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बुधवार, 22 जून 2016

मुलाकात


   मेरे दादा, मेरे पिता और उनके भाई, सभी कठोर प्रवृति के थे और उन्हें कदापि पसन्द नहीं था कि कोई उनके समक्ष खड़ा रहकर उनसे मसीही विश्वास की बातें करे। जब पता चला कि मेरे पिता को कैंसर है, और ऐसा जो तेज़ी से बढ़ता और फैलता है, तो मुझे उनके अनन्त भविष्य की बहुत चिंता हुई, और मुझे जब भी अवसर मिलता मैं उनसे प्रभु यीशु मसीह और हमारे लिए उसके प्रेम के बारे में बातें करता। लेकिन वे प्रत्येक वार्तालाप को एक शिष्ट किंतु दृढ़ "मुझे जो जानना चाहिए वह मुझे पता है" कह कर अन्त कर देते थे।

   अन्ततः मैंने उनसे वायदा किया कि मैं यह विषय फिर कभी नहीं उठाऊँगा, और उन्हें पढ़ने के लिए कुछ कार्ड्स का संकलन दिया जो परमेश्वर द्वारा अपने अनुग्रह से हमें प्रदान करी जाने वाली पापों की क्षमा के बारे में थे, और जिन्हें वे अपनी इच्छा और समयानुसार पढ़ सकते थे। मैंने अपने पिता को परमेश्वर पिता के हाथों में समर्पित कर दिया और उनके उद्धार के लिए प्रार्थना करता रहा। मेरा एक मित्र भी परमेश्वर पिता से उनके लिए प्रार्थना कर रहा था कि वे बस इतना तो जीवित रह सकें कि प्रभु यीशु मसीह और उद्धार के बारे में जान लें।

   एक दोपहर वह फोन आ ही गया कि मेरे पिता अब संसार से कूच कर गए हैं। मैं उनके अन्तिम संस्कार के लिए घर गया, जहां मेरा भाई मुझे लेने हवाई-अड्डे पर आया था। भाई ने मुझे बताया कि मेरे पिता ने उसके पास मेरे लिए एक सन्देश छोड़ा था; उससे पिताजी ने कहा था कि वह मुझे बता दे कि उन्होंने प्रभु यीशु से पापों की क्षमा मांग ली थी। मैंने तुरंत पूछा, "कब?" भाई ने उत्तर दिया "उनके देहांत के दिन की प्रातः को" - परमेश्वर ने जैसे हम पर, वैसे ही उन पर भी अपनी दया करी, उन्हें पापों से पश्चताप करने और उन पापों की क्षमा प्राप्त होने का अनुभव होने तक, प्रभु यीशु से उनकी मुलाकात होने तक उन्हें जीवित रखा।

   लोगों तक प्रभु यीशु के प्रेम और उनसे मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार के सन्देश को पहुँचाने के लिए हम विभिन्न तरीके अपनाते हैं, जैसे कि सुसमाचार सुनाना, या अपने जीवन और हृदय परिवर्तन की गवाही देना, कभी-कभी केवल प्रभु यीशु के जीवन और शिक्षाओं को अपने जीवन में जी कर दिखाना, आदि लेकिन हर तरीके के साथ हम प्रार्थना का भी सहारा अवश्य लेते हैं क्योंकि हम यह जानते हैं कि अन्ततः पापों की क्षमा और उद्धार देना परमेश्वर का कार्य है, हम अपने प्रयासों से ना तो इसे किसी को दे सकते हैं और ना ही कोई भी व्यक्ति अपने किसी प्रयास अथवा धार्मिकता से इसे परमेश्वर से कमा सकता है।

   परमेश्वर अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है; हमारी प्रर्थनाओं का परिणाम चाहे जो भी हो किंतु प्रभु यीशु से मुलाकात का अवसर परमेश्वर सब को प्रदान करता है। क्या आपने आपको दिए गए इस सुअवसर का सही लाभ उठाया है? क्या आपने प्रभु यीशु से मुलाकात कर ली है? - रैंडी किलगोर


हम बीज बोते और सींचते हैं किंतु उसका उगना और फलवंत होना परमेश्वर की ओर से होता है।

वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। क्योंकि परमेश्वर एक ही है: और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात मसीह यीशु जो मनुष्य है। - 1 तिमुथियुस 2:4-5

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 1:11-17
1 Timothy 1:11 यही परमधन्य परमेश्वर की महिमा के उस सुसमाचार के अनुसार है, जो मुझे सौंपा गया है।
1 Timothy 1:12 और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिसने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उसने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया। 
1 Timothy 1:13 मैं तो पहिले निन्‍दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्‍धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे। 
1 Timothy 1:14 और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ। 
1 Timothy 1:15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। 
1 Timothy 1:16 पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं। 
1 Timothy 1:17 अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6


मंगलवार, 21 जून 2016

व्यस्त


   32 देशों के भिन्न शहरों में जीवन की रफतार को नापने के लिए किए गए एक अध्ययन के अनुसार सबसे अधिक जल्दबाज़ी में रहने वाले लोग सिंगापुर में होते हैं। इस अध्ययन के अनुसार सिंगापुर के लोग 60 फुट चलने के लिए 10:55 सेकेण्ड लेते हैं, जबकि इसकी तुलना में न्यूयॉर्क के लोग 12:00 सेकेण्ड तथा अफ्रीका में स्थित मलावी देश के ब्लैंटायर नगर के लोग 31:60 सेकेण्ड लेते हैं।

   यह अध्ययन एक और बात भी दिखाता है, हम चाहे जहाँ भी रहते हों, पिछले 20 वर्षों में चलने की गति औसतन 10% बढ़ गई है। यदि चलने की गति हमारे जीवन की व्यस्तता का माप है, तो निश्चित ही हम पहले से कहीं अधिक व्यस्त हो गए हैं।

   क्या आप भी अपने आप को व्यस्त जीवन के पागलपन में फँसा हुआ पाते हैं? थोड़ा थम कर प्रभु यीशु द्वारा अपनी मेज़बान मार्था से कहे गए शब्दों पर ध्यान कीजिए: "...मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्‍ता करती और घबराती है। परन्तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है: जो उस से छीना न जाएगा" (लूका 10:41-42)। मार्था ने प्रभु को अपने घर में आने का न्यौता दिया था, वह उसके लिए बहुत कुछ करना चाहती थी, और अपनी इस चाह में वह इतनी व्यस्त हो गई कि प्रभु के लिए उसके पास समय ही नहीं रहा।

   किंतु प्रभु यीशु के विनम्र शब्दों पर ध्यान किजिए; प्रभु मार्था पर क्रोधित नहीं हुए, अच्छी मेज़बान बनने के उसके प्रयासों की व्यस्तता के कारण प्रभु को समय ना दे पाने के लिए उन्होंने बुरा नहीं माना, वरन उसे प्राथमिकताओं पर ध्यान करने के लिए उसकी बहन मरियम के उदाहरण द्वारा समझाया। मार्था ने आवश्यक को अनुपात में इतना अधिक बढ़ा लिया था कि अनिवार्य को छोटा समझ लिया, और प्रभु यीशु के लिए भला करने की लालसा में प्रभु से ही दूर होने लगी।

   आज यह हमारे लिए भी एक बहुत महत्वपूर्ण सबक है - प्रभु यीशु के लिए उपयोगी और प्रभावी होने के प्रयासों में हम इतने व्यस्त ना हो जाएं कि प्रभु से ही दूर हो जाएं। हम यह कभी नहीं भूलें कि प्रभु सबसे अधिक हमारी संगति का इच्छुक है, ना कि उसे प्रसन्न करने के हमारे प्रयासों का। - पोह फैंग चिया


जितना हम प्रभु यीशु को विभिन्न कार्यों द्वारा प्रसन्न करना चाहते हैं, 
उससे कहीं अधिक प्रभु यीशु हमारी संगति और सहभागिता को चाहता है।

इसलिये पहिले तुम उस [परमेश्वर] के राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है। - मत्ती 6:33-34

