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रविवार, 10 अप्रैल 2011

ईर्ष्या से हानि

बर्मा की एक लघुकथा है कि एक कुम्हार अपने पड़ौसी धोबी को फलता-फूलता देख उससे ईर्ष्या करने लगा, और उसे बरबाद करने की ठान ली। उसने राजा के कान भरे कि वह आज्ञा दे कि धोबी राजा के एक काले हाथी को धो कर सफेद कर दे। धोबी ने राजा की आज्ञा स्वीकार करी और उससे निवेदन किया कि उसके कार्य की आवश्यकतओं के अनुसार उसे एक इतना बड़ा पात्र दिया जाए जिसमें खड़ा करके वह हाथी को धो सके। राजा ने तुरंत ही उस कुम्हार को आज्ञा दी कि वह मांगा गया पात्र तैयार करके दे। बड़ी कठिनाई से कुम्हार ने एक बड़ा पात्र तो बनाया लेकिन हाथी के उसमें खड़ा होते ही वह हाथी के वज़न से टुकड़े-टुकड़े हो गया। कुम्हार ने बहुत प्रयास किए और कितने ही बर्तन बनाए लेकिन सबका अन्जाम वही रहा और राजा की आज्ञा के अनुसार बर्तन बनाने के प्रयास में उसकी अपनी रोज़ी रोटी भी जाती रही। अन्ततः कुम्हार का ईर्ष्या में रचाया गया ष्ड़यंत्र उसे ही ले डूबा।

ईर्ष्या का स्वभाव है कि वह अपने पालने वाले का ही विनाश कर देती है। बाइबल के पुराने नियम में ईर्ष्या के लिए जो शब्द मूल भाषा में प्रयोग हुआ है, उसका अर्थ होता है "जलाने या भस्म करने वाला" और यह ईर्ष्यालु व्यक्ति के मन की सही दशा का विवरण भी है, क्योंकि ईर्ष्यालु के मन में ईर्ष्या ज्वाला की तरह धधकती रहती है। राजा शाउल भी अपनी दाउद के प्रति ईर्ष्या के कारण नाश हो गया।

नीतिवचन ६:२७ में लिखा है, "क्या हो सकता है कि कोई अपनी छाती पर आग रख ले और उसके कपड़े न जलें?" ईर्ष्या के अंगारे थोड़े ही समय में भस्म करने वाली धधकती ज्वाला बन जाते हैं और खाक कर देते हैं।

यदि ईर्ष्या के अंगारों को अंगीकार और पश्चाताप द्वारा न बुझाया गया तो वे ईर्ष्यालु को भस्म कर देंगे। - पौल वैन गोर्डर


...ईर्ष्या कब्र के समान निर्दयी है। उसकी ज्वाला अग्नि की दमक है... - श्रेष्ठगीत ८:६

जैसे दीमक काठ को अन्दर ही अन्दर खा लेती है, वैसे ही ईर्ष्या भी मनुष्य को अन्दर ही से नाश कर देती है।


बाइबल पाठ: याकूब ३:६-१८

Jas 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्‍ड की आग से जलती रहती है।
Jas 3:7 क्‍योंकि हर प्रकार के वन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्‍तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं।
Jas 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रूकती ही नहीं, वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है।
Jas 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्‍पन्न हुए हैं श्राप देते हैं।
Jas 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
Jas 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नही होना चाहिए।
Jas 3:12 क्‍या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलता है? हे मेरे भाइयों, क्‍या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।
Jas 3:13 तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्‍छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्‍पन्न होती है।
Jas 3:14 पर यदि तुम अपने अपने मन में कड़वी डाह और विरोध रखते हो, तो सत्य के विरोध में घमण्‍ड न करना, और न तो झूठ बोलना।
Jas 3:15 यह ज्ञान वह नहीं, जो ऊपर से उतरता है वरन सांसारिक, और शारीरिक, और शैतानी है।
Jas 3:16 इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्‍कर्म भी होता है।
Jas 3:17 पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।
Jas 3:18 और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल १५-१६
  • लूका १०:२५-४२

