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सोमवार, 25 नवंबर 2013

आशावान


   मिनिसोटा विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि अमेरिका के लगभग 15% किशोर यह मानते हैं कि वे अपने 35वें जन्मदिन से पूर्व ही मर जाएंगे। अध्ययनकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो किशोर ऐसा निराशावादी दृष्टिकोण रखते हैं उनकी उतावलेपन और लापरवाही से कार्य करने की संभावना अन्य लोगों से कहीं अधिक होती है। ’पीडियैट्रिक्स’ पत्रिका में छपे इस अध्ययन की लेखिका, डॉ० आईरिस ब्राउस्की ने कहा: "ये किशोर जोखिम उठाते हैं क्योंकि उन्हें भविष्य से कोई आशा नहीं है तथा उन्हें लगता है कि खोने को कुछ विशेष नहीं है।"

   यह सच है कि निराशा की भावना से कोई बच नहीं सकता। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार, निराशा के अन्धकार से सहायता के लिए परमेश्वर को अनेक बार पुकारते हैं। भजन 42:5 में भजनकार कहता है: "हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा"। विश्वास का एक दृढ़ कदम उठाते हुए भजनकार अपने आप से कहता है कि परमेश्वर को ना भूल क्योंकि परमेश्वर तुझे कभी नहीं भूलता।

   कर्टिस एमक्विस्ट ने लिखा: "आशा परमेश्वर की उपस्थिति से बल पाती है....साथ ही आशा परमेश्वर द्वारा निर्धारित हमारे भविष्य से भी बल पाती है।" हम भी भजनकार के साथ कह सकते हैं "मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा"।

   मसीह यीशु के किसी भी अनुयायी को निराशा में सहायता माँगने के लिए कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए, और ना ही हम मसीही विश्वासियों को कभी यह समझना चाहिए कि प्रार्थना और विश्वास सहायता पाने के लिए बहुत ही साधारण और बेबुनियाद उपाय हैं। जो परमेश्वर पर विश्वास रखते हैं, परमेश्वर सदा उनकी आशा बना रहता है, उन्हें आशावान बनाए रखता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


आशा मसीही विश्वासी के लिए निश्चितता है - क्योंकि उसकी आशा का आधार मसीह यीशु है।

हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा। - विलापगीत 3:22-24

बाइबल पाठ: भजन 42:1-11
Psalms 42:1 जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं। 
Psalms 42:2 जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जा कर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा? 
Psalms 42:3 मेरे आंसू दिन और रात मेरा आहार हुए हैं; और लोग दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है? 
Psalms 42:4 मैं भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करने वाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह स्मरण कर के मेरा प्राण शोकित हो जाता है। 
Psalms 42:5 हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा।
Psalms 42:6 हे मेरे परमेश्वर; मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है, इसलिये मैं यर्दन के पास के देश से और हर्मोन के पहाड़ों और मिसगार की पहाड़ी के ऊपर से तुझे स्मरण करता हूं। 
Psalms 42:7 तेरी जलधाराओं का शब्द सुनकर जल, जल को पुकारता है; तेरी सारी तरंगों और लहरों में मैं डूब गया हूं। 
Psalms 42:8 तौभी दिन को यहोवा अपनी शक्ति और करूणा प्रगट करेगा; और रात को भी मैं उसका गीत गाऊंगा, और अपने जीवन दाता ईश्वर से प्रार्थना करूंगा।
Psalms 42:9 मैं ईश्वर से जो मेरी चट्टान है कहूंगा, तू मुझे क्यों भूल गया? मैं शत्रु के अन्धेर के मारे क्यों शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं? 
Psalms 42:10 मेरे सताने वाले जो मेरी निन्दा करते हैं मानो उस में मेरी हडि्डयां चूर चूर होती हैं, मानो कटार से छिदी जाती हैं, क्योंकि वे दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है? 
Psalms 42:11 हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख; क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 24-26 
  • 1 पतरस 2


