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मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

राय


   प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने से कुछ पहले, मरियम नाम की एक स्त्री ने प्रभु के पैरों पर बहुत बहुमूल्य इत्र उँडेला, और फिर, एक और भी अनेपक्षित कार्य कर डाला, अपने बाल खोल कर वो प्रभु के पाँव पोंछने लगी (यूहन्ना 12:3)। ना केवल मरियम ने संभवतः अपनी जीवन भर की कमाई प्रभु के पाँव पर उँडेल दी, वरन उसने अपना सम्मान भी दाँव पर लगा दिया। जहाँ यह घटना घटी, अर्थात संसार के मध्य-पूर्व इलाके में, वहाँ उन दिनों की संसकृति और व्यवहार के अनुसार संभ्रांत महिलाएं सार्वजनिक स्थानों में अपने बाल कभी खुले नहीं रखती थीं। लेकिन सच्ची आराधना कभी इस बात से सीमित नहीं होती कि लोग हमारे बारे में क्या राय रखते हैं। प्रभु यीशु की आराधना के लिए मरियम को उसके प्रति बनने वाली लोगों की राय की कोई चिंता नहीं थी; प्रभु के लिए वो निर्लज्ज या दुराचारी तक समझी जानें के लिए तैयार थी।

   अनेक बार हम अपने आप को सिद्ध और दोषरहित दिखाने के दबाव में रहते हैं, विशेषकर जब हम चर्च जाते हैं। हम चाहते हैं और प्रयास करते हैं कि लोग हमारे बारे में भले विचार रखें, हम किसी रीति से अनैतिक नज़र ना आएं। लेकिन एक अच्छा और सही चर्च, अर्थात प्रभु यीशु मसीह के विश्वासियों की मण्डली, वही है जहाँ हम अपने स्वाभाविक रूप में आ सकते हैं, जहाँ हमें सिद्धता के मुखौटे की पीछे अपनी कमियाँ और दोष छुपाने की आवश्यकता नहीं है। मसीही मण्डली ऐसा स्थान होना चाहिए जहाँ हम अपनी कमज़ोरियों को प्रकट कर के सामर्थ पा सकें ना कि ऐसा स्थान जहाँ हमें अपनी दुर्बलताओं को छिपाने और बलवन्त होने का नाटक करना पड़े।

   परमेश्वर तो हमें अन्दर-बाहर हर रीति से भली भांति जानता है, हम उससे कुछ छिपा नहीं सकते, मुखौटे लगा कर उसे बहका नहीं सकते। इसलिए आराधना का यह उद्देश्य नहीं है कि हम अपने आप को ऐसा दिखाएं कि कहीं कुछ गड़बड़ नहीं है, सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है। वरन आराधना का उद्देश्य है अपने आप को ठीक-ठाक कर लेना - परमेश्वर के साथ भी और एक दूसरे के साथ भी। यदि प्रभु यीशु की मण्डली में हमारा सबसे बड़ा भय हमारी सही दशा के प्रकट हो जाने का है, जिसके लिए हमें फिर मुखौटे लगाने पड़ें, तो हमारा सबसे बड़ा पाप अपनी दशा को छुपा कर उस मुखौटे को लगाना ही है, क्योंकि यह परमेश्वर और मनुष्यों, दोनो को ही धोखा देने का प्रयास है।

   मनुष्यों की राय से नहीं डरें वरन इस बात का ध्यान करें कि परमेश्वर कि राय आपके बारे में क्या है। मनुष्यों की राय तो परिस्थितियों और आवश्यकता के अनुसार बदलती रहती है, परन्तु परमेश्वर की राय उसके स्थिर मापदण्डों के अनुसार होती है। परमेश्वर के समक्ष अपने आप को खोल दें, अपनी भावनाओं को प्रकट होने दें और अपने किसी भी अनुचित आचरण के लिए निसंकोच पश्चातापी होकर उससे क्षमा माँग लें, और आप पाएंगे कि परमेश्वर आप के बारे में लोगों की राय भली बना देगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक


हमारी आराधना तब ही ग्रहण योग्य होगी जब हम परमेश्वर और मनुष्यों दोनो ही के साथ सही दशा में होंगे।

तब मरियम ने जटामासी का आध सेर बहुमूल्य इत्र ले कर यीशु के पावों पर डाला, और अपने बालों से उसके पांव पोंछे, और इत्र की सुगंध से घर सुगन्‍धित हो गया। - यूहन्ना 12:3

