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सोमवार, 24 जून 2019

सेवक



      हमारे चर्च में नए अगुवों को नियुक्त करने का समय आ गया था। उन नए अगुवों के द्वारा अपने दायित्व का सेवक-अगुवा होकर निर्वाह करने के चिन्ह के रूप में उन सभी ने यादगार पाँव-धोने की विधि में भाग लिया; पास्टर सहित प्रत्येक अगुवे ने एक दूसरे के पाँव धोए, और चर्च की मण्डली उन्हें ऐसा करते हुए देख रही थी।

      उस दिन जो उन्होंने किया, वह परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा किए गए कार्य पर आधारित था, जिसे हम यूहन्ना 13 अध्याय में लिखा गया पाते हैं। प्रभु द्वारा यह बात उस समय की गई जब वह अपने शिष्यों के साथ “अंतिम भोज” में भाग ले रहा था, जहाँ प्रभु यीशु ने “प्रभु-भोज” की स्थापना की थी। लिखा हुआ है कि, “भोजन पर से उठ कर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा ले कर अपनी कमर बान्‍धी। तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्‍धी थी उसी से पोंछने लगा” (यूहन्ना 13:4-5)। बाद में जब प्रभु यीशु इस बात को अपने शिष्यों को समझा रहे थे, तो उन्होंने कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूं, दास अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं; और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से” (पद 16)। प्रभु ने यह भी कहा, “पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक के समान हूं” (लूका 22:27)।

      यदि यह पाँव धोना प्रभु यीशु की गरिमा को निम्न करने वाला कार्य नहीं है, तो हम में से किसे के लिए भी किसी दूसरे की सेवा करना कोई निम्न कार्य नहीं है। प्रभु यीशु ने हम सब के लिए कितना अद्भुत उदाहरण छोड़ा है; यह वास्तविकता है कि जैसा प्रभु ने स्वयँ कहा, “क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे” (मरकुस 10:45)। प्रभु ने हमें अपने उदाहरण के द्वारा दिखाया कि अगुवा और सेवक होना क्या होता है। प्रभु यीशु ही हैं, जो अपने अनुयायियों के अगुवे ही नहीं, वरन उनके सेवक भी हैं। - डेव ब्रैनन


यदि मसीह यीशु के लिए किया जाए, तो कोई कार्य छोटा नहीं है।

उसने[यीशु] उन से कहा, अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं; और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं। परन्तु तुम ऐसे न होना; वरन जो तुम में बड़ा है, वह छोटे के समान और जो प्रधान है, वह सेवक के समान बने। - लूका 22:25-26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 13:3-17
John 13:3 यीशु ने यह जानकर कि पिता ने सब कुछ मेरे हाथ में कर दिया है और मैं परमेश्वर के पास से आया हूं, और परमेश्वर के पास जाता हूं।
John 13:4 भोजन पर से उठ कर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा ले कर अपनी कमर बान्‍धी।
John 13:5 तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्‍धी थी उसी से पोंछने लगा।
John 13:6 जब वह शमौन पतरस के पास आया: तब उसने उस से कहा, हे प्रभु,
John 13:7 क्या तू मेरे पांव धोता है? यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो मैं करता हूं, तू अब नहीं जानता, परन्तु इस के बाद समझेगा।
John 13:8 पतरस ने उस से कहा, तू मेरे पांव कभी न धोने पाएगा: यह सुनकर यीशु ने उस से कहा, यदि मैं तुझे न धोऊं, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी साझा नहीं।
John 13:9 शमौन पतरस ने उस से कहा, हे प्रभु, तो मेरे पांव ही नहीं, वरन हाथ और सिर भी धो दे।
John 13:10 यीशु ने उस से कहा, जो नहा चुका है, उसे पांव के सिवा और कुछ धोने का प्रयोजन नहीं; परन्तु वह बिलकुल शुद्ध है: और तुम शुद्ध हो; परन्तु सब के सब नहीं।
John 13:11 वह तो अपने पकड़वाने वाले को जानता था इसी लिये उसने कहा, तुम सब के सब शुद्ध नहीं।
John 13:12 जब वह उन के पांव धो चुका और अपने कपड़े पहिनकर फिर बैठ गया तो उन से कहने लगा, क्या तुम समझे कि मैं ने तुम्हारे साथ क्या किया?
John 13:13 तुम मुझे गुरू, और प्रभु, कहते हो, और भला कहते हो, क्योंकि मैं वही हूं।
John 13:14 यदि मैं ने प्रभु और गुरू हो कर तुम्हारे पांव धोए; तो तुम्हें भी एक दुसरे के पांव धोना चाहिए।
John 13:15 क्योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो।
John 13:16 मैं तुम से सच सच कहता हूं, दास अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं; और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से।
John 13:17 तुम तो ये बातें जानते हो, और यदि उन पर चलो, तो धन्य हो।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 1-2
  • प्रेरितों 7:22-43



