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सोमवार, 8 अप्रैल 2013

विशेषज्ञ


   रेबेका मैक्लैन पुरानी और क्षतिग्रस्त कलाकृतियों को ठीक करके पुनःस्थापित करने की विशेषज्ञ हैं। उनका कहना है कि अनेक ऐसी कलाकृतियाँ, जिन्हें यह समझ कर एक किनारे फेंक दिया जाता है कि वे अब ठीक होने योग्य नहीं हैं, एक विशेषज्ञ के द्वारा फिर से ठीक और पुनःस्थापित करी जा सकती हैं। उन्होंने स्वयं कई ऐसी कलाकृतियों पर से गर्द और पुरानी पड़ी वार्निश की परत को बड़ी सावधानी से हटाकर उनके फीके पड़ गए रंगों को फिर से पहले जैसा और उन कलाकृतियों को पुनःस्थापित किया है। लेकिन साथ ही उन्होंने कई कलाकृतियों को और अधिक खराब होते भी देखा है क्योंकि लोगों ने स्वयं ही उन को घर में पड़े सामान की सफाई करने वाले किसी द्रव्य या पाउडर से साफ करने के प्रयास किए थे। उनकी सलाह है कि यदि आप कलाकृतियों से प्रेम करते हैं और उन्हें पुनःस्थापित देखना चाहते हैं तो उन्हें विशेषज्ञ के पास लेजाएं और उसकी सलाह मानें।

   हम सब मनुष्य भी परमेश्वर की कलाकृति हैं जिन्हें पाप ने बिगाड़ दिया है, हमारे आत्मिक रंग और चमक फीके कर दिये हैं और हमें परमेश्वर की संगति से दूर कर दिया है। फिर भी परमेश्वर हम सब मनुष्यों से प्रेम करता है; वह हमें नाश में नहीं वरन अपने साथ संगति में पुनःस्थापित देखना चाहता है। अपने प्रयासों और कार्यों से हम अपने पाप के दाग़ कभी संपूर्णता से सफलता पूर्वक मिटा नहीं पाते और हमारे ये व्यर्थ प्रयास तथा पाप के प्रभाव हमारे जीवनों में निराशा और कुंठाएं उत्पन्न करते हैं। इन प्रयासों की विफलता के लिए कभी हम परिस्थितियों को, कभी दूसरों को, कभी भाग्य या ऐसी ही अन्य बातों को दोषी ठहराते रहते हैं। बहुत से लोग तो यह मानकर कि हम पाप से जीत नहीं सकते, पाप करने की अपनी प्रवृति को बदल नहीं सकते, हार मान लेते हैं और पाप में ही जीवन व्यतीत करते रहते हैं।

   लेकिन परमेश्वर ने हमें पाप के दोष से मुक्त करके, हमारे बिगड़े स्वरूप को ठीक करके हमें अपने साथ पुनःस्थापित करने के लिए एक मार्ग दिया है - प्रभु यीशु मसीह, जिसका क्रूस पर बहाया हुआ लहु हमें सब पापों से धोकर शुद्ध करता है (1 यूहन्ना 1:7)। प्रभु यीशु क्रूस पर अपने बलिदान और तीसरे दिन मृतकों से पुनरुत्थान के द्वारा पाप और मृत्यु पर विजयी हुआ है और यह विजय वह सब मनुष्यों के साथ बांटना चाहता है। अब जो कोई साधारण विश्वास के साथ प्रभु यीशु से अपने पापों की क्षमा मांगकर अपना जीवन उसे समर्पित करता है, उसके पाप प्रभु यीशु के लहु से धुल कर साफ हो जाते हैं, अर्थात वह पापों की क्षमा पाता है और निष्पाप होकर परमेश्वर की संगति में पुनःस्थापित हो जाता है - वह अब एक नई सृष्टि और परमेश्वर के लिए उपयोगी कलाकृति बन जाता है (2 कुरिन्थियों 5:17; इफिसियों 2:10)।

   जब पाप के दाग़ों से आत्मा की सफाई की बात आती है तो कोई मनुष्य अथवा मनुष्य द्वारा स्थापित विधि यह नहीं कर पाती; केवल प्रभु यीशु ही वह एकमात्र विशेषज्ञ है जो पाप से बिगड़े मनुष्य को शुद्ध तथा ठीक करके परमेश्वर के साथ संगति में पुनःस्थापित कर सकता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


