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सोमवार, 5 सितंबर 2011

पश्चाताप सब के लिए है

पादरी लूई पौल लेहमैन ने अपने एक भूतपूर्व चर्च में कार्य करते समय हुआ अपना एक नम्र कर देना वाला अनुभव बताया। एक मिशनरी प्रचारक उनसे मिलने आया और अपने कार्य के बारे में बताया, लेकिन लेहमैन उससे प्रभावित नहीं हुआ। प्रचारक के वेशभूषा, व्यक्तित्व, बातचीत के ढंग को देखकर लेहमैन को लगा कि वह व्यक्ति इस कार्य के लिए सर्वथा अयोग्य है। कुछ महीने पश्चात उस प्रचारक द्वारा भेजे गए अपने कार्य की समीक्षा से लेहमैन को ज्ञात हुआ कि वह कितने प्रभावी रूप से अपने क्षेत्र में कार्य कर रहा था और प्रभु का सुसमाचार उसके द्वारा कितने लोगों के जीवन बदल रहा था। पादरी लेहमैन को एहसास हुआ कि उन्होंने उस प्रचार्क को पहचानने में गलती करी थी। उन्होंने कहा, कि जब मैंने उसकी रिपोर्ट पढ़ी तो मैं अपने दफतर में गया और अपनी गलती के लिए मैंने रो रो कर पशचाताप किया।

अपनी पुस्तक A CAll to Repentance में बौब स्टोक्स ने लिखा, "पश्चाताप केवल एक कार्य नहीं है, यह एक प्रवृत्ति भी है। दूसरे शब्दों में सच्चा पश्चाताप करने वाला पापी व्यक्ति अपने जीवन भर पशचाताप की भावना साथ लेकर अपने मसीही अनुभव में चलता रहता है।"

चाहे अपने आप को दीन और नम्र करना हमारे लिए कठिन हो, लेकिन एक पश्चातापी प्रवृत्ति मसीह में सजीव विश्वास, दीन मन और स्थिर संबंध की निशानी है; हम इसके बिना मसीही जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते।

प्रकाशितवाक्य ३ अध्याय के अनुसार परमेश्वर अपनी सन्तान से बहुत प्रेम करता है इसलिए आवश्यक्ता पड़ने पर वह उनकी ताड़ना भी करता है, उन्हें डांटता भी है जिससे वे अपने उद्धार के संपूर्ण आनन्द में सदा बने रहें। पश्चाताप केवल कठोर पापियों ही के लिए नहीं है, पश्चाताप उन विनम्र संतों के लिए भी है जो कभी किसी बात को अपने और अपने प्रभु के बीच आने नहीं देना चाहते।

पश्चाताप सब के लिए है। - डेनिस डी हॉन


पश्चाताप में टूटा मन परमेश्वर का कार्य है। - बनियन

मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा। - प्रकाशितवाक्य ३:१९


बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य ३:१४-२२

Rev 3:14 और लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो आमीन, और विश्वासयोग्य, और सच्‍चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्‍टि का मूल कारण है, वह यह कहता है।
Rev 3:15 कि मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता।
Rev 3:16 सो इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुंह से उगलने पर हूं।
Rev 3:17 तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्‍तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है।
Rev 3:18 इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूं, कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले, कि धनी हो जाए; और श्वेत वस्‍त्र ले ले कि पहिनकर तुझे अपने नंगेपन की लज्ज़ा न हो; और अपनी आंखों में लगाने के लिये सुर्मा ले, कि तू देखने लगे।
Rev 3:19 मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा।
Rev 3:20 देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं, यदि कोई मेरा शब्‍द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।
Rev 3:21 जो जय पाए, मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊंगा, जैसा मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठ गया।
Rev 3:22 जिस के कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४६-१४७
  • १ कुरिन्थियों १५:१-२८