रविवार, 23 जून 2019

एकता



      मेरी पुत्री के स्कूल बैंड की संगीत गोष्ठी में मैं उन 11 और 12 वर्षीय बच्चों द्वारा मिलकर बजाए गए बैंड के प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हुआ। यदि वे बच्चे अकेले-अकेले उन्हीं संगीत धुनों को बजाते, तो उनके बजाने में वह उत्कृष्टता नहीं आने पाती जो उनके साथ मिलकर एकता में बजाने से आने पाई। वे लोग अलग-अलग वाद्य यंत्र बजा रहे थे, परन्तु उनकी एकता का सामूहिक प्रभाव बहुत मधुर संगीत था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखा, “वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे” (रोमियों 12:5-6)। पौलुस ने जिन वरदानों का उल्लेख किया उनमें भविष्यवाणी, सेवा, सिखाना, उपदेश देना, दान देना, अगुवाई करना, और दया सम्मिलित हैं (पद 7-8)। प्रत्येक वरदान को सभी के लाभ के लिए बहुतायत से प्रयोग करना है (1 कुरिन्थियों 12:7)।

      ‘साथ कार्यकारी’ होने की एक परिभाषा है, “बनावट अथवा योजना में सहमत होना; साथ मिलकर कार्य करना; ताल-मेल या सामंजस्य में रहना।” यही परमेश्वर की योजना है प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास के द्वारा उसके बच्चों के लिए, कि “भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो” (रोमियों 12:10)। उद्देश्य परस्पर प्रतियोगिता नहीं, सहभागिता है।

      एक रीति से हम मसीही विश्वासी, सँसार के सम्मुख, “मंच” पर हैं, और सँसार के लोग हमें देख-सुन रहे हैं, हमारा आँकलन कर रहे हैं, हमारे व्यवहार से हमारे प्रभु परमेश्वर के प्रति निष्कर्ष निकाल रहे हैं। परमेश्वर की इस ‘संगीत मण्डली’ में कोई एकल गायक या वादक नहीं है; सभी वाद्यों और गायकों का साथ होकर बजाना आवश्यक है। संगीत तब ही उत्कृष्ट होता है जब हम औरों के साथ एकता में होकर अपना-अपना योगदान करते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर के वाद्य-वृन्द में कोई एकल प्रदर्शनकर्ता नहीं है।

इसी प्रकार तुम सब मिल कर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो। - 1 कुरिन्थियों 12:27

बाइबल पाठ: रोमियों 12:3-8
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21