बाइबल पाठ: लूका 10:38-42
Luke 10:38 फिर जब वे जा रहे थे, तो वह एक गांव में गया, और मार्था नाम एक स्त्री ने उसे अपने घर में उतारा।
Luke 10:39 और मरियम नाम उस की एक बहिन थी; वह प्रभु के पांवों के पास बैठकर उसका वचन सुनती थी। 
Luke 10:40 पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है? सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे। 
Luke 10:41 प्रभु ने उसे उत्तर दिया, मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्‍ता करती और घबराती है। 
Luke 10:42 परन्तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है: जो उस से छीना न जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42


सोमवार, 20 जून 2016

यादें


   मेरे लड़कपन के एक मित्र ने हाल ही में मुझे हमारे हाई-स्कूल के दिनों की एक फोटो ई-मेल से भेजी। वर्षों पुरानी वह सफेद और स्याह फोटो स्कूल की दौड़-स्पर्धाओं में भाग लेने वाले हम किशोरों के ग्रुप और हमारे दोनों प्रशिक्षकों की थी। उस फोटो को देखते ही मैं बीते दिनों की सुखद यादों में चला गया जब अपने उन साथियों के साथ मैं आधा-मील तथा मील भर की दौड़-स्पर्धा में भाग लिया करता था। उन दिनों को याद करना मेरे लिए आनन्दमय तो था, लेकिन साथ ही मुझे इस बात का भी ध्यान हो आया कि मैं कितनी आसानी से उन सब को भुलाकर जीवन की और बातों में आगे बढ़ गया हूँ।

   अपने जीवनों के मार्ग में जब हम आगे बढ़ते जाते हैं तो साथ ही उन स्थानों, लोगों और घटनाओं को भी भूलते चले जाते हैं जो कभी हमारे लिए महत्वपूर्ण हुआ करते थे। समय बीत जाता है, बीते दिनों की यादें धूमिल हो जाती हैं, और वर्तमान की आवश्यकताएँ और चिंताएं हमें घेर लेती हैं, बीते समय की उन यादों को दबा देती हैं। यह ना केवल हमारे मानवीय संबंधों के साथ होता है वरन ऐसा परमेश्वर के साथ हमारे संबंधों को लेकर भी हो जाता है, यदि हम नित्यप्रायः परमेश्वर के साथ प्रार्थना और उसके वचन के अध्ययन द्वारा संगति ना करें। परमेश्वर द्वारा हमारे साथ करी गई भलाईयों, हमें दिए गए मार्गदर्शन और सुरक्षा आदि को वर्तमान की चिंताओं और परेशानियों में पड़कर हम ऐसे ही ना भुला दें इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने अपने एक भजन में लिखा: "हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना" (भजन 103:1-2)।

   परमेश्वर की भलाई और कार्यों की यादों का महत्व सबसे अधिक तब होता है जब जीवन की कठिनाईयां हमें घेरे हुए होती हैं। जब हम परिस्थितियों से अभिभूत होकर अपने आप को अकेला सोचने लगते हैं, तब ही वह समय होता है जब हमें परमेश्वर को और हमारे लिए किए गए उसके कार्यों को याद करना चाहिए। जब हम उसे याद करते हैं, बीते समय के उसके कार्यों और मार्गदर्शन का ध्यान करते हैं, उसके वचन के वायदे को कि वह हमें कभी नहीं छोड़ता (इब्रानियों 13:5-6) याद करते हैं तो हमें वर्तमान एवं भविष्य, दोनों के लिए सामर्थ, आश्वासन तथा प्रोत्साहन मिलता है। - बिल क्राऊडर


बीते समय में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को याद करने से 
हमें भविष्य के लिए आश्वासन और सामर्थ मिलती है। 

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: भजन 103:1-8
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! 
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। 
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, 
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है, 
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है। 
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। 
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21


रविवार, 19 जून 2016

आचरण तथा उदाहरण


   मैं अपनी आँखों की जाँच के लिए चक्षु-चिकित्सक के यहाँ बैठा हुआ अपनी बारी आने की प्रतीक्षा कर रहा था जब वहाँ लगे एक पोस्टर पर मेरा धयान गया, जिसमें लिखा था कि बच्चे 12 वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते जितना सीखते हैं उसका 80% आँखों के माध्यम से होता है। यह पढ़कर मैं उन सब बातों पर विचार करने लगा जो बच्चे देखते हैं और जो उन पर प्रभाव डालती हैं, जैसे कि पुस्तकें और पढ़ना, टेलिविज़न, फिल्में, घटनाएँ, आस-पास का वातावरण, लोगों का आचरण और व्यवहार - विशेषकर परिवार जनों का, आदि।

