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शनिवार, 8 सितंबर 2012

शब्द


   नवंबर २००८ में अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय में भाषा और शब्दों के अभद्र प्रयोग की वैधानिक सीमाओं पर एक बहस हुई। एक पक्ष ने एक राष्ट्रीय प्रसारण करने वाली कंपनी का उदाहरण दिया जिसने अपने एक राष्ट्रीय प्रसारण में, दो कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ताओं को सामान्य रूप से समाज में प्रयोग करे जाने वाली दो अश्लील शब्दों का प्रयोग करने दिया। इस प्रसारण कंपनी का तर्क था कि ऐसे शब्द जो बात के प्रवाह में प्रयुक्त हों और बिना किसी कामुक या कामोत्तेजक भावना से प्रयोग करे जाएं, उनके प्रयोग के लिए आपत्ति करना उचित नहीं है। दूसरे पक्ष का कहना था कि अपने बच्चों को ऐसी भाषा से बचा कर रखना हमारा कर्तव्य है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, इफसुस की मण्डली को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस ने इस संबंध में कुछ निर्देष दिए। पौलुस के लिए अभद्र भाषा और अश्लील शब्दों का प्रयोग और उनकी सीमाएं किसी बहस का मुद्दा नहीं थे। पौलुस ने उन विश्वासियों से दो टूक कहा कि प्रभु यीशु मसीह में मिले उद्धार और आशीषों के प्रति अपने कर्तव्य स्वरूप उन्हें अपनी भाषा के प्रयोग पर ध्यान देना और नियंत्रण रखना ही है (इफसियों ४:२९)।

   पौलुस नहीं चाहता था कि कि वे लोग उद्धार से पूर्व के अपने पुरानी जीवन शैली में बने रहें; वह जीवन शैली जिसमें अभद्र भाषा, अश्लील शब्दों का प्रयोग, निन्दा, द्वेषपूर्ण भाषा, दूसरों को बदनाम करना, दूसरों को नुकसान पहुँचाने वाली भाषा या आपस में फूट पैदा करने वाली बात-चीत इत्यादि सामन्य रूप से पाए जाते थे। ऐसी भाषा के स्थान पर पौलुस चाहता था कि अब मसीह यीशु से उद्धार पाने और परमेश्वर की सन्तान बन जाने के बाद विश्वासियों की भाषा ऐसी हो जो दूसरों तक अनुग्रह पहुँचाए, उन्हें प्रोत्साहित करे और सुनने वालों की उन्नति का कारण बने।

   प्रभु यीशु के अनुयायी होने के कारण हमें यह ध्यान रखना है कि जो शब्द हमारे मुँह से प्रवाहित होते हैं वे सुनने वालों के लिए जीवनदायक धारा के समान हों। जो भी हमारे शब्दों को सुने वह किसी प्रकार की कटुता नहीं वरन केवल मधुरता ही अनुभव करे। - मार्विन विलियम्स


हमारे शब्द परमेश्वर के वचन द्वारा प्रेरित होने चाहिएं।

कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो। - इफीसियों ४:२९

बाइबल पाठ: इफीसियों ४:२४-३२
Eph 4:24  और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।
Eph 4:25  इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्‍योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Eph 4:26  क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। 
Eph 4:27  और न शैतान को अवसर दो। 
Eph 4:28  चोरी करने वाला फिर चोरी न करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो। 
Eph 4:29 कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो। 
Eph 4:30  और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है। 
Eph 4:31 सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्‍दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। 
Eph 4:32  और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन ३-५ 
  • २ कुरिन्थियों १

शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

निर्देषों का पालन


   लड़कपन का मेरा एक प्रीय शौक था वायुयानों के खिलौने वाले नमूने बनाना। नए वायुयान खिलौने का डिब्बा खोलते ही उसमें सबसे ऊपर उसे बनाने के छपे हुए निर्देष रखे होते थे। लेकिन मुझे नहीं लगता था कि मुझे उनका अध्ययन करने और उनका पालन करने की आवश्यक्ता है, क्योंकि अपने मन में मैं सोच चुका होता था कि उसे कैसे बनाना है। किंतु उसके कुछ भागों को जोड़ लेने के बाद मुझे ज्ञात होता था कि मैं उसे ठीक से बनाने का कोई महत्वपूर्ण क्रम चूक गया हूँ, जिसे सुधारना या तो अब संभव नहीं होगा, या सुधारने के प्रयास में कुछ नुकसान होने की संभावना है।

