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शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

मार्ग


   फ्रांस में नौरमैन्डी के समुद्र-तट से करीब आधा मील दूर स्थित मॉन्ट सेंट-माईकल टापू है जिस पर एक मठ बना है। सदियों से यह स्थान धार्मिक तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। जब तक वहाँ पहुँचने का मार्ग नहीं बन गया, उस टापू तक जाना खतरनाक रहा, और वहाँ पहुँचने के प्रयासों में कुछ तीर्थयात्रियों की जान भी जा चुकी है। जब समुद्र में ज्वार होता है तो वह टापू पानी से घिरा रहता है, और जब भाटा होता है तो टापू के आस-पास उबड़-खाबड़ रेत फैली होती है। उस मार्ग के बन जाने से पहले, उस टापू तक पहुँचना भय से भरा होता था।

   पुराने नियम के समय के यहूदियों के लिए परमेश्वर तक पहुँचना भी भय से भरा होता था। जब परमेश्वर ने अपनी आज्ञाएं दीं तो उसकी आवाज़ के भीषण गर्जन के कारण वे यहूदी लोग उसके समीप आने से डरने लगे (निर्गमन 19:10-16)। जब महायाजक के माध्यम से परमेश्वर तक पहुँचने का मार्ग मिला तो भी कुछ अनुष्ठान और विधियाँ पूरी करे बिना यह संभव नहीं था (लैव्यवस्था 16:1-34)। परमेश्वर की पवित्र उपस्थिति के प्रतीक वाचा के सन्दूक को गलती से भी छू लेना, मृत्यु का कारण बन सकता था (2 शमूएल 6:7-8)।

   किंतु प्रभु यीशु के बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा आज हमारे लिए परमेश्वर तक निर्भीक होकर पहुँचने का मार्ग तैयार और उपलब्ध है। प्रभु यीशु के बलिदान ने समस्त मानव जाति के पापों के दण्ड की कीमत चुका दी है; प्रभु में लाए गए विश्वास के द्वारा किसी भी मसीही विश्वासी को अपने पापों के दण्ड को भोगने की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है; अब प्रभु यीशु के सभी विश्वासियों को परमेश्वर की उपस्थिति में निमंत्रण है: "इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे" (इब्रानियों 4:16)।

   प्रभु यीशु मसीह में सभी मनुष्यों के लिए कभी भी, कहीं भी प्रार्थना में परमेश्वर की उपस्थिति में आने का मार्ग तैयार और उपलब्ध हो गया है। - डेनिस फिशर


प्रभु यीशु के नाम से करी गई प्रार्थना के द्वारा प्रमेश्वर पिता तक हमारी तात्कालिक पहुँच होती है।

और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया। क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है। - इफिसियों 2:17-18

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:14-16; 10:19-22
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे। 
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। 
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
Hebrews 10:19 सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है। 
Hebrews 10:20 जो उसने परदे अर्थात अपने शरीर में से हो कर, हमारे लिये अभिषेक किया है, 
Hebrews 10:21 और इसलिये कि हमारा ऐसा महान याजक है, जो परमेश्वर के घर का अधिकारी है। 
Hebrews 10:22 तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक को दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव ले कर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 49-50
  • रोमियों 1


