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गुरुवार, 11 अगस्त 2011

अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध

एक पत्रिका Moody Monthly में जौन सौउटर का लेख छपा जिसमें उन्होंने अपनी आप-बीती को बताया; उन्होंने लिखा, "रात के ११ बज रहे थे, मैं छपाई करने वाली एक बड़ी सी मशीन को नियंत्रण करने वाले उपकरणों के सामने बैठा था, मेरे पीछे पत्रिका में विज्ञापन छपवाने के लिए ज़िम्मेदार एक व्यक्ति खड़ा मेरे कंधों के ऊपर से मेरे काम को देख रहा था; वो एक मसीही विश्वासी था। उस व्यक्ति ने मुझे सोते से जगा कर बुलाया था जिससे कि वह अपने एक ग्राहक के लिए अचानक से आए कार्य को तुरंत पूरा कर के दे सके। मेरा दिमाग़ मुझे कह रहा था कि इस अचानक आए अतिरिक्त कार्य के लिए वह मुझे कोई मेहनताना नहीं देने वाला, लेकिन मैंने ऐसी सभी भावनाओं को एक किनारे कर दिया; क्योंकि मेरा मन मुझे कह रहा था कि आखिर वह व्यक्ति भी तो मसीह में मेरा भाई, नया जन्म पाया हुआ मेरा सह-विश्वासी है, जो अवश्य ही उसके द्वारा मांगी गई मेरी असमय की अतिरिक्त मेहनत का बिल विश्वासयोग्यता से चुकाएगा। लेकिन मेरा मस्तिष्क सही निकला, उसने उस अनायास कार्य के लिए अपने ग्राहक से तो कमा लिया, लेकिन मेरी मेहनत के लिए मुझे कुछ नहीं दिया। दुर्भाग्य यह है कि मेरे लिए यह अनुभव कोई नया नहीं था। मेरे अनुभवों ने मुझे सिखाया है कि मसीही विश्वासियों की कथनी और करनी में बहुत अन्तर होता है।"

मसीही विश्वासियों के चरित्र पर यह कितनी बुरी टिप्पणी थी, मसीह के नाम पर यह कैसा बड़ा धब्बा था। कड़ुवी सच्चाई यही है कि बहुतेरे मसीही विश्वासियों ने आज के समाज की इस बात को अपने जीवनों में ढाल लिया है कि जीवन में ईमानदारी आवश्य्क नहीं है, और आज उनके व्यक्तिगत जीवनों में ईमानदारी कम ही देखने को मिलती है। लेकिन बाइबल की शिक्षा, मसीह के जीवन का उदाहरण और आरंभिक मसीही मण्डली के सद्स्यों के जीवन चरित्र इसके बिलकुल विपरीत हैं। प्रेरित पौलुस ने कहा, "तुम मेरी सी चाल चलो जैसी मैं मसीह की सी चाल चलता हूँ" ( १ कुरिन्थियों ११:१)। मसीह यीशु के विष्य में वचन कहता है, "न तो उस ने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली" (१ पतरस २:२२); तथा "...वह सब बातों में हमारी नाई परखा तो गया, तौ भी निष्‍पाप निकला" (इब्रानियों ४:५)।

यदि हम ने अपने किए वायदे अधूरे छोड़े हुए हैं तो उन्हें पूरा निभाने के लिए कदम बढ़ाएं; यदि किसी का कोई कर्ज़ या कोई बकाया बाकी है, तो तुरंत उसे चुका दें। जब कभी हमारे सामने पाप और बुराई के साथ समझौता करने का, या सत्य को उलझाने बिगाड़ने का प्रलोभन हो तो हमें तुरंत ऐसे विचारों को अपनी पीठ पीछे फेंक देना चाहिए और दृढ़ता से केवल वही करना चाहिए जो परमेश्वर के निकट सही है, चाहे उसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। प्रत्येक मसीही विश्वासी को वह जन होना चाहिए जो हर परिस्थिति में, हर कीमत पर, ईमानदारी से चलता हो।

संसार में हम वे लोग हों जो अपने प्रभु के समान अपनी अपनी खराई के लिए जाने जाएं, अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध हों। - डेव एग्नर