रविवार, 24 नवंबर 2013

सही और जायज़


   मैं अपने इलाके से बाहर एक यात्रा पर निकला हुआ था; यात्रा के दौरान एक स्थान पर मेरी मुलाकात मेरे ही इलाके के एक वकील से हुई। बातचीत करते करते हम दोनों को अचरज हुआ कि हमारे मध्य में कितना कुछ एक समान है। उन्होंने मुझ से पूछा, "क्या आपने अपना नाम स्टिलवैल बताया था?" मैंने उत्तर दिया, "जी नहीं, मेरा नाम स्टोवैल है।" वे बोले "मेरा एक मुवक्किल है जिसका नाम स्टिलवैल है", तो मैंने पूछा "क्या उस मुवक्किल का पूरा नाम आर्ट स्टिलवैल है?" और मुझे सुन कर हैरानी हुई कि वाकई उनके मुवक्किल का नाम आर्ट स्टिल्वैल ही था। आर्ट स्टिलवैल उसी चर्च में आता था जहाँ मैं जाता हूँ और वह उस इलाके का एक नामी तथा प्रभावशाली व्यवसायी था।

   उस वकील ने यह माना कि उनके पास आर्ट के समान कोई अन्य मुवक्किल नहीं था। उन्होंने अपने इस विचार का खुलासा करते हुए कहा कि जब कोई समस्या आन पड़ती है तो उनके सभी मुवक्किल उनसे कहते हैं कि कोई भी हथकंडा अपना कर वे उन्हें उस समस्या से बाहर निकालें; किंतु आर्ट ऐसे नहीं हैं। हर परिस्थिति के लिए आर्ट का केवल एक ही उत्तर होता है, "वही कीजिए जो सही और जायज़ है" और आर्ट की इस बात ने उस वकील को बहुत प्रभावित किया था।

   मनमानी करते रहने की इच्छा से ग्रसित इस स्वार्थी संसार में, हम मसीही विश्वासियों को संसार से पृथक करने वाली एक बात है, मसीह यीशु को अपना जीवन समर्पित कर देने के बाद, अपने जीवन के हर निर्णय में मसीह यीशु को महिमा देना, चाहे संसार की ओर से उसका परिणाम कुछ भी हो। जब हम स्वार्थसिद्धी के लिए नहीं वरन साहसपूर्ण तरीके से मसीह यीशु की सत्यनिष्ठा, प्रेम और अनुग्रह को दर्शाने वाले दोषरहित जीवन जीते हैं तो हम वास्तव में संसार में छाए पाप के अन्धकार के बीच मसीह यीशु की सच्ची ज्योति को दिखाने वाले जलते हुए दीपक हो जाते हैं (फिलिप्पियों 2:15)।

   यदि आप अपने जीवन को परमेश्वर कि सच्ची ज्योति से रौशन करना चाहते हैं और पाप के अन्धकार में फंसे लोगों को अनन्त जीवन का मार्ग दिखाना चाहते हैं तो मसीह यीशु से पापों की क्षमा प्राप्त करें और उसके गुणों को अपने जीवनों से सदा ही सही और जायज़ करने के द्वारा प्रदर्शित करें। - जो स्टोवैल


प्रभु यीशु की सच्ची ज्योति से अपने तथा दूसरों के जीवनों को प्रकाशमान कर दीजिए।

ताकि तुम निर्दोष और भोले हो कर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिये हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)। - फिलिप्पियों 2:15

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:12-18
Philippians 2:12 सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष कर के अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ। 
Philippians 2:13 क्योंकि परमेश्वर ही है, जिस ने अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है। 
Philippians 2:14 सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो। 
Philippians 2:15 ताकि तुम निर्दोष और भोले हो कर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिये हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)। 
Philippians 2:16 कि मसीह के दिन मुझे घमण्‍ड करने का कारण हो, कि न मेरा दौड़ना और न मेरा परिश्रम करना व्यर्थ हुआ। 
Philippians 2:17 और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लोहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्‍दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्द करता हूं। 
Philippians 2:18 वैसे ही तुम भी आनन्‍दित हो, और मेरे साथ आनन्द करो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 22-23 
  • 1 पतरस 1


शनिवार, 23 नवंबर 2013

बहुतायत का संसार


   जिस कंपनी से मैंने अपने टी.वी. का केबल कनेक्शन लिया है, उसने मुझे हाल ही में अपने  विज्ञापन का एक पोस्टकार्ड भेजा जिसमें उसके द्वारा आरंभ किए गए नवीनत्म चैनलों के प्रसारण के विषय में जानकारी दी थी। यदि मैं उन नए चैनलों को देखने में रुचि रखूँ तो मुझे कंपनी से संपर्क कर के एक नया डिजिटल उपकरण लेना पड़ेगा, जिसे टी.वी. के साथ जोड़ने और सक्रीय करने के निर्देश भी दिए गए थे। इतना करने के बाद, उस पोस्टकार्ड में लिखा था, बस मुझे आराम से पैर फैला कर बैठना था और "बहुतायत के संसार" का मज़ा लेना था।

