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बुधवार, 24 अगस्त 2011

शांत, अधीर और संयमी

लेखक बोरहैम एक पादरी की विदाई सभा में सम्मिलित हुए। इस पादरी ने २० वर्ष तक एक चर्च में कार्य किया था। उस सभा में बहुत से अन्य पादरी भी आए, और सब ने विदाई लेने वाले पादरी की भूरि भूरि प्रशंसा करी, उसके गुणों का खूब बखान किया। बोरहैम ने लिखा कि उस सभा में जो कुछ कहा गया, उस में से उन्हें कुछ भी याद नहीं रहा, सिवाय एक बात के, जो उस चर्च के एक आदमी ने अपने पादरी के विषय में कही; उस व्यक्ति का कहना था कि "पिछले २० वर्षों में लगभग प्रति दिन मैं ने पादरी साहब को देखा है, लेकिन मैंने उन्हें कभी किसी बात के लिए अधीर नहीं पाया।" विदाई समारोह की समाप्ति के पश्चात पादरी ने उस व्यक्ति कि इस बात को, उनके विषय में कही गई अन्य सभी बातों से अधिक संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा, यह बात मेरे लिए प्रमाण है कि मैं ने वास्तव में धीरज से परमेश्वर की बाट जोहना सीखा है और यशायाह ३०:१५ का भेद समझ लिया है।

बहुत से लोगों के लिए कठिन परिस्थित्यों में शांत, अधीर और संयमी रहना या तो उनके आत्म अनुशासन की अथवा उनके स्वभाव की विशेषता है। लेकिन एक मसीही विश्वासी के लिए परमेश्वर की बाट जोहना भीतरी सामर्थ पाने की विधि है। परमेश्वर के सेवक और जाने-माने प्रचारक मार्टिन लूथर ने एक बार कहा था कि प्रतिदिन उनके पास करने के लिए इतना होता है कि यदि वे प्रतिदिन तीन घंटे प्रार्थना में न बिताएं तो उनके लिए कुछ कर पाना संभव नहीं हो पाएगा। लेकिन सामन्यतः हम इस क्रम को बदल देते हैं और व्यस्तता के साथ हमारा प्रार्थना का समय घट जाता है। फिर हम चिंतित होते हैं कि हम क्यों कठिन परिस्थितियों में विचिलित रहते हैं या अधीरता से व्यवहार करते हैं; ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम परमेश्वर के साथ शांत होकर समय बिताना छोड़ देते हैं।

उन पादरी साहब के जीवन से शिक्षा लीजिए; परमेश्वर की बाट जोहना सीखिए; आप भी शांत, अधीर और संयमी बन जाएंगे। - रिचर्ड डी हॉन


जितने के लिए प्रार्थना करने का समय हम रखते हैं, केवल उतना ही कार्य हमें अपने हाथ में लेना चाहिए।

प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। - यशायाह ३०:१५
बाइबल पाठ: यशायाह ३०:१५-१८
Isa 30:15 प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। परन्तु तुम ने ऐसा नहीं किया,
Isa 30:16 तुम ने कहा, नहीं, हम तो घोड़ों पर चढ़ कर भागेंगे, इसलिये तुम भागोगे; और यह भी कहा कि हम तेज सवारी पर चलेंगे, सो तुम्हारा पीछा करने वाले उस से भी तेज होंगे।
Isa 30:17 एक ही की धमकी से एक हजार भागेंगे, और पांच की धमकी से तुम ऐसा भागोगे कि अन्त में तुम पहाड़ की चोटी के डण्डे वा टीले के ऊपर की ध्वजा के समान रह जाओगे जो चिन्ह के लिये गाड़े जाते हैं।
Isa 30:18 तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊंचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११६-११८
  • १ कुरिन्थियों ७:१-१९