शनिवार, 9 अप्रैल 2011

ईर्ष्या पर जय

रोम के वैटिकन चर्च को सुन्दर बनाने के लिए मशहूर कलाकार माईकलएंजलो और रफैल अपनी कलकृतियों से उसे सजा रहे थे। उनमें बड़ा विद्वेष उत्पन्न हो गया यहां तक कि उन्होंने आपस में बात करना भी बन्द कर दिया। तौभी दोनो अपनी ओर से परमेश्वर की महीमा के लिए कार्य कर रहे थे।

ईर्ष्या कई दफा धार्मिक उत्साह का रूप ले कर सामने आती है। मरियम और हारून ने अपने भाई मूसा की आलोचना करी, लेकिन परमेर्श्वर के क्रोध ने प्रगट किया कि उनकी यह आलोचना ईर्ष्या के कारण थी। ईर्ष्यावश ही शाउल ने दाउद को मारने के प्रयत्न किए क्योंकि परमेश्वर ने दाउद को शाउल के बाद इस्त्राएल का राजा होने के लिए चुन लिया था। जब पौलुस रोम में बन्दी था तो कुछ लोग इस आश्य से सुसमाचार प्रचार करते थे कि उनके ऐसा करने से पौलुस को और दुख मिल सके, क्योंकि वे लोग परमेश्वर द्वारा उसे इतना उत्तम रीति से प्रयोग किए जाने से बहुत ईर्षालु थे।

ईर्ष्या एक बहुत हानिकारक व्यवहार है जो सबसे अधिक ईर्ष्या करने वाले को ही नुकसान पहुंचाता है। ईर्ष्या का कारण है हमारा यह मानना कि किसी और को हम से अधिक मिल रहा है जो हमें मिलना चाहिए था - वह चाहे पैसा हो, कीर्ति हो, सम्मान हो या अन्य कोई भी उपलबधि हो।

इस पर जयवंत हो सकने के लिए तीन बातों का पालन करना होगा:
१. इसे अपने जीवन में पहिचानना होगा और स्वीकार करना होगा।
२. इसे पाप के रूप में स्वीकार करके इसके लिए परमेश्वर से क्षमा मांगनी होगी।
३. हमें अपने अन्दर एक धन्यवादी मन बनाना होगा। जब हम किसी को कोई लाभ पाते देखें तो उसके लिए परमेश्वर का धन्यवाद करके प्रसन्नता से इस परिस्थिति को स्वीकार करें।

जब हम दूसरों की तुलना अपने आप से करना छोड़ देते हैं तो ईर्ष्या के पनपने का माध्यम भी समाप्त कर देते हैं।

जब हम अपनी संतुष्टि परमेश्वर में पाने लगते हैं तो उसका अनुग्रह हमें दूसरों के आनन्द में आनन्दित होने की क्षमता देता है, और ऐसा में ईर्ष्या के लिए कोई स्थान नहीं रहता। - डेनिस डी हॉन