शनिवार, 22 जून 2019

शान्त



      गाँव में सहायता-सामग्री लाने वाले ट्रकों के काफिले के वहाँ की उन टूटी-फूटी झोपडियों के पास से निकलने की आवाज़ को सुनकर मुर्गियाँ और उनके बच्चे इधर-उधर भागने लगे और नंगे पाँव बच्चे बारिश से बिगड़ी हुई ‘सड़क’ के किनारे पर खड़े होकर उन ट्रकों को देखने लगे। काफिला आगे बढ़ते हुए वहाँ के महापौर के बड़े से मकान के सामने जाकर रुक गया। किन्तु महापौर उस मकान में रहने की बजाए, दूर शहर में स्थित आलीशान मकान में विलासिता के साथ रहता था, जबकि उसकी बस्ती के लोगों के पास जीवन की बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं।

      ऐसे अन्याय को देखकर हमें क्रोध आता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि परमेश्वर का नबी भी अन्याय को देखकर क्रोधित हुआ। जब हबक्कूक ने व्यापक भ्रष्टाचार और शोषण को देखा तो वह पुकार उठा, “हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा?” (हबक्कूक 1:2)। परन्तु वे सारी बातें परमेश्वर के ध्यान में थीं, और परमेश्वर ने कहा, “...हाय उस पर जो अपना घर बन्धक की वस्तुओं से भर लेता है;... हाय उस पर, जो अपने घर के लिये अन्याय के लाभ का लोभी है ” (हबक्कूक  2:6, 9); परमेश्वर का न्याय आ रहा था!

      हम औरों पर परमेश्वर के न्याय का स्वागत करते हैं, परन्तु हबक्कूक में एक ऐसा धुर्री का बिंदु है जहाँ पर आकर हम शान्त हो जाते हैं: “परन्तु यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके साम्हने शान्त रहे” (2:20)। समस्त पृथ्वी ! उत्पीड़न करने वाले और उत्पीड़ित – दोनों! कभी-कभी किसी परिस्थिति को लेकर परमेश्वर के शान्त रहने के प्रति हमारा उचित प्रत्युत्तर होता है कि हम भी शान्त हो जाएँ।

      क्यों शान्त हो जाएँ? क्योंकि हम अपनी आत्मिक दरिद्रता की बड़ी सरलता से अनदेखी कर लेते हैं। लेकिन परमेश्वर के सामने शान्त भाव में आने पर, उसकी पवित्रता के सामने हमारी पापमय दशा स्वयँ हम पर प्रकट हो जाती है।

      हबक्कूक ने परमेश्वर पर भरोसा करना सीखा, और हमें भी सीखना है। हम परमेश्वर के सभी मार्गों को नहीं जानते हैं, पर हम इतना जानते हैं कि वह भला है, और अपने लोगों के लिए सदा भला ही करता है। उसके समय और नियंत्रण के बाहर कुछ भी नहीं है। - टिम गुस्ताफ्सन


धर्मी पुरूष कंगालों के मुकद्दमे में मन लगाता है
परन्तु दुष्ट जन उसे जानने की समझ नहीं रखता। - नीतिवचन 29:7

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! – भजन 46:10

बाइबल पाठ: हबक्कूक 1:1-4, 2:20
Habakkuk 1:1 भारी वचन जिस को हबक्कूक नबी ने दर्शन में पाया।
Habakkuk 1:2 हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा? मैं कब तक तेरे सम्मुख उपद्रव”, “उपद्रवचिल्लाता रहूंगा? क्या तू उद्धार नहीं करेगा?
Habakkuk 1:3 तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? और क्या कारण है कि तू उत्पात को देखता ही रहता है? मेरे साम्हने लूट-पाट और उपद्रव होते रहते हैं; और झगड़ा हुआ करता है और वादविवाद बढ़ता जाता है।
Habakkuk 1:4 इसलिये व्यवस्था ढीली हो गई और न्याय कभी नहीं प्रगट होता। दुष्ट लोग धर्मी को घेर लेते हैं; सो न्याय का खून हो रहा है।
Habakkuk 2:20 परन्तु यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके साम्हने शान्त रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6