मंगलवार, 23 अगस्त 2011

ज़िन्दगी की दौड़

कंप्यूटर द्वारा ५००० रेस के घोड़ों के अध्ययन करने से पता चला कि घोड़े के बचपन से ही जाना जा सकता है कि वह बड़ा होकर अच्छा दौड़ने वाला घोड़ा होगा कि नहीं। Massachusetts Institute of Technology के एक प्राधायपक ने पाया कि तेज़ दौ़ड़ने वाले घोड़े के पांव दौड़ते समय ज़मीन पर एक के बाद एक पड़ते हैं न कि दो पांव एक साथ। ऐसे घोड़े जब दौड़ते हैं तो हर एक पांव ज़मीन पर तब आता है जब उससे पहले वाला ज़मीन से वेग लेकर उठ रहा होता है। इस प्रकार चारों पांव बारी बारी ज़मीन से वेग लेकर उठते हैं और घोड़ा व्यय उर्जा से सबसे अच्छी गति प्राप्त करने पाता है। घोड़े के चलने-भागने का तरीका उसके पैदा होने के कुछ ही महिनों के अन्दर निर्धारित हो जाता है और फिर उनकी सारी उम्र नहीं बदलता। इसलिए बचपने से ही घोड़ों का अध्ययन करने से यह पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि कौन सा घोड़ा आगे चलकर अच्छा भागने वाला घोड़ा बनेगा।

परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने मसीही जीवन को एक दौड़ की संज्ञा दी। उसने कहा मसीही जीवन की दौड़ वे ही भली भांति दौड़ सकते हैं जो परिश्रम करने में निपुण होते हैं। मसीही विश्वासी के लिए इसका तातपर्य है संयम और अनुशासन से दौड़ना (१ कुरिन्थियों ९:२४-२७)। इसी संदर्भ में इब्रानियों की पत्री का लेखक भी बताता है कि मसीही दौड़ का अच्छा धावक वह है जो व्यर्थ बोझ साथ लेकर नहीं दौड़ता, वरन उसे त्याग कर इस दौड़ को पूरा करता है - "इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। - इब्रानियों १२:१

बाइबल के पुराने नियम में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भी जीवन की दौड़ को भली भांति दौड़ने की बात कही। उसने कहा कि यह दौड़ वही भली भांति दौड़ सकते हैं जो परमेश्वर पर निर्भर होना और उसके समय की प्रतीक्षा करना जानते हैं, क्योंकि ऐसे लोग परमेश्वर को अपनी सामर्थ और अपनी आशा बनाना लेते हैं (यशायाह ४०:३१)।

ज़िन्दगी की दौड़ यदि भलि भांति दौड़ कर पूरी करनी है और परमेश्वर से प्रतिफल पाना है तो उसके लिए परमेश्वर पर निर्भर होना, उसके समय की प्रतीक्षा करना; जीवन में संयम तथा अनुशासन का पालन करना और ज़िन्दगी को उलझाने वाले पापों से बचा कर रखना होगा। - मार्ट डी हॉन


जो परमेश्वर पर निर्भर रहेंगे वे पाप के बोझ से मुक्त रहेंगे।

क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - १ कुरिन्थियों ९:२४


बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ९:२४-२७

1Co 9:24 क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
1Co 9:25 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्‍तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
1Co 9:26 इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्‍तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्‍तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
1Co 9:27 परनतु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११३-११५
  • १ कुरिन्थियों ६