गुरुवार, 28 जुलाई 2016

साहस एवं प्रोत्साहन


   मैं, एटलान्टा कॉन्सटिट्यूशन नामक अखबार के 1960 से 1968 तक रहे संपादक, तथा अपने श्रेष्ठ कार्य के लिए पुलिट्ज़र पुरुस्कार प्राप्त करने वाले यूजीन पैटरसन के देहांत पर उनके बारे छपे लेख को पढ़ रहा था। उनके जीवन की दो बातों ने मुझे बहुत प्रभावित किया; पहली यह कि कई वर्षों तक ऐसे समय में जब रंग के आधार पर अमेरिका के उस क्षेत्र में सभी मनुष्यों की समानता का कड़ा विरोध किया जा रहा था, वे मानव-अधिकारों की अडिग निर्भीक आवाज़ बने रहे; और दूसरा यह कि दिन-प्रतिदिन, वर्ष-प्रतिवर्ष, 8 वर्षों तक वे अखबार में अपना स्तंभ छापते रहे, अर्थात उन्होंने 2922 स्तंभ लिखे और प्रकाशित किए। साहस और अटलता उनके जीवन द्वारा प्रभावित करने वाले मुख्य गुण रहे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम प्रेरित पौलुस में ऐसे ही साहस और अटलता के गुण देखते हैं। प्रेरितों के कार्य 13-28 में, हम एक के बाद एक विषम परिस्थिति तथा कठिनाई में भी प्रदर्शित पौलुस के साहस को देखते हैं। जब उसे रोमी सम्राट कैसर के सामने मुकदमे में खड़े होने के लिए जल-पोत से रोम ले जाया जा रहा था, तो वह पोत क्षतिग्रस्त हो गया और पौलुस को रोम के दक्षिण में उतरना पड़ा, जहाँ कई मसीही विश्वासी भाई उससे मिलने आए (प्रेरितों 28:11-15)। लूका लिखता है कि, "वहां से भाई हमारा समाचार सुनकर अप्‍पियुस के चौक और तीन-सराए तक हमारी भेंट करने को निकल आए जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बान्‍धा" (पद 15)। अगले दो वर्षों तक वह अपने मुकदमे की प्रतीक्षा में बन्दी बनकर रहा, किंतु उसे अपना ही घर किराए पर लेकर रहने की अनुमति मिल गई, "और वह पूरे दो वर्ष अपने भाड़े के घर में रहा। और जो उसके पास आते थे, उन सब से मिलता रहा और बिना रोक टोक बहुत निडर हो कर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह की बातें सिखाता रहा" (पद 30-31)।

   प्रभु यीशु मसीह का प्रत्येक अनुयायी, पौलुस के समान ही साहस तथा प्रोत्साहन को पाने और देने वाला हो सकता है; साहस और प्रोत्साहन के अपने आधार प्रभु यीशु मसीह के बारे में बताने वाला बन सकता है। आज हम जहाँ भी हैं, जिन भी परिस्थितियों में हैं, प्रभु परमेश्वर हमें वहीं अन्य लोगों के साहस एवं प्रोत्साहन के लिए इस्तेमाल कर सकता है। - डेविड मैक्ककैसलैंड



जब लोग आपके साथ अपने भय बाँटें, 
तो साहस के अपने आधार को उनके साथ बाँटने के द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करें।

तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं। हे भाइयों, मैं तुम्हें सराहता हूं, कि सब बातों में तुम मुझे स्मरण करते हो: और जो व्यवहार मैं ने तुम्हें सौंप दिए हैं, उन्हें धारण करते हो। - 1 कुरिन्थियों 11:1-2

बाइबल पाठ: प्रेरितों 28:11-31
Acts 28:11 तीन महीने के बाद हम सिकन्‍दिरया के एक जहाज पर चल निकले, जो उस टापू में जाड़े भर रहा था; और जिस का चिन्ह दियुसकूरी था। 
Acts 28:12 सुरकूसा में लंगर डाल कर के हम तीन दिन टिके रहे। 
Acts 28:13 वहां से हम घूमकर रेगियुम में आए: और एक दिन के बाद दक्खिनी हवा चली तब हम दुसरे दिन पुतियुली में आए। 
Acts 28:14 वहां हम को भाई मिले, और उन के कहने से हम उन के यहां सात दिन तक रहे; और इस रीति से रोम को चले। 
Acts 28:15 वहां से भाई हमारा समाचार सुनकर अप्‍पियुस के चौक और तीन-सराए तक हमारी भेंट करने को निकल आए जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बान्‍धा।
Acts 28:16 जब हम रोम में पहुंचे, तो पौलुस को एक सिपाही के साथ जो उस की रखवाली करता था, अकेले रहने की आज्ञा हुई।
Acts 28:30 और वह पूरे दो वर्ष अपने भाड़े के घर में रहा। 
Acts 28:31 और जो उसके पास आते थे, उन सब से मिलता रहा और बिना रोक टोक बहुत निडर हो कर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह की बातें सिखाता रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 46-48
  • प्रेरितों 28


