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शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017

बुनियाद


   प्रशांत महासागर के किनारों के क्षेत्र में, जिसे "Ring of Fire" या "आग का घेरा" भी कहा जाता है, भूकंप बहुत आते हैं। सारे विश्व के 90% भूकंप और सारे विश्व में आए सबसे बड़े भूकंपों में से 81% इसी क्षेत्र में आए हैं। मुझे मालूम हुआ कि हौंग-कौंग शहर की अनेकों अनेकों इमारतें ग्रैनाइट पर बनाई गई हैं, जिससे भूकंप आने पर हानि बहुत कम हो। विश्व के भूकंप संभावित क्षेत्रों में बनाई गई इमारतों की बुनियाद बहुत महत्वपूर्ण होती है।

   प्रभु यीशु मसीह ने अपने अनुयायियों को सिखाया कि परमेश्वर को भाने वाले भले जीवनों के निर्माण के लिए भी सही बुनियाद का होना अनिवार्य है। परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती रचित सुसमाचार में प्रभु यीशु ने कहा, "इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी" (मत्ती 7:24-25)। प्रभु यीशु मसीह और उसकी शिक्षाओं पर बनाया गया जीवन ही अब तथा भविष्य की हर परिस्थिति तथा परीक्षा में हमें स्थिरता, उन्नति और आशीष प्रदान करेगा।

   जब हम प्रभु की बुद्धिमता को अपने संबंधों, निर्णयों, और प्राथमिकताओं में हमें सही मार्गदर्शन प्रदान करने देते हैं, तो हम पाते हैं कि उससे हमें जीवन के निर्माण, स्थिरता तथा उन्नति के लिए सर्वोत्तम बुनियाद मिलती है। - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु मसीह ही वह सर्वोत्तम बुनियाद है 
जिस पर मज़बूत जीवन का निर्माण किया जा सकता है।

इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए। और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो। जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है। जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो। इफिसियों 2:19-22

बाइबल पाठ: मत्ती 7:21-29
Matthew 7:21 जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्‍वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। 
Matthew 7:22 उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए? 
Matthew 7:23 तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ। 
Matthew 7:24 इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। 
Matthew 7:25 और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी। 
Matthew 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया। 
Matthew 7:27 और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।
Matthew 7:28 जब यीशु ये बातें कह चुका, तो ऐसा हुआ कि भीड़ उसके उपदेश से चकित हुई। 
Matthew 7:29 क्योंकि वह उन के शास्‍त्रियों के समान नहीं परन्तु अधिकारी की नाईं उन्हें उपदेश देता था। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 7-9
  • लूका 9:18-36


गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

अडिग विश्वास


   मेरी पत्नी तथा मेरे परिवारों में हमारी दादी-नानी रहीं है जो 100 वर्ष की आयु से भी अधिक तक जीवित रहीं। मैंने संसार के लगभग सभी स्थानों में वृद्ध लोगों में एक प्रवृति देखी है; वे बीते समय की कठिन एवं कष्टदायक परिस्थितियों का स्मरण बहुत गहरी भावना के साथ करते हैं। वृद्ध लोग दूसरे विश्व-युद्ध की तथा सारे विश्व को प्रभावित करने वाली आर्थिक महामन्दी के समय की कहानियों और घटनाओं का आदान-प्रदान करते हैं; वे बर्फीले तूफानों, बचपन में खेलने के स्थानों, कॉलेज में कठिन आर्थिक परिस्थितियों में बिताए गए दिन जब लगातार तीन सप्ताह तक डिब्बा बन्द सूप और बासी डबल रोटी के साथ जीना पड़ता था आदि कठिनाईयों के विषय में बड़ी लगन के साथ बातचीत करते हैं।

   यह एक प्रकार का विरोधाभास ही है कि ये कठिन एवं कष्टदायक परिस्थितियाँ अकसर परस्पर संबंधों को और प्रगाढ़ तथा परमेश्वर पर विश्वास के बंधनों को और दृढ़ बना देती हैं। क्योंकि मैंने इस सिद्धांत को अपने निकट संबंधियों के जीवनों में सजीव अनुभव किया है इसलिए मैं परमेश्वर से संबंधित एक रहस्य को और बेहतर समझने पाया हूँ - परमेश्वर पर विश्वास का तात्पर्य अन्ततः उस पर हर बात के लिए रखा गया भरोसा है। यदि मैं परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार परमेश्वर पर विश्वास के चट्टान रूपी भरोसे पर खड़ा हूँ (भजन 18:2) तो सबसे बदतर परिस्थिति भी उस भरोसे के संबंध को तोड़ नहीं सकती है।

