ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 12 फ़रवरी 2012

ज्योति

   अमेरीकी कारोबारी मार्क बेन्ट ने $२५०,००० शोध पर खर्च करके सौर उर्जा से चलने वाले और कम खर्च में बनकर उपलब्ध हो सकने वाले टॉर्च विकसित किए और बनाए। एक दिन की सौर उर्जा से एक टॉर्च ७ घंटे की रौशनी लोगों को उपलब्ध कराता है। ऐसे हज़ारों टॉर्च अफ्रीका के शरणार्थी शिविरों में मुफ्त या बहुत कम खर्च पर बाँटे गए हैं जहां वे घरों, स्कूलों और अस्पतालों में जीवन दायक रौशनी प्रदान कर रहे हैं; ऐसे स्थानों में जहां अन्धकार के कारण अपराध और हिंसा के कार्यों को प्रोत्साहन मिलता था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह के चित्रण में ज्योति और अन्धकार की तुलना अकसर देखने को मिलती है: "जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी" (यशायाह ९:२); "उस [यीशु] में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। और ज्योति अन्‍धकार में चमकती है; और अन्‍धकार ने उसे ग्रहण न किया" (युहन्ना १:४-५)।

    प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा "तुम जगत की ज्योति हो..." (मत्ती ५:१४)। आज, हम जो प्रभु यीशु के अनुयायी हैं, हम पर प्रभु की जीवन दायक ज्योति के फैलाने का दायित्व है। प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखा: "तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)" (फिलिप्पियों २:१५)।

   उस अनुग्रह और सामर्थ द्वारा जो हमें परमेश्वर से मिली है, हम परमेश्वर पर निर्भर होकर, अपने चारों ओर के आत्मिक अन्धकार से डरे और दबे बिना, जगत में ज्योति के समान चमकने वाले और दूसरों को जीवन का मार्ग दिखाने तथा जीवन ज्योति की ओर आकर्षित करने वाले बनें। - डेविड मैककैसलैंड


प्रभु यीशु आत्मिक अन्धकार से भरे संसार को जीवन ज्योति देने आया।

तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)। - फिलिप्पियों २:१५

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१२-१८
Php 2:12  सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष करके अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ।
Php 2:13 क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।
Php 2:14  सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो।
Php 2:15 ताकि तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)।
Php 2:16 कि मसीह के दिन मुझे घमण्‍ड करने का कारण हो, कि न मेरा दौड़ना और न मेरा परिश्रम करना व्यर्थ हुआ।
Php 2:17 और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लोहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्‍दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्‍द करता हूं।
Php 2:18 वैसे ही तुम भी आनन्‍दित हो, और मेरे साथ आनन्‍द करो।
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १३ 
  • मत्ती २६:२६-५०

शनिवार, 11 फ़रवरी 2012

उस पार

   मेरे एक मित्र से किसी ने कहा, "साल के बाद मिलते हैं" तो मेरे मित्र का उत्तर कुछ विचित्र लगा, क्योंकि उसने कहा, "हाँ, उस पार मिलेंगे।" यद्यपि यह कहने में उसका तात्पर्य था कि नौसेना में एक साल के कार्य पर भेजे जाने के कारण साल पूरा होने के ’उस पार’ ही अब मिलना हो पाएगा, लेकिन क्योंकि यह वाक्यांश साधारणतया दूसरे संदर्भ - मृत्युओपरांत की दशा के लिए प्रयोग होता है, इसलिए मेरे विचार जीवन की अनिश्चितताओं की ओर चले गए। मैं सोचने लगा, एक साल के बाद कौन यहां होगा और कौन नहीं किसे पता है? उस पार वालों में से कौन स्वर्ग में होगा?

