ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 4 अगस्त 2016

आवश्यक बातें


   गायक फर्नैन्डो ओर्टेगा द्वारा गाए गए सुप्रसिद्ध मसीही भजन "Just As I am" (जैसा मैं हूँ) की रिकॉर्डिंग में विश्व-विख्यात मसीही प्रचारक डॉ० बिली ग्राहम की आवाज़ पृष्ठभूमि में हलकी सी सुनाई देती है। डॉ० ग्राहम उस समय को स्मरण कर रहे हैं जब वे बीमार थे और उन्हें लग रहा था कि वे मृत्यु के समीप हैं। अपने जीवन पर विचार करते हुए उन्हें यह एहसास हुआ कि वे कितने बड़े पापी हैं और प्रतिदिन उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह और क्षमा की कितनी अधिक आवश्यकता बनी रहती है।

   बिली ग्राहम इस धारणा का अन्त करने का प्रयास कर रहे थे कि परमेश्वर के बिना भी हम ठीक-ठाक रह सकते हैं। हम अपने बारे में भला तो सोच और अनुभव कर सकते हैं, परन्तु यह भावना केवल इस तथ्य पर आधारित होनी चाहिए कि हम केवल परमेश्वर के अनुग्रह के कारण ही उसकी सनतान और उसके प्रेम के भागी हैं (यूहन्ना 3:16), ना कि इस बात पर कि हम अपने कर्मों या प्रयासों से अच्छे हैं (रोमियों 7:18)।

   मसीह यीशु का अनुयायी होने के बाद, परमेश्वर की नज़रों में तथा वास्तव में अच्छा बनने के लिए पहला कदम होता है इस पाखण्ड का अन्त करना कि हम अपने कर्मों और प्रयासों से अच्छे बने हैं या बन सकते हैं, और परमेश्वर पिता से माँगना कि वह ही हमें जितना संभव है उतना अच्छा और भला बनाए। ऐसा करने के लिए परमेश्वर हम से कुछ बातों को करने, कुछ को छोड़ने, अपनी प्राथमिकताओं तथा इच्छाओं को बदलने आदि जैसी कई बातों के लिए कहेगा, और उन्हें पूरा करने में हम अनेकों बार असफल भी रहेंगे; लेकिन जब तक हम परमेश्वर को समर्पित रहकर उसके आज्ञाकारी बने रहेंगे, उसकी इच्छापूर्ति के लिए प्रयासरत रहेंगे, वह हमें अपनी समानता में अंश अंश करके बदलता और बढ़ाता रहेगा (2 कुरिन्थियों 3:18)। परमेश्वर विश्वासयोग्य है और वह अपने समय तथा अपनी योजना के अनुसार हम में बदलाव लाता रहेगा (फिलिप्पियों 1:6)।

   अपने जीवन के अन्तिम दिनों में, "Amazing Grace" (फज़ल अजीब क्या खुशइल्हान) नामक सुप्रसिद्ध मसीही भजन के लेखक जौन न्युटन की स्मरण शक्ति क्षीण होने लगी और बातों को स्मरण ना रख पाने को लेकर वे दुःखी होते थे। लेकिन ऐसे में भी, उन्होंने अंगीकार किया, "मुझे दो बातें स्मरण रहती हैं: पहली, मैं एक बहुत बड़ा पापी हूँ; दूसरी, मसीह यीशु बहुत ही बड़ा उद्धारकर्ता है।" जब मसीही विश्वास की बात आती है, तो केवल यही दो बातें हैं जिनको जानना और मानना हमारे लिए आवश्यक है। इन आवश्यक बातों को हमें कभी नज़रन्दाज़ नहीं करना चाहिए, कभी नहीं भुलाना चाहिए। - डेविड रोपर


परमेश्वर के अनुग्रह को स्वीकार करने से ही परमेश्वर की संगति और शांति का अनुभव मिलता है।

हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं। हम सब के सब पत्ते की नाईं मुर्झा जाते हैं, और हमारे अधर्म के कामों ने हमें वायु की नाईं उड़ा दिया है। - यशायाह 64:6

