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गुरुवार, 15 मार्च 2012

प्रतिरक्षा की अंतिम पंक्ति

   अमेरिका के गृह युद्ध में गेट्सीबर्ग, पेन्सिलवेनिया की लड़ाई वह निर्णायक लड़ाई मानी जाती है जिसने युद्ध की दिशा अमेरिका के राष्ट्रवादियों के पक्ष में मोड़ दी थी। उस युद्ध का एक केंद्र बिन्दु था एक चट्टानी क्षेत्र में लड़ा गया युद्ध जहां कर्नल जोशुआ लौरेंस चैम्बरलेन और उनकी सेना २०वीं मेइन इन्फेन्ट्री ने मोर्चा संभाला हुआ था। यदि कॉनफैडेरेट सेना चेम्बरलेन की २०वीं मेइन इन्फेन्ट्री से पार हो पाते तो इतिहासकारों का मानना है कि फिर राष्ट्रवादियों की सेना कॉनफैडरेट सेनाओं से घिर जाती और सम्भवतः फिर वे युद्ध हार जाते। २०वीं मेइन इन्फेन्ट्री उस युद्ध में प्रतिरक्षा की अंतिम पंक्ति साबित हुई जिसने युद्ध को राष्ट्रवादियों के पक्ष में कर दिया।

   मसीह यीशु के अनुयायी भी एक महत्वपूर्ण युद्ध में लगे हैं - शैतान और उसकी सेनाओं और युक्तियों के साथ (इफिसियों ६:११)। इस युद्ध में खड़े रहने के लिए हमें हमारे सेनापति परमेश्वर से उसके हथियार बांध लेने का आवाहन है (इफिसियों ६:१०-१८)।

   गेट्सीबर्ग के उस युद्ध में मनुष्यों कि एक महान किंतु हार सकने की संभावना रखने वाली सेना प्रतिरक्षा की अंतिम पंक्ति बन कर खड़ी हुई थी, किंतु हमारे इस आत्मिक युद्ध में प्रतिरक्षा की हमारी अंतिम पंक्ति भी वही है जो आरंभिक पंक्ति है। हमारी प्रतिरक्षा ऐसी सामर्थ के द्वारा है सृष्टि में जिसका सामना कर सकने वाली और कोई सामर्थ नहीं है। प्रेरित पौलुस रोमियों ८:३१-३९ में बयान करता है कि हमारा एकमात्र और अडिग सहारा है प्रभु यीशु मसीह का हमारे प्रति प्रेम। यह प्रेम हमारा ऐसा सुरक्षाकवच है कि सृष्टि में ऐसी कोई सामर्थ नहीं है जो "हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी" (रोमियों ८:३९)।

   जब कभी शत्रु अति प्रबल नज़र आए और ऐसा लगे कि अब कुछ नहीं हो सकता, तो प्रत्येक मसीही विश्वासी को स्मरण कर लेना चाहिए कि उसकी सुरक्षा की अंतिम पंक्ति इस सृष्टि का सृजनहार है, समस्त सृष्टि में जिसकी सामर्थ से बढ़कर कोई सामर्थ नहीं है, और हम उसके द्वारा जिस ने "हम से प्रेम किया है, जयवन्‍त से भी बढ़कर हैं" (रोमियों ८:३७)। - बिल क्राउडर


परमेश्वर की हर योजना विजय ही की योजना है।

परन्‍तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्‍त से भी बढ़कर हैं। - रोमियों ८:३७
 
बाइबल पाठ: रोमियों ८:३१-३९
Rom 8:31  सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है
Rom 8:32  जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍योंकर न देगा?
Rom 8:33  परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उनको धर्मी ठहराने वाला है।
Rom 8:34  फिर कौन है जो दण्‍ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
Rom 8:35  कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्‍या क्‍लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
Rom 8:36  जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं।
Rom 8:37  परन्‍तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्‍त से भी बढ़कर हैं।
Rom 8:38  क्‍योंकि मैं निश्‍चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्‍वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्य, न ऊंचाई,
Rom 8:39  न गहिराई और न कोई और सृष्‍टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण २६-२७ 
  • मरकुस १४:२७-५३