केवल परमेश्वर ही पाप से दूषित आत्मा को अपने अनुग्रह से परिपूर्ण एक भव्य कलाकृति बना सकता है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:14-21
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए।
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा।
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे।
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं।
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है।
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो।
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 10-12
  • लूका 9:37-62


रविवार, 7 अप्रैल 2013

शिक्षा


   मेरे बचपन की घटनाओं से संबंधित यादों में से एक है जो मेरे लिए बहुत विशिष्ट है। वह घटना मेरे के.जी. कक्षा की है, मेरी शिक्षिका ने मुझसे कुछ कहा, और मैंने पलट कर तुरंत उनसे कहा "शट अप" अर्थात उन्हें डांटते हुए बद्तमीज़ी से खामोश हो जाने को कहा। प्रत्युत्तर में मेरी शिक्षिका ने मुझ से कक्षा छोड़कर घर चले जाने के लिए कहा, इसलिए मैं उठा और स्कूल से कुछ ही दूर स्थित अपने घर की ओर चल दिया। घर के निकट आने पर मैंने देखा मेरी माँ बाहर बगीचे में फूल-पौधों की देख-रेख कर रही हैं, और मुझे अन्दर आते देख वे अवश्य प्रश्न करतीं। अब मुझे निर्णय लेना था कि मैं अपनी माँ की डाँट सुनूँ या शिक्षिका की। मैं पलट कर स्कूल लौट गया।

   स्कूल पहुँचने पर मेरी शिक्षिका मुझे शौचालय ले गई और मेरे मुँह के अन्दर की गन्दगी साफ करने के लिए साबुन से मेरा मुँह अन्दर से धुलवाया, जो वास्तव में मेरे मन में मेरे बुरे व्यवहार का ’स्वाद’ बैठाने के लिए था। आज के समय में ऐसी अनुशासनात्मक कार्यवाही देखने को नहीं मिलती, किंतु यकीन कीजिए यह बहुत प्रभावी थी। तब से मैं दुसरों पर अपने शब्दों के प्रभाव और उनसे हो सकने वाली प्रतिक्रीया के लिए संवेदनशील तथा सचेत रहता हूँ।

   क्योंकि हम मसीही विश्वासी परमेश्वर की सन्तान हैं, वह हमारे सकारात्मक विकास में सदा अपनी रुचि बनाए रखता है। हमारे इस विकास के लिए यदि कभी उसे हमें कुछ कष्टदायक अनुभवों से होकर निकलने देना पड़ता है, तो वह ऐसा भी करता है, इसलिए नहीं कि हमें कष्ट देने से वह प्रसन्न होता है, वरन इसलिए कि हम और बेहतर हो जाएं और हम में धर्म के प्रतिफल दिखाई दें (इब्रानियों 12:11)।

   परमेश्वर की ताड़ना का प्रतिरोध ना करें, वरन इसके लिए उसका धन्यवाद करें कि वह सदा आपका भला ही चाहता है और आपके भले विकास के लिए कार्यरत रहता है। - जो स्टोवैल


परमेश्वर के सुधार हमारे जीवन की बेहतरी के लिए ही हैं।

और वर्तमान में हर प्रकार की ताड़ना आनन्द की नहीं, पर शोक ही की बात दिखाई पड़ती है, तौभी जो उसको सहते सहते पक्के हो गए हैं, पीछे उन्हें चैन के साथ धर्म का प्रतिफल मिलता है। - इब्रानियों 12:11