   यह मान लेना कि हमें अपने जीवनों में किसी और के निर्देषों की आवश्यक्ता नहीं है बहुत आसान है; गलती का एहसास तब ही होता है जब निर्देषों की अवहेलना के नुकसान सामने आने आरंभ होते हैं। इसीलिए प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा कि एक स्थिर, सुरक्षित और कामयाब जीवन के निर्माण के लिए उसके निर्देषों का पालन करने वाला ही बुद्धिमान है (मत्ती ७:२४-२९)। यह कहने से कुछ देर पहले ही वह उन्हें दूसरा गाल दिखाने, साथ निभाने के लिए अतिरिक्त मील जाने, दुशमनों को भी क्षमा करने और सांसारिक संपत्ति गरीबों में दान करके स्वर्ग में संपत्ति अर्जित करने के बारे में उन्हें सिखा चुका था (मत्ती ५:३९-४४)। लेकिन निर्देष सुन लेना ही तो काफी नहीं होता, मुख्य बात तो उनका पालन करना होती है। इसीलिए अपने सन्देश के अन्त में प्रभु यीशु ने चेलों से कहा: "इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्‍हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चटान पर बनाया" (मत्ती ७:२४)।

   जो जीवन के इन निर्देषों का पालन नहीं करते हैं, वे प्रभु यीशु के शब्दों में मूर्ख हैं (पद २६)। संसार के लिए दुशमनों को क्षमा करना और संपत्ति बेचकर गरीबों में दान कर देना जीवन बनाने के लिए मूर्खतापूर्ण बातें हो सकती हैं, लेकिन सृष्टि के सृजनहार और पालनहार प्रभु यीशु की बात मानें; इसी में बुद्धिमता है। - जो स्टोवैल


चट्टान सा स्थिर जीवन बनाने के लिए प्रभु यीशु के निर्देषों का पालन करें।

इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्‍हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चटान पर बनाया। - मत्ती ७:२४

बाइबल पाठ: मत्ती ७:२४-२९
Mat 7:24  इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्‍हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चटान पर बनाया। 
Mat 7:25  और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्‍तु वह नहीं गिरा, क्‍योंकि उस की नेव चटान पर डाली गई थी। 
Mat 7:26  परन्‍तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर बालू पर बनाया। 
Mat 7:27  और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।
Mat 7:28   जब यीशु ये बातें कह चुका, तो ऐसा हुआ कि भीड़ उस के उपदेश से चकित हुई। 
Mat 7:29  क्‍योंकि वह उन से शास्‍त्रियों के समान नहीं परन्‍तु अधिकारी की नाईं उन्‍हें उपदेश देता था।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन १-२ 
  • १ कुरिन्थियों १६

गुरुवार, 6 सितंबर 2012

परमेश्वर के हाथ


   अपने १०१वें जन्मदिन पर जैक बोर्डन प्रातः ५ बजे उठे, अच्छा भरपेट नाश्ता किया और ६:३० बजे अपने दफतर काम करने के लिए पहुँच गए। जब उनसे उनकी लंबी उम्र का राज़ पूछ गया तो इस उम्र में भी कार्यरत इस पेशेवर वकील ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया - "ना मरना"।