बुधवार, 14 मार्च 2012

बेजोड़ विशेषाधिकार

   अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति John F. Kennedy के पुत्र John F. Kennedy Jr. और उनका एक मित्र बिल्ली को अमेरीकी नौसेना के युद्धपोत USS John F. Kennedy पर आने का निमंत्रण मिला। युद्धपोत को दिखने और उसके बारे में बताने के लिए नौसेना का एक कर्मचारी भी उअन्के साथ मार्गदर्शक के रूप में था। घूमते घूमते वे तीनों अनायास हि पोत के एक ऐसे क्षेत्र में पहुँच गए जो दर्शको के लिए वर्जित है। जब एक नौसेना अधिकारी ने उन्हें वहां रोका तो उनके मार्गदर्शक ने John F. Kennedy Jr. की ओर सम्केत करते हुए उस अधिकारी से कहा, "यह इनके पिताजी का पोत है।" यह सुनते ही वह अफसर "सावधान" की मुद्रा में खड़ा हो गया और John F. Kennedy Jr. को सलाम किया। उनके मार्गदर्शक ने बताया कि नौसेना में प्रथा है कि यदि किसी पोत का नाम किसी व्यक्ति के नाम पर रखा जाता है तो वह पोत उसि व्यक्ति का माना जाता है जिसके नाम पर उस पोत का नाम रखा गया। इस कारण क्योंकि उस पोत का नाम John F. Kennedy Jr. के पिता भूतपूर्व राष्ट्रपति John F. Kennedy के नाम पर रखा गया था इस लिए John F. Kennedy Jr. को उस पोत पर कुछ बेजोड़ विशेषाधिकार प्राप्त थे।

   यह एक महत्वपुर्ण आत्मिक सिद्धांत को भी दिखाता है। प्रेरित पौलुस ने लिखा कि मसीही विश्वासी होने के नाते हम, "... यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों" (इफिसियों १:४-५)। पापों से पश्चाताप और प्रभु यीशु में किए गए विश्वास के बाद जब हम उद्धार प्राप्त करके परमेश्वर के परिवार में सम्मिलित हो जाते हैं तो हम मसीही विश्वासियों को भी परमेश्वर की संतान होने के बेजोड़ विशेषाधिकार मिल जाते हैं। अब हमारी देह परमेश्वर के पवित्र आत्मा का मंदिर हो जाती है, और वह हम में वास करता है (१ कुरिन्थियों ६:१९-२०); हमें परमेश्वर को "हे अब्बा, हे पिता" कहकर पुकारने का अधिकार मिल जाता है (रोमियों ८:१५); हम मसीह यीशु के संगी वारिस बनाए गए हैं (रोमियों ८:१७); अब जो हम में है वह उस से जो संसार में है बड़ा है (१ युहन्ना ४:४); परमेश्वर सदा ही हमें मसीह यीशु में जय के उत्सव में लिए चलता है (२ कुरिन्थियों २:१४) और परमेश्वर के स्वर्गदूत हमारी सेवा-टहल करने वाली आत्माएं बन जाते हैं (इब्रानियों १:१३-१४)।

   जीवन की चुनौतियों से भरी राह में हम इन सभी बातों से सामर्थ ले सकते हैं तथा किसी भी मसीही विश्वासी को कभी निराशा का जीवन जीने या हारा हुआ महसूस करने की कोई आवश्यक्ता नहीं है। - डेनिस फिशर


मसीही विश्वासी की मीरास अनन्त काल के लिए निश्चित है।
और अपनी इच्‍छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों - इफिसियों १:५
बाइबल पाठ: रोमियों ८:१२-१७
Rom 8:12  सो हे भाइयो, हम शरीर के कर्जदार नहीं, ताकि शरीर के अनुसार दिन काटें।
Rom 8:13 क्‍योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रियाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे।
Rom 8:14  इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं।
Rom 8:15 क्‍योंकि तुम को दासत्‍व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्‍तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्‍बा, हे पिता कहकर पुकारते हैं।
Rom 8:16 आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्‍तान हैं।
Rom 8:17 और यदि सन्‍तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं।
एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण २३-२५ 
  • मरकुस १४:१-२६

मंगलवार, 13 मार्च 2012

सुरक्षित हाथ


   मैनचेस्टर युनाइटिड फुटबॉल टीम के गोलरक्षक एडविन वैन डर सार के हाथ बहुत सुरक्षित हाथ थे। उसने अपनी टीम के गोल में गेंद को १०३२ मिनिट तक जाने नहीं दिया, जो एक ही फुटबॉल खेलने के समय-काल में बनाया गया विश्व रिकॉर्ड है। इसका अर्थ है कि एडविन ने ९० मिनिट के खेल वाले लगभग १५ खेलों में गेंद को अपने गोल में आने नहीं दिया, यानि, उतने समय तक कोई उसकी टीम के खिलाफ एक भी गोल नहीं कर सका। उसका यह रिकॉर्ड तब टूटा जब मार्च २००६ में प्रतिद्वन्दी टीम एक गोल करने पाई।

