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गुरुवार, 22 जुलाई 2010

बहरा कौन है?

एक आदमी ने अपने डॉक्टर से कहा कि उसे लगता है कि उसकी पत्नी बहरी होती जा रही है। डॉक्टर ने उसे एक सरल जांच द्वारा इसे निश्चित करने की सलाह दी। आदमी को युक्ति पसन्द आई और उसने डॉक्टर द्वारा बताई जांच करने का निश्चय किया; जब वह अपने घर पहुंचा तो दरवाज़े पर से ही उसने आवाज़ दी "प्रीय, क्या खाना तैयार है?" कोई उत्तर न सुनने पर वह घर के अन्दर आया और फिर वही प्रश्न दोहराया, फिर भी कोई उत्तर नहीं पाया। फिर वह अपनी पत्नि के निकट उसके ठीक पीछे पहुंचा और तीसरी बार फिर से वही प्रश्न किया। अब उसे अपनी पत्नि का उत्तर सुनाई दे गया - "तीसरी बार कह रही हूं, हां तैयार है"!

ऐसे ही प्राचीन इस्त्राएलियों को लगा कि परमेश्वर बहरा हो गया है, जबकि वास्तविक समस्या उनके साथ थी। इस्त्राएली लोग परमेश्वर की वाचा के लोग थे, और उन्हें अन्धकार में पड़े लोगों को ज्योति दिखाने और उन लोगों को पाप के बन्धनों से बचने का मार्ग दिखाना था, "मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है, मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा, कि तू अन्धों की आंखें खोले, बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धकार में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले। (यशायाह ४२:७)" परन्तु इस्त्राएलियों ने ऐसा नहीं किया, उन्होंने परमेश्वर की आज्ञाओं को नहीं माना (यशायाह ४२:२४)। इस कारण आने वाले न्याय के विष्य में इस्त्राएलियों को चेतावनी देने के लिये परमेश्वर ने यशायाह भविश्यद्वक्ता को भेजा।

यशायाह ने इस्त्राएलियों को समझाया कि उनकी प्रार्थनाएं अन्सुनी क्यों हैं, "सुनो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके, न वह ऐसा बहिरा हो गया है कि सुन न सके। परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम्हें परमेश्वर से अलग कर दिया है, और तुम्हारे पापों के कारण उसका मुँह तुम से ऐसा छिपा है कि वह नहीं सुनता (यशायाह ५९:१,२)।" पर उसके चेतावनी के सन्देश जैसे बहरे कानों पर पड़े।

परमेश्वर से प्रार्थना का उत्तर न पाने का एक कारण है कि सम्भवतः पाप हमारे कानों को रोक रहा है, इसके विष्य में हमें अपने आप को गंभीरता पूर्वक जांचना चाहिये।

परमेश्वर बहरा नहीं है। - सी. पी. हिया


जो सच्चे मन से उसकी सुनते हैं, परमेश्वर अपने वचन द्वारा उनसे बात करता है।


बाइबल पाठ: यशायाह ४२:१-४, २३-२५

मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है। मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह अन्यजातियों के लिये न्याय प्रगट करेगा।

न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा।

कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा, वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा।

वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे, और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जोहेंगे।

तुम में से कौन इस पर कान लगाएगा? कौन ध्यान धर के होनहार के लिये सुनेगा?

किस ने याकूब को लुटवाया और इस्राएल को लुटेरों के वश में कर दिया? क्या यहोवा ने यह नहीं किया जिसके विरूद्ध हम ने पाप किया, जिसके मार्गों पर उन्होंने चलना न चाहा और न उसकी व्यवस्था को माना?