बाइबल पाठ: यूहन्ना 12:1-8
John 12:1 फिर यीशु फसह से छ: दिन पहिले बैतनिय्याह में आया, जहां लाजर था: जिसे यीशु ने मरे हुओं में से जिलाया था। 
John 12:2 वहां उन्होंने उसके लिये भोजन तैयार किया, और मारथा सेवा कर रही थी, और लाजर उन में से एक था, जो उसके साथ भोजन करने के लिये बैठे थे। 
John 12:3 तब मरियम ने जटामासी का आध सेर बहुमूल्य इत्र ले कर यीशु के पावों पर डाला, और अपने बालों से उसके पांव पोंछे, और इत्र की सुगंध से घर सुगन्‍धित हो गया। 
John 12:4 परन्तु उसके चेलों में से यहूदा इस्करियोती नाम एक चेला जो उसे पकड़वाने पर था, कहने लगा। 
John 12:5 यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर कंगालों को क्यों न दिया गया? 
John 12:6 उसने यह बात इसलिये न कही, कि उसे कंगालों की चिन्‍ता थी, परन्तु इसलिये कि वह चोर था और उसके पास उन की थैली रहती थी, और उस में जो कुछ डाला जाता था, वह निकाल लेता था। 
John 12:7 यीशु ने कहा, उसे मेरे गाड़े जाने के दिन के लिये रहने दे। 
John 12:8 क्योंकि कंगाल तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 29-31


सोमवार, 24 फ़रवरी 2014

ताज़ा एवं फलता-फूलता


   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 92 का लेखक प्रशंसा की सिफारिश के साथ भजन का आरंभ करता है: "यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना" (भजन 92:1)। किसके लिए भला है? मेरे और आपके लिए भला है। जब हम चिंताजनक विचारों से मन को हटा कर परमेश्वर के प्रति प्रार्थनमय आराधना और प्रशंसा से उसे भर लेते हैं तो यह हमारे मन और आत्मा के लिए बहुत लाभदायक हो जाता है। अपने जीवन की प्रत्येक भोर का स्वागत, परमेश्वर के प्रति धन्यवाद के गीतों से करना हमें आनन्द से भर देता है, जो कार्य परमेश्वर हमारे जीवनों में कर रहा है, उसके प्रति हमारे ध्यान को ले जाता है, और हमें उदासी के अंधेरों से बाहर निकालकर हमारे मन को परमेश्वर की भलाई के कार्यों के उजालों से भर देता है।

   परमेश्वर के वचन का मेरा एक पसन्दीदा भाग है: "धर्मी लोग खजूर की नाईं फूले फलेंगे, और लबानोन के देवदार की नाईं बढ़ते रहेंगे। वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे। वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे" (भजन 92:12-14)।

   खजूर के वृक्ष सूखे प्रदेशों में भी हरे-भरे, ऊँचे, स्थिर और फलवन्त होने का प्रतीक हैं और देवदार के वृक्ष ना झुकने वाली सामर्थ का। जो जन परमेश्वर के घर में रोपे गए हैं वे भी ऐसे ही होते हैं, क्योंकि उन की जड़ें परमेश्वर के वचन की अडिग और अकाट्य सच्चाईयों में गहरी जमीं होती हैं और उनके तने और शाखाएं परमेश्वर के प्रेम से सींची जाकर लहलहाती रहती हैं।

   क्या आपको कभी ऐसा प्रतीत होता है कि आप परमेश्वर के लिए उपयोगी नहीं रहे? परमेश्वर के वचन में अपनी जड़ बनाए रखें, मसीह यीशु में स्थिर बने रहें, उसके प्रेम और अनुग्रह से सींचे जाते रहें; फिर आपकी शारीरिक आयु कुछ भी क्यों ना हो, परमेश्वर के लिए आप सदा ही ताज़ा एवं फलता-फूलता जीवन व्यतीत करते रहेंगे।


जब आप परमेश्वर के अनुग्रह और उससे मिली आशीषों पर ध्यान करना आरंभ करते हैं तो परमेश्वर की आराधना स्वाभाविक रीति से मन से निकलने लगती है।

तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं वैसा ही बना रहूंगा और तुम्हारे बाल पकने के समय तक तुम्हें उठाए रहूंगा। मैं ने तुम्हें बनाया और तुम्हें लिये फिरता रहूंगा; - यशायाह 46:4