   बच्चों पर पिता का प्रभाव बहुत सशक्त होता है, इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्हें चिताया, "और हे बच्‍चे वालों अपने बच्‍चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो" (इफिसियों 6:4)। एक पिता के स्थाई बने रहने वाले अच्छे आचरण के सामर्थी उदाहरण पर थोड़ा विचार कीजिए जिससे बच्चे प्रभावित होते हैं, उस उदाहरण से वे सही दिशा में बढ़ते हैं, और चाहे सिद्ध ना हों किंतु प्रशंसा के पात्र बनते हैं। जब हमारे जीवन का उदाहरण परमेश्वर के चरित्र को बिगाड़ने की बजाए उसके भले चरित्र को प्रतिबिंबित करता है तो यह बच्चों के जीवन में भलाई के लिए कार्यकारी होने वाला एक सशक्त प्रभाव बन जाता है।

   यह किसी भी अभिभावक के लिए चुनौतीपूर्ण है, इसलिए कोई संयोग नहीं कि प्रेरित पौलुस ने इस संदर्भ में आगे लिखा, "निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्‍त बनो" (इफिसियों 6:10)। केवल परमेश्वर के मार्गदर्शन और सामर्थ से ही हम उसके प्रेम और धैर्य को दर्शा सकते हैं। हम अपने बच्चों को अपने प्रचार की अपेक्षा, अपने आचरण तथा उदाहरण द्वारा कहीं अधिक सिखाते हैं, और बचपन में डाली गई नींव पर ही आगे चलकर वे अपने जीवनों का निर्माण करते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


वे माता-पिता आदर्णीय हैं जो ना केवल हमें जीवन देते हैं, 
वरन उस जीवन को अच्छाई से जीना भी सिखाते हैं।

कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। - 1 तिमुथियुस 4:12

बाइबल पाठ: इफिसियों 6:1-11
Ephesians 6:1 हे बालकों, प्रभु में अपने माता पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। 
Ephesians 6:2 अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहिली आज्ञा है, जिस के साथ प्रतिज्ञा भी है)। 
Ephesians 6:3 कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे। 
Ephesians 6:4 और हे बच्‍चे वालों अपने बच्‍चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो।
Ephesians 6:5 हे दासो, जो लोग शरीर के अनुसार तुम्हारे स्‍वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते, और कांपते हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उन की भी आज्ञा मानो। 
Ephesians 6:6 और मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों की नाईं दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों की नाईं मन से परमेश्वर की इच्छा पर चलो। 
Ephesians 6:7 और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं, परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्‍छा से करो।
Ephesians 6:8 क्योंकि तुम जानते हो, कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो, चाहे स्‍वतंत्र; प्रभु से वैसा ही पाएगा। 
Ephesians 6:9 और हे स्‍वामियों, तुम भी धमकियां छोड़कर उन के साथ वैसा ही व्यवहार करो, क्योंकि जानते हो, कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्‍वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता।
Ephesians 6:10 निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्‍त बनो। 
Ephesians 6:11 परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 12-13
  • प्रेरितों 4:23-37


शनिवार, 18 जून 2016

मुस्कुराहट


   हाल ही में मैंने एक अध्ययन के बारे में पढ़ा जिसका निषकर्ष था कि मुस्कुराना आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है। शोध से पता चला है कि मुस्कुराने से हृदय की गति धीमी हो जाती है और तनाव भी कम हो जाता है। लेकिन मुस्कुराना केवल आप ही के लिए अच्छा नहीं है; एक वास्तविक मुस्कुराहट से उनका भी भला होता है जिनके लिए आप मुस्कुराते हैं। बिना कोई शब्द कहे आप दूसरे व्यक्ति को यह संदेश देते हैं कि आप उन से प्रसन्न हैं। मुस्कुराहट द्वारा आप बिना ज़रा सा भी स्पर्श किए दूसरे को प्रेम के आलिंगन में ले लेते हैं। जीवन हमें सदा ही मुस्कुराने के अवसर नहीं देता, लेकिन जब हम किसी बच्चे के चेहरे पर या किसी बुज़ुर्ग के चेहरे की झुर्रियों में से झांकती हुई सच्चे दिल की मुस्कुराहट को देखते हैं तो यह हमें भी प्रोत्साहित करती है।