   लेकिन बात इससे कुछ और भी आगे है - एक पत्रकार से साक्षात्कार में श्रीमान बोर्डन, जो परमेश्वर में विश्वास करने वाले मसीही विश्वासी हैं और जिन्होंने ११ वर्ष की आयु में अपने विश्वास के अंगीकार के लिए बपतिस्मा लिया था, ने कहा: "मैं यह दृढ़तापूर्वक मानता हूँ कि परमेश्वर का हाथ हर बात में होता है। कुछ कारण है कि वह मुझे जीवित रखे हुए है। जब तक मैं जीवित हूँ, मैं वही करने का प्रयास करता हूँ जो वह चाहता है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक पुरोहित एज़्रा ने भी परमेश्वर के भले हाथ को अपने ऊपर अनुभव किया, जब उसे एक दल का नेतृत्व करके उन्हें यरुशलेम लेकर जाना था ताकि वहां उस नगर और मन्दिर का पुनःनिर्माण कर रहे पूर्व बन्धुओं को आत्मिक नेतृत्व प्रदान कर सके (एज़्रा ७:९-१०)। एज़्रा ने, हर कदम पर परमेश्वर की उनके साथ बनी हुई उपस्थिति से सामर्थ पाई: "और मुझ पर राजा और उसके मंत्रियों और राजा के सब बड़े हाकिमों को दयालु किया। मेरे परमेश्वर यहोवा की कृपादृष्टि जो मुझ पर हुई, इसके अनुसार मैं ने हियाव बान्धा, और इस्राएल में से मुख्य पुरुषों को इकट्ठा किया, कि वे मेरे संग चलें" (एज़्रा ७:२८)।

   जब हम अपने जीवनों में कार्यरत परमेश्वर के हाथ को देखने लगते हैं तो हमारे हृदय की गहराईयों से उसके लिए धन्यवाद उमड़ने लगता है, और साथ ही उसके लिए कार्यकारी रहने की लालसा भी। डेविड मैक्कैसलैंड


यदि आप पहचानेंगे के परमेश्वर का हाथ सब बातों में है, तो आप सब बातें परमेश्वर के हाथों में डालने से नहीं हिचकिचाएंगे।

पहिले महीने के पहिले दिन को वह बाबेल से चल दिया, और उसके परमेश्वर की कृपादृष्टि उस पर रही, इस कारण पांचवें महीने के पहिले दिन वह यरूशलेम को पहुंचा। - एज़्रा ७:९

बाइबल पाठ: एज़्रा ७:६-१०;२७-२८
Ezr 7:6  यही एज्रा मूसा की व्यवस्था के विष्य जिसे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने दी थी, निपुण शास्त्री था। और उसके परमेश्वर यहोवा की कृपादृष्टि जो उस पर रही, इसके कारण राजा ने उसका मुंह मांगा वर दे दिया। 
Ezr 7:7  और कितने इस्राएली, और याजक लेवीय, गवैये, और द्वारपाल और नतीन के कुछ लोग अर्तझत्र राजा के सातवें वर्ष में यरूशलेम को ले गए। 
Ezr 7:8  और वह राजा के सातवें वर्ष के पांचवें महीने में यरूशलेम को पहुंचा। 
Ezr 7:9  पहिले महीने के पहिले दिन को वह बाबेल से चल दिया, और उसके परमेश्वर की कृपादृष्टि उस पर रही, इस कारएा पांचवें महीने के पहिले दिन वह यरूशलेम को पहुंचा। 
Ezr 7:10  क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ बूझ लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। 
Ezr 7:27  धन्य है हमारे पितरों का परमेश्वर यहोवा, जिस ने ऐसी मनसा राजा के मन में उत्पन्न की है, कि यहोवा के यरूशलेम के भवन को संवारे, 
Ezr 7:28  और मुझ पर राजा और उसके मंत्रियों और राजा के सब बड़े हाकिमों को दयालु किया। मेरे परमेश्वर यहोवा की कृपादृष्टि जो मुझ पर हुई, इसके अनुसार मैं ने हियाव बान्धा, और इस्राएल में से मुख्य पुरुषों को इकट्ठा किया, कि वे मेरे संग चलें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन १४८-१५० 
  • १ कुरिन्थियों १५:२९-५८

बुधवार, 5 सितंबर 2012

सदा उपस्थित


   रेडियो इंजीनीयर RBC सेवकाई के एक कार्यक्रम के, अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह के द्वारा, प्रसारण की तैयारियों में लगे हुए थे। उन्होंने सब काम ठीक से पूरे कर लिए, उपग्रह से संपर्क भी जोड़ लिया, परन्तु जैसे ही प्रसारण को उपग्रह तक पहुँचाना आरंभ करने का समय आया, उपग्रह से संपर्क टूट गया। इंजीनियर बहुत परेशान हुए, संपर्क फिर से स्थापित करने की बहुत कोशिश करी किंतु सब नाकाम रहा। फिर उन्हें एक सन्देश पहुँचा - उपग्रह अब अपनी कक्षा में नहीं रहा है, अचानक ही वह उपग्रह अंतरिक्ष से गिर पड़ा और नष्ट हो गया।