इस कारण उस पर उस ने अपने क्रोध की आग भड़काई और युद्ध का बल चलाया और यद्यिप आग उसके चारों ओर लग गई, तौभी वह न समझा, वह जल भी गया, तौभी न चेता।

एक साल में बाइबल:
  • भजन३१, ३२
  • प्रेरितों के काम २३:१६-३५

बुधवार, 21 जुलाई 2010

सुन्दरता

अलास्का के बाहर एक स्थान, ’एंकरेज’ में मैंने एक बहुत सुन्दर दृश्य देखा। स्लेटी आकश की पृष्टभूमि में समुद्र का मुहाना हलकी हरियाली लिये हुए था और उसमें कुछ सफेद टोपीनुमा चीज़ें दिख रहीं थीं। थोड़ी देर में स्पष्ट हो गया कि वे सफेद टोपीनुमा चीज़ें वास्तव में सफेद व्हेल मछलियां थीं जो किनारे से केवल ५० फीट की दूरी पर झुंड के रूप में अपना भोजन ले रहीं थीं। समुद्र की लहरों के लयबद्ध संगीत और उसमें सफेद व्हेल मछलियों की अटखेलियां, सब देखने वाले शांत और मंत्रमुग्ध थे, जैसे उस पल के लिये अन्य कुछ भी कोई अर्थ नहीं रखता था।

सभोपदेशक का लेखक वहां जमा भीड़ की इस प्रतिक्रिया को भली भांति समझ सकता था। उसने बड़ी स्पष्टता से इस सृष्टि की भवय सुन्दरता को देखा और यह भी कि परमेश्वर ने "मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है" (सभोपदेशक ३:११)। ऐसा सुन्दर वाक्यांश मनुष्य के अनुभवों से ही संबंधित नहीं है, उसमें धार्मिकता का भी बोध है; किंतु हमारे मन अनन्त की समझ धर्म के बाहर भी कर सकते हैं।

सभोपदेशक इस संसार और जीवन के दोनो पहलुओं को दिखाता है: प्रथम, संसार की ऐसी लुभावनी बातें और वशीभूत करने वाले भोग-विलास कि मनुष्य अपना सारा जीवन उनके पीछे गवां दे और दूसरा यह कि भोग-विलास में सन्तुष्टि नहीं है। परमेश्वर का अद्‍भुत संसार हमारी अपनी समझ की सीमाओं से बहुत बड़ा है, उसके प्रति सही दृष्टिकोण रखने के लिये हमें परमेश्वर की सहायता अनिवार्य है। जब तक हम अपनी सीमाएं मान कर अपने आप को परमेश्वर के नियमों के आधीन नहीं कर देते, और जब तक हम जीवन की हर भली भेंट के देने वाले पर सच्चा विश्वास नहीं कर लेते, तब तक हमारे अपने प्रयासों का अन्त निराशा ही होगी।

किंतु जब हम परमेश्वर और उसके नियमों की सहायता से इस संसार को निहारेंगे और उपयोग करेंगे तो न केवल लौकिक भवयता तथा सुन्दरता का सही आनन्द ले पाएंगे, वरन लौकिक द्वारा अलौकिक का बोध भी कर पाएंगे। - फिलिप यैन्सी


आज का सर्वाधिक लाभ उठाने के लिये सनातन को ध्यान में रखें।


बाइबल पाठ: सभोपदेशक ३:९-१७

काम करने वाले को अधिक परिश्र्म से क्या लाभ होता है?

मैं ने उस दु:ख भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।

उस ने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते हैं, फिर उस ने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;

और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्र्म में सुखी रहे।

मैं जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उस में कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है, परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें।

जो कुछ हुआ वह इस से पहिले भी हो चुका, जो होनेवाला है, वह हो भी चुका है, और परमेश्वर बीती हुई बात को फिर पूछता है।

फिर मैं ने संसार में क्या देखा कि न्याय के स्थान में दुष्टता होती है, और धर्म के स्थान में भी दुष्टता होती है।

मैं ने मन में कहा, परमेश्वर धर्मी और दुष्ट दोनों का न्याय करेगा, क्योंकि उसके यहां एक एक विषय और एक एक काम का समय है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन २९, ३०
  • प्रेरितों के काम २३:१-१५

मंगलवार, 20 जुलाई 2010

छोटा कदम - बड़ी छलांग

जुलाई १९६९ में मैं अमेरिका के एक सैनिक प्रशिक्षण स्थल में सेना का अफसर होने का प्रशिक्षण ले रहा था। यह प्रशिक्षण बहुत जटिल था और हमें सखती से नियमों का पालन करने का बहुत ध्यान रखना होता था। २० जुलाई की सन्ध्या को हम सब को अपनी कम्पनी के हॉल में बुलाया गया और टेलिविज़न सेट के सामने कुछ देखने को बैठा दिया गया, और हमसे इतना ही कहा गया "यह इतिहास होगा।"