   हम निश्चय ही यह नहीं जानते कि एक वर्ष, या अगला एक घंटा भी क्या लाने वाला है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने अपनी पत्री में इस अनिश्चितता के विषय में लिखा है। उसने उन लालची व्यापोरियों को संबोधित करते हुए उन्हें उलाहना दी और कहा, "तुम जो यह कहते हो, कि आज या कल हम किसी और नगर में जाकर वहां एक वर्ष बिताएंगे, और व्यापार करके लाभ उठाएंगे। और यह नहीं जानते कि कल क्‍या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्‍या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है" (याकूब ४:१३-१४)। टिप्पणीकार पीटर डेविड ने याकूब की इस बात पर टिप्पणी में कहा कि याकूब उन व्यापारियों को उनकी मूर्खता बता रहा था, और याकूब के कहने का तात्पर्य था कि, "तुम जो बड़ी बड़ी योजनाएं बनाते हो ज़रा सुनो और ध्यान दो; जीवन पर तुम्हारा क्या कोई नियंत्रण है जो तुम ऐसे योजनाएं बना रहे हो?"

   याकूब ने उन्हें स्मरण दिलाया कि जीवन भाप के समान क्षणभंगुर है। ऐसे में बिना परमेश्वर की इच्छा जाने और बिना अपना जीवन उसे समर्पित किए, अपनी लालसाओं की पूर्ति के लिए कोई भी योजना बनाना मूर्खता है। योजना बनाना बुरा नहीं है लेकिन घमण्ड करना और घमण्ड में आकर योजनाओं मे परमेश्वर को ना रखना बुरा है, पाप है। क्योंकि केवल वो ही है जो भविष्य जानता है इसलिए जो कुछ उसकी इच्छा के अनुसार होगा अन्ततः वही चिरस्थायी और सफल होगा, बाकी सब बिना कोई लाभ दिए मिट जाएगा।

   जीवन का कोई क्षेत्र परमेश्वर के नियंत्रण के बाहर नहीं है। इसलिए जब हम योजनाएं बनाएं तो व्यापारियों को दी गई याकूब की चेतावनी में उसका अगला वाक्य हमें स्मरण रखना चाहिए, "इस के विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, कि यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे" (याकूब ४:१५)। - एनी सेटास


परमेश्वर की इच्छा में बनी और परमेश्वर को समर्पित योजनाएं ही सफल योजनाएं होती हैं।

...तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है। - याकूब ४:१४

बाइबल पाठ: याकूब ४:१०-१७
Jas 4:10  प्रभु के साम्हने दीन बनो, तो वह तुम्हें शिरोमणि बनाएगा।
Jas 4:11  हे भाइयों, एक दूसरे की बदनामी न करो, जो अपने भाई की बदनामी करता है, या भाई पर दोष लगाता है, वह व्यवस्था की बदनामी करता है, और व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था पर चलने वाला नहीं, पर उस पर हाकिम ठहरा।
Jas 4:12  व्यवस्था देने वाला और हाकिम तो एक ही है, जिसे बचाने और नाश करने की सामर्थ है? तू कौन है, जो अपने पड़ोसी पर दोष लगाता है?
Jas 4:13  तुम जो यह कहते हो, कि आज या कल हम किसी और नगर में जाकर वहां एक वर्ष बिताएंगे, और व्यापार करके लाभ उठाएंगे।
Jas 4:14 और यह नहीं जानते कि कल क्‍या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्‍या तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है।
Jas 4:15  इस के विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, कि यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे।
Jas 4:16 पर अब तुम अपनी ड़ींग पर घमण्‍ड करते हो; ऐसा सब घमण्‍ड बुरा होता है।
Jas 4:17  इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ११-१२ 
  • मत्ती २६:१-२५