   उस पोस्टकार्ड ने मुझे हम मसीही विश्वासियों को परमेश्वर के अनुग्रह से उपलब्ध एक अन्य "बहुतायत के संसार" के विषय में विचार करने को विवश किया। हमारे पापों से पश्चाताप करने, प्रभु यीशु से उनकी क्षमा माँगने और अपना जीवन उसे समर्पित कर देने से हमारे लिए एक नया ही जीवन आरंभ हो जाता है, जहाँ हम पाप के अन्धकार से छुड़ाए जाकर परमेश्वर की अद्भुत ज्योति में उसके साथ उसके "बहुतायत के संसार" में सम्मिलित हो जाते हैं (1 पतरस 2:9)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों की पत्री के 5वें अध्याय में हम परमेश्वर से हमें प्राप्त होने वाली इस बहुतायत के बारे में कुछ और बातें पाते हैं: प्रभु यीशु में हो कर परमेश्वर के साथ हमारा मेल-मिलाप हो गया (पद 10), इसलिए अब परमेश्वर के पास हमारी पहुँच भी है और हम उसके अनुग्रह के भी भागी हैं (पद 1-2)। इस मेल के कारण हम क्लेषों में भी आनन्दित रह सकते हैं क्योंकि अब हम यह जानते-समझते हैं कि ये हर परिस्थिति में परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखने के द्वारा हमारे लिए चरित्र निर्माण तथा उन्नति के अवसर हैं (पद 3-4)। साथ ही परमेश्वर का पवित्र आत्मा भी हमें प्रदान किया गया है जो परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदयों में भरता है (पद 5); तथा अब पाप की हम पर पहले के समान पकड़ नहीं रह गई है (रोमियों 6:18)।

   मसीही विश्वासी होने के कारण हमें वास्तव में एक अद्भुत बहुतायत के संसार में प्रवेश दिया गया है, जो इस पार्थिव जीवन के बाद भी हमारे साथ बना रहेगा। यदि एक केबल कंपनी केवल क्षणिक मनोरंजन और अपने व्यवसाय के लिए सबको निमंत्रण भेज सकती है, तो फिर यदि हम अनन्त काल तक आशीष वाले इस अति-विशिष्ट संसार में आने का अन्य लोगों को निमंत्रण ना दें तो क्या यह उचित होगा? - ऐनी सेटास


परमेश्वर का हो जाना अनगिनत आशीषों को साथ ले आता है।

परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं। - 1 कुरिन्थियों 2:9 

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11
Romans 5:1 ​सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। 
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। 
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। 
Romans 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। 
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। 
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। 
Romans 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? 
Romans 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? 
Romans 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 20-21 
  • याकूब 5


शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

धन्यवादी


   किसी को, उसके द्वारा दिए गए किसी उपहार के लिए, ’धन्यवाद’ कहकर हम उसे इस बात की जानकारी देते हैं कि उसके द्वारा हमें दिया गया उपहार हमारी नज़रों में मूल्यवान है तथा हम उसका आदर करते हैं। लेखक जी. बी. स्टर्न ने एक बार कहा, "एक मूक धन्यवाद किसी के लिए भी किसी काम का नहीं है"। जब हमारा बेटा छोटा था तो हमें अनेक बार उसे स्मरण दिलाना पड़ता था कि सर झुकाकर, बिना आँखों से आँखें मिलाए, धीमी आवाज़ में मात्र कुछ अस्पष्ट से शब्द बुदबुदा देना एक मान्य धन्यवाद देना नहीं है।

   शादी के कई वर्षों बाद भी मैं और मेरे पति, हम दोनो ही यह अभी भी सीख रहे हैं कि यह आवश्यक है कि हम परस्पर एक दूसरे को धन्यवाद कहते रहें। जब भी हम में से एक किसी दूसरे के प्रति धन्यवादी अनुभव करता है तो यह आवश्यक है कि हम उस भावना को प्रगट करें, शब्दों में व्यक्त भी करें - चाहे हम वही बात अनेक बार पहले भी कह चुके हों। विलियम आर्थर वार्ड ने कहा, "धन्यवादी अनुभव करने के बाद उसे व्यक्त ना करना, उपहार को सुन्दर रीति से लपेट और तैयार करके फिर उसे ना देने के समान ही है।" मानव संबंधों में धन्यवाद व्यक्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है।