रविवार, 4 सितंबर 2011

कष्टपूर्ण किंतु अनिवार्य कदम

एक मसीही विश्वासी ने Leadership पत्रिका में अपने कटु अनुभव का बयान किया। उसने बताया कैसे वह कामवासना का दास बन चुका था और प्रतिदिन अशलील पत्रिकाओं, चित्रों और बातों में समय बिताता था; लेकिन साथ ही वह स्थान स्थान पर घूमते हुए मसीही सभाएं भी संबिधित करता था, उन में भाग लेता था। ऐसे में एक दिन वह इस एहसास से घबरा उठा कि सुन्दर डूबते सूर्य के दृश्य, सागर के निकट टहलना और उसके पानी की ठंडी बौछार का आनन्द लेना आदि मनोहर बातों से अब उसे कोई आनन्द, कोई रोमांच नहीं होता था, वह इनकी अनुभूति खो चुका था। वासना से वशीभूत उसका मन अब जीवन की सर्वोत्तम खुशियों तथा प्रभु से संगति के आनन्द को महसूस कर पाने में असमर्थ हो गया था। वह कहने को तो शारीरिक रूप से अपनी पत्नि के प्रति वफादार रहा था, लेकिन उनके वैवाहिक संबंधों में भी दरार आ गई थी।

जब वह पुनः परमेश्वर की ओर मुड़ा तो उसे बोध हुआ कि अब इस वासना के बन्धन से निकल पाने के लिए उसे एक और कष्टपूर्ण किंतु अनिवार्य कदम उठाना है - अपनी पत्नि के सामने अपने पाप को मान लेना है। उसने ऐसा किया - यह अनुभव बहुत कष्टदायक था, लेकिन क्योंकि उसका पश्चाताप वास्तविक था, वह यह कर भी सका। उसकी बात और उसका पश्चाताप सुनने के बाद उसकी पत्नि ने उसे क्षमा कर दिया और उनके जीवन तथा वैवाहिक संबंधों में प्रेम लौट आया।

जब कभी हम परमेश्वर तथा औरों को दुख देते हैं तो फिर से सब कुछ ठीक-ठाक करने के लिए उन बातों के लिए पश्चाताप करना कष्टदायक किंतु अनिवार्य कदम होता है। लेकिन इसका तातपर्य मात्र शब्दों द्वारा औपचारिकता पूरा करना नहीं है। विख्यात मसीही लेखक सी.एस. ल्युइस ने पश्चाताप के विष्य में कहा था कि यह कोई औपचारिकता नहीं है जो परमेश्वर, इसके पहले कि वह आपको ग्रहण कर सके, आपसे पूरी करने को कहता है; यह परमेश्वर के साथ संबंध बहाल होने का वह मार्ग है जिसे संबंधित अनुभवों में होकर निकलने द्वारा तय करना होता है।

पश्चाताप ही जीवन के सच्चे आनन्द - परमेश्वर के साथ संगति और अपने संपर्क के लोगों के साथ शांति की बहाली का एकमात्र मार्ग है। - डेनिस डी हॉन


पश्चाताप का अर्थ केवल पाप के प्रति हृदय का टूटना ही नहीं है, पाप के साथ संबंध टूटना भी है।

सो चेत कर, कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पहिले के समान काम कर; - प्रकाशितवाक्य २:५

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य २:१-७

Rev 2:1 इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो सातों तारे अपने दाहिने हाथ में लिए हुए है, और सोने की सातों दीवटों के बीच में फिरता है, वह यह कहता है कि
Rev 2:2 मै तेरे काम, और परिश्रम, और तेरा धीरज जानता हूं; और यह भी, कि तू बुरे लोगों को तो देख नहीं सकता, और जो अपने आप को प्रेरित कहते हैं, और हैं नहीं, उन्‍हें तू ने परख कर झूठा पाया।
Rev 2:3 और तू धीरज धरता है, और मेरे नाम के लिये दु:ख उठाते उठाते थका नहीं।
Rev 2:4 पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है कि तू ने अपना पहिला सा प्रेम छोड़ दिया है।
Rev 2:5 सो चेत कर, कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पहिले के समान काम कर; और यदि तू मन न फिराएगा, तो मै तेरे पास आकर तेरी दीवट को उस स्थान से हटा दूंगा।
Rev 2:6 पर हाँ तुझ में यह बात तो है, कि तू नीकुलइयों के कामों से घृणा करता है, जिन से मैं भी घृणा करता हूं।
Rev 2:7 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्‍वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४३-१४५
  • १ कुरिन्थियों १४:२१-४०