बाइबल पाठ: रोमियों 7:18-8:2
Romans 7:18 क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते। 
Romans 7:19 क्योंकि जिस अच्छे काम की मैं इच्छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता वही किया करता हूं। 
Romans 7:20 परन्तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है। 
Romans 7:21 सो मैं यह व्यवस्था पाता हूं, कि जब भलाई करने की इच्छा करता हूं, तो बुराई मेरे पास आती है। 
Romans 7:22 क्योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं। 
Romans 7:23 परन्तु मुझे अपने अंगो में दूसरे प्रकार की व्यवस्था दिखाई पड़ती है, जो मेरी बुद्धि की व्यवस्था से लड़ती है, और मुझे पाप की व्यवस्था के बन्धन में डालती है जो मेरे अंगों में है। 
Romans 7:24 मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा? 
Romans 7:25 मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं।
Romans 8:1 सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं। 
Romans 8:2 क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 66-67
  • रोमियों 7


बुधवार, 3 अगस्त 2016

बन्धन


   मेरी गाड़ी के दरवाज़े का ताला दिक्कत दे रहा था और मुझे तालों की मरम्मात करने वाले कारीगर को बुलाना पड़ा। जब वह अपना काम कर रहा था तो हम बातचीत भी करने लगे और मुझे उसके बात करने का अंदाज़ बड़ा स्नेहिल और पहिचाना हुआ सा लगा। फिर बातचीत के दौरान मुझे यह जान कर सुखद आश्चर्य हुआ कि वह भी मूलतः जमाईका से है - ऐसे स्थान से, जहाँ मैं अनेकों बार गया हूँ और जिसे मैं चाहने लगा हूँ। उस सुन्दर द्वीप-राष्ट्र जमाईका के प्रति हमारे व्यक्तिगत प्रेम ने परस्पर हम दोनों को जोड़ने वाले एक समान बन्धन की पहिचान करवाई।

   इस घटना से मुझे एक और भी अधिक प्रगाढ़ सौहार्द के बन्धन की याद करवाई - किसी अन्य मसीही विश्वासी से मिलने और पहिचानने का आनन्द की; कि वह भी मसीह यीशु में लाए गए विश्वास के द्वारा हम से जुड़ा हुआ है। उन जगहों पर जहाँ अनेकों मसीही विश्वासी रहते हैं, इस बन्धन का आनन्द वैसा अभिभूत कर देने वाला अनुभव नहीं होता जैसा कि वहाँ होता है जहाँ मसीही विश्वासी कम हैं, लेकिन फिर भी अनायास ही किसी विश्वासी से मुलाकात हो जाती है। तब मसीह यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा मिली पापों की क्षमा और स्वतंत्रता तथा विश्वास के जीवन के अनुभव एक दूसरे के साथ बाँटना बड़ा रोमांचकारी होता है।

   जितने भी जन मसीह यीशु के विश्वासी हैं, उनमें परस्पर संबंध का एक बन्धन है; मसीह यीशु में होकर बनने वाला समानता का यह संबंध (गलतियों 3:27-28), संगति का ऐसा आनन्द प्रदान करता है जो हरेक अन्धकार में भी आशा की अद्भुत ज्योति प्रज्जवलित कर देता है।

   परमेश्वर का शत-शत धन्यवाद हो कि जितनों ने मसीह यीशु को स्वेच्छा से अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया है और अपना जीवन उसे समर्पित किया है, उन्हें वह अपने साथ तथा परस्पर एक अनन्तकाल के प्रेम तथा आनन्द के बन्धन में ले आता है। - डेव ब्रैनन


मसीह यीशु की संगति हमें परस्पर प्रेम के बन्धन में बाँधती, बनाती और बढ़ाती है।

और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है। अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्‍वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो। - गलतियों 3:27-28

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:10-18
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
Ephesians 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)। 
Ephesians 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे। 
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो। 
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। 
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे। 
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए। 
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया। 
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 63-65
  • रोमियों 6


मंगलवार, 2 अगस्त 2016

अनुग्रह-स्थल


   अमेरिका के टेनेस्सी प्रांत के मेम्फिस शहर में स्थित ग्रेसलैंड मैन्शन एक ऐसा घर है जिसे देखने के लिए प्रति वर्ष अनेकों सैलानी जाते हैं। इस भवन का निर्माण सन 1930 में हुआ था, और इसका नाम इस भवन के मूल मालिक की बुज़ुर्ग रिश्तेदार ’ग्रेस’ के नाम पर रखा गया था। इसे यह ख्याति बाद में इसमें रहने वाले विश्व-प्रसिद्ध गायक एल्विस प्रैस्ली के कारण मिली, और आज एल्विस के घर को देखने के लिए ही सैलानी वहाँ आते हैं।