   ठोस-चट्टान जैसा अडिग विश्वास मुझे भरोसा दिलाता है कि वर्तमान की अव्यवस्था के बावजूद, परमेश्वर शासन कर रहा है, हर बात को जानता है और हर परिस्थिति को नियंत्रित करता है। चाहे मैं अपनी नज़रों में कितना भी महत्वहीन क्यों ना होऊँ, मुझसे प्रेम करने वाले मेरे प्रभु परमेश्वर के लिए मैं बहुत महत्वपूर्ण हूँ। कोई भी पीड़ा सदा बनी नहीं रहती है, और हर बुराई अन्ततः पराजित होती है।

   ठोस-चट्टान जैसा अडिग विश्वास मुझे दिखाता है कि मानव इतिहास का सबसे काला कृत्य, परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह का क्रूस पर मारा जाना, सारे मानव इतिहास के सबसे ज्योतिर्मय पल अर्थात उसके पुनरुत्थान और मृत्यु पर उसकी विजय के लिए आवश्यक पूर्व घटना थी। इस बलिदान, मृत्यु, पुनरुत्थान और विजय ने ही समस्त मानव जाति के लिए साधारण विश्वास के द्वारा सेंत-मेंत पाप क्षमा, उद्धार और परमेश्वर से मेल-मिलाप का मार्ग तैयार कर के दिया है। - फिलिप यैन्सी


चट्टान मसीह यीशु हमारी दृढ़ आशा का आधार है।

कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार? जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं। परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं। - रोमियों 8:35-37

बाइबल पाठ: भजन 18:1-3; 16-28
Psalms 18:1 हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं। 
Psalms 18:2 यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। 
Psalms 18:3 मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
Psalms 18:16 उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और गहिरे जल में से खींच लिया। 
Psalms 18:17 उसने मेरे बलवन्त शत्रु से, और उन से जो मुझ से घृणा करते थे मुझे छुड़ाया; क्योंकि वे अधिक सामर्थी थे। 
Psalms 18:18 मेरी विपत्ति के दिन वे मुझ पर आ पड़े। परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था। 
Psalms 18:19 और उसने मुझे निकाल कर चौड़े स्थान में पहुंचाया, उसने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था। 
Psalms 18:20 यहोवा ने मुझ से मेरे धर्म के अनुसार व्यवहार किया; और मेरे हाथों की शुद्धता के अनुसार उसने मुझे बदला दिया। 
Psalms 18:21 क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चलता रहा, और दुष्टता के कारण अपने परमेश्वर से दूर न हुआ। 
Psalms 18:22 क्योंकि उसके सारे निर्णय मेरे सम्मुख बने रहे और मैं ने उसकी विधियों को न त्यागा। 
Psalms 18:23 और मैं उसके सम्मुख सिद्ध बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा। 
Psalms 18:24 यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया, और मेरे हाथों की उस शुद्धता के अनुसार जिसे वह देखता था।
Psalms 18:25 दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; और खरे पुरूष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है। 
Psalms 18:26 शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता, और टेढ़े के साथ तू तिर्छा बनता है। 
Psalms 18:27 क्योंकि तू दीन लोगों को तो बचाता है; परन्तु घमण्ड भरी आंखों को नीची करता है। 
Psalms 18:28 हां, तू ही मेरे दीपक को जलाता है; मेरा परमेश्वर यहोवा मेरे अन्धियारे को उजियाला कर देता है। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 4-6
  • लूका 9:1-17