जब हम ईर्ष्या से भरे होते हैं तो अपने विनाश के निकट भी होते हैं।

कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से। - फिलिप्पियों १:१५


बाइबल पाठ: गिनती १२

Num 12:1 मूसा ने तो एक कूशी स्त्री के साथ ब्याह कर लिया था। सो मरियम और हारून उसकी उस ब्याहता कूशी स्त्री के कारण उसकी निन्दा करने लगे;
Num 12:2 उन्होंने कहा, क्या यहोवा ने केवल मूसा ही के साथ बातें की हैं? क्या उस ने हम से भी बातें नहीं कीं? उनकी यह बात यहोवा ने सुनी।
Num 12:3 मूसा तो पृथ्वी भर के रहने वाले मनुष्यों से बहुत अधिक नम्र स्वभाव का था।
Num 12:4 सो यहोवा ने एकाएक मूसा और हारून और मरियम से कहा, तुम तीनों मिलापवाले तम्बू के पास निकल आओ। तब वे तीनों निकल आए।
Num 12:5 तब यहोवा ने बादल के खम्भे में उतर कर तम्बू के द्वार पर खड़ा होकर हारून और मरियम को बुलाया; सो वे दोनों उसके पास निकल आए।
Num 12:6 तब यहोवा ने कहा, मेरी बातें सुनो: यदि तुम में कोई नबी हो, तो उस पर मैं यहोवा दर्शन के द्वारा अपने आप को प्रगट करूंगा, वा स्वप्न में उस से बातें करूंगा।
Num 12:7 परन्तु मेरा दास मूसा ऐसा नहीं है; वह तो मेरे सब घरानों मे विश्वास योग्य है।
Num 12:8 उस से मैं गुप्त रीति से नहीं, परन्तु आम्हने साम्हने और प्रत्यक्ष होकर बातें करता हूं और वह यहोवा का स्वरूप निहारने पाता है। सो तुम मेरे दास मूसा की निन्दा करते हुए क्यों नहीं डरे?
Num 12:9 तब यहोवा का कोप उन पर भड़का, और वह चला गया;
Num 12:10 तब वह बादल तम्बू के ऊपर से उठ गया, और मरियम कोढ़ से हिम के समान श्वेत हो गई। और हारून ने मरियम की ओर दृष्टि की, और देखा, कि वह कोढ़िन हो गई है।
Num 12:11 तब हारून मूसा से कहने लगा, हे मेरे प्रभु, हम दोनों ने जो मूर्खता की वरन पाप भी किया, यह पाप हम पर न लगने दे।
Num 12:12 और मरियम को उस मरे हुए के समान न रहने दे, जिसकी देह अपनी मां के पेट से निकलते ही अधगली हो।
Num 12:13 सो मूसा ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, हे ईश्वर, कृपा कर, और उसको चंगा कर।
Num 12:14 यहोवा ने मूसा से कहा, यदि उसका पिता उसके मुंह पर थूका ही होता, तो क्या सात दिन तक वह लज्जित न रहती? सो वह सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रहे, उसके बाद वह फिर भीतर आने पाए।
Num 12:15 सो मरियम सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रही, और जब तक मरियम फिर आने न पाई तब तक लोगों ने प्रस्थान न किया।
Num 12:16 उसके बाद उन्होंने हसेरोत से प्रस्थान करके पारान नाम जंगल में अपने डेरे खड़े किए।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल १३-१४
  • लूका १०:१-२४

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

जब असफलता असफलता नहीं होती

महान ब्रिटिश राजनैतिज्ञ विन्सटन चर्चिल १९२० के दशक में दो दफा चुनाव हारे। १९३० के दशक में उनका कोई राजनैतिक महत्व नहीं था। लेकिन वे अपनी प्रतिभा निखारने में लगे रहे और १९४० में एंगलैंड के प्रधान मंत्री बन गए। आज वे ब्रिटेन के महान नायकों में गिने जाते हैं।

पौलुस प्रेरित एक स्वतंत्र व्यक्ति होते हुए सुसमाचार प्रचार करने के लिए रोम जाना चाहता था, लेकिन वह जब रोम पहुंचा तो बन्दी बनाया जा चुका था। ऐसा प्रतीत हुआ कि वह अपने महान उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाएगा। लेकिन बन्दी गृह से भी उसने बड़ी दृढ़ता से मसीह यीशु की गवाही और सुसमाचार दिया। पौलुस ने न केवल बन्दी गृह के सभी सैनिकों को सुसमाचार सुना दिया वरन बन्दी गृह से कई प्रभावी पत्रियां भी लिखीं जो आज भी प्रेरणा और मसीही शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी हैं। इसलिए वह फिलिप्पी के मसीहियों को लिख सका कि, " हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।" (फिलिप्पियों १:१२)

