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शनिवार, 22 मई 2021

उद्देश्य

 

            भूख के कारण मुझे बहुत परेशानी हो रही थी। मेरे आत्मिक सलाहकार ने परमेश्वर की निकटता में बढ़ने के लिए उपवास को एक माध्यम बताया था। किन्तु जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मैं तो बस यही विचार करता रह गया कि प्रभु यीशु ने चालीस दिन तक यह कैसे कर लिया? मैं संघर्ष कर रहा था कि पवित्र आत्मा की सहायता से शान्ति, सामर्थ्य, और धैर्य – विशेषकर धैर्य को बनाए रखूँ। यदि हम शारीरिक रीति से यह कर सकते हैं, तो उपवास रखना हमें आत्मिक भोजन के महत्व को सिखा सकता है। जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने कहा,लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा” (मत्ती 4:4)। लेकिन फिर भी, जैसा कि मैंने अपने व्यक्तिगत अनुभव से सीखा, यह आवश्यक नहीं कि उपवास अपने आप से ही हमें परमेश्वर की निकटता में ले आए!

            वास्तव में, परमेश्वर ने अपने नबी ज़कर्याह के द्वारा अपने लोगों से कहा था कि उनका उपवास रखना व्यर्थ है यदि वे निर्धनों की सुधि नहीं रखते हैं तो। परमेश्वर ने विशेष रीति से संकेत करते हुए उन लोगों से पूछा,सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?” (ज़कर्याह 7:5)।

            परमेश्वर का यह प्रश्न प्रकट करता है कि प्राथमिक समस्या उनके पेट नहीं थे, वरन उनके ठण्डे पड़ गए हृदय थे। अपनी ही स्वार्थ-सिद्धि करते रहने के कारण, वे परमेश्वर के हृदय के निकट नहीं आने पा रहे थे। इसलिए उसने उन से बल देकर कहा,खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना, न तो विधवा पर अन्धेर करना, न अनाथों पर, न परदेशी पर, और न दीन जन पर ; और न अपने अपने मन में एक दूसरे की हानि की कल्पना करना” (पद 9,10 )।

            आत्मिक अनुशासन बनाए रखने में हमारा उद्देश्य 0   अपने प्रभु परमेश्वर की निकटता में बढ़ना है। जब हम उसकी समानता में  बढ़ते जाएँगे, तो हम उनके बारे में भी चिंता करने लगेंगे, जिन से वह प्रेम करता है; और यही आत्मिक बढ़ोतरी का उद्देश्य है। - टिम गुस्ताफसन

 

प्रभु परमेश्वर, मेरे जीवन का उद्देश्य अपनी नहीं, वरन, आपकी इच्छा को पूरा करना हो।


और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा। - यहोशू 24:15

बाइबल पाठ: ज़कर्याह 7:1-10

ज़कर्याह 7:1 फिर दारा राजा के चौथे वर्ष में किसलेव नाम नौवें महीने के चौथे दिन को, यहोवा का वचन जकर्याह के पास पहुंचा।

ज़कर्याह 7:2 बेतेल वासियों ने शरेसेर और रेगेम्मेलेक को इसलिये भेजा था कि यहोवा से बिनती करें,

ज़कर्याह 7:3 और सेनाओं के यहोवा के भवन के याजकों से और भविष्यद्वक्ताओं से भी यह पूछें, क्या हमें उपवास कर के रोना चाहिये जैसे कि कितने वर्षों से हम पांचवें महीने में करते आए हैं?

ज़कर्याह 7:4 तब सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा;

ज़कर्याह 7:5 सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?

ज़कर्याह 7:6 और जब तुम खाते-पीते हो, तो क्या तुम अपने ही लिये नहीं खाते, और क्या तुम अपने ही लिये नहीं पीते हो?

ज़कर्याह 7:7 क्या यह वही वचन नहीं है, जो यहोवा अगले भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उस समय पुकार कर कहता रहा जब यरूशलेम अपने चारों ओर के नगरों समेत चैन से बसा हुआ था, और दक्खिन देश और नीचे का देश भी बसा हुआ था?