   मुझे वह नाम ’ग्रेसलैंड’ अर्थात ’अनुग्रह-स्थल’ बहुत पसन्द है क्योंकि यह मुझे उस क्षेत्र का स्मरण दिलाता है जहाँ परमेश्वर ने अपने अनुग्रह में होकर मुझे प्रदान करी गई मेरे पापों की क्षमा के बाद मुझे अपनाकर रखा है। परमेश्वर ने मुझे पाप के अन्धकार से निकाल कर अपनी ज्योति के अनुग्रह-स्थल में निवास करने का आदर प्रदान किया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस ने लिखा, "पर जैसा अपराध की दशा है, वैसी अनुग्रह के वरदान की नहीं, क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध से बहुत लोग मरे, तो परमेश्वर का अनुग्रह और उसका जो दान एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के अनुग्रह से हुआ बहुतेरे लोगों पर अवश्य ही अधिकाई से हुआ" (रोमियों 5:15)। मैं सदा ही इस बात का आभारी तथा धन्यवादी रहूँगा कि पौलुस जिन ’बहुतेरे लोगों’ का उल्लेख यहाँ पर कर रहा है, उन में से एक मैं भी हूँ; और मेरे किसी कर्म, गुण, योग्यता, उपलब्धि, ख्याति या विशेषता के कारण नहीं परन्तु परमेश्वर के महान प्रेम के कारण ही मेरा स्थानान्तरण उसके अद्भुत, अनन्त और अनुपम अनुग्रह-स्थल में हुआ है। प्रभु यीशु मसीह में स्वेच्छा से लाए गए विश्वास और उनसे माँगी गई पापों की क्षमा ने मेरे लिए यह संभव कर दिया है।

   परमेश्वर के उस अनुग्रह-स्थल में होने की आशीष के बारे में विचार करें; यह एक ऐसा स्थान है जिसमें होकर परमेश्वर ने हमें अपनी उपस्थिति में रहने का सौभाग्य प्रदान किया है, और उसका यह अनुग्रह दिन-प्रतिदिन हमारे जीवनों में अविरल एक समान प्रवाहित होता रहता है; हमारी किसी बात के कारण यह अनुग्रह ना बढ़ता है और ना ही घटता है, वरन हर बात, हर परिस्थिति में सदा उपलब्ध और एक समान बना रहता है। पौलुस अपने अनुभव के आधार पर हमें आशवस्त करता है कि हम यदि किसी असहनीय, अति निराशाजनक परिस्थिति में भी पड़ जाएं जिसका हल नहीं मिल पा रहा हो, तब भी यह अनुग्रह हमें उस परिस्थिति से पार लगा देता है (2 कुरिन्थियों 12:9)। जीवन और संसार हमारे सामने कुछ भी क्यों ना ले आएं, लेकिन हमें परमेश्वर के अनुग्रह-स्थल से अलग कभी नहीं कर सकते।

   क्या आपने परमेश्वर के इस अनुग्रह-स्थल में अपना स्थान ले लिया है? - जो स्टोवैल


स्मरण रखें कि परमेश्वर ने आपको कहाँ रखा है और उसके अनुग्रह-स्थल में सदा आनन्दित रहें।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। - 2 कुरिन्थियों 12:9