सोमवार, 22 अगस्त 2011

धीरे होईये, गति पाईये

अंत्रिक्ष यात्री माइकल कोलिन्स ने अंत्रिक्ष में उड़ रहे दो अंत्रिक्ष यानो के आपस में जोड़े जाने की विधि को बताया। उन्होंने समझाया कि जब दो वायुयान हवा में पृथ्वी के ऊपर, एक से दूसरे में ईंधन भरने के लिए आपस में जुड़ते हैएं तो जुड़ने के लिए ईंधन लेने वाला पीछे आ रहा वायुयान आगे चल रहे ईंधन देने वाले यान के निकट आने के लिए अपनी गति धीरे धीरे बढ़ाता है जब तक कि वह आगे वाले यान से लटक रहे ईंधन पहुँचाने वाले पाइप के निकट नहीं आ जाता और उस से जुड़ नहीं जाता। लेकिन अंत्रिक्ष में स्थिति बिलकुल विपरीत होती है। यदि पीछे चल रहा अंत्रिक्ष यान अपनी गति बढ़ाता है तो वह और अधिक ऊंची अंत्रिक्ष कक्षा में पहुँच जाता है और दोनो यानो के बीच की दूरी और बढ़ जाती है। इसलिए पीछे वाले अंत्रिक्ष यान के नियंत्रक को अपनी स्वाभाविक प्रतिक्रिया को बरबस रोकना होता है और अपने यान की गति और धीमी करनी होती है तभी वह आगे चल अंत्रिक्ष यान की अंत्रिक्ष कक्षा में आकर उसके समीप आ पाता है और उससे जुड़ने पाता है। अर्थात अंत्रिक्ष यान के नियंत्रक को, आगे बढ़ने के लिए धीमे होना पड़ता है।

कुछ ऐसा ही आत्मिक पिछड़ेपन को दूर करने पर भी लागु होता है। ऐसे में स्वाभाविक प्रतिक्रिया और लोगों की सलाह होती है कि और अधिक मेहनत करो, अपनी आत्मिक कार्यशीलता की गति को और बढ़ाओ, दूसरों के समान होने के प्रयास में लगे रहो; प्रयासों में ढीले पड़े तो जो कुछ हासिल किया है वह भी जाता रहेगा। लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल की शिक्षा कुछ भिन्न ही है, जो सिखाती है कि प्रभु के लिए प्रभावी होने के लिए अपनी कार्य गतिशीलता को धीमा करो, एवं शांत होकर प्रभु पर निर्भर होना, उसकी संगति में रहना सीखो; तभी आत्मिक जीवन में उन्नति पाओगे।

प्रभु के जो जन अपनी व्यसतता की गति को बढ़ाते रहते हैं वे अंत्रिक्ष यानों की तरह प्रभु से भी अपनी दूरी बढ़ाते रहते हैं क्योंकि उनके लिए उनका कार्य प्रभु के साथ और संगति से अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। फिर वे अपनी समझ-बूझ द्वारा निर्णय लेकर प्रभु के नाम से तो बहुत कुछ करने लगते हैं किंतु प्रभु की इच्छानुसार कुछ नहीं करते क्योंकि प्रभु की इच्छा जानने का समय ही उनके पास नहीं होता। इसीलिए कुछ समय पश्चात उनका कार्य थकाने वाला और बोझिल लगने लगता है और उस में कोई आत्मिक आशीष नहीं होती। यह अनिवार्य है कि ऐसे समयों में हमें शांत होकर प्रार्थना और प्रभु के वचन के अध्ययन में समय बिताना चाहिए और प्रभु के निर्देषों की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर उन निर्देषों के अनुसार अपनी प्राथमिकताएं पुनः निर्धारित करनी चाहिएं।

जब हम आत्मिक रूप से पिछड़ जाते हैं तो आगे बढ़ने का एकमात्र कारगर उपाय है धीरे होकर प्रभु के साथ चलना; तब ही हम आत्मिक जीवन में आगे बढ़ पाएंगे और प्रभु के लिए प्रभावी और कार्यकारी हो पाएंगे। - मार्ट डी हॉन


यदि हम अलग होकर प्रभु की संगति में विश्राम करना नहीं सीखेंगे तो बिलकुल अलग-थलग हो जाएंगे।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाई उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह ४०:३१


बाइबल पाठ: यशायाह ४०:२५-३१

Isa 40:25 सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है।
Isa 40:26 अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।
Isa 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?
Isa 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।
Isa 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।
Isa 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;
Isa 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाई उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११०-११२
  • १ कुरिन्थियों ५

