ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 4 अगस्त 2012

भटके हुए


   मुझे अभी भी यह सोचकर अचरज होता है कि मनुष्य सुदूर अंतरिक्ष में सैटलाईट भेज सकता है। भेजने से पहले बड़े गहन अध्ययन द्वारा हर एक सैटलाईट का पथ और कक्षा निर्धारित करी जाती है और उसी के अनुसार उसे पृथ्वी प्रेषित किया जाता है। ज़रा विचार कीजिए कि यह कितनी बड़ी बरबादी होगी यदि मंगल ग्रह की ओर भेजी गई सैटलाईट, मार्ग में किसी अन्य महत्वहीन पिंड के गुरुत्वाकर्षण से आकर्षित होकर अपनी कक्षा से भटक जाए और किसी अन्य मार्ग पर हो ले। ध्यान कीजिए, यह आपके जीवन में भी हो सकता है या हो रहा होगा।

   जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों को बुलाया, तो उसकी इच्छा थी कि वे पूरी लगन और तत्परता के साथ उसके पीछे चलें। प्रभु यीशु के चेलों के लिए एक ऐसा पथ निर्धारित है जो उन्हें लगातार प्रभु यीशु की निकटता की ओर ही ले जाता है। लेकिन इस पथ पर चलते हुए कई दफा संसार और संसार कि बातों का आकर्षण हमें हमारे पथ से भटका देता है और तब हम प्रभु यीशु की नहीं वरन संसार की व्यर्थ और खोखली बातों तथा इच्छाओं की पूर्ति की निकटता में बढ़ने लगते हैं।

   ऐसे भटके हुए जीवनों के लिए परमेश्वर के वचन में भजन ६३ एक उत्तम मार्गदर्शक है। इस भजन के लेखक दाऊद ने परमेश्वर की निकटता को अपना लक्ष्य बनाया, यह जानते हुए कि केवल वह ही उसके अन्दर की प्यास को बुझा सकता है, क्योंकि परमेश्वर की करुणा जीवन की उत्तमता से बढ़कर है (पद ३)। परमेश्वर की साथ बनी रहने वाली उपस्थिति पर वह हर पल विचार करता रहता था, "जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूंगा, तब रात के एक एक पहर में तुझ पर ध्यान करूंगा" (पद ६)। दाऊद ने समझा और जाना कि जीवन का वास्तविक आनन्द और उद्देश्य दूर ही से परमेश्वर को निहारने के द्वारा नहीं वरन भरसक प्रयास के साथ उसके साथ साथ चलने में है।

   यदि आप आज अपने लक्ष्य से या अपने पथ से भटक गए हैं, तो व्यर्थ के आकर्षणों को छोड़कर पुनः अपने सही पथ और लक्ष्य की ओर लौट आएं, और परमेश्वर की नज़दीकी में चलने का मार्ग पर बढ़ें। - जो स्टोवैल


आप जितना परमेश्वर की निकटता में चलेंगे, अन्य बातों को बीच में आने का उतना कम स्थान मिलेगा।

हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। - भजन ६३:१

बाइबल पाठ: भजन ६३
Psa 63:1  हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। 
Psa 63:2  इस प्रकार से मैं ने पवित्रस्थान में तुझ पर दृष्टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूं। 
Psa 63:3  क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा। 
Psa 63:4  इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूंगा; और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊंगा।
Psa 63:5  मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूंगा। 
Psa 63:6  जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूंगा, तब रात के एक एक पहर में तुझ पर ध्यान करूंगा; 
Psa 63:7  क्योंकि तू मेरा सहायक बना है, इसलिये मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूंगा। 
Psa 63:8  मेरा मन तेरे पीछे पीछे लगा चलता है, और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है।
Psa 63:9  परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं, वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे; 
Psa 63:10  वे तलवार से मारे जाएंगे, और गीदड़ों का आहार हो जाएंगे। 
Psa 63:11  परन्तु राजा परमेश्वर के कारण आनन्दित होगा; जो कोई ईश्वर की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा; परन्तु झूठ बोलने वालों का मुंह बन्द किया जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ६६-६७
  •  रोमियों ७

शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

’वायरस’