कोई भी कर्ज़ कभी इतना पुराना नहीं होता कि चुकाया ना जा सके।

अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो। - १ पतरस २:१६


बाइबल पाठ: १ पतरस २:९-२५

1Pe 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और ( परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्‍धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
1Pe 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।
1Pe 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्म से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1Pe 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1Pe 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1Pe 2:14 और हाकिमों के, क्‍योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1Pe 2:15 क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1Pe 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1Pe 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1Pe 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1Pe 2:19 क्‍योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।
1Pe 2:20 क्‍योंकि यदि तुम ने अपराध कर के घूसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्‍या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम करके दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है।
1Pe 2:21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्‍योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्‍ह पर चलो।
1Pe 2:22 न तो उस ने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली।
1Pe 2:23 वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्‍चे न्यायी के हाथ में सौपता था।
1Pe 2:24 वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।
1Pe 2:25 क्‍योंकि तुम पहिले भटकी हुई भेड़ों की नाईं थे, पर अब अपने प्राणों के रखवाले और अध्यक्ष के पास फिर आ गए हो।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ८१-८३
  • रोमियों ११:१९-३६

बुधवार, 10 अगस्त 2011

हे प्रभु, आप मुझे ईमानदार बनाए रखना

औस्ट्रेलिया के प्रथम गवरनर जनरल, लौर्ड होपटाउन को विरासत में एक पुराना बहीखाता मिला जिसे चमड़े की जिल्द से ढक कर, उसपर पीतल के किनारे लगाकर सुरक्षित बनाया गया था। यह बहीखाता उनकी सबसे प्रीय संपत्तियों में से एक थी। इस बहीखाते को ३०० वर्ष पूर्व उनके एक पूर्वज जौन होपटाउन ने, जब उन्होंने इंगलैंड के एडिनबरोह शहर में अपना वयवसाय आरंभ किया, तब लिखना आरंभ किया था। जब यह पोथी लौर्ड होपटाउन के पास पारिवारिक विरासत के रूप में पहुँची तो उन्होंने उसे खोल कर देखा, और बही के प्रथम पृष्ट पर उन्हें अपने पूर्वज जौन होपटाउन की एक प्रार्थना लिखी मिली, "हे प्रभु मुझे और इस पुस्तक को आप ईमानदार बनाए रखना।" जौन होपटाउन जानते थे कि यदि उन्हें ईमानदार रहना है तो यह केवल परमेश्वर की सहायता ही से संभव है।

प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए ईमानदारी अनिवार्य है। सत्य के रूप को बदलने के लिए उसे शब्दों और तातपर्यों के जाल में उलझाकर प्रस्तुत करना, तथ्यों को छुपाना या तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करना, आँकड़ों में फेरबदल करना, किसी बात को गलत रूप से प्रस्तुत करना आदि वे गैर-ईमनदारी के व्यवहार हैं जिनसे परमेश्वर घृणा करता है। यदि हम नौकरी करते हैं तो हमें अपने नियोक्ता को पूरे दिन का काम देना है, हमारे नौकरी के समय के उपयोग पर किसी को ऊंगली उठाने का मौका नहीं मिलना चाहिए। ऐसा न करना हमारी गवाही के विरुद्ध है और हमें बेईमान बनाता है। मसीही विश्वासी को ना केवल कामों में वरन अपने उद्देश्यों में भी ईमानदार होना चाहिए। इस कारण से और उद्धार द्वारा प्राप्त अपने नए जीवन-चरित्र को प्रगट करने के लिए हर एक मसीही विश्वासी को परमेश्वर तथा मनुष्यों, दोनो के समक्ष अपनी ईमानदारी को बनाए रखने के प्रयास में सदा लगे रहना चाहिए।

यह आसान कार्य नहीं है। प्रतिदिन और प्रतिपल शत्रु शैतान हमें समझौते और पाप में फंसा कर हमारी ईमानदारी का मज़ाक बनाने के प्रयत्न में लगा रहता है। संसार के प्रलोभन और साथियों तथा परिवार के लोगों के दबाव, घर की आवश्यक्ताएं, विपरीत परिस्थितियाँ, सताव, लोगों का अकारण बैर और विरोध आदि हर दाँव शैतान हमारी गवाही को बिगाड़ने और हमें ईमानदार कहलाए जाने से हटाने के लिए प्रयोग करता है। इसलिए ईमानदारी के इस उद्देश्य में हमें परमेश्वर की सहायता और सामर्थ अवश्य है।

प्रत्येक मसीही विश्वासी की प्रतिदिन की प्रार्थना होनी चाहिए, "हे प्रभु, आप मुझे ईमानदार बनाए रखना।" - पौल वैन गौर्डर


समझ-बूझ की पुस्तक का प्रथम अध्याय ईमानदारी है।

क्‍योंकि जो बातें केवल प्रभु ही के निकट नहीं, परन्‍तु मनुष्यों के निकट भी भली हैं हम उन की चिन्‍ता करते हैं। - २ कुरिन्थियों ८:२१