   मुस्कुराहट हमारे अन्दर परमेश्वर की छवि का एक संकेत भी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में गिनती की पुस्तक में दर्ज एक प्राचीन आशीष से हमें अंदाज़ा होता है कि परमेश्वर भी "मुस्कुराता" है: "यहोवा तुझ पर अपने मुख का प्रकाश चमकाए, और तुझ पर अनुग्रह करे: यहोवा अपना मुख तेरी ओर करे, और तुझे शांति दे" (गिनती 6:25-26)। ये शब्द इब्रानी भाषा का मुहावारा हैं जो एक व्यक्ति के जीवन पर परमेश्वर के अनुग्रह आने के लिए और अपने बच्चों पर परमेश्वर के मुस्कुराने के लिए आग्रह है।

   इसलिए आज स्मरण रखें कि यदि प्रभु यीशु मसीह पर लाए गए विश्वास और उससे मिलने वाली पापों की क्षमा द्वारा आप परमेश्वर की सन्तान बन गए हैं (यूहन्ना 1:12-13), तो आश्वस्त रहें कि परमेश्वर ना केवल आप से प्रेम करता है, वरन वह आप पर अनुग्रहकारी रहना चाहता है और अपना मुख आप पर चमकाना चाहता है। इस अद्भुत और महान तथ्य के तात्पर्य से प्रसन्न होकर मुस्कुराएँ, और अपनी मुस्कुराहट से दूसरों को भी आशीषत करें - जो स्टोवैल


आपकी मुस्कुराहट किसी ज़रूरतमन्द के लिए 
परमेश्वर की ओर से भेजा गया प्रसन्नता का सन्देश हो सकती है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: गिनती 6:22-27
Numbers 6:22 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 
Numbers 6:23 हारून और उसके पुत्रों से कह, कि तुम इस्त्राएलियों को इन वचनों से आशीर्वाद दिया करना कि, 
Numbers 6:24 यहोवा तुझे आशीष दे और तेरी रक्षा करे: 
Numbers 6:25 यहोवा तुझ पर अपने मुख का प्रकाश चमकाए, और तुझ पर अनुग्रह करे: 
Numbers 6:26 यहोवा अपना मुख तेरी ओर करे, और तुझे शांति दे।
Numbers 6:27 इस रीति से मेरे नाम को इस्त्राएलियों पर रखें, और मैं उन्हें आशीष दिया करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 10-11
  • प्रेरितों 4:1-22


शुक्रवार, 17 जून 2016

ज्योतिर्मय


   अनगिनित पीढ़ियों से संसार भर के लोग सूरज और चाँद पर दिन और रात को प्रकाशमान करने के लिए निर्भर रहे हैं। चाहे यह हमारे मार्ग को प्रकाशित करने हेतु हो या फिर फलदायी फसलों को जीवनदायी प्रकाश देने के लिए जिससे हमारे शरीरों का पोषण होता रहे, सूरज और चाँद हमारे लिए परमेश्वर द्वारा प्रकाश का अद्भुत प्रावाधान हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के आरंभ में उत्पत्ति की पुस्तक में हम पाते हैं कि "तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया: और तारागण को भी बनाया" (उत्पत्ति 1:16)।

   लेकिन वह समय आने वाला है जब परमेश्वर अपने बच्चों के लिए, उनके स्वर्गीय स्थान में एक अलग ही तरह का प्रकाश उपलब्ध करवाएगा। उस सनातन स्वर्गीय नगर के लिए प्रेरित यूहन्ना ने लिखा, "और उस नगर में सूर्य और चान्‍द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है" (प्रकाशितवाक्य 21:23)। रोचक बात है कि मूल युनानी भाषा के जिस शब्द का अनुवाद यहाँ "उजाला" हुआ है, उसका और भी सही अर्थ "दीपक" कहा जा सकता है। प्रभु यीशु मसीह अपने महिमान्वित स्वरूप में हमारे उस आनन्दमय निवास स्थान का वह दीपक होंगे जिससे वह स्थान प्रकाशमान रहेगा।