ज़कर्याह 7:8 फिर यहोवा का यह वचन जकर्याह के पास पहुंचा, सेनाओं के यहोवा ने यों कहा है,

ज़कर्याह 7:9 खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना,

ज़कर्याह 7:10 न तो विधवा पर अन्धेर करना, न अनाथों पर, न परदेशी पर, और न दीन जन पर ; और न अपने अपने मन में एक दूसरे की हानि की कल्पना करना।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 16-18
  • यूहन्ना 7:28-53 


शुक्रवार, 21 मई 2021

अनुपम

 

          मनुष्य विशेष नहीं हैं – कम से कम लंडन के चिड़ियाघर के अनुसार तो यही सत्य है! सन 2005 में उस चिड़ियाघर में चार दिन की एक विशेष प्रदर्शनी लगी, जिसका शीर्षक था: “मनुष्य अपने प्राकृतिक निवास में”; इस प्रदर्शनी के लिए “पकड़ का लाए गए” मनुष्य एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के द्वारा चुने गए थे। दर्शकों को मनुष्यों के बारे में समझाने के लिए, चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने एक पट्टिका तैयार की, जिस पर उनके भोजन, निवास-स्थान, और उन पर बने हुए खतरों के बारे में लिखा हुआ था। चिड़ियाघर के प्रवक्ता के अनुसार, उस प्रदर्शनी का उद्देश्य यह दिखाना था कि मनुष्य कोई विशिष्ट अथवा अनुपम नहीं हैं। उस प्रदर्शनी में भाग लेने वाला एक व्यक्ति इस बात से सहमत प्रतीत हुआ; उसका मत था, “जब लोग यहाँ पर मनुष्यों को अन्य पशुओं के समान देखते हैं तो उन्हें एहसास होता है कि हम कुछ विशिष्ट नहीं हैं।”

          यह परमेश्वर के वचन बाइबल में मनुष्यों के बारे में दिए गए परमेश्वर के दृष्टिकोण की तुलना में कितना भिन्न है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप में और अद्भुत रीति से रचा है (भजन 139:14; उत्पत्ति 1:26-27)।

          दाऊद ने भजन 139 का आरम्भ अपने बारे में परमेश्वर के गहन ज्ञान (पद 1-6), तथा उसके सर्वज्ञानी होने के वर्णन (पद 7-12) के साथ किया। एक निपुण कारीगर के समान, परमेश्वर ने न केवल दाऊद के भीतरी और बाहरी अंगों तथा स्वरूप की रचना की (पद 13, 14), वरन उसे एक जीवित प्राणी भी बनाया, उसे एक आत्मिक जीवन भी दिया, और यह क्षमता भी दी कि वह परमेश्वर के साथ एक घनिष्ठ संबंध बना सके। परमेश्वर की इस अद्भुत कारीगरी और रचना पर मनन करते हुए दाऊद की प्रतिक्रिया अचरज, विस्मय, और स्तुति एवं प्रशंसा की थी (पद 14)।

          निःसंदेह, मनुष्य विशिष्ट है। परमेश्वर ने हमारी सृष्टि एक अद्भुत, अद्वितीय योग्यता के साथ की है जिससे कि हम उसके साथ एक घनिष्ठ संबंध रखें। दाऊद के समान हम प्रभु परमेश्वर की स्तुति और प्रशंसा कर सकते हैं क्योंकि हम उसके प्रेमी हाथों की अनुपम रचना हैं। - मार्विन विलियम्स

 

परमेश्वर ने मनुष्यों को अपने साथ संगति रखने के लिए बनाया है।


तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है। तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। - भजन संहिता 8:4-6

बाइबल पाठ: भजन 139:1-14

भजन 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।

भजन 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।

भजन 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।

भजन 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।

भजन 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।

भजन 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।

भजन 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? या तेरे सामने से किधर भागूं?

भजन 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है!