बाइबल पाठ: इब्रानियों 12:1-11
Hebrews 12:1 इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।
Hebrews 12:2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
Hebrews 12:3 इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश हो कर हियाव न छोड़ दो।
Hebrews 12:4 तुम ने पाप से लड़ते हुए उस से ऐसी मुठभेड़ नहीं की, कि तुम्हारा लोहू बहा हो।
Hebrews 12:5 और तुम उस उपदेश को जो तुम को पुत्रों की नाईं दिया जाता है, भूल गए हो, कि हे मेरे पुत्र, प्रभु की ताड़ना को हलकी बात न जान, और जब वह तुझे घुड़के तो हियाव न छोड़।
Hebrews 12:6 क्योंकि प्रभु, जिस से प्रेम करता है, उस की ताड़ना भी करता है; और जिसे पुत्र बना लेता है, उसको कोड़े भी लगाता है।
Hebrews 12:7 तुम दुख को ताड़ना समझकर सह लो: परमेश्वर तुम्हें पुत्र जान कर तुम्हारे साथ बर्ताव करता है, वह कौन सा पुत्र है, जिस की ताड़ना पिता नहीं करता?
Hebrews 12:8 यदि वह ताड़ना जिस के भागी सब होते हैं, तुम्हारी नहीं हुई, तो तुम पुत्र नहीं, पर व्यभिचार की सन्तान ठहरे!
Hebrews 12:9 फिर जब कि हमारे शारीरिक पिता भी हमारी ताड़ना किया करते थे, तो क्या आत्माओं के पिता के और भी आधीन न रहें जिस से जीवित रहें।
Hebrews 12:10 वे तो अपनी अपनी समझ के अनुसार थोड़े दिनों के लिये ताड़ना करते थे, पर यह तो हमारे लाभ के लिये करता है, कि हम भी उस की पवित्रता के भागी हो जाएं।
Hebrews 12:11 और वर्तमान में हर प्रकार की ताड़ना आनन्द की नहीं, पर शोक ही की बात दिखाई पड़ती है, तौभी जो उसको सहते सहते पक्के हो गए हैं, पीछे उन्हें चैन के साथ धर्म का प्रतिफल मिलता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 7-9
  • लूका 9:18-36


शनिवार, 6 अप्रैल 2013

महानायक


   आज के समाज और संस्कृति में महानायकों की कमी नहीं है। किसी खेल के अच्छे और नामी खिलाड़ी इतने लोकप्रीय हो जाते हैं कि उनकी एक झलक पाने या उनके खेल को देखने जाने के लिए प्रशंसक कुछ भी कर गुज़रने को तैयार रहते हैं; फुटबॉल आदि खेल स्पर्धाओं के नतीजों को लेकर कितने ही दंगे हो चुके हैं। लोकप्रीय संगीतज्ञों और गायकों के प्रशंसक घंटों खड़े रहकर भी उनके संगीत और गाने को सुनने को आतुर रहते हैं। फिल्मी सितारों और नायकों की तो बात ही कुछ और है, उन्हें तो अपने प्रशंसकों से बचने के लिए अंगरक्षक तक रखने पड़ते हैं और उन से प्रेम करने वालों के व्यवहार और कारनामों के समाचार आए दिन सुनने-पढ़ने को मिलते रहते हैं।

   मसीही विश्वासीयों की आरंभिक मण्डली में भी लोगों ने अपने आत्मिक महानायक बना लिए थे और इससे उन महानायकों के अनुयायीयों के गुट और आपसी मनमुटाव मण्डली के कार्यों को प्रभावित करने लगे थे। प्रेरित पौलुस ने इस व्यवहार और विचारधारा की भर्त्सना करते हुए इसे पुराने मनुष्यत्व की पाप-प्रवृति का अंश बताया और लिखा: "इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम शारीरिक नहीं?" (1 कुरिन्थियों 3:4)

   पौलुस ने इस विषय में परमेश्वर के दृष्टिकोण के बारे में सिखाते हुए समझाया कि मसीह यीशु की यह सेवकाई किसी मनुष्य द्वारा अपनी प्रशंसा और पद-प्रतिष्ठा पाने के लिए नहीं वरन सब सेवकों के परस्पर मेलजोल और एक दूसरे के पूरक कार्यों द्वारा मसीह कि देह अर्थात उसके विश्वासीयों की मण्डली के उत्थान के लिए है: "मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया" (1 कुरिन्थियों 3:6)| हर एक ने अपना अपना कार्य किया और योगदान दिया, पौलुस ने अपने प्रचार द्वारा आत्मिक जीवन का बीज बोया, अपुल्लोस ने अपनी प्रभावी व्याख्या और परमेश्वर के वचन की उत्कृष्ठ शिक्षा द्वारा उस बीज को सींचा, लेकिन वह परमेश्वर ही है जिसने उस बीज को उगाया, बढ़ाया और फलदायक बनाया। इसलिए यदि कोई महानायक है तो वह केवल और केवल परमेश्वर ही है।

