ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 7 नवंबर 2012

उपस्थिति का अनुभव


   मुझे चर्च के बाहर लिख कर लगाए गए वाक्य पढ़ने में दिलचस्पी है। हाल ही में मैंने एक वाक्य पढ़ा जो मुझे काफी रोचक लगा; लिखा था "अन्दर आईये और परमेश्वर की उपस्थिति अनुभव कीजिए।" मुझे यह रोचक इसलिए लगा क्योंकि ऐसा कहना एक ऐसी महत्वपूर्ण प्रतिज्ञा करना है जिसको निभाना सरल नहीं है। सरल इसलिए नहीं है क्योंकि इस संदर्भ में चर्च के सदस्यों की ज़रा सी लापरवाही चर्च में परमेश्वर की उपस्थिति प्रतिबिंबित करने की बजाए चर्च के लोगों को ही प्रतिबिंबित करने लगती है।

   इसलिए, परमेश्वर की उपस्थिति दिखाने के लिए चर्च के लोगों को परमेश्वर प्रभु यीशु के समान जीवन जीकर दिखाना चाहिए, अर्थात उनमें ऐसे सक्रीय गुण होने चाहिऐं जैसे प्रभु यीशु में थे - सेवा, हर प्रकार के लोगों को सहर्ष स्वीकार करना, सहायता करने को सदा तत्पर, लोगों से ऐसा प्रत्यक्ष सच्चा प्रेम जो बिना किसी रंग या जाति या अन्य किसी बात का भेद किए सबको समान आदर देता है और उन्हें सुरक्षित अनुभव करवाता है, दूसरों की कमज़ोरीयों के प्रति सहिष्णुता आदि।

   प्रेरित पौलुस ने कहा "...तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो..." (कुलुस्सियों १:१०); और इस योग्य चाल-चलन के विषय में लिखा: "सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धर कर प्रेम से एक दूसरे को सह लो। और मेल के बन्‍ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो" (इफीसियों ४:१-३)।

   यही हम मसीही विश्वासियों को जी कर दिखाना है जिससे हमारे तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की उपस्थिति हमारे व्यक्तिगत जीवनों में और चर्च में संसार को स्पष्ट दिखाई दे और संसार प्रभु यीशु की वास्तविकता को जान सके। - जो स्टोवैल


जो मसीह के साथ चलते हैं, वे अपने आस-पास वालों को अपने जीवनों से उसकी उपस्थिति का एहसास भी कराते हैं।

...तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो... - कुलुस्सियों १:१०

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों १:९-१४
Col 1:9  इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्‍छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ। 
Col 1:10  ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। 
Col 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्‍द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको। 
Col 1:12  और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिस ने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। 
Col 1:13 उसी ने हमें अन्‍धकार के वश से छुड़ा कर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। 
Col 1:14 जिस से हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्‍त होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ४०-४२ 
  • इब्रानियों ४

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

अभी करें!


   कुछ वर्ष पहले मेरा एक मित्र मुझे जीवन के कार्यों में प्रोत्साहन और प्रेर्णा सिखाने वाले एक सेमिनार में ले कर गया, जो मुझे बहुत अच्छा लगा। उस सेमिनार में सिखाने वालों ने धन और सफलता पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए हमारा ध्यान हमारी विशिष्ट पहचान और जीवन में हमारे उद्देश्य की ओर खींचा। उन्होंने हमें कुछ बातें सिखाईं जो प्रभावी जीवन जीने में हमारी सहायक हैं। उनकी सिखाई हुई बातों में से एक थी "अभी करें।" उनका इस बात के पीछे सिद्धांत था कि किसी कार्य को टालने में भी उतनी ही ऊर्जा व्यय होती है जितनी उसे करने में; टालने से समय और शक्ति क्ष्यय होते हैं, कर लेने से राहत मिलती है।