   परमेश्वर के प्रति प्रगट रूप में धन्यवादी होना, मनुष्यों के प्रति प्रगट रूप में धन्यवादी होने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि परमेश्वर का प्रेम और अनुग्रह अपार है; वह तो उनको भी देता रहता है जो उसे मानते तक नहीं। दिन में जितनी बार हम परमेश्वर से मिली आशीष अथवा सहायता को अनुभव करते हैं, या बीते समय में मिली सहायता और आशीषें हमें स्मरण आती हैं तो क्या हम परमेश्वर को उसी समय उनके लिए अपना धन्यवाद व्यक्त करते हैं? और हमारे पापों की क्षमा और हमारे उद्धार के लिए जो महान बलिदान उसने दिया, जब वह स्मरण करते हैं तो क्या हमारे हृदय परमेश्वर के प्रति श्रद्धा, आदर और धन्यवाद से उमड़ते हैं? (रोमियों 6:23; 2 कुरिन्थियों 9:15)

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 107:1 में दिए गए निर्देश को कभी ना भूलें, उसे प्रतिदिन स्मरण रखें: "यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!" (भजन 107:1) - सिंडी हैस कैस्पर


हमारे उद्धार तथा पापों की क्षमा के लिए परमेश्वर की महान भेंट, सदैव ही हमारी सबसे गहन कृतज्ञता के योग्य है।

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है, - भजन 107:1-2

बाइबल पाठ: भजन 107:31-43
Psalms 107:31 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। 
Psalms 107:32 और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें।
Psalms 107:33 वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है। 
Psalms 107:34 वह फलवन्त भूमि को नोनी करता है, यह वहां के रहने वालों की दुष्टता के कारण होता है। 
Psalms 107:35 वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है। 
Psalms 107:36 और वहां वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें; 
Psalms 107:37 और खेती करें, और दाख की बारियां लगाएं, और भांति भांति के फल उपजा लें। 
Psalms 107:38 और वह उन को ऐसी आशीष देता है कि वे बहुत बढ़ जाते हैं, और उनके पशुओं को भी वह घटने नहीं देता। 
Psalms 107:39 फिर अन्धेर, विपत्ति और शोक के कारण, वे घटते और दब जाते हैं। 
Psalms 107:40 और वह हाकिमों को अपमान से लाद कर मार्ग रहित जंगल में भटकाता है; 
Psalms 107:41 वह दरिद्रों को दु:ख से छुड़ा कर ऊंचे पर रखता है, और उन को भेड़ों के झुंड सा परिवार देता है। 
Psalms 107:42 सीधे लोग देख कर आनन्दित होते हैं; और सब कुटिल लोग अपने मुंह बन्द करते हैं। 
Psalms 107:43 जो कोई बुद्धिमान हो, वह इन बातों पर ध्यान करेगा; और यहोवा की करूणा के कामों पर ध्यान करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 18-19 
  • याकूब 4


गुरुवार, 21 नवंबर 2013

दक्ष कारीगर


   मैंने हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म देखी जिसमें स्टेन्वे प्यानो बनाए जाने की प्रक्रिया को दिखाया गया है। उस चित्र में उस अति-उत्तम साज़ के बनाए जाने में उठाए गए अतिसावधानीपूर्ण हर कदम को दिखाया गया है, पेड़ के काटे जाने से लेकर प्यानो के तैयार होकर दुकान में आने तक। हर कदम पर कुशल कारीगर बारीकी से जाँचते हुए हर कार्य को पूरा करते हैं। एक प्यानो के बनने में एक वर्ष का समय लगता है, और इस साल भर लंबी प्रक्रिया के बाद जब निपुण संगीतज्ञ उसे बजाते हैं तो उनका यही निषकर्ष होता है कि संगीत की जो मधुर ध्वनि एक स्टेन्वे प्यानो से आती है वह अन्य किसी साधारण रीति से बने प्यानो से कभी नहीं आती। जंगल में उग रहे एक पेड़ से इतना उत्तम संगीत निकल सकेगा, और वह इतना मूल्यवान होने पाएगा, यह कलपना करना भी कठिन है; किंतु जंगली पेड़ से एक उत्कृष्ट उत्पाद बनने, तथा उसकी उत्तमता और प्रसिद्धी होने का राज़ है उसके निर्माण के हर कदम पर दक्ष कारीगरों का कार्य।

