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बुधवार, 18 मई 2016

सूचि


   मेरे एक मित्र ने हाल ही में मुझे बताया कि उसने अपनी बहन को यूरोप की यात्रा करवा कर, उसने अपनी मृत्युपूर्व इच्छाओं की सूचि में से एक और पूरी कर ली है। मेरा वह मित्र स्वयं तो अनेक बार यूरोप जा चुका था, लेकिन उसकी बहन कभी यूरोप नहीं गई थी, और वह चाहता था कि उसकी बहन भी यूरोप देख सके। उस मित्र की इच्छा सूचि में यह निःस्वार्थ इच्छा का होना मेरे लिए विस्मयकारी था; इसने मुझे विचार करने पर बाध्य किया कि मेरी इच्छाएं कितनी अपने आप पर और कितनी दूसरों पर केंद्रित होती हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस ने हम मसीही विश्वासियों को परमेश्वर द्वारा दिए गए वरदानों तथा उनके सदुपयोग के बारे में निर्देश दिए (रोमियों 12)। यदि हम इन वरदानों पर थोड़ा विचार करें तो पाएंगे कि यह सभी वरदान दूसरों की भलाई से संबंधित हैं; उदाहरणस्वरूप, सिखाने का वरदान शिक्षक की ही नहीं वरन उसके विद्यार्थियों की उन्नति और भलाई के लिए है। इसी प्रकार पद 6 से 8 में उल्लेखित अन्य वरदानों के साथ भी यही बात है। पौलुस ने परमेश्वर की इस उदार भावना को हमारे अनुसरण के लिए पद 10 में रेखंकित किया: "भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।"

   पौलुस ने ना केवल इस रवैये को अपनी शिक्षाओं में कहा, वरन उसने इसे अपने जीवन में जी कर भी दिखाया; उसने औरों को अपने साथ अपनी मसीही सेवकाई में सम्मिलित किया, उन्हें सिखाया और आने वाली मसीही विश्वासियों की पीढ़ी की भलाई के लिए उन्हें तैयार किया। साथ ही पौलुस ने उदारता, आतिथ्य, क्षमा, अनुकंपा आदि को अपने दैनिक व्यवहार का एक अभिन्न अंग बनाकर अपने साथियों तथा हमारे लिए एक सजीव उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

   जीवन के हमारे उद्देश्यों की सूचि में एक अनिवार्य बात होनी चाहिए, परमेश्वर द्वारा हमें दिए गए वरदानों का दूसरों की भलाई तथा परमेश्वर की महिमा के लिए सदुपयोग। - डेविड मैक्कैसलैंड


स्वस्थ आत्मिक जीवन के लिए नम्रता और दूसरों की भलाई का अभ्यास करते रहें।

विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:3-5

बाइबल पाठ: रोमियों 12
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। 
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। 
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे। 
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। 
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे। 
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। 
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देने वाला उदारता से दे, जो अगुवाई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे। 
Romans 12:9 प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई में लगे रहो। 
Romans 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। 
Romans 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। 
Romans 12:12 आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो। 
Romans 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो। 
Romans 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। 
Romans 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ। 
Romans 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो। 
Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो। 
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 6:1-21


मंगलवार, 17 मई 2016

संपर्क


   हम मनुष्य प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष, लौकिक तथा अलौकिक, दोनों ही सच्चाईयों के संपर्क में रहते हैं। मैं इस बात के बारे में तब सोचने लगा जब मैं न्यूज़ीलैंड के समुद्री तट से एक नाव में व्हेल मछलियों को देखने के लिए गया। व्हेल मछली कुछ देर पानी की सतह पर रहकर आराम करती, कुछ लंबी-लंबी सांसें लेती जिससे जब वह श्वास बाहर निकालती तो एक अद्भुत फव्वारा सा निकलता, और फिर वह लगभग एक मील की गहराई तक पानी में अपना भोजन ढूँढ़ने और खाने के लिए उतर जाती। यद्यपि उन व्हेल मछलियों का पानी अन्दर अपना एक संसार है, वहाँ के अपने जीव-जन्तु हैं, लेकिन उसे सांस लेने और ऑक्सीजन द्वारा अपना रक्त साफ करने के लिए पानी कि सतह पर आना ही पड़ता है। व्हेल पानी के बाहर के संसार के बारे में कुछ नहीं जानती है, लेकिन जीवित रहने के लिए पानी की सतह पर आकर पानी के बाहर के संसार के साथ उसे संपर्क बना कर रखना ही होता है।