जब बड़ी मेहनत से बनाई हुई हमारी योजनाएं विफल हो जाती हैं, तो यह समय होता है अपनी असफलता का विशलेषण करने और उसके अनुसार उप्युक्त कदम उठाने का। यदि हम अपनी गलती को पहचान जाएं तो हम उसे सुधारने के लिए सही कदम भी उठा सकते हैं। यदि हमारी असफलता किन्ही ऐसे कारणों से है जो हमारे वश के बाहर हैं तो परमेश्वर से प्रार्थना करके उससे मांग सकते हैं कि वह इस असफलता से भी हमें सिखाए तथा असफलता में से भी हमारी लिए भलाई करके हमें निराशाओं से निकले।

यदि हम असफलता को स्थायी ना समझ लें तो असफलता असफलता नहीं रहती, वह सफलता की सीढ़ी चढ़ने का ज़रिया बन जाती है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अधिकांश सफलताएं अनेक असफलताओं के बाद आतीं हैं।

हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। - फिलिप्पियों १:१२


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों १:८-१८

Php 1:8 इस में परमेश्वर मेरा गवाह है, कि मैं मसीह यीशु की सी प्रीति करके तुम सब की लालसा करता हूं।
Php 1:9 और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।
Php 1:10 यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्‍चे बने रहो और ठोकर न खाओ।
Php 1:11 और उस धामिर्कता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिस से परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति होती रहे।
Php 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।
Php 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं।
Php 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्‍ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।
Php 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।
Php 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं।
Php 1:17 और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्‍लेश उत्‍पन्न करें।
Php 1:18 सो क्‍या हुआ केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्‍चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्‍दित हूं, और आनन्‍दित रहूंगा भी।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल १०-१२
  • लूका ९:३७-६२

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

जीवन का लक्षण

एक कहानी है, उस समय की जब कि अमेरिका में गुलाम बनाने की कुप्रथा का प्रचलन था। एक ज़मींदार अपने एक दास को लेकर बतख़ के शिकार पर निकला। ज़मींदार तो नास्तिक था परन्तु दास मसीही विश्वासी था। रास्ते में उनकी बघ्घी के पहिए पर लगा लोहे का घेरा उतर गया। दास उस घेरे को पहिए पर वापस चढ़ाने के लिए हथौड़े का प्रयोग कर रहा था और उसके ऊंगुली में चोट लग गई, और तुरंत ही उसके मुँह से गाली निकल गई। वह दास तुरंत अपने घुटनों पर गिर पड़ा और परमेश्वर से क्षमा की प्रार्थना करने लगा।

यह देखकर उसके मालिक ने कहा, "तुम मसीही हो, तो तुम्हें मसीही जीवन जीने के लिए इतना संघर्ष क्यों करना पड़ता है? मुझे देखो,मैं नास्तिक हूँ और जैसे चाहे जीता हूँ, मुझे तो कोई परेशानी नहीं होती।" दास के पास कोई उतर नहीं था। इतने में कुछ बतखें उनके ऊपर से उड़ती हुई निकलीं। मालिक ने अपनी बन्दूक ऊपर की ओर करके दो कार्तूस दाग़ दिए और दो बतखें नीचे गिर पड़ीं। उनमें से एक मर गई थी और दूसरी का पंख टूट गया था और वह छाटपटा रही थी। मालिक ने दास को कहा, "जल्दी जाओ और पहले उस छटपटाती हुई को पकड़ लो, दूसरी की चिंता मत करो, वह कहीं नहीं जा सकेगी।" दास जब बतखें लेकर आया तो मालिक से बोला, "श्रीमान, मेरे पास अब आपके प्रश्न का उतर है। आपका कहना है कि मसीही विश्वास का कोई लाभ नहीं क्योंकि उसके लिए संघर्ष करते रहना पड़ता है। इन दोनो बतखों की ओर देखिए, मैं उस बतख़ की तरह हूँ जो छटपटा रही है, क्योंकि इसकी तरह मुझमें भी जीवन है और शैतान मुझे घायल करता है कि मुझे मार सके और मैं घायल होकर छटपटाता हूँ। परन्तु आप इस मरी हुई बतख़ के समान अपने पापों में मरे हुए हैं और शैतान आपकी ओर से चिंतित नहीं है, क्योंकि आप उसकी मुठ्ठी में हैं। मेरा संघर्ष मुझ में विद्यमान जीवन का लक्षण है।"