रविवार, 21 अगस्त 2011

प्रतीक्षा में समय लगता है

हमारी सदी "तुरंत" की सदी है। हमें प्रत्येक चीज़ तुरंत चाहिए। हमने तुरंत तैयार होने वाले भोजन और पेय बना लिए हैं; किसी से भी, चाहे वह जन किसी सुदूर स्थान पर ही हो, तुरंत बात कर सकने की क्षमता उपलब्ध कर ली है। हमें हर बात में हर नतीजा तुरंत ही चाहिए, चाहे वह शारीरिक इलाज हो या आत्मिक उन्नति। संभवतः इसीलिए हम परमेश्वर के साथ धीरज से बैठने को भूल चुके हैं और हम अपनी तुरंत आत्मिक बढ़ोतरी चाहते हैं। लेकिन परिपक्वता समय के साथ ही आती है, उसके लिए कोई तुरंत कारगर उपाय नहीं है, जो हमें सारे अनुभव एक साथ ही दे सके।

एक पादरी ने एक गृहणी के बारे में बताया जो उसके पास अपनी गंभीर पारिवारिक समस्या ले कर सलाह के लिए आई थी। पादरी ने उसे उत्तर दिया, "तुम्हारे पास दो रास्ते खुले हैं। एक तो है कि तुम बात को अपने हाथ में ले लो और अपनी समझ के अनुसार निर्णय कर लो; लेकिन इसका नतीज होगा तुम्हारा टूटा परिवार। दूसरा मार्ग परमेश्वर का मार्ग है; बात को उसके हाथ में छोड़ दो, उसके समय की प्रतीक्षा करो। ऐसा करने में तुम्हारा धीरज अवश्य ही गंभीरता से परखा तो जाएगा लेकिन अन्त में तुम्हें एक स्थिर और संतोषजनक उत्तम परिणाम भी मिलेगा।" वह गृहणी पादरी की बात समझ गई, उसकी बात को स्वीकार कर के मान लिया और वह अपनी समस्या परमेश्वर के हाथ में सौंप कर विश्वासयोग्यता से परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करने लगी। धीरे धीरे उसने देखा कि परमेश्वर उसके घर की परिस्थितियों को बदलता जा रहा है, और उसका विश्वास भी बढ़ता गया, और अन्ततः उसने अपनी स्मस्याओं का स्थिर और संतोषजनक उत्तम हल पा लिया।

धीरज धरने का अर्थ चुपचाप बैठ कर प्रतीक्षा करना नहीं है, लेकिन हर परिस्थिति में परमेश्वर पर विश्वास रख कर उसके वचन और आज्ञानुसार अपने को चलाते रहना है; जो कई दफा आसान नहीं होता, और ऐसा करने में बहुत इच्छाशक्ति की सामर्थ चाहिए होती है।

जब विकराल समस्याओं से सामना हो और घबराहट हावी होने लगे तो स्मरण रखें कि हमारा स्वर्गीय पिता उनके पक्ष में कार्य करता है जो उसकी प्रतीक्षा करते हैं; "क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्वर न तो कभी देखा गया और न काल से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहने वालों के लिये काम करे" - यशायाह ६४:४। - पौल वैन गोर्डर


लगातर संयम द्वारा ही हम विजयी होते हैं।

हे मेरे मन, परमेश्वर के साम्हने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है। - भजन ६२:५


बाइबल पाठ: भजन ६२

Psa 62:1 सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेरश्वर की ओर मन लगाए हूं; मेरा उद्धार उसी से होता है।
Psa 62:2 सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है; मैं बहुत न डिगूंगा।
Psa 62:3 तुम कब तक एक पुरूष पर धावा करते रहोगे, कि सब मिल कर उसका घात करो? वह तो झुकी हुई भीत वा गिरते हुए बाड़े के समान है।
Psa 62:4 सचमुच वे उसको, उसके ऊंचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। मुंह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं।
Psa 62:5 हे मेरे मन, परमेश्वर के साम्हने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है।
Psa 62:6 सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है; इसलिये मैं न डिगूंगा।
Psa 62:7 मेरा उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्वर है; मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्वर है।
Psa 62:8 हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो; उस से अपने अपने मन की बातें खोल कर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है।
Psa 62:9 सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं; वे सब के सब सांस से भी हलके हैं।
Psa 62:10 अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना।
Psa 62:11 परमेश्वर ने एक बार कहा है और दो बार मैं ने यह सुना है: कि सामर्थ्य परमेश्वर का है।
Psa 62:12 और हे प्रभु, करूणा भी तेरी है। क्योंकि तू एक एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०७-१०९
  • १ कुरिन्थियों ४

