ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 29 सितंबर 2012

लौट आएं


   परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल परमेश्वर से विमुख हो गई थी; इस बात से हुए दुख को परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ता होशे के द्वारा उन्हें समझाया। इसके लिए परमेश्वर ने होशे से एक विचित्र कार्य करवाया: परमेश्वर ने होशे को निर्देश दिए कि वह गोमेर नामक एक वैश्या को ब्याह लाए और उसके साथ एक विश्वासयोग्य और प्रेम करना वाला पति बन कर रहे। ऐसा करने पर भी गोमेर होशे के प्रति अविश्वासयोग्य रही जिससे होशे को बहुत दुख पहुँचा और इस्त्राएल की आत्मिक अविश्वासयोग्यता को लेकर परमेश्वर के दुख का बयान वह इस्त्राएल के सामने कर सका।

   होशे ने अपनी पुस्तक के अन्त में जैसे लिखा है, परमेश्वर ने अपनी प्रजा इस्त्राएल पर यह बात स्पष्ट कर दी कि जो दुख उन्होंने उसे पहुँचाया है उसके बावजूद यदि वे उसकी ओर लौट कर आएंगे तो वह उनके पापों को क्षमा कर देगा, उन्हें चंगा करेगा और उन्हें फलवंत करेगा: "मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूंगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूंगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है। मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाई फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा। उसकी जड़ से पौधे फूटकर निकलेंगे; उसकी शोभा जलपाई की सी, और उसकी सुगन्ध लबानोन की सी होगी। जो उसकी छाया में बैठेंगे, वे अन्न की नाईं बढ़ेंगे, वे दाखलता की नाई फूले-फलेंगे; और उसकी कीर्ति लबानोन के दाखमधु की सी होगी" (होशे १४:४-७)।

   जो लोग परमेश्वर से अपना मुँह मोड़ लेते हैं उनके लिए जीवन असंतुष्टि और अपराध-बोध से भरा होता है; जो मसीही विश्वास विश्वास में आने के बाद भी पुनः पाप में पड़ जाते हैं वे इस बात को भली-भांति जानते हैं, उन्हें अनुभव रहता है कि इस आत्मिक अविश्वासयोग्यता की उन्हें एक कीमत चुकानी पड़ती है। किंतु जैसे अनुग्रह के परमेश्वर ने इस्त्राएल को क्षमा और बहाली का सन्देश दिया, उन्हें जो वास्तव में सच्चे मन से पश्चाताप और क्षमा-प्रार्थी हैं, वैसे ही आज भी वह पश्चाताप के साथ लौट आने वालों की क्षमा और बहाली का वायदा करता है "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (१ युहन्ना १:९)।

   क्या आपने जीवन में कोई गलत निर्णय लिए हैं जिनके कारण आप परमेश्वर और उसके प्रेम से दूर हो गए हैं? पश्चाताप के साथ परमेश्वर की ओर लौट आएं, उसके अनुग्रह और क्षमा द्वारा फिर से परमेश्वर कि निकटता में जीवन व्यतीत करने वाले बन जाएं। उसका वायदा है कि जो लौट आयगा "...उसे मैं कभी न निकालूंगा" (यूहन्ना ६:३७)। - डेनिस फिशर


परमेश्वर के साथ एक नई शुरुआत करने का मार्ग सदा खुला रहता है।

मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूंगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूंगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है। - होशे १४:४