   जब परमेश्वर ने इस्त्राएल के लोगों को आराधना के लिए एक स्थान बनाने को कहा तो उसमें प्रयोग होने वाले सामान के बनाने के लिए भी परमेश्वर ने एक उत्तम कारीगर के कार्य को महत्व दिया। परमेश्वर ने मूसा को आराधना के स्थान का सारा नमूना दिखाते और समझाते हुए कहा कि उसने बसलेल को इस कार्य के करने के लिए चुना है और इस कार्य के लिए आवश्यक सारा कौशल और कला उसके अन्दर डाल दी है, अपने आत्मा से उसे भर दिया है (निर्गमन 31:3-5)।

   आज परमेश्वर प्रत्येक मसीही विश्वासी के हृदय में निवास करता है, लेकिन उसकी कारीगरी के कार्य का अन्त नहीं हुआ है। आज प्रत्येक मसीही विश्वासी उसके हाथ की कलाकृति है (इफिसियों 2:10) और हर विश्वासी को संवारने तराशने वाला कुशल कारीगर परमेश्वर पवित्र आत्मा है। वह हमारे हर एक दोष और खामी को तराश कर निकालता रहता है और हमारे चरित्र को प्रभु यीशु की समानता में ढालता रहता है (रोमियों 8:28-29)। जैसे जैसे हम उसकी कारीगरी के आधीन अपने आप को समर्पित करते जाते हैं हम पाते हैं कि एक निपुण कारीगर के समान वह हमें उत्तमता में और उन्नत करता जाता है; अन्ततः हम द्खेंगे कि उस दक्ष कारीगर की कुशल कारीगरी ही हमारे उत्कृष्ट जीवन का राज़ है।

   अपने जीवनों को उस महान और सर्वोत्तम कारीगर परमेश्वर प्रभु यीशु के हाथ में समर्पित कर दीजिए। अपनी किसी क्षमता अथवा कौशल पर नहीं वरन उसकी दक्ष कारीगरी पर भरोसा रखिए और उसे अपना कार्य स्वतंत्रता पूर्वक कर लेने दीजिए; वह आपके स्वरूप को ऐसा संवार देगा जैसा कि आपने कभी कलपना भी नहीं करी होगी। - डेनिस फिशर


पिता परमेश्वर ने हमें अपने पुत्र की समानता में लाने के लिए हमें अपना पवित्र आत्मा दिया है।

क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों 2:10

बाइबल पाठ: निर्गमन 31:1-5
Exodus 31:1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 
Exodus 31:2 सुन, मैं ऊरी के पुत्र बसलेल को, जो हूर का पोता और यहूदा के गोत्र का है, नाम ले कर बुलाता हूं। 
Exodus 31:3 और मैं उसको परमेश्वर की आत्मा से जो बुद्धि, प्रवीणता, ज्ञान, और सब प्रकार के कार्यों की समझ देनेवाली आत्मा है परिपूर्ण करता हूं, 
Exodus 31:4 जिस से वह कारीगरी के कार्य बुद्धि से निकाल निकाल कर सब भांति की बनावट में, अर्थात सोने, चांदी, और पीतल में, 
Exodus 31:5 और जड़ने के लिये मणि काटने में, और लकड़ी के खोदने में काम करे।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 16-17 
  • याकूब 3


बुधवार, 20 नवंबर 2013

पारिवारिक गुण


   मेरे बचपन का एक सन्डे स्कूल का गीत है जो मुझे कभी कभी स्मरण हो आता है। उस गीत के बोल प्रभु यीशु से बड़ी उदारता से मिलने वाली शान्ति की आशीषों का वर्णन करते हैं; गीत का आरंभ है: "मेरे हृदय में यीशु की शान्ति है, जो वर्णन से बाहर है।" 