शनिवार, 20 अगस्त 2011

धीरज का प्रतिफल

मेरी एक मित्र के लिए अपने अस्पताल में इलाज के लिये भरती रहने के समय को काटना भारी हो रहा था। वह मसीही विश्वासिनी थी और उसे लग रहा था कि उस के बीते दिनों के कोई पाप क्षमा होने के लायक नहीं थे इसलिए उसे दण्ड भोगना पड़ रहा है। मैंने उसे समझाया और विश्वास दिलाया कि जिस क्षण उसने परमेश्वर के आगे अपने पाप मान लिए, उसी क्षण परमेश्वर ने उन्हें क्षमा भी कर दिया। लेकिन फिर भी उसे शरीर और मन की शांति प्राप्त होने की प्रतीक्षा भारी पड़ रही थी।

परमेश्वर के वचन में हबक्कूक नबी भी परेशान और अधीर था। पहले उसने परमेश्वर से इस्त्राएलियों के पापों की शिकायत करी (हबाक्कूक १:२-४); परमेश्वर ने उसे उत्तर दिया कि वह कसदी जाति के लोगों के द्वारा इस्त्राएलियों पर भारी दण्ड लाने पर है। अब नबी ने एक और समस्या उठाई - कसदी तो इस्त्राएल से भी अधिक बुरे और निर्दयी थे (हबाक्कूक १:१२-१७)। लेकिन चाहे हबक्कूक नबी परेशान था, तो भी उसने परमेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा को छोड़ा नहीं, उसने जल्दबाज़ी में कुछ नहीं किया; उसने परमेश्वर का बात को समझाने और स्पष्ट करने की प्रतीक्षा करी। जब परमेश्वर ने फिर हबक्कूक से बात करी तो उसे आश्वस्त किया कि वह उसे सारे उत्तर देगा। परमेश्वर ने उसे कहा कि वह परमेश्वर की बात को शीघ्रता के साथ समस्त इस्त्राएल में बता दे; लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सभी गलतियों को सुधरता देखने में उसे कुछ समय लगेगा। उत्तर पाने में यह विलंब हबक्कूक के लिए बड़ा कठिन अनुभव था, लेकिन परमेश्वर का उत्तर अवश्य आया और बिलकुल सही समय पर आया।

जब हम परमेश्वर के किसी कार्य को होते देखना चाहते हैं तो हमें सब बातों को उस के हाथों में सौंप कर बस अपने धीरज और विश्वास को बनाए रखना अनिवार्य है। परमेश्वर अपने समय और अपने तरीके से हमारे धीरज का प्रतिफल अवश्य देगा। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


धीरज वह उत्तम सदगुण है जो हर बात के लिए परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करता है।