   भजनकार दाउद ने भी सबसे सुरक्षित हाथों में सांत्वना पाई - परमेश्वर के हाथों में। उसने भजन १३८ में परमेश्वर से मिलने वाली सुरक्षा के बारे में लिखा: "चाहे मैं संकट के बीच में रहूं तौभी तू मुझे जिलाएगा, तू मेरे क्रोधित शत्रुओं के विरूद्ध हाथ बढ़ाएगा, और अपने दाहिने हाथ से मेरा उद्धार करेगा" (भजन १३८:७)। दाउद के समान हम भी परमेश्वर की ओर देख सकते हैं, उसके सबसे सुरक्षित हाथों में प्रत्येक खतरे और पराजय के भय से बच कर रह सकते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने भी उन सुरक्षित हाथों के विष्य में अपने चेलों को आश्वस्त किया: "मेरी भेड़ें मेरा शब्‍द सुनती हैं, और मैं उन्‍हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं। और मैं उन्‍हें अनन्‍त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्‍हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। मैं और पिता एक हैं" (यूहन्ना १०:२७-३०)।

   प्रभु यीशु के एक अन्य चेले यहूदा ने भी अपनी पत्री में लिखा: "अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के साम्हने मगन और निर्दोष करके खड़ा कर सकता है। उस अद्वैत परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, और गौरव, और पराक्रम, और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन" (यहूदा १:२४-२५)। इसका यह तात्पर्य नहीं है कि हम मसीही विश्वासियों को कभी कोई ठोकर नहीं लगेगी, वरन यह कि संसार हमें चाहे जैसे भी गिराने या नुकसान पहुँचाने की कोशिश करे, हम परमेश्वर के सुरक्षित हाथों के बाहर कभी नहीं जा सकते, हमारा स्थाई नुकसान कभी नहीं हो सकता, कोई हमें परमेश्वर से दूर नहीं कर सकता।

   परमेश्वर के सुरक्षित हाथ वे हाथ हैं जो कभी असफल नहीं हो सकते; कभी नहीं, किसी हाल नहीं। क्या आपने अपने आप को उन सुरक्षित हाथों की सुरक्षा में समर्पित कर दिया है? - सी.पी.हीया


परमेश्वर के हाथों से अधिक सुरक्षित और कोई स्थान नहीं है।


चाहे मैं संकट के बीच में रहूं तौभी तू मुझे जिलाएगा, तू मेरे क्रोधित शत्रुओं के विरूद्ध हाथ बढ़ाएगा, और अपने दाहिने हाथ से मेरा उद्धार करेगा। - भजन १३८:७


बाइबल पाठ: भजन १३८
Psa 138:1  मैं पूरे मन से तेरा धन्यवाद करूंगा, देवताओं के साम्हने भी मैं तेरा भजन गाऊंगा।
Psa 138:2  मैं तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत् करूंगा, और तेरी करूणा और सच्चाई के कारण तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने अपने वचन को अपने बड़े नाम से अधिक महत्व दिया है।
Psa 138:3  जिस दिन मैं ने पुकारा, उसी दिन तू ने मेरी सुन ली, और मुझ में बल देकर हियाव बन्धाया।
Psa 138:4  हे यहोवा, पृथ्वी के सब राजा तेरा धन्यवाद करेंगे, क्योंकि उन्होंने तेरे वचन सुने हैं;
Psa 138:5  और वे यहोवा की गति के विषय में गाएंगे, क्योंकि यहोवा की महिमा बड़ी है।
Psa 138:6  यद्यपि यहोवा महान है, तौभी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है, परन्तु अहंकारी को दूर ही से पहिचानता है।
Psa 138:7  चाहे मैं संकट के बीच में रहूं तौभी तू मुझे जिलाएगा, तू मेरे क्रोधित शत्रुओं के विरूद्ध हाथ बढ़ाएगा, और अपने दाहिने हाथ से मेरा उद्धार करेगा।
Psa 138:8  यहोवा मेरे लिये सब कुछ पूरा करेगा; हे यहोवा, तेरी करूणा सदा की है। तू अपने हाथों के कार्यों को त्याग न दे।


एक साल में बाइबल: 