बुधवार, 5 अप्रैल 2017

स्वर्ग


   मेरे मित्र गस का कुछ महीने पहले देहाँत हो गया; उसे मछली पकड़ना बहुत पसन्द था। अकसर स्पताहांत में वह निकट की एक झील में अपनी छोटी नाव में जाकर मछली पकड़ा करता था। कुछ दिन पहले मुझे उसकी बेटी हेडी का पत्र मिला; हेडी ने बताया कि उसके नाती-पोतों के साथ स्वर्ग के बारे में उसकी चर्चा चल रही है। उसके छः वर्षीय पोते ने, जिसे अपने परदादा गस के समान मछली पकड़ना पसन्द है, स्वर्ग की कल्पना करते हुए कहा, "वह बहुत सुन्दर है, और वहाँ पर यीशु परदादा गस को मछली पकड़ने के उत्तम स्थान दिखा रहे हैं।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब प्रेरित पौलुस ने उसे परमेश्वर से मिले स्वर्ग के दर्शन के बारे में बताया, तो उसका वर्णन करने के लिए उसके पास पर्याप्त शब्द नहीं थे। पौलुस ने लिखा, "कि स्वर्ग लोक पर उठा लिया गया, और एसी बातें सुनीं जो कहने की नहीं; और जिन का मुंह पर लाना मनुष्य को उचित नहीं" (2 कुरिन्थियों 12:4)। स्वर्ग के तथ्यों का वर्णन हमारे शब्दों से बाहर है - शायद इसलिए क्योंकि हम मनुष्यों के पास उन तथ्यों को समझ पाने की बौद्धिक क्षमता नहीं है।

   चाहे स्वर्ग के बारे में कुछ और वर्णन जान लेने से हम कुछ दिलासा पा लें; परन्तु हम मसीही विश्वासियों के लिए आश्वसन तथा विश्वास का कारण स्वर्ग से संबंधित ज्ञान नहीं है। हमारे विश्वास और आश्वासन का आधार तो हमारे प्रभु परमेश्वर के संबंध में हमारा ज्ञान है, क्योंकि उस ज्ञान में ही जीवन और भक्ति से संबंधित सभी बातें हमें उपलब्ध करवाई गई हैं (2 पतरस 1:2-3)। क्योंकि मसीही विश्वासी हो जाने पर अब मेरा व्यक्तिगत संबंध प्रभु परमेश्वर के साथ हो गया है, मैं उसे जान जान गया हूँ, और यह भी जान गया हूँ कि वह कितना भला है, कितना विश्वासयोग्य है, इसलिए मैं इस जीवन और यहाँ की प्रत्येक बात को निःसंकोच इस भरोसे के साथ छोड़ सकता हूँ कि स्वर्ग बहुत सुन्दर और उत्तम स्थान होगा, जहाँ मेरा उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह होगा, जिसके साथ मैं संगति करूँगा और आनन्दित हूँगा; क्योंकि वह ऐसा करने वाला उद्धारकर्ता परमेश्वर है। - डेविड रोपर


स्वर्ग में मसीह के साथ होने के समान पृथ्वी की कोई बात नहीं है।

परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्‍ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए। क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से संबंध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। - 2 पतरस 1:2-3

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 22:1-7
Revelation 22:1 फिर उसने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। 
Revelation 22:2 और नदी के इस पार; और उस पार, जीवन का पेड़ था: उस में बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति जाति के लोग चंगे होते थे। 
Revelation 22:3 और फिर श्राप न होगा और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा, और उसके दास उस की सेवा करेंगे। 
Revelation 22:4 और उसका मुंह देखेंगे, और उसका नाम उन के माथों पर लिखा हुआ होगा। 
Revelation 22:5 और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले का प्रयोजन न होगा, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा: और वे युगानुयुग राज्य करेंगे।
Revelation 22:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें विश्वास के योग्य, और सत्य हैं, और प्रभु ने जो भविष्यद्वक्ताओं की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि अपने दासों को वे बातें जिन का शीघ्र पूरा होना अवश्य है दिखाए। 
Revelation 22:7 देख, मैं शीघ्र आने वाला हूं; धन्य है वह, जो इस पुस्‍तक की भविष्यद्वाणी की बातें मानता है। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 1-3
  • लूका 8:26-56


मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

असहनीय


   किसी ने एक पिता से कहा, "परमेश्वर कभी हमें हमारे झेल पाने की क्षमता से अधिक नहीं देता है।" उसने यह शब्द उस पिता के पाँच वर्षीय बेटे के कैंसर से निधन होने पर उसे सांत्वना देने के लिए कहे थे। परन्तु इन शब्दों से प्रोत्साहन पाने के स्थान पर उस पिता की हताशा और बढ़ गई, क्योंकि अब उसे ना केवल अपने पुत्र की मृत्यु का अत्याधिक दुःख था, परन्तु साथ ही वह इस बात की भी चिन्ता करने लग गया कि वह इस परिस्थिति को क्यों झेल नहीं पा रहा है। बेटे से बिछुड़ जाने के कारण उसका दुःख इतना अधिक था कि वह ठीक से साँस भी नहीं ले पा रहा था। उसे बस इतना पता था कि यह दुःख उसके लिए असहनीय है और उसे अत्यंत आवश्यकता थी कि परमेश्वर उसे दृढ़ता से थामे रहे।