   हम मसीही विश्वासीयों को बहुत सावधान रहना है कि हम परमेश्वर के स्थान पर किसी मनुष्य को इतना ऊँचा और प्रतिष्ठित ना कर दें कि उससे मण्डली में गुट और फूट, उस व्यक्ति में दंभ आ जाए तथा यह परमेश्वर के समाज की लोक-भर्त्सना तथा निन्दा का कारण हो जाए। वरन इसके बजाए हम इस बात को पहचानें और उसकी सराहना करें कि कैसे परमेश्वर विभिन्न लोगों और उनके जीवनों तथा गुणों को परस्पर साझा रूप में अपनी महिमा के लिए उपयोग कर लेता है। हमारा महानायक कोई मनुष्य नहीं वरन मनुष्यों को प्रतिभा और सामर्थ देने वाला परमेश्वर ही है। - डेनिस फिशर


परमेश्वर कि सेवकाई में प्रत्येक जन का अपना स्थान और योगदान है लेकिन महिमा के योग्य केवल परमेश्वर ही है।

मेरा कहना यह है, कि तुम में से कोई तो अपने आप को पौलुस का, कोई अपुल्लोस का, कोई कैफा का, कोई मसीह का कहता है। क्या मसीह बँट गया? क्या पौलुस तुम्हारे लिये क्रूस पर चढ़ाया गया? या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला? - 1 कुरिन्थियों 1:12-13

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-15
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं।
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो।
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते?
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम शारीरिक नहीं?
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया।
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।
1 Corinthians 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।
1 Corinthians 3:11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता।
1 Corinthians 3:12 और यदि कोई इस नेव पर सोना या चान्दी या बहुमोल पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखता है।
1 Corinthians 3:13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है।
1 Corinthians 3:14 जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा।
1 Corinthians 3:15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 4-6
  • लूका 9:1-17


शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

स्वाद


   एक दोपहर की बात है, एंजेला ने अपनी बेटी एलियाना को चार टौफियाँ दीं और उससे बड़े स्पष्ट शब्दों में दृढ़ता से कहा कि आज के लिए उसे बस इतनी ही मिलेंगी, इससे अधिक और इसके बाद एक भी नहीं। एंजेला के देखते देखते उस बच्ची एलियाना ने तीन टौफियाँ तो बड़ी जल्दी जल्दी खालीं परन्तु चौथी को खाने में उसने बहुत समय लगाया। एलियाना ने उस दिन की उस अन्तिम टौफी को धीरे धीरे चूसा, कभी वह उसे अपने मुँह से निकालती और उसका एक छोटा सा टुकड़ा दाँतों से काट कर चूसती, कभी मुँह के बाहर ही उसपर जीभ फेरकर उसका स्वाद लेती। अपनी उस दिन की उस अन्तिम टौफी को खत्म कर लेने में एलियाना ने पूरे 45 मिनिट लगाए। एंजेला अपनी बेटी की यह करतूत बड़ी दिलचस्पी से देखती रही। एंजेला को एहसास हुआ कि वह एलियाना को एक महत्वपूर्ण पाठ सीखते देख रही है - स्वाद लेने और रस तथा आनन्द का अन्तिम कतरा तक निकाल पाने का पाठ।

   कुछ ऐसी ही आशा परमेश्वर भी हमसे अपने वचन बाइबल के पढ़े जाने के प्रति रखता है। वह चाहता है कि हम समय लगाकर, मनन कर के, गंभीरता और अर्थपूर्ण रीति से उसके वचन का अध्ययन करें, जिससे उसका पूरा पूरा स्वाद ले सकें, उसकी गहराईयों को समझ सकें और उसकी संगति का आनन्द उठा सकें। दाउद ने कहा, "चखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है!" (भजन 34:8)। प्रभु यीशु ने स्पष्ट कहा है कि उसके वचन के साथ समय बिताना ही उसके प्रति हमारे प्रेम का सूचक है, परमेश्वर के साथ समय बिताना है, जो यह करते हैं परमेश्वर भी उनसे प्रेम करता है और उनके साथ वास करता है: "जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा। यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।" (यूहन्ना 14:21, 23)।