बुधवार, 27 जुलाई 2016

दृष्टिकोण


   बसन्त ऋतु की छुट्टियों में जेसन अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर घूमने के लिए गया। एक दोपहर वह और उसके दोस्त कार में बैठकर न्यू योर्क की प्रसिद्ध गगनचुंबी इमारत एम्पायर स्टेट बिल्डिंग देखने गए। एम्पायर स्टेट बिलडिंग तक की वह कार यात्रा, शहर के रास्ते और उन रास्तों पर चल रहे लोगों तथा गाड़ियों के कारण वह शहर जेसन को अव्यवस्थित और खतरनाक लगा। लेकिन जब उसने इमारत के ऊपर पहुँचकर उस ऊँचाई से नीचे फैले न्य़ू यॉर्क शहर को देखा तो उसे उस शहर के निर्माण तथा उसके मार्गों की बनावट में अव्यवस्था नहीं वरन चकित कर देने वाली योजनाबद्ध व्यवस्था दिखाई दी। परिपेक्ष के बदले जाने से शहर के प्रति जेसन के दृष्टिकोण में बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम हबक्कूक के जीवन में भी हम कुछ ऐसा ही देखते हैं। जब हबक्कूक ने पृथ्वी पर के अपने दृष्टिकोण से जीवन को देखा, तो उसे प्रतीत हुआ कि समाज में व्याप्त बुराई के प्रति परमेश्वर उदासीन है (हबक्कूक 1:2-4)। लेकिन परमेश्वर ने हबक्कूक को ईश्वरीय दृष्टिकोण प्रदान किया, और वह देखने पाया कि जीवन जैसा दिखाई पड़ता है, उससे बहुत आगे और भी कुछ है; तथा मनुष्य के कार्य परमेश्वर की योजनाओं को विफल नहीं कर सकते (हबक्कूक 2:3)।

   हमें प्रतीत हो सकता है कि जो परमेश्वर की परवाह भी नहीं करते वे फलते-फूलते हैं; किंतु समयानुसार परमेश्वर प्रत्येक बात और बुराई को ठीक कर देगा। जो कुछ भी हो रहा है उसमें भी परमेश्वर अपनी सार्वभौमिकता में होकर कार्य कर रहा है जिससे उसकी भली योजनाएं पूरी हो जाएं। परमेश्वर के कार्य कभी अधूरे नहीं रहते, कभी टल नहीं सकते और अपने नियोजित समयानुसार पूरे भी होंगे (पद 3)।

   हम अपने जीवनों में जिस स्थान पर खड़े हैं वहाँ से जीवन का विहंगम दृश्य तो नहीं देख सकते, किंतु परमेश्वर हम सबके समस्त जीवन के बारे में सब कुछ देखता और जानता है; इसलिए हमें जो दिखाई देता है उसके आधार पर नहीं वरन प्रभु परमेश्वर पर लाए गए अपने विश्वास के आधार पर हमें अपने जीवन व्यतीत करने चाहिएं; क्योंकि परमेश्वर के दृष्टिकोण से सब कुछ मिलकर अन्ततः उसके आदर तथा उसके विश्वासियों की भलाई के लिए ही कार्य कर रहा है। - पोह फैंग चिया