   कभी कभी प्रार्थना करते समय हमें भी ऐसा लग सकता है कि वह परमेश्वर जिससे हम संपर्क बनाए और प्रार्थना करना चाह रहे हैं, अचानक ही कहीं ग़ायब हो गया है, उससे हमारा संपर्क हो ही नहीं पा रहा है। किंतु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें आश्वस्त करती है कि परमेश्वर ’अंतरिक्ष से गिर नहीं पड़ा’; वह वहीं है और हमारे लिए हमेशा उपलब्ध है, हमारी देखभाल करता है, हमारी प्रार्थनाएं सुनता है और उनका उत्तर भी देता है।

   दाऊद ने अपनी एक निराशा की स्थिति में लिखा, "सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा" (भजन ५५:१७)। हम चाहे जब भी अपने परमेश्वर पिता को पुकारें, वह अपने बच्चों की पुकार सदा सुनता है। जब दाऊद ने पुकारा, परमेश्वर ने उसकी पुकार सुनी, इसीलिए दाऊद ने आगे लिखा, "अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा" (भजन ५५:२२)। दाऊद द्वारा अपने अनुभव से लिखा गया यह आश्वासन बहुत उत्साहवर्धक है।

   चाहे परमेश्वर हमारे कहे के अनुसार और इच्छित समय में उत्तर ना दे, किंतु वह जो करेगा और जब करेगा वही हमारे लिए सर्वोत्तम होगा। हमारे लिए यही बहुत है कि वह सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर हमारे लिए सदा उपस्थित और कार्यकारी रहता है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर अपने बच्चों की प्रार्थनाएं सुनने के लिए सदा उपलब्ध रहता है।

सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा। - भजन ५५:१७

बाइबल पाठ: भजन ५५:१६-२३
Psa 55:16  परन्तु मैं तो परमेश्वर को पुकारूंगा; और यहोवा मुझे बचा लेगा। 
Psa 55:17  सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा। 
Psa 55:18  जो लड़ाई मेरे विरूद्ध मची थी उस से उस ने मुझे कुशल के साथ बचा लिया है। उन्होंने तो बहुतों को संग लेकर मेरा साम्हना किया था। 
Psa 55:19  ईश्वर जो आदि से विराजमान है यह सुनकर उनको उत्तर देगा। ये वे हैं जिन में कोई परिवर्तन नहीं और उन में परमेश्वर का भय है ही नहीं।
Psa 55:20  उस ने अपने मेल रखने वालों पर भी हाथ छोड़ा है, उस ने अपनी वाचा को तोड़ दिया है। 
Psa 55:21  उसके मुंह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थी परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं।
Psa 55:22  अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।
Psa 55:23  परन्तु हे परमेश्वर, तू उन लोगों को विनाश के गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन १४६-१४७ 
  • १ कुरिन्थियों १५:१-२८

मंगलवार, 4 सितंबर 2012

सौंदर्य प्रसाधन


   क्या आपने बोटॉक्स इन्जैक्शन लिए हैं? बहुत से लोग ये इन्जैक्शन लेते हैं; कुछ तो इलाज के लिए परन्तु अधिकांशतः फिर से जवान दिखने के लिए इस इन्जैक्शन को लगवाते हैं। इन पुनः जवान दिखने की लालसा रखने वालों के लिए सुन्दर और स्वस्थ दिखाई देना इतना महत्वपूर्ण होता है कि वे इस स्वरूप निखारने की पद्धति के अन्तर्गत बार बार अपने चेहेरे पर सुई लगवाने के लिए तैयार रहते हैं जिससे उनके चेहरे की झुर्रियां कुछ समय के लिए जाती रहें। जब झुर्रियां फिर से दिखाई देने लगती हैं तो इस दवाई की सूई उन्हें फिर से चेहरे के उन झुर्रियों वाले भाग में लगवानी पड़ती है।