   चाहे इस गीत के लेखक ने इसे एक भली इच्छा से लिखा है, लेकिन इस गीत के बोलों में कुछ कहे जाने से रह गया है, जो प्रभु यीशु के सुसमाचार के लिए आवश्यक है। यह बिलकुल सत्य है कि परमेश्वर की शान्ति हमें परमेश्वर से मिलने वाली एक भेंट है, जिससे अपने हृदयों में हम उसकी उपस्थिति को अनुभव करने पाते हैं, उससे संगति करने पाते हैं (यूहन्ना 14:27; 16:33)। लेकिन परमेश्वर की कदापि यह इच्छा नहीं है कि हम इस शान्ति को अपने पास ही समेट कर रखे रहें। परमेश्वर यह चाहता है कि हम इस अद्भुत शान्ति को अपने आस-पास के और संसार के सभी लोगों तक पहुँचाएं। मसीही विश्वासी होने के नाते यह शान्ति हमारे व्यवहार, संबंधों और हमारे अराधनालयों के वातावरण का अभिन्न अंग होनी चाहिए।

   प्रभु यीशु ने अपने ’पहाड़ी उपदेश’ में कहा था, "धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे" (मत्ती 5:9)। यह दिखाता है कि हम मसीही विश्वासियों को आगे बढ़कर परमेश्वर की इस शान्ति को लोगों के जीवनों तक पहुँचाना है, उसे अपने संबंधों में दिखाना है। क्योंकि सामान्य मानव प्रवृति शान्ति नहीं उत्पात और गड़बड़ मचाने की होती है, इसलिए प्रभु यीशु की ओर से अपने अनुयायियों के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण आज्ञा है। तो, मेल कराने वाले कैसे होते हैं? इसी अध्याय में प्रभु यीशु ने इस बात की भी पहचान दी: मेल कराने वाले अपने सताने वालों की ओर दूसरा गाल भी फेर देते हैं (पद 39); वे आशा से अधिक कार्य कर देने वाले होते हैं (पद 41); वे अपने सताने वालों के लिए प्रार्थना करने वाले और उनसे प्रेम करने वाले होते हैं (पद 44)।

   हम मसीही विश्वासियों को यह सब क्यों करना है? क्योंकि हमारा परमेश्वर शान्ति का दाता है, और जब हम शान्ति लाते हैं तब हम भी "परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे" (पद 9)। यानि कि यह शान्ति या मेलजोल कराना हमारा पारिवारिक गुण है और हमें अपने पिता के गुण प्रगट करने हैं। - जो स्टोवैल


प्रभु यीशु मसीह में परमेश्वर के साथ हमारी शान्ति और परमेश्वर से हमें मिली शान्ति के कारण हमें परमेश्वर की शान्ति को संसार में पहुँचाना है।

धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। - मत्ती 5:9

बाइबल पाठ: मत्ती 5:9, 38-48
Matthew 5:9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
Matthew 5:38 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था, कि आंख के बदले आंख, और दांत के बदले दांत। 
Matthew 5:39 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि बुरे का सामना न करना; परन्तु जो कोई तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे, उस की ओर दूसरा भी फेर दे। 
Matthew 5:40 और यदि कोई तुझ पर नालिश कर के तेरा कुरता लेना चाहे, तो उसे दोहर भी ले लेने दे। 
Matthew 5:41 और जो कोई तुझे कोस भर बेगार में ले जाए तो उसके साथ दो कोस चला जा। 
Matthew 5:42 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तुझ से उधार लेना चाहे, उस से मुंह न मोड़।
Matthew 5:43 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर। 
Matthew 5:44 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। 
Matthew 5:45 जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। 
Matthew 5:46 क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते? 
Matthew 5:47 और यदि तुम केवल अपने भाइयों ही को नमस्‍कार करो, तो कौन सा बड़ा काम करते हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा नहीं करते? 
Matthew 5:48 इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता सिद्ध है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 14-15 
  • याकूब 2