शनिवार, 3 सितंबर 2011

मरम्मत कीजिए

नगर के एक इलाके में टूट्टी सड़कें और गढ्ढे समस्या बन गए थे। उन सड़कों पर चलना बस वलों तक के लिए भारी हो गया था और कई निजी वाहनों का प्रतिदिन नुकसान हो रहा था। नगर निवासियों ने अपने नागरिक अधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया, और जब उचित कार्यवाही होती प्रतीत नहीं हुई तो उन्होंने अधिकारियों को यह स्पष्ट किया कि उन्हें सड़कों पर कार्य होते देखना है, कोई बहाने नहीं सुनने और ना ही यह जानना है कि इस स्थिति के लिए कौन ज़िम्मेवार है और कौन नहीं। अब वे अपनी सेहत तथा गाड़ीयों को खराब होते और देखना नहीं चाहते थे।

परमेश्वर के वचन में लूका रचित सुसमाचार के ३ अध्याय में एक और मार्ग का उल्लेख है - प्रभु का मार्ग; इस मार्ग को भी कार्यवाही की आवश्यक्ता थी, बातों की नहीं। युहन्ना बप्तिसमा देने वालों के दिनों में इस मार्ग के हाल भी खस्ता हो चुके थे, क्योंकि इस्त्राएल की नैतिक और आत्मिक दशा बहुत गिर चुकी थी। युहन्ना ने इस्त्राएलियों को स्पष्ट किया कि यदि उन्हें अपने उद्धारकर्ता के आगमन के लिए तैयार होना है तो उन्हें भी स्वार्थ, लोभ, हिंसा आदि द्वारा अपने जीवन मार्ग में आई बदहाली तथा गढ्ढों को ठीक करना होगा। उसने सुनने वालों को चुनौती दी कि इस संबंध में किए गए अपने निर्णय तथा विश्वास को वे पापों से पश्चाताप द्वारा प्रदर्शित एवं प्रमाणित करें।

युहन्ना की वह पुकार आज भी प्रत्येक जन के लिए चुनौती है। जीवन मार्ग को पाप ही बदहाल करता है और पाप से पश्चाताप ही उसके दुश्प्रभावों से निकल पाने का एकमात्र मार्ग है। इसीलिए जब युहन्ना ने प्रचार आरंभ किया तो उसकी पुकार थी "मन फिराओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्य निकट आ गया है" (मत्ती ३:२)। यही पुकार प्रभु यीशु मसीह ने भी अपनी सेवकाई आरंभ करते हुए दी "समय पूरा हुआ है, और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो" (मरकुस १:१५), और आज भी प्रभु के अनुयायी समस्त संसार में प्रभु की यही पुकार लेकर जा रहे हैं, यही पापों से मुक्ति और उद्धार का सुसमाचार है, यही जीवन मार्ग है।

संसार की लगातार बिगड़ती नैतिक तथा आत्मिक दशा पापों के दुशप्रभाव की भयानकता और उसके आते न्याय की सूचक है। अभी अवसर रहते, परमेश्वर के न्याय का सामना करने के दिन से पहले, इस अवसर का सदुपयोग कर लीजिए; पापों से पश्चातप और प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा अपने जीवन मार्ग की मरम्मत कर लीजिए। - मार्ट डी हॉन


पश्चाताप का अर्थ केवल पाप के लिए खेदित होना नहीं है, वरन खेद के साथ पाप को तिरिसकृत करना है।

हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा। - लूका ३:५


बाइबल पाठ: लूका ३:२-१८

Luk 3:2 और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्वर का वचन जंगल में ज़करयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुंचा।
Luk 3:3 और वह यरदन के आस पास के सारे देश में आकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मे का प्रचार करने लगा।
Luk 3:4 जैसे यशायाह भविष्यद्वक्ता के कहे हुए वचनों की पुस्‍तक में लिखा है, कि जंगल में एक पुकारने वाले का शब्‍द हो रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी बनाओ।
Luk 3:5 हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा।
Luk 3:6 और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा।
Luk 3:7 जो भीड़ की भीड़ उस से बपतिस्मा लेने को निकल कर आती थी, उन से वह कहता था: हे सांप के बच्‍चो, तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो।
Luk 3:8 सो मन फिराव के योग्य फल लाओ: और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्‍तान उत्‍पन्न कर सकता है।
Luk 3:9 और अब ही कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर धरा है, इसलिये जो जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है।
Luk 3:10 और लोगों ने उस से पूछा, तो हम क्‍या करें?
Luk 3:11 उस ने उन्हें उत्तर दिया, कि जिस के पास दो कुरते हों वह उसके साथ जिस के पास नहीं हैं बांट दे और जिस के पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।
Luk 3:12 और महसूल लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उस से पूछा, कि हे गुरू, हम क्‍या करें?
Luk 3:13 उस ने उन से कहा, जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना।
Luk 3:14 और सिपाहियों ने भी उस से यह पूछा, हम क्‍या करें? उस ने उन से कहा, किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर सन्‍तोष करना।
Luk 3:15 जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे, कि क्‍या यही मसीह तो नहीं है।
Luk 3:16 तो यूहन्ना ने उन सब के उत्तर में कहा: कि मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूं, परन्‍तु वह आने वाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का बन्‍ध खोल सकूं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।
Luk 3:17 उसका सूप, उसके हाथ में है और वह अपना खलिहान अच्‍छी तरह से साफ करेगा; और गेहूं को अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्‍तु भूसी को उस आग में जो बुझने की नहीं जला देगा।
Luk 3:18 सो वह बहुत सी शिक्षा दे देकर लोगों को सुसमाचार सुनाता रहा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४०-१४२
  • १ कुरिन्थियों १४:१-२०

शुक्रवार, 2 सितंबर 2011

उपलब्ध सामर्थ

एक रात एक निष्क्रीय और छोटी सी मण्डली के सभा स्थल में आग लग गई। आग की लपटों से वह इलाका रौशन हो गया और आग बुझाने के लिए आस-पास के लोग एकत्रित हो गए। मण्डली के सदस्यों में से एक ने वहां उस भीड़ में नगर के एक अविश्वासी और मण्डली के आलोचक को भी खड़ा देखा, तो उससे कहा, "मैंने आप को पहले कभी मण्डली के इतने समीप नहीं देखा?" उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, "आपने ठीक कहा, क्योंकि पहले मैंने कभी मण्डली को इतना रौशन और सक्रीय भी नहीं देखा।"

प्रभु की मण्डली आज एक चुनौती के दौर से निकल रही है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने की सामर्थ उसे सुन्दर दिखने वाले भवनों या अच्छे प्रतीत होने वाले कार्यक्रमों में नहीं मिलेगी। केवल परमेश्वर का पवित्र आत्मा ही प्रभु के विश्वासियों को परमेश्वर की आज्ञाओं के पालन और पूर्ति की सामर्थ दे सकता है।

पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा का दिया जाना प्रभु की मण्डली स्थापना का सूचक था। उस दिन, मृत्यु पर जयवन्त और पुनरुत्थान हुए प्रभु यीशु मसीह ने, सारे संसार के लिए पापों की क्षमा उपलब्ध होने के सुसमाचार को संसार के हर स्थान तक ले जा सकने की सामर्थ उपलब्ध कर दी। प्रभु के विश्वासियों का समूह, जिन से मण्डली बनी, तब से प्रभु की आज्ञा, "परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे (प्रेरितों १:८)" को पूरा करते आ रहे हैं। तब से ही उनके अन्दर बसने वाला परमेश्वर का पवित्र आत्मा, संसार के हर भाग और बस्ती में इस सुसमाचार को ले जाने की सामर्थ और प्रेरणा देने वाला उनकी प्रबल शक्ति बन गया।