   परमेश्वर के वचन का स्वाद लेना सीखिए - उसपर मनन करने के द्वारा, अपने हृदय में उसे बसा लेने के द्वारा, उसका पालन करने के द्वारा, उसे दूसरों के साथ बांटने के द्वारा, दूसरों को इस जीवते वचन की सामर्थ और प्रतिभा बताने के द्वारा और आप पाएंगे कि आपके अपने जीवन का स्वाद संसार की कड़ुवाहट से भरने की बजाए ईश्वरीय सुगन्ध और मिठास से भर जाएगा। - सिंडी हैस कैस्पर


हम मसीही विश्वासीयों सबसे बड़ा सौभाग्य परमेश्वर का स्वाद लेते रहना है।

चखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। - भजन 34:8

बाइबल पाठ: भजन 34:1-10
Psalms 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
Psalms 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
Psalms 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।
Psalms 34:8 चखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।
Psalms 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगों, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती!
Psalms 34:10 जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 1-3 
  • लूका 8:26-56


गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

उलझनें


   ब्राज़ील के फिलिप मस्सा को सिंगापुर में सितंबर 2008 में आयोजित कार ग्राँ-प्री रेस का विजेता होना चाहिए था, लेकिन एक चूक ने सब बदल दिया। रेस में अग्रणीय स्थान पर चल रहे फिलिप ने ईंधन डलवाने के लिए कार अन्दर करी और ईंधन डलवाने के बाद, इससे पहले कि ईंधन की नली और पाइप अलग किया जाता, अपनी कार चला दी। कार से उलझी हुई नली और पाइप को निकालने में हुई देरी के कारण फिलिप को प्रथम की बजाए १३वाँ स्थान पाने पर ही सन्तोष करना पड़ा।

   इस संसार में बहुत सी लुभावनी बातें हैं जो हमारा ध्यान आकर्षित करके हमें अपने वासत्विक लक्ष्य से भटका देती हैं, जैसे हमारे कुछ शौक, सिनेमा, मौज-मस्ती, कंप्यूटर खेल, टी.वी. कार्यक्रम इत्यादि। ये और ऐसी अन्य बातें आरंभ होती हैं विश्राम और तनाव दूर करने की गतिविधियों के रूप में और धीरे धीरे बढ़कर ऐसी लत बन जाती हैं जो हमारा बहुत सा उपयोगी समय ले लेती हैं और स्वयं तनाव का एक कारण हो जाती हैं। इनमें उलझकर हम मसीही विश्वासी अपने मूल उद्देश्य - प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार का प्रचार तथा अपने जीवनों से परमेश्वर को महिमा देना और उसकी सेवकाई में लगे रहना, में शिथिल पड़ जाते हैं या उससे भटक जाते हैं।

   प्रेरित पुलुस ने अपने युवा साथी तिमुथियुस को भी उन सांसारिक उलझनों से बचकर रहने की चेतावनी दी जिनके कारण आत्मिक जीवन में पिछड़ापन आ जाता है। उसने तिमुथियुस को चिताया कि अपने प्रभु यीशु और उसके कार्यों से संसार की कोई बात उसके ध्यान को बंटाने ना पाए। पौलुस ने तिमुथियुस को समझाया कि क्यों उसे संसार कि बातों में उलझने से बचना है - जिससे वह अपने प्रभु को प्रसन्न कर सके। प्रेरित यूहन्ना ने भी अपनी पत्री में मसीही विश्वासीयों को संसार की बातों में उलझने से बचने के लिए लिखा क्योंकि, "क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्‍ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है। और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।" (1 यूहन्ना 2:17-18)।

   आज आपका मसीही विश्वास का जीवन कैसा है? क्या आपके जीवन से प्रभु का उद्देश्य पूरा हो रहा है? कहीं सांसारिक बातों में उलझ कर आप अपनी आशीषें तो गवाँ नहीं दे रहे हैं? - सी. पी. हिया


हम मसीही विश्वासी इस संसार मे रहते अवश्य हैं परन्तु हमारी नागरिकता और उद्देश्य स्वर्गीय हैं।

जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता - 2 तिमुथियुस 2:4

बाइबल पाठ: - 2 तिमुथियुस 2:1-7
2 Timothy 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा।
2 Timothy 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2 Timothy 2:3 मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा।
2 Timothy 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता
2 Timothy 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2 Timothy 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2 Timothy 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • रूत 1-4 
  • लूका 8:1-25