बाइबल पाठ: रोमियों 5:10-21
Romans 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? 
Romans 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।
Romans 5:12 इसलिये जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, इसलिये कि सब ने पाप किया। 
Romans 5:13 क्योंकि व्यवस्था के दिए जाने तक पाप जगत में तो था, परन्तु जहां व्यवस्था नहीं, वहां पाप गिना नहीं जाता। 
Romans 5:14 तौभी आदम से ले कर मूसा तक मृत्यु ने उन लोगों पर भी राज्य किया, जिन्हों ने उस आदम के अपराध की नाईं जो उस आने वाले का चिन्ह है, पाप न किया। 
Romans 5:15 पर जैसा अपराध की दशा है, वैसी अनुग्रह के वरदान की नहीं, क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध से बहुत लोग मरे, तो परमेश्वर का अनुग्रह और उसका जो दान एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के अनुग्रह से हुआ बहुतेरे लोगों पर अवश्य ही अधिकाई से हुआ। 
Romans 5:16 और जैसा एक मनुष्य के पाप करने का फल हुआ, वैसा ही दान की दशा नहीं, क्योंकि एक ही के कारण दण्ड की आज्ञा का फैसला हुआ, परन्तु बहुतेरे अपराधों से ऐसा वरदान उत्पन्न हुआ, कि लोग धर्मी ठहरे। 
Romans 5:17 क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कराण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्म रूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे। 
Romans 5:18 इसलिये जैसा एक अपराध सब मनुष्यों के लिये दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ, वैसा ही एक धर्म का काम भी सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित धर्मी ठहराए जाने का कारण हुआ। 
Romans 5:19 क्योंकि जैसा एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे, वैसे ही एक मनुष्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरेंगे। 
Romans 5:20 और व्यवस्था बीच में आ गई, कि अपराध बहुत हो, परन्तु जहां पाप बहुत हुआ, वहां अनुग्रह उस से भी कहीं अधिक हुआ। 
Romans 5:21 कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 60-62
  • रोमियों 5


सोमवार, 1 अगस्त 2016

शरणस्थान


   हम ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा के दौरान एक नगर में प्रवेश कर रहे थे; वहाँ हमने एक स्वागत सन्देश लिखा हुआ देखा: "जो भी शरण या आश्रय का स्थान ढूँढ़ रहे हैं हम उनका स्वागत करते हैं।" इस प्रकार का यह स्वागत सन्देश परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम के काल में परमेश्वर द्वारा बनवाए गए शरण नगरों की याद दिलाता है: "तब ऐसे नगर ठहराना जो तुम्हारे लिये शरणनगर हों, कि जो कोई किसी को भूल से मार के खूनी ठहरा हो वह वहां भाग जाए। वे नगर तुम्हारे निमित्त पलटा लेने वाले से शरण लेने के काम आएंगे, कि जब तक खूनी न्याय के लिये मण्डली के साम्हने खड़ा न हो तब तक वह न मार डाला जाए" (गिनती 35:11-12)। उस समय में, यदि कोई गलती से किसी को मार डाले, या किसी पर हत्या का आरोप आए, तो अपनी जान बचाने के लिए वह कुछ निर्धारित नगरों में जाकर, जब तक उसका न्याय नहीं हो जाता, वहाँ सुरक्षित रह सकता था। परमेश्वर की ओर से अपने लोगों के लिए यह प्रयोजन करवाया गया था।

   यह केवल प्राचीन इस्त्राएल के मानने के लिए एक प्रथा मात्र ही नहीं थी, वरन यह अपने लोगों के लिए परमेश्वर के हृदय, उसकी भावनाओं की सूचक भी थी। जीवन की असफलताओं, दुःखों और हानियों में परमेश्वर स्वयं अपने लोगों का ऐसा सुरक्षित आश्रय स्थान, जहाँ वे शांति और सांत्वना पाएं, बनना चाहता है। हम भजन 59:16-17 में पढ़ते हैं, "परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है। हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊंगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा करूणामय परमेश्वर है"

   हर समय, हर काल और हर स्थान पर समस्त मानव जाति के लिए शरणस्थान कोई नगर नहीं, वरन परमेश्वर स्वयं बनना चाहता है, क्योंकि उसने हमें रचा है, वह हमसे अनन्तकाल के प्रेम से प्रेम करता है, और अपने साथ हमारा मेल-मिलाप करवाने के लिए उसने अपने एकलौते पुत्र प्रभु यीशु मसीह को भी हमारे पापों के बदले बलिदान कर दिया।

   आज यह शरणस्थान सभी के लिए सारे समय खुला है, उपलब्ध है; कैसे अभागे होंगे वे जो परमेश्वर के प्रेम और इस अवसर को ठुकरा कर कहीं और अपना शरणस्थान खोजेंगे और अनन्तकाल के विनाश में चले जाएंगे। आज, अभी प्रभु यीशु को अपना शरणस्थान बना लीजिए। - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु ही वास्तविक शरणस्थान है; उसी में सच्चा आश्रय और विश्राम है।

यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधी रखता है। - नहूम 1:7

बाइबल पाठ: भजन 59:9-17
Psalms 59:9 हे मेरे बल, मुझे तेरी ही आस होगी; क्योंकि परमेश्वर मेरा ऊंचा गढ़ है।
Psalms 59:10 परमेश्वर करूणा करता हुआ मुझ से मिलेगा; परमेश्वर मेरे द्रोहियों के विषय मेरी इच्छा पूरी कर देगा।
Psalms 59:11 उन्हें घात न कर, न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए; हे प्रभु, हे हमारी ढाल! अपनी शक्ति से उन्हें तितर बितर कर, उन्हें दबा दे। 
Psalms 59:12 वह अपने मुंह के पाप, और ओठों के वचन, और शाप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फंसे हुए पकड़े जाएं। 
Psalms 59:13 जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएं तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है।
Psalms 59:14 वे सांझ को लौटकर कुत्ते की नाईं गुर्राएं, और नगर के चारों ओर घूमें। 
Psalms 59:15 वे टुकड़े के लिये मारे मारे फिरें, और तृप्त न होने पर रात भर वहीं ठहरे रहें।
Psalms 59:16 परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है। 
Psalms 59:17 हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊंगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा करूणामय परमेश्वर है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 57-59
  • रोमियों 4


रविवार, 31 जुलाई 2016

जैसा मैं हूँ


   मैं एक संगीत-समारोह में गई हुई थी, और संगीत मण्डली के अगुवे ने जो गीत वे गाने वाले थे: "Just as I am" (जैसा मैं हूँ) का परिचय दिया ही था। इस गीत के बारे में सुनकर मेरे मन में कई सुखद यादें आ गईं। मुझे याद आया कि हमारे चर्च में जब पादरी अपने सन्देश के अन्त में उपस्थित लोगों से आवाहन करते थे कि जिन्होंने अपने पापों की क्षमा के लिए प्रभु यीशु को स्वीकार किया है, वे प्रार्थना के लिए आगे आएं, तो लोगों के आगे आने के समय में हम यही गीत गाया करते थे।

   लेकिन उस संगीत मण्डली के अगुवे ने हमारे द्वारा इस गीत को गाने के एक और समय का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वे सोचते हैं कि जब उनका देहान्त होगा और वे प्रभु यीशु के साथ रहने के लिए स्वर्ग पहुँचेंगे, तो प्रभु के महान अनुग्रह और क्षमा के प्रति धन्यवाद के लिए भी वे यही गीत गाएंगे:
जैसा मैं हूँ, बगैर एक बात,
पर तेरे लहू से है हयात,
अब तेरे नाम से है नजात,
मसीह, मसीह मैं आता हूँ

   यह गीत छार्लेट ईलियट नामक एक महिला ने लिखा था। इस गीत के लिखने से कई वर्ष पहले उसने एक पादरी से पूछा था कि वह कैसे प्रभु यीशु को पा सकती है? उस पादरी ने उसे उत्तर दिया था, "आप जैसी भी हैं बस प्रभु को अपनाकर उस के पास आ जाईए"; और वह आ गई थी। बाद में बीमारी की एक निराशाजनक हालत में उन्होंने उस दिन अपने मसीह यीशु के पास आने और उससे अपने पापों की क्षमा पाने के अनुभव को इस गीत में उतारा था।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु हमें प्रोत्साहित करता है कि हम उसके खोजी बनें, "जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो" (यशायाह 55:6); वह हमें पुकारता है: "अहो सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ;....कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीवित रहोगे" (पद 1, 3)।

   प्रभु यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा मिले उद्धार के मार्ग के द्वारा आज, कभी भी, हम जैसे भी हों, जिस भी स्थिति में हों, हम उसके पास आ सकते हैं; और फिर एक दिन हम उसके पास स्वर्ग में जाएंगे, उसके साथ अनन्तकाल तक आनन्दित तथा मग्न रहने के लिए।

   क्या आपने प्रभु यीशु के पास आने का यह निर्णय ले लिया है? क्या आपने प्रभु से कहा है "जैसा मैं हूँ, बगैर एक बात,....मसीह मैं आता हूँ"? - ऐनी सेटास