हमारे समय परमेश्वर के हाथों में हैं; हमारी आत्माएं उसकी सुरक्षा में हैं।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: हबक्कूक 2:1-14
Habakkuk 2:1 मैं अपने पहरे पर खड़ा रहूंगा, और गुम्मट पर चढ़ कर ठहरा रहूंगा, और ताकता रहूंगा कि मुझ से वह क्या कहेगा? और मैं अपने दिए हुए उलाहने के विषय में उत्तर दूं? 
Habakkuk 2:2 यहोवा ने मुझ से कहा, दर्शन की बातें लिख दे; वरन पटियाओं पर साफ साफ लिख दे कि दौड़ते हुए भी वे सहज से पढ़ी जाएं। 
Habakkuk 2:3 क्योंकि इस दर्शन की बात नियत समय में पूरी होने वाली है, वरन इसके पूरे होने का समय वेग से आता है; इस में धोखा न होगा। चाहे इस में विलम्ब भी हो, तौभी उसकी बाट जोहते रहना; क्योंकि वह निश्चय पूरी होगी और उस में देर न होगी। 
Habakkuk 2:4 देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है; परन्तु धर्मी अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा। 
Habakkuk 2:5 दाखमधु से धोखा होता है; अहंकारी पुरूष घर में नहीं रहता, और उसकी लालसा अधोलोक के समान पूरी नहीं होती, और मृत्यु की नाईं उसका पेट नहीं भरता। वह सब जातियों को अपने पास खींच लेता, और सब देशों के लोगों को अपने पास इकट्ठे कर रखता है। 
Habakkuk 2:6 क्या वे सब उसका दृष्टान्त चला कर, और उस पर ताना मार कर न कहेंगे कि हाय उस पर जो पराया धल छीन छीनकर धनवान हो जाता है? कब तक? हाय उस पर जो अपना घर बन्धक की वस्तुओं से भर लेता है। 
Habakkuk 2:7 जो तुझ से कर्ज लेते हैं, क्या वे लोग अचानक न उठेंगे? और क्या वे न जागेंगे जो तुझ को संकट में डालेंगे? 
Habakkuk 2:8 और क्या तू उन से लूटा न जाएगा? तू ने बहुत सी जातियों को लूट लिया है, सो सब बचे हुए लोग तुझे भी लूट लेंगे। इसका कारण मनुष्यों की हत्या, और वह अपद्रव भी जो तू ने इस देश और राजधानी और इसके सब रहने वालों पर किया है।
Habakkuk 2:9 हाय उस पर, जो अपने घर के लिये अन्याय के लाभ का लोभी है ताकि वह अपना घोंसला ऊंचे स्थान में बनाकर विपत्ति से बचे। 
Habakkuk 2:10 तू ने बहुत सी जातियों को काट कर अपने घर लिये लज्जा की युक्ति बान्धी, और अपने ही प्राण का दोषी ठहरा है। 
Habakkuk 2:11 क्योंकि घर की भीत का पत्थर दोहाई देता है, और उसके छत की कड़ी उनके स्वर में स्वर मिलाकर उत्तर देती हैं। 
Habakkuk 2:12 हाय उस पर जो हत्या कर के नगर को बनाता, और कुटिलता कर के गढ़ को दृढ़ करता है। 
Habakkuk 2:13 देखो, क्या सेनाओं के यहोवा की ओर से यह नहीं होता कि देश देश के लोग परिश्रम तो करते हैं परन्तु वे आग का कौर होते हैं; और राज्य-राज्य के लोगों का परिश्रम व्यर्थ ही ठहरता है? 
Habakkuk 2:14 क्योंकि पृथ्वी यहोवा की महिमा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसे समुद्र जल से भर जाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 43-45
  • प्रेरितों 27:27-44


मंगलवार, 26 जुलाई 2016

काम


   हम ट्रेन द्वारा पश्चिमी मिशिगन के तट के समीप से होकर यात्रा कर रहे थे; बसन्त ऋतु ग्रीष्म ऋतु में परिवर्तित ही हुई थी, और खेतों में फसलें पक कर तैयार हो रही थीं। उस इलाके की उपजाऊ भूमि पर हम एक के बाद एक भिन्न फसलों के लहलहाते खेतों को देख रहे थे; कहीं स्ट्रॉबेरी तैयार थी और प्रातः की ओस में झुककर लोग उस रसभरे फल को एकत्रित कर रहे थे, तो कहीं ब्लूबेरी की झाड़ियाँ के खेत आसमान से धूप और ज़मीन से पोषक तत्व सोखते हुए तैयार खड़े थे।