बुधवार, 3 अप्रैल 2013

परीक्षण


   हर साल मैं अपने सालाना स्वास्थ्य-परीक्षण के लिए अपने डॉक्टर के पास जाता हूँ और वह मेरे शरीर को टटोलकर, दबाकर, एक्स-रे, रक्त-जाँच, ई.सी.जी. तथा अन्य परीक्षणों के द्वारा मेरी जाँच करता है। यह समय चिन्ता और आशंकाओं का होता है, क्योंकि मैं नहीं जानता कि परीक्षणों का नतीजा क्या दिखाएगा और डॉक्टर क्या बताएगा, लेकिन फिर भी इसे करवाना आवश्यक होता है जिससे मैं अपने शरीर के स्वास्थ होने की स्थिति जान सकूँ और आगे के लिए वे निर्णय ले सकूँ, जो बढ़ती मेरी उम्र के लिए लाभदायक हों।

   यही बात आत्मिक जीवन में भी लागू होती है, विशेषकर एक मसीही विश्वासी के लिए। हम मसीही विश्वासीयों को कुछ कुछ समय बाद रुककर अपने मन और जीवन की जाँच कर लेना ज़रूरी है जिससे हम किसी अनुचित बात को अपने जीवन में पलने बढ़ने ना दें। इस आत्मिक जाँच का एक स्थान है प्रभु भोज के समय प्रभु की मेज़ के सम्मुख। प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थियों की मण्डली के मसीही विश्वासीयों को इसके बारे में लिखा और समझाया क्योंकि उनमें से बहुतेरे अयोग्य रीति से प्रभु की मेज़ में भाग ले रहे थे। पौलुस ने कहा, "इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए" (1 कुरिन्थियों 11:28)।

   प्रभु यीशु की मृत्यु द्वारा हमें पापों से मिली क्षमा और उसकी मृत्यु के महत्व तथा परिणामों को स्मरण करना और साथ में उसकी उपस्थिति में अपने आप को जाँचना, हमारा अपने आप से संबंधित विचारों और व्यवहार को बड़ी गहराई और गंभीरता से स्पष्ट कर देता है। जब हम परीक्षण के लिए अपने मन खोलकर प्रभु के सामने आते हैं तो प्रभु हमें हमारे जीवन की वो बातें दिखाता है जो मसीही जीवन के लिए असंगत और अनुचित हैं। इस गहन परीक्षण और अपनी वासत्विक आत्मिक दशा की पहचान के बाद हम पश्चाताप के साथ प्रभु की ओर मुड़ सकते हैं अपनी गलतीयों के लिए उससे क्षमा मांगकर सामर्थ पा सकते हैं, मार्गदर्शन पा सकते हैं और आते समय के लिए तैयार हो सकते हैं। प्रभु की मेज़ का यही उद्देश्य है - कि मनुष्य अपने आप को जाँच ले। 

   प्रभु नहीं चाहता कि हम अपने जीवनों में गलतीयों और पापों का बोझ लेकर उनके दुषपरिणामों को भोगते हुए आगे बढ़ें। इसीलिए उसने यह प्रयोजन किया ताकि उसके जन कभी अपनी आशीषों से वंचित ना होने पाएं। प्रभु भोज में सम्मिलित होने का समय आत्म-परीक्षण का समय है जहाँ से प्रभु हमें स्वस्थ और सामर्थी होके आगे बढ़ने और कार्य करने के लिए भेजना चाहता है। - बिल क्राउडर


प्रभु के सम्मुख आत्म-परीक्षण करने से किसी मसीही विश्वासी को बचना नहीं चाहिए।

पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्‍ड करने का अवसर होगा। - गलतियों 6:4

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 11:23-32
1 Corinthians 11:23 क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात वह पकड़वाया गया रोटी ली।
1 Corinthians 11:24 और धन्यवाद कर के उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।
1 Corinthians 11:25 इसी रीति से उसने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।
1 Corinthians 11:26 क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो।
1 Corinthians 11:27 इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लोहू का अपराधी ठहरेगा।
1 Corinthians 11:28 इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए।
1 Corinthians 11:29 क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्‍ड लाता है।
1 Corinthians 11:30 इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए।
1 Corinthians 11:31 यदि हम अपने आप में जांचते, तो दण्‍ड न पाते।
1 Corinthians 11:32 परन्तु प्रभु हमें दण्‍ड देकर हमारी ताड़ना करता है इसलिये कि हम संसार के साथ दोषी न ठहरें।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायीयों 19-21 
  • लूका 7:31-50


मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

करुणा


   फोर्ट कार्सन, कोलारैडो में अपने 2 वर्ष के सेनाध्यक्ष काल में मेजर जनर्ल मार्क ग्रैहम दुसरों के प्रति अपने व्यवहार और संवेदनशीलता के लिए प्रसिद्ध और प्रीय हो गए। अमेरीकी सेना के उनके एक साथी ने कहा, "मैंने कभी ऐसा सेना अधिकारी नहीं देखा जो सैनिकों और उनके परिवारों के बारे में इतना चिंतित रहता हो।" अपने एक बेटे के आत्महत्या कर लेने और दूसरे बेटे के युद्धभूमि पर शहीद हो जाने के बाद जनर्ल मार्क और उनकी पत्नि कैरल ने अपना जीवन उन सैनिकों और उनके परिवारों की सहायता को समर्पित कर दिया जो किसी तनाव, विषाद या व्यक्तिगत हानि से होकर निकल रहे हों।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के प्रेरितों के कार्य पुस्तक में एक ऐसे ही चरित्र का उल्लेख है जो दूसरों की देखभाल और चिन्ता के लिए जाना जाता था। उसका नाम तो यूसुफ था किंतु उस आरंभिक मसीही मण्डली में वह बरनबास अर्थात ’प्रोत्साहन का पुत्र’ नाम से अधिक जाना जाता था। वह बरनाबास ही था जिसने मसीही विश्वास में नए आए पौलुस पर, जो उस समय शाउल कहलाता था, और उसके विश्वास की सार्थकता पर पहले पहल विश्वास किया, जब मण्डली के बाकी लोग उसे शंका की दृष्टि से देखते थे (प्रेरितों 9:26-27)। बाद में बरनबास ही पौलुस को विश्वासियों को सिखाने के लिए तरसुस से अन्ताकिया लेकर आया (प्रेरितों 11:25-26)। अपनी एक पूर्व प्रचार यात्रा पर असफल रहने और यात्रा छोड़कर लौट जाने वाले यूहन्ना मरकुस को एक और अवसर देने की वकालत करने वाला भी बरनबास ही था (प्रेरितों 15:36-38); आगे चलकर यही मर्कुस आरांभिक मसीही विश्वासी मण्डली में बहुत उपयोगी बना और उसके द्वारा रचित प्रभु यीशु की जीवनी आज बाइबल की एक पुस्तक है।

   करुणा, सह-हृदयता, सहायता को तत्परता, मन के वे भाव हैं जो कार्यों द्वारा ही जाने जाते हैं। इसीलिए परमेश्वर ने अपने वचन में हम मसीही विश्वासियों के लिए निर्देश दिया है कि "इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो" (कुलुस्सियों 3:12)।

   परमेश्वर के हम पर हुए अनुग्रह को दूसरों के प्रति व्यवहार में नित-प्रायः प्रदर्शित करना हमारे मसीही विश्वासी होने का प्रमाण है। - डेविड मैक्कैसलैंड


सच्ची करुणा कार्यों में बोलती है।

क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले। - प्रेरितों के कार्य 11:24

बाइबल पाठ: प्रेरितों के कार्य 11:19-26
Acts 11:19 सो जो लोग उस क्‍लेश के मारे जो स्‍तिफनुस के कारण पड़ा था, तित्तर बित्तर हो गए थे, वे फिरते फिरते फीनीके और कुप्रुस और अन्‍ताकिया में पहुंचे; परन्तु यहूदियों को छोड़ किसी और को वचन न सुनाते थे।
Acts 11:20 परन्तु उन में से कितने कुप्रुसी और कुरेनी थे, जो अन्‍ताकिया में आकर युनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमचार की बातें सुनाने लगे।
Acts 11:21 और प्रभु का हाथ उन पर था, और बहुत लोग विश्वास कर के प्रभु की ओर फिरे।
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्‍ताकिया भेजा।
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले।
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया।
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायीयों 16-18 
  • लूका 7:1-30