बाइबल पाठ: १ पतरस ४:११-१९

1Pe 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों मे यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।
1Pe 4:12 हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझकर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है।
1Pe 4:13 पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्‍द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो।
1Pe 4:14 फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्‍दा की जाती है, तो धन्य हो क्‍योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है।
1Pe 4:15 तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए।
1Pe 4:16 पर यदि मसीही होने के कारण दुख पाए, तो लज्ज़ित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे।
1Pe 4:17 क्‍योंकि वह समय आ पहुंचा है, कि पहिले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए, और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उन का क्‍या अन्‍त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते?
1Pe 4:18 और यदि धर्मी व्यक्ति ही कठिनता से उद्धार पाएगा, तो भक्तिहीन और पापी का क्‍या ठिकाना?
1Pe 4:19 इसलिये जो परमेश्वर की इच्‍छा के अनुसार दुख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए, अपने अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के हाथ में सौंप दें।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७९-८०
  • रोमियों ११:१-१८

मंगलवार, 9 अगस्त 2011

सफलता के इच्छुक?

संसार में सफलता प्राप्त करने के लिए लोग सिवाय ईमानदारी के बाकी हर तरीका आज़माने को तैयार रहते हैं। झूठ, चापलूसी, रिश्वत, धोखा, चोरी, स्वार्थ, दूसरों का अनुचित उपयोग, आँकड़ों में हेरा-फेरी आदि सब सफलता प्राप्त करने के अनिवार्य साधनों में गिने जाते हैं।

अमेरिका में एक बहुत गरीब युवक था - जौन डब्यु येट्स। उसे अपने जूते के तले के छेद ढांपने के लिए गत्ते के पतावे अपने जूते में लगाने पड़ते थे। लेकिन १५ वर्ष की आयु में उसने एक बैंक में अपनी बहुत ही थोड़ी सी कमाई से "जौन डब्ल्यु येट्स एण्ड कम्पनी" के नाम से एक खाता खोला, और इस कम्पनी के संचालन के लिए उसने परमेश्वर प्रभु को अपना सहयोगी तथा प्रबन्धक माना। उसने प्रभु यीशु में अपने विश्वास और उस विश्वास की ईमानदारी के नियमों के साथ व्यापार किया, और एक बड़ा करोड़पति बना, उसकी कम्पनी अमेरिका की शीर्ष कम्पनियों में से एक बनी।

स्कौटलैण्ड के ओस्वाल्ड चैम्बर्स ने अपनी युवा अवस्था में इतनी कला प्रतिभा दिखाई कि १८ वर्ष की आयु में ही उसे यूरोप के महान और विख्यात कलाकारों के साथ काम करके सीखने के आमंत्रण मिले। लेकिन उसने इन आमंत्रणों को अस्वीकार कर दिया, कला और उसकी ख्याति और संपदा को भुलाकर एक छोटे से बाइबल स्कूल में बाइबल की शिक्षा पाने के लिए दाखिला ले लिया, जहाँ आगे चलकर वह एक अध्यापक भी बन गया। बाद में वह मिस्त्र गया और ब्रिटिश सैनिकों की आत्मिक आवश्यक्ताओं की पूर्ति के लिए उनके बीच काम किया। चैम्बर्स की मृत्यु ४० वर्ष की आयु में हो गई, लेकिन तब तक उसने अपनी विरासत के रूप में, परमेश्वर और भक्ति संबंधित लेखों एक बहुत महान और विशाल भण्डार छोड़ा, जो आज भी बहुत से लोगों के लिए प्रेर्णा और शिक्षा का स्त्रोत है और संसार में उसके आदर को बनाए हुए है।

परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र है, दानिएल; जिसे अपने देश इस्त्राएल से विस्थापित कर और बन्दी बना कर बाबुल लाया गया। दानिएल की जीवनी उसके विश्वास तथा बार बार अपने विश्वास के लिए अपने बन्धुआई के स्थान और अपने स्वामियों के समक्ष जान का जोखिम उठा कर भी कभी समझौता न करने की घटानाओं से भरी पड़ी है। इस दास बना कर लाए गए युवक दानिएल को उस के परमेश्वर ने उसके बन्धुवा बनाने वालों पर ही अधिपति तथा राजा का सबसे विश्वास पात्र बना दिया।