  • व्यवस्थाविवरण २०-२२ 
  • मरकुस १३:२१-३७

सोमवार, 12 मार्च 2012

सामूहिक लक्ष्य

   अमेरिका में उल्लू की एक जाति Spotted Owl लुप्त होती जा रही है। पहले सोचा जा रहा था कि ऐसा पुराने पेड़ों के काटे जाने के कारण है, क्योंकि उनके खोखलों में उल्लु अपना घोंसला बनाते हैं। किंतु नए शोध से जो बात सामने आई वह बिलकुल भिन्न है। इन उल्लुओं के लुप्त होने का कारण उनकी ही एक और जाति कि उपस्थिति है। पिछले १५ वर्षों से उल्लु की एक और जाति Barred Owl तेज़ी से पश्चिम की ओर बढ़ रही है, उसी इलाके में जहाँ Spotted Owl पहले से ही रहते आए हैं। ये नए आगंतुक Barred Owl, वो ही भोजन लेते हैं जो वहाँ पहले ही से रहने वाले Spotted Owl लेते हैं; क्योंकि ये नए आगंतुक स्वभाव में पुराने बसने वाले उल्लुओं से अधिक आक्रमणकारी हैं और अपने आप को परिस्थितियों के अनुसार ढालने में अधिक सक्षम हैं, इसलिए वे पुरानों से अधिक भोजन पा लेते हैं और इस कारण पुराने रहने वाले Spotted Owl भोजन के आभाव में घटते जा रहे हैं। उल्लुओं की यह परस्पर सपर्धा चाहे एक के लिए लाभकारी हो किंतु दूसरे के लिए विनाशकारी होती जा रही है, और अन्ततः कुल मिलाकर नुकसान उल्लु जाति का ही हो रहा है।

   इसी प्रकार से, मसीही विश्वासियों में भी, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती चर्च के बाहर के लोगों से नहीं वरन अन्य विश्वासियों ही से आती है, जब वे आपसी तालमेल में कार्य करने की बजाए एक दूसरे से स्पर्धा करने लगते हैं, एक दुसरे के कार्य क्षेत्र में दखलांदाज़ी करने लगते हैं।

   ऐसा ही कुछ कुरिन्थुस की कलीसिया में भी हो रहा था। प्रेरित पौलुस ने उन्हें इस विभाजन और मतभेद की आत्मा में होकर कार्य करने के बारे में लिखा और चिताया, जो उस मण्डली की एकता और बढोतरी को प्रभावित कर रही थी। उसने उन्हें समझाया कि आवश्यक्ता है कि सब लोग आवश्यक बातों पर ध्यान लगा कर उनके पालन में एक होकर रहें ना कि अनावश्यक बातों पर ध्यान और समय बरबाद करके अकारण आपसी विवाद और मतभेदों में पड़ें।

   कुरिन्थुस के लोगों ने विभिन्न मसीही अगुवों के नाम पर अपने आप को बाँट लिया था। कोई अपने आप को पौलुस का अनुयायी कहता था तो कोई अपौलुस का तो कोई अन्य अपने आप को पतरस का अनुयायी कहता था, कोई कोई मसीह का अनुयायी होने की भी बात कर लेता था। ऐसा कर के वे अपने मनपसन्द अगुवे को अपने उद्धारकर्ता मसीह यीशु से भी प्रमुख स्थान देने लगे थे और मसीह में एक होकर मसीह के लिए कार्य करने की बजाए, अपने अगुवों के नाम पर गुटबाज़ी करके अपनी प्राथमिकताएं मसीह के कार्य से हटाने लगे थे।

   पौलुस ने उन्हें समझाया कि वह एक अनिवार्य कार्य जो प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए है, सुसमाचार का प्रचार है। यही हमारा सामूहिक उद्देश्य है, इसी के लिए हम सब मसीही विश्वासी हैं और इसी से मसीही मण्डली की बढ़ोतरी है। आपसी विभाजन से इस कार्य में बाधा आएगी, सुसमाचार प्रचार रुक जाएगा और मसीही विश्वासियों की बढ़ोतरी भी रुक जाएगी।

   प्रभु यीशु में साधारण विश्वास और पापों से पश्चाताप द्वारा सेंतमेंत मिलने उद्धार का प्रचार ही प्रत्येक मसीही विशवासी का निर्धारित लक्ष्य है। इस सामूहिक लक्ष्य की प्राप्ति में किसी व्यक्तिगत बात या अहं को आड़े ना आने दें; अन्यथा एक के बढ़ने और दूसरे के घटने से भी अन्ततः नुकसान मसीही विश्वासियों ही का होगा। - मार्विन विलियम्स


संगठित विश्वासी मण्डली ही सक्षम और सामर्थी मण्डली भी है।

हे भाइयो, मैं तुम से यीशु मसीह जो हमारा प्रभु है उसके नाम के द्वारा बिनती करता हूं, कि तुम सब एक ही बात कहो; और तुम में फूट न हो, परन्‍तु एक ही मन और एक ही मत होकर मिले रहो। - १ कुरिन्थियों १:१०


बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १:९-१८
1Co 1:9 परमेश्वर सच्‍चा है, जिस ने तुम को अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है।
1Co 1:10 हे भाइयो, मैं तुम से यीशु मसीह जो हमारा प्रभु है उसके नाम के द्वारा बिनती करता हूं, कि तुम सब एक ही बात कहो; और तुम में फूट न हो, परन्‍तु एक ही मन और एक ही मत होकर मिले रहो।
1Co 1:11 क्‍योंकि हे मेरे भाइयों, खलोए के घराने के लोगों ने मुझे तुम्हारे विषय में बताया है, कि तुम में झगड़े हो रहे हैं।
1Co 1:12  मेरा कहना यह है, कि तुम में से कोई तो अपने आप को पौलुस का, कोई अपुल्लोस का, कोई कैफा का, कोई मसीह का कहता है।
1Co 1:13 क्‍या मसीह बंट गया? क्‍या पौलुस तुम्हारे लिये क्रूस पर चढ़ाया गया या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला?
1Co 1:14 मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि क्रिस्‍पुस और गयुस को छोड़, मैं ने तुम में से किसी को भी बपतिस्मा नहीं दिया।
1Co 1:15  कहीं ऐसा न हो, कि कोई कहे, कि तुम्हें मेरे नाम पर बपतिस्मा मिला।
1Co 1:16 और मैं ने स्‍तिफनास के घराने को भी बपतिस्मा दिया; इन को छोड़, मैं नहीं जानता कि मैं ने और किसी को बपतिस्मा दिया।
1Co 1:17 क्‍योंकि मसीह ने मुझे बपतिस्मा देने को नहीं, वरन सुसमाचार सुनाने को भेजा है, और यह भी शब्‍दों के ज्ञान के अनुसार नहीं, ऐसा न हो कि मसीह का क्रूस व्यर्थ ठहरे।
1Co 1:18  क्‍योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्‍तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है।


एक साल में बाइबल: 

  • व्यवस्थाविवरण १७-१९ 
  • मरकुस १३:१-२०

रविवार, 11 मार्च 2012

परमेश्वर की करुणा

   "परमेश्वर की छोटी से छोटी करुणा के भी अयोग्य" - ये वे शब्द थे तो १७वीं सदी के कवि और पादरी जौर्ज हर्बर्ट ने अपनी अंगूठी पर खुदवा रखे थे, और यही वाक्यांश था जिसके प्रयोग के साथ वह अपनी पुस्तकें और पत्र हस्ताक्षरित करता था। ये शब्द परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक याकूब द्वारा कहे गए शब्दों पर आधारित हैं। याकूब ने अपने पाप और शर्मनाक व्यवहार के बावजुद जब अपने प्रति परमेश्वर कि बनी हुई करुणा पर विचार किया तो कहा: "...हे यहोवा, हे मेरे दादा इब्राहीम के परमेश्वर, तू ने तो मुझ से कहा, कि अपने देश और जन्मभूमि में लौट जा, और मैं तेरी भलाई करूंगा; तू ने जो जो काम अपनी करूणा और सच्चाई से अपने दास के साथ किए हैं, कि मैं जो अपनी छड़ी ही लेकर इस यरदन नदी के पार उतर आया, सो अब मेरे दो दल हो गए हैं, तेरे ऐसे ऐसे कामों में से मैं एक के भी योग्य तो नहीं हूं" (उत्पत्ति ३२:९-१०)।

   करुणा के लिए मूल इब्रानी भाषा में जो शब्द याकूब ने प्रयोग किया था वह है chesed, जिसका तात्पर्य परमेश्वर के लगातार बने रहने प्रेम और दया से है। यह महत्वपूर्ण है कि यह बात ऐसे मनुष्य के हृदय से निकली जो अपने आप को इसके लिए सर्वथा अयोग्य जानता था।

   परमेश्वर के प्रेम पर पूर्ण्तया आधारित होकर याकूब इससे अगले ही वाक्य में पुकारता है, "मुझे छुड़ा ले!" विचारों का कैसा विरोधाभास - एक ओर वह अपने आप को परमेश्वर कि करुणा के सर्वथा अयोग्य कह रहा है, किंतु साथ ही उस से ही विपत्तियों से अपने छुड़ाए जाने की गुहार भी लगा रहा है। याकूब जानता था कि उसके पाप ने सब कुछ जो उसके पास है उसे परमेश्वर के उपयोग के लिए दूषित और अयोग्य कर दिया है; उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके आधार पर वह परमेश्वर को अपनी सहायता के लिए मना सके। उसने अपने आप को परमेश्वर की करुणा और अनुग्रह के अयोग्य व्यक्ति स्वीकार कर लिया। लेकिन परमेश्वर को लगाई गई उसकी गुहार उसकी अपनी किसी योग्यता पर आधारित नहीं थी वरन परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर आधारित थी कि वह हर उस व्यक्ति पर अनुग्रह करेगा जो उसकी करुणा के आसरे पर अपने आप को छोड़ देता है। नम्रता और टूटा तथा पिसा हुआ मन ही वह कुंजी है जो परमेश्वर के हृदय द्वार को खोल देती है।