शुक्रवार, 21 जून 2019

ढाढ़स



      मेरी एक सहेली ने उसके द्वारा बनाए गए कुछ मिट्टी के बर्तन मुझे भेजे। उसके द्वारा भेजे गए डिब्बे को खोलने पर मैंने देखा कि उनकी उस यात्रा में वे बहुमूल्य वस्तुएँ क्षतिग्रस्त हो गई थीं। एक प्याला कुछ बड़े और कुछ छोटे टुकड़ों में टूट गया था और उसके कुछ भाग मिट्टी हो गए थे। मेरे पति ने उन टूटे टुकड़ों को आपस में जोड़ा और उन्हें फिर प्याले का आकार दे दिया, और मैंने उस सुन्दर हुए जुड़े प्याले को घर सजा कर रख दिया।

      उस जोड़े गए मिट्टी के बर्तन के समान, मेरे जीवन में भी ऐसे चिन्ह हैं जो दिखाते हैं कि उन कठिन समयों के बावजूद जिनमें से होकर परमेश्वर ने मुझे निकलने दिया है, मैं भी अभी मजबूती से खड़ी रहा सकती हूँ। वह मरम्मत किया हुआ प्याला मुझे स्मरण करवाता है कि प्रभु परमेश्वर ने कैसे मेरे जीवन में, और मेरे जीवन के माध्यम से औरों के जीवनों में कार्य किया है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस परमेश्वर की प्रशंसा करता है क्योंकि  वह “दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है” (2 कुरिन्थियों 1:3)। प्रभु परमेश्वर हमारी परीक्षाओं और परेशानियों को हमें और भी अधिक अपने स्वरूप में ढालने के लिए प्रयोग करता है। हमारी परेशानियों में उसका दिया गया ढाढ़स हमें इस योग्य करता है कि हमारी विपरीत परिस्थितियों में हमारी जो सहायता परमेश्वर ने की, उन अनुभवों को औरों के साथ बाँटने के द्वारा उनको भी प्रोत्साहित कर सकें (पद 4)।

      जब हम मसीह के दुखों पर मनन करते हैं, तो हम अपने दुखों के समयों में विश्वास में दृढ़ बने रहने के लिए प्रोत्साहित होते हैं, हमारा भरोसा बढ़ता है कि परमेश्वर हमारे जीवन के अनुभवों के द्वारा हमें तथा औरों को धैर्य के साथ सहन करने के लिए दृढ़ करता है (पद 5-7)। पौलुस के समान हम भी इस बात से ढाढ़स पा सकते हैं कि परमेश्वर हमारी परीक्षाओं को अपनी महिमा के लिए उपयोग करता है। हम अपने ढाढ़स को औरों के साथ बाँट सकते हैं, तथा जो परेशानियों में हैं उन्हें ढाढ़स प्रदान कर सकते हैं। - जोशील डिकसन


हमारे ढाढ़स के अनुभवों के द्वारा परमेश्वर औरों को ढाढ़स देता है।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ्य मुझ पर छाया करती रहे। - 2 कुरिन्थियों 12:9

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:3-11
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है।
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों।
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है।
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं।
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो।
2 Corinthians 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ्य से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।
2 Corinthians 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।
2 Corinthians 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा।
2 Corinthians 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42