विस्मित बैठे हम सब ने अपोलो ११ के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रोंग को चन्द्रमा पर कदम रखने वाला प्रथम मनुष्य बनते देखा और सुना कि उसने कहा "मनुष्य का यह छोटा कदम मानव जाति के लिये एक बड़ी छलांग है।" हम लोगों के लिये लागू रात के नियमों को उस रात टाल दिया गया और हम देर रात तक बैठे बातें करते रहे, न सिर्फ उसके बारे में जो हमने देखा था पर ज़िन्दगी, परमेश्वर और अनन्तता के बारे में। हमारा व्यस्त समय कार्यक्रम कुछ देर के लिये थम गया और हम उन बातों की ओर ध्यान लगा सके जो जीवन के लिये वास्तव में महत्वपूर्ण हैं।

में से प्रत्येक जन को अपना ध्यान प्रतिदिन की व्यस्तता से हटा कर परमेश्वर के साथ समय बिताना है। अपने व्यवसाय की व्यस्तता से हटकर, प्रार्थना करने और बाइबल पढ़ने के द्वारा परमेश्वर पर ध्यान लगाने के लिये प्र्तिदिन का एक निश्चित समय हमें निर्धारित करना चाहिये। इस प्रकार जब हम पौलुस की शिक्षा "और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ (इफिसियों ४:२३)" का पालन करेंगे तो उससे हमारे विचार और कार्य भी संवरते जायेंगे।

हमारा प्रतिदिन का यह छोटा सा कदम, हमारे मसीही विश्वास के जीवन की उन्नति के लिये एक बड़ी छलांग का साधन बन जायेगा। - डेविड मैक्कैसलैंड


विश्वास में रखा हर छोटा कदम उन्नति के लिये एक विशाल कदम होता है।


बाइबल पाठ: इफिसियों ४:१७-२४
इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अपने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।

क्‍योंकि उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।

और वे सुन्न होकर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्‍दे काम लालसा से किया करें।

पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई।

बरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए।

कि तुम पिछले चालचलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो।

और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ।

और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन २६-२८
  • प्रेरितों के काम २२

सोमवार, 19 जुलाई 2010

सामर्थ और विनाश

जौर्ज मैकडोनल्ड की परी कथा ’लिलिथ’ में विशालकाय दानव साधरण मनुष्यों के बीच में रहते हैं। इन दानवों को अपने दैनिक कार्यों को बड़ी सावधानी से करना होता है, नहीं तो वे बहुत नुकसान कर बैठेंगे। उनके खर्राटों का शोर बहुत परेशान करने वाला है, जब वे करवट बदलते हैं तो उनके नीचे दब कर घर टूट सकते हैं।

बाइबल में उज़्ज़ियाह १६ वर्ष की आयु में राजा बनने के बाद बहुत शक्तिशाली हो गया। २ इतिहास २६ उसकी इस सफलता के कारण में दिये गये हैं। उसका पिता अमाज़ियाह उसके लिये एक अच्छा आदर्श बना (पद ४)। ज़करियाह भविष्यद्वक्ता उसका शिक्षक था (पद ५)। उसके पास कुशल योद्धाओं और योग्य सेनापतियों की सेना थी (पद ११-१५)। और परमेश्वर ने उसे बढ़ाया (पद ५)।

स्पष्ट है कि राजा उज़्ज़ियाह परमेश्वर के अनुग्रह से ’विशालकाय’ हो गया। किंतु उन्नति के शिखर पर पहुंच कर वह लापरवाह हो गया और उसने बुरी तरह से ठोकर खाई। उसके पतन की कुंजी १५वें पद के इस भाग में मिलती है - "क्योंकि उसे अदभुत यहायता यहां तक मिली कि वह सामर्थी हो गया"- इस वाक्य के अन्तिम चार शब्द हम सब के लिये गंभीर चेतावनी हैं। अगला पद (पद १६), बताता है कि "परन्तु जब वह सामर्थी हो गया, तब उसका मन फूल उठा; और उस ने बिगड़कर अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वासघात किया...।"उसने घमंड में आकर पुरोहितों का कार्य भी अपने हाथ में ले लिया और उनकी चेतावनी को अनसुना कर दिया। नतीजा यह हुआ कि वह कोढ़ी हो गया और महल से बाहर निकाल दिया गया (पद १६-२१)।