   यही सिद्धांत परमेश्वर के वचन बाइबल के इब्रानियों के नाम लिखी पत्री के तीसरे अध्याय में भी देखने को मिलता है। इस अध्याय में तत्परता के साथ एक विशिष्ट कार्य - परमेश्वर की आज्ञाकारिता करने पर ज़ोर दिया गया है। बार बार वहां आया है कि आज यदि परमेश्वर की आज्ञा या आवाज़ सुनो तो उस बात को टालो मत; मनों को पाप के धोखे में आकर कठोर होने और अनाज्ञाकारी होने से बचाए रखो (इब्रानियों ३:७, ८, १३)। इस सिद्धांत की उपेक्षा के दुष्परिणामों का उदाहरण इस्त्राएल की ४० वर्षीय जंगल यात्रा से दिया गया है, जो उन्हें अपनी अनाज्ञाकारिता के कारण करनी पड़ी। यद्यपि इस्त्राएल वाचा किए हुए कनान देश में पहुँचने के निकट था, किंतु अपनी ढिठाई और परमेश्वर की आज्ञा की अवहेलना के कारण उन्हें प्रवेश करने के लिए ४० वर्ष इंतिज़ार और यात्रा करनी पड़ी जब तक परमेश्वर के विरुद्ध बलवा करने वाली वह पूरी पीढ़ी उस यात्रा में जाती ना रही।

   जब हम जानते हैं कि परमेश्वर हम से कैसे जीवन की आशा रखता है, तो वैसा जीवन जीने के लिए "हां" क्यों नहीं कर लेते? परमेश्वर की आज्ञा टालने से क्या लाभ होगा? अनाज्ञाकारिता से तो हम केवल अपनी आशीषें और अपना जीवन गंवाएंगे। ठान लें और विवाद और विलंब छोड़कर परमेश्वर की कही बात को अभी करें! - डेविड मैक्कैसलैंड


आज ही और अभी कर लें। आज का दिन, कल को बीता हुआ कल बन जाएगा।

वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। - इब्रानियों ३:१३

बाइबल पाठ: इब्रानियों ३:७-१५
Heb 3:7 सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्‍द सुनो। 
Heb 3:8  तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था। 
Heb 3:9  जहां तुम्हारे बापदादों ने मुझे जांच कर परखा और चालीस वर्ष तक मेरे काम देखे। 
Heb 3:10  इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना। 
Heb 3:11  तब मैं ने क्रोध में आकर शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे। 
Heb 3:12  हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए। 
Heb 3:13  वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। 
Heb 3:14  क्‍योंकि हम मसीह के भागी हुए हैं, यदि हम अपने प्रथम भरोसे पर अन्‍त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३७-३९ 
  • इब्रानियों ३

सोमवार, 5 नवंबर 2012

छाप


   इंग्लैंड में एक गांव है सैर्लिओन जिसका बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। यह गांव उन तीन स्थानों में से एक है जहां रोम की सेनाएं तैनात रहती थीं, जब उन्होंने ब्रिटैन पर कब्ज़ा किया हुआ था। यद्यपि लगभग १५०० वर्ष पहले वहां पर उन रोमी सेनाओं की उपस्थिति समाप्त हो गई लेकिन आज भी उनकी तब की मौजूदगी की छाप वहां देखी जा सकती है। संसार भर से सैलानी वहां आते हैं कि वहां के सैनिक दुर्ग, सैनिकों के निवास स्थल, उनके मनोरंजन स्थल आदि और रोम द्वारा संसार पर राज्य के स्मारकों को देख सकें।

   मुझे इस बात से अचरज होता है कि १५ शताब्दियों के बाद भी रोम की उपस्थिति की छाप उस स्थान पर आज भी स्पष्ट देखी जा सकती है। लेकिन साथ ही मैं एक और छाप के बारे में भी सोचता हूँ - हम मसीही विश्वासियों के जीवन में हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की छाप!

   प्रभु यीशु ने कहा: "...तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे पिता की, जो स्‍वर्ग में हैं, बड़ाई करें" (मत्ती ५:१६)। हमारे कार्यों और हमारी गवाही के प्रकाश के द्वारा लोगों को दिखना चाहिए कि परमेश्वर हमारे जीवनों में है। हमारी जीवन शैली ऐसी होनी चाहिए कि लोगों को संसार से भिन्नता दिखाई भी दे और वे हमारे जीवनों और कार्यों के लिए परमेश्वर को महिमा देने पाएं।

   क्या हम अपने जीवनों में अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर की छाप संसार के सामने स्पष्ट रीति से प्रदर्षित होने देते हैं? क्या वे लोग जो हमारे संपर्क में आते हैं पहचानने पाते हैं कि प्रभु यीशु हमारे जीवन में निवास करता है? क्या हमारे उद्धारकर्ता की छाप हमारे जीवन में दिखाई देती है? - बिल क्राउडर