गुरुवार, 20 जून 2019

प्रोत्साहन



      कार्य-स्थल में प्रोत्साहित करने वाले शब्दों का महत्व होता है। कार्यकर्ता जिस प्रकार से एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं, उसका प्रभाव ग्राहकों की संतुष्टि, कंपनी के लाभांश, और कर्मचारियों द्वारा सह-कर्मियों के मूल्यान्कन और सराहना करने पर पड़ता है। अध्ययनों ने दिखाया है कि सबसे प्रभावी कार्य करने वाले समूहों के सदस्य एक-दूसरे को अस्वीकृति, असहमति, आलोचना देने के स्थान पर छः गुना अधिक समर्थन और पुष्टि प्रदान करते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र, प्रेरित पौलुस ने अपने अनुभव द्वारा सीखा कि संबंधों और परिणामों को निर्धारित करने और आकार देने में शब्दों का कितना महत्व है। दमिश्क के मार्ग पर मसीह यीशु से उसकी भेंट होने से पहले, पौलुस के शब्द और व्यवहार प्रभु यीशु के अनुयायियों को आतंकित करते थे। परन्तु प्रभु यीशु मसीह से भेंट हो जाने के पश्चात, पौलुस का जीवन परिवर्तित हो गया, और उसके द्वारा थिस्सुलुनिकिया के मसीही विश्वासियों को पत्र लिखने का समय आने तक, उसके हृदय में हुए परमेश्वर के कार्य के कारण वह सभी का प्रोत्साहन करने वाला बन चुका था। अब स्वयँ अपने उदाहरण के द्वारा वह अपने पाठकों को आग्रह कर रहा था कि वे भी एक दूसरे को प्रोत्साहित करने वाले बनें। उसने चापलूसी करने से सावधानीपूर्वक बचकर रहते हुए यह दिखाया कि हम मसीही विश्वासी कैसे एक-दूसरे को और अधिक समर्थन एवँ पुष्टि प्रदान कर सकते हैं, और प्रभु की आत्मा को प्रतिबिंबित कर सकते हैं।

      ऐसा करते हुए पौलुस ने अपने पाठकों को इसका भी ध्यान करवाया कि प्रोत्साहन का स्त्रोत क्या है। पौलुस ने जाना और समझा कि अपने आप को उस प्रभु परमेश्वर के हाथों में छोड़ देने से, जिसने हम से इतना प्रेम किया कि हमारे लिए अपने प्राण दे दिए, हमें एक-दूसरे को सांत्वना देने, क्षमा करने, प्रेरणा प्रदान करने, और सप्रेम एक-दूसरे को और भी उभरने की चुनौती देने के कारण मिलते हैं (1 थिस्सलुनीकियों 5:10-11)।

      पौलुस हमें दिखाता है कि एक-दूसरे का प्रोत्साहन करना भी एक तरीका है परमेश्वर के प्रेम, भलाई, और धैर्य के स्वाद को चखने का। - मार्ट डीहान


परस्पर एक-दूसरे द्वारा मसीही विश्वास की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति करने 
की प्रेरणा देने से बढ़कर भला कार्य और क्या होगा?

इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। - रोमियों 14:19

बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 5:9-23
1 Thessalonians 5:9 क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये ठहराया कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें।
1 Thessalonians 5:10 वह हमारे लिये इस कारण मरा, कि हम चाहे जागते हों, चाहे सोते हों: सब मिलकर उसी के साथ जीएं।
1 Thessalonians 5:11 इस कारण एक दूसरे को शान्‍ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो।
1 Thessalonians 5:12 और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो।
1 Thessalonians 5:13 और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में मेल-मिलाप से रहो।
1 Thessalonians 5:14 और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ।
1 Thessalonians 5:15 सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्‍पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्‍टा करो।
1 Thessalonians 5:16 सदा आनन्‍दित रहो।
1 Thessalonians 5:17 निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो।
1 Thessalonians 5:18 हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।
1 Thessalonians 5:19 आत्मा को न बुझाओ।
1 Thessalonians 5:20 भविष्यद्वाणियों को तुच्‍छ न जानो।
1 Thessalonians 5:21 सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो।
1 Thessalonians 5:22 सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।
1 Thessalonians 5:23 शान्‍ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21



बुधवार, 19 जून 2019

जोशीले



      कुछ महीने पहले मुझे ई-मेल से ‘जोशीले’ लोगों के एक समूह का सदस्य बनने का निमंत्रण मिला। मैंने उत्सुकतावश उस निमंत्रण के संदर्भ में ‘जोशीले’ शब्द के तात्पर्य को समझने के लिए, उस शब्द का थोड़ा अध्ययन किया। मेरे अध्ययन से मुझे पता चला कि उनका ‘जोशीले’ शब्द द्वारा अभिप्राय था ऐसा व्यक्ति जो सफल होने के लिए दृढ़ निश्चय है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करने को तैयार है।