परन्तु वे झट उस के कामों को भूल गए; और उसकी युक्ति के लिये न ठहरे। - भजन १०६:१३

बाइबल पाठ: हबक्कूक १:१२-२:४

Hab 1:12 हे मेरे प्रभु यहोवा, हे मेरे पवित्र परमेश्वर, क्या तू अनादि काल से नहीं है? इस कारण हम लोग नहीं मरने के। हे यहोवा, तू ने उनको न्याय करने के लिये ठहराया है; हे चट्टान, तू ने उलाहना देने के लिये उनको बैठाया है।
Hab 1:13 तेरी आंखें ऐसी शुद्ध हैं कि तू बुराई को देख ही नहीं सकता, और उत्पात को देख कर चुप नहीं रह सकता; फिर तू विश्वासघातियों को क्यों देखता रहता, और जब दुष्ट निर्दोष को निगल जाता है, तब तू क्यों चुप रहता है?
Hab 1:14 तू क्यों मनुष्यों को समुद्र की मछलियों के समान और उन रेंगने वाले जन्तुओं के समान बनाता है जिन पर कोई शासन करने वाला नहीं है।
Hab 1:15 वह उन सब मनुष्यों को बन्सी से पकड़ कर उठा लेता और जाल में घसीटता और महाजाल में फंसा लेता है; इस कारण वह आनन्दित और मगन है।
Hab 1:16 इसीलिये वह अपने जाल के साम्हने बलि चढ़ाता और अपने महाजाल के आगे धूप जलाता है क्योंकि इन्हीं के द्वारा उसका भाग पुष्ट होता, और उसका भोजन चिकना होता है।
Hab 1:17 परन्तु क्या वह जाल को खाली करने और जाति जाति के लोगों को लगातार निर्दयता से घात करने से हाथ न रोकेगा?
Hab 2:1 मैं अपने पहरे पर खड़ा रहूंगा, और गुम्मट पर चढ़ कर ठहरा रहूंगा, और ताकता रहूंगा कि मुझ से वह क्या कहेगा; और मैं अपने दिए हुए उलाहने के विषय में उत्तर दूं;
Hab 2:2 यहोवा ने मुझ से कहा, दर्शन की बातें लिख दे वरन पटियाओं पर साफ साफ लिख दे कि दौड़ते हुए भी वे सहज से पढ़ी जाएं।
Hab 2:3 क्योंकि इस दर्शन की बात नियत समय में पूरी होने वाली है, वरन इसके पूरे होने का समय वेग से आता है; इस में धोखा न होगा। चाहे इस में विलम्ब भी हो, तौभी उसकी बाट जाहते रहना क्योंकि वह निश्चय पूरी होगी और उस में देर न होगी।
Hab 2:4 देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है परन्तु धर्मी जन अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०५-१०६
  • १ कुरिन्थियों ३

शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

नतीजे परमेश्वर पर छोड़ दें

एक इतवार प्रातः की बात है, स्कौटलैंड का एक चर्च अधिकारी एक बुज़ुर्ग पादरी को उलाहना दे रहा था; अधिकारी ने पादरी से कहा, "आपके प्रचार और कार्य में अवश्य कोई कमी होगी तभी इस पूरे साल में केवल एक नया व्यक्ति चर्च से जुड़ा है, और वह भी एक लड़का ही है।"

उस दिन, जब वह इतवार का संदेश देने के लिए चर्च में खड़ा हुआ तो उस पादरी का हृदय भारी था। अपना सन्देश समाप्त करने के समय तक उसे लगने लगा था कि अब उसे अपना इस्तिफा सौंप देना चाहिए। चर्च के बाद जब सब लोग जा चुके थे तब वह नया लड़का उस बुज़ुर्ग पादरी के पास आया और उससे पूछा, "महोदय क्या आप को लगता है कि यदि मैं मेहनत से काम करूँ तो अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी कर के मैं भी पादरी बन सकूँगा, शायद मिशनरी प्रचारक भी?" उस पादरी की आँखें भर आईं, और वह बोला, "रौबर्ट, मैं अब स्वर्गीय हाथ को काम करते देखता हूँ। मेरे बच्चे, परमेश्वर तुम्हें आशीष दे। हाँ, मुझे लगता है कि अवश्य ही तुम एक मिशनरी प्रचारक बनोगे।"

बहुत वर्ष बीत गए, और अफ्रीका के जंगलों में सेवकाई के पश्चात एक मिशनरी प्रचारक लण्डन शहर वापस लौटा। लोग बड़े आदर से उसका नाम लेते थे। उसके कार्य से बहुत से लोगों ने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण किया था। वह अफ्रीका के कुछ बहुत खूंखार कबीलों और उनके प्रधानों तक पहुँच सका था और प्रभु यीशु का सन्देश उन तक पहुँचा सका था, उन्हें प्रभु के निकट ला सका था। इस मिशनरी प्रचारक का नाम था रौबर्ट मौफट, वही रौबर्ट जो जब लड़का ही था तो बुज़ुर्ग पादरी से उस इतवार प्रातः मिशनरी प्रचारक बनने के बारे में बात कर रहा था।

