ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 7 सितंबर 2011

पश्चाताप कष्टदाई है

पश्चिमी अफ्रीका के बाउली समाज के लोग पश्चाताप के विवरण में कहते हैं कि, "यह इतना कष्टदायक होता है कि व्यक्ति उसे छोड़ देना चाहता है।" वास्तविक पश्चाताप हमारे अहं को घायल करता है और हमारे घमण्ड को चोट पहुंचाता है। लेकिन यह चोट तथा घायल होना भला और चंगा करने वाला होता है।

जौन कॉलविन ने कहा, "प्रत्येक अपने आप को जाँच कर देख ले, और वह पाएगा कि वह इस बुराई के आधीन है - कि वह अपने मन को फाड़ने की बजाए, बाहरी रूप से दिखाने मात्र को, केवल अपने वस्त्र ही फाड़ना चाहता है।" जब कॉलविन ने यह कहा, तब वह उस समय के बारे में व्याखया कर रहा था जब परमेश्वर अपनी प्रजा इस्त्राएल को टिड्डियों के विशाल दल के हमले द्वारा पश्चाताप में ले कर आया था। उन टिड्डियों ने सारी हरियाली, पेड़, पौधों, फसल सब को खा कर देश को उजाड़ बना दिया। उस समय परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता योएल नबी ने परिस्थिति का हवाला देकर इस्त्राएल से अपने पापों के लिए पश्चाताप का सन्देश दिया और उनसे कहा, "अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछताने हारा है" (योएल २:१३)। इस्त्राएलियों ने योएल की सुनी और पापों से पश्चाताप किया (योएल ३:१८-२१)।

कभी कभी हम अपने आप को पारिवारिक और आर्थिक समस्याओं से घिरा पाते हैं; या दुर्घटनाएं और त्रासदीयां हमारे जीवनों को आहत कर देती हैं। ऐसी परिस्थितियों में हमारा ध्यान हमारे जीवनों में परमेश्वर की आवश्यक्ता और उसकी उपस्थिति की ओर जाता है। परिस्थितियों मानो वह हम से कहता है, "अपने जीवन और व्यवहार को जाँच कर देखो, क्या तुम वास्तव में मेरे आज्ञाकारी हो? क्या वास्तव में तुम्हारे जीवनों में मेरा स्थान सर्वप्रथम है?"

परमेश्वर हमसे आग्रह करता है कि जब कभी हम पापों में पड़ें तो उनका बोध होते ही तुरंत ही हम "अपने मनों फाड़" लें जिससे वह हमारे पाप क्षमा कर सके; हम पर अपने आप को विलंब से कोप करने, क्षमा करने और दया तथा करुणा से भरा परमेश्वर होने को प्रमाणीत कर सके। - डेनिस डी हॉन


सच्चा पश्चाताप बुराई में पड़े होने के कारण होता है, बुराई में पकड़े जाने के कारण नहीं।

अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछताने हारा है। - योएल २:१३

बाइबल पाठ: योएल २:१२-१७

Joe 2:12 तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ।
Joe 2:13 अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछताने हारा है।
Joe 2:14 क्या जाने वह फिरकर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
Joe 2:15 सिय्योन में नरसिंगा फूंको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
Joe 2:16 लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो, पुरनियों को बुला लो, बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आए।
Joe 2:17 याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे, न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यां कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४८-१५०
  • १ कुरिन्थियों १५:२९-५८

मंगलवार, 6 सितंबर 2011

अनिवार्य भाग

क्या आप कभी ऐसे लोगों को लेकर विसमित हुए हैं जो कहते तो हैं कि उन्होंने प्रभु यीशु में विश्वास किया है, लेकिन उनके जीवनों में कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता? ना तो वे पाप से ज़रा भी दुखी होते हैं और ना ही धार्मिकता में कोई रुचि रखते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके अन्दर सच्चा पश्चाताप नहीं है।