बाइबल पाठ: होशे १४:१-८
Hos 14:1  हे इस्राएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ, क्योंकि तू ने अपने अधर्म के कारण ठोकर खाई है। 
Hos 14:2  बातें सीखकर और यहोवा की ओर फिरकर, उस से कह, सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएंगे। 
Hos 14:3  अश्शूर हमारा उद्धार न करेगा, हम घोड़ों पर सवार न होंगे, और न हम फिर अपनी बनाई हुई वस्तुओं से कहेंगे, तुम हमारे ईश्वर हो; क्योंकि अनाथ पर तू ही दया करता है।
Hos 14:4  मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूंगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूंगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है। 
Hos 14:5  मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाईं फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा। 
Hos 14:6  उसकी जड़ से पौधे फूटकर निकलेंगे; उसकी शोभा जलपाई की सी, और उसकी सुगन्ध लबानोन की सी होगी। 
Hos 14:7  जो उसकी छाया में बैठेंगे, वे अन्न की नाईं बढ़ेंगे, वे दाखलता की नाईं फूले-फलेंगे; और उसकी कीर्ति लबानोन के दाखमधु की सी होगी।
Hos 14:8  एप्रैम कहेगा, मूरतों से अब मेरा और क्या काम? मैं उसकी सुनकर उस पर दृष्टि बनाए रखूंगा। मैं हरे सनौवर सा हूं, मुझी से तू फल पाया करेगा।
Hos 14:9  जो बुद्धिमान हो, वही इन बातों को समझेगा; जो प्रवीण हो, वही इन्हें बूझ सकेगा; क्योंकि यहोवा के मार्ग सीधे हैं, और धर्मी उन में चलते रहेंगे, परन्तु अपराधी उन में ठोकर खाकर गिरेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ७-८ 
  • इफिसियों २

शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

सृष्टि


   जब हम सृष्टि के आश्चर्य के बारे में सोचते हैं - कैसे परमेश्वर ने कहा और यह सारी सृष्टि उत्पन्न हो गई, यह पृथ्वी और इसमें विद्यमान सब कुछ भी, तो हमारा ध्यान परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खंड में लिखित विवरण की ओर जाता है। किंतु नए नियम में भी सृष्टि के बारे में लिखा गया है, और वह भी कुछ कम अद्भुत नहीं है। इस संदर्भ में कुछ प्रमुख पदों को देखिए:
  • "...मैं दृष्‍टान्‍त कहने को अपना मुंह खोलूंगा: मैं उन बातों को जो जगत की उत्‍पत्ति से गुप्‍त रही हैं प्रगट करूंगा" (मत्ती १३:३५) - परमेश्वर हमें इस समय में वे बातें प्रगट करता है जो सृष्टि के पूर्व से गुप्त रखी गईं थीं।
  • "...हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है" (मत्ती २५:३४) - इस पृथ्वी की रचना से पहले से ही परमेश्वर हमें और हमारे भविष्य के बारे में जानता है।
  • "...उस ने हमें जगत की उत्‍पत्ति से पहिले उस में चुन लिया..." (इफिसियों १:४) - सृष्टि के सृजन का कार्य आरंभ होने से पहले ही वह अपनी आने वाली संतान के बारे में जानता है।

   सृष्टि से संबंधित ये पद दिखाते हैं कि जैसे उत्पत्ति की पुस्तक में वर्णित है, मनुष्य परमेश्वर की विशेष रचना है और परमेश्वर की मानव जाति के लिए योजना है। परमेश्वर के विष्य में यह ज्ञान हमारे मनों को सांत्वना देता है कि वह हमारा ध्यान सृष्टि के आरंभ से भी पहले से रखता आया है। ऐसे अद्भुत ज्ञान और सृष्टि-सामर्थ रखने वाले परमेश्वर के सामने हम केवल आदर, श्रद्धा और भय के साथ अपने सिरों को झुका कर उसकी आराधना ही कर सकते हैं - वह जिसका ज्ञान और सृष्टि करने की सामर्थ अनन्त और असीम है किंतु जिसका ध्यान उसकी सृष्टि के एक एक जन पर लगा रहता है। - डेव ब्रैनन


प्रत्येक जन परमेश्वर की प्रेम भरी योजना की अनुपम अभिव्यक्ति है।

जैसा उस ने हमें जगत की उत्‍पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। - इफिसियों १:४

बाइबल पाठ: इफिसियों १:३-११
Eph 1:3  हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उस ने हमें मसीह में स्‍वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है। 
Eph 1:4  जैसा उस ने हमें जगत की उत्‍पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। 
Eph 1:5  और अपनी इच्‍छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों, 
Eph 1:6  कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्‍तुति हो, जिसे उस ने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया। 
Eph 1:7   हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। 
Eph 1:8   जिसे उस ने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया। 
Eph 1:9  कि उस ने अपनी इच्‍छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उस ने अपने आप में ठान लिया था। 
Eph 1:10  कि समयों के पूरे होने का ऐसा प्रबन्‍ध हो कि जो कुछ स्‍वर्ग में है, और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे। 
Eph 1:11  उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्‍छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जाकर मीरास बने।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५-६ 
  • इफिसियों १