कभी हमें मसीह के लिए हमारा परिश्रम व्यर्थ लगता है, क्योंकि हमें कोई नतीजे दिखाई नहीं देते; हम सोचने लगते हैं कि क्या कुछ प्रभावी हो भी रहा है कि नहीं? याकूब कहता है कि, "सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्‍तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है (याकूब ५:१७)।"

यदि हम विश्वासयोग्यता से परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपना कार्य करते रहेंगे तो उचित समय पर परमेश्वर नतीजे भी देगा। - डेनिस डी हॉन


परमेश्वर हमसे विश्वासयोग्यता माँगता है और विश्वासयोग्यता के प्रतिफल स्वरूप सफलता देता है।

अपुल्लोस क्‍या है और पौलुस क्‍या? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्‍तु परमेश्वर ने बढ़ाया। इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्‍तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। - १ कुरिन्थियों ३:५-७



बाइबल पाठ: याकूब ५:७-११

Jas 5:7 सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्‍तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है।
Jas 5:8 तुम भी धीरज धरो, और अपने ह्रृदय को दृढ़ करो, क्‍योंकि प्रभु का शुभागमन निकट है।
Jas 5:9 हे भाइयों, एक दूसरे पर दोष न लगाओ ताकि तुम दोषी न ठहरो, देखो, हाकिम द्वार पर खड़ा है।
Jas 5:10 हे भाइयो, जिन भविष्यद्वक्ताओं ने प्रभु के नाम से बातें की, उन्‍हें दुख उठाने और धीरज धरने का एक आदर्श समझो।
Jas 5:11 देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्युब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०३-१०४
  • १ कुरिन्थियों २

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

विश्वासयोग्यता और प्रतिफल

मिशनरी प्रचारकों की एक सभा में मिशनरी प्रचारक जौन विलियम्स ने New Hebrides द्वीप समूह में अपने प्रचार कार्य के विवरण और उसके परिणामों के द्वारा श्रोताओं को बहुत प्रभावित कर मन्त्रमुग्ध कर दिया। उनके बाद एक और प्रचारक को अपने कार्य के बारे में बताने को कहा गया; उस प्रचारक ने बड़ी नम्र और कंपकंपाती आवाज़ में कहा, "मेरे पास श्रीमन विलियम के समान आपको प्रभावित कर पाने वाले कोई अद्भुत विवरण नहीं है। मैं बहुत सालों से एक दूर देश में प्रभु की सेवा कर रहा हूँ, और मैंने बहुत कम सफलता देखी है। लेकिन मुझे यह सन्तोष है कि जब हमारा प्रभु आएगा और अपने सेवकों से हिसाब लेगा, तो प्रतिफल देते समय यह नहीं कहेगा, ’धन्य हे अच्छे और सफल दास’, वरन वह कहेगा कि ’धन्य हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास’ ।"

मत्ती २५ अध्याय से हम सीखते हैं कि हमारे वरदान असमान भी हों तौ भी यदि हम उन्हें विश्वासयोग्यता से प्रभु के लिए प्रयोग करेंगे तो समान प्रतिफल पाएंगे। प्रभु द्वारा कहे गए इस दृष्टांत में जो ’तोड़े’ स्वामी ने अपने दासों को दिये, वे प्रभु द्वारा अपने सेवकों को दिये गए कार्यों की पूर्ति के लिए उन्हें दी गई योग्यताएं हैं। प्रभु के आगमन और हिसाब लिए जाने के समय महत्व इस बात का नहीं होगा कि किसने कितना ’कमाया’ लेकिन इस बात का होगा कि किसने कितनी विश्वासयोग्यता और कितनी मेहनत के साथ अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करी, उसकी मेहनत का स्तर क्या था।