बहुत वर्ष पहले की बात है कि एक जाना माना आपराधी एक सुसमाचार सभा में सन्देश सुनने आया। जो लोग सभा संचालित कर रहे थे, उन्होंने व्यक्तिगत रीति से उसे अपनी गवाही दी। उन्होंने उससे आग्रह किया कि वह मसीह यीशु के लिए अपने हृदय के द्वार खोल दे। ऐसा प्रतीत हुआ कि उस अपराधी ने उनकी बात मान ली। लेकिन कुछ महीने बीतने पर भी जब उसके जीवन में कोई परिवर्तन दिखाई नहीं दिया, उसके कार्य पहले ही के समान आपाराधिक ही रहे, तो उन प्रचारकों ने उससे इस विष्य में पूछा। उसने उत्तर दिया कि उससे कभी किसी ने यह नहीं कहा कि मसीह यीशु को अपने जीवन में आने देने के लिए उसे अपने पिछले जीवन और गतिविधियों से मूँह मोड़ना होगा। जब उन्हों ने उसे पश्चाताप और बदले हुए जीवन के बारे में समझाया, तो उस अपराधी ने अपने तथाकथित मसीही विश्वास को तुरंत ही तिलांजली दे दी।

परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम की मूल भाषा युनानी में जो शब्द पश्चाताप के लिए प्रयुक्त हुआ है वह है metanoia, जिस का अर्थ होता है "मन का बदला जाना"। इस के लिए मनुष्य को स्वयं, पाप और परमेश्वर के बारे में एक सही सोच रखनी अनिवार्य है। मनुष्य को यह बोध होना चाहिए कि वह अपने पाप के कारण परमेश्वर के न्याय और दण्ड का भागी है, और जैसे पानी में डूबता हुआ व्यक्ति अपने सर के बाल पकड़ कर अपने आप को पानी से बाहर नहीं खींच सकता, वैसे ही पाप की दलदल में फंसा व्यक्ति भी अपने किसी कार्य और प्रयास से अपने आप को पाप से बाहर नहीं निकाल सकता। पाप से बचने का केवल एक ही उपाय है कि हम अपने आप को प्रभु यीशु के हाथों में समर्पित कर दें, उसके सामने अपने पाप मान कर, उससे उनकी क्षमा मांग कर उसे अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण कर लें क्योंकि केवल वह ही है जिस ने अपने जीवन के बलिदान के द्वारा पाप और मृत्यु पर विजय पाई है।

यदि हम सच्चे पश्चाताप के लिए तैयार हैं तो परमेश्वर भी हमें अपनी समर्थ से परिपूर्ण करने के लिए तैयार है। लेकिन हमें यह बात भली भांति समझ लेनी है कि मसीह यीशु की ओर फिरने का अर्थ है पापों से मूँह मोड़ लेना; एक के बिना दूसरा संभव नहीं है।

सच्चे पश्चाताप का अनिवार्य भाग है पुराने पापी जीवन से अपना मूँह मोड़ लेना। - डेनिस डी हॉन


हम मसीह यीशु के निकट जाने के लिए पश्चाताप नहीं करते; हम मसीह यीशु के निकट आ जाने के कारण पश्चाताप करते हैं।

समय पूरा हुआ है, और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो। - मरकुस १:१५


बाइबल पाठ: लूका १३:१-५

Luk 13:1 उस समय कुछ लोग आ पहुंचे, और उस [यीशु] से उन गलीलियों की चर्चा करने लगे, जिन का लोहू पीलातुस ने उन ही के बलिदानों के साथ मिलाया था।
Luk 13:2 यह सुन उस [यीशु] ने उन से उत्तर में यह कहा, क्‍या तुम समझते हो, कि ये गलीली, और सब गलीलियों से पापी थे कि उन पर ऐसी विपत्ति पड़ी?
Luk 13:3 मैं तुम से कहता हूं, कि नहीं; परन्‍तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम सब भी इसी रीति से नाश होगे।
Luk 13:4 या क्‍या तुम समझते हो, कि वे अठारह जन जिन पर शीलोह का गुम्मट गिरा, और वे दब कर मर गए: यरूशलेम के और सब रहने वालों से अधिक अपराधी थे?
Luk 13:5 मैं तुम से कहता हूं, कि नहीं; परन्‍तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम भी सब इसी रीति से नाश होगे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४८-१५०
  • १ कुरिन्थियों १५:२९-५८