अब कभी पिन्तेकुस्त के दिन को दोहराने की आवश्यक्ता नहीं है, क्योंकि उस दिन जो पवित्र आत्मा दिया गया, वह आज भी प्रत्येक विश्वासी में विद्यमान है, वापस नहीं गया। वह सामर्थ का अत्मा है और प्रत्येक उस विश्वासी में होकर अपनी सामर्थ के कार्य करता है जो उसके आधीन और उसका आज्ञाकारी रहता है। जिस सामर्थ द्वारा "प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था" (प्रेरितों ४:३३), वही सामर्थ आज भी प्रत्येक मसीही विश्वासी को उपलब्ध है। - पौल वैन गोर्डर


जो आत्मा हमारे अन्दर बसता है, वही बाहर कार्य करने की सामर्थ भी देता है।

परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे। - प्रेरितों १:८


बाइबल पाठ: लूका २४:४४-४९

Luk 24:44 फिर उस ने उन से कहा, ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए, तुम से कही थीं, कि अवश्य है, कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्‍तकों में, मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।
Luk 24:45 तब उस ने पवित्र शास्‍त्र बूझने के लिये उन की समझ खोल दी।
Luk 24:46 और उन से कहा, यों लिखा है कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
Luk 24:47 और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।
Luk 24:48 तुम इन सब बातें के गवाह हो।
Luk 24:49 और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा और जब तक स्‍वर्ग में सामर्थ न पाओ, तब तक तुम इसी नगर में ठहरे रहो।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३७-१३९
  • १ कुरिन्थियों १३

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

दोहरी सामर्थ

मेरी मेज़ पर एक पेन-नाईफ (मोड़कर बन्द हो सकने वाले बहुत से छोटे औज़ारों से मिलकर बना चाकू) है, जिसके किनारे गोलाकार हैं। मैं कितनी भी सावधानी से, कितना भी प्रयास करूं, यह पेन-नाईफ अपने सिरे पर खड़ा नहीं किया जा सकता, छोड़ते ही वह लुढ़क कर गिर जाता है। यदि मैं आप से कहूँ कि पेन-नाईफ को खड़ा करना कठिन है, तो आप कहेंगे, "कठिन नहीं असंभव है; क्यों व्यर्थ परिश्रम करते हो।" लेकिन लीजिए, यह तो खड़ा हो गया; आप उत्तर देंगे, "अवश्य खड़ा हो गया, क्योंकि आपने उस खड़ा पकड़ा हुआ है, यह आपके सहारे से खड़ा है, और केवल तब तक खड़ा रहेगा जब तक आप इसे सहारा दिए रहेंगे।"

हाल ही में मैं एक आटा पीसने की चक्की पर गया। वहाँ एक कोने में खाली बोरियाँ रखीं थीं। यदि मैं खाली बोरी को खड़ी करता तो वह मुड़कर गिर जाती। लेकिन जब वहाँ काम करने वाले मज़दूर ने उस बोरी को आटे से भर दिया, तो भरी हुई बोरी बिना किसी अन्य सहारे के खड़ी रह सकी।
ये दोनो उदाहरण हमें परमेश्वर के पवित्र आत्मा के कार्य को समझाते हैं। प्रत्येक मसीही विश्वासी में परमेश्वर का पवित्र आत्मा वास करता है, जो उसे अन्दर से सहारा देता है और जीवन की परिस्थितियों में खड़ा रखता है। प्रत्येक मसीही विश्वासी प्रभु की मण्डली का सदस्य है और मण्डली के सदस्य एक दूसरे को बाहर से संभालते हैं। परमेश्वर द्वारा, उसकी प्रत्येक संतान की सहायता के लिए यह दोहरी सामर्थ सदा उपलब्ध रहती है।