   बाइबल में प्रभु यीशु मसीह को जगत के पाप हर लेने वाला मेम्ना कहा गया है "दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना 1:29)। उनके लिए, जो उसके अनुयायी हो गए हैं, प्रभु यीशु आत्मिक प्रकाश का स्त्रोत भी है जिससे वे जगत की ज्योति बनें (मत्ती 5:14; यूहन्ना 8:12)। परन्तु हमारे स्वर्गीय निवास के उस अनन्तकाल में प्रभु यीशु वह दीपक होंगे जो हमारे स्थान को ज्योतिर्मय करेगा (प्रकाशितवाक्य 21:23)। कैसा रोमाँचक और पुलकित कर देने वाला होगा वह समय जब हम मेम्ने से ज्योतिर्मय होकर अनन्तकाल के आनन्द में रहेंगे। - डेनिस फिशर


जगत की ज्योति प्रभु यीशु, कभी ना समाप्त होने वाली ज्योति है।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:10-27
Revelation 21:10 और वह मुझे आत्मा में, एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया। 
Revelation 21:11 परमेश्वर की महिमा उस में थी, ओर उस की ज्योति बहुत ही बहुमूल्य पत्थर, अर्थात बिल्लौर के समान यशब की नाईं स्‍वच्‍छ थी। 
Revelation 21:12 और उस की शहरपनाह बड़ी ऊंची थी, और उसके बारह फाटक और फाटकों पर बारह स्वर्गदूत थे; और उन पर इस्त्राएलियों के बारह गोत्रों के नाम लिखे थे। 
Revelation 21:13 पूर्व की ओर तीन फाटक, उत्तर की ओर तीन फाटक, दक्‍खिन की ओर तीन फाटक, और पश्‍चिम की ओर तीन फाटक थे। 
Revelation 21:14 और नगर की शहरपनाह की बारह नेवें थीं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के बारह नाम लिखे थे। 
Revelation 21:15 और जो मेरे साथ बातें कर रहा था, उसके पास नगर, और उसके फाटकों और उस की शहरपनाह को नापने के लिये एक सोने का गज था। 
Revelation 21:16 और वह नगर चौकोर बसा हुआ था और उस की लम्बाई चौड़ाई के बराबर थी, और उसने उस गज से नगर को नापा, तो साढ़े सात सौ कोस का निकला: उस की लम्बाई, और चौड़ाई, और ऊंचाई बराबर थी। 
Revelation 21:17 और उसने उस की शहरपनाह को मनुष्य के, अर्थात स्वर्गदूत के नाप से नापा, तो एक सौ चौवालीस हाथ निकली। 
Revelation 21:18 और उस की शहरपनाह की जुड़ाई यशब की थी, और नगर ऐसे चोखे सोने का था, जा स्‍वच्‍छ कांच के समान हो। 
Revelation 21:19 और उस नगर की नेवें हर प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से संवारी हुई तीं, पहिली नेव यशब की थी, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की। 
Revelation 21:20 पांचवीं गोमेदक की, छठवीं माणिक्‍य की, सातवीं पीतमणि की, आठवीं पेरोज की, नवीं पुखराज की, दसवीं लहसनिए की, ग्यारहवीं धूम्रकान्‍त की, बारहवीं याकूत की। 
Revelation 21:21 और बारहों फाटक, बारह मोतियों के थे; एक एक फाटक, एक एक मोती का बना था; और नगर की सड़क स्‍वच्‍छ कांच के समान चोखे सोने की थी। 
Revelation 21:22 और मैं ने उस में कोई मंदिर न देखा, क्योंकि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, और मेम्ना उसका मंदिर हैं। 
Revelation 21:23 और उस नगर में सूर्य और चान्‍द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है। 
Revelation 21:24 और जाति जाति के लोग उस की ज्योति में चले फिरेंगे, और पृथ्वी के राजा अपने अपने तेज का सामान उस में लाएंगे। 
Revelation 21:25 और उसके फाटक दिन को कभी बन्‍द न होंगे, और रात वहां न होगी। 
Revelation 21:26 और लोग जाति जाति के तेज और वैभव का सामान उस में लाएंगे। 
Revelation 21:27 और उस में कोई अपवित्र वस्तु था घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़ने वाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेम्ने के जीवन की पुस्‍तक में लिखे हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 7-9
  • प्रेरितों 3