जब हम मसीह को आदर देने वाला जीवन जीने का प्रयास करते हैं तो कभी कभी असफलताओं से निराश होते हैं। हम यह जानते हैं कि हम विजयी हो सकते हैं फिर भी कमज़ोर होकर गिर भी पड़ते हैं। लेकिन ऐसे में भी परमेश्वर का प्रेम भरा आलिंगन हमें फिर से उठकर आगे बढ़ने की नयी सामर्थ देता है।

सांसारिक बातों से हमारा संघर्ष हम में विद्यमान परमेश्वरीय जीवन का लक्षण है। - डेनिस डी हॉन


धार्मिकता में आनन्दित होना और दुष्टता पर दुखी होना सच्चे मसीही का लक्षण है।

चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है। - भजन ३७:२४


बाइबल पाठ: भजन ३७:१७-२४
Psa 37:17 क्योंकि दुष्टों की भुजाएं तो तोड़ी जाएंगी; परन्तु यहोवा धर्मियों को सम्भालता है।
Psa 37:18 यहोवा खरे लोगों की आयु की सुधि रखता है, और उनका भाग सदैव बना रहेगा।
Psa 37:19 विपत्ति के समय, उनकी आशा न टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे।
Psa 37:20 दुष्ट लोग नाश हो जाएंगे और यहोवा के शत्रु खेत की सुथरी घास की नाई नाश होंगे, वे धूएं की नाई बिलाय जाएंगे।
Psa 37:21 दुष्ट ऋण लेता है, और भरता नहीं परन्तु धर्मीं अनुग्रह करके दान देता है;
Psa 37:22 क्योंकि जो उस से आशीष पाते हैं वे तो पृथ्वी के अधिकारी होंगे, परन्तु जो उस से शापित होते हैं, वे नाश को जाएंगे।
Psa 37:23 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;
Psa 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल ७-९
  • लूका ९:१८-३६

बुधवार, 6 अप्रैल 2011

नई शुरुआत

यद्यपि हम कभी भी किसी असफलता को मिटा तो नहीं सकते, परन्तु उसके अनुभव से हम शिक्षा अवश्य ले सकते हैं। एक खिलाड़ी के गेन्द को गलत जगह फेंकने के कारण उसकी टीम हार सकती है, लेकिन वही खिलाड़ी चार दिन बाद किसी नए खेल में अपनी टीम को जिता भी सकता है। वह खिलाड़ी अपने नाम के आगे से वह हार तो कभी नहीं मिटा पाएगा, लेकिन उस हार से बहुमूल्य सीख लेकर वह भविष्य में जीतने के लिए कई मूल्यवान सबक सीख लेगा।

जब पौलुस और बरनबास अपनी पहली सुसमाचार प्रचार यात्रा पर निकले तो मरकुस भी उनके साथ गया (प्रेरितों १३:५), लेकिन किसी कारणवश वह उन्हें यात्रा के बीच ही में छोड़कर लौट गया (प्रेरितों १३:१३)। घर पर उसे अपने लिये पर पछतावा हुआ और उसने अपने दोनो मित्रों से अगली यात्रा पर फिर से उसे ले जाने का आग्रह किया। बरनाबास तो उसे एक और मौका देने को तैयार था किंतु पौलुस इसके लिए तैयार नहीं हुआ, इसलिए बरनाबास मरकुस को लेकर एक तरफ निकला तो पौलुस ने सिलास को अपने साथ लिया और अलग यात्रा पर निकल पड़ा। आगे चलकर मरकुस एक आदर्णीय मसीही अगुवा बना और परमेश्वर ने उसके द्वारा एक सुसमाचार वृतांत भी लिखवाया जो बाइबल का भाग बना। पौलुस ने तिमिथियुस को लिखी अपनी दूसरी पत्री में मरकुस को भी बुलवाया और उसके लिए लिखा, "मरकुस को लेकर चला आ; क्‍योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है।" (२ तिमुथियुस ४:११)