   उस पिता से कहे गए कथन, "परमेश्वर कभी हमें हमारे झेल पाने की क्षमता से अधिक नहीं देता है" की पुष्टि करने के लिए बहुधा लोग परमेश्वर के वचन में कही गई "बात तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको" (1 कुरिन्थियों 10:13) का सहारा लेते हैं। परन्तु इस पद का संदर्भ दुःख उठाना नहीं, प्रलभनों एवं परीक्षाओं में पड़ना है। विपरीत परिस्थितियों से निकालने के लिए जो मार्ग परमेश्वर बना कर देता है, हम उस पर चलना चुन सकते हैं; परन्तु दुःखों से निकलने का मार्ग हम नहीं चुन सकते हैं।

   प्रभु यीशु ने भी अपने आने वाले दुःखों से निकलने के मार्ग के बारे में प्रार्थना की, और पिता परमेश्वर से कहा, "...हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो" (मत्ती 26:39)। लेकिन फिर भी हमारे उद्धार के लिए वह स्वेच्छा से उस दुःख भरे मार्ग से होकर चला, और सारे संसार के सभी लोगों के लिए, अपने बलिदान तथा पुनरुत्थान द्वारा, उद्धार का मार्ग बना कर दे दिया।

   जब जीवन के दुःख असहनीय लगें, तो विश्वास के साथ अपने आप को परमेश्वर की करुणा पर छोड़ दें, और उस असहनीय परिस्थिति में भी वह आपको थामे रखेगा, अपनी शान्ति एवं सांत्वना देगा। - ऐनी सेटास


यदि परमेश्वर आपके पीछे है और उसकी बाहें आपके नीचे हैं 
तो सामने जो कुछ भी हो आप निःसंकोच उसका सामना कर सकते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: मत्ती 26:36-46
Matthew 26:36 तब यीशु अपने चेलों के साथ गतसमनी नाम एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा कि यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहां जा कर प्रार्थना करूं। 
Matthew 26:37 और वह पतरस और जब्‍दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। 
Matthew 26:38 तब उसने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो। 
Matthew 26:39 फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो। 
Matthew 26:40 फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा; क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? 
Matthew 26:41 जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है। 
Matthew 26:42 फिर उसने दूसरी बार जा कर यह प्रार्थना की; कि हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो। 
Matthew 26:43 तब उसने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उन की आंखें नींद से भरी थीं। 
Matthew 26:44 और उन्हें छोड़कर फिर चला गया, और वही बात फिर कहकर, तीसरी बार प्रार्थना की। 
Matthew 26:45 तब उसने चेलों के पास आकर उन से कहा; अब सोते रहो, और विश्राम करो: देखो, घड़ी आ पहुंची है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। 
Matthew 26:46 उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वाने वाला निकट आ पहुंचा है। 

एक साल में बाइबल: 
  • रूत 1-4
  • लूका 8:1-25


सोमवार, 3 अप्रैल 2017

जीवन


   अमेरिका के अभिनेता और हास्य कलाकार, जॉर्ज बर्न्स ने कहा, "यदि आप मुझसे पूछें कि लंबी आयु तक जीने का सबसे महत्वपूर्ण आधार क्या है, तो मैं कहूँगा चिन्ता और तनाव से मुक्त रहना। परन्तु यदि आप मुझ से यह ना भी पूछें, तो भी मैं आप से यही कहूँगा!" बर्न्स को, जो 100 वर्ष की आयु तक जीवित रहे, लोगों को हंसाना अच्छा लगता था, और प्रकट है कि वे अपने इस परामर्श का स्वयं भी पालन करते थे।