अपनी गवाही इतने बड़े अक्षरों में दिखाएं कि संसार उसे स्पष्ट पढ़ सके।

उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे पिता की, जो स्‍वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती ५:१६

बाइबल पाठ: मत्ती ५:१३-२०
Mat 5:13  तुम पृथ्वी के नमक हो, परन्‍तु यदि नमक का स्‍वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्‍तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए। 
Mat 5:14  तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। 
Mat 5:15  और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्‍तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। 
Mat 5:16  उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे पिता की, जो स्‍वर्ग में हैं, बड़ाई करें।
Mat 5:17  यह न समझो, कि मैं व्यवस्था या भविष्यद्वक्ताओं की पुस्‍तकों को लोप करने आया हूं। 
Mat 5:18  लोप करने नहीं, परन्‍तु पूरा करने आया हूं, क्‍योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक आकाश और पृथ्वी टल न जाएं, तब तक व्यवस्था से एक मात्रा या बिन्‍दु भी बिना पूरा हुए नहीं टलेगा। 
Mat 5:19  इसलिये जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़े, और वैसा ही लोगों को सिखाए, वह स्‍वर्ग के राज्य में सब से छोटा कहलाएगा; परन्‍तु जो कोई उन का पालन करेगा और उन्‍हें सिखाएगा, वही स्‍वर्ग के राज्य में महान कहलाएगा। 
Mat 5:20  क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि यदि तुम्हारी धामिर्कता शास्‍त्रियों और फरीसियों की धामिर्कता से बढ़कर न हो, तो तुम स्‍वर्ग के राज्य में कभी प्रवेश करने न पाओगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३४-३६ 
  • इब्रानियों २

रविवार, 4 नवंबर 2012

सुनने को तैयार


   जौन एक नम्र, अशिक्षित व्यक्ति है जिसे परमेश्वर ने मोज़ामबीक में शांति लाने की प्रक्रिया का आरंभ करने के लिए प्रयोग किया। आपको उसका नाम इस शांति प्रक्रिया से संबंधित किसी आधिकारिक दस्तावेज़ में नहीं मिलेगा; जौन ने केवल इतना किया था कि अपने दो परिचितों के बीच आपसी भेंट और वार्ता का प्रबन्ध किया - एक परिचित थे कीन्या देश के राजदूत बेथेल किप्लागत और दूसरे थे मोज़ाम्बीकि देश के एक नागरिक। इस भेंट और वार्ता से जो बात आरंभ हुई वह मोज़ामबीक में १० वर्षों से चल रहे गृह-युद्ध को समाप्त करने वाली शांति वार्ता आरंभ करने का माध्यम बनी।

   अपने इस अनुभव के आधार पर राजदूत किप्लागत ने हर व्यक्ति को सम्मान देने के महत्व को समझा। उन्होंने कहा, "किसी की आप इसलिए उपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि वह अशिक्षित है, या वह श्वेत अथवा श्याम रंग का है, या स्त्री है, या बुज़ुर्ग है अथवा उम्र में छोटा है। हर मुलाकात महत्वपूर्ण और पावन है और हमें उसकी कद्र करनी है। हम नहीं जानते कि उस मुलाकात में हमारे लिए क्या सन्देश रखा हो।"

   परमेश्वर का वचन बाइबल भी इस तथ्य के सत्य को प्रमाणित करती है। अराम के राजा का सेनापति नामान एक बड़ा प्रभावशाली और सामर्थी व्यक्ति था, किंतु वह कोढ़ी था। उसके द्वारा इस्त्राएल से बन्धुआ बनाकर लाई गई एक छोटी लड़की ने, जो उसके यहां दासी थी, नामान की पत्नि को बताया कि इस्त्राएल में एलीशा भविष्यद्वक्ता उसके पति को चंगा कर सकता है। क्योंकि नामान इस दासी और उम्र में छोटी लड़की की बात सुनने को तैयार हुआ, ना केवल उसका रोग जाता रहा और उसका जीवन बच सका, वरन वह एकमात्र सच्चे और जीवते परमेश्वर को भी जान सका (२ राजा ५:१५)।