   संसार भर में स्वाईन फ्लू के फैलने से लोगों का ध्यान इस रोग के कारण - H1N1 वायरस की ओर गया। वायरस अति सूक्षम जीवाणु होते हैं जो किसी अन्य जीव के अन्दर रहते और पनपते हैं, और उसे ही नष्ट कर देते हैं। कुछ प्रकार के वायरस उस जीव में कई वर्षों तक बने रहते हैं, इससे पहले कि उनके होने का पता चले; और इस अज्ञात रहने के समय में वे उस जीव के अन्दर बहुत हानि कर देते हैं। वायरस को जीव से बाहर निकाल दें तो वह रह नहीं पाता, मर जाता है।

   इसी प्रकार से पाप को भी जीवित और कार्यकारी होने के लिए एक व्यक्ति चाहिए होता है। अपने आप में, पाप, जैसे कि घमण्ड, लालच, क्रोध, स्वार्थ इत्यादि केवल शब्द हैं; किंतु जब पाप किसी मनुष्य पर हावी हो जाता है तो फिर वह उसे नष्ट करके ही जाता है।

   किंतु परमेश्वर का धन्यवाद हो कि प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर दिए गए बलिदान के द्वारा, उस पर विश्वास लाने वाला प्रत्येक विश्वासी पाप से छुड़ाया गया है (रोमियों ६:१८)। अब परमेश्वर का पवित्र आत्मा प्रत्येक विश्वासी में बसकर उसे शरीर की अभिलाशाओं के कारण पाप के ’वायरस’ को पनपने की शक्ति मिलने का प्रतिरोध करने में सहायता करता है (गलतियों ५:१६)। यद्यपि मसीही विश्वासी से पाप हो सकता है, किंतु परमेश्वर का आत्मा उसे पाप में बने नहीं रहने देता, "हम जानते हैं, कि जो कोई परमेश्वर से उत्‍पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता; जो परमेश्वर से उत्‍पन्न हुआ, उसे वह बचाए रखता है: और वह दुष्‍ट उसे छूने नहीं पाता" (१ युहन्ना ५:१८)। अभी हम मसीही विश्वासी परमेश्वर के पवित्र आत्मा पर निर्भर होकर चलते हैं, और एक दिन परमेश्वर की महिमा के सामने निर्दोष होकर खड़े होंगे (यहूदा १:२४)।

   क्या यह आपके लिए एक बड़ी निश्चिंतता की बात नहीं है कि यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो ’पाप के वायरस’ से संक्रामित इस संसार में आप बिना संक्रमण के खतरे के विचरण कर सकते हैं? - सी. पी. हिया


पाप रोग का इलाज केवल मसीह यीशु ही है।

और पाप से छुड़ाए जाकर धर्म के दास हो गए। - रोमियों ६:१८

बाइबल पाठ: रोमियों ६:१४-२३
Rom 6:14  और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्‍योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।
Rom 6:15  तो क्‍या हुआ? क्‍या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं। 
Rom 6:16  क्‍या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्‍त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्‍त धामिर्कता है 
Rom 6:17  परन्‍तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे। 
Rom 6:18   और पाप से छुड़ाए जाकर धर्म के दास हो गए। 
Rom 6:19   मैं तुम्हारी शारीरिक र्दुबलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास करके सौंप दो। 
Rom 6:20  जब तुम पाप के दास थे, तो धर्म की ओर से स्‍वतंत्र थे। 
Rom 6:21  सो जिन बातों से अब तुम लज्ज़ित होते हो, उन से उस समय तुम क्‍या फल पाते थे?
Rom 6:22  क्‍योंकि उन का अन्‍त तो मृत्यु है परन्‍तु अब पाप से स्‍वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिस से पवित्रता प्राप्‍त होती है, और उसका अन्‍त अनन्‍त जीवन है। 
Rom 6:23  क्‍योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्‍तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्‍त जीवन है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ६३-६५
  •  रोमियों ६