बाइबल पाठ: भजन 92:1-15
Psalms 92:1 यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना; 
Psalms 92:2 प्रात:काल को तेरी करूणा, और प्रति रात तेरी सच्चाई का प्रचार करना, 
Psalms 92:3 दस तार वाले बाजे और सारंगी पर, और वीणा पर गम्भीर स्वर से गाना भला है। 
Psalms 92:4 क्योंकि, हे यहोवा, तू ने मुझ को अपने काम से आनन्दित किया है; और मैं तेरे हाथों के कामों के कारण जयजयकार करूंगा।
Psalms 92:5 हे यहोवा, तेरे काम क्या ही बड़े हैं! तेरी कल्पनाएं बहुत गम्भीर हैं! 
Psalms 92:6 पशु समान मनुष्य इस को नहीं समझता, और मूर्ख इसका विचार नहीं करता: 
Psalms 92:7 कि दुष्ट जो घास की नाईं फूलते-फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिये होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएं, 
Psalms 92:8 परन्तु हे यहोवा, तू सदा विराजमान रहेगा। 
Psalms 92:9 क्योंकि हे यहोवा, तेरे शत्रु, हां तेरे शत्रु नाश होंगे; सब अनर्थकारी तितर बितर होंगे।
Psalms 92:10 परन्तु मेरा सींग तू ने जंगली सांढ़ का सा ऊंचा किया है; मैं टटके तेल से चुपड़ा गया हूं। 
Psalms 92:11 और मैं अपने द्रोहियों पर दृष्टि कर के, और उन कुकर्मियों का हाल मेरे विरुद्ध उठे थे, सुनकर सन्तुष्ट हुआ हूं।
Psalms 92:12 धर्मी लोग खजूर की नाईं फूले फलेंगे, और लबानोन के देवदार की नाईं बढ़ते रहेंगे। 
Psalms 92:13 वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे। 
Psalms 92:14 वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे, 
Psalms 92:15 जिस से यह प्रगट हो, कि यहोवा सीधा है; वह मेरी चट्टान है, और उस में कुटिलता कुछ भी नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 26-28


रविवार, 23 फ़रवरी 2014

संसाधन


   दूसरे विश्वयुद्ध के समय यूरोप पर हावी नाट्ज़ी जर्मनी के आताताईयों के ज़ुल्म का प्रतिरोध करने की अन्तिम सीमा ब्रिटेन ही रह गया था, और जर्मनी से हो रहे अनवरत आक्रमण के आगे यह प्रतिरोध टूटने की कगार पर पहुँचने लगा था, क्योंकि ब्रिटेन के पास वो संसाधन नहीं थे जिनकी सहायता से युद्ध जीता जा सके। इस कारण ब्रिटेन के प्रधान मंत्री विन्सटन चर्चिल ने बी. बी. सी. रेडियों के प्रसारण के माध्यम से संसार से गुहार करी, "हमें संसाधन दो और हम इस कार्य को पूरा कर दिखाएंगे।" वे जानते थे कि बिना बाहरी सहायता मिले ब्रिटेन नाट्ज़ी जर्मनी से हो रहे अविरल प्रहार का सामना अधिक देर तक नहीं करने पाएगा।

   जीवन ऐसा ही है। अनेक बार जीवन में हम पर जो परेशानियाँ आती हैं हम उनका सामना अकेले कर पाने में असमर्थ होते हैं, हमें बाहरी सहायता की आवश्यकता होती है। मसीही विश्वासियों का मसीह यीशु की देह अर्थात उसकी मण्डली के अंग होने के कारण उन्हें यह सहायता मसीही मण्डली से मिल सकती है (रोमियों 12:10-13), और यह एक बहुत अच्छी बात भी है। किंतु अन्ततः हमारी सहायता परमेश्वर से ही आती है, और हमें उसी के सामने अपनी प्रार्थना, विन्तियाँ रखनी चाहिएं। अच्छी और भली खबर यह है कि परमेश्वर ने हमें यह खुला निमंत्रण दे रखा है कि हम निश्चिंत होकर उसके सामने अपनी प्रार्थना लेकर कभी जा सकते हैं: "इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे" (इब्रानियों 4:16)।