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

सही निवेष

   मैं स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव के साथ मनुष्यों पर उन के लोभ और धन के भय के प्रभाव देखकर विचार करता हूँ कि धन संचय उनके लिए कितना महत्वपूर्ण हो गया है। सन १९८० में बनी एक फिल्म के एक पात्र की धारणा थी: "लोभ भला है, सही है और सफल बनाता है। लोभ ही अमेरिका को बचाएगा" -  आज की अमेरिका की आर्थिक और नैतिक स्थिति इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि यह विचार कितना मूर्खतापूर्ण था और है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु से एक व्यक्ति का वार्तालाप मुझे स्मरण आता है। उस व्यक्ति ने प्रभु यीशु के पास आकर निवेदन किया कि प्रभु उसके भाई से बात करके संपत्ति के बंटवारे में उन की सहयाता करे। प्रभु यीशु ने उसका यह निवेदन ठुकरा दिया परन्तु उस व्यक्ति के साथ एक बड़ी भलाई करी; उसे उसके निवेदन के पीछे छुपे उद्देश्य और उसके नतीजों से अवगत करा दिया: "और उस ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्‍योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता" (लूका १२:१५)।

   इसके साथ ही प्रभु ने एक नीतिकथा के द्वारा सही निवेष के बारे में भी सिखाया; प्रभु ने बताया कि कैसे एक मनुष्य के पास बहुत उपज हुई और वह अपनी संपत्ति की वृद्धि और उससे मौज-मस्ती की योजनाएं बनाने लगा। तब परमेश्वर ने उस से कहा: "हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिए धन बटोरता है, परन्‍तु परमेश्वर की दृष्‍टि में धनी नहीं" (लूका १२:२०-२१)।

   लोभ के साथ समस्या यह है कि अन्ततः जमा किया हुआ धन बना नहीं रहता; किंतु और भी बुरी बात यह है कि लोभ करने वाला मनुष्य भी बना नहीं रहता। बेहतर है कि हम परमेश्वर के पास स्वर्ग में अपना धन संजोएं, आत्मिक बातों में निवेष करें, परमेश्वर की दृष्टि में धनवान बनें; जिससे हमारा धन अनन्त काल तक हमारे लिए हमारे साथ रहे और हमें लाभ देता रहे। - डेविड रोपर

हमारा असली धन वह है जो हमने अनन्तता के लिए निवेष किया है।

क्‍योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा। - लूका १२:३४

बाइबल पाठ: लूका १२:१३-३१
Luk 12:13  फिर भीड़ में से एक ने उस से कहा, हे गुरू, मेरे भाई से कह, कि पिता की संपत्ति मुझे बांट दे।
Luk 12:14  उस ने उस से कहा; हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बांटने वाला नियुक्त किया है?
Luk 12:15  और उस ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्‍योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता।
Luk 12:16  उस ने उन से एक दृष्‍टान्‍त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई।
Luk 12:17  तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्‍या करूं, क्‍योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं।
Luk 12:18  और उस ने कहा, मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा;
Luk 12:19  और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह।
Luk 12:20  परन्‍तु परमेश्वर ने उस से कहा; हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा?
Luk 12:21  ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्‍तु परमेश्वर की दृष्‍टि में धनी नहीं।
Luk 12:22  फिर उस ने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्‍ता न करो, कि हम क्‍या खाएंगे? न अपने शरीर की कि क्‍या पहिनेंगे?
Luk 12:23  क्‍योंकि भोजन से प्राण, और वस्‍त्र से शरीर बढ़कर है।
Luk 12:24  कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उन के भण्‍डार और न खत्ता होता है; तौभी परमेश्वर उन्‍हें पालता है; तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है।
Luk 12:25  तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्‍ता करने से अपनी अवस्था में ऐक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
Luk 12:26  इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्‍यों चिन्‍ता करते हो?
Luk 12:27  सोसनों के पौधों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में, उन में से किसी एक के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
Luk 12:28  इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है, तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्‍यों न पहिनाएगा?
Luk 12:29  और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्‍या खाएंगे और क्‍या पीएंगे, और न सन्‍देह करो।
Luk 12:30  क्‍योंकि संसार की जातियां इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्‍तुओं की आवश्यकता है।
Luk 12:31  परन्‍तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्‍तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ८-१० 
  • मत्ती २५:३१-४६