मंगलवार, 19 नवंबर 2013

सफाई


   इस सप्ताह परमेश्वर ने कुछ शरद ऋतु वाली सफाई करी - उसने हमारे रहने के इलाके में एक तेज़ आंधी चलाकर पेड़ों को हिलाया और झकझोरा। इससे उन के सूखे हुए पत्ते और कई टहनियाँ पेड़ से अलग होकर नीचे गिर पड़े। अब आते बसंत ऋतु में नई कोंपलों और पत्तों के उगने और सूर्य की रौशनी से ऊर्जा प्राप्त कर के बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान तैयार हो गया। उन टूट कर गिरे पत्तों और टहनियों को जमा कर के अपने बागीचे से साफ करते समय मुझे यह शिक्षा भी मिली कि जब परमेश्वर मेरे जीवन से व्यर्थ बातों को अलग करे, तो भला होगा कि जो उसने अलग कर दिया है उसे मैं अपने जीवन से साफ भी कर दूँ, जैसे मैंने अपने बाग़ से उन गिरे हुए पत्तों और टहनियों को साफ कर रही थी। मैं ने यह भी सीखा कि इसी प्रकार मेरे जीवन में भी परमेश्वर कभी कभी किसी आँधी को या मुझे झकझोर देने वाले किसी अनुभव को आ लेने देता है जिससे मेरे जीवन के वे व्यर्थ भाग मुझ से अलग किए जा सकें जो सामान्य प्रक्रिया से अलग नहीं हो पा रहे हैं।

   ये ’व्यर्थ’ भाग मेरी कुछ ऐसी आदतें या पसन्द की बातें हो सकतीं हैं जिन्हें मैं ढिटाई से पकड़े हुए हूँ और छोड़ना नहीं चाहती। वे मेरी सेवकाई के ऐसे अंश भी हो सकते हैं जो कभी मेरे लिए भले और लाभदायक थे परन्तु अब उनकी उपयोगिता मेरे जीवन और मेरी सेवकाई के लिए समाप्त हो गई है, परमेश्वर उनके स्थान पर अब कुछ नया मेरे जीवन में लाना चाहता है। लेकिन अधिकांशतः यह कोई बुरी आदत या ज़िद्दी व्यवहार, जैसे कड़ुवाहट, क्रोध, निन्दा (इफिसियों 4:31) आदि होता है जिसे मैं परमेश्वर द्वारा स्मरण दिलाए जाने पर भी, या फिर उसकी चेतावनियों को प्राप्त करने अथवा हलकी डाँट के बावजूद भी छोड़ने को तैयार नहीं होती, ढिटाई से उनमें बनी रहती हूँ। मुझे साफ करने के लिए फिर परमेश्वर को मुझे हिलाना और झकझोरना ही पड़ता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में योना नबी ने जाना कि जब कोई किसी ढिटाई के आचरण को छोड़ने को तैयार नहीं होता तब क्या कुछ हो सकता है। योना परमेश्वर का नबी था, लेकिन निनेवे के दुष्ट लोगों के प्रति उसकी कड़ुवाहट परमेश्वर के प्रति उसके प्रेम से कहीं अधिक थी। जब परमेश्वर ने योना को कहा कि वह निनेवे के लोगों के मध्य जा कर पश्चाताप करने का प्रचार करे, तो वह परमेश्वर की आज्ञा को मानने की बजाए, निनेवे से विपरीत दिशा में एक पानी जहाज़ पर चढ़कर चल निकला। लेकिन परमेश्वर से भागना संभव नहीं था; परमेश्वर ने एक प्रचण्ड आँधी के द्वारा उस जहाज़ को झकझोरा, योना ने स्वीकार किया की जहाज़ की यह स्थिति उसके कारण हुई है, और उसके कहने पर उसे पानी में फेंक दिया गया, जहाँ योना के लिए परमेश्वर ने एक बड़े मगरमच्छ को तैयार कर रखा था। तीन दिन तक मगरमच्छ के पेट में रहने के बाद मगरमच्छ ने योना को निनेवे के तट पर उगल दिया और अन्ततः योना ने जाकर निनेवे में परमेश्वर के प्रति पापों से पश्चाताप का प्रचार किया जिससे सारा निनेवे पश्चाताप में परमेश्वर के सामने झुक गया और विनाश से बच गया।

   परमेश्वर तो अपने लोगों को साफ देखना चाहता है, और उन्हें साफ रहने की शिक्षा भी देता है; अब यह हम पर है कि हम कैसे साफ होते हैं - उसकी सुनकर या उसके द्वारा हिलाए और झकझोरे जा कर। हमारी सफाई उसकी ज़िम्मेदारी है, और वह उसे पूरा भी करेगा; इसलिए जो सहज से हो जाए उसके लिए तकलीफ क्यों सहें? - जूली ऐकैरमैन लिंक


मसीह यीशु के कलवरी के क्रूस पर बहाए लहु की सामर्थ पाप के गहरे से गहरे दाग़ को भी धो कर साफ कर सकती है।

पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो। क्योंकि लिखा है, कि पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं। - 1 पतरस 1:15-16