गुरुवार, 16 जून 2016

प्रेम


   सेवकाई के एक भ्रमण के दौरान हाई-स्कूल के कुछ बच्चे अनाथालयों में भी गए, और इससे उनमें से एक किशोर प्रगट रीति से विचलित हो गया। जब उससे पूछा गया कि वह विचलित क्यों है तो उसने बताया कि उसे 10 वर्ष पहले की अपनी स्थिति स्मरण हो आई थी। यह किशोर पहले एक अन्य देश में एक अनाथालय में रहा करता था, और उसे स्मरण हो आया कि जैसे वह इस अनाथालय में आया है, वैसे ही लोग उस अनाथालय में भी आया करते थे जिसमें वह रहा करता था। मिलने वाले आते, उससे और उसके मित्रों से मिलते, और चले जाते। यदा-कदा कोई वापस आकर किसी बच्चे को गोद ले लेता; परन्तु जितनी बार कोई आकर किसी और बच्चे को गोद ले लेता, इस किशोर के मन में प्रश्न उठता, "वह क्यों; मैं क्यों नहीं? मुझमें ऐसी क्या कमी है जो मुझे गोद नहीं लिया गया?"

   उन किशोरों के इस सेवकाई भ्रमण के समय में अनाथालयों में जाने और फिर आगे चले जाने से उसके मन में विचलित कर देने वाली वे पुरानी भावनाएं फिर से जागृत हो उठती थीं। इसलिए उस भ्रमण समूह के लोगों ने मिलकर उसके लिए प्रार्थना करी, और परमेश्वर का धन्यवाद किया कि एक दिन एक महिला ने, जो अब उसकी दत्तक माता है, उसे चुना और अपना पुत्र बना लिया। यह उस महिला द्वारा प्रेम का प्रदर्शन था जिससे एक लड़के को नई आशा मिली।

   संसार भर में अनेकों बच्चे हैं जिन्हें उनके प्रति परमेश्वर के प्रेम को जानना शेष है (मत्ती 18:4-5; मरकुस 10:13-16; याकूब 1:27)। यह तो स्पष्ट है कि हम उन सब बच्चों को ना तो गोद ले सकते हैं और ना ही उन सब से मिलने जा सकते हैं, और ना ही हम से ऐसा करने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन हम सब कुछ ऐसा कर सकते हैं जो उन बच्चों के लाभ के लिए है, जैसे कि उनके लिए सहायता प्रदान करें, उन्हें किसी प्रकार प्रोत्साहित करें, उनकी शिक्षा के लिए योगदान करें, उनके लिए प्रार्थना करें, आदि।

   जब हम संसार के बच्चों से प्रेम करते हैं, हम अपने परमेश्वर पिता का आदर करते हैं जिसने अपने अनुग्रह से प्रभु यीशु मसीह में होकर हमारे पाप क्षमा किए और हमें गोद लेकर अपने परिवार का सदस्य बनाया (गलतियों 4:4-7)। - डेव ब्रैनन


प्रभु यीशु मसीह का प्रेम जितना हम में बढ़ेगा, 
उतना ही वह अन्य लोगों के लिए हम में से बहेगा।

क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्तान हो। और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है। अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्‍वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो। - गलतियों 3:26-28

बाइबल पाठ: याकूब 1:19-2:1
James 1:19 हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो। 
James 1:20 क्योंकि मनुष्य का क्रोध परमेश्वर के धर्म का निर्वाह नहीं कर सकता है। 
James 1:21 इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर कर के, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है।
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। 
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है। 
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था। 
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है। 
James 1:26 यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है। 
James 1:27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें।
James 2:1 हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 4-6
  • प्रेरितों 2:22-47