   यही हमारी भी स्थिति है, जैसे व्हेल को अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए ऑक्सीजन लेने पानी की सतह पर आना होता है, वैसे ही हमें भी अपने आत्मा, मन और हृदय को स्वच्छ रखने के लिए परमेश्वर के संपर्क में बारंबार आना ही होता है। हमारे लिए लौकिक और आलौकिक में कोई स्पष्ट विभाजन नहीं है; जिस संसार में हम रहते और कार्य करते हैं वह ’या तो इस ओर, नहीं तो उस ओर’ का संसार नहीं है। एक मसीही विश्वासी होने के नाते मैं जो प्रार्थना, आराधना, परमेश्वर के प्रेम को ज़रूरतमंदों, बीमारों और बन्धनों में पड़े हुओं तक पहुँचाने का कार्य करता हूँ, वह लौकिक भी है और अलौकिक भी, सांसारिक भी है और स्वर्गीय भी। हमारे सभी कार्य इस प्रत्यक्ष संसार में, जिसे हम देख, छू, सूंघ और अनुभव कर सकते हैं में होते हैं, लेकिन हमारे जीवनों पर उनके प्रभाव ना केवल इस संसार में वरन आने वाले संसार में भी जाते हैं।

   जिस परमेश्वर ने हमें प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले इस संसार की तथा हमारी सृष्टि करी है, वही इस प्रत्यक्ष संसार को अप्रत्यक्ष रीति से संचालित करता है तथा हमें अपने संपर्क में आने के तरीके और अवसर भी देता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा: "और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना" (कुलुस्सियों  1:22-23)। प्रभु यीशु में होकर संभव हुए परमेश्वर से इस मेल-मिलाप के द्वारा परमेश्वर ने हमारे लिए यह संभव किया है कि हम उससे संपर्क में बने रहें तथा वह आत्मिक ऑक्सीजन, अर्थात उसका वचन, प्राप्त करते रहें जो हमारे प्राण, देह और आत्मा को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखता है। - फिलिप यैन्सी


परमेश्वर का सिंहासन उसके बच्चों की पहुँच के बाहर कभी नहीं रहता।

क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं। - रोमियों 5:10-11

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:9-23
Colossians 1:9 इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ। 
Colossians 1:10 ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। 
Colossians 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको। 
Colossians 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। 
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। 
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है। 
Colossians 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है। 
Colossians 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। 
Colossians 1:17 और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
Colossians 1:18 और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे। 
Colossians 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे। 
Colossians 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। 
Colossians 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। 
Colossians 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे। 
Colossians 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 5:25-47


सोमवार, 16 मई 2016

अच्छे सलाहकार


   पन्द्रहवीं शताब्दी के धर्मशास्त्री थौमस ए. केम्पिस ने कहा था, "ऐसा बुद्धिमान कौन है जो हर विषय का सिद्ध ज्ञान रखे? इसलिए, अपने विचार पर आवश्यकता से अधिक भरोसा मत रखना, वरन औरों के विचार सुनने के लिए भी तैयार रहना। चाहे आपके अपने विचार अच्छे भी हों, तौभी परमेश्वर के प्रेम में होकर यदि आप अपने विचार को छोड़कर दूसरों के बेहतर विचार सुनकर उन्हें मान लेंगे, तो इससे आपका भला ही होगा।" थौमस ने जीवन के निर्णय लेने में भले सलाहकारों की उपयोगिता और महत्व को पहचान लिया था।

   जीवन में परमेश्वर की इच्छा जानने और उसके अनुसार चलने के लिए बुद्धिमान व्यक्ति को अपने समक्ष ऐसे विकल्प बनाए रखने चाहिएं जिन में होकर परमेश्वर का मार्गदर्शन उस तक पहुंचा सके, जैसे कि परमेश्वर का वचन बाइबल, परमेश्वर को समर्पित और उससे प्रेम करने वाले परिपक्व लोग, स्वयं प्रार्थना और बाइबल अध्ययन में परमेश्वर के साथ समय बिताना आदि। जब कोई व्यक्ति अच्छे सलाहकारों की सलाह लेता है, तो वह यह भी दिखाता है कि उसे एहसास है कि उस निर्णय के लेने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों को संभवतः वह स्वयं जान नहीं पाया है। परमेश्वर के वचन बाइबल में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति सुलेमान ने बताया कि अच्छे सलाहकारों से सलाह लेने का क्या महत्व है: "बिना सम्मति की कल्पनाएं निष्फल हुआ करती हैं, परन्तु बहुत से मंत्रियों की सम्मत्ति से बात ठहरती है" (नीतिवचन 15:22)।

   प्रभु यीशु ही हमारा अद्भुत, युक्ति करने वाला, प्राक्रमी परमेश्वर है (यशायाह 9:6), वही हमारे लिए परमेश्वर की बुद्धि है, और वही अच्छे सलाहकारों के द्वारा हमें सुरक्षित रखता है। इसलिए परमेश्वर के भय में रहने और चलने वाले, परमेश्वर के वचन में दृढ़ और स्थापित रहने वाले अच्छे सलाहकारों को ढूँढ़ें, उनकी संगति में रहें, उनके लिए प्रभु परमेश्वर का धन्यवाद करें और अपने जीवन के लिए स्पष्ट और नेक सलाह प्राप्त करने में उनका सहयोग लेते रहें। - मार्विन विलियम्स