   हम मसीही विश्वासियों को यह आदर है कि जब भी हम किसी भी परेशानी में हों, हम बिना हिचकिचाए अपने स्वर्गीय पिता परमेश्वर के पास अपनी प्रार्थना लेकर आ सकते हैं। हर परिस्थिति में हमारी सहायता का हमारा सबसे बड़ा संसाधन प्रार्थना ही है, क्योंकि प्रार्थना हमें सीधे परमेश्वर की उपस्थिति में ले आती है, और वहाँ परमेश्वर की अनुकंपा और अनुग्रह में हमें वह प्राप्त होता है जिसकी हमें आवश्यकता है। - बिल क्राउडर


आवश्यकता के समय में प्रार्थना को अपना अन्तिम नहीं, वरन अपना प्रथम उपाय बनाएं।

क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है। इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए। - इफिसियों 2:18-19

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:9-16
Hebrews 4:9 सो जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। 
Hebrews 4:10 क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर की नाईं अपने कामों को पूरा कर के विश्राम किया है। 
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े। 
Hebrews 4:12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। 
Hebrews 4:13 और सृष्‍टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं।
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे। 
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। 
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 23-25


शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

साधारण मनुष्य


   स्टीव एक साधारण सा व्यक्ति था। बहुत वर्ष पहले मैं जिस चर्च में जाया करता था स्टीव भी वहीं खामोशी से सेवा किया करता था। वो चर्च सभा की तैयारियों में सहायता करता, चर्च के आस-पास के मार्ग को साफ रखता, चर्च के मैदान की घास को छांटता। जिन किशोरों के पिता नहीं थे स्टीव उनके साथ समय बिताता। कई बार मैंने स्टीव को शान्त रीति से लोगों से कहते सुना कि कैसे परमेश्वर उसके साथ भला बना रहा है। जब प्रार्थना सभा होती तो वह अपने लिए कुछ नहीं कहता वरन अनुरोध करता के हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जिन्हें वो प्रभु यीशु के प्रेम और क्षमा के बारे में बता रहा है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के यूहन्ना रचित सुसमाचार में यूहन्ना बप्तिस्मा देने वाले के बारे में आया एक पद - यूहन्ना 10:41 मुझे स्टीव की याद दिलाता है। युहन्ना बप्तिस्मा देने वाला अपने बारे में व्याख्यान देने संसार में नहीं आया था, उसके आने का उद्देश्य था: "यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं" (यूहन्ना 1:7); उसने, "दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना1:29)। मेरा मित्र स्टीव भी यही करता रहता था।

   हम मसीही विश्वासियों के जीवन का उद्देश्य भी यही रहना चाहिए, कि हम भी जगत की सच्ची ज्योति, प्रभु यीशु मसीह की गवाही संसार के सामने रखें। हम सभी साधारण लोग हैं, जो संसार के अपने अपने कोनों में परमेश्वर की सेवा के लिए रखे गए हैं। अपने शान्त स्वभाव और निस्वार्थ तथा विश्वासयोग्य कार्यों से, स्टीव के समान ही हमें भी औरों को उस सच्ची ज्योति, प्रभु यीशु की ओर आकर्षित करना है। - ऐनी सेटास


मसीही विश्वासी साधारण लोग हैं जो मसीह यीशु के असाधारण व्यक्तित्व के प्रति समर्पित हैं।