   परन्तु जब हमारे जीवन इतने अनिश्चित हैं, इतनी समस्याओं और आवश्यकताओं से भरे हैं, तो हम चिन्ता एवं तनाव से मुक्त कैसे रह सकते हैं? परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने, उन मसीही विश्वासियों को जिन्हें प्रथम शताब्दी में अपने मसीही विश्वास के कारण सताव में आकर एशिया में स्थान स्थान पर तितर-बित्तर होना पड़ा था, प्रोत्साहित करते हुए लिखा, "इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है" (1 पतरस 5:6-7)।

   पतरस ने यह बात सताव एवं तकलीफों से बचने का मार्ग देने के लिए नहीं कही थी (पद 9), वरन इसलिए जिससे शैतान के हमलों के समय हम मसीही विश्वासी उन हमलों के विरुद्ध जयवंत होकर खड़े रहने की सामर्थ तथा शान्ति पा सकें (पद 8-10)। बजाए इसके कि हम चिन्ता और तनाव से ग्रसित होकर जीवन बिताएं, परमेश्वर ने हमें उसके प्रेम में आनन्दित रहने और उस प्रेम को औरों के साथ बाँटने के लिए चुना है।

   हमारा उद्देश्य यह नहीं होना चाहिए कि हमारा जीवन कितने वर्षों का हो सकता है, वरन यह कि जीवन के जितने भी वर्ष परमेश्वर ने हमें दिए हैं उन्हें परमेश्वर के प्रेम की सेवकाई में भरपूरी से व्यय करें। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर मेरा पिता है, 
मैं अपने बारे में ऐसा कुछ भी नहीं सोच सकता हूँ जिसे वह भूल गया हो;
 इसलिए मुझे चिन्ता करने की क्या आवश्यकता है? - ओस्वॉल्ड चैंबर्स

जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा। परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, परमेश्वर पर मैं ने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूंगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है? - भजन 56:3-4

बाइबल पाठ: 1 पतरस 5:1-11
1 Peter 5:1 तुम में जो प्राचीन हैं, मैं उन की नाईं प्राचीन और मसीह के दुखों का गवाह और प्रगट होने वाली महिमा में सहभागी हो कर उन्हें यह समझाता हूं। 
1 Peter 5:2 कि परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच में हैं रखवाली करो; और यह दबाव से नहीं, परन्तु परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आनन्द से, और नीच-कमाई के लिये नहीं, पर मन लगा कर। 
1 Peter 5:3 और जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं, उन पर अधिकार न जताओ, वरन झुंड के लिये आदर्श बनो। 
1 Peter 5:4 और जब प्रधान रखवाला प्रगट होगा, तो तुम्हें महिमा का मुकुट दिया जाएगा, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Peter 5:5 हे नवयुवकों, तुम भी प्राचीनों के आधीन रहो, वरन तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बान्‍धे रहो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का साम्हना करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। 
1 Peter 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। 
1 Peter 5:7 और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। 
1 Peter 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए। 
1 Peter 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं। 
1 Peter 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा। 
1 Peter 5:11 उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 19-21
  • लूका 7:31-50


रविवार, 2 अप्रैल 2017

प्रार्थना


   जब मैं और मेरे पति मिलकर अपने बेटे के प्यानो सीखने के अभ्यास सत्रों को निरीक्षित करते हैं, तो पहले हम प्रार्थना द्वारा परमेश्वर से इसके लिए सहायता माँगते हैं। हम प्रार्थना इसलिए करते हैं क्योंकि ना तो मुझे और ना ही मेरे पति को प्यानो बजाना आता है। इन अभ्यास सत्रों के द्वारा हम तीनों एक साथ मिलकर संगीत के रहस्यों को समझ रहे हैं, संगीत का वर्णन करने वाले भिन्न शब्दों के अर्थ और प्रयोग को पहचान रहे हैं और कौन सा सुर कब लगाना है सीख रहे हैं।

   जब हम यह पहचान लेते हैं कि हमें परमेश्वर की सहायता की आवश्यकता है, तो प्रार्थना हमारी प्राथमिकता बन जाती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम दाऊद के विषय में देखते हैं कि वह कठिन परिस्थिति में था जब उसे कीला नगर के लिए पलिश्तियों से लड़ना था। युद्ध में जाने से पहले दाऊद ने परमेश्वर से प्रार्थना कर के पूछा, "...क्या मैं जा कर पलिश्तियों को मारूं? यहोवा ने दाऊद से कहा, जा, और पलिश्तियों को मार के कीला को बचा" (1 शमूएल 23:2)। परमेश्वर ने अपनी सहमति दी; परन्तु दाऊद के सैनिकों ने माना कि वे शत्रु की सेना से भयभीत थे (पद 3)। पलिश्तियों के विरुद्ध एक भी तलवार उठाने से पहले दाऊद ने फिर से प्रार्थना की। परमेश्वर ने उसे विजय का आश्वासन दिया, जो फिर उसे प्राप्त हुई (पद 4)।