गुरुवार, 2 अगस्त 2012

वह सब जानता है


   मेरा एक मित्र ने, जो वायुयान चालक है, अपने साथ घटित एक घटना बताई। वह एक उड़ान पर था और वायुयान में गंभीर तकनीकी समस्या खड़ी हो गई, जिसके परिणाम खतरनाक भी हो सकते थे। जैसे ही समस्या उठी, चालक कक्ष में उससे संबंधित चेतावनी की बत्तियां जलने लगीं। मेरे मित्र ने यंत्रों पर पूरे ध्यान से नज़र बनाए रखी, योग्य कार्यवाही करी और निगरानी बनाए हुए वह विमान को गन्तव्य स्थान तक सुरक्षित ले आया और ज़मीन पर उतार लिया।

   ज़मीन पर उतरने के तुरंत बाद मेरा मित्र विमान की देखभाल करने वाले दल के पास गया और उन्हें उत्पन्न हुई समस्या के बारे में बताने लगा। उसे उस दल से सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ कि उन्हें समस्या का पता है। उन लोगों ने उसे बताया कि जैसे ही उसके चालक कक्ष में चेतावनी की बत्तियां जलनी आरंभ हुईं, नीचे उस दल के पास भी इलैक्ट्रौनिक माध्यम से उसका सन्देश पहुंच गया था।

   अपने विमान चालक मित्र की यह बात सुनकर मुझे प्रभु यीशु द्वारा परमेश्वर पिता के संबंध में कही गई बात स्मरण हो आई, "प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्‍योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी। सो तुम उन की नाईं न बनो, क्‍योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है" (मत्ती ६:८)। प्रभु यीशु ने इस बात के द्वारा परमेश्वर पिता का अपने बच्चों के प्रति लगातार बने रहने वाले ध्यान और उससे मिलने वाली सहायता तथा देखभाल का आश्वासन दिया।

   यद्यपि परमेश्वर हमारी प्रत्येक आवश्यक्ता को जानता है, तौ भी वह चाहता है कि हम उसके साथ अपने मन की बातें बांटें, अपनी इच्छाएं उसे व्यक्त करें, अपनी समस्याओं के बारे में उसे बताएं और उसकी सलाह लें; वास्तव में यही प्रार्थना करना है। हमारा परमेश्वर पिता हमारी हर प्रार्थना को सुनने को तैयार रहता है और हमारी हर टूटी हालत को सुधारने के लिए उसका अनुग्रह हमें उपलब्ध रहता है। हमारे बारे में और हमारी आवश्यक्ताओं के बारे में वह सब जानता है। - बिल क्राउडर


प्रार्थना इस विश्वास से दिल से निकली पुकार है कि परमेश्वर सब जानता है और प्रयोजन करता है।

सो तुम उन की नाईं न बनो, क्‍योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है। - मत्ती ६:८

बाइबल पाठ: मत्ती ६:५-१३
Mat 6:5  और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्‍योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्‍छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। 
Mat 6:6  परन्‍तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा, और द्वार बन्‍द कर के अपने पिता से जो गुप्‍त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। 
Mat 6:7  प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्‍योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी। 
Mat 6:8  सो तुम उन की नाईं न बनो, क्‍योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है। 
Mat 6:9  सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो : हे हमारे पिता, तू जो स्‍वर्ग में हैं, तेरा नाम पवित्र माना जाए। 
Mat 6:10 तेरा राज्य आए; तेरी इच्‍छा जैसी स्‍वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। 
Mat 6:11  हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे। 
Mat 6:12  और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर। 
Mat 6:13 और हमें परीक्षा में न ला, परन्‍तु बुराई से बचा; क्‍योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ६०-६२ 
  • रोमियों ५

बुधवार, 1 अगस्त 2012

सहायता और दान


   मैं आपके बारे में तो नहीं जानता, परन्तु जब मैं किसी के लिए कोई कार्य करता हूँ तो उसका श्रेय मिलना मुझे अच्छा लगता है। मैं यह भी जानता हूँ कि धन्यवाद के शब्द या कार्ड पाने की इच्छा रखने वाला मैं अकेला ही नहीं हूँ। साथ ही मुझे यह भी पता है कि अज्ञात रूप से किसी की सहायता करने या दान देने में कोई तो विशेष बात है क्योंकि स्वयं हमारे प्रभु यीशु ने ऐसा करने को कहा है।