   एक के बाद एक तैयार होती हुई फसलों के खेतों से होकर निकलते हुए हम ज़ंग लगी त्यागी हुई धातु के बड़े से ढेर के पास से निकले। पृथ्वी पर उग रही फसल की उस हरियाली की तुलना में ज़मीन पर पड़ी नारंगी रंग का धातु का वह ढेर एक कठोर छवि प्रस्तुत कर रहा था। परमेश्वर द्वारा उत्पन्न करी गई फसल और मनुष्य द्वारा उत्पन्न किए गए उस धातु के ढेर के बीच एक तीव्र विषमता थी; मनुष्य द्वारा बनाई गई वह धातु किसी काम की नहीं थी, परमेश्वर द्वारा बनाए गए वे फल मनुष्यों के पोषण पाने और भूख मिटाने के लिए थे।

   फसल के फलों और धातु के बीच उस अन्तर से मुझे परमेश्वर द्वारा प्राचीन शहरों जैसे कि दमिश्क के विरुद्ध करी गई भविष्यवाणियाँ (यशायाह 17:1-11) स्मरण हो आईं, जहां लिखा है: "क्योंकि तू अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गया और अपनी दृढ़ चट्टान का स्मरण नहीं रखा; इस कारण चाहे तू मनभावने पौधे लगाए और विदेशी कलम जमाए, चाहे रोपने के दिन तू उनके चारों और बाड़ा बान्धे, और बिहान ही को उन में फूल खिलने लगें, तौभी सन्ताप और असाध्य दु:ख के दिन उसका फल नाश हो जायेगा" (यशायाह 17:10-11)। यह भविष्यवाणी आज हमें इस विचार के प्रति सचेत करती है कि हम परमेश्वर के बिना अपनी ही सामर्थ से कुछ काम कर तो सकते हैं, किंतु यदि परमेश्वर का मार्गदर्शन और उसकी इच्छा उस काम में नहीं है तो हमारे हाथों और इच्छाओं का वह काम शीघ्र ही नाश का ढेर बन जाएगा। लेकिन जब हम परमेश्वर के साथ मिलकर उसके काम में मेहनत करते हैं तो परमेश्वर हमारी मेहनत को बहुत फलदायक करता है और उस काम को अनेकों के लिए तृप्ति और पोषण का माध्यम बना देता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु ने कहा: "मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।" (यूहन्ना 15:5)

तुम ने दुष्टता के लिये हल जोता और अन्याय का खेत काटा है; और तुम ने धोखे का फल खाया है। और यह इसलिये हुआ क्योंकि तुम ने अपने कुव्यवहार पर, और अपने बहुत से वीरों पर भरोसा रखा था। - होशै 10:13

बाइबल पाठ: यशायाह 17:1-11
Isaiah 17:1 दमिश्क के विषय भारी भविष्यवाणी। देखो, दमिश्क नगर न रहेगा, वह खंडहर ही खंडहर हो जाएगा। 
Isaiah 17:2 अरोएर के नगर निर्जन हो जाएंगे, वे पशुओं के झुण्ड़ों की चराई बनेंगे; पशु उन में बैठेंगे और उनका कोई भगाने वाला न होगा। 
Isaiah 17:3 एप्रैम के गढ़ वाले नगर, और दमिश्क का राज्य और बचे हुए अरामी, तीनों भविष्य में न रहेंगे; और जो दशा इस्राएलियों के वैभव की हुई वही उनकी होगी; सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
Isaiah 17:4 और उस समय याकूब का वैभव घट जाएगा, और उसकी मोटी देह दुबली हो जाएगी। 
Isaiah 17:5 और ऐसा होगा जैसा लवने वाला अनाज काट कर बालों को अपनी अंकवार में समेटे वा रपाईम नाम तराई में कोई सिला बीनता हो। 
Isaiah 17:6 तौभी जैसे जलपाई वृक्ष के झाड़ते समय कुछ फल रह जाते हैं, अर्थात फुनगी पर दो-तीन फल, और फलवन्त डालियों में कहीं कहीं चार-पांच फल रह जाते हैं, वैसे ही उन में सिला बिनाई होगी, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
Isaiah 17:7 उस समय मनुष्य अपने कर्ता की ओर दृष्टि करेगा, और उसकी आंखें इस्राएल के पवित्र की ओर लगी रहेंगी; 
Isaiah 17:8 वह अपनी बनाई हुई वेदियों की ओर दृष्टि न करेगा, और न अपनी बनाई हुई अशेरा नाम मूरतों वा सूर्य की प्रतिमाओं की ओर देखेगा। 
Isaiah 17:9 उस समय उनके गढ़ वाले नगर घने वन, और उनके निर्जन स्थान पहाड़ों की चोटियों के समान होंगे जो इस्राएलियों के डर के मारे छोड़ दिए गए थे, और वे उजाड़ पड़े रहेंगे।
Isaiah 17:10 क्योंकि तू अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गया और अपनी दृढ़ चट्टान का स्मरण नहीं रखा; इस कारण चाहे तू मनभावने पौधे लगाए और विदेशी कलम जमाए, 
Isaiah 17:11 चाहे रोपने के दिन तू उनके चारों और बाड़ा बान्धे, और बिहान ही को उन में फूल खिलने लगें, तौभी सन्ताप और असाध्य दु:ख के दिन उसका फल नाश हो जायेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 40-42
  • प्रेरितों 27:1-26