   जैसे उसने याकूब के साथ किया, आज परमेश्वर हमारी पुकार भी सुनता है, जब हम अपनी किसी योग्यता या किसी सामर्थ या किसी उपलब्धि के सहारे नहीं वरन नम्र और दीन होकर, अपने पापों तथा अयोग्यता को स्वीकार करते हुए, उसकी करुणा पर अपने आप को छोड़ देते हैं, क्षमा याचना के साथ उसके अनुग्रह की गुहार लगाते हैं। - डेविड रोपर


अनुग्रह, परमेश्वर द्वारा, उसके सर्वथा अयोग्य व्यक्ति को दिया जाने वाला वह दान है जो वह व्यक्ति किसी रीति से कभी कमा नहीं सकता।

...तेरे ऐसे ऐसे कामों में से मैं एक के भी योग्य तो नहीं हूं। - उत्पत्ति ३२:१०
बाइबल पाठ: उत्पत्ति ३२:३-१३
Gen 32:3 तब याकूब ने सेईर देश में, अर्थात एदोम देश में, अपने भाई एसाव के पास अपने आगे दूत भेज दिए।
Gen 32:4  और उस ने उन्हें यह आज्ञा दी, कि मेरे प्रभु एसाव से यों कहना; कि तेरा दास याकूब तुझ से यों कहता है, कि मैं लाबान के यहां परदेशी होकर अब तक रहा;
Gen 32:5  और मेरे पास गाय-बैल, गदहे, भेड़-बकरियां, और दास-दासियां है: सो मैं ने अपने प्रभु के पास इसलिये संदेशा भेजा है, कि तेरी अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।
Gen 32:6  वे दूत याकूब के पास लौट के कहने लगे, हम तेरे भाई एसाव के पास गए थे, और वह भी तुझ से भेंट करने को चार सौ पुरूष संग लिये हुए चला आता है।
Gen 32:7  तब याकूब निपट डर गया, और संकट में पड़ा : और यह सोचकर, अपने संगवालों के, और भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, और ऊंटो के भी अलग अलग दो दल कर लिये,
Gen 32:8  कि यदि एसाव आकर पहिले दल को मारने लगे, तो दूसरा दल भाग कर बच जाएगा।
Gen 32:9  फिर याकूब ने कहा, हे यहोवा, हे मेरे दादा इब्राहीम के परमेश्वर, तू ने तो मुझ से कहा, कि अपने देश और जन्मभूमि में लौट जा, और मैं तेरी भलाई करूंगा :
Gen 32:10  तू ने जो जो काम अपनी करूणा और सच्चाई से अपने दास के साथ किए हैं, कि मैं जो अपनी छड़ी ही लेकर इस यरदन नदी के पार उतर आया, सो अब मेरे दो दल हो गए हैं, तेरे ऐसे ऐसे कामों में से मैं एक के भी योग्य तो नहीं हूं।
Gen 32:11  मेरी बिनती सुनकर मुझे मेरे भाई एसाव के हाथ से बचा : मैं तो उस से डरता हूं, कहीं ऐसा ने हो कि वह आकर मुझे और मां समेत लड़कों को भी मार डाले।
Gen 32:12  तू ने तो कहा है, कि मैं निश्चय तेरी भलाई करूंगा, और तेरे वंश को समुद्र की बालू के किनकों के समान बहुत करूंगा, जो बहुतायत के मारे गिने नहीं जो सकते।

एक साल में बाइबल: 

  • व्यवस्थाविवरण १४-१६ 
  • मरकुस १२:२८-४४




शनिवार, 10 मार्च 2012

याद्दाश्त

   जिल प्राईस की याद्दाश्त विलक्षण है और वैज्ञानिक उससे चकित हैं। सन २००६ में एक वैज्ञानिक पत्रिका में उसकी विलक्षण याद्दाश्त के बारे में लेख छपा: "A Case of Unusual Autobiographical Remembering" (असाधारण आपबीती बातों को स्मरण रखने की क्षमता)। जिल प्राइस के पास शब्दों, संख्याओं, घटनाओं या भाषाओं को याद करने की कोई विशेष क्षमता नहीं है। लेकिन पिछले ३० वर्षों में जो भी उसके साथ किसी भी दिन हुआ है, वह उसे पूर्णतः याद रहता है। आप कोई भी तारीख बोल दीजिए, जिल उसका स्पताह का दिन, उस दिन का मौसम, उस दिन उसने क्या खाया था, कौन से टी.वी. प्रोग्राम देखे थे, किन लोगों से क्या बातचीत करी थी, सब कुछ सही सही बता देगी।

   हम में से शायद ही कोई होगा जिसके पास ऐसी याद्दाश्त है। इसीलिए हमें अपने कार्यों को करने, अपने कार्य के लिए किए गए समय निर्धारण आदि को स्मरण दिलाने के लिए सहायता की आवश्यक्ता रहती है। यह स्मरण दिलाने की बात और भी आवश्यक हो जाती है जब बात आत्मिक सच्चाईयों की हो। प्रेरित पतरस ने दिखाया कि वह इस आत्मिक बातों के स्मरण दिलाए जाने की आवश्यक्ता को भली प्रकार से समझता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में उसने अपनी पत्री में लिखा: "इसलिये यद्यपि तुम ये बातें जानते हो, और जो सत्य वचन तुम्हें मिला है, उस में बने रहते हो, तौभी मैं तुम्हें इन बातों की सुधि दिलाने को सर्वदा तैयार रहूंगा। और मैं यह अपने लिये उचित समझता हूं, कि जब तक मैं इस डेरे में हूं, तब तक तुम्हें सुधि दिलाकर उभारता रहूं" (२ पतरस १:१२-१३)।

   हमारी याद्दाश्त चाहे जैसी भी हो, परमेश्वर के वचन और बातें स्मरण दिलाए जाते रहने की आवश्यक्ता हमें सदा रहेगी। परमेश्वर के वचन का अध्ययन - प्रतिदिन व्यक्तिगत रीति से एवं समयानुसार छोटे से गुट के साथ सामूहिक रूप में, किसी स्थानीय चर्च के कार्यों में अपने आप को सम्मिलित करना आदि वे सहायक हैं जो हमें परमेश्वर के वचन की अत्यन्त आवश्यक बातों को स्मरण दिलाते रहेंगे और परमेश्वर की संगति में बनाए रखेंगे।

   यही हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु से हमारे प्रेम का सच्चा प्रगटीकरण भी है, जैसा उसने स्वयं कहा: "जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्‍हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा। यीशु ने उस को उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे" (यूहन्ना १४:२१, २३)। - डेनिस फिशर



होने दें कि परमेश्वर का वचन आपकी याद्दाश्त में भर जाए, आपके हृदय पर राज्य करे और आपके कदमों का मार्गदर्शन करता रहे।

इसलिये यद्यपि तुम ये बातें जानते हो, और जो सत्य वचन तुम्हें मिला है, उस में बने रहते हो, तौभी मैं तुम्हें इन बातों की सुधि दिलाने को सर्वदा तैयार रहूंगा। - २ पतरस १:१२

बाइबल पाठ: २ पतरस १:५-१६
2Pe 1:5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्‍न करके, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ।
2Pe 1:6  और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति।
2Pe 1:7  और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।
2Pe 1:8 क्‍योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्‍फल न होने देंगी।
2Pe 1:9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्‍धा है, और धुन्‍धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुलकर शुद्ध होने को भूल बैठा है।
2Pe 1:10 इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भांति यत्‍न करते जाओ, क्‍योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे।
2Pe 1:11 वरन इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्‍त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे।
2Pe 1:12  इसलिये यद्यपि तुम ये बातें जानते हो, और जो सत्य वचन तुम्हें मिला है, उस में बने रहते हो, तौभी मैं तुम्हें इन बातों की सुधि दिलाने को सर्वदा तैयार रहूंगा।
2Pe 1:13  और मैं यह अपने लिये उचित समझता हूं, कि जब तक मैं इस डेरे में हूं, तब तक तुम्हें सुधि दिला कर उभारता रहूं।
2Pe 1:14  क्‍योंकि यह जानता हूं, कि मसीह के वचन के अनुसार मेरे डेरे के गिराए जाने का समय शीघ्र आने वाला है।
2Pe 1:15  इसलिये मैं ऐसा यत्‍न करूंगा, कि मेरे कूच करने के बाद तुम इन सब बातों को सर्वदा स्मरण कर सको।
2Pe 1:16  क्‍योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था।
 
एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण ११-१३ 
  • मरकुस १२:१-२७

शुक्रवार, 9 मार्च 2012

भूलें नहीं

   मेरा एक प्रीय कार्टून शो है "Superman in his later years" जिसमें सुपरमैन को उसकी वृद्धावस्था में, उस अवस्था की समस्याओं से जूझते दिखाया गया है। उस शो में एक जगह दिखाया गया कि वह वृद्ध सामर्थी योद्धा खिड़की से कूदकर किसी बचाव कार्य के लिए उड़ने को तैयार खड़ा है और अपने आप से प्रश्न कर रहा है, "अब मैं कहाँ जाने पर था?"