हम सब को अद्भुत रीति से सहायता मिली है - परमेश्वर से, उन लोगों से जिन्हें परमेश्वर ने हमारे लिये आदर्श बनाकर रखा है और उन से जो हमारे साथ सेवा करते हैं। जब हम सामर्थी हो जाएं तो सचेत रहें कि कहीं ठोकर न खा जाएं। - अल्बर्ट ली


मैंने ऐसा कोई और मनुष्य नहीं पाया जिसने मेरा इतना नुकसान किया हो जितना मैंने स्वयं अपना किया है - डी. एल. मूडी


बाइबल पाठ: २ इतिहास २६:३-१५
जब उज्जिय्याह राज्य करने लगा, तब वह सोलह वर्ष का था। और यरूशलेम में बावन वर्ष तक राज्य करता रहा, और उसकी माता का नाम यकील्याह था, जो यरूशलेम की थी।
जैसे उसका पिता अमाज़ियाह, किया करता या वैसा ही उसने भी किया जो यहोवा की दृष्टि में ठीक था।
और जकर्याह के दिनों में जो परमेश्वर के दर्शन के विषय समझ रखता था, वह परमेश्वर की खोज में लगा रहता था; और जब तक वह यहोवा की खोज में लगा रहा, तब तक परमेश्वर उसको भाग्यवान किए रहा।
तब उस ने जाकर पलिश्तियों से युद्ध किया, और गत, यब्ने और अशदोद की शहरपनाहें गिरा दीं, और अशदोद के आसपास और पलिश्तियों के बीच में नगर बसाए।
और परमेश्वर ने पलिश्तियों और गूर्बालवासी, अरबियों और मूनियों के विरुद्ध उसकी सहायता की।
और अम्मोनी उज्जिय्याह को भेंट देने लगे, वरन उसकी कीर्ति मिस्र के सिवाने तक भी फैल गई, क्योंकि वह अत्यन्त सामर्थी हो गया था।
फिर उज्जिय्याह ने यरूशलेम में कोने के फाटक और तराई के फाटक और शहरपनाह के मोड़ पर गुम्मट बनवाकर दृढ़ किए।
और उसके बहुत जानवर थे इसलिये उस ने जंगल में और नीचे के देश और चौरस देश में गुम्मट बनवाए और बहुत से हौद खुदवाए, और पहाड़ों पर और कर्म्मेल में उसके किसान और दाख की बारियों के माली थे, क्योंकि वह खेती किसानी करने वाला था।
फिर उज्जिय्याह के योद्धाओं की एक सेना थी जिनकी गिनती यीएल मुंशी और मासेयाह सरदार, हनन्याह नामक राजा के एक हाकिम की आज्ञा से करते थे, और उसके अनुसार वह दल बान्धकर लड़ने को जाती थी।
पितरों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरुष जो शूरवीर थे, उनकी पूरी गिनती दो हजार छ: सौ थी।
और उनके अधिकार में तीन लाख साढ़े सात हजार की एक बड़ी बड़ी सेना थी, जो शत्रुओं के विरुद्ध राजा की सहायता करने को बड़े बल से युद्ध करने वाले थे।
इनके लिये अर्थात पूरी सेना के लिये उज्जिय्याह ने ढालें, भाले, टोप, झिलम, धनुष और गोफन के पत्थर तैयार किए।
फिर उस ने यरूशलेम में गुम्मटों और कंगूरों पर रखने को चतुर पुरुषों के निकाले हुए यन्त्र भी बनवाए जिनके द्वारा तीर और बड़े बड़े पत्थर फेंके जाते थे। और उसकी कीर्ति दूर दूर तक फैल गई, क्योंकि उसे अदभुत सहायता यहां तक मिली कि वह सामर्थी हो गया।