      क्या ऐसा ‘जोशीला’ व्यक्ति होना सही है? परमेश्वर का वचन बाइबल हमें इसके लिए एक अचूक जाँच प्रदान करती है: सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिए किया जाए (1 कुरिन्थियों 10:31)। बहुत बार हम काम अपनी बड़ाई, अपनी महिमा के लिए करते हैं। बाइबल में हम देखते हैं कि नूह के समय की जल प्रलय के पश्चात, कुछ लोगों ने अपने नाम के लिए एक गुम्मट बनाना चाहा (उत्पत्ति 11:4)। वे प्रसिद्धि चाहते थे और सँसार भर में तित्तर-बित्तर होने से बचना चाहते थे। परन्तु क्योंकि वे परमेश्वर को महिमा देने के लिए कार्य नहीं कर रहे थे, इसलिए उनका ऐसे जोशीला होना सही नहीं था, और असफल रहा।

      इसकी तुलना में, जब राजा सुलेमान ने नव-निर्मित मंदिर और वाचा के सन्दूक को समर्पित किया, तो अपनी प्रार्थना में कहा, “...इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम से इस भवन को बनाया है” (1 राजाओं 8:20)। फिर उसने आगे कहा, “वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब मार्गों पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें” (पद 58)।

      जब हमारी सर्वोच्च इच्छा परमेश्वर को महिमा देने और उसकी आज्ञाकारिता में चलते रहने की रहती है, तो हम ‘जोशीले’ व्यक्ति हो जाते हैं जो प्रभु यीशु से प्रेम और उसकी सेवकाई पवित्र-आत्मा की सामर्थ्य से करना चाहते हैं, और हमारी प्रार्थनाएं भी सुलेमान की प्रार्थनाओं के समान होती हैं, “तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज के समान उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो” (पद 61)। - केला ओकोआ


जो भी करो परमेश्वर की महिमा के लिए करो।

सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। - 1 कुरिन्थियों 10:31

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 8:54-63
1 Kings 8:54 जब सुलैमान यहोवा से यह सब प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाए हुए था, सो यहोवा की वेदी के साम्हने से उठा,
1 Kings 8:55 और खड़ा हो, समस्त इस्राएली सभा को ऊंचे स्वर से यह कहकर आशीर्वाद दिया, कि धन्य है यहोवा,
1 Kings 8:56 जिसने ठीक अपने कथन के अनुसार अपनी प्रजा इस्राएल को विश्राम दिया है, जितनी भलाई की बातें उसने अपने दास मूसा के द्वारा कही थीं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।
1 Kings 8:57 हमारा परमेश्वर यहोवा जैसे हमारे पुरखाओं के संग रहता था, वैसे ही हमारे संग भी रहे, वह हम को त्याग न दे और न हम को छोड़ दे।
1 Kings 8:58 वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब मार्गों पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें।
1 Kings 8:59 और मेरी ये बातें जिनकी मैं ने यहोवा के साम्हने बिनती की है, वह दिन और रात हमारे परमेश्वर यहोवा के मन में बनी रहें, और जैसा दिन दिन प्रयोजन हो वैसा ही वह अपने दास का और अपनी प्रजा इस्राएल का भी न्याय किया करे,
1 Kings 8:60 और इस से पृथ्वी की सब जातियां यह जान लें, कि यहोवा ही परमेश्वर है; और कोई दूसरा नहीं।
1 Kings 8:61 तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज के समान उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो।
1 Kings 8:62 तब राजा समस्त इस्राएल समेत यहोवा के सम्मुख मेलबलि चढ़ाने लगा।
1 Kings 8:63 और जो पशु सुलैमान ने मेलबलि में यहोवा को चढ़ाए, सो बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़ें थीं। इस रीति राजा ने सब इस्राएलियों समेत यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की।