सोमवार, 5 सितंबर 2011

पश्चाताप सब के लिए है

पादरी लूई पौल लेहमैन ने अपने एक भूतपूर्व चर्च में कार्य करते समय हुआ अपना एक नम्र कर देना वाला अनुभव बताया। एक मिशनरी प्रचारक उनसे मिलने आया और अपने कार्य के बारे में बताया, लेकिन लेहमैन उससे प्रभावित नहीं हुआ। प्रचारक के वेशभूषा, व्यक्तित्व, बातचीत के ढंग को देखकर लेहमैन को लगा कि वह व्यक्ति इस कार्य के लिए सर्वथा अयोग्य है। कुछ महीने पश्चात उस प्रचारक द्वारा भेजे गए अपने कार्य की समीक्षा से लेहमैन को ज्ञात हुआ कि वह कितने प्रभावी रूप से अपने क्षेत्र में कार्य कर रहा था और प्रभु का सुसमाचार उसके द्वारा कितने लोगों के जीवन बदल रहा था। पादरी लेहमैन को एहसास हुआ कि उन्होंने उस प्रचार्क को पहचानने में गलती करी थी। उन्होंने कहा, कि जब मैंने उसकी रिपोर्ट पढ़ी तो मैं अपने दफतर में गया और अपनी गलती के लिए मैंने रो रो कर पशचाताप किया।

अपनी पुस्तक A CAll to Repentance में बौब स्टोक्स ने लिखा, "पश्चाताप केवल एक कार्य नहीं है, यह एक प्रवृत्ति भी है। दूसरे शब्दों में सच्चा पश्चाताप करने वाला पापी व्यक्ति अपने जीवन भर पशचाताप की भावना साथ लेकर अपने मसीही अनुभव में चलता रहता है।"

चाहे अपने आप को दीन और नम्र करना हमारे लिए कठिन हो, लेकिन एक पश्चातापी प्रवृत्ति मसीह में सजीव विश्वास, दीन मन और स्थिर संबंध की निशानी है; हम इसके बिना मसीही जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते।

प्रकाशितवाक्य ३ अध्याय के अनुसार परमेश्वर अपनी सन्तान से बहुत प्रेम करता है इसलिए आवश्यक्ता पड़ने पर वह उनकी ताड़ना भी करता है, उन्हें डांटता भी है जिससे वे अपने उद्धार के संपूर्ण आनन्द में सदा बने रहें। पश्चाताप केवल कठोर पापियों ही के लिए नहीं है, पश्चाताप उन विनम्र संतों के लिए भी है जो कभी किसी बात को अपने और अपने प्रभु के बीच आने नहीं देना चाहते।

पश्चाताप सब के लिए है। - डेनिस डी हॉन


पश्चाताप में टूटा मन परमेश्वर का कार्य है। - बनियन

मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा। - प्रकाशितवाक्य ३:१९


बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य ३:१४-२२

Rev 3:14 और लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो आमीन, और विश्वासयोग्य, और सच्‍चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्‍टि का मूल कारण है, वह यह कहता है।
Rev 3:15 कि मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता।
Rev 3:16 सो इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुंह से उगलने पर हूं।
Rev 3:17 तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्‍तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है।
Rev 3:18 इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूं, कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले, कि धनी हो जाए; और श्वेत वस्‍त्र ले ले कि पहिनकर तुझे अपने नंगेपन की लज्ज़ा न हो; और अपनी आंखों में लगाने के लिये सुर्मा ले, कि तू देखने लगे।
Rev 3:19 मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा।
Rev 3:20 देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं, यदि कोई मेरा शब्‍द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।
Rev 3:21 जो जय पाए, मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊंगा, जैसा मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठ गया।
Rev 3:22 जिस के कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४६-१४७
  • १ कुरिन्थियों १५:१-२८

रविवार, 4 सितंबर 2011

कष्टपूर्ण किंतु अनिवार्य कदम

एक मसीही विश्वासी ने Leadership पत्रिका में अपने कटु अनुभव का बयान किया। उसने बताया कैसे वह कामवासना का दास बन चुका था और प्रतिदिन अशलील पत्रिकाओं, चित्रों और बातों में समय बिताता था; लेकिन साथ ही वह स्थान स्थान पर घूमते हुए मसीही सभाएं भी संबिधित करता था, उन में भाग लेता था। ऐसे में एक दिन वह इस एहसास से घबरा उठा कि सुन्दर डूबते सूर्य के दृश्य, सागर के निकट टहलना और उसके पानी की ठंडी बौछार का आनन्द लेना आदि मनोहर बातों से अब उसे कोई आनन्द, कोई रोमांच नहीं होता था, वह इनकी अनुभूति खो चुका था। वासना से वशीभूत उसका मन अब जीवन की सर्वोत्तम खुशियों तथा प्रभु से संगति के आनन्द को महसूस कर पाने में असमर्थ हो गया था। वह कहने को तो शारीरिक रूप से अपनी पत्नि के प्रति वफादार रहा था, लेकिन उनके वैवाहिक संबंधों में भी दरार आ गई थी।

