 2020

अवसर

 

         यद्यपि 92 वर्षीय मोरी बुगार्ट बिस्तर पर पड़े रहने के लिए मजबूर थे, किन्तु वे मिशिगन के बेघर लोगों के लिए टोपियाँ बनाते रहते थे। कहा जाता है कि पंद्रह वर्षों में उन्होंने 8,000 टोपियाँ बनाई थीं। अपनी सेहत और मजबूरियों पर ध्यान केन्द्रित करने के स्थान पर मोरी बुगार्ट ने अपने से बाहर होकर देखा तथा औरों की आवश्यकताओं को अपनी आवश्यकता से बढ़कर महत्व दिया। वे कहते थे कि उनका कार्य उन्हें एक उद्देश्य देता है और उन्हें अच्छा अनुभव करवाता है, और जब तक कि उनका प्रभु के पास जाने का समय नहीं आ जाएगा वे यह करते रहेंगे – और वे फरवरी 2018 तक, जब तक कि प्रभु ने उन्हें अपने पास नहीं बुला लिया, इसे करते रहे। चाहे उनके द्वारा बनाई गई टोपियों को प्राप्त करने वालों में से अधिकांश न तो उनकी कहानी को जानते हैं और न ही उन्हें यह पता है कि प्रत्येक टोपी के लिए उन्हें कितना प्रयास और बलिदान करना पड़ा, किन्तु मोरी का यह सतत प्रेमपूर्ण कार्य आज सारे संसार में लोगों को प्रोत्साहित कर रहा है।

         हम भी अपने संघर्षों से आगे देखकर औरों को अपने से पहले रख सकते हैं, और हमारे प्रेमी और कृपालु उद्धारकर्ता प्रभु यीशु का अनुसरण कर सकते हैं, जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पियों 2:1-5 लिखा है। हमारे राजाओं के राजा – मानव देह में अवतरित प्रभु परमेश्वर ने – पूर्णतः विनम्र होकर दास का स्वरूप धारण कर लिया (पद 6-7)। उन्होंने क्रूस पर हमारा स्थान ले लिया (पद 8), और सर्वोच्च बलिदान – अपने जीवन का बलिदान देने के द्वारा परमेश्वर के साथ हमारे मेल-मिलाप का मार्ग बना कर दे दिया। उन्होंने परमेश्वर पिता की महिमा के लिए (पद 9-11) अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।

         मसीह यीशु के विश्वासी होने के कारण यह हमारा कर्तव्य है कि हम औरों के प्रति प्रभु के समान प्रेम दिखाएँ और कृपालु होकर औरों के हितों का ध्यान रखें। चाहे हमें यह न भी लगे कि हमारे पास देने के लिए कुछ विशेष है, फिर भी हम विनम्रता और सेवक का स्वरूप धारण कर सकते हैं। जो अवसर प्रभु हमें देता है, हम उनका उपयोग औरों के जीवन में कुछ उत्तम प्रभाव वाला करने के लिए ला सकते हैं। - सोहचील डिक्सन

 

औरों के लिए यथासंभव करने के द्वारा हम 

मसीह के प्रेम का उदाहरण प्रदर्शित कर सकते हैं।


इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों के समान नहीं पर बुद्धिमानों के समान चलो। और अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं। इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्छा क्या है? – इफिसियों 5:15-17

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:1-11

फिलिप्पियों 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करुणा और दया है।

फिलिप्पियों 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो।

फिलिप्पियों 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।

फिलिप्पियों 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों के हित की भी चिन्ता करे।

फिलिप्पियों 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो।

फिलिप्पियों 2:6 जिसने परमेश्वर के स्वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।

फिलिप्पियों 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।

फिलिप्पियों 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।

फिलिप्पियों 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है।

फिलिप्पियों 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।

फिलिप्पियों 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यिर्मयाह 46-47
  • इब्रानियों 6

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