और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था। - यूहन्ना 10:41

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:27-42
John 10:27 मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं। 
John 10:28 और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। 
John 10:29 मेरा पिता, जिसने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता। 
John 10:30 मैं और पिता एक हैं। 
John 10:31 यहूदियों ने उसे पत्थरवाह करने को फिर पत्थर उठाए। 
John 10:32 इस पर यीशु ने उन से कहा, कि मैं ने तुम्हें अपने पिता की ओर से बहुत से भले काम दिखाए हैं, उन में से किस काम के लिये तुम मुझे पत्थरवाह करते हो? 
John 10:33 यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, कि भले काम के लिये हम तुझे पत्थरवाह नहीं करते, परन्तु परमेश्वर की निन्‍दा के कारण और इसलिये कि तू मनुष्य हो कर अपने आप को परमेश्वर बनाता है। 
John 10:34 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या तुम्हारी व्यवस्था में नहीं लिखा है कि मैं ने कहा, तुम ईश्वर हो? 
John 10:35 यदि उसने उन्हें ईश्वर कहा जिन के पास परमेश्वर का वचन पहुंचा (और पवित्र शास्त्र की बात लोप नहीं हो सकती।) 
John 10:36 तो जिसे पिता ने पवित्र ठहराकर जगत में भेजा है, तुम उस से कहते हो कि तू निन्‍दा करता है, इसलिये कि मैं ने कहा, मैं परमेश्वर का पुत्र हूं। 
John 10:37 यदि मैं अपने पिता के काम नहीं करता, तो मेरी प्रतीति न करो। 
John 10:38 परन्तु यदि मैं करता हूं, तो चाहे मेरी प्रतीति न भी करो, परन्तु उन कामों की तो प्रतीति करो, ताकि तुम जानो, और समझो, कि पिता मुझ में है, और मैं पिता में हूं। 
John 10:39 तब उन्होंने फिर उसे पकड़ने का प्रयत्न किया परन्तु वह उन के हाथ से निकल गया।
John 10:40 फिर वह यरदन के पार उस स्थान पर चला गया, जहां यूहन्ना पहिले बपतिस्मा दिया करता था, और वहीं रहा। 
John 10:41 और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था। 
John 10:42 और वहां बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया।

एक साल में बाइबल: 

  • व्यवस्थाविवरण 20-22


शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014

लापरवाह


   हमारे छोटे से बाइबल अध्ययन समूह में, परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन नामक पुस्तक का अध्ययन करते हुए, हमारे समूह के अगुवे ने सुझाव रखा कि हम नीतिवचन 6:6,9 में दी गई आलसी व्यक्ति की परिभाषा को लापरवाह शब्द से भी जोड़ लें। मैं तुरंत उन लोगों के बारे में सोचने लग गई जिन्हें मैं लापरवाह समझती हूँ - जैसे कि वे लोग जो अपने बच्चों को सही शिक्षा तथा अनुशासन नहीं सिखाते; या, वह व्यक्ति जो घर के कार्यों के करने में हाथ नहीं बंटाता; या फिर वे किशोर जो पढ़ाई की अपनी ज़िम्मेदारी की उपेक्षा कर के अपना समय इण्टरनैट पर खेल खेलते रहने में बरबाद करते रहते हैं।

   लेकिन केवल ये लोग ही लापरवाह नहीं हैं; यदि हम ईमानदारी से अपने आप को जाँचे तो हम सभी, हाँ हम मसीही विश्वासी भी, लापरवाह होने के दोषी हैं। ज़रा आम तौर से देखे जाने वाले लापरवाही के इन उदाहरणों पर विचार कीजिए, और उन से संबंधित बाइबल के हवालों को भी पढ़िए:
   - प्रार्थना में लापरवाह (1 थिस्सुलुनीकियों 5:17-18)
   - बाइबल पढ़ने में लापरवाह (भजन 119:103; 2 तिमुथियुस 3:16-17)
   - आत्मिक वरदानों के प्रयोग में लापरवाह (रोमियों 12:4-8)
   - गवाही देने में लापरवाह (मत्ती 28:19-20; प्रेरितों 1:8)

   यदि हम वह नहीं कर रहे हैं जो हम जानते हैं कि परमेश्वर हम से चाहता है कि हम करें, तो निश्चित रूप से हम आत्मिक बातों में लापरवाह हैं। वास्तविकता तो यह है कि ऐसे में हम ना केवल लापरवाह हैं, वरन परमेश्वर के अनाज्ञाकारी होने के पाप के भी दोषी ठहरते हैं। याकूब की पत्री में लिखे इन चुनौतीपूर्ण और दोषी ठहराने वाले शब्दों को देखिए: "इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है" (याकूब 4:17)।

   थोड़ा रुक कर अपने जीवन, अपनी प्राथमिक्ताओं और अपने रवैये के बारे में सोचें; जो संसार का है वह संसार में ही रह जाएगा, जो आत्मिक है वह ही हमारे साथ जाएगा। ना तो आलसी और ना ही लापरवाह वरन परमेश्वर के लिए परिश्रमी बनें; यही अनन्त आशीषों को प्रदान करेगा। - सिंडी हैस कैसपर


हम परमेश्वर की आज्ञा ना मानने के लिए कोई भी बहाने बना लें; परमेश्वर उसे अनाज्ञाकरिता ही कहेगा।

हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। - गलतियों 6:9 

बाइबल पाठ: नीतिवचन 6:6-11
Proverbs 6:6 हे आलसी, च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो। 
Proverbs 6:7 उन के न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, और न प्रभुता करने वाला, 
Proverbs 6:8 तौभी वे अपना आहार धूपकाल में संचय करती हैं, और कटनी के समय अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं। 
Proverbs 6:9 हे आलसी, तू कब तक सोता रहेगा? तेरी नींद कब टूटेगी? 
Proverbs 6:10 कुछ और सो लेना, थोड़ी सी नींद, एक और झपकी, थोड़ा और छाती पर हाथ रखे लेटे रहना, 
Proverbs 6:11 तब तेरा कंगालपन बटमार की नाईं और तेरी घटी हथियारबन्द के समान आ पड़ेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 17-19


गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

भय


   अमेरीकी राष्ट्रपति फ्रैंक्लिन रूज़वेल्ट ने 1933 में अपने राष्ट्रपतिकाल के प्रथम एवं उद्घाटन भाषण में कहा, "हमें केवल एक ही बात से डरना है और वह है स्वयं डर।" रूज़वेल्ट भारी आर्थिक मन्दी की भयानक मार से त्रस्त राष्ट्र में एक आशा की किरण जलाना चाह रहे थे, लोगों के अन्दर की निराशा को निकालकर एक सकारात्मक रवैया जगाना चाह रहे थे।

   भय हमारे जीवनों में तब दिखाई देता है जब हमें लगता है कि हम कुछ गंवा देंगे। यह गंवाना हमारी दौलत, सेहत, सम्मान, पदवी, सुरक्षा, परिवार, मित्र इत्यादि किसी का भी हो सकता है। भय हमारे अन्दर बसी उस इच्छा को प्रगट करता है जिसके अन्तर्गत हम अपने जीवन में महत्वपूर्ण बातों को अपने ही द्वारा बचा कर रखने का प्रयास करते हैं, बजाए इसके कि उनकी सुरक्षा और नियंत्रण परमेश्वर के हाथों में सौंप दें। जब भय हम पर हावी हो जाता है तो हमें भावनात्मक रीति से अपंग और आत्मिक रीति से दुर्बल कर देता है। भय की स्थिति में हम दूसरों को प्रभु यीशु के बारे में बताने से हिचकिचाते हैं, अपने जीवन और संसाधन दूसरों की भलाई के लिए लगाने से कतराते हैं, किसी नए कार्य को आरंभ करने से डरते हैं। एक भयभीत आत्मा का शत्रु शैतान द्वारा आहत होने की संभावना कहीं अधिक होती है; ऐसे में शैतान हमें उकसाता है कि हम परमेश्वर और उसके वचन बाइबल पर अपने विश्वास के साथ समझौता करें, परमेश्वर पर भरोसा रख कर उसकी बाट जोहने की बजाए, समस्याओं का समाधान अपने ही हाथों में लेकर अपनी सीमित समझ और सीमित संसाधनों के द्वारा उन्हें सुलझाने के प्रयास करें; क्योंकि वह जानता है कि ऐसा करने में हम अवश्य ही कोई ना कोई गलती करेंगे और उसके फंदों में फंस जाएंगे।

   भय का समाधान है अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर पर विश्वास को बनाए रखना। जब हम उसकी उपस्थिति, सामर्थ, सुरक्षा और संसाधनों की वास्तविकता में विश्वास रख कर जीवन व्यतीत करेंगे तब भय का कोई स्थान नहीं होगा और हम आनन्द के साथ जीवन व्यतीत करते हुए भजनकार के साथ कहने पाएंगे, "मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया" (भजन 34:4)। - जो स्टोवैल


भयभीत आत्मा का उपाय है परमेश्वर प्रभु यीशु पर संपूर्ण भरोसा।

यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? - भजन 27:1

बाइबल पाठ: भजन 34:1-10
Psalms 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी। 
Psalms 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे। 
Psalms 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें। 
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया। 
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। 
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है। 
Psalms 34:8 परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। 
Psalms 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती! 
Psalms 34:10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 13-16


बुधवार, 19 फ़रवरी 2014

आतुर और तैयार


   प्रसिद्ध प्रचारक एवं धर्मशास्त्री हेल्मट थिएलिके (1908-1986) को जर्मनी में नाट्ज़ी शासन के दौरान 1930 तथा 1940 के दशकों में बहुत विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी इन कठिन और कष्टदायक समयों में वे मसीह यीशु में परमेश्वर की उपस्थिति और सामर्थ्य का प्रचार करने से थमे नहीं। उनके विषय में विद्वान रॉबर्ट स्मिथ ने कहा कि अपने प्रचार में थिएलिके ने वर्तमान के मुद्दों और समस्याओं को संबोधित करते हुए अपने समक्ष सदा एक प्रश्न रखा, "इस विषय पर परमेश्वर की ओर से क्या कोई वचन है?"