तीन अलग अलग समय और स्थान के व्यक्तियों के उदाहरण; तीनों में एक ही समानता - प्रत्येक ने निश्चय कर लिया था कि परमेश्वर की इच्छापूर्ति ही उनके जीवन का ध्येय होगा; तीनों ही सफलता के उन शिखरों पर पहुँचे जहाँ कोई मानव युक्ति उन्हें कभी नहीं पहुँचा सकती थी।

एक बार हम परमेश्वर के मार्ग पर चलने और उसकी इच्छापूर्ति का निर्णय ले लें और उसकी आज्ञाकारिता को अपना लक्षय बना लें, सफलता स्वतः ही किसी न किसी रूप में हमारे कदम चूमेगी। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


परमेश्वर की इच्छा के बाहर कोई सफलता नहीं है; उसकी इच्छा के साथ कोई असफलता नहीं है।

जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी। - भजन ३४:१०

बाइबल पाठ: भजन ३४
Psa 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
Psa 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुन कर आनन्दित होंगे।
Psa 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिल कर उसके नाम की स्तुति करें।
Psa 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उस ने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
Psa 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
Psa 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psa 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उनको बचाता है।
Psa 34:8 परख कर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।
Psa 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगों, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती!
Psa 34:10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।
Psa 34:11 हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा।
Psa 34:12 वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता, और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे?
Psa 34:13 अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उस से छल की बात न निकले।
Psa 34:14 बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर।
Psa 34:15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
Psa 34:16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।
Psa 34:17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
Psa 34:18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्वार करता है।
Psa 34:19 धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्त यहोवा उस को उन सब से मुक्त करता है।
Psa 34:20 वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती।
Psa 34:21 दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे।
Psa 34:22 यहोवा अपने दासों का प्राण मोल ले कर बचा लेता है और जितने उसके शरणागत हैं उन में से कोई भी दोषी न ठहरेगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७७-७८
  • रोमियों १०

सोमवार, 8 अगस्त 2011

ईमानदारी की सच्चाई

दफतर के अधीक्षक ने अपनी सेक्रटेरी को निर्देश दिए कि कुछ वित्तीय काग़ज़ातों के आँकड़ों में फेर-बदल करे। सेक्रटेरी मसीही विश्वासी थी; उस ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। अधीक्षक नाराज़ हुआ और पूछा, "क्यों, क्या तुम ने अपने किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए कभी झूठ नहीं बोला?" अधीक्षक को सुनकर विसमय हुआ, क्योंकि सेक्रटरी का उत्तर फिर से "नहीं" था।

साद, मिस्त्र की राजधानी कायरो के ज़ारेयेद इलाके में रहता है, जो वहाँ का कूड़ा डालने का इलाका है। साद मसीही विश्वासी है और अपनी जीविका दिन भर कूड़ा बीन कर और उससे मिलने वाली चीज़ों को बेचकर चलाता है। साधारणतया वह दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद लगभग २०-२५ रुपए के बराबर ही कमा पाता है। एक दिन उसे कूड़ा बीनते हुए, सोने की बनी एक कीमती घड़ी मिली। साद उस घड़ी को बेच कर अपने तथा अपने परिवार के लिए बहुत कुछ खरीद सकता था। वह तर्क दे सकता था कि उसे इस घड़ी की आवश्यक्ता इसके असली मालिक से अधिक है; या यह कि परमेश्वर ने उसकी सहायता के लिए इस घड़ी को उस तक पहुँचाया है। लेकिन वह न लालच में पड़ा और न उसने कोई तर्क दिया। उसने घड़ी के मलिक का पता लगा कर घड़ी उसे वापस कर दी। साद का विश्वास उसे सिखाता है जो उसका नहीं है, उसपर उसका कोई हक भी नहीं है, इसलिए ऐसी चीज़ों को अपने पास रखना उसके लिए गलत है।

ईमानदारी केवल झूठ बोलने से इन्कार मात्र नहीं है। ईमानदारी का अर्थ है सच्चाई के लिए अपनी आवाज़ उठाना तब भी जब खामोशी का गलत अभिप्राय निकलना संभव हो; ईमनदारी का अर्थ है सच्च के लिए बोलना चाहे इस कारण व्यक्तिगत हानि ही क्यों ना उठानी पड़े। लेकिन आज के समय में बहुत से लोगों के लिए ईमानदारी एक अप्रचलित पुराना रिवाज़ है, बीते दिनों का निर्थक आचरण है।