सोमवार, 25 जुलाई 2016

खोजी


   एल्फ क्लार्क शहर के मार्गों पर ’जक्कई’ को खोजता हुआ फिरता है; परमेश्वर के वचन बाइबल में उल्लेखित जक्कई को नहीं, उसे तो प्रभु यीशु ने पहले ही ढूँढ़ लिया था! एल्फ और उसके कुछ मित्र शहरों में कार्य कर रही एक मसीही सेवकाई के साथ कार्य करते हैं, और तब जो लूका 19 में प्रभु यीशु ने किया था, वैसा ही वे आज करते हैं। वे शहर और नगर में आवश्यकतामन्दों की सहायता करने के उद्देश्य के साथ निकलते हैं। वे अपने पड़ौस के प्रत्येक घर में जाते हैं, दरवाज़े खटखटाते हैं और जो कोई झांकता है उसे अपना परिचय देते हुए कहते हैं, "क्या आपकी कोई ऐसी आवश्यकताएं हैं जिनके लिए हम प्रार्थना कर सकते हैं?" वार्तालाप आरंभ करने का यह उनका तरीका है - जैसा प्रभु यीशु ने तब कर-अधिकारी जक्कई के साथ, उसे आत्मिक जीवन का मार्ग तथा आशा देने के लिए किया था।

   जो प्रभु यीशु ने किया था, उस पर ज़रा ध्यान कीजिए। लूका के वृतांत में लिखा है कि प्रभु यीशु यरीहो से होकर निकल रहा था (लूका 19:1); और जैसा प्रभु यीशु के आने पर हुआ करता था, एक भीड़ उनके साथ चलने लगी। ज़क्कई भी प्रभु यीशु को देखना चाहता था, किंतु कद में नाटा होने के कारण भीड़ में होकर नहीं देख पा रहा था, इसलिए उस मार्ग के एक पेड़ पर चढ़ गया जिससे प्रभु यीशु को देख सके। प्रभु यीशु ने उस पेड़ के नीचे पहुँचकर ज़क्कई से कहा कि उन्हें उसके घर आना है। उस दिन प्रभु यीशु के उस खोजी ज़क्कई के घर उद्धार आया; "क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है" (पद 10)।

   जैसे एल्फ और उसके साथी, प्रभु यीशु के समान खोजियों को ढूँढ़ते हैं, क्या हम भी प्रभु के खोजियों के खोजी हैं? प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा सेंत-मेंत मिलने वाली पापों की क्षमा, उद्धार और शांति के खोजी संसार के हर स्थान पर हैं, उन तक पहुँचने के लिए प्रयास करने वालों की आवश्यकता है; उन आवश्यकतामन्दों को जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु तथा उसके प्रेम और अनुग्रह से मिलाने वालों की आवश्यकता है। - डेव बार्टन


प्रभु परमेश्वर का सुसमाचार इतना अच्छा है कि, 
उसे अपने आप तक रखा ही नहीं जा सकता।

क्या तुम नहीं कहते, कि कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े हैं? देखो, मैं तुम से कहता हूं, अपनी आंखे उठा कर खेतों पर दृष्टि डालो, कि वे कटनी के लिये पक चुके हैं। और काटने वाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है; ताकि बोने वाला और काटने वाला दोनों मिलकर आनन्द करें। - यूहन्ना 4:35-36