भजन 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं,

भजन 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।

भजन 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्‍धेरा हो जाएगा,

भजन 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।

भजन 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।

भजन 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 13-15
  • यूहन्ना 7:1-27


गुरुवार, 20 मई 2021

छुटकारा

 

          अंग्रेज़ी के जासूसी उपन्यासों की प्रसिद्ध लेखिका, अगाथा क्रिस्ची के एक उपन्यास, The Clocks, में कुछ ऐसे विरोधी हैं जो एक के बाद एक हत्याएं करते चले जाते हैं। यद्यपि उनका आरंभिक उद्देश्य केवल एक ही हत्या करने का था, किन्तु अपने उस मूल अपराध को छिपाए रखने के लिए वे एक के बाद एक हत्या करते रहते हैं। जब उपन्यास का नायक, जासूस पोइरो, उनमें से एक को पकड़ कर उससे पूछ-ताछ करता है, तो वह हत्यारा स्वीकार  करता है कि “आरंभ में तो हमने एक ही हत्या करनी थी।”

          उस कहानी के षड्यंत्रकारियों के समान, परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि उस समय के धार्मिक अगुवों ने प्रभु यीशु के विरुद्ध अपना ही षड्यंत्र रच लिया था। प्रभु यीशु मसीह द्वारा लाज़रस को मृतकों में से जिलाए जाने के पश्चात (यूहन्ना 11:38-44) उन धार्मिक अगुवों ने एक आपातकालीन सभा बुलाई, और प्रभु को मार डालने की योजना बनाई (पद 45-53)। लेकिन वे यहीं पर ही नहीं रुक गए। प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान के बाद, उन धार्मिक अगुवों ने उसके पुनरुत्थान के बारे में झूठी बातें फैलाना आरंभ कर दिया (मत्ती 28:12-15)। फिर इसके बाद उन्होंने प्रभु यीशु के अनुयायियों को शांत करने के अभियान को आरंभ किया (प्रेरितों 7:57-8:3)। जो एक व्यक्ति के विरुद्ध धार्मिक षड्यंत्र के रूप में आरंभ हुआ था, उनके राष्ट्र की “बड़ी भलाई” के उद्देश्य से, वह शीघ्र ही झूठ, छल, और अनेकों लोगों की जान लेने वाला षड्यंत्र बन गया।

          पाप हमें एक ऐसे बुरे मार्ग में धकेल देता है जिसका अन्त कहीं दिखाई नहीं देता है; किन्तु प्रभु परमेश्वर हमें उसमें से छुड़ाकर निकाल सकता है। जब कैफा महायाजक ने कहा था “और न यह सोचते हो, कि तुम्हारे लिये यह भला है, कि हमारे लोगों के लिये एक मनुष्य मरे, और न यह, कि सारी जाति नाश हो” (यूहन्ना 11:50), तब उसे अपने कहे शब्दों की गंभीर वास्तविकता का पता नहीं था। उन धार्मिक अगुवों के उस षड्यंत्र ने संसार के लिए पाप से छुटकारे और उद्धार का मार्ग बना कर दे दिया।

          प्रभु यीशु हमें पाप की घातक पकड़ से छुड़ा लेता है, और अनन्त जीवन में ले आता है। क्या आपने प्रभु द्वारा मिलने वाले इस छुटकारे को स्वीकार कर लिया है? – रेमी ओयेडेले

 

पाप को थोड़ा सा स्थान देंगे, तो वह आपका सारा जीवन हथिया लेगा।


और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। - प्रेरितों 4:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:45-53

यूहन्ना 11:45 तब जो यहूदी मरियम के पास आए थे, और उसका यह काम देखा था, उन में से बहुतों ने उस पर विश्वास किया।

यूहन्ना 11:46 परन्तु उन में से कितनों ने फरीसियों के पास जा कर यीशु के कामों का समाचार दिया।।

यूहन्ना 11:47 इस पर महायाजकों और फरीसियों ने मुख्य सभा के लोगों को इकट्ठा कर के कहा, हम करते क्या हैं? यह मनुष्य तो बहुत चिन्ह दिखाता है।

यूहन्ना 11:48 यदि हम उसे यों ही छोड़ दें, तो सब उस पर विश्वास ले आएंगे और रोमी आकर हमारी जगह और जाति दोनों पर अधिकार कर लेंगे।

यूहन्ना 11:49 तब उन में से कैफा नाम एक व्यक्ति ने जो उस वर्ष का महायाजक था, उन से कहा, तुम कुछ नहीं जानते।

यूहन्ना 11:50 और न यह सोचते हो, कि तुम्हारे लिये यह भला है, कि हमारे लोगों के लिये एक मनुष्य मरे, और न यह, कि सारी जाति नाश हो।