गलतियों को दिल पर लगाए रखने से कोई लाभ नहीं होता। यही सोचते रहना कि काश हम किसी काम को फिर से कर पाते, व्यर्थ माथापच्ची है। हर एक दिन एक नई शुरुआत का अवसर है। यदि हम अपने बीते कल की गलतियों से शिक्षा लें और उन्के लिए पश्चतापी हों तो परमेश्वर की सहायता से हम नए दिन में नयी सफलताएं भी पा सकते हैं; क्योंकि मसीही विश्वासी के लिए परमेश्वर सदा क्षमादान के साथ नई शुरुआत देने के लिए तत्पर रहता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


असफलता का यह अर्थ नहीं है कि आप कभी सफल नहीं होंगे; बस थोड़ा समय अधिक लगेगा।

तब बरनबास ने यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है, साथ लेने का विचार किया। परन्‍तु पौलुस ने उसे जो पंफूलिया में उन से अलग हो गया था, और काम पर उन के साथ न गया, साथ ले जाना अच्‍छा न समझा। - प्रेरितों १३:३७, ३८
मरकुस को लेकर चला आ; क्‍योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है। - २ तिमुथियुस ४:११

बाइबल पाठ: प्रेरितों १५:३६-४१

Act 15:36 कुछ दिन बाद पौलुस ने बरनबास से कहा, कि जिन जिन नगरों में हम ने प्रभु का वचन सुनाया था, आओ, फिर उन में चलकर अपने भाइयों को देखें कि कैसे हैं।
Act 15:37 तब बरनबास ने यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है, साथ लेने का विचार किया।
Act 15:38 परन्‍तु पौलुस ने उसे जो पंफूलिया में उन से अलग हो गया था, और काम पर उन के साथ न गया, साथ ले जाना अच्‍छा न समझा।
Act 15:39 सो ऐसा टंटा हुआ, कि वे एक दूसरे से अलग हो गए: और बरनबास, मरकुस को लेकर जहाज पर कुप्रुस को चला गया।
Act 15:40 परन्‍तु पौलुस ने सीलास को चुन लिया, और भाइयों से परमेश्वर के अनुग्रह पर सौंपा जाकर वहां से चला गया।
Act 15:41 और कलीसियाओं को स्थिर करता हुआ, सूरिया और किलिकिया से होते हुआ निकला।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल ४-६
  • लूका ९:१-१७

मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

अपने पीछे द्वार बन्द कर दीजिए

दो जन खुले मैदान में होकर जा रहे थे। अपना रास्ता छोटा करने के लिए उन्होंने पास के मैदान में होकर जाने का निर्णय लिया। उस मैदान को पशुओं के चराने के लिए बाड़े से घेरा हुआ था, और वे बाड़ का द्वार खोलकर मैदान से होकर जाने लगे। वे अपने वार्तलाप में इतना खोए हुए थे कि उन्हें बाड़े का द्वार बन्द ध्यान नहीं रहा। थोड़ी देर में उनमें से एक को यह याद आया और वह भाग कर वापस गया कि द्वार बन्द कर दे। ऐसा करते समय उसे अपने एक बुज़ुर्ग व्यक्ति की दी हुई सलाह याद आई, "जीवन के मार्गों पर चलते हुए अपने पीछे द्वार बन्द करना कभी नहीं भूलना।"