जब वह पुनः परमेश्वर की ओर मुड़ा तो उसे बोध हुआ कि अब इस वासना के बन्धन से निकल पाने के लिए उसे एक और कष्टपूर्ण किंतु अनिवार्य कदम उठाना है - अपनी पत्नि के सामने अपने पाप को मान लेना है। उसने ऐसा किया - यह अनुभव बहुत कष्टदायक था, लेकिन क्योंकि उसका पश्चाताप वास्तविक था, वह यह कर भी सका। उसकी बात और उसका पश्चाताप सुनने के बाद उसकी पत्नि ने उसे क्षमा कर दिया और उनके जीवन तथा वैवाहिक संबंधों में प्रेम लौट आया।

जब कभी हम परमेश्वर तथा औरों को दुख देते हैं तो फिर से सब कुछ ठीक-ठाक करने के लिए उन बातों के लिए पश्चाताप करना कष्टदायक किंतु अनिवार्य कदम होता है। लेकिन इसका तातपर्य मात्र शब्दों द्वारा औपचारिकता पूरा करना नहीं है। विख्यात मसीही लेखक सी.एस. ल्युइस ने पश्चाताप के विष्य में कहा था कि यह कोई औपचारिकता नहीं है जो परमेश्वर, इसके पहले कि वह आपको ग्रहण कर सके, आपसे पूरी करने को कहता है; यह परमेश्वर के साथ संबंध बहाल होने का वह मार्ग है जिसे संबंधित अनुभवों में होकर निकलने द्वारा तय करना होता है।

पश्चाताप ही जीवन के सच्चे आनन्द - परमेश्वर के साथ संगति और अपने संपर्क के लोगों के साथ शांति की बहाली का एकमात्र मार्ग है। - डेनिस डी हॉन


पश्चाताप का अर्थ केवल पाप के प्रति हृदय का टूटना ही नहीं है, पाप के साथ संबंध टूटना भी है।

सो चेत कर, कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पहिले के समान काम कर; - प्रकाशितवाक्य २:५

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य २:१-७

Rev 2:1 इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो सातों तारे अपने दाहिने हाथ में लिए हुए है, और सोने की सातों दीवटों के बीच में फिरता है, वह यह कहता है कि
Rev 2:2 मै तेरे काम, और परिश्रम, और तेरा धीरज जानता हूं; और यह भी, कि तू बुरे लोगों को तो देख नहीं सकता, और जो अपने आप को प्रेरित कहते हैं, और हैं नहीं, उन्‍हें तू ने परख कर झूठा पाया।
Rev 2:3 और तू धीरज धरता है, और मेरे नाम के लिये दु:ख उठाते उठाते थका नहीं।
Rev 2:4 पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है कि तू ने अपना पहिला सा प्रेम छोड़ दिया है।
Rev 2:5 सो चेत कर, कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पहिले के समान काम कर; और यदि तू मन न फिराएगा, तो मै तेरे पास आकर तेरी दीवट को उस स्थान से हटा दूंगा।
Rev 2:6 पर हाँ तुझ में यह बात तो है, कि तू नीकुलइयों के कामों से घृणा करता है, जिन से मैं भी घृणा करता हूं।
Rev 2:7 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्‍वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४३-१४५
  • १ कुरिन्थियों १४:२१-४०

शनिवार, 3 सितंबर 2011

मरम्मत कीजिए

नगर के एक इलाके में टूट्टी सड़कें और गढ्ढे समस्या बन गए थे। उन सड़कों पर चलना बस वलों तक के लिए भारी हो गया था और कई निजी वाहनों का प्रतिदिन नुकसान हो रहा था। नगर निवासियों ने अपने नागरिक अधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया, और जब उचित कार्यवाही होती प्रतीत नहीं हुई तो उन्होंने अधिकारियों को यह स्पष्ट किया कि उन्हें सड़कों पर कार्य होते देखना है, कोई बहाने नहीं सुनने और ना ही यह जानना है कि इस स्थिति के लिए कौन ज़िम्मेवार है और कौन नहीं। अब वे अपनी सेहत तथा गाड़ीयों को खराब होते और देखना नहीं चाहते थे।