एक साल में बाइबल:
  • भजन २३-२५
  • प्रेरितों के काम २१:१८-४०

रविवार, 18 जुलाई 2010

छल

सी. अस. लूईस द्वारा लिखित नारनिया की कहानियों की आन्तिम पुस्तक "दि लास्ट बैटल" (अन्तिम यद्ध) में एक कुटिल वनमानुष एक बूढ़े मरे हुए शेर की खाल देखता है और एक भोले-भाले गधे को उसे पहन लेने के लिये मजबूर करता है। वनमानुष फिर यह दावा करता है कि वह भेष बदला हुआ गधा ही नारनिया का असली राजा शेर असलन है और वे नारनिया के दुश्मनों के साथ संधि करके नारनिया की प्रजा को दास बनाने और उनपर नियंत्रण करना आरंभ कर देते हैं। किंतु जवान राजा टिरियन इस बात पर विश्वास नहीं कर पाता कि राजा असलन वास्तव में इतना क्रूर व्यवहार करेगा। वह असली असलन की सहायता से वनमानुष और उसके नकली शेर से युद्ध करता है और उन्हें पराजित करता है।

बाइबल हमें बताती है कि शैतान परमेश्वर की नकल करने में चतुर है। उसका उद्देश्य है कि वह परमेश्वर के तुल्य हो जाये (यशायाह १४:१२-१५)। छल के द्वारा शैतान यीशु मसीह की जगह नकली मसीह लोगों के सामने स्थापित करना चाहता है। प्रभु यीशु ने स्वयं हमें इन आने वाले झूठे भविष्यद्वक्ताओं और झूठे मसीहों के बारे में चिताया - "यीशु ने उन को उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए। क्‍योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे" (मत्ती २४:४, ५)।

हम कैसे असली और नकली मसीह में भेद कर सकते हैं? असली मसीह वही है जिसका वर्णन बाइबल में दिया गया है। यदि कोई भी इस वर्णन से भिन्न किसी को मसीह करके प्रस्तुत कर है, तो वह "सिंह के भेष में गधे" को प्रस्तुत कर रहा है। - डेनिस फिशर


परमेश्वर का वचन हमें समझ-बूझ देता है कि हम सत्य-अस्त्य को पहिचान सकें।


बाइबाल पाठ: मत्ती ७:१५-२३

"झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्‍तु अन्दर में फाड़ने वाले भेड़िए हैं।
उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे। क्‍या लोग झाडिय़ों से अंगूर, वा ऊंटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं?
इसी प्रकार हर एक अच्‍छा पेड़ अच्‍छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है।
अच्‍छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्‍छा फल ला सकता है।
जो जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में डाला जाता है।
सो उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे।
जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्‍वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्‍तु वही जो मेरे स्‍वर्गीय पिता की इच्‍छा पर चलता है।
उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे, हे प्रभु, हे प्रभु, क्‍या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए?
तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ।"


एक साल में बाइबल:
  • भजन २०-२२
  • प्रेरितों के काम २१:१-१७

शनिवार, 17 जुलाई 2010

जब भूमि हिले

सैन फ्रैन्सिस्को में आये एक विनाशकारी भूकंप के कई दिन बाद वहां एक स्कूल के खेल के मैदान में एक बच्चा हिलता और कंपकंपाता देखा गया। उसके प्रधानाध्यापक ने उससे पूछा कि क्या तुम ठीक हो तो तो बच्चे ने हां में सिर हिलाया और कहा "मैं भूमि की तरह हिल और कांप रहा हूं जिससे यदि भूकंप फिर से आये तो मैं उससे डर महसूस न कर सकूं।" वह अपने आप को एक और भूकंप के लिये तैयार कर रहा था।

कभी कभी किसी हादसे के बाद हम अपने आप को किसी अन्य संभावित दुर्घटना के लिये तैयार कर लेते हैं। यदि फोन द्वारा हमें कोई बुरा समाचार मिलता है तो जब भी फोन बजता है तो हम डर कर सोचते हैं कि "न जाने अब क्या हो गया?"