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

सहभागिता

   सामान्य रीति से परमेश्वर अपनी सृष्टि में होकर और सृष्टि के द्वारा कार्य करता है; इसी कारण प्रार्थनाओं के उत्तर प्रमाणित कर पाना कठिन हो जाता है। सी.एस. ल्यूइस ने लिखा है, "केवल विश्वास ही इस संबंध की पुष्टि कर सकता है; इसके लिए कोई प्रयोगसिद्ध प्रमाण नहीं दिया जा सकता।" हमारा यह मानना कि हमारी प्रार्थना का उत्तर मिला है किसी वैज्ञानिक कसौटी पर प्रमाणित हो सकने वाली किसी बात पर आधारित नहीं है, वरन हमारे विश्वास पर आधारित है।

   परमेश्वर को अनुभव करने के जो माध्यम और विधियां हमें उपलब्ध हैं - प्रकृति, बाइबल, प्रभु भोज, चर्च, अन्य लोग आदि, वे भौतिक हैं, स्पर्श किए जा सकते हैं या अनुभव किए जा सकते हैं। किंतु परमेश्वर की स्थिति भौतिक नहीं है, वह आत्मिक है। प्रार्थना इसी अंतर को प्रतिबिंबित करती है।

   चाहे हम परमेश्वर से किसी समस्या में सीधे सीधे हस्तक्षेप करने के लिए प्रार्थना करते हैं, किंतु हमें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि वह हमारे स्वभाव और विकल्पों में होकर परोक्ष रूप से ही उस प्रार्थना का कोई उत्तर दे दे। एक नशे की आदत से ग्रसित व्यक्ति प्रार्थना कर सकता है कि, "प्रभु मुझे आज नशे से बचा कर रखना।" उसकी इस प्रार्थना का उत्तर किसी अप्रत्याशित रीति से शराब की बोतलों या नशे की किसी अन्य वस्तु का उसकी अलमारी ग़ायब हो जाना नहीं होगा, वरन उसके अन्दर ही नशे के विरुद्ध उसके निर्णय की दृढ़ता द्वारा अथवा किसी अनपेक्षित किंतु वफादार मित्र से सहायता के रूप में या ऐसे ही किसी तरह से आ जाएगा।

   चाहे परमेश्वर किसी आलौकिक रीति से हमारी स्मस्या सुलझाए, या अपनी आज्ञाकारिता के लिए हमें सामर्थ दे, हम परमेश्वर के स्वभाव पर भरोसा रख सकते हैं कि वह हमारी प्रार्थना सुनता है और उत्तर देता है; क्योंकि अपने प्रत्येक विश्वासी और और उस पर किए गए विश्वास द्वारा बनी अपनी प्रत्येक सन्तान से उसकी घनिष्ठ और आत्मीय सहभागिता है। - फिलिप यैन्सी


प्रार्थना का एक महत्वपूर्ण भाग है उस प्रार्थना के उत्तर का एक भाग बनने को तैयार रहना।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों ४:६

बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:१-१०
Heb 11:1  अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्‍चय, और अन देखी वस्‍तुओं का प्रमाण है।
Heb 11:2  क्‍योंकि इसी के विषय में प्राचीनों की अच्‍छी गवाही दी गई।
Heb 11:3  विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्‍टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्‍तुओं से बना हो।
Heb 11:4  विश्वास की से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्‍योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।
Heb 11:5  विश्वास ही से हनोक उठा लिया गया, कि मृत्यु को न देखे, और उसका पता नहीं मिला, क्‍योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था, और उसके उठाए जाने से पहिले उस की यह गवाही दी गई थी, कि उस ने परमेश्वर को प्रसन्न किया है।
Heb 11:6  और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्‍योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है।
Heb 11:7  विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चितौनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उस ने संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है।
Heb 11:8  विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेने वाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं, तौभी निकल गया।
Heb 11:9  विश्वास ही से उस ने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रहकर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।
Heb 11:10 क्‍योंकि वह उस स्थिर नेव वाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ६-७ 
  • मत्ती २५:१-३०

बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

द्रुत एवं धीमा

   मुझे लगता है कि यदि आज के समय में सबसे लोकप्रीय गुण जानने के लिए कोई प्रतियोगिता आयोजित करी जाए तो "उत्तम करने" से बढ़्कर स्थान "जल्दी करना" प्राप्त करेगा। संसार के बहुतेरे लोगों और संस्थाओं पर द्रुत गति की धुन सवार है। लेकिन द्रुत गति से कार्य कर पाना हमें जलदी ही कहीं पहुंचाने वाला नहीं है।

   अपनी पुस्तक In Praise of Slowness में लेखक कार्ल ओनोरे ने लिखा, "समय आ गया है कि हम कार्य को जलदी से कर लेने की अपनी धुन को चुनौती दें। द्रुत गति अपनाना ही सदा सबसे बेहतर नीति नहीं होती।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार, कार्ल बिल्कुल सही हैं। प्रभु यीशु के चेले और प्रेरित पतरस ने चिताया था कि अंत के दिनों में लोग प्रभु यीशु पर यह कह कर सन्देह करेंगे क्योंकि वह लौट कर आने की अपनी वाचा को पूरा करने में धीमा है (धीरज धरता है)। लेकिन साथ ही पतरस ने ध्यान दिलाया कि प्रभु का यह विलम्ब वास्तव में संसार के लिए भला है, क्योंकि वह लोगों को पापों से पश्चाताप करने, उद्धार पाने और नरक के दण्ड से बचने के लिए अधिक से अधिक संभव समय दे रहा है (२ पतरस ३:९); साथ ही यह उसके धीरजवन्त होने और विलम्ब से कोप करने के गुण (निर्गमन ३४:६) की भी पूर्ति है।

   प्रभु के एक अन्य चेले ने भी अपनी पत्री में लिखा कि हमें, जो प्रभु के अनुयायी हैं, "हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो" (याकूब १:१९)। ज़रा सोचिए, संसार में हम कितने आपसी बखेड़े और लड़ाई-झगड़े से बच सकते हैं यदि हम सचमुच सुनना - केवल चुप हो जाना ही नहीं, वरन कोई भी प्रत्युत्तर देने या बोलने से पहले, ध्यान देकर दूसरे की सुनना आरंभ कर दें।

   संसार के कार्यों में अपनी व्यस्तताओं और लक्ष्यों की पूर्ति की तेज़ भाग-दौड़ में, स्मरण रखें कि सुनने में द्रुत और प्रत्युत्तर देने तथा क्रोध करने में धीमे होने के द्वारा हम ना केवल प्रभु की आज्ञा का पालन करेंगे, वरन साथ ही अपना तथा दूसरों का भी भला भी करेंगे; और संसार को बेहतर स्थान बनाने में योगदान देंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब दूसरे के प्रति अधीर होने का कारण हो तो स्मरण कर लें कि परमेश्वर आपके प्रति कितना धीरजवन्त रहता है।

प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले। - २ पतरस ३:९

बाइबल पाठ: २ पतरस ३:१-११

2Pe 3:1  हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिलाकर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूं।
2Pe 3:2  कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी।
2Pe 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों मे हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
2Pe 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई; क्‍योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था?
2Pe 3:5  वे तो जान बूझकर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
2Pe 3:6 इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया।
2Pe 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृ्थ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2Pe 3:8  हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।
2Pe 3:9  प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2Pe 3:10  परन्‍तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्‍द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त होकर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2Pe 3:11  तो जब कि ये सब वस्‍तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चालचलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ४-५ 
  • मत्ती २४:२९-५१

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

भंग ध्यान?