ऐलेक्ज़ैन्डर मैकलैरन ने लिखा कि "जो रौशनी एक सूई के छेद से छन कर आती है वही रौशनी चौड़ी खिड़की से भी अन्दर आती है।" प्रभु अपने सेवकों को भिन्न भिन्न ज़िम्मेदारियाँ देता है; ज़िम्मेदारी के बड़े या छोटे होने से हमारे प्रतिफलों पर असर नहीं पड़ता, प्रभाव इस बात का है कि हम ने उन ज़िम्मेदारियों का निर्वाह कितनी विश्वासयोग्यता से किया। महान, कठिन और बड़े कार्य लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन परमेश्वर की दृष्टि में विश्वासयोग्यता से किया गया छोटा सा कार्य भी बड़े प्रतिफल का उतना ही हकदार है। - डेनिस डी हॉन


विश्वासयोग्यता से किया गया प्रत्येक कार्य प्रभु से समान प्रशंसा पाएगा।

उसके स्‍वामी ने उससे कहा, धन्य है अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो। - मत्ती २५:२१


बाइबल पाठ: मत्ती २५:१४-३०

Mat 25:14 क्‍योंकि यह उस मनुष्य की सी दशा है जिस ने परदेश को जाते समय अपने दासों को बुला कर, अपनी संपत्ति उन को सौंप दी।
Mat 25:15 उस ने एक को पांच तोड़, दूसरे को दो, और तीसरे को एक; अर्थात हर एक को उस की सामर्थ के अनुसार दिया, और तब परदेश चला गया।
Mat 25:16 तब जिस को पांच तोड़े मिले थे, उस ने तुरन्‍त जा कर उन से लेन देन किया, और पांच तोड़े और कमाए।
Mat 25:17 इसी रीति से जिस को दो मिले थे, उस ने भी दो और कमाए।
Mat 25:18 परन्‍तु जिस को एक मिला था, उस ने जा कर मिट्टी खोदी, और अपने स्‍वामी के रूपये छिपा दिए।
Mat 25:19 बहुत दिनों के बाद उन दासों का स्‍वामी आ कर उन से लेखा लेने लगा।
Mat 25:20 जिस को पांच तोड़े मिले थे, उस ने पांच तोड़े और ला कर कहा, हे स्‍वामी, तू ने मुझे पांच तोड़े सौंपे थे, देख मैं ने पांच तोड़े और कमाए हैं।
Mat 25:21 उसके स्‍वामी ने उससे कहा, धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा, मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो।
Mat 25:22 और जिस को दो तोड़े मिले थे, उस ने भी आ कर कहा, हे स्‍वामी तू ने मुझे दो तोड़े सौंपें थे, देख, मैं ने दो तोड़े और कमाएं।
Mat 25:23 उसके स्‍वामी ने उस से कहा, धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा, मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो।
Mat 25:24 तब जिस को एक तोड़ा मिला था, उस ने आ कर कहा, हे स्‍वामी, मैं तुझे जानता था, कि तू कठोर मनुष्य है, और जहां नहीं छीटता वहां से बटोरता है।
Mat 25:25 सो मैं डर गया और जा कर तेरा तोड़ा मिट्टी में छिपा दिया, देख, जो तेरा है, वह यह है।
Mat 25:26 उसके स्‍वामी ने उसे उत्तर दिया, कि हे दुष्‍ट और आलसी दास, जब यह तू जानता था, कि जहां मैं ने नहीं बोया वहां से काटता हूं; और जहां मैं ने नहीं छीटा वहां से बटोरता हूं।
Mat 25:27 तो तुझे चाहिए था, कि मेरा रूपया सर्राफों को दे देता, तब मैं आ कर अपना धन ब्याज समेत ले लेता।
Mat 25:28 इसलिये वह तोड़ा उस से ले लो, और जिस के पास दस तोड़े हैं, उस को दे दो।
Mat 25:29 क्‍योंकि जिस किसी के पास है, उसे और दिया जाएगा; और उसके पास बहुत हो जाएगा: परन्‍तु जिस के पास नहीं है, उस से वह भी जो उसके पास है, ले लिया जाएगा।
Mat 25:30 और इस निकम्मे दास को बाहर के अन्‍धेरे में डाल दो, जहां रोना और दांत पीसना होगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १००-१०२
  • १ कुरिन्थियों १