मसीही विश्वासी होने के नाते यदि उस सेक्रटेरी और साद के समान ईमानदारी हमारे जीवनों में नहीं है तो हमें परमेश्वर के सामने अपने आप को जाँचने की आवश्यक्ता है। प्रभु यीशु ने कहा, "मार्ग, सच्चाई और जीवन मैं ही हूँ" (यूहन्ना १४:६)। यदि हमारा प्रभु सत्य का प्रतिरूप है, तो हम जो उसके अनुयायी हैं, उनके लिए हर बात और हर कार्य में सत्य का उनके जीवन का अभिन्न अंग होना स्वाभाविक तथा अनिवार्य है। हमारे जीवन की हर बात में यही ईमानदारी संसार के सामने हमारी गवाही है और यही हमें संसार के लोगों से भिन्न करती है। - डेनिस डी हॉन


कुछ लोग इसलिए ईमानदार रहते हैं क्योंकि बेईमान होने का कोई उचित मौका उन्हें नहीं मिला।

निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगया करो। - फिलिप्पियों ४:८

बाइबल पाठ:१ पतरस २:११-१९
1Pe 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1Pe 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1Pe 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1Pe 2:14 और हाकिमों के, क्‍योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1Pe 2:15 क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1Pe 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1Pe 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1Pe 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1Pe 2:19 क्‍योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७४-७६
  • रोमियों ९:१६-३३

रविवार, 7 अगस्त 2011

नदीयाँ और मसीही विश्वासी

वायुयान में यात्रा करते हुए नीचे धरती के कई आकर्षक दृश्य दिखाई पड़ते हैं। उन दृश्यों में से एक होता है किसी नदी का मार्ग। कोई दो नदी एक समान नहीं दीखतीं; लेकिन सभी नदियों के मार्गों में एक समानता रहती है - वे सब टेढ़े-मेढ़े मार्ग बनाती हैं। यह इसलिए क्योंकि जल अपने प्रवाह के लिए सदा सबसे कम प्रतिरोध का मार्ग लेता है, इसी कारण नदी भी कभी सीधी नहीं बहती - टेढ़ी ही रहती है!

मसीही विश्वासी भी इसी कारण अपने व्यवहार में टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। जब हम विश्वासी अपने जीवनों में प्रलोभनों पर विजयी होने, शत्रु शैतान का सामना करने और उसे हराने का प्रयास नहीं करते तो हम भी परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपने सीधे मार्ग से भटक कर कम प्रतिरोध के टेढ़े-मेढ़े मार्गों में वैसे ही हो जाते हैं। लेकिन दानिएल ऐसा नहीं था; उसने अपने मन में ठान लिया था कि वह सांसारिक दबावों और परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देगा।

यही दृढ़ निश्चय प्रत्येक विश्वासी को भी अपने जीवन में रखना और दिखाना चाहिए। किसी भी प्रलोभन को हम इतना प्रबल न होने दें कि वह हमें हमारे मार्ग से भटका सके। मसीही विश्वासियों को अपनी पत्री में प्रेरित युहन्ना ने लिखा, "हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है, क्‍योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है" (१ युहन्ना ४:४)। मसीही विश्वासियों को प्रलोभनों से हारने वाला नहीं उन्हें हराने वाला होना चाहिए। हमारी मसीही यात्रा से हमें भटका पाने की सामर्थ किसी भी बात में नहीं होने चाहिए। किसी प्रलोभन में गिरने या शैतान कि किसी योजना में फंसने का अवसर हमें कभी प्रदान नहीं करना चाहिए।

नदियों के पास अपने मार्ग के चुनाव का कोई विकल्प नहीं होता, लेकिन हमारे पास होता है, इसलिए सबसे कम प्रतिरोध के मार्ग पर चलने के बजाए, हमें परमेश्वर द्वारा निर्धारित सीधे मार्ग पर दृढ़ता से डटे रहना चाहिए। - रिचर्ड डी हॉन


जो संकरे और सीधे मार्ग पर चलता रहेगा वह कभी टेढ़ा नहीं होगा।

परन्तु दानिएल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर, और उसके पीने का दाखमधु पीकर अपवित्र न होए; इसलिये उस ने खोजों के प्रधान से बिनती की कि उसे अपवित्र न होना पड़े। - दानिएल १:८