   इसीलिए जब एक दिन हमारे घर के दरवाज़े के सामने एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजी गई भेंट रखी मिली तो मैं बहुत प्रभावित हुआ। हम लोग शहर से बाहर गए हुए थे, और जब घर लौटे तो घर के सामने कई गमले रखे हुए थे, हर एक गमले में एक खिला हुआ सूरजमुखी का फूल था। हमें इसका आश्य समझने में देर नहीं लगी - ये फूल हमारी दिवंगत बेटी मेलिस्सा के जन्मदिन के स्मरण में भेजे गए थे, क्योंकि उसे सूरजमुखी के फूल बहुत पसन्द थे। कोई हमें जता रहा था कि वह भी मेलिस्सा को याद करता है और अज्ञात रूप में दे कर उसने यह भी जता दिया कि उसे अपनी नहीं हमारे परिवार की परवाह है।

   ज़रा कल्पना कीजिए एक ऐसे संसार की जहां सब ही उदारता से और निस्वार्थ होकर सहायता या दान करते हों। प्रभु यीशु ने परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती ६ अध्याय में गुप्त में देने के बारे में सिखाया। उन्होंने कहा, "परन्‍तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए। ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा" (मत्ती ६:३-४)।

   व्यावाहरिक रूप में, संसार में सदा ही गुप्त रीति से सहायता करना या देना शायद संभव ना हो; कई बार हमारे द्वारा दी गई सहायता या भेंट प्रकट हो जाती है या अन्य लोगों की उपस्थिति में दी जाती है। किंतु हर सहायता और दान एक निस्वार्थ नम्रता तथा परमेश्वर द्वारा निर्देशित रीति से अवश्य ही दिया जा सकता है। जब ऐसा होता है तो परमेश्वर की ओर से उसका प्रतिफल भी बड़ा होता है। - डेव ब्रैनन


हमारे दान का सच्चा मापदण्ड निस्वार्थ और आत्मत्याग से दिया गया दान है।

परन्‍तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए। - मत्ती ६:३

बाइबल पाठ: मत्ती ६:१-४
Mat 6:1  सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे। 
Mat 6:2   इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके। 
Mat 6:3  परन्‍तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए। 
Mat 6:4  ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ५७-५९ 
  • रोमियों ४

मंगलवार, 31 जुलाई 2012

धन्य लोग


   अपने पुनरुत्थान के दिन प्रभु यीशु ने अपने चेलों को दर्शन दिए और उन्हें कीलों से छिदे अपने हाथ तथा पांव दिखाए। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे वृतांत से हमें पता लगता है कि यह अद्भुत बात उनको विश्वास से परे प्रतीत हुई (लूका २४:४०-४१), आनन्द के मारे चेलों को विश्वास ही नहीं हुआ। जब प्रभु यीशु ने चेलों को दर्शन दिए उस समय एक चेला, थोमा, वहां उपस्थित नहीं था; जब उसे प्रभु के पुनरुत्थान का पता चला तो उसे भी विश्वास करने में कठिनाई हुई। बाद में जब प्रभु यीशु थोमा की उपस्थिति में चेलों के समक्ष आए तो उन्होंने थोमा से कहा कि वह अपनी इच्छानुसार उनके हाथों और पैरों के घावों में तथा पंजर में हाथ डाल कर उनके जी उठा होने के लिए ठहराया हुआ अपना प्रमाण ले ले; तब थोमा कह उठा, "...हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!" (यूहन्ना २०:२८)

   बाद में जब प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पियों के विश्वासियों को, मसीही विश्वास कि अपनी यात्रा में उठाए गए अपने क्लेशों के बारे में बताया, तब उसने भी प्रभु यीशु को अपना प्रभु बताया। उसने उन्हें लिखा कि प्रभु यीशु के साथ विश्वास के जीवन में यह समझ चुका है कि मसीह यीशु ही प्रभु है और उसको प्राप्त करना ही उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है: "वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्‍हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्‍त करूं" (फिलिप्पियों ३:८)।