   जिस विश्वविद्यालय में मैं पढ़ाता हूँ, वहाँ छात्रों को, उनके अध्ययन में सुविधा के लिए, लैपटॉप कंप्यूटर उपलब्ध कराए जाते हैं। यद्यपि यह सुविधा उनके अध्ययन के लिए निसंदेह सहायक है, किंतु मैंने पाया है कि कक्षा में यह उनके अध्ययन में बाधा भी बन जाती है।

   क्योंकि विद्यार्थी अपने लैपटॉप्स पर ही लेक्चर के नोट्स बनाते हैं, इसलिए कक्षा में लेक्चर के समय वे सब अपने लैपटॉप खोल कर बैठते हैं। किंतु समस्या यह है कि लेक्चर के नोट्स बनाने के स्थान पर उनमें से कई अपने मित्रों के साथ संपर्क करना, फेसबुक पर देखना और लिखना या इंटरनैट पर अन्य किसी बात के लिए सर्फ करना आदि में लगे रहते हैं। ऐसे में, स्वाभाविक है कि उनका ध्यान मेरे लेक्चर की ओर नहीं वरन इन ध्यान भंग करने वाली बातों में रहेगा। चाहे अपने आप में वे बातें उचित हों, सकारात्मक हों, भली हों, ज्ञानवर्धक हों किंतु ऐसे में लैपटॉप की यह भली सुविधा उनके अध्ययन में सहायक नहीं नुकसानदेह बन जाती है।

   कई भली बातें ऐसे ही हमारे जीवनों में मुख्य उद्देश्य से ध्यान हटा कर, हमारे लिए नुकसानदेह हो जाती हैं, क्योंकि जिस प्राथमिकता पर हमें अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वे उससे हमारा ध्यान हटा देती हैं। यही प्रभु यीशु से प्रेम करने वाले एक परिवार में घटित हुआ; उस परिवार ने प्रभु को अपने घर आमंत्रित किया और प्रभु की सेवा टहल के लिए एक बहन मार्था तो दौड़-धूप में लग गई, किंतु दूसरी बहन मरियम प्रभु के चरणों पर बैठकर उस की सुनने लगी। थोड़ी देर में "पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई..." और प्रभु ही को उलाहना देने लगी "...और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्‍या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे" (लूका १०:४०)।

   क्या आपके जीवन में भी कोई ऐसी आदत या गतिविधि या कोई शौक है जो अपने आप में तो ज़रा भी बुरा नहीं है, लेकिन वह आपके परिवार की ज़िम्मेदारियां निभाने में और प्रभु के साथ उचित समय बिताने में बाधा बनता है? क्या कुछ ’भली बातें’ आपका ध्यान आपकी प्राथमिकताओं से भंग कर रहीं हैं? यदि हाँ, तो यह समय है कि आप इस बात की ओर ध्यान दें, और अपने जीवन में आवश्यक परिवर्तन लाएं।

   जैसे प्रभु यीशु ने मार्था को समझाया, भले की नहीं उत्तम की सोचें और उससे अपना ध्यान भंग ना होने दें; अपने सर्वोत्तम उद्देश्य को पूरा करें। - डेव ब्रैनन


हम परमेश्वर की महिमा के लिए सृजे गए हैं; यही हमारे जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य है।

पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्‍या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे। - लूका १०:४०

बाइबल पाठ: लूका १०:३८-४२

Luk 10:38  फिर जब वे जा रहे थे, तो वह एक गांव में गया, और मार्था नाम एक स्त्री ने उसे अपने घर में उतारा।
Luk 10:39  और मरियम नाम उस की एक बहिन थी; वह प्रभु के पांवों के पास बैठकर उसका वचन सुनती थी।
Luk 10:40  पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्‍या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे।
Luk 10:41  प्रभु ने उसे उत्तर दिया, मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्‍ता करती और घबराती है।
Luk 10:42  परन्‍तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है: जो उस से छीना न जाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १-३ 
  • मत्ती २४:१-२८

सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

ज्योति बनें

   मेरे एक मित्र को प्रति वर्ष यह अवसर मिलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली सालाना फुटबॉल प्रतियोगिता में पत्रकार की हैसियत से शामिल हो। उसका काम होता है वहां पर जो खिलाड़ियों और खेल संबंधित कर्मचारियों में मसीही विश्वासी हैं, मसीही विश्वास से संबंधित कार्यक्रम में प्रसारण के लिए उनके साक्षातकार ले।

   कुछ साल पहले जब पहले-पहल उसने यह काम करना आरंभ किया तो वहां पर लोगों मे प्रचलित घमंड, स्वार्थ, मौज-मस्ती के वातावरण के कारण उसका मन विचलित और निराश हो गया। उसका कहना था कि, "मैंने उस स्थान को बड़े अंधकार का स्थान पाया।"

   एक दिन उसने एक मसीही विश्वासी और भूतपूर्व फुटबॉल खिलाड़ी से अपनी व्यथा बयान करी। उस खिलाड़ी ने मेरे मित्र की ओर देखा और कहा, "भाई, इस अंधकार के स्थान में आप ज्योति का कार्य कर रहें हैं।" उस बात ने मेरे मित्र को स्मरण दिलाया कि वह वहां क्यों है, और उसे इससे परमेश्वर की सेवकाई के लिए अपनी कटिबद्धता को दृढ़ करने में सहायता मिली। पाप के अंधकार से भरे स्थान में सुसमाचार की ज्योति चमकाने के लिए वह प्रोत्साहित हो सका।

   हो सकता है कि आप भी किसी ऐसे स्थान पर कार्य कर रहें हैं जहां परमेश्वर को कोई महत्व नहीं देता, विश्वास की खिल्ली उड़ाई जाती है और भक्तिहीन, स्वार्थी जीवनशैली तथा नास्तिक विचारधारा का अनुमोदन किया जाता है। शायद आपको भी लगता है कि आप किसी बहुत अंधकार से भरे स्थान में से होकर निकल रहे हैं।

   क्यों न ऐसे में ज्योति बन जाएं: "क्‍योंकि तुम तो पहले अन्‍धकार थे परन्‍तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्‍तान की नाईं चलो" (इफिसियों ५:८)। कठिनाईयों में भी अपनी मुस्कान, अपने विनम्र स्वभाव, दयालु कार्य और कार्य में मेहनत, खराई तथा ईमानदारी के द्वारा अपने आस-पास के माहौल को रौशन कर दें।

   परमेश्वर से कहें कि आपको सुसमाचार दूसरों के साथ बांटने के अवसर दे, और आप उन अवसरों सदुपयोग करने वाले हों। हो सकता है कि किसी के लिए परमेश्वर की ओर से पाप के अंधकार में सच्ची ज्योति को दिखाने वाले आप ही एक माध्यम हों। - डेव ब्रैनन

मसीह के लिए हमारे जीवन कि गवाही इस अंधियारे संसार में ज्योति के समान है।

क्‍योंकि तुम तो पहले अन्‍धकार थे परन्‍तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्‍तान की नाईं चलो। - इफिसियों ५:८

बाइबल पाठ: इफिसियों ५:८-१४

Eph 5:8  क्‍योंकि तुम तो पहले अन्‍धकार थे परन्‍तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्‍तान की नाईं चलो।
Eph 5:9  (क्‍योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)।
Eph 5:10  और यह परखो, कि प्रभु को क्‍या भाता है
Eph 5:11  और अन्‍धकार के निष्‍फल कामों में सहभागी न हो, वरन उन पर उलाहना दो।
Eph 5:12  क्‍योंकि उन के गुप्‍त कामों की चर्चा भी लाज की बात है।
Eph 5:13  पर जितने कामों पर उलाहना दिया जाता है वे सब ज्योति से प्रगट होते हैं, क्‍योंकि जो सब कुछ को प्रगट करता है, वह ज्योति है।
Eph 5:14  इस कारण वह कहता है, हे सोनेवाले जाग और मुर्दों में से जी उठ; तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी।
Eph 5:15  इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो।
Eph 5:16  और अवसर को बहुमोल समझो, क्‍योंकि दिन बुरे हैं।
Eph 5:17  इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्‍छा क्‍या है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन ३९-४० 
  • मत्ती २३:२३-३९