बाइबल पाठ: दानिएल १:१-८
Dan 1:1 यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के तीसरे वर्ष में बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने यरूशेलम पर चढ़ाई करके उसको घेर लिया।
Dan 1:2 तब परमेश्वर ने यहूदा के राजा यहोयाकीम को परमेश्वर के भवन के कई पात्रों सहित उसके हाथ में कर दिया; और उस ने उन पात्रों को शिनार देश में अपने देवता के मन्दिर में ले जाकर, अपने देवता के भण्डार में रख दिया।
Dan 1:3 तब उस राजा ने अपने खोजों के प्रधान अशपनज को आज्ञा दी कि इस्राएली राजपुत्रों और प्रतिष्ठित पुरूषों में से ऐसे कई जवानों को ला,
Dan 1:4 जो निर्दोष, सुन्दर और सब प्रकार की बुद्धि में प्रवीण, और ज्ञान में निपुण और विद्वान्‌ और राजमन्दिर में हाजिर रहने के योग्य हों; और उन्हें कसदियों के शास्त्र और भाषा की शिक्षा दे।
Dan 1:5 और राजा ने आज्ञा दी कि उसके भोजन और पीने के दाखमधु में से उन्हें प्रतिदिन खाने-पीने को दिया जाए। इस प्रकार तीन वर्ष तक उनका पालन पोषण होता रहे; तब उसके बाद वे राजा के साम्हने हाजिर किए जाएं।
Dan 1:6 उन में यहूदा की सन्तान से चुने हुए, दानिएल, हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह नाम यहूदी थे।
Dan 1:7 और खोजों के प्रधान ने उनके दूसरे नाम रखें, अर्थात दानिएल का नाम उस ने बेलतशस्सर, हनन्याह का शद्रक, मीशाएल का मेशक, और अजर्याह का नाम अबेदनगो रखा।
Dan 1:8 परन्तु दानिएल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर, और उसके पीने का दाखमधु पीकर अपवित्र न होए; इसलिये उस ने खोजों के प्रधान से बिनती की कि उसे अपवित्र न होना पड़े।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७२-७३
  • रोमियों ९:१-१५

शनिवार, 6 अगस्त 2011

निर्दोष

एक सुसमाचार प्रचारक हर्ब टेलर एक रात अपने प्रचार के बाद पैसे देकर टेलिफोन करने की सुविधा देने वाली एक दुकान पर गए और टेलिफोन मशीन में पैसे डालकर नियत समय तक किसी से टेलिफोन पर बात करी। जब उन्होंने टेलिफोन का रिसीवर वापस मशीन पर रखा तो मशीन से उनके पैसे वापस बाहर आ गए। उन्होंने वे पैसे लिए और दुकान में बैठी लड़की के पास गए और उसे इसके बारे में बताया। उस लड़की ने कहा "मुझे पता है; आज जब आप ईमानदारी पर प्रचार कर रहे थे तो मैं वहाँ उपस्थित थी और सुन रही थी। मैं देखना चाहती थी कि जो आप प्रचार करते हैं, क्या उसे अपने जीवन में लागू भी करते हैं या नहीं। मैंने ही मशीन को उलटा चलाकर आपके पैसे वापस बाहर किये थे।" टेलर ने वे पैसे उस लड़की को पकड़ाए और उससे फिर मिलने का समय लिया। वे उस लड़की से फिर मिले और प्रभु यीशु के बारे में बातचीत करी। शीघ्र ही उस लड़की ने प्रभु यीशु में विश्वास करके उसको अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण कर लिया।

हमारे जीवनों की छोटी छोटी बातें दिखा देती हैं कि हम में कितनी ईमानदारी है। परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र दानिएल इस का सजीव उदाहरण है। दानिएल दारा राजा के १२० अधिपत्तियों और अध्यक्षों में से एक था और अपने यहूदी होने के कारण सभी उस पर कड़ी नज़र रखते थे, लेकिन किसी को कभी उस पर किसी बात में दोष देने का कारण नहीं मिला। उसके अन्दर की "उत्तम आत्मा" उसके सभी कार्यों में विदित थी और राजा ने उसे सबसे अधिक प्रतिष्ठित भी किया (दानिएल ६:३)। अपने प्रतिदिन के जीवन द्वारा दानिएल ने दिखा दिया कि वह परमेश्वर यहोवा का सच्चा अनुयायी है।

अपने विश्वास की वास्तविकता हम दूसरों के सामने अपने प्रतिदिन के जीवन के कार्यों द्वारा रखते हैं। यदि हम अपने कार्यों को ईमानदारी के साथ अपने घर, अपने व्यावसायिक क्षेत्र, अपने समाज में करते रहेंगे तो किसी को हम पर दोष लगाने का कोई कारण नहीं मिलेगा और हमारा यह निर्दोष चरित्र हमारे प्रभु के लिए हमारी सच्ची गवाही और हमारे विश्वास की खराई का प्रमाण होगा। - पौल वैन गोर्डर