   बोटॉक्स इन्जैक्शन का प्रयोग काफी महंगा है, और उसके कुछ संभावित दुषपरिणाम भी होते हैं जिनसे चेहरा बहुत बिगड़ भी सकता है, किंतु इन सुन्दर प्रतीत होने की चाह रखने वालों के लिए यह कोई चिंता की बात नहीं है। कुछ समय के लिए ही सही किंतु फिर से जवानी का सा स्वरूप दिखाने की इच्छा रखने वाले ये लोग हर कीमत पर और जोखिम उठाकर भी इसका उपयोग करने से नहीं हिचकिचाते।

   बाहरी सौन्दर्य की चाह रखना बुरा नहीं है, लेकिन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है भीतरी सौन्दर्य - हम अन्दर से कैसे हैं? अपने भीतरी स्वरूप को, अपने चरित्र को संवारने के लिए हम क्या कीमत देने, उसके लिए क्या कुछ दांव पर लगाने, और किस सीमा तक जाने को तैयार हैं?

   क्या हम अपनी आत्मा को संवारने के लिए प्रेम, नम्रता, दया, सहनशीलता, भलाई, स्वार्थहीन सहायता आदि की "सूई" लगवाने को तैयार हैं जिससे हमारे भीतरी मनुष्यत्व का सौन्दर्य निखर उठे (इफिसीयों ४:२-३)? क्या हम बार बार इस आत्मिक चिकित्सा के लिए परमेश्वर के पास आने, उसके सामने अपनी कमियों, खामियों और पापों को मानने तथा उसके द्वारा निर्धारित नुसखे को अपनाने को तैयार हैं?

   भला बनने के इच्छुक हैं? परमेश्वर के वचन बाइबल से चरित्र निर्माण और उत्थान के पद ले लीजिए और परमेश्वर के पवित्र आत्मा की सहायता से उन पदों में वर्णित ईश्वरीय गुणों को अपने जीवनों में भर लीजिए, उन पर चलना आरंभ कर दीजिए। परिणाम केवल भला ही होगा, और साथ ही इस ’इलाज’ का ना तो कोई जोखिम है और ना कोई दुषपरिणाम; जो भी परिणाम है वह केवल भला ही है। आत्मा के सौन्दर्य को संवारने और निखारने के लिए इससे बेहतर और कारगर सौन्दर्य प्रसाधन कहीं नहीं मिलेगा। - डेव ब्रैनन


संसार में ईश्वरीय चरित्र से उत्तम कोई दूसरा सौन्दर्य प्रसाधन नहीं है।

और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है। - इफिसीयों ४:२४

बाइबल पाठ: इफिसीयों ४:१७-२४
Eph 4:17  इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अपने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो। 
Eph 4:18 क्‍योंकि उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं। 
Eph 4:19 और वे सुन्न होकर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्‍दे काम लालसा से किया करें। 
Eph 4:20  पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई। 
Eph 4:21  वरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु मे सत्य है, उसी में सिखाए भी गए। 
Eph 4:22 कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो। 
Eph 4:23 और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ। 
Eph 4:24 और न्ये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन १४३-१४५ 
  • १ कुरिन्थियों १४:२१-४०

सोमवार, 3 सितंबर 2012

बचने के तरीके


   पांच वर्षीय जेना के दिन का आरंभ अच्छा नहीं हुआ था। अपनी इच्छा के अनुसार हर कार्य को करने के उसके प्रयास सफल नहीं हो रहे थे। तर्क करना किसी काम नहीं आया, मुँह फुलाना और बिगड़ी हुई सूरत बनाकर बैठ जाना व्यर्थ रहा, रोने और हठ करने से कुछ हासिल नहीं हुआ। उसकी इन हरकतों से परेशान होकर उसकी माँ ने उसे वह बाइबल पद स्मरण दिलाया जिसे जेना याद करने में लगी हुई थी: "मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरूद्ध पाप न करूं" (भजन ११९:११)।

   संभवतः जेना इस पद पर कुछ विचार कर चुकी थी; उसने तुरंत उत्तर दिया, "माँ ठीक है, किंतु इस पद में पाप न करने की संभावना के बारे में कहा गया है, निश्चितता के बारे में नहीं।" जेना का तर्क एक जाना पहचाना तर्क है। किसी नियम का उल्लंघन करना, किसी आज्ञा को तोड़ना, और ऐसा करने के लिए तोड़-मरोड़ कर शब्दों के प्रयोग या उनके अर्थों को निकालने कुछ लोगों को बड़ा अच्छा लगता है; वे ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं।