भजनकार दाऊद के लिये जैसे "भूमि हिल रही थी" जब राजा शाऊल ने उसे मारने का प्रयास किया (१ शमूएल १९:१०)। वह भागकर छिप गया, उसे लगा कि अब अगले कदम पर मृत्यु है। उसने अपने मित्र योनातान को कहा "...नि:सन्देह, मेरे और मृत्यु के बीच डग ही भर का अन्तर है" (१ शमूएल २०:३)। दाऊद ने लिखा "मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया" (भजन १८:४)।

अपने दुख के समय दाऊद परमेश्वर के आगे गिड़गिड़ाया (भजन १८:६) और पाया कि परमेश्वर स्थिर करने वाला है, उसपर वह सदा विश्वास रख सकता है कि वह उसके साथ बना रहेगा। दाऊद ने कहा "यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है"(भजन १८:२)।

यदि कभी हमारे पांव तले की भूमि हिले, तो हमारे लिये भी परमेश्वर ऐसे ही स्थिरता का स्त्रोत होगा। - ऐनी सेटास


जीवन की आंधियों में सुरक्षित रहने के लिये युगों की स्थिर चट्टान - मसीह यीशु पर जीवन का लंगर डाले रहें।


बाइबल पाठ: भजन १८:१-६
"हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं।
यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है, मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है।
मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा, इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;
पाताल की रस्सियां मेरे चारों ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे।
अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा, मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।"


एक साल में बाइबल:
  • भजन १८, १९
  • प्रेरितों के काम २०:१७-३८

शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

कौन देखता है?

जहां हम काम कर रहे थे वहां बहुत गर्मी, गंदगी और बदबू थी। हम हज़ारों मील की दूरी तय करके कुछ तय कार्य करने आये थे, और आज हम बहरे बच्चों के स्कूल की एक कक्षा के पिछले भाग कीर पुताई कर रहे थे। उस स्कूल यह एक ऐसा भाग था जहां कोई नहीं आता-जाता था। केवल वहां का घास काटने वाला मज़दूर या मल की टंकी साफ करने वाला ही हमारे आज के काम को शायद कभी देखने पाते।

फिर भी हमारे जवान साथी इस कार्य में पूरे मन से लगे हुए थे। उनमें से एक युवती मेलिस्सा ने हम सब की इस मेहनत को सही संदर्भ में रखते हुए कहा, "चाहे यहां आकर कोई भी इसे नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर देखता है। इसलिये इसे भली-भांति करें कि उसे अच्छा लगे।" और हमने मिलकर ऐसा ही किया।

कभी कभी हम अपनी मेज़ पर बैठे सोचते हैं कि कोई हमारे काम को नहीं देखता। या हम कोई कारखाने में किसी चीज़ को जोड़कर बनाने की पंक्ति में लगे लगतार एक ही तरह का काम करते ही जाते हैं। हो सकता है कि हमें चर्च की शिशुशाला में रोते हुए बच्चों की देखभाल करने और उन्हें बहलने की ज़िम्मेदारी दी जाती हो। यह भी हो सकता है कि हम एक उत्तम मसीही जीवन जीते हैं किंतु कोई हमारी ओर ध्यान नहीं देता।

कई बार हमारा कार्य, उन पुताई करने वालों के काम की तरह, "भवन के पिछवाड़े" में होता है। किंतु यदि परमेश्वर ने हमें यही करने की ज़िम्मेदारी दी है, तो इस ज़िम्मेदारी को हमें पूरे मन से निभाना है। हमारी मसीही बुलाहट में हमें, परमेश्वर कि सामर्थ द्वारा, दूसरों से गहराई से प्रेम करना है, दुसरों की सेवा-सत्कार करनी है और परमेश्वर द्वारा हमें दिये गए गुणों को दूसरों की सेवा में लगाना है (१ पतरस ४:८-१०), जिससे हमारी नहीं वरन परमेश्वर की महीमा और स्तुति हो।

ज़रूरी यह है कि परमेश्वर जो हमें देखता रहता है, उसे हमारा कार्य पसन्द आना चाहिये। - डेव ब्रैनन


मसीह के लिये करी गई किसी सेवा को वह कभी अन्देखा नहीं करता।


बाइबल पाठ: १ पतरस ४:८-११


सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्‍योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्र्म प्रभु में व्यर्थ नहीं है। - १ कुरिन्थियों १५:५८


एक साल में बाइबल:
  • भजन १६, १७
  • प्रेरितों के काम २०:१-१६