   मैंने, आपने और हम अन्य मसीही विश्वासियों ने चाहे प्रभु यीशु को अपने समक्ष किसी तूफान को शांत करते या किसी मुर्दे को ज़िन्दा करते ना देखा हो, और ना ही उसके चरणों पर बैठकर हम ने उससे कोई प्रवचन सुना हो, लेकिन हम सभी अपने जीवनों के अनुभवों से जानते हैं कि कैसे उसने हमें हमारी आत्मिक मृतकावस्था से जिला कर अनन्त जीवन का उत्तराधिकारी बनाया है, और कैसे वह आज भी हमारे जीवनों में कार्य कर रहा है, हर परिस्थिति में हमारे पक्ष में कार्य करता है, हमारे साथ साथ बना रहता है। इसलिए थोमा और पौलुस के समान ही हमारे लिए भी यीशु को प्रभु कहना और उसके आज्ञाकारी होना कोई अवास्तविक बात नहीं है।

   प्रभु यीशु ने थोमा से कहा, "...तू ने तो मुझे देख कर विश्वास किया है, धन्य हैं वे जिन्‍होंने बिना देखे विश्वास किया" (यूहन्ना २०:२९)। जब हम प्रभु यीशु में विश्वास लाते हैं और उसे अपना प्रभु स्वीकार करते हैं, तब हम प्रभु द्वारा धन्य समझे जाने वाले लोगों में सम्मिलित हो जाते हैं। - डेव एग्नर


चाहे हम शरीर की आंखों से उसे नहीं देखने पाते, किंतु आत्मा की आंखों से देख कर और मन से उस पर विश्वास कर के हम भी कह सकते हैं - यीशु ही प्रभु है।

यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर! - यूहन्ना २०:२८

बाइबल पाठ: यूहन्ना २०:१९-३१
Joh 20:19  उसी दिन जो सप्‍ताह का पहिला दिन था, सन्‍ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्‍द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा होकर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
Joh 20:20  और यह कह कर उस ने अपना हाथ और अपना पंजर उन को दिखाए: तब चेले प्रभु को देख कर आनन्‍दित हुए। 
Joh 20:21  यीशु ने फिर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं। 
Joh 20:22   यह कह कर उस ने उन पर फूंका और उन से कहा, पवित्र आत्मा लो। 
Joh 20:23   जिन के पाप तुम क्षमा करो वे उन के लिये क्षमा किए गए हैं जिन के तुम रखो, वे रखे गए हैं।
Joh 20:24  परन्‍तु बारहों में से एक व्यक्ति अर्थात थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, जब यीशु आया तो उन के साथ न था। 
Joh 20:25  जब और चेले उस से कहने लगे कि हम ने प्रभु को देखा है: तब उस ने उन से कहा, जब तक मैं उस के हाथों में कीलों के छेद न देख लूं, और कीलों के छेदों में अपनी उंगली न डाल लूं, तब तक मैं प्रतीति नहीं करूंगा।
Joh 20:26  आठ दिन के बाद उस के चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उन के साथ था, और द्वार बन्‍द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा होकर कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
Joh 20:27  तब उस ने थोमा से कहा, अपनी उंगली यहां लाकर मेरे पंजर में डाल और अविश्वासी नहीं परन्‍तु विश्वासी हो। 
Joh 20:28   यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर! 
Joh 20:29  यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देख कर विश्वास किया है, धन्य हैं वे जिन्‍होंने बिना देखे विश्वास किया।
Joh 20:30  यीशु ने और भी बहुत चिन्‍ह चेलों के साम्हने दिखाए, जो इस पुस्‍तक में लिखे नहीं गए। 
Joh 20:31  परन्‍तु ये इसलिये लिखे गए हैं, कि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है: और विश्वास कर के उसके नाम से जीवन पाओ।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ५४-५६ 
  • रोमियों ३

सोमवार, 30 जुलाई 2012

कूड़ेदान?

   एक दिन मैंने अखबार में पढ़ा कि कुछ लोगों को समुद्र में कूड़ा फेंके जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, उनकी नज़रों में समुद्र को एक विशाल कूड़ेदान के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसी संदर्भ में उस लेख में आगे लिखा था कि, "यदि आप को प्रशान्त महासागर में तैरता हुआ यह विशाल प्लास्टिक का ढेर दिखे तो चौंकिए मत, इसे ’विशाल प्रशान्त महसागरीय कूड़ेदान’ कहते हैं और इसका क्षेत्रफल अमेरिका के टैक्सस प्रांत से भी बड़ा है। इसमें तीन करोड़ टन प्लास्टिक का कूड़ा जिसके प्रति वर्गमील क्षेत्र में औसतन ४६,००० प्लास्टिक की चीज़ें हैं, समुद्र में तैर रहा है!" कुछ अन्य लोगों का मानना है कि इसका आकार इससे भी कहीं अधिक बड़ा है। प्लास्टिक पर्यावरण के लिए विशेषकर हानिकारक है क्योंकि यह ना घुलता है और ना ही नष्ट होता है।