परमेश्वर के वचन में लूका रचित सुसमाचार के ३ अध्याय में एक और मार्ग का उल्लेख है - प्रभु का मार्ग; इस मार्ग को भी कार्यवाही की आवश्यक्ता थी, बातों की नहीं। युहन्ना बप्तिसमा देने वालों के दिनों में इस मार्ग के हाल भी खस्ता हो चुके थे, क्योंकि इस्त्राएल की नैतिक और आत्मिक दशा बहुत गिर चुकी थी। युहन्ना ने इस्त्राएलियों को स्पष्ट किया कि यदि उन्हें अपने उद्धारकर्ता के आगमन के लिए तैयार होना है तो उन्हें भी स्वार्थ, लोभ, हिंसा आदि द्वारा अपने जीवन मार्ग में आई बदहाली तथा गढ्ढों को ठीक करना होगा। उसने सुनने वालों को चुनौती दी कि इस संबंध में किए गए अपने निर्णय तथा विश्वास को वे पापों से पश्चाताप द्वारा प्रदर्शित एवं प्रमाणित करें।

युहन्ना की वह पुकार आज भी प्रत्येक जन के लिए चुनौती है। जीवन मार्ग को पाप ही बदहाल करता है और पाप से पश्चाताप ही उसके दुश्प्रभावों से निकल पाने का एकमात्र मार्ग है। इसीलिए जब युहन्ना ने प्रचार आरंभ किया तो उसकी पुकार थी "मन फिराओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्य निकट आ गया है" (मत्ती ३:२)। यही पुकार प्रभु यीशु मसीह ने भी अपनी सेवकाई आरंभ करते हुए दी "समय पूरा हुआ है, और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो" (मरकुस १:१५), और आज भी प्रभु के अनुयायी समस्त संसार में प्रभु की यही पुकार लेकर जा रहे हैं, यही पापों से मुक्ति और उद्धार का सुसमाचार है, यही जीवन मार्ग है।

संसार की लगातार बिगड़ती नैतिक तथा आत्मिक दशा पापों के दुशप्रभाव की भयानकता और उसके आते न्याय की सूचक है। अभी अवसर रहते, परमेश्वर के न्याय का सामना करने के दिन से पहले, इस अवसर का सदुपयोग कर लीजिए; पापों से पश्चातप और प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा अपने जीवन मार्ग की मरम्मत कर लीजिए। - मार्ट डी हॉन


पश्चाताप का अर्थ केवल पाप के लिए खेदित होना नहीं है, वरन खेद के साथ पाप को तिरिसकृत करना है।

हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा। - लूका ३:५


बाइबल पाठ: लूका ३:२-१८

Luk 3:2 और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्वर का वचन जंगल में ज़करयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुंचा।
Luk 3:3 और वह यरदन के आस पास के सारे देश में आकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मे का प्रचार करने लगा।
Luk 3:4 जैसे यशायाह भविष्यद्वक्ता के कहे हुए वचनों की पुस्‍तक में लिखा है, कि जंगल में एक पुकारने वाले का शब्‍द हो रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी बनाओ।
Luk 3:5 हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा।
Luk 3:6 और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा।
Luk 3:7 जो भीड़ की भीड़ उस से बपतिस्मा लेने को निकल कर आती थी, उन से वह कहता था: हे सांप के बच्‍चो, तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो।
Luk 3:8 सो मन फिराव के योग्य फल लाओ: और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्‍तान उत्‍पन्न कर सकता है।
Luk 3:9 और अब ही कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर धरा है, इसलिये जो जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है।
Luk 3:10 और लोगों ने उस से पूछा, तो हम क्‍या करें?
Luk 3:11 उस ने उन्हें उत्तर दिया, कि जिस के पास दो कुरते हों वह उसके साथ जिस के पास नहीं हैं बांट दे और जिस के पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।
Luk 3:12 और महसूल लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उस से पूछा, कि हे गुरू, हम क्‍या करें?
Luk 3:13 उस ने उन से कहा, जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना।
Luk 3:14 और सिपाहियों ने भी उस से यह पूछा, हम क्‍या करें? उस ने उन से कहा, किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर सन्‍तोष करना।
Luk 3:15 जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे, कि क्‍या यही मसीह तो नहीं है।
Luk 3:16 तो यूहन्ना ने उन सब के उत्तर में कहा: कि मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूं, परन्‍तु वह आने वाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का बन्‍ध खोल सकूं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।
Luk 3:17 उसका सूप, उसके हाथ में है और वह अपना खलिहान अच्‍छी तरह से साफ करेगा; और गेहूं को अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्‍तु भूसी को उस आग में जो बुझने की नहीं जला देगा।
Luk 3:18 सो वह बहुत सी शिक्षा दे देकर लोगों को सुसमाचार सुनाता रहा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४०-१४२
  • १ कुरिन्थियों १४:१-२०