गुरुवार, 27 सितंबर 2012

पहुनाई


   परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खंड में पहुनाई को मसीही जीवन का प्रमाण चिन्ह बताया गया है। इसे चर्च का अगुवा होने वालों का एक गुण कहा गया है (१ तिमुथियुस ३:२; तीतुस १:८) और मसीह के प्रत्येक अनुयायी के लिए प्रेम प्रदर्शित करने की विधि तथा आज्ञा के रूप में दिया गया है (रोमियों १२:१३; १ पतरस ४:९)। किंतु पहुनाई का अर्थ केवल अपने घरों को मेहमानों के लिए खुला रखने या एक अच्छा मेज़बान होना ही नहीं है; वह तो उस से कहीं अधिक गहरा है।

   मूल युनानी भाषा में प्रयुक्त जिस शब्द का अनुवाद ’पहुनाई’ किया गया है उसका अर्थ ’अपरिचितों से प्रेम’ था। जब प्रेरित पौलुस कहता है "पहुनाई करने में लगे रहो" (रोमियों १२:१३), तो उसका तात्पर्य था कि ज़रूरतमन्दों के साथ संबंध बनाओ और फिर उन संबंधों को भलि-भांति निभाओ। यह कोई सरल कार्य नहीं है।

   लेखक हेनरी नौवेन के अनुसार यह उन लोगों की ओर हाथ बढ़ाना और उनकी सहायता करना है जिनसे हम अपनी जीवन यात्रा में मिलते हैं - लोग जो अपने देश, संसकृति, दोस्तों, संबंधियों, परिवारजनों से दूर हैं, और शायद परमेश्वर से भी दूर हैं। नौवेन ने लिखा: "इसलिए पहुनाई का अर्थ है अपने जीवन में एक ऐसा स्थान बनाना जहां कोई अपरिचित अन्दर आ सके और शत्रु नहीं वरन मित्र बन सके। पहुनाई का अर्थ लोगों को बदलना नहीं है, वरन वह स्थान उपलब्ध कराना है जहां उनके अन्दर एक परिवर्तन संभव हो सके।"

   चाहे हम किसी घर में हों, या किसी छात्रावास में, किसी सैनिक बैरक में हों या कैदखाने में, पहुनाई के अवसर सदा उपलब्ध रहते हैं; हम लोगों का स्वागत कर सकते हैं और उन्हें मसीही प्रेम दिखा सकते हैं। पहुनाई आवश्यकता में पड़े लोगों की सहायता करना है। - डेविड मैक्कैसलैंड


किसी एकाकी मन के खालीपन को पहुनाई से भरा जा सकता है।

बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो। - १ पतरस ४:९

बाइबल पाठ: रोमियों १२:९-२१
Rom 12:9  प्रेम निष्‍कपट हो; बुराई से घृणा करो, भलाई में लगे रहो। 
Rom 12:10  भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्‍पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। 
Rom 12:11  प्रयत्‍न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। 
Rom 12:12  आशा में आनन्‍दित रहो; क्‍लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना मे नित्य लगे रहो। 
Rom 12:13   पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो। 
Rom 12:14   अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। 
Rom 12:15  आनन्‍द करने वालों के साथ आनन्‍द करो, और रोने वालों के साथ रोओ। 
Rom 12:16  आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो, परन्‍तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न हो। 
Rom 12:17  बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्‍ता किया करो। 
Rom 12:18   जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Rom 12:19  हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्‍तु क्रोध को अवसर दो, क्‍योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Rom 12:20  परन्‍तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला, यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्‍योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Rom 12:21  बुराई से न हारो परन्‍तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ३-४ 
  • गलतियों ६