बाइबल पाठ: लूका 19:1-10
Luke 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था। 
Luke 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था। 
Luke 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। 
Luke 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था। 
Luke 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है। 
Luke 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया। 
Luke 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है। 
Luke 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं। 
Luke 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है। 
Luke 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है।

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 37-39
  • प्रेरितों 26


रविवार, 24 जुलाई 2016

आशा


   दक्षिणी अमेरिका के चिली देश के एटाकामा रेगिस्तान में एक ऊँचे पठार पर संसार के सबसे विशाल रेडियो टेलिस्कोपों में से एक स्थित है। इस रेडियो टेलिस्कोप के द्वारा खगोलशास्त्री सृष्टि के ऐसे दश्य देखने पाते हैं जो अन्य किसी दूरबीन द्वारा पहले कभी नहीं देखे गए। एक समाचार संवाददाता, लुइस अन्द्रेस हेनाओ ने इस रेडियो टेलिस्कोप से हो रहे कार्य पर अपने एक लेख में लिखा, अनेकों देशों से आने वाले वैज्ञानिक इसके द्वारा सृष्टि के आरंभ समय को बताने वाले संकेत ढूँढ़ रहे हैं, सबसे ठंडे और दूरस्त गैस तथा धूल पिंडों से लेकर, जहाँ नक्षत्र समूहों तथा सितारों का जन्म होता है, बिग बैंग के समय उत्पन्न ऊर्जा के विशलेषण तक।

   परमेश्वर का वचन बाइबल इस समस्त सृष्टि के रचियता परमेश्वर की महान सामर्थ और समझ-बूझ के बारे में बताती है; बाइबल का भजन 147 इसी विषय पर लिखा गया है। इस भजन में हम देखते हैं कि परमेश्वर उन सितारों को भी जो हमें अनगिनित लगते हैं, गिनकर रखता है, उन्हें नाम लेकर बुलाता है (पद 4)। लेकिन परमेश्वर कहीं दूर रहने वाला बेपरवाह बल नहीं है, वह प्रेमी पिता है जो "खेदित मन वालों को चंगा करता है, और उनके शोक पर मरहम- पट्टी बान्धता है" (पद 3) तथा "नम्र लोगों को सम्भलता है" (पद 6)। वह तो "अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं" (पद 11)।

   परमेश्वर ने तो "...जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। ब्रिटिश लेखक जे. बी. फिलिप्स ने पृथ्वी को ऐसा ग्रह बताया है जहाँ महिमा का राजकुमार अर्थात प्रभु यीशु आया है और अपनी योजनाएं पूरी कर रहा है।

   हमारी आज तथा अनन्तकाल की आशा उसी महान, प्रेमी, अनुग्रहकारी प्रभु परमेश्वर से है जो सृष्टिकर्ता तथा हमारा सृजनहार है, जो सितारों को भी नाम से बुलाता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


वह प्रभु परमेश्वर जो सृष्टि के सभी सितारों के नाम जानता है, वह हमारे नाम भी जानता है।

क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न रहता है; वह नम्र लोगों का उद्धार कर के उन्हें शोभायमान करेगा। - भजन 149:4

बाइबल पाठ: भजन 147:1-11
Psalms 147:1 याह की स्तुति करो! क्योंकि अपने परमेश्वर का भजन गाना अच्छा है; क्योंकि वह मन भावना है, उसकी स्तुति करनी मन भावनी है। 
Psalms 147:2 यहोवा यरूशलेम को बसा रहा है; वह निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठा कर रहा है। 
Psalms 147:3 वह खेदित मन वालों को चंगा करता है, और उनके शोक पर मरहम- पट्टी बान्धता है। 
Psalms 147:4 वह तारों को गिनता, और उन में से एक एक का नाम रखता है। 
Psalms 147:5 हमारा प्रभु महान और अति सामर्थी है; उसकी बुद्धि अपरम्पार है। 
Psalms 147:6 यहोवा नम्र लोगों को सम्भलता है, और दुष्टों को भूमि पर गिरा देता है।
Psalms 147:7 धन्यवाद करते हुए यहोवा का गीत गाओ; वीणा बजाते हुए हमारे परमेश्वर का भजन गाओ। 
Psalms 147:8 वह आकाश को मेघों से छा देता है, और पृथ्वी के लिये मेंह की तैयारी करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है। 
Psalms 147:9 वह पशुओं को और कौवे के बच्चों को जो पुकारते हैं, आहार देता है।
Psalms 147:10 न तो वह घोड़े के बल को चाहता है, और न पुरूष के पैरों से प्रसन्न होता है; 
Psalms 147:11 यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 35-36
  • प्रेरितों 25