मसीही विश्वासी जब कभी कठिनाईयों में पड़े, या उसका प्रलभनों से सामना हो, तो उसे दो बातें ध्यान रखनी चाहिएं - अपनी असमर्थता और परमेश्वर की उपलब्ध सामर्थ। अगर हम अपनी असमर्थता को ही देखते रहेंगे तो पेन-नाईफ के समान कभी खड़े नहीं रह सकेंगे। लेकिन अपनी ओर देखना छोड़कर हम मण्डली और परमेश्वर की ओर देखेंगे तो पवित्र आत्मा की भीतरी सामर्थ तथा दूसरे विश्वासियों की सहायता हमें हर विपरीत परिस्थिति में भी खड़ा रख सकेगी।

हम अपने आप में कमज़ोर हो सकते हैं, लेकिन घबाराइए नहीं, हमारी रक्षा के लिए परमेश्वर ने दोहरी सामर्थ का प्रबंध कर रखा है - भीतरी भी और बाहरी भी। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वर के साधन हमारी हर आवश्यक्ता की पूर्ति के लिए काफी हैं।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह ४१:१०

बाइबल पाठ: यशायाह ४१:८-१४

Isa 41:8 हे मेरे दास इस्राएल, हे मेरे चुने हुए याकूब, हे मेरे प्रेमी इब्राहीम के वंश;
Isa 41:9 तू जिसे मैं ने पृथ्वी के दूर दूर देशों से लिया और पृथ्वी की छोर से बुला कर यह कहा, तू मेरा दास है, मैं ने तुझे चुना है और तजा नहीं;
Isa 41:10 मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा।
Isa 41:11 देख, जो तुझ से क्रोधित हैं, वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुंह काले होंगे और वे नाश होकर मिट जाएंगे।
Isa 41:12 जो तुझ से लड़ते हैं उन्हें ढूंढने पर भी तू न पाएगा; जो तुझ से युद्ध करते हैं वे नाश होकर मिट जाएंगे।
Isa 41:13 क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़ कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा।
Isa 41:14 हे कीड़े सरीखे याकूब, हे इस्राएल के मनुष्यों, मत डरो! यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरी सहायता करूंगा; इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ाने वाला है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३५-१३६
  • १ कुरिन्थियों १२

बुधवार, 31 अगस्त 2011

आत्मिक अन्धापन

ब्रिटिश इतिहास के सर्वोत्त्म रजनितिज्ञों मे से एक थे विलियम पिट्ट जो केवल २४ वर्ष की आयु में ही इंग्लैण्ड के प्रधान मंत्री बने। एक मसीही विश्वासी, विलियम विल्बरफोर्स, ने एक बार पिट्ट को एक मसीही प्रवचन की सभा में आने के लिए उत्साहित किया, जहाँ इंगलैण्ड की संसद के एक सदस्य ने बहुत प्रभावी रूप से मसीही विश्वास से संबंधित प्रवचन दिया। सभा के बाद विल्बरफोर्स ने पिट्ट से पुछा कि सभा में दिये गए सन्देश के बारे में उनकी क्या राय है। पिट्ट ने उत्तर दिया, "आप से सच कहूँ तो सभा के आरंभ से लेकर अन्त तक मैंने बहुत ध्यान से उस व्यक्ति के प्रवचन को सुना, परन्तु जो वह कह रहा था, मुझे लेशमात्र भी समझ में नहीं आया।"

मेरे एक मित्र ने, जो मसीही नहीं है, मुझसे कहा, "मैंने बाइबल पढ़ी तो है, लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आई।" मेरे मित्र का यह कहना कोई नई बात नहीं है, संसार में बहुत से लोग ऐसे हैं जो बाइबल को समझ पाने में असमर्थ हैं। यह एक सच्चाई है - इस संसार के लोग, चाहे वे कितने भी पढ़े लिखे, ज्ञानी, सफल और संपन्न क्यों न हों, परमेश्वर के वचन को अपनी बुद्धि और ज्ञान के सहारे समझ नहीं पाते।