और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; 
और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंत-मेंत ले। - प्रकाशितवाक्य 22:17

क्या मेरा घराना ईश्वर की दृष्टि में ऐसा नहीं है? उसने तो मेरे साथ सदा की एक ऐसी वाचा बान्धी है, जो सब बातों में ठीक की हुई और अटल भी है। क्योंकि चाहे वह उसको प्रगट न करे, तौभी मेरा पूर्ण उद्धार और पूर्ण अभिलाषा का विषय वही है। - 2 शमूएल 23:5

बाइबल पाठ: यशायाह 55:1-7
Isaiah 55:1 अहो सब प्यासे लोगों, पानी के पास आओ; और जिनके पास रूपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रूपए और बिना दाम ही आकर ले लो। 
Isaiah 55:2 जो भोजनवस्तु नहीं है, उसके लिये तुम क्यों रूपया लगाते हो, और, जिस से पेट नहीं भरता उसके लिये क्यों परिश्रम करते हो? मेरी ओर मन लगाकर सुनो, तब उत्तम वस्तुएं खाने पाओगे और चिकनी चिकनी वस्तुएं खाकर सन्तुष्ट हो जाओगे। 
Isaiah 55:3 कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीवित रहोगे; और मैं तुम्हारे साथ सदा की वाचा बान्धूंगा अर्थात दाऊद पर की अटल करूणा की वाचा। 
Isaiah 55:4 सुनो, मैं ने उसको राज्य राज्य के लोगों के लिये साक्षी और प्रधान और आज्ञा देने वाला ठहराया है। 
Isaiah 55:5 सुन, तू ऐसी जाति को जिसे तू नहीं जानता बुलाएगा, और ऐसी जातियां जो तुझे नहीं जानतीं तेरे पास दौड़ी आएंगी, वे तेरे परमेश्वर यहोवा और इस्राएल के पवित्र के निमित्त यह करेंगी, क्योंकि उसने तुझे शोभायमान किया है।
Isaiah 55:6 जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो; 
Isaiah 55:7 दुष्ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 54-56
  • रोमियों 3


शनिवार, 30 जुलाई 2016

पहचान चिन्ह


   आयरलैण्ड के पश्चिमी तट के निकट एरन द्वीप-समूह है जो अपने खूबसूरत ऊनी स्वेटरों के लिए प्रसिद्ध है। उन स्वेटरों को बनाते समय भेड़ के ऊन के द्वारा ही नमूने स्वेटरों में बुन दिए जाते हैं। इन में से कई नमूने वहाँ की संस्कृति और पारंपरिक बातों पर आधारित होते हैं, लेकिन कुछ अन्य नमूने विशिष्ट एवं व्यक्तिगत होते हैं। उन द्वीपों में बसने वाले प्रत्येक परिवार के अपने ही विशिष्ट पहचान चिन्ह (ट्रेडमार्क) होते हैं, जो परस्पर इतने भिन्न होते हैं कि कहा जाता है कि वहाँ यदि कोई मछुआरा डूब कर मर भी जाए तो उसके पहने हुए स्वेटर से उसके परिवार का पता चल सकता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना द्वारा लिखी गई उसकी प्रथम पत्री में भी परमेश्वर के घराने के लोगों, अर्थात मसीही विश्वासियों के कुछ पहचान चिन्ह दिए गए हैं। 1 यूहन्ना 3:1 में प्रेरित यूहन्ना इस बात को सुनिश्चित करता है कि हम मसीही विश्वासी परमेश्वर के घराने के लोग हैं: "देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना"; फिर वह परमेश्वर की सन्तान कहलाए जाने वाले लोगों के पहचान चिन्ह बताता है, जिन में से एक है, "हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है" (1 यूहन्ना 4:7)।

   क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है, इसलिए परमेश्वर के हृदय को प्रतिबिंबित करने का मुख्य तरीका है उस प्रेम को प्रदर्शित करना जो परमेश्वर का प्रमुख गुण है। क्योंकि यह प्रेम हम मसीही विश्वासियों के स्वर्गीय परिवार का पहचान चिन्ह है, इसलिए होने दें कि आज आप इस पहचान चिन्ह को अपने जीवन से प्रदर्शित करें और दूसरों तक इसे पहुँचाने का माध्यम बनें। - बिल क्राउडर