वह बुज़ुर्ग जानता था कि जीवन के मार्ग में समस्याएं, कठिनाईयाँ, असफलताएं और दुख भरे कड़वे अनुभव अवश्य आएंगे। परन्तु वह नहीं चाहता था कि उसके बच्चे इन बातों को जीवन भर अपने साथ लिए फिरें: वरन उसकी इच्छा थी कि वे इन बातों को पीछे छोड़कर आगे की ओर देखने और बढ़ने वाले हो सकें।

मसीही विश्वासियों के लिए यह विशेषकर सत्य है। एक बार जब हम अपना पाप मान लेते हैं और अपनी गलती सुधारने के लिए जो भी आवश्यक है वह कर लेते हैं, तो फिर उस बात को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाना चाहिए; उसकी यादों में पड़े रहकर अपना आता समय और आते अवसर खराब नहीं करने चाहिएं।

प्रेरित पौलुस ने भी हमें सिखाया है कि बीती बातों को भूलकर उन चीज़ों की ओर ध्यान दें जो आगे हैं - "हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्‍तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।" (फिलिप्पियों ३:१३, १४)

जब बीती असफलताओं की बात आती है तो हमें अपने पीछे सदा द्वार बन्द कर देना चाहिए। - रिचर्ड डी हॉन


वह स्मरण रख कर जो हमें भूल जाना चाहिए हम असफलता को निमंत्रण देते हैं।

मत डर, क्योंकि तेरी आशा फिर नहीं टूटेगी; मत घबरा, क्योंकि तू फिर लज्जित न होगी और तुझ पर सियाही न छाएगी; क्योंकि तू अपनी जवानी की लज्जा भूल जाएगी, और, अपने विधवापन की नामधराई को फिर स्मरण न करेगी। - यशायाह ५४:४

बाइबल पाठ: यशायाह ५४:१-१०
Isa 54:1 हे बांझ तू जो पुत्रहीन है जयजयकार कर; तू जिसे जन्माने की पीड़े नहीं हुई, गला खोलकर जयजयकार कर और पुकार! क्योंकि त्यागी हुई के लड़के सुहागिन के लड़कों से अधिक होंगे, यहोवा का यही वचन है।
Isa 54:2 अपने तम्बू का स्थान चौड़ा कर, और तेरे डेरे के पट लम्बे किए जाएं; हाथ मत रोक, रस्सियों को लम्बी और खूंटों को दृढ़ कर।
Isa 54:3 क्योंकि तू दाहिने-बाएं फैलेगी, और तेरा वंश जाति-जाति का अधिकारी होगा और उजड़े हुए नगरों को फिर से बसाएगा।
Isa 54:4 मत डर, क्योंकि तेरी आशा फिर नहीं टूटेगी; मत घबरा, क्योंकि तू फिर लज्जित न होगी और तुझ पर सियाही न छाएगी; क्योंकि तू अपनी जवानी की लज्जा भूल जाएगी, और, अपने विधवापन की नामधराई को फिर स्मरण न करेगी।
Isa 54:5 क्योकि तेरा कर्त्ता तेरा पति है, उसका नाम सेनाओं का यहोवा है; और इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ाने वाला है, वह सारी पृथ्वी का भी परमेश्वर कहलाएगा।
Isa 54:6 क्योंकि यहोवा ने तुझे ऐसा बुलाया है, मानो तू छोड़ी हुई और मन की दुखिया और जवानी की त्यागी हुई स्त्री हो, तेरे परमेश्वर का यही वचन है।
Isa 54:7 क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया करके मैं फिर तुझे रख लूंगा।
Isa 54:8 क्रोध के झकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिये तुझ से मुंह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ाने वाले यहोवा का यही वचन है।
Isa 54:9 यह मेरी दृष्टि में नूह के समय के जलप्रलय के समान है; क्योंकि जैसे मैं ने शपथ खाई थी कि नूह के समय के जलप्रलय से पृथ्वी फिर न डूबेगी, वैसे ही मैं ने यह भी शपथ खाई है कि फिर कभी तुझ पर क्रोध न करूंगा और न तुझ को धमकी दूंगा।
Isa 54:10 चाहे पहाड़ हट जाएं और पहाडिय़ां टल जाएं, तौभी मेरी करूणा तुझ पर से कभी न हटेगी, और मेरी शान्तिदायक वाचा न टलेगी, यहोवा, जो तुझ पर दया करता है, उसका यही वचन है।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल १-३
  • लूका ८:२६-५६