   परमेश्वर कई दफा हम से ऐसे लोगों में होकर बात करता है जिनकी सुनने को संसार में कम ही लोग तैयार होते हैं। परमेश्वर की बात सुनना चाहते हैं तो दीन और नम्र लोगों की बात सुनने को तैयार रहें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अपनी असाधारण योजनाओं को पूरा करने के लिए परमेश्वर साधारण लोगों को प्रयोग करता है।

तब वह अपने सब दल बल समेत परमेश्वर के भक्त के यहां लौट आया, और उसके सम्मुख खड़ा होकर कहने लगा सुन, अब मैं ने जान लिया है, कि समस्त पृथ्वी में इस्राएल को छोड़ और कहीं परमेश्वर नहीं है। इसलिये अब अपने दास की भेंट ग्रहण कर। - २ राजा ५:१५

बाइबल पाठ: २ राजा ५:१-१६
2Ki 5:1  अराम के राजा का नामान नाम सेनापति अपने स्वामी की दृष्टि में बड़ा और प्रतिष्ठित पुरुष था, क्योंकि यहोवा ने उसके द्वारा अरामियों को विजयी किया था, और यह शूरवीर था, परन्तु कोढ़ी था। 
2Ki 5:2  अरामी लोग दल बान्धकर इस्राएल के देश में जाकर वहां से एक छोटी लड़की बन्धुवाई में ले आए थे और वह नामान की पत्नी की सेवा करती थी। 
2Ki 5:3  उस ने अपनी स्वामिन से कहा, जो मेरा स्वामी शोमरोन के भविष्यद्वक्ता के पास होता, तो क्या ही अच्छा होता ! क्योंकि वह उसको कोढ़ से चंगा कर देता। 
2Ki 5:4  तो किसी ने उसके प्रभु के पास जाकर कह दिया, कि इस्राएली लड़की इस प्रकार कहती है। 
2Ki 5:5  अराम के राजा ने कहा, तू जा, मैं इस्राएल के राजा के पास एक पत्र भेजूंगा; तब वह दस किक्कार चान्दी और छ: हजार टुकड़े सोना, और दस जोड़े कपड़े साथ लेकर रवाना हो गया। 
2Ki 5:6  और वह इस्राएल के राजा के पास वह पत्र ले गया जिस में यह लिखा था, कि जब यह पत्र तुझे मिले, तब जानना कि मैं ने नामान नाम अपने एक कर्मचारी को तेरे पास इसलिये भेजा है, कि तू उसका कोढ़ दूर कर दे। 
2Ki 5:7  इस पत्र के पढ़ने पर इस्राएल का राजा अपने वस्त्र फाड़ कर बोला, क्या मैं मारने वाला और जिलाने वाला परमेश्वर हूँ कि उस पुरुष ने मेरे पास किसी को इसलिये भेजा है कि मैं उसका कोढ दूर करूं? सोच विचार तो करो, वह मुझ से झगड़े का कारण ढूंढ़ता होगा। 
2Ki 5:8  यह सुनकर कि इस्राएल के राजा ने अपने वस्त्र फाड़े हैं, परमेश्वर के भक्त एलीशा ने राजा के पास कहला भेजा, तू ने क्यों अपने वस्त्र फाड़े हैं? वह मेरे पास आए, तब जान लेगा, कि इस्राएल में भविष्यद्वक्ता तो है। 
2Ki 5:9  तब नामान घोड़ों और रथों समेत एलीशा के द्वार पर आकर खड़ा हुआ। 
2Ki 5:10  तब एलीशा ने एक दूत से उसके पास यह कहला भेजा, कि तू जाकर यरदन में सात बार डुबकी मार, तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा, और तू शुद्ध होगा। 
2Ki 5:11  परन्तु नामान क्रोधित हो यह कहता हुआ चला गया, कि मैं ने तो सोचा था, कि अवश्य वह मेरे पास बाहर आएगा, और खड़ा होकर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना करके कोढ़ के स्थान पर अपना हाथ फेरकर कोढ़ को दूर करेगा ! 
2Ki 5:12  क्या दमिश्क की अबाना और पर्पर नदियां इस्राएल के सब जलाशयों से अत्तम नहीं हैं? क्या मैं उन में स्नान करके शुद्ध नहीं हो सकता हूँ? इसलिये वह जलजलाहट से भरा हुआ लौटकर चला गया। 
2Ki 5:13  तब उसके सेवक पास आकर कहने लगे, हे हमारे पिता यदि भविष्यद्वक्ता तुझे कोई भारी काम करने की आज्ञा देता, तो क्या तू उसे न करता? फिर जब वह कहता है, कि स्नान करके शुद्ध हो जा, तो कितना अधिक इसे मानना चाहिये। 
2Ki 5:14  तब उस ने परमेश्वर के भक्त के वचन के अनुसार यरदन को जाकर उस में सात बार डुबकी मारी, और उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; उौर वह शुद्ध हो गया। 
2Ki 5:15  तब वह अपने सब दल बल समेत परमेश्वर के भक्त के यहां लौट आया, और उसके सम्मुख खड़ा होकर कहने लगा सुन, अब मैं ने जान लिया है, कि समस्त पृथ्वी में इस्राएल को छोड़ और कहीं परमेश्वर नहीं है। इसलिये अब अपने दास की भेंट ग्रहण कर। 
2Ki 5:16  एलीशा ने कहा, यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ उसके जीवन की शपथ मैं कुछ भेंट न लूंगा, और जब उस ने उसको बहुत विवश किया कि भेंट को ग्रहण करे, तब भी वह इनकार ही करता रहा। 