   क्या प्रार्थना हमारे जीवनों का मार्गदर्शन करती है, या वह हमारे लिए अन्य सब प्रयास कर लेने के पश्चात प्रयोग करने के लिए अंतिम विकल्प होता है? हम कभी कभी पहले अपनी योजनाएं बनाकर फिर उन पर परमेश्वर की आशीष माँगने की; या फिर जब हम बिलकुल ही निराश या असहाय अनुभव करें तब ही प्रार्थना करने की आदत में पड़ जाते हैं। परमेश्वर चाहता है कि हम अपनी हर आवश्यकता के लिए प्रार्थना में उसकी ओर देखें; परन्तु वह यह भी चाहता है कि हम यह समझें कि हमें उसकी तथा उसके मार्गदर्शन की आवश्यकता सदा रहती है; और हर बात के लिए सही मार्गदर्शन केवल उस से ही मिलता है (नीतिवचन 3:5-6)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर चाहता है कि कुछ भी करने से पहले 
हम उस बात के बारे में उससे प्रार्थना करें।

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। - नीतिवचन 3:5-6

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 23:1-5
1 Samuel 23:1 और दाऊद को यह समाचार मिला कि पलिश्ती लोग कीला नगर से युद्ध कर रहे हैं, और खलिहानों को लूट रहे हैं। 
1 Samuel 23:2 तब दाऊद ने यहोवा से पूछा, कि क्या मैं जा कर पलिश्तियों को मारूं? यहोवा ने दाऊद से कहा, जा, और पलिश्तियों को मार के कीला को बचा। 
1 Samuel 23:3 परन्तु दाऊद के जनों ने उस से कहा, हम तो इस यहूदा देश में भी डरते रहते हैं, यदि हम कीला जा कर पलिश्तियों की सेना का साम्हना करें, तो क्या बहुत अधिक डर में न पड़ेंगे? 
1 Samuel 23:4 तब दाऊद ने यहोवा से फिर पूछा, और यहोवा ने उसे उत्तर देकर कहा, कमर बान्धकर कीला को जा; क्योंकि मैं पलिश्तियों को तेरे हाथ में कर दूंगा। 
1 Samuel 23:5 इसलिये दाऊद अपने जनों को संग ले कर कीला को गया, और पलिश्तियों से लड़कर उनके पशुओं को हांक लाया, और उन्हें बड़ी मार से मारा। यों दाऊद ने कीला के निवासियों बचाया। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 16-18
  • लूका 7:1-30


शनिवार, 1 अप्रैल 2017

प्रभुता


   अफ्रीका महाद्वीप की नील नदी 6,650 किलोमीटर (4,100 मील से भी अधिक) लंबी, संसार की सबसी लंबी नदी है और कई उत्तर-पूर्वी अफ्रीकी देशों से होती हुई समुद्र तक पहुँचती है। कई शताब्दियों से नील नदी ने, जिन देशों से होकर वह बहती है, वहाँ के लाखों लोगों को जीविका और भरण-पोषण प्रदान किया है। वर्तमान में इथोपिया देश इस नदी पर जल-विद्युत बाँध का निर्माण कर रहा है, जो पूरा होने पर अफ्रीका का सबसे विशाल बाँध होगा और उस इलाके की उन्नति का एक महान स्त्रोत होगा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में आया है कि मिस्त्र के राजा फिरौन ने नील नदी का स्वामी और बनाने वाला होने का दावा किया। सारे मिस्त्र और फिरौन ने घमंड में आकर कहा: "...मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है" (यहेजकेल 29:3, 9)। उन्होंने इस बात को मानने से उन्कार किया कि परमेश्वर ही प्रत्येक प्राकृतिक स्त्रोत का बनाने वाला है और सब कुछ उस ही के द्वारा हमें उपलब्ध करवाया गया है। उनके इस घमंड के कारण, परमेश्वर ने उन्हें दंडित करने का वायदा दिया (पद 8-9)।