सोमवार, 4 अप्रैल 2011

असफलता से सफलता

महान अविष्कारक चार्लस केटरिंग का सुझाव है कि हम बुद्धिमानी से असफल होना सीखें। उन्होंने कहा, "जब आप असफल हों तो उसका विशलेषण करें और पता लगाएं कि ऐसा क्यूँ हुआ, क्योंकि प्रत्येक असफलता सफलता के मन्दिर तक पहुँचाने वाला कदम है; और सुनिश्चित कर लें कि आप अपने अन्तिम प्रयास में असफल न हों।"

असफलता को सफलता में परिवर्तित करने के लिए तीन सुझाव हैं:

१. असफलता का ईमानदारी से सामना करें, कभी भी दिखाने भर को सफलता का स्वांग न करें।

२. असफलता का उपयोग करें, उसे व्यर्थ न जाने दें। उससे जो भी और जितना भी आप सीख सकते हैं वह अवश्य सीखें। हर कड़वा अनुभव आपको कुछ न कुछ अच्छा सिखा सकता है।

३. कभी भी असफलता को बहाना बना कर एक और प्रयत्न करने का इरादा न छोड़ दें। चाहे हम असफलता से हुए नुकसान की भरपाई कभी न कर पाएं, या उसके दुषप्रभावों को कभी न पलट सकें तौ भी एक नया आरंभ करने के लिए सदा तैयार रहें।

परमेश्वर अपने बच्चों को सिर्फ इसलिए कि हम उसकी सन्तान हैं, हमें अपने द्वारा लिए गए गलत निर्णयों और किए गए गलत कार्यों के दुषप्रभावों से बचा कर नहीं रखता; क्योंकि वह चाहता है कि हम उसकी आज्ञाकारिता की आशीशों और अनआज्ञाकारिता के परिणामों को अनुभव कर सकें और उनसे सीख सकें। साथ ही वह हमें एक बात और सिखाना चाहता है - उसकी सन्तान के लिए असफलता कभी अन्त नहीं है क्योंकि उसका पवित्र आत्मा हमारे अन्दर रहकर लगातार हमें परमेश्वर के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उभारता रहता है। वह हमें असफलता को परिपक्वता तक पहुँचने की सीढ़ी की तरह प्रयोग करने को उकसाता रहता है। परमेश्वर प्रत्येक परिस्थिति में हमारी भलाई ही के लिए कार्य करता है, असफलता में भी, और हमें उस भलाई में चलना है जिससे हम और बढ़ सकें।

असफलता से भी लाभ उठाना ही सफलता की कुँजी है, विशेषकर तब जब हम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर हम में होकर कार्य करता रहता है कि हम उसकी सुइच्छा की पूर्ति करें। - डेनिस डी हॉन


असफलता को उसके विपरीत रूप में बदलना ही सफलता है।

क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है। - फिलिप्पियों २:१३

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१२-१७
Php 2:12 सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष करके अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ।
Php 2:13 क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।
Php 2:14 सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो।
Php 2:15 ताकि तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)।
Php 2:16 कि मसीह के दिन मुझे घमण्‍ड करने का कारण हो, कि न मेरा दौड़ना और न मेरा परिश्रम करना व्यर्थ हुआ।
Php 2:17 और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लोहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्‍दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्‍द करता हूं।

एक साल में बाइबल:
  • रूथ १-४
  • लूका ८:१-२५