सांसारिक पढ़ाई-लिखाई, संसकृति, संसार एवं संसार की विभिन्न बातों तथा राजनिति का ज्ञान आदि परमेश्वर के वचन को समझने में कोई सहायता नहीं करते। परमेश्वर के वचन को समझना है तो प्रभु यीशु मसीह में साधारण विश्वास से परमेश्वर की सन्तान बनना पड़ेगा, तभी बुद्धि पर पड़ा संसार की बातों का परदा हट पाएगा और आत्मिक आन्धापन दूर हो सकेगा। पापों से मुक्ति द्वारा मिला नए जीवन का यह अनुभव ही बाइबल की सच्चाईयों के लिए हमारी आँखों को खोल सकता है।

इस नए जन्म के साथ हम में आकर बसने वाला परमेश्वर का पवित्र आत्मा ही हमें परमेश्वर के वचन की सच्चाईयों और गहराईयों को समझा सकता है; उसकी उपस्थिति के अलावा आत्मिक अन्धेपन का कोई समाधान नहीं है। - पौल वैन गोर्डर


जब हम अपने हृदय को उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के लिए खोल देते हैं, तब परमेश्वर हमारे हृदयों को अपने वचन के लिए खोल देता है।

परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्‍योंकि वे उस की दृष्‍टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्‍हें जान सकता है क्‍योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है। - १ कुरिन्थियों २:१४

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों २:१-१६

1Co 2:1 और हे भाइयों, जब मैं परमेश्वर का भेद सुनाता हुआ तुम्हारे पास आया, तो वचन या ज्ञान की उत्तमता के साथ नहीं आया।
1Co 2:2 क्‍योंकि मैं ने यह ठान लिया था, कि तुम्हारे बीच यीशु मसीह, वरन क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूं।
1Co 2:3 और मैं निर्बलता और भय के साथ, और बहुत थरथराता हुआ तुम्हारे साथ रहा।
1Co 2:4 और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभाने वाली बातें नहीं परन्‍तु आत्मा और सामर्थ का प्रमाण था।
1Co 2:5 इसलिये कि तुम्हारा विश्वास मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं, परन्‍तु परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर हो।
1Co 2:6 फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं: परन्‍तु इस संसार का और इस संसार के नाश होने वाले हाकिमों का ज्ञान नहीं।
1Co 2:7 परन्‍तु हम परमेश्वर का वह गुप्‍त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया।
1Co 2:8 जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्‍योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते।
1Co 2:9 परन्‍तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ी वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।
1Co 2:10 परन्‍तु परमेश्वर ने उन को अपने आत्मा के द्वारा हम पर प्रगट किया क्‍योंकि आत्मा सब बातें, वरन परमेश्वर की गूढ़ बातें भी जांचता है।
1Co 2:11 मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता, केवल मनुष्य की आत्मा जो उसमें है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेवर का आत्मा।
1Co 2:12 परन्‍तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्‍तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं।
1Co 2:13 जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्‍तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं।
1Co 2:14 परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्‍योंकि वे उस की दृष्‍टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्‍हें जान सकता है क्‍योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है।
1Co 2:15 आत्मिक जन सब कुछ जांचता है, परन्‍तु वह आप किसी से जांचा नहीं जाता।
1Co 2:16 क्‍योंकि प्रभु का मन किस ने जाना है, कि उसे सिखलाए? परन्‍तु हम में मसीह का मन है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३२-१३४
  • १ कुरिन्थियों ११:१७-३४