मसीह यीशु के अनुयायियों में प्रेम ही पहचान चिन्ह के रूप में संसार को दिखाई देना चाहिए।

मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो। यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो। - यूहन्ना 13:34-35

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 4:7-16
1 John 4:7 हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। 
1 John 4:8 जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है। 
1 John 4:9 जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। 
1 John 4:10 प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा। 
1 John 4:11 हे प्रियो, जब परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया, तो हम को भी आपस में प्रेम रखना चाहिए। 
1 John 4:12 परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा; यदि हम आपस में प्रेम रखें, तो परमेश्वर हम में बना रहता है; और उसका प्रेम हम में सिद्ध हो गया है। 
1 John 4:13 इसी से हम जानते हैं, कि हम उस में बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उसने अपने आत्मा में से हमें दिया है। 
1 John 4:14 और हम ने देख भी लिया और गवाही देते हैं, कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता कर के भेजा है। 
1 John 4:15 जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में। 
1 John 4:16 और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 51-53
  • रोमियों 2


शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

मार्ग


   फ्रांस में नौरमैन्डी के समुद्र-तट से करीब आधा मील दूर स्थित मॉन्ट सेंट-माईकल टापू है जिस पर एक मठ बना है। सदियों से यह स्थान धार्मिक तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। जब तक वहाँ पहुँचने का मार्ग नहीं बन गया, उस टापू तक जाना खतरनाक रहा, और वहाँ पहुँचने के प्रयासों में कुछ तीर्थयात्रियों की जान भी जा चुकी है। जब समुद्र में ज्वार होता है तो वह टापू पानी से घिरा रहता है, और जब भाटा होता है तो टापू के आस-पास उबड़-खाबड़ रेत फैली होती है। उस मार्ग के बन जाने से पहले, उस टापू तक पहुँचना भय से भरा होता था।

   पुराने नियम के समय के यहूदियों के लिए परमेश्वर तक पहुँचना भी भय से भरा होता था। जब परमेश्वर ने अपनी आज्ञाएं दीं तो उसकी आवाज़ के भीषण गर्जन के कारण वे यहूदी लोग उसके समीप आने से डरने लगे (निर्गमन 19:10-16)। जब महायाजक के माध्यम से परमेश्वर तक पहुँचने का मार्ग मिला तो भी कुछ अनुष्ठान और विधियाँ पूरी करे बिना यह संभव नहीं था (लैव्यवस्था 16:1-34)। परमेश्वर की पवित्र उपस्थिति के प्रतीक वाचा के सन्दूक को गलती से भी छू लेना, मृत्यु का कारण बन सकता था (2 शमूएल 6:7-8)।

   किंतु प्रभु यीशु के बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा आज हमारे लिए परमेश्वर तक निर्भीक होकर पहुँचने का मार्ग तैयार और उपलब्ध है। प्रभु यीशु के बलिदान ने समस्त मानव जाति के पापों के दण्ड की कीमत चुका दी है; प्रभु में लाए गए विश्वास के द्वारा किसी भी मसीही विश्वासी को अपने पापों के दण्ड को भोगने की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है; अब प्रभु यीशु के सभी विश्वासियों को परमेश्वर की उपस्थिति में निमंत्रण है: "इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे" (इब्रानियों 4:16)।

   प्रभु यीशु मसीह में सभी मनुष्यों के लिए कभी भी, कहीं भी प्रार्थना में परमेश्वर की उपस्थिति में आने का मार्ग तैयार और उपलब्ध हो गया है। - डेनिस फिशर


प्रभु यीशु के नाम से करी गई प्रार्थना के द्वारा प्रमेश्वर पिता तक हमारी तात्कालिक पहुँच होती है।

और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया। क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है। - इफिसियों 2:17-18

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:14-16; 10:19-22
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे। 
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। 
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
Hebrews 10:19 सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है। 
Hebrews 10:20 जो उसने परदे अर्थात अपने शरीर में से हो कर, हमारे लिये अभिषेक किया है, 
Hebrews 10:21 और इसलिये कि हमारा ऐसा महान याजक है, जो परमेश्वर के घर का अधिकारी है। 
Hebrews 10:22 तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक को दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव ले कर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 49-50
  • रोमियों 1