जो परमेश्वर के प्रति खरे होंगे, वे मनुष्यों के प्रति भी खरे रहेंगे।

तब अध्यक्ष और अधिपति राजकार्य के विषय में दानिएल के विरूद्ध दोष ढूंढ़ने लगे; परन्तु वह विश्वासयोग्य था, और उसके काम में कोई भूल वा दोष न निकला, और वे ऐसा कोई अपराध वा दोष न पा सके। - दानिएल ६:४

बाइबल पाठ: दानिएल ६:१-४
Dan 6:1 दारा को यह अच्छा लगा कि अपने राज्य के ऊपर एक सौ बीस ऐसे अधिपति ठहराए, जो पूरे राज्य में अधिकार रखें।
Dan 6:2 और उनके ऊपर उस ने तीन अध्यक्ष, जिन में से दानिएल एक था, इसलिये ठहराए, कि वे उन अधिपतियों से लेखा लिया करें, और इस रीति राजा की कुछ हानि न होने पाए।
Dan 6:3 जब यह देखा गया कि दानिएल में उत्तम आत्मा रहती है, तब उसको उन अध्यक्षों और अधिपतियों से अधिक प्रतिष्ठा मिली; वरन राजा यह भी सोचता था कि उसको सारे राज्य के ऊपर ठहराए।
Dan 6:4 तब अध्यक्ष और अधिपति राजकार्य के विषय में दानिएल के विरूद्ध दोष ढूंढ़ने लगे; परन्तु वह विश्वासयोग्य था, और उसके काम में कोई भूल वा दोष न निकला, और वे ऐसा कोई अपराध वा दोष न पा सके।

एक साल में बाइबल: भजन ७०-७१ रोमियों ८:२२-३९

शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

बहाने ही बहाने

मेरे एक मित्र ने मुझे कुछ बहानों की सूचि भेजी, जो दुर्घटना-ग्रस्त कार चालकों ने अपनी गलती से बचने के लिए वास्तव में बनाए थे:
  • बिना अपने किसी इरादे की कोई पूर्व सूचना दिए, दूसरी गाड़ी आकर मेरी गाड़ी से टकरा गई।
  • वो पैदल यात्री स्वयं आकर मेरी गाडी से टकराया और गाड़ी के नीचे चला गया।
  • घर आते समय मैं गलत घर की ओर मुड़ गया और एक ऐसे पेड़ से टकरा गया जो मेरे अपने घर में विद्यमान नहीं है।
  • मैं घर से गाड़ी लेकर निकला ही था कि मुझे मेरी सास दिखाई दे गई और गाड़ी अनायास ही सड़क के किनारे की पटरी पर चढ़ गई।
  • पैदल चल रहा व्यक्ति निर्णय ही नहीं कर पा रहा था कि किस ओर मुड़े और इसलिए मेरी गाड़ी उस पर चढ़ गई।
ये बहाने दिखाते हैं कि हम अपनी गलतियों की ज़िम्मेदारी लेने में कितनी आनाकानी करते हैं और बहाने बनाना हमारे लिए कितना आसान होता है। लेकिन अपनी ज़िम्मेदारी दूसरों पर डालने या बहाने बनाने से हम अपने किए से बच नहीं सकते।

ऐसे ही बहाने हम तब भी बनाते हैं जब हम परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने में कमज़ोर रहते हैं। हमें लगता है कि परमेश्वर को हम अपने बहानों से मना लेंगे; लेकिन यदि उन्हीं बहानों को हम परमेश्वर के दृष्टिकोण से देखें तब हमे पता लगेगा कि हमारे बहाने कितने बचकाने होते हैं।

परमेश्वर के वचन में इस्त्राएल के प्रथम राजा, राजा शाऊल को परमेश्वर ने आज्ञा दी थी कि उसे अमालेकियों पर हमला करना है और उनकी हर चीज़ नष्ट कर देनी है, कुछ भी बचाना नहीं है। युद्ध में विजयी सेना पराजित लोगों से उनकी संपत्ति अपने लिए लूट लिया करती थी। शाऊल ने अपनी सेना के लोगों के डर में होकर बजाए सब कुछ नाश करने के, कुछ भाग लोगों को लूट लेने दिया और जब परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता ने उस से इस विष्य में पूछा तो बहाना बनाया कि उन्होंने अच्छी अच्छी चीज़ें परमेश्वर को भेंट और बलिदान के लिए बचा लीं। उसकी यह अनाज्ञाकारिता उसे बहुत भारी पड़ी और इस्त्राएल का राज्य उसके हाथ और वंश से ले लिया गया।