एक साल में बाइबल:  
  • नहेम्याह 12-13
  • प्रेरितों 4:23-37



मंगलवार, 18 जून 2019

सिद्ध पिता



      एक बार मेरे पिता ने मेरे सामने स्वीकार किया, “जब तुम बड़ी हो रही थीं, तो बहुधा मैं घर से बाहर होता था।” लेकिन मुझे ऐसा कुछ स्मरण नहीं आता है। अपनी नौकरी को उसका समय देने के अतिरिक्त, वे कुछ संध्या-समय चर्च में संगीत-मण्डली को अभ्यास करवाने के लिए जाया करते थे, और कभी-कभी वे पुरुषों के गायन समूह के साथ एक-दो सप्ताह के लिए बाहर जाया करते थे। लेकिन मेरे बचपन के सभी महत्वपूर्ण (और कुछ छोटे अवसरों में भी), वे सदा उपस्थित रहा करते थे।

      उदाहरण के लिए, जब मैं आठ वर्ष की थी, दोपहर को आयोजित होने वाले स्कूल के एक नाटक में मेरी छोटी सी भूमिका थी। उस नाटक को देखने के लिए सभी बच्चों की माताएँ तो आईं थीं, परन्तु पिता केवल एक ही बच्चे के आए थे – मेरे! अनेकों छोटे-छोटे तरीकों से उन्होंने मुझे और मेरी बहनों को यह जता दिया था कि हम उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, और वे हम से प्रेम करते हैं। और, मेरी माँ के जीवन के अंतिम वर्षों में, जब वे बीमारी से असक्षम हो गई थीं, जिस प्रेम और कोमलता से मेरे पिता ने उनकी देख-भाल और सेवा की, उससे मैंने सीखा कि स्वार्थहीन प्रेम  क्या होता है। मेरे पिता सिद्ध नहीं हैं, परन्तु वे सदा ही ऐसे पिता रहे हैं जो मेरे स्वर्गीय परमेश्वर पिता के प्रेम और देखभाल का एहसास दिलाते हैं। और प्रत्येक मसीही पिता को ऐसा ही होना चाहिए।

      कभी-कभी सांसारिक पिता अपने बच्चों को निराश अथवा दुखी करते हैं; परन्तु हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता, “दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है” (भजन 103:8)। जब प्रभु परमेश्वर से प्रेम करने वाला एक पिता अपने बच्चों को सुधारता है, सांत्वना देता है, उन्हें सिखाता है, और उनकी आवश्यकताओं के लिए प्रावधान करता है, वह हमारे सिद्ध स्वर्गीय पिता के नमूने को उन्हें दिखाता है। - सिंडी हैस कैस्पर


मसीह के लिए व्यतीत किया गया जीवन 
वह सर्वोत्तम विरासत है जिसे हम अपने बच्चों के लिए छोड़ सकते हैं।

जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। - भजन 103:13

बाइबल पाठ: नीतिवचन 20:3-7
Proverbs 20:3 मुकद्दमे से हाथ उठाना, पुरूष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं।
Proverbs 20:4 आलसी मनुष्य शीत के कारण हल नहीं जोतता; इसलिये कटनी के समय वह भीख मांगता, और कुछ नहीं पाता।
Proverbs 20:5 मनुष्य के मन की युक्ति अथाह तो है, तौभी समझ वाला मनुष्य उसको निकाल लेता है।
Proverbs 20:6 बहुत से मनुष्य अपनी कृपा का प्रचार करते हैं; परन्तु सच्चा पुरूष कौन पा सकता है?
Proverbs 20:7 धर्मी जो खराई से चलता रहता है, उसके पीछे उसके लड़के बाले धन्य होते हैं।

एक साल में बाइबल:  
  • नहेम्याह 10-11
  • प्रेरितों 4:1-22