यूहन्ना 11:51 यह बात उसने अपनी ओर से न कही, परन्तु उस वर्ष का महायाजक हो कर भविष्यवाणी की, कि यीशु उस जाति के लिये मरेगा।

यूहन्ना 11:52 और न केवल उस जाति के लिये, वरन इसलिये भी, कि परमेश्वर की तित्तर-बित्तर सन्तानों को एक कर दे।

यूहन्ना 11:53 सो उसी दिन से वे उसके मार डालने की सम्मति करने लगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 6:45-71

बुधवार, 19 मई 2021

सीधा

 

          हमें ज्ञात हुआ कि चर्च के भवन की छत की ऊँची मीनार के टेढ़े हो जाने से लोग घबरा जाते हैं। हम कुछ मित्रों से मिलने गए हुए थे, और बात-चीत के दौरान उन्होंने बताया कि कैसे एक भयानक तूफ़ान के बाद उनके चर्च भवन की छत पर बनी मीनार कुछ टेढ़ी हो गई, जिससे लोग घबरा गए। निःसंदेह चर्च के लोगों ने तुरंत ही उसकी मरम्मत भी करवा दी, किन्तु उस हास्यास्पद चित्रण ने मेरे मन में कुछ विचार भी उत्पन्न किए। अकसर चर्च को एक ऐसा स्थान समझा जाता है जहाँ पर सब कुछ बिलकुल ठीक और व्यवस्थित हो। वह ऐसा स्थान नहीं होता है जहाँ पर हम ‘टेढ़े या अव्यवस्थित दशा में आ जाएँ। है न?

          किन्तु पाप में गिरे और टूटे हुए इस संसार में, हम सभी किसी न किसी रीति से ‘टेढ़े हैं; हम सभी में अपनी कमजोरियों और बुराइयों का संग्रह है। हमें अपनी इन दुर्बलताओं को छिपाए रखने का प्रलोभन रहता है, परन्तु पवित्र शास्त्र हमें इससे विपरीत करने के लिए कहता है। उदाहरण के लिए, परमेश्वर के वचन बाइबल में, 2 कुरिन्थियों 12 अध्याय में, पौलुस यह सुझाव देता है कि यह हमारी दुर्बलताओं में ही होता है कि मसीह अपनी सर्वाधिक सामर्थ्य हम में होकर प्रगट करता है – और फिर वह अपनी एक अनाम दुर्बलता के साथ संघर्ष – “शरीर में एक काँटा” (पद 7) का उल्लेख करता है। प्रभु ने पौलुस से कहा,मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है” (पद 9)। इसलिए पौलुस का निष्कर्ष था,इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं” (पद 10)।

          हमें अपनी दुर्बलताएं पसन्द तो नहीं आएँगी, किन्तु उन्हें छिपाने के द्वारा हम उनमें होकर मसीह की सामर्थ्य को हमारे जीवनों में काम करने देने से बाधित करते हैं। जब हम प्रभु यीशु को अपने जीवनों के ‘टेढ़े क्षेत्रों में आमंत्रित करते हैं, तो वह कोमलता के साथ उन्हें सीधा करता है, और हमें उनसे छुड़ाकर ऐसा नया बनाता जैसा हम अपने प्रयासों से कभी नहीं कर पाते। - एडम होल्ज़

 

सुधार कर सीधे किए जाने के लिए, प्रभु यीशु को अपने टेढ़ेपन में आमंत्रित करें।


केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। - रोमियों 5:3-4

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 12:1-10

2 कुरिन्थियों 12:1 यद्यपि घमण्ड करना तो मेरे लिये ठीक नहीं तौभी करना पड़ता है; सो मैं प्रभु के दिए हुए दर्शनों और प्रकाशनों की चर्चा करूंगा।

2 कुरिन्थियों 12:2 मैं मसीह में एक मनुष्य को जानता हूं, चौदह वर्ष हुए कि न जाने देह सहित, न जाने देह रहित, परमेश्वर जानता है, ऐसा मनुष्य तीसरे स्वर्ग तक उठा लिया गया।

2 कुरिन्थियों 12:3 मैं ऐसे मनुष्य को जानता हूं न जाने देह सहित, न जाने देह रहित परमेश्वर ही जानता है।