बुधवार, 26 सितंबर 2012

भुलाए हुए


   संसार भर में लोग अमेरिका के दक्षिणी डकोटा में स्थित रशमोर पहाड़ पर चट्टान पर विशालाकाय रूप में खुदी हुई भूतपूर्व अमेरीकी राष्ट्रपतियों के चेहरों की प्रतिमाओं के बारे में जानते हैं और प्रति वर्ष लाखों सैलानी उन्हें देखने के लिए आते हैं। यद्यपि लाखों लोग उन प्रतिमाओं के बारे में जानते हैं, बहुत ही कम हैं जिन्होंने डोएन रौबिन्सन का नाम सुना है जो कि द्क्षिणी डकोटा के इतिहासकार और इन विशाल भव्य प्रतिमाओं को बनाने की योजना के जन्मदाता तथा इस योजना को कार्यान्वित करके व्यावाहरिक रूप देने वाले थे। इस स्मारक की प्रशंसा भी होती है और प्रसिद्धी भी है किंतु इनके योजनाकार को बहुत कम जानते हैं, और मान्यता देते हैं।

   कभी कभी प्रभु की सेवा में हमें भी ऐसा लग सकता है कि या तो हमें भुला दिया गया है या हमें गौण और पृष्ठभूमि में कर दिया गया है। मसीही सेवकाई एक ऐसा जीवन भी हो सकती है जहां वे ही लोग जिनके लिए आप कार्य कर रहें हैं आपके योगदान और मेहनत को कोई महत्व अथवा मान्यता नहीं देते, कोई आपकी सराहना नहीं करता, कोई प्रोत्साहित नहीं करता। लेकिन शुभ समाचार यह है कि चाहे संसार के लोग जाने या ना जानें, परमेश्वर अवश्य ही हर बात को जानता है और उसका लेखा रखता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों ६:१० में लिखा है: "क्‍योंकि परमेश्वर अन्यायी नहीं, कि तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल जाए, जो तुम ने उसके नाम के लिये इस रीति से दिखाया, कि पवित्र लोगों की सेवा की, और कर रहे हो।"

   यह परमेश्वर का कैसा अद्भुत आश्वासन है; हमारा स्वर्गीय पिता उसके लिए करी गई हमारी सारी सेवकाई का ध्यान रखता है और उसे कभी नहीं भुलाता। परमेश्वर के समक्ष हम भुलाए हुए कार्यकर्ता नहीं हैं; उसे हमारा और हमारे सारे कार्यों का बोध भी है और ध्यान भी। यह एक तथ्य और इसका महत्व सारे संसार के लोगों की प्रशंसा का पात्र होने से कहीं अधिक मूल्यवान और महत्वपूर्ण है। अपनी सेवकाई में लगे रहिए, उचित समय पर प्रतिफल और मान्यता परमेश्वर की ओर से अवश्य मिलेगी। - बिल क्राउडर


मसीह की प्रसन्नता के लिए कार्य करना संसार से प्रशंसा प्राप्त करने के लिए कार्य करने से उत्तम ध्येय है।

और जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझकर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्‍तु प्रभु के लिये करते हो। क्‍योंकि तुम जानते हो कि तुम्हें इस के बदले प्रभु से मीरास मिलेगी: तुम प्रभु मसीह की सेवा करते हो। - कुलुस्सियों ३:२३-२४

बाइबल पाठ: - १ पतरस ५:६-११
1Pe 5:6  इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। 
1Pe 5:7  और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्‍योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है। 
1Pe 5:8  सचेत हो, और जागते रहो, क्‍योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले सिंह की नाई इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए। 
1Pe 5:9   विश्वास में दृढ़ होकर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं। 
1Pe 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिस ने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्‍त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा। 
1Pe 5:11  उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह १-२ 
  • गलतियों ५

मंगलवार, 25 सितंबर 2012

विश्वास


   मैं और मेरे पति, पिछली गर्मियों में वापस अपने शहर ट्रेन से लौट रहे थे। हमें जो बैठने की सीटें मिली थीं उनका रुख ट्रेन के पीछे की ओर था, अर्थात हमारी पीठ ट्रेन के आगे की ओर और हमारे मुख ट्रेन के पीछे की ओर थे। ट्रेन की खिड़की से बाहर का दृश्य दिखाई दे रहा था, किंतु हम केवल वह देख रहे थे जो हमसे पीछे की ओर निकलता जा रहा था, हमारे सामने से आने वाला दृश्य हम देख नहीं सकते थे। मुझे यह अच्छा नहीं लग रहा था; मैं देखना चाहती थी कि मैं जिस ओर जा रही हूँ वहां आगे क्या है।