   यह वर्तमान समय ही की बात नहीं है और ना ही केवल संसार के सामान्य लोगों की बात है। प्रभु यीशु ने अपने समय के धार्मिक अगुवों में भी इसी प्रवृत्ति को पाया जो परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन अपनी स्वार्थसिधी के लिए करते थे और संसार के समक्ष नियमों की अवहेलना के दोष से बचने के तरीके रखते थे (मरकुस ७:१-१३)। परमेश्वर के नियम और आज्ञाएं उन्हें अपने माता-पिता की आवश्यकताओं की पूर्ति करने और अपनी संपत्ति द्वारा उनका ध्यान रखने को कहते थे। इस कारण वे अगुवे इस ज़िम्मेदारी से बचने के लिए अपनी संपत्ति परमेश्वर को उसके मन्दिर में ’कुर्बान’ कर देते थे। अब परमेश्वर को ’कुर्बान’ इस संपत्ति का उपयोग भला मन्दिर के बाहर कैसे हो सकता था? किंतु क्योंकि उन धार्मिक अगुवों का पालन-पोषण मन्दिर से होता था, इसलिए उनके अपने लिए वह संपत्ति उपलब्ध रहती थी! ऐसे तर्क देकर वे समाज को धोखा दे सकते थे, समाज की नज़रों में दोषी होने से बच सकते थे; लेकिन वे परमेश्वर को धोखा नहीं दे सकते थे, वे उसके समक्ष अनाज्ञाकारी होने के न्याय से नहीं बच सकते थे। प्रभु यीशु ने उन अगुवों को इसी बात के लिए कठोर शब्दों में चिताया।

   अपने जीवन में सावधान रहिए; जब भी आप किसी आज्ञा से बचने के तरीके ढ़ूंढते हैं, वास्तव में आप अनाज्ञाकारिता के तरीके खोजते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


चाहे हम किसी आज्ञा के ना मानने को वैध ठहराने के लिए कोई भी बहाना क्यों ना बना लें, परमेश्वर उसे अनाज्ञाकारिता ही मानता है।

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरूद्ध पाप न करूं। - भजन ११९:११

बाइबल पाठ: मरकुस ७:१-१३
Mar 7:1   तब फरीसी और कई एक शास्त्री जो यरूशलेम से आए थे, उसके पास इकट्ठे हुए। 
Mar 7:2  और उन्‍होंने उसके कई चेलों को अशुद्ध अर्थात बिना हाथ धोए रोटी खाते देखा। 
Mar 7:3  क्‍योंकि फरीसी और सब यहूदी, पुरिनयों की रीति पर चलते हैं और जब तक भली भांति हाथ नहीं धो लेते तब तक नहीं खाते। 
Mar 7:4  और बाजार से आकर, जब तक स्‍नान नहीं कर लेते, तब तक नहीं खाते; और बहुत सी और बातें हैं, जो उन के पास मानने के लिये पहुंचाई गई हैं, जैसे कटोरों, और लोटों, और तांबे के बरतनों को धोना-मांझना। 
Mar 7:5  इसलिये उन फरीसियों और शास्‍त्रियों ने उस से पूछा, कि तेरे चेले क्‍यों पुरिनयों की रीतों पर नहीं चलते, और बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं? 
Mar 7:6   उस ने उन से कहा; कि यशायाह ने तुम कपटियों के विषय में बहुत ठीक भविष्यद्ववाणी की; जैसा लिखा है, कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है। 
Mar 7:7  और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्‍योंकि मनुष्यों की आज्ञाओं को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं। 
Mar 7:8  क्‍योंकि तुम परमेश्वर की आज्ञा को टालकर मनुष्यों की रीतियों को मानते हो। 
Mar 7:9  और उस ने उन से कहा; तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर आज्ञा कैसी अच्‍छी तरह टाल देते हो! 
Mar 7:10 क्‍योंकि मूसा ने कहा है कि अपने पिता और अपनी माता का आदर कर; ओर जो कोई पिता वा माता को बुरा कहे, वह अवश्य मार डाला जाए। 
Mar 7:11 परन्‍तु तुम कहते हो कि यदि कोई अपने पिता वा माता से कहे, कि जो कुछ तुझे मुझ से लाभ पहुंच सकता था, वह कुरबान अर्थात संकल्प हो चुका। 
Mar 7:12  तो तुम उस को उसके पिता वा उस की माता की कुछ सेवा करने नहीं देते। 
Mar 7:13 इस प्रकार तुम अपनी रीतियों से, जिन्‍हें तुम ने ठहराया है, परमेश्वर का वचन टाल देते हो; और ऐसे ऐसे बहुत से काम करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन १४०-१४२ 
  • १ कुरिन्थियों १४:१-२०