मंगलवार, 30 अगस्त 2011

कलाकृति

एक जापानी सम्राट ने एक कलाकार को एक पक्षी का चित्र बनाने को कहा। बहुत समय बीत गया परन्तु कलाकार ने चित्र सम्राट के सामने प्रस्तुत नहीं किया। एक दिन सम्राट कलाकार के घर पहुँच गया कि स्वयं देखे कलाकार चित्र क्यों नहीं बना पा रहा है। सम्राट के पूछने पर कलाकार ने कोई बहाना नहीं बनाया, सम्राट को बैठने का स्थान दिया और उनके देखते देखते पक्षी का सुन्दर चित्र बनाकर उन्हें सौंप दिया। सम्राट को आश्चर्य हुआ और उन्होंने जानना चाहा कि जब काम इतनी शीघ्र हो सकता था तो फिर कलाकार ने पहले इतना समय क्यों लिया? कलाकार भीतर गया और ढेर सारे चित्र लेकर सम्राट के पास आया, वे आधे-अधुरे चित्र पक्षी के विभिन्न भागों के थे, कुछ सिर के थे, तो कुछ पंखों के, अन्य उसके पैरों के, उसकी चोंच के आदि आदि। कलाकार ने समझाया कि सम्राट की उम्मीद के अनुसार चित्र बनाना उसके लिए तब ही संभव था जब वह पहले पक्षी के बारे में ठीक से जान कर सीख ले। इतने समय से वह इसी बात में लगा हुआ था और इसी का अभ्यास कर रहा था। अब जब वह अपने अभ्यास द्वारा इस कार्य के लिए सक्षम हो गया था, तो जैसा चाहिए था, पक्षी का वैसा चित्र बनाना उसके लिए सरल एवं संभव हो गया।

एक प्रकार से हम मसीही विश्वासी भी उस कलाकृति के समान ही हैं। हम पर प्रतिज्ञा की हुई पवित्र आत्मा की छाप लगी है (इफिसियों १:१३), और परमेश्वर द्वारा हमें उसके पुत्र के स्वरूप में होने के लिए पहले से ठहराया गया है (रोमियों ८:२८)। लेकिन इस प्रक्रिया के पूरे होने में समय लगता है। हमारे जीवन को संवारने वाला ’कलाकार’ पिन्तेकुस्त के दिन से परमेश्वर द्वारा प्रत्येक मसीही विश्वासी में बसने के लिए भेजा गया पवित्र आत्मा है। धीरे धीरे और क्रमानुसार वह हमारे जीवन को संवार रहा है, हमें मसीही परिपक्वता में ढाल रहा है। हमारे वर्तमान सांसारिक स्वरूप से बदल कर मसीह के अनुसार हमारे ईश्वरीय स्वरूप तक बनने में हमें समय लगता है। जब यह कार्य हमारे जीवनों में पूरा हो जाएगा तब है, वह हमें हमारे ’सम्राट’ के सामने प्रस्तुत कर देगा।

वह दिन आता है जब प्रत्येक मसीही विश्वासी का स्वरूप मसीह यीशु के अनुसार होगा। जैसे जैसे हम पवित्र आत्मा के निर्देषों का पालन करते हैं और एक अनुभव से दूसरे अनुभव में बढ़ते जाते हैं, हम अंश अंश करके उस महान कलकृति में बदलते जाते हैं जो हम अपने प्रभु की महिमा के दिन हो जाएंगे। - डेव एग्नर


मसीह यीशु ने जो कार्य हमारे लिए क्रूस पर पूरा किया था, उसे हमारे जीवनों में अब पवित्र आत्मा परिपूर्ण करता है।

क्‍योंकि हम उसके बनाए हुए हैं और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्‍हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों २:१०


बाइबल पाठ: इफिसियों २:१-१४

Eph 2:1 और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Eph 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Eph 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्‍तान थे।
Eph 2:4 परन्‍तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
Eph 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Eph 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Eph 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Eph 2:8 क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Eph 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे।
Eph 2:10 क्‍योंकि हम उसके बनाए हुए हैं और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्‍हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
Eph 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतनारिहत कहते हैं)।
Eph 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वररहित थे।
Eph 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
Eph 2:14 क्‍योंकि वही हमारा मेल है, जिस ने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२९-१३१
  • १ कुरिन्थियों ११:१-१६