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३२-३३ 
  • इब्रानियों १

शनिवार, 3 नवंबर 2012

हर पल के लिए तैयार


   अभिनेता क्रिस्टोफर रीव्स सन १९९५ में घुड़सवारी करते हुए दुर्घटनाग्रस्त हुए जिससे उनके हाथों और पैरों का काम करना जाता रहा। इस दुर्घटना से पहले रीव्स ने एक फील्म में ऐसे ही एक मरीज़ की भूमिका निभाई थी। उस भूमिका की तैयारी के लिए वे एक संस्था में जाया करते थे जहां ऐसे रोगियों का इलाज और पुनर्स्थापना सिखाई जाती थी। रीव्स ने स्मरण किया कि हर बार जब वे उस संस्था से लौटते थे तो उनके मन में होता था "परमेश्वर का धन्यवाद हो कि यह मेरे साथ नहीं हुआ।" लेकिन इस दुर्घटना के बाद रीव्स को अपनी इस सोच पर दुख हुआ; इस संदर्भ में उन्होंने कहा, "मैं अपने आप को उन पक्षाघात से पीड़ित रोगियों से बिलकुल पृथक करके देखता था, बिना यह सोचे-समझे कि कभी भी क्षण भर में ही मैं भी इनके समान ही हो सकता हूँ।" और यह दुखद दुर्घटना उनके साथ घट गई।

   दुसरों को दुख-तकलीफों में देखकर हम भी सोच सकते हैं, और अकसर सोचते भी हैं कि ऐसा मेरे साथ नहीं हो सकता। हमारा ऐसा विचार विशेषतः तब होता है जब जीवन में हम सफलता, समृद्धि और पारिवारिक स्थिरता के समय से निकल रहे होते हैं। राजा दाऊद ने भी सफलता के एक समय में अपनी योग्यता के घमण्ड में अपने आप को हर नुकसान से सुरक्षित समझा: "मैं ने तो चैन के समय कहा था, कि मैं कभी नहीं टलने का" (भजन ३०:६)। परन्तु तुरन्त ही उसने अपने मन को साधा और अपने घमण्ड से मुँह फेरा; उसने स्मरण किया कि बीते समयों में वह कठिनाईयों का सामना कर चुका है और परमेश्वर ही ने उसे उन सब से बचाया था: "तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवा कर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है" (भजन ३०:११)।

   चाहे हम आशीषों से होकर निकलें या परेशानियों द्वारा परखे जाएं, हर परिस्थिति में हमारा भरोसा अपनी किसी योग्यता या सामर्थ पर नहीं वरन केवल परमेश्वर और उसकी सामर्थ पर रहना चाहिए, क्योंकि कौन सा क्षण हमारे लिए क्या ले आएगा यह केवल परमेश्वर ही जानता है और जो उसपर भरोसा रखते हैं, उन्हें वह हर पल के लिए तैयार भी रखता है: "तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्‍चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा कि तुम सह सको" (१ कुरिन्थियों १०:१३)। - डेनिस फिशर