रविवार, 2 सितंबर 2012

शांति


   हमारा संसार शोर से भरा हुआ है और संसार में यह शोर बढ़ता ही जा रहा है। किंतु, एक समाचार के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पूर्ण खामोशी के लिए एक मार्ग पा लिया है: "New Journal of Physics में छपे एक लेख के अनुसार वैज्ञानिकों ने एक ’ध्वनि कवच’ का खाका तैयार किया है जिसके पार ध्वनि तरंगें जा नहीं सकतीं। इस तकनीक के द्वारा ध्वनि से सुरक्षित घर, संगीत-सभाओं के लिए बड़े हॉल और गुप्त रहने वाले युद्धपोत बनाना संभव हो सकेगा।"

   जब हम परमेश्वर के साथ समय बिताने और मनन के लिए एक शांत स्थान ढूंढते हैं, तो इच्छा होती है कि कोई ऐसा ही ध्वनि कवच हमें भी मिल जाए जिससे हम भी बिना ध्यान बंटे मनन के लिए बैठ सकें। परन्तु यदि हमें कोई ऐसा साधन मिल भी जाए जो हमारे आस-पास के सारे शोर को हम तक पहुँचने से रोक सके तो भी अपने भीतर के कोलाहल को कैसे शांत करेंगे? मन में उठती चिंताओं का शोर तो फिर भी हमारे अन्दर गूंजता रहेगा और विचिलित करता तथा हमारा ध्यान बंटाता रहेगा। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम भजनकार द्वारा परमेश्वर की ओर से लिखित निर्देश पाते हैं: "चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं" (भजन ४६:१०)। लेकिन व्यावाहरिक रीति से हम अपने मनों को शांत कैसे करें?

   परमेश्वर हमारी दुविधा को जानता है और उसने हमारे लिए अपना बनाया ’ध्वनि कवच’ उपलब्ध कराया है - हम अपनी अशांति और चिंताएं उसकी शांति से अदल-बदल कर लें। परमेश्वर ने कहा: "किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी" (फिलिप्पियों ४:६-७)।

   जब हम समर्पित मन के साथ परमेश्वर के हाथों में अपनी चिंताओं को डालकर उन्हें वहीं छोड़ देते हैं, और परमेश्वर को अपना काम अपनी रीति से करने देते हैं, उसके समय और उसकी कार्यविधियों का आदर करते हैं, तो अपने अन्दर उसकी अद्भुत शांति को पाते हैं; ऐसी शांति जो हमारे किसी प्रयास से नहीं मिल सकती, केवल वह ही प्रदान कर सकता है। - डेनिस फिशर


जो परमेश्वर के सामने शांत रहते हैं, परमेश्वर की शांति उनहे उपलब्ध रहती है।

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान् हूं! - भजन ४६:१०

बाइबल पाठ: भजन ४६
Psa 46:1  परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक। 
Psa 46:2  इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं; 
Psa 46:3  चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।
Psa 46:4  एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है। 
Psa 46:5  परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है। 
Psa 46:6  जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई। 
Psa 46:7  सेनाओं का यहोवा हमारे संगे है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
Psa 46:8  आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उस ने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है। 
Psa 46:9  वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है! 
Psa 46:10  चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान् हूं!
Psa 46:11  सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन १३७-१३९ 
  • १ कुरिन्थियों १३