शुक्रवार, 2 सितंबर 2011

उपलब्ध सामर्थ

एक रात एक निष्क्रीय और छोटी सी मण्डली के सभा स्थल में आग लग गई। आग की लपटों से वह इलाका रौशन हो गया और आग बुझाने के लिए आस-पास के लोग एकत्रित हो गए। मण्डली के सदस्यों में से एक ने वहां उस भीड़ में नगर के एक अविश्वासी और मण्डली के आलोचक को भी खड़ा देखा, तो उससे कहा, "मैंने आप को पहले कभी मण्डली के इतने समीप नहीं देखा?" उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, "आपने ठीक कहा, क्योंकि पहले मैंने कभी मण्डली को इतना रौशन और सक्रीय भी नहीं देखा।"

प्रभु की मण्डली आज एक चुनौती के दौर से निकल रही है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने की सामर्थ उसे सुन्दर दिखने वाले भवनों या अच्छे प्रतीत होने वाले कार्यक्रमों में नहीं मिलेगी। केवल परमेश्वर का पवित्र आत्मा ही प्रभु के विश्वासियों को परमेश्वर की आज्ञाओं के पालन और पूर्ति की सामर्थ दे सकता है।

पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा का दिया जाना प्रभु की मण्डली स्थापना का सूचक था। उस दिन, मृत्यु पर जयवन्त और पुनरुत्थान हुए प्रभु यीशु मसीह ने, सारे संसार के लिए पापों की क्षमा उपलब्ध होने के सुसमाचार को संसार के हर स्थान तक ले जा सकने की सामर्थ उपलब्ध कर दी। प्रभु के विश्वासियों का समूह, जिन से मण्डली बनी, तब से प्रभु की आज्ञा, "परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे (प्रेरितों १:८)" को पूरा करते आ रहे हैं। तब से ही उनके अन्दर बसने वाला परमेश्वर का पवित्र आत्मा, संसार के हर भाग और बस्ती में इस सुसमाचार को ले जाने की सामर्थ और प्रेरणा देने वाला उनकी प्रबल शक्ति बन गया।

अब कभी पिन्तेकुस्त के दिन को दोहराने की आवश्यक्ता नहीं है, क्योंकि उस दिन जो पवित्र आत्मा दिया गया, वह आज भी प्रत्येक विश्वासी में विद्यमान है, वापस नहीं गया। वह सामर्थ का अत्मा है और प्रत्येक उस विश्वासी में होकर अपनी सामर्थ के कार्य करता है जो उसके आधीन और उसका आज्ञाकारी रहता है। जिस सामर्थ द्वारा "प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था" (प्रेरितों ४:३३), वही सामर्थ आज भी प्रत्येक मसीही विश्वासी को उपलब्ध है। - पौल वैन गोर्डर


जो आत्मा हमारे अन्दर बसता है, वही बाहर कार्य करने की सामर्थ भी देता है।

परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे। - प्रेरितों १:८


बाइबल पाठ: लूका २४:४४-४९

Luk 24:44 फिर उस ने उन से कहा, ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए, तुम से कही थीं, कि अवश्य है, कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्‍तकों में, मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।
Luk 24:45 तब उस ने पवित्र शास्‍त्र बूझने के लिये उन की समझ खोल दी।
Luk 24:46 और उन से कहा, यों लिखा है कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
Luk 24:47 और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।
Luk 24:48 तुम इन सब बातें के गवाह हो।
Luk 24:49 और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा और जब तक स्‍वर्ग में सामर्थ न पाओ, तब तक तुम इसी नगर में ठहरे रहो।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३७-१३९
  • १ कुरिन्थियों १३