समय चाहे अच्छा हो या बुरा, हर समय में हमारी सबसे बड़ी आवश्यकता परमेश्वर का साथ ही है।

मैं ने तो चैन के समय कहा था, कि मैं कभी नहीं टलने का। - भजन ३०:६

बाइबल पाठ: भजन ३०
Psa 30:1  हे यहोवा मैं तुझे सराहूंगा, क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया। 
Psa 30:2  हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है। 
Psa 30:3  हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है।
Psa 30:4  हे यहोवा के भक्तों, उसका भजन गाओ, और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो। 
Psa 30:5  क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सवेरे आनन्द पहुंचेगा।
Psa 30:6  मैं ने तो चैन के समय कहा था, कि मैं कभी नहीं टलने का। 
Psa 30:7  हे यहोवा अपनी प्रसन्नता से तू ने मेरे पहाड़ को दृढ़ और स्थिर किया था; जब तू ने अपना मुख फेर लिया तब मैं घबरा गया।
Psa 30:8  हे यहोवा मैं ने तुझी को पुकारा, और यहोवा से गिड़गिड़ाकर यह बिनती की, कि 
Psa 30:9  जब मैं कब्र में चला जाऊंगा तब मेरे लोहू से क्या लाभ होगा? क्या मिट्टी तेरा धन्यवाद कर सकती है? क्या वह तेरी सच्चाई का प्रचार कर सकती है? 
Psa 30:10  हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनुग्रह कर? हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो।
Psa 30:11  तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवा कर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है; 
Psa 30:12  ताकि मेरी आत्मा तेरा भजन गाती रहे और कभी चुप न हो। हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं सर्वदा तेरा धन्यवाद करता रहूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३०-३१ 
  • फिलेमौन

शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

सहायता


   किसी के प्रति दया दिखाने और उसकी सहायता करने के मार्ग में एक बड़ा रोड़ा होता है हमारा आंकलन करने लग जाना कि कौन इस दया और सहायता के योग्य है। प्रभु यीशु से एक व्यक्ति ने, अपने आप को धर्मी जताने के लिए प्रश्न किया "मेरा पड़ौसी कौन है?" (लूका १०:२९); अर्थात एक पड़ौसी के समान मेरी दया और सहायता पाने के योग्य कौन है? उत्तर में प्रभु यीशु ने उसे एक नीतिकथा सुनाई। 

   प्रभु यीशु ने कहा: "एक व्यक्ति यरुशलेम से यरीहो के दुर्गम मार्ग पर जा रहा था; उसे डाकुओं ने घेर कर मारा-पीटा और लूट कर मरने के लिए छोड़ दिया। कुछ समय बाद एक पुरोहित और फिर मन्दिर का एक सेवक वहां से निकले किंतु उस घायल व्यक्ति से मूँह मोड़कर चले गए। और कुछ समय के बाद एक सामरी व्यक्ति वहां से निकला, उसने उस घायल व्यक्ति पर तरस खाया, उसके घावों की मरहम्म-पट्टी करी और उसे अपनी सवारी पर बैठा कर एक सराय़ में ले गया जहां उसकी देखभाल हो सकती थी और सराय वाले को देखभाल के लिए पैसे भी दिए तथा लौटते में अन्य खर्चे को पूरा करने का आश्वासन भी।"

   प्रभु यीशु की बात सुनने वाले यह सुनकर चकित हुए होंगे क्योंकि यहूदी लोग सामरी लोगों को तुच्छ जान्ते थे और उनसे कोई व्यवहार नहीं रखते थे। वह सामरी व्यक्ति इस दया और सहायता करने के अवसर का उपयोग करने या ना करने का आंकलन कर सकता था क्योंकि घायल व्यक्ति एक यहूदी था, और सामरीयों को तुच्छ जानने तथा उन्हें अलग रखने की प्रथा यहूदीयों ने ही आरंभ करी थी। लेकिन उस सामरी व्यक्ति ने अपने फर्ज़ को इन छोटी बातों में पड़कर व्यर्थ नहीं किया; उसने केवल यह देखा कि जो घायल पड़ा है वह भी एक मनुष्य ही है और उसे सहायता की आवश्यकता है, और उसने ऐसा ही किया।