2 कुरिन्थियों 12:4 कि स्वर्ग लोक पर उठा लिया गया, और एसी बातें सुनीं जो कहने की नहीं; और जिन का मुंह पर लाना मनुष्य को उचित नहीं।

2 कुरिन्थियों 12:5 ऐसे मनुष्य पर तो मैं घमण्ड करूंगा, परन्तु अपने पर अपनी निर्बलताओं को छोड़, अपने विषय में घमण्ड न करूंगा।

2 कुरिन्थियों 12:6 क्योंकि यदि मैं घमण्ड करना चाहूं भी तो मूर्ख न हूंगा, क्योंकि सच बोलूंगा; तौभी रुक जाता हूं, ऐसा न हो, कि जैसा कोई मुझे देखता है, या मुझ से सुनता है, मुझे उस से बढ़कर समझे।

2 कुरिन्थियों 12:7 और इसलिये कि मैं प्रकाशनों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं।

2 कुरिन्थियों 12:8 इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार बिनती की, कि मुझ से यह दूर हो जाए।

2 कुरिन्थियों 12:9 और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ्य मुझ पर छाया करती रहे।

2 कुरिन्थियों 12:10 इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 6:22-44


मंगलवार, 18 मई 2021

साथ

 

            मैं अपने बच्चों के साथ पैदल यात्रा पर निकली थी, और हमें मार्ग में उगने वाले लचीले हरे पौधों के छोटे गुच्छे दिखाई दिए। वहाँ लगे एक संकेत चिह्न के अनुसार, उस पौधे को डियर मौस कहते हैं, किन्तु वह वास्तव में मौस नहीं है। वह एक प्रकार का लाइकिन है जो कि फफूंद और काई कि कुछ विशेष किस्मों के एक साथ मिलकर रहने से बनता है, और उन दोनों में परस्पर ऐसा संबंध होता है कि वे एक दूसरे से लाभ प्राप्त करते हैं। अपने आप में उनमें से कोई एक भी जीवित नहीं रह सकता है, किन्तु साथ मिलाकर उगने से वे एक ऐसा मजबूत पौधा बनाते हैं जो उच्च पर्वतीय क्षेत्रों और बर्फ में भी 4500  वर्ष तक भी जीवित रह सकते हैं। क्योंकि यह पौधा सूखे और बहुत ठण्डे वातावरण को भी सहन कर सकता है, इसलिए यह कठोर ठण्ड में उस इलाके में पाए जाने वाले बारहसिंगे की रेनडियर प्रजाति के भोजन का एक मुख्य स्त्रोत होते हैं।

फफूंद और काई के इस प्रकार साथ मिलकर जीवित रहने से मुझे हमारे मानवीय संबंधों का ध्यान आता है। हम मनुष्य भी एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। उन्नति और विकास करने के लिए हमें एक दूसरे के साथ सहायक होने के संबंध में होना आवश्यक ही। 

परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्से की मसीही मण्डली को लिखी अपनी पत्री में पौलुस वर्णन करता है कि हमारा परस्पर संबंध कैसा होना चाहिए। हमें "इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो" (कुलुस्सियों 3:12)। हमें एक दूसरे को क्षमा करने वाले और एक ही देह के अंगों के समान साथ मिलकर शान्ति से रहने वाले होना चाहिए (पद 15)। 

अपने परिवारों, मित्रों, आस-पास के लोगों के साथ हमेशा ही शान्ति से रह पाना सहज नहीं होता है। परन्तु जब परमेश्वर का आत्मा हमें अपने संबंधों में क्षमा और नम्रता को प्रदर्शित करने के लिए सक्षम करता है, तो हमारा परस्पर प्रेम औरों को मसीह की ओर इंगित करता है (यूहन्ना 13:35) और हमारा साथ मिल-जुल कर रहना परमेश्वर की महिमा का कारण होता है। - एमी पीटरसन

 

हे परमेश्वर, हमें सक्षम करें कि संसार हम में होकर मसीह के प्रेम को देख सके।


पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:23-22

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17

कुलुस्सियों 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।

कुलुस्सियों 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।

कुलुस्सियों 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्ध लो।

कुलुस्सियों 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

कुलुस्सियों 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।

कुलुस्सियों 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 6:1-21