यदि बहाने खोजने कि बजाए हम परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने के मार्गों के खोजी होंगे तो बहाने खोजने की आवश्यक्ता भी नहीं रहेगी। - पौल वैन गौर्डर


बहाने चाहे सुनने में सही लगें लेकिन कभी सही होते नहीं हैं।

परन्तु प्रजा के लोग लूट में से भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, अर्थात सत्यानाश होने की उत्तम उत्तम वस्तुओं को गिलगाल में तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि चढ़ाने को ले आए हैं। - १ शमुएल १५:२१


बाइबल पाठ: १ शमुएल १५:१०-२६

1Sa 15:10 तब यहोवा का यह वचन शमूएल के पास पहुंचा,
1Sa 15:11 कि मैं शाऊल को राजा बना के पछताता हूं क्योंकि उस ने मेरे पीछे चलना छोड़ दिया, और मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया। तब शमूएल का क्रोध भड़का; और वह रात भर यहोवा की दोहाई देता रहा।
1Sa 15:12 बिहान को जब शमूएल शाऊल से भेंट करने के लिये सवेरे उठा तब शमूएल को यह बताया गया, कि शाऊल कर्म्मेल को आया था, और अपने लिये एक निशानी खड़ी की, और घूम कर गिलगाल को चला गया है।
1Sa 15:13 तब शमूएल शाऊल के पास गया, और शाऊल ने उस से कहा, तुझे यहोवा की ओर से आशीष मिले; मैं ने यहोवा की आज्ञा पूरी की है।
1Sa 15:14 शमूएल ने कहा, फिर भेड़-बकरियों का यह मिमियाना, और गय-बैलों का यह रंबाना जो मुझे सुनाई देता है, यह क्यों हो रहा है?
1Sa 15:15 शाऊल ने कहा, वे तो अमालेकियों के यहां से आए हैं; अर्थात प्रजा के लोगों ने अच्छी से अच्छी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों को तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि करने को छोड़ दिया है और बाकी सब को तो हम ने सत्यानाश कर दिया है।
1Sa 15:16 तब शमूएल ने शाऊल से कहा, ठहर जा! और जो बात यहोवा ने आज रात को मुझ से कही है वह मैं तुझ को बताता हूं। उस ने कहा, कह दे।
1Sa 15:17 शमूएल ने कहा, जब तू अपनी दृष्टि में छोटा था, तब क्या तू इस्राएली गोत्रों का प्रधान न हो गया, और क्या यहोवा ने इस्राएल पर राज्य करने को तेरा अभिषेक नहीं किया?
1Sa 15:18 और यहोवा ने तुझे यात्रा करने की आज्ञा दी, और कहा, जाकर उन पापी अमालेकियों को सत्यानाश कर, और जब तक वे मिट न जाएं, तब तक उन से लड़ता रह।
1Sa 15:19 फिर तू ने किस लिये यहोवा की वह बात टाल कर लूट पर टूट के वह काम किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है?
1Sa 15:20 शाऊल ने शमूएल से कहा, नि:सन्देह मैं ने यहोवा की बात मानकर जिधर यहोवा ने मुझे भेजा उधर चला, और अमालेकियों को सत्यानाश किया है।
1Sa 15:21 परन्तु प्रजा के लोग लूट में से भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, अर्थात सत्यानाश होने की उत्तम उत्तम वस्तुओं को गिलगाल में तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि चढ़ाने को ले आए हैं।
1Sa 15:22 शमूएल ने कहा, क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन मानना तो बलि चढ़ाने और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है।
1Sa 15:23 देख बलवा करना और भावी कहने वालों से पूछना एक ही समान पाप है, और हठ करना मूरतों और गृहदेवताओं की पूजा के तुल्य है। तू ने जो यहोवा की बात को तुच्छ जाना, इसलिये उस ने तुझे राजा होने के लिये तुच्छ जाना है।
1Sa 15:24 शाऊल ने शमूएल से कहा, मैं ने पाप किया है; मैं ने तो अपनी प्रजा के लोगों का भय मान कर और उनकी बात सुन कर यहोवा की आज्ञा और तेरी बातों का उल्लंघन किया है।
1Sa 15:25 परन्तु अब मेरे पाप को क्षमा कर, और मेरे साथ लौट आ, कि मैं यहोवा को दण्डवत करूं।
1Sa 15:26 शमूएल ने शाऊल से कहा, मैं तेरे साथ न लौटूंगा; क्योंकि तू ने यहोवा की बात को तुच्छ जाना है, और यहोवा ने तुझे इस्राएल का राजा होने के लिये तुच्छ जाना है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ६८-६९
  • रोमियों ८:१-२१