   परमेश्वर हमसे चाहता है कि हम उसकी सृष्टि की देखभाल करें, और यह कभी नहीं भूलें कि जो कुछ हमारे पास है वह सब परमेश्वर की ओर से हमें मिला है (व्यवस्थाविवरण 8:18)। बाइबल में रोमियों 11:36 में लिखा है, "क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन"। परमेश्वर ही है जो हम मनुष्यों को वह योग्यता देता है जिससे हम अनेकों प्रकार की वस्तुएं ईजाद कर सकें, उन्हें बना सकें, उनका उपयोग कर सकें। जब कभी हम किसी ऐसी वस्तु के बारे में बात करें जो हम ने प्राप्त की है या हमें दी गई है तो हमें परमेश्वर द्वारा यशायाह में कही बात "मैं यहोवा हूं, मेरा नाम यही है; अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूंगा और जो स्तुति मेरे योग्य है वह खुदी हुई मूरतों को न दूंगा" (यशायाह 42:8) कभी भूलनी नहीं चाहिए; हम इस सृष्टि की प्रत्येक बात पर परमेश्वर की प्रभुता और उसके प्रति हमारे उत्तरदायित्व को कभी ना भूलें। - लॉरेंस दारमानी


परमेश्वर के महान कार्यों के लिए सदा उसकी महिमा हो।

परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है। - व्यवस्थाविवरण 8:18

बाइबल पाठ: यहेजकेल 29:1-12
Ezekiel 29:1 दसवें वर्ष के दसवें महीने के बारहवें दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 
Ezekiel 29:2 हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख मिस्र के राजा फिरौन की ओर कर के उसके और सारे मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर; 
Ezekiel 29:3 यह कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, हे मिस्र के राजा फिरौन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, हे बड़े नगर, तू जो अपनी नदियों के बीच पड़ा रहता है, जिसने कहा है कि मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है। 
Ezekiel 29:4 मैं तेरे जबड़ों में आँकड़े डालूंगा, और तेरी नदियों की मछलियों को तेरी खाल में चिपटाऊंगा, और तेरी खाल में चिपक्की हुई तेरी नदियों की सब मछलियों समेत तुझ को तेरी नदियों में से निकालूंगा। 
Ezekiel 29:5 तब मैं तुझे तेरी नदियों की सारी मछलियों समेत जंगल में निकाल दूंगा, और तू मैदान में पड़ा रहेगा; किसी भी प्रकार से तेरी सुधि न ली जाएगी। मैं ने तुझे वन पशुओं और आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया है। 
Ezekiel 29:6 तब मिस्र के सारे निवासी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे तो इस्राएल के घराने के लिये नरकट की टेक ठहरे थे। 
Ezekiel 29:7 जब उन्होंने तुझ पर हाथ का बल दिया तब तू टूट गया और उनके पखौड़े उखड़ ही गए; और जब उन्होंने तुझ पर टेक लगाई, तब तू टूट गया, और उनकी कमर की सारी नसें चढ़ गई। 
Ezekiel 29:8 इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं तुझ पर तलवार चलवा कर, तेरे मनुष्य और पशु, सभों को नाश करूंगा। 
Ezekiel 29:9 तब मिस्र देश उजाड़ ही अजाड़ होगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। उस ने कहा है कि मेरी नदी मेरी अपनी ही है, और मैं ही ने उसे बनाया। 
Ezekiel 29:10 इस कारण देख, मैं तेरे और तेरी नदियों के विरुद्ध हूँ, और मिस्र देश को मिग्दोल से ले कर सवेने तक वरन कूश देश के सिवाने तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा। 
Ezekiel 29:11 चालीस वर्ष तक उस में मनुष्य वा पशु का पांव तक न पड़ेगा; और न उस में कोई बसेगा। 
Ezekiel 29:12 चालीस वर्ष तक मैं मिस्र देश को उजड़े हुए देशों के बीच उजाड़ कर रखूंगा; और उसके नगर उजड़े हुए नगरों के बीच खण्डहर ही रहेंगे। मैं मिस्रियों को जाति जाति में छिन्न-भिन्न कर दूंगा, और देश देश में तितर-बितर कर दूंगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 13-15
  • लूका 6:27-49