   सृष्टि के आरंभ में जब परमेश्वर ने आदम को बनाया तो उसे इस पृथ्वी और इसपर रहने वाले जीव-जन्तुओं की देख-रेख करने कि ज़िम्मेदारी भी दी: "तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को लेकर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे" (उत्पत्ति २:१५)। सृष्टि के वृतांत में यह भी लिखा है कि परमेश्वर ने जो कुछ बनाया वह भला था और परमेश्वर उससे प्रसन्न था (उत्पत्ति १:१०, २०, २१)।

   यह समस्त सृष्टि हमें सृष्टिकर्ता परमेश्वर की महानता को दिखाती है और उसकी यह महानता तथा कार्यकुशलता हमें उसकी प्रशंसा तथा आराधना करने को प्रेरित करती है। इस सृष्टि का बेपरवाही से प्रयोग करना उस सृष्टिकर्ता परमेश्वर का अनादर करना है। इसे एक विशाल कूड़ेदान के समान उपयोग करना इसमें रहने वाले जीव-जन्तुओं को नष्ट करता है, इसकी सुन्दरता को भ्रष्ट करता है और जो परमेश्वर की दृष्टि में अच्छा है उसे तुच्छ जानना है। हम मसीही विश्वासियों का कर्तव्य है कि हम अपने सृष्टिकर्ता और उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की इस सुन्दर रचना का आदर करें और धरती, जल और आकाश तथा इनमें रहने तथा विचरण करने वाले जीवों की भी परवाह करें, क्योंकि परमेश्वर ने यह सृष्टि केवल हम मनुष्यों के उपयोग के लिए ही नहीं बनाई है। परमेश्वर की इस सृष्टि की देखभाल करना और उसका ध्यान रखना परमेश्वर की प्रत्येक संतान का भी कर्तव्य है। - डेनिस फिशर


पिता परमेश्वर की सृष्टि की देखभाल उसकी विश्वासी सन्तान का कर्तव्य है।

...और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। - (उत्पत्ति १:१०)

बाइबल पाठ: उत्पत्ति १:२०-२८; २:१५
Gen 1:20  फिर परमेश्वर ने कहा, जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश कें अन्तर में उड़ें। 
Gen 1:21  इसलिये परमेश्वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल-जन्तुओं की, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते फिरते हैं जिन से जल बहुत ही भर गया और एक एक जाति के उड़ने वाले पक्षियों की भी सृष्टि की : और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
Gen 1:22  और परमेश्वर ने यह कहके उनको आशीष दी, कि फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें। 
Gen 1:23  तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पांचवां दिन हो गया। 
Gen 1:24  फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से एक एक जाति के जीवित प्राणी, अर्थात घरेलू पशु, और रेंगने वाले जन्तु, और पृथ्वी के वनपशु, जाति जाति के अनुसार उत्पन्न हों; और वैसा ही हो गया। 
Gen 1:25  सो परमेश्वर ने पृथ्वी के जाति जाति के वनपशुओं को, और जाति जाति के घरेलू पशुओं को, और जाति जाति के भूमि पर सब रेंगने वाले जन्तुओं को बनाया : और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
Gen 1:26  फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें। 
Gen 1:27  तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उस ने मनुष्यों की सृष्टि की। 
Gen 1:28  और परमेश्वर ने उनको आशीष दी : और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो। 
Gen 2:15  तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को लेकर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ५१-५३ 
  • रोमियों २