बाइबल पाठ: योना 1
Jonah 1:1 यहोवा का यह वचन अमितै के पुत्र योना के पास पहुंचा, 
Jonah 1:2 उठ कर उस बड़े नगर नीनवे को जा, और उसके विरुद्ध प्रचार कर; क्योंकि उसकी बुराई मेरी दृष्टि में बढ़ गई है। 
Jonah 1:3 परन्तु योना यहोवा के सम्मुख से तर्शीश को भाग जाने के लिये उठा, और यापो नगर को जा कर तर्शीश जाने वाला एक जहाज पाया; और भाड़ा देकर उस पर चढ़ गया कि उनके साथ हो कर यहोवा के सम्मुख से तर्शीश को चला जाए।
Jonah 1:4 तब यहोवा ने समुद्र में एक प्रचण्ड आंधी चलाई, और समुद्र में बड़ी आंधी उठी, यहां तक कि जहाज टूटने पर था। 
Jonah 1:5 तब मल्लाह लोग डर कर अपने अपने देवता की दोहाई देने लगे; और जहाज में जो व्यापार की सामग्री थी उसे समुद्र में फेंकने लगे कि जहाज हल्का हो जाए। परन्तु योना जहाज के निचले भाग में उतरकर सो गया था, और गहरी नींद में पड़ा हुआ था। 
Jonah 1:6 तब मांझी उसके निकट आकर कहने लगा, तू भारी नींद में पड़ा हुआ क्या करता है? उठ, अपने देवता की दोहाई दे! सम्भव है कि परमेश्वर हमारी चिन्ता करे, और हमारा नाश न हो।
Jonah 1:7 तब उन्होंने आपस में कहा, आओ, हम चिट्ठी डाल कर जान लें कि यह विपत्ति हम पर किस के कारण पड़ी है। तब उन्होंने चिट्ठी डाली, और चिट्ठी योना के नाम पर निकली। 
Jonah 1:8 तब उन्होंने उस से कहा, हमें बता कि किस के कारण यह विपत्ति हम पर पड़ी है? तेरा उद्यम क्या है? और तू कहां से आया है? तू किस देश और किस जाति का है? 
Jonah 1:9 उसने उन से कहा, मैं इब्री हूं; और स्वर्ग का परमेश्वर यहोवा जिसने जल स्थल दोनों को बनाया है, उसी का भय मानता हूं। 
Jonah 1:10 तब वे निपट डर गए, और उस से कहने लगे, तू ने यह क्या किया है? वे जान गए थे कि वह यहोवा के सम्मुख से भाग आया है, क्योंकि उसने आप ही उन को बता दिया था।
Jonah 1:11 तब उन्होंने उस से पूछा, हम तेरे साथ क्या करें जिस से समुद्र शान्त हो जाए? उस समय समुद्र की लहरें बढ़ती ही जाती थीं। 
Jonah 1:12 उसने उन से कहा, मुझे उठा कर समुद्र में फेंक दो; तब समुद्र शान्त पड़ जाएगा; क्योंकि मैं जानता हूं, कि यह भारी आंधी तुम्हारे ऊपर मेरे ही कारण आई है। 
Jonah 1:13 तौभी वे बड़े यत्न से खेते रहे कि उसको किनारे पर लगाएं, परन्तु पहुंच न सके, क्योंकि समुद्र की लहरें उनके विरुद्ध बढ़ती ही जाती थीं। 
Jonah 1:14 तब उन्होंने यहोवा को पुकार कर कहा, हे यहोवा हम बिनती करते हैं, कि इस पुरूष के प्राण की सन्ती हमारा नाश न हो, और न हमें निर्दोष की हत्या का दोषी ठहरा; क्योंकि हे यहोवा, जो कुछ तेरी इच्छा थी वही तू ने किया है। 
Jonah 1:15 तब उन्होंने योना को उठा कर समुद्र में फेंक दिया; और समुद्र की भयानक लहरें थम गईं। 
Jonah 1:16 तब उन मनुष्यों ने यहोवा का बहुत ही भय माना, और उसको भेंट चढ़ाई और मन्नतें मानीं।
Jonah 1:17 यहोवा ने एक बड़ा सा मगरमच्छ ठहराया था कि योना को निगल ले; और योना उस मगरमच्छ के पेट में तीन दिन और तीन रात पड़ा रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 11-13 
  • याकूब 1