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

दोहरी सामर्थ

मेरी मेज़ पर एक पेन-नाईफ (मोड़कर बन्द हो सकने वाले बहुत से छोटे औज़ारों से मिलकर बना चाकू) है, जिसके किनारे गोलाकार हैं। मैं कितनी भी सावधानी से, कितना भी प्रयास करूं, यह पेन-नाईफ अपने सिरे पर खड़ा नहीं किया जा सकता, छोड़ते ही वह लुढ़क कर गिर जाता है। यदि मैं आप से कहूँ कि पेन-नाईफ को खड़ा करना कठिन है, तो आप कहेंगे, "कठिन नहीं असंभव है; क्यों व्यर्थ परिश्रम करते हो।" लेकिन लीजिए, यह तो खड़ा हो गया; आप उत्तर देंगे, "अवश्य खड़ा हो गया, क्योंकि आपने उस खड़ा पकड़ा हुआ है, यह आपके सहारे से खड़ा है, और केवल तब तक खड़ा रहेगा जब तक आप इसे सहारा दिए रहेंगे।"

हाल ही में मैं एक आटा पीसने की चक्की पर गया। वहाँ एक कोने में खाली बोरियाँ रखीं थीं। यदि मैं खाली बोरी को खड़ी करता तो वह मुड़कर गिर जाती। लेकिन जब वहाँ काम करने वाले मज़दूर ने उस बोरी को आटे से भर दिया, तो भरी हुई बोरी बिना किसी अन्य सहारे के खड़ी रह सकी।
ये दोनो उदाहरण हमें परमेश्वर के पवित्र आत्मा के कार्य को समझाते हैं। प्रत्येक मसीही विश्वासी में परमेश्वर का पवित्र आत्मा वास करता है, जो उसे अन्दर से सहारा देता है और जीवन की परिस्थितियों में खड़ा रखता है। प्रत्येक मसीही विश्वासी प्रभु की मण्डली का सदस्य है और मण्डली के सदस्य एक दूसरे को बाहर से संभालते हैं। परमेश्वर द्वारा, उसकी प्रत्येक संतान की सहायता के लिए यह दोहरी सामर्थ सदा उपलब्ध रहती है।

मसीही विश्वासी जब कभी कठिनाईयों में पड़े, या उसका प्रलभनों से सामना हो, तो उसे दो बातें ध्यान रखनी चाहिएं - अपनी असमर्थता और परमेश्वर की उपलब्ध सामर्थ। अगर हम अपनी असमर्थता को ही देखते रहेंगे तो पेन-नाईफ के समान कभी खड़े नहीं रह सकेंगे। लेकिन अपनी ओर देखना छोड़कर हम मण्डली और परमेश्वर की ओर देखेंगे तो पवित्र आत्मा की भीतरी सामर्थ तथा दूसरे विश्वासियों की सहायता हमें हर विपरीत परिस्थिति में भी खड़ा रख सकेगी।

हम अपने आप में कमज़ोर हो सकते हैं, लेकिन घबाराइए नहीं, हमारी रक्षा के लिए परमेश्वर ने दोहरी सामर्थ का प्रबंध कर रखा है - भीतरी भी और बाहरी भी। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वर के साधन हमारी हर आवश्यक्ता की पूर्ति के लिए काफी हैं।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह ४१:१०

बाइबल पाठ: यशायाह ४१:८-१४

Isa 41:8 हे मेरे दास इस्राएल, हे मेरे चुने हुए याकूब, हे मेरे प्रेमी इब्राहीम के वंश;
Isa 41:9 तू जिसे मैं ने पृथ्वी के दूर दूर देशों से लिया और पृथ्वी की छोर से बुला कर यह कहा, तू मेरा दास है, मैं ने तुझे चुना है और तजा नहीं;
Isa 41:10 मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा।
Isa 41:11 देख, जो तुझ से क्रोधित हैं, वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुंह काले होंगे और वे नाश होकर मिट जाएंगे।
Isa 41:12 जो तुझ से लड़ते हैं उन्हें ढूंढने पर भी तू न पाएगा; जो तुझ से युद्ध करते हैं वे नाश होकर मिट जाएंगे।
Isa 41:13 क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़ कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा।
Isa 41:14 हे कीड़े सरीखे याकूब, हे इस्राएल के मनुष्यों, मत डरो! यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरी सहायता करूंगा; इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ाने वाला है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३५-१३६
  • १ कुरिन्थियों १२