शनिवार, 23 जुलाई 2016

समर्पण


   हाल ही में मैं दक्षिणी अमेरिका में हुई एक चर्च सभा का वीडियो देख रहा था; उस वीडियो में मैंने कुछ ऐसा देखा जो किसी चर्च में पहले कभी नहीं देखा था। सन्देश के दौरान पादरी ने अपनी मण्डली के लोगों को भावविभोर होकर आवाहन दिया कि वे अपने जीवन प्रभु यीशु को समर्पण करें, उनके इस आवाहन के प्रत्युत्तर में वहाँ उपस्थित लोगों में से एक ने अपनी जेब से सफेद रुमाल निकाला और उसे हवा में हिलाने लगा; फिर एक और ने, एक और ने और एक के बाद एक अनेकों ने ऐसा ही करना आरंभ कर दिया। उन लोगों की आँखों से आंसू बह रहे थे और वे प्रभु यीशु मसीह को अपने जीवन पूर्णतः समर्पित करने के अपने निर्णय को दिखा रहे थे।

   लेकिन संभवतः समर्पण के उस रुमाल रूपी झंडे को हिलाने के पीछे एक और भावना भी थी - वे लोग परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने वाले झंडे भी लहरा रहे थे। परमेश्वर के वचन बाइबल में जब परमेश्वर ने लोगों से कहा कि वे उससे सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखें (व्यवस्थाविवरण 6:5), तब वह उन लोगों द्वारा परमेश्वर को अपने जीवन समर्पित करने के संदर्भ में था।

   परमेश्वर के दृष्टिकोण से, उसके साथ जीवन व्यतीत करने का तात्पर्य भला बनने से कहीं अधिक बढ़कर है। परमेश्वर के साथ जीवन बिताने का अर्थ है उसके साथ एक संबंध स्थापित करना; एक ऐसा संबंध जिसमें हम उसके प्रति पूर्णतः समर्पित होने के द्वारा उसके प्रति अपना प्रेम व्यक्त करते हैं। प्रेम में ऐसा महान समर्पण करना हमें पहले प्रभु यीशु ने करके  दिखाया जब उन्होंने हमारे तथा सारे जगत के सभी लोगों के पापों की क्षमा के लिए अपने आप को क्रूस पर बलिदान होने के लिए समर्पित कर दिया। प्रभु यीशु के इसी समर्पण द्वारा हमें पाप के बन्धनों से मुक्ति और हर भली तथा महिमामय बात को दिलाने वाले यात्रा-मार्ग, अर्थात परमेश्वर के मार्ग पर चलने का सौभाग्य मिला है।

   हमारे पास वे शब्द नहीं हैं जिनके द्वारा हम परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम को हम पूर्णतः बयान कर सकें; लेकिन अपने समपूर्ण समर्पण के द्वारा हम अपने इस प्रेम को व्यक्त अवश्य कर सकते हैं। - जो स्टोवैल


समर्पण परमेश्वर के प्रेम की भाषा है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16 

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 6:1-9
Deuteronomy 6:1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो; 
Deuteronomy 6:2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे। 
Deuteronomy 6:3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ। 
Deuteronomy 6:4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है; 
Deuteronomy 6:5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना। 
Deuteronomy 6:6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; 
Deuteronomy 6:7 और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना। 
Deuteronomy 6:8 और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी कर के बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें। 
Deuteronomy 6:9 और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 33-34
  • प्रेरितों 24