रविवार, 29 जुलाई 2012

वफादारी


   मैं बड़ा प्रसन्न था क्योंकि मेरी पसन्दीदा बेसबॉल टीम डेट्रौइट टाईगर्स का मैच शिकागो व्हाइट सॉक्स के साथ होने वाला था। प्रतिद्वन्दी टीम के स्टेडियम में इस मैच को देखने जाने से पहले मैंने बड़े गर्व से अपनी मनपसन्द टीम डेट्रौइट टाईगर्स की टी-शर्ट पहनी, ताकि मैं सब को दिखा सकूँ कि मैं किस टीम को समर्थन करता हूँ। किंतु मौसम में कुछ ठंडक आने के कारण मुझे उस टी-शर्ट के ऊपर एक और वस्त्र पहनना पड़ा; इससे मुझे निराशा हुई क्योंकि मैं स्टेडियम में आए लोगों को अपनी टीम के प्रति अपनी वफादारी प्रदर्शित नहीं कर पा रहा था; कोई नहीं पहचान पा रहा था कि मैं किस टीम का समर्थक हूँ। बारिश होने के कारण खेल ३ घंटे देर से आरंभ हुआ। खेल आरंभ होने के बाद मैं अपनी टीम के लिए खुले दिल से पुकार सका और सबको जता सका कि मैं किस टीम का समर्थक हूँ।

   प्रेरित पौलुस की अपने प्रभु के प्रति वफादारी सबके सामने खुली थी। उसने रोम के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा "मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ है" (रोमियों १:१६)। सुसमाचार की इस सामर्थ को उसने व्यक्तिगत रीति से अनुभव किया था जब प्रभु यीशु ने उसके जीवन की दिशा और दशा दोनो को नाटकिय ढंग से बदला था। वह यह भी जानता था कि प्रभु अन्य सभी के जीवनों को भी ऐसे ही बदल सकता है; और अपने प्रचार तथा गवाही में वह यही बात सभी को बताता था, इसी कार्य के लिए उसने अपना संपूर्ण जीवन प्रभु यीशु की सेवा में समर्पित कर दिया था।

   रोम के विश्वासी भी प्रभु यीशु में अपने विश्वास के लिए जाने जाते थे; प्रभु यीशु के लिए उनकी वफादारी छुपी हुई नहीं थी। उनके विषय में भी पौलुस ने लिखा: "मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है" (रोमियों १:८)।

   क्या आप भी प्रभु यीशु के अनुयायी हैं? यदि हाँ, तो क्या आप की प्रभु यीशु के प्रति वफादारी जग-विदित है? - ऐने सेटास


प्रभु यीशु के प्रति हमारी वफादारी संसार को दिखाई और सुनाई देनी चाहिए।

मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ है। - रोमियों १:१६

बाइबल पाठ: रोमियों १:८-१६
Rom 1:8  पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है। 
Rom 1:9  परमेश्वर जिस की सेवा मैं अपनी आत्मा से उसके पुत्र के सुसमाचार के विषय में करता हूं, वही मेरा गवाह है कि मैं तुम्हें किस प्रकार लगातार स्मरण करता रहता हूं। 
Rom 1:10  और नित्य अपनी प्रार्थनाओं में बिनती करता हूं, कि किसी रीति से अब भी तुम्हारे पास आने को मेरी यात्रा परमेश्वर की इच्‍छा से सफल हो। 
Rom 1:11  क्‍योंकि मैं तुम से मिलने की लालसा करता हूं, कि मैं तुम्हें कोई आत्मिक वरदान दूं जिस से तुम स्थिर हो जाओ। 
Rom 1:12  अर्थात यह, कि मैं तुम्हारे बीच में होकर तुम्हारे साथ उस विश्वास के द्वारा जो मुझ में, और तुम में है, शान्‍ति पाऊँ। 
Rom 1:13  और हे भाइयों, मैं नहीं चाहता, कि तुम इस से अनजान रहो, कि मैं ने बार बार तुम्हारे पास आना चाहा, कि जैसा मुझे और अन्यजातियों में फल मिला, वैसा ही तुम में भी मिले, परन्‍तु अब तक रुका रहा। 
Rom 1:14  मैं यूनानियों और अन्यभाषियों का और बुद्धिमानों और निर्बुद्धियों का कर्जदार हूं। 
Rom 1:15  सो मैं तुम्हें भी जो रोम में रहते हो, सुसमाचार सुनाने को भरसक तैयार हूं। 
Rom 1:16 क्‍योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ है।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन ४९-५० 
  • रोमियों १