यदि आप अच्छे सलाहकारों की सलाह लेते रहेंगे तो सही निर्णय ले पाने की संभावनाओं को बढ़ाते रहेंगे।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। - यशायाह 9:6

बाइबल पाठ: नीतिवचन 8:12-21
Proverbs 8:12 मैं जो बुद्धि हूं, सो चतुराई में वास करती हूं, और ज्ञान और विवेक को प्राप्त करती हूं। 
Proverbs 8:13 यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। घमण्ड, अंहकार, और बुरी चाल से, और उलट फेर की बात से भी मैं बैर रखती हूं। 
Proverbs 8:14 उत्तम युक्ति, और खरी बुद्धि मेरी ही है, मैं तो समझ हूं, और पराक्रम भी मेरा है। 
Proverbs 8:15 मेरे ही द्वारा राजा राज्य करते हैं, और अधिकारी धर्म से विचार करते हैं; 
Proverbs 8:16 मेरे ही द्वारा राजा हाकिम और रईस, और पृथ्वी के सब न्यायी शासन करते हैं। 
Proverbs 8:17 जो मुझ से प्रेम रखते हैं, उन से मैं भी प्रेम रखती हूं, और जो मुझ को यत्न से तड़के उठ कर खोजते हैं, वे मुझे पाते हैं। 
Proverbs 8:18 धन और प्रतिष्ठा मेरे पास है, वरन ठहरने वाला धन और धर्म भी हैं। 
Proverbs 8:19 मेरा फल चोखे सोने से, वरन कुन्दन से भी उत्तम है, और मेरी उपज उत्तम चान्दी से अच्छी है। 
Proverbs 8:20 मैं धर्म की बाट में, और न्याय की डगरों के बीच में चलती हूं, 
Proverbs 8:21 जिस से मैं अपने प्रेमियों को परमार्थ के भागी करूं, और उनके भण्डारों को भर दूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 24-25
  • यूहन्ना 5:1-24


रविवार, 15 मई 2016

संपूर्ण


   हमारे बेटे मार्क के सेना में भरती को 4 सप्ताह ही हुए थे कि एक प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान उसके घुटने में गंभीर चोट लग गई। परिणामस्वरूप उसे सेना छोड़नी पड़ी, और 19 वर्ष की आयु में उसे चलने-फिरने के लिए लकड़ी का सहारा लेना पड़ा। चोट की गंभीरता के कारण उसे 2 वर्ष तक आराम, पुनःस्थापन के व्यायाम और पुनःस्वस्थ होने की लंबी प्रक्रिया से निकलना पड़ा। अन्ततः वह अपने घुटने पर बंधे सहायकों (braces) को उतारने पाया, जो उसे चोटिल होने के बाद से बांध कर रखने पड़े थे। यद्यपि आज भी उसे थोड़ा-बहुत दर्द होता रहता है लेकिन चंगा होने की लंबी और धीमी प्रक्रिया से होकर वह आज अपनी टांग को पूरी तरह से प्रयोग करने की स्थिति में आ गया है।

   हमारे शरीरों को भला-चंगा होने में हमारे अनुमान से कहीं अधिक समय लगता है। यही बात हमारी आत्मिक चंगाई पर भी ऐसे ही लागू होती है। जीवन में लिए गए गलत निर्णयों, अविवेकपूर्ण कार्यों या दूसरों द्वारा हमें पहुंचाए गए आघातों के कारण हम पर आने वाले बोझ या घाव जीवन पर्यन्त हमारे साथ रहते हैं; उनकी पीड़ा हमें समय-असमय स्मरण आति रहती है। लेकिन हम मसीही विश्वासियों के लिए हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता की ओर से आश्वासन है कि मसीह यीशु में लाए गए विश्वास के साथ ही हमारी आत्मिक चंगाई आरंभ हो जाती है और हम अन्ततः इन सब बातों से निकल कर एक ऐसे स्थान पर होंगे जहाँ इनका ना तो स्मरण और ना कोई प्रभाव शेष रहेगा। इस विषय में परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना लिखता है: "और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:4)।

   जब भी हम किसी पीड़ादायक परिस्थिति में हों तो इस बात को ध्यान करना शान्तिदायक होता है कि हमारे परमेश्वर पिता की उपस्थिति सदा हमारे साथ बनी रहती है और वह हमें संपूर्ण तथा निश्चिंत करने के मार्ग बना कर देता रहता है, और अन्ततः अपने साथ अनन्त शांति में अनन्त काल के लिए ले लेगा। - बिल क्राउडर


हम जैसे ही मसीह यीशु के पास अपनी व्यथित तथा टूटी हुई दशा में आते हैं, 
वह हमें संपूर्ण करना आरंभ कर देता है।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है; और परमेश्वर सच्चा है, वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-8
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। 
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा। 
Revelation 21:8 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्‍हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्‍धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 22-23
  • यूहन्ना 4:31-54


शनिवार, 14 