   कुछ ऐसा ही जीवन के संबंध में भी हमारे साथ होता है - हम उत्सुक्त रहते हैं कि हम जान सकें कि आगे क्या होने वाला है। हमारी इच्छा रहती है कि हम जान सकें कि परिस्थितियों का क्या परिणाम होगा; परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर किस प्रकार से देगा। लेकिन हमारी उस ट्रेन यात्रा के समान, हम केवल वह ही देख पाते हैं जो पीछे की ओर निकल गया है, आगे से आने वाला नहीं। लेकिन हमारे विश्वास की आंखें हमें दिखातीं हैं कि हमारे लिए आगे क्या रखा हुआ है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों का ११वां अध्याय ’विश्वास का अध्याय’ कहा जाता है, क्योंकि इसमें उन लोगों का उल्लेख है जो विश्वास के साथ परमेश्वर के साथ बने रहे और आगे बढ़ते रहे। इस अध्याय में इन विश्वास के योद्धाओं में से कुछ ने दो प्रकार की बातें अपनी विश्वास की आंखों से देखीं। एक प्रकार की बात देखने वाले लोग थे नूह, इब्राहिम और सारा: "ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्‍होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं नहीं पाईं, पर उन्‍हें दूर से देखकर आनन्‍दित हुए और मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं। पर वे एक उत्तम अर्थात स्‍वर्गीय देश के अभिलाषी हैं..." (इब्रानियों ११:१३, १६)। विश्वास द्वारा दूसरी प्रकार की बात देखने वाला है मूसा जिसने ’अनदेखे’ अर्थात प्रभु यीशु को विश्वास की आंखों से देखा: "इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा। और मसीह के कारण निन्‍दित होने को मिसर के भण्‍डार से बड़ा धन समझा: क्‍योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं। विश्वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उस ने मिसर को छोड़ दिया, क्‍योंकि वह अनदेखे को मानों देखता हुआ दृढ़ रहा" (इब्रानियों ११:२५-२७)।

   अपने जीवन में आज के संघर्षों के फल को हम चाहे देख ना पाएं, लेकिन प्रत्येक मसीही विश्वासी अपने विश्वास की आंखों से देख सकता है कि वह कहां जा रहा है - अपने स्वर्गीय वतन और घर जहां वह अपने प्रभु और उद्धारकर्ता के साथ अनन्त तक रहेगा और वहां "वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य २१:४)। - ऐनी सेटास


स्वर्ग की प्रतिज्ञा हमारी अनन्त आशा है।

सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। पृथ्वी पर की नहीं परन्‍तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ। - कुलुस्सियों ३:१-२ 

बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:१३-१६; २३-२७
Heb 11:13  ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्‍होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं नहीं पाई, पर उन्‍हें दूर से देखकर आनन्‍दित हुए और मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं। 
Heb 11:14  जो ऐसी ऐसी बातें कहते हैं, वे प्रगट करते हैं, कि स्‍वदेश की खोज में हैं। 
Heb 11:15  और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्‍हें लौट जाने का अवसर था। 
Heb 11:16  पर वे एक उत्तम अर्थात स्‍वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उस ने उन के लिये एक नगर तैयार किया है।
Heb 11:23  विश्वास ही से मूसा के माता पिता ने उस को, उत्‍पन्न होने के बाद तीन महीने तक छिपा रखा; क्‍योंकि उन्‍होंने देखा, कि बालक सुन्‍दर है, और वे राजा की आज्ञा से न डरे। 
Heb 11:24  विश्वास ही से मूसा ने सयाना होकर फिरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्‍कार किया। 
Heb 11:25   इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा। 
Heb 11:26  और मसीह के कारण निन्‍दित होने को मिसर के भण्‍डार से बड़ा धन समझा: क्‍योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं। 
Heb 11:27  विश्वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उस ने मिसर को छोड़ दिया, क्‍योंकि वह अनदेखे को मानों देखता हुआ दृढ़ रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत ६-८ 
  • गलतियों ४