   क्या यही प्रश्न आज हम सबके समक्ष नहीं होना चाहिए? क्योंकि जो परमेश्वर ने कहा है वह ही हमें सामर्थ देगा और हमारा मार्गदर्शन करेगा तथा कठिनाईयों और परिस्थितियों से होकर निकलने में हमारी सहायता करेगा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के 1 शमूएल 3 अध्याय में हम एक ऐसे काल का उल्लेख पाते हैं जब "परमेश्वर का वचन दुर्लभ था" (पद 1)। जब परमेश्वर ने बालक शमूएल से बात करी, तब पहले तो शमूएल ने समझा कि वृद्ध पुरोहित एली, जिसके साथ वह रहता था, वह उससे बात करना चाह रहा है। एली ने ही सारी परिस्थिति समझ कर शमूएल को समझाया कि जब पुनः उसे परमेश्वर का स्वर सुनाई दे तो वह कहे, "हे यहोवा कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है" (पद 9)। शमूएल ने परमेश्वर की आवाज़ को सुना और उसकी बात पर विश्वास करना तथा उसे मानना सीखा, और वह परमेश्वर का निडर और विश्वासयोग्य सेवक बन सका, तथा, "...यहोवा ने अपने आप को शीलो में शमूएल पर अपने वचन के द्वारा प्रगट किया" (पद 21)।

   जब कभी हम परमेश्वर के अध्ययन के लिए बैठें, या परमेश्वर के वचन पर आधारित कोई प्रचार सुनें, या प्रार्थना में परमेश्वर के सामने आएं, तो हमारे लिए बहुत अच्छा होगा कि हम परमेश्वर से कहें, "हे प्रभु यीशु मुझसे बोलिए। मैं सुनने के लिए आतुर और आज्ञा मानने के लिए तैयार हूँ।" - डेविड मैक्कैसलैण्ड


परमेश्वर अपने वचन में हो कर उन से बोलता है जो सच्चे मन से उसकी सुनने और मानने को तैयार रहते हैं।

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं। - भजन 119:11 

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 3:1-10
1 Samuel 3:1 और वह बालक शमूएल एली के साम्हने यहोवा की सेवा टहल करता था। और उन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था; और दर्शन कम मिलता था। 
1 Samuel 3:2 और उस समय ऐसा हुआ कि (एली की आंखे तो धुंघली होने लगी थीं और उसे न सूझ पड़ता था) जब वह अपने स्थान में लेटा हुआ था, 
1 Samuel 3:3 और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, और शमूएल यहोवा के मन्दिर में जहाँ परमेश्वर का सन्दूक था लेटा था; 
1 Samuel 3:4 तब यहोवा ने शमूएल को पुकारा; और उसने कहा, क्या आज्ञा! 
1 Samuel 3:5 तब उसने एली के पास दौड़कर कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। वह बोला, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। तो वह जा कर लेट गया। 
1 Samuel 3:6 तब यहोवा ने फिर पुकार के कहा, हे शमूएल! शमूएल उठ कर एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। उसने कहा, हे मेरे बेटे, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। 
1 Samuel 3:7 उस समय तक तो शमूएल यहोवा को नहीं पहचानता था, और न तो यहोवा का वचन ही उस पर प्रगट हुआ था। 
1 Samuel 3:8 फिर तीसरी बार यहोवा ने शमूएल को पुकारा। और वह उठके एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। तब एली ने समझ लिया कि इस बालक को यहोवा ने पुकारा है। 
1 Samuel 3:9 इसलिये एली ने शमूएल से कहा, जा लेट रहे; और यदि वह तुझे फिर पुकारे, तो तू कहना, कि हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है तब शमूएल अपने स्थान पर जा कर लेट गया। 
1 Samuel 3:10 तब यहोवा आ खड़ा हुआ, और पहिले की नाईं पुकारा, शमूएल! शमूएल! शमूएल ने कहा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 10-12