   क्या आज मैं और आप दया और सहायता यह जांचकर करते हैं कि दया और सहायता का पात्र इसके योग्य है कि नहीं? हम मसीही विश्वासियों को विशेषकर इस बात का ध्यान रखना है कि हम दया और सहायता करने में अपने प्रभु और उद्धारकर्ता के समान हों; और जिन्हें संसार तुच्छ और व्यर्थ जानता है उनके प्रति तो विशेषकर दया और सहायता के अवसर ढूँढते रहें। - मार्विन विलियम्स


प्रभु यीशु के प्रति हमारा प्रेम उतना ही वास्तविक है जितना कि हमारे पड़ौसी के प्रति।

परन्‍तु एक सामरी यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। - लूका १०:३३

बाइबल पाठ: लूका १०:२५-३७
Luk 10:25  और देखो, एक व्यवस्थापक उठा, और यह कहकर, उस की परीक्षा करने लगा कि हे गुरू, अनन्‍त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्‍या करूं? 
Luk 10:26  उस ने उस से कहा, कि व्यवस्था में क्‍या लिखा है? तू कैसे पढ़ता है? 
Luk 10:27  उस ने उत्तर दिया, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख; और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। 
Luk 10:28  उस ने उस से कहा, तू ने ठीक उत्तर दिया है, यही कर: तो तू जीवित रहेगा। 
Luk 10:29 परन्‍तु उस ने अपनी तईं धर्मी ठहराने की इच्‍छा से यीशु से पूछा, तो मेरा पड़ोसी कौन है? 
Luk 10:30  यीशु ने उत्तर दिया, कि एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था, कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिए, और मार-पीट कर उसे अधमूआ छोड़ कर चले गए। 
Luk 10:31 और ऐसा हुआ कि उसी मार्ग से एक याजक जा रहा था: परन्‍तु उसे देख के कतराकर चला गया। 
Luk 10:32  इसी रीति से एक लेवी उस जगह पर आया, वह भी उसे देख के कतराकर चला गया। 
Luk 10:33 परन्‍तु एक सामरी यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। 
Luk 10:34 और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियां बान्‍धी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उस की सेवा टहल की। 
Luk 10:35  दूसरे दिन उस ने दो दिनार निकाल कर भटियारे को दिए, और कहा इस की सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा। 
Luk 10:36  अब तेरी समझ में जो डाकुओं में घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा? 
Luk 10:37  उस ने कहा, वही जिस ने उस पर तरस खाया: यीशु ने उस से कहा, जा, तू भी ऐसा ही कर।

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २७-२९ 
  • तीतुस ३

गुरुवार, 1 नवंबर 2012

भण्डार


   मैं और मेरे पति एक घर में लगाई गई सामान की बिक्री में गए और घर में घूमकर बिक्री के लिए रखा हुआ देखने लगे - वहां घर का सब कुछ बेचे जाने के लिए रखा हुआ था - कालीन, दीपदान, कपड़े धोने और सुखाने की मशीन, अलमारियां, यहां तक की अलमारियों में रखी हुई खाने की वस्तुएं भी। बेचने के लिए खाने के कमरे की मेज़ पर खाना परोसने और खाने के प्रयोग में आने वाले बरतन तथा तश्तरियां भरे हुए थे, सामने के कमरे में ढेरों सजावट की चीज़ें रखी हुई थीं, गैराज में औज़ार, खिलौने, और अन्य सामान पड़ा था। देखकर आश्चर्य हुआ कि कितना सामान उस घर के लोगों ने जमा कर रखा था। वापस लौटते हुए हम सोचने लगे कि क्यों उन्होंने यह सामान की बिक्री लगाई होगी? क्या वे किसी अन्य स्थान पर जा रहे थे, या उन्हें पैसे की बहुत आवश्यकता हुई, अथवा घर के लोगों का देहान्त हो गया और वारिस अब इस घर  को खाली करना चाहता होगा। कारण जो भी रहा हो, जाने वाले अब यह सारा अर्जित सामान लेकर नहीं जा रहे थे, सब यहीं छूट गया था।

   मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में सभोपदेशक की पुस्तक में लिखे वचन स्मरण हो आए "यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है?" (सभोपदेशक ५:१६)। हम खाली हाथ संसार में जन्म लेते हैं और खाली हाथ ही चले जाते हैं। जो भी सामान हम जोड़ते खरीदते और संचय करते हैं वह कुछ समय के लिए ही हमारे पास रहता है - और उतने समय में भी वह मिटता ही रहता है; कीड़े हमारे कपड़े खाने लगते हैं या फिर वे पुराने होकर फटने लगते हैं; सामान टूटता-फूटता रहता है और उसकी चमक तथा सुन्दरता ढलती जाती है; सोने-चांदी की चमक खराब होती रहती है (याकूब ५:२-३)। कभी धन जाता रहता है (सभोपदेशक ५:१४), और जो हमने अपने बच्चों के लिए जमा किया था वह उन्हें नहीं मिलता।

   इस संसार में सामान, धन और संपत्ति जमा करना मूर्खता है, क्योंकि मृत्योप्रांत हम कुछ भी अपने साथ लेकर नहीं जा सकते। जो आवश्यक है वह यह कि जो हमारे पास है और हमें परमेश्वर की ओर से मिलता है उसके प्रति सही रवैया रखें, परमेश्वर के भय और आज्ञाकारिता में जीवन बिताते हुए अपनी धन-संपत्ति का परमेश्वर के निर्देषों के अनुसार उसका सही उपयोग करें। ऐसा करके हम अपना धन-संपत्ति वहां जमा करेंगे जहां उसे होना चाहिए और जहां वह कभी नष्ट नहीं होगी - स्वर्ग में; और साथ ही, जैसे प्रभु यीशु ने कहा था, जहां हमारा धन होगा, वहीं हमारा मन भी लगा रहेगा ( मत्ती ६:२१)। - जेनिफर बैनसन शुल्ट


पार्थिव संपदा पर हाथ ढीले करने से ही हम स्वर्गीय संपदा को थामने वाले बन सकते हैं।

यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है? - सभोपदेशक ५:१६

बाइबल पाठ: सभोपदेशक ५:८-१७
Ecc 5:8  यदि तू किसी प्रान्त में निर्धनों पर अन्धेर और न्याय और धर्म को बिगड़ता देखे, तो इस से चकित न होना; क्योंकि एक अधिकारी से बड़ा दूसरा रहता है जिसे इन बातों की सुधि रहती है, और उन से भी ओर अधिक बड़े रहते हैं। 
Ecc 5:9  भूमि की उपज सब के लिये है, वरन खेती से राजा का भी काम निकलता है। 
Ecc 5:10  जो रूपये से प्रीति रखता है वह रूपये से तृप्त न होगा; और न जो बहुत धन से प्रीति रखता है, लाभ से: यह भी व्यर्थ है। 
Ecc 5:11  जब संपत्ति बढ़ती है, तो उसके खाने वाले भी बढ़ते हैं, तब उसके स्वामी को इसे छोड़ और क्या लाभ होता है कि उस संपत्ति को अपनी आंखों से देखे? 
Ecc 5:12  परिश्रम करने वाला चाहे थोड़ा खाए, या बहुत, तौभी उसकी नींद सुखदाई होती है; परन्तु धनी के धन के बढ़ने के कारण उसको नींद नहीं आती। 
Ecc 5:13  मैं ने धरती पर एक बड़ी बुरी बला देखी है; अर्थात वह धन जिसे उसके मालिक ने अपनी ही हानि के लिये रखा हो, 
Ecc 5:14  और वह किसी बुरे काम में उड़ जाता है; और उसके घर में बेटा उत्पन्न होता है परन्तु उसके हाथ मे कुछ नहीं रहता। 
Ecc 5:15  जैसा वह मां के पेट से निकला वैसा ही लौट जाएगा; नंगा ही, जैसा आया था, और अपने परिश्रम के बदले कुछ भी न पाएगा जिसे वह अपने हाथ में ले जा सके। 
Ecc 5:16  यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है? 
Ecc 5:17  केवल इसके कि उस ने जीवन भर बेचैनी से भोजन किया, और बहुत ही दु:खित और रोगी रहा और क्रोध भी करता रहा;

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २४-२६ 
  • तीतुस २