सोमवार, 24 सितंबर 2012

आवाज़


   मैंने वियतनाम के युद्ध में वायुसेना के एक विमान चालक कप्तान रे बेकर के बारे में पढ़ा। युद्ध के समय में वायुसेना के प्रशिक्षण में उन विमान चालकों को प्रशिक्षित किया गया था कि चेतावनी की घंटी की आवाज़ सुनते ही वे अपने आवास स्थान या जहां कहीं भी वे हों वहां से भाग कर अपने अपने विमानों तक तुरंत उड़ान भरने के लिए पहुँचें। कई बार तो भोजन करते समय उन्हें भोजन और बर्तन छोड़कर भागना पड़ता था। उनका प्रशिक्षण उन्हें घंटी की आवाज़ सुनते ही कुछ सोचने के लिए रुकने का नहीं वरन तुरंत प्रतिक्रीया देने का था। यह प्रशिक्षण इतना उत्तम था कि एक दिन जब रे बेकर अपनी छुट्टी पर घूमने बाहर गया हुआ था और एक होटल में बैठा खाना खा रहा था, तो बाहर कहीं बजी किसी घंटी की आवाज़ सुनते ही वह अपना भोजन छोड़कर होटल से बाहर भाग निकला!

   जब प्रभु यीशु ने अपने पहले चेलों को बुलाया, उनके अन्दर भी उसकी आवाज़ को सुनकर उसके पीछे हो लेने की तत्परता थी। उन चेलों के लिए, जो व्यवसाय से मछुआरे थे, प्रभु की बुलाहट अनायास थी; परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि "वे तुरन्‍त जालों को छोड़ कर उसके पीछे हो लिए" (मरकुस १:१८)। इस सुसमाचार लेख का लेखक, मरकुस, संभवतः अपने पाठकों पर प्रभु यीशु की बुलाहट और आवाज़ में विद्यमान अधिकार को दर्शाना चाह रहा था। जब प्रभु ने बुलाया तो ये लोग सब कुछ छोड़कर उसके हो लिए क्योंकि संभवतः परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने में लोगों की सहायता करना उन्हें मछली पकड़ने से अधिक रोचक और उत्तम लगा।

   जब प्रभु यीशु अपने पीछे हो लेने की आवाज़ किसी को देता है तो वह नहीं चाहता कि उसकी इस पुकार के पालन में कोई विलंब हो। सुसमाचार को दुसरों तक पहुँचाने के कार्य में वह तत्परता चाहता है। उसकी पुकार आज भी उसके सभी विश्वासियों के लिए यही है: "...स्‍वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्‍हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्‍हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं" (मत्ती २८:१८-२०)। - मार्विन विलियम्स


प्रभु को आज भी संसार को सुसमाचार सुनाने वालों की आवश्यकता है।

वे तुरन्‍त जालों को छोड़ कर उसके पीछे हो लिए। - मरकुस १:१८

बाइबल पाठ: मरकुस १:१६-२०
Mar 1:16 गलील की झील के किनारे किनारे जाते हुए, उस ने शमौन और उसके भाई अन्‍द्रियास को झील में जाल डालते देखा, क्‍योंकि वे मछुवे थे। 
Mar 1:17  और यीशु ने उन से कहा, मेरे पीछे चले आओ, मैं तुम को मनुष्यों के मछुवे बनाऊंगा। 
Mar 1:18 वे तुरन्‍त जालों को छोड़ कर उसके पीछे हो लिए। 
Mar 1:19 और कुछ आगे बढ़कर, उस ने जब्‍दी के पुत्र याकूब, और उसके भाई यहून्ना को, नाव पर जालों को सुधारते देखा। 
Mar 1:20 उस ने तुरन्‍त उन्‍हें बुलाया, और वे अपने पिता जब्‍दी को मजदूरों के साथ नाव पर छोड़ कर, उसके पीछे चले गए।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत ४-५ 
  • गलतियों ३

रविवार, 23 सितंबर 2012

शब्द - बाण या मरहम


   परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन का लेखक ऐसे बुद्धिहीन लोगों के बारे में लिखता है "...जिनका बिना सोचविचार का बोलना तलवार की नाई चुभता है..." (नीतिवचन १२:१८) - हमारी जीभ कई फालियों वाले ’स्विस’ चाकू के समान कई प्रकार से काटने और घायल करने की क्षमता रखती है।