   भुलक्कड़पन हम सब पर आता है। यदा-कदा के होने वाले भुलक्कड़पन की घटनाएं चाहे मनोंरंजक हों किंतु यदि हमारा यह भुलक्कड़पन परमेश्वर के प्रति हमारी एक प्रवृति बन गया है तो यह चिन्ता की बात है क्योंकि इसके परिणाम अत्यंत विनाशकारी होते हैं।

   जब इस्त्राएली प्रतिज्ञा किए हुए कनान देश में प्रवेश करने पर थे तब मूसा ने उन्हें चिताया: "और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं। इसलिये सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर उसकी जो जो आज्ञा, नियम, और विधि, मैं आज तुझे सुनाता हूं उनका मानना छोड़ दे?" (व्यवस्थाविवरण ८:२, ११)।

   परमेश्वर को भूल जाने के कुछ कारण हो सकते हैं: परीक्षाएं (व्यवस्थाविवरण ८:२-४) - परमेश्वर ने अपने लोगों को भूखा रहने दिया फिर उन्हें मन्ना दिया। जब हम जीवन कि आवश्यकताओं की घटी में आते हैं तो लगता है कि परमेश्वर हमें भूल गया है। एक और कारण हो सकता है बहुतायत (व्यवस्थाविवरण ८:१०-११) - बहुतायत से उपलब्ध होना भी घटी के समान ही हमारे परमेश्वर को भुलाने का कारण हो सकता है। क्योंकि बहुतायत में भी हम परमेश्वर की ओर नहीं वरन अपनी ही ओर अधिक देखते हैं, अपने सामर्थ पर भरोसा करने लगते हैं, ना कि परमेश्वर पर जो हमारा स्त्रोत है। घमंड (व्यवस्थाविवरण ८:१२-१६) भी हमारे अन्दर ऐसी भावना उत्पन्न करता है कि हम अपनी क्षमता और सामर्थ पर भरोसा कर के परमेश्वर को तुच्छ जानने लगते हैं और उसे भूल जाते हैं।

   नम्रता, आज्ञाकारिता और परमेश्वर की आराधना हमें स्मरण दिलाते रहते हैं कि परमेश्वर ही हमारा उपलब्ध कराने वाला और हमारी देख-भाल करने वाला है। सबसे बढ़कर तो उसने हमारे लिए, प्रभु यीशु में होकर विश्वास और पश्चाताप द्वारा, पापों की क्षमा और अनन्त अविनाशी आनन्दमय जीवन को उपलब्ध कराया है।

   जो कुछ परमेश्वर ने हमारे लिए किया है, हम उसे भूलें नहीं, वरन सदा उन सब के लिए उसका धन्यवाद करते रहें। - डेविड मैक्कैसलैंड


कभी भी बहुतायत से मिली आशीषों के कारण आशीषों के देने वाले परमेश्वर को ना भूलें।

इसलिये सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर उसकी जो जो आज्ञा, नियम, और विधि, मैं आज तुझे सुनाता हूं उनका मानना छोड़ दे? - व्यवस्थाविवरण ८:११

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ८:१-२, १०-१८
Deu 8:1  जो जो आज्ञा मैं आज तुझे सुनाता हूं उन सभों पर चलने की चौकसी करना, इसलिये कि तुम जीवित रहो और बढ़ते रहो, और जिस देश के विषय में यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाई है उस में जाकर उसके अधिकारी हो जाओ।
Deu 8:2  और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं।
Deu 8:10  और तू पेट भर खाएगा, और उस उत्तम देश के कारण जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देगा उसका धन्य मानेगा।
Deu 8:11  इसलिये सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर उसकी जो जो आज्ञा, नियम, और विधि, मैं आज तुझे सुनाता हूं उनका मानना छोड़ दे?
Deu 8:12  ऐसा न हो कि जब तू खाकर तृप्त हो, और अच्छे अच्छे घर बनाकर उन में रहने लगे,
Deu 8:13  और तेरी गाय-बैलों और भेड़-बकरियों की बढ़ती हो, और तेरा सोना, चांदी, और तेरा सब प्रकार का धन बढ़ जाए,
Deu 8:14 तब तेरे मन में अहंकार समा जाए, और तू अपने परमेश्वर यहोवा को भूल जाए, जो तुझ को दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है,
Deu 8:15  और उस बड़े और भयानक जंगल में से ले आया है, जहां तेज विषवाले सर्प और बिच्छू हैं, और जलरहित सूखे देश में उस ने तेरे लिये चकमक की चट्ठान से जल निकाला,
Deu 8:16  और तुझे जंगल में मन्ना खिलाया, जिसे तुम्हारे पुरखा जानते भी न थे, इसलिये कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा करके अन्त में तेरा भला ही करे।
Deu 8:17  और कहीं ऐसा न हो कि तू सोचने लगे, कि यह सम्पत्ति मेरे ही सामर्थ्य और मेरे ही भुजबल से मुझे प्राप्त हुई।
Deu 8:18  परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उस ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण ८-१० 
  • मरकुस ११:१९-३३