   ऐसे हानिकारक रवैये का कारण होता है हमारे अन्दर का क्रोध, खिसियाहट, कुण्ठाएं, निराशाएं, अधीरताएं, तनाव, स्वदोष-बोध, असुरक्षाएं इत्यादि। अपने शब्दों द्वारा जब हम लोगों को घायल करते हैं तो साथ ही हम मित्रता और अन्य संबंधों को भी काटते और विच्छेदित करते हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि उन सात बातों की सूचि में जिन से परमेश्वर घृणा करता है, एक है वह व्यक्ति जो भाइयों के बीच झगड़ा उत्पन्न करता है (नीतिवचन ६:१६-१९)।

   परमेश्वर के समक्ष घृणित बातों की इस सूचि में सम्मिलित होने से हम अपने आप को कैसे बचाकर रख सकते हैं? सबसे पहली बात तो यह कि हमें अपने बोल-चाल का ध्यान रखना होगा; कानाफूसी और द्वेषपूर्ण बातें हमारे जीवनों में बिलकुल स्वीकार्य नहीं हैं और ना ही ऐसे शब्द जो आहत करते हैं। फिर, डींग मारना, घमण्ड दिखाना, झूठ बोलना और शब्दों के अन्य सभी ऐसे प्रयोग जिनके द्वारा फूट पड़ती है या चोट पहुँचती है भी हमारे जीवनों में नहीं पाए जाने हैं।

   शब्दों और जीभ के ऐसे दुरुपयोग के स्थान पर हमें ऐसा व्यवहार दिखाना और ऐसे शब्द प्रयोग करने हैं जिनसे प्रेम, क्षमा, करुणा, दया प्रगट होती है; वे जो घायल मन पर मरहम का काम करें। नम्रता सहित सत्य ही हमारे जीवन, आपसी संबंधों और बोलचाल का आधार होना चाहिए; और हमारी जीभ का प्रयोग दूसरों को उभारने तथा संवारने के लिए होना चाहिए ना कि किसी को नीचा दिखाने या गिराने के लिए।

   यदि प्रभु यीशु ने हमारे साथ ऐसे प्रेम, क्षमा और अनुग्रह से पूर्ण मधुर वचनों का प्रयोग एवं मृदु व्यवहार ना किया होता तो हम कहाँ होते? इसलिए प्रत्येक मसीही विश्वासी का भी कर्तव्य है कि वह शब्दों का प्रयोग बाण के समान बेधने के लिए नहीं वरन ढांपने और चंगा करने वाले मरहम के समान करे, जैसा कि हमारे उद्धाकर्ता प्रभु यीशु ने अपने शब्दों और व्यवहार का प्रयोग सबकी भलाई के लिए किया। - जो स्टोवैल


हमारे शब्दों में बनाने और बिगाड़ने दोनो की शक्ति है।

ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोचविचार का बोलना तलवार की नाई चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं। - नीतिवचन १२:१८

बाइबल पाठ: नीतिवचन ६:१६-१९; १२:१७-२२
Pro 6:16  छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उसको घृणा है 
Pro 6:17 अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ, 
Pro 6:18  अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग से दौड़ने वाले पांव, 
Pro 6:19  झूठ बोलने वाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करने वाला मनुष्य। 
Pro 12:17  जो सच बोलता है, वह धर्म प्रगट करता है, परन्तु जो झूठी साक्षी देता, वह छल प्रगट करता है। 
Pro 12:18  ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोचविचार का बोलना तलवार की नाई चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं। 
Pro 12:19  सच्चाई सदा बनी रहेगी, परन्तु झूठ पल ही भर का होता है। 
Pro 12:20  बुरी युक्ति करने वालों के मन में छल रहता है, परन्तु मेल की युक्ति करने वालों को आनन्द होता है। 
Pro 12:21  धर्मी को हानि नहीं होती है, परन्तु दुष्ट लोग सारी विपत्ति में डूब जाते हैं। 
Pro 12:22  झूठों से यहोवा को घृणा आती है परन्तु जो विश्वास से काम करते हैं, उन से वह प्रसन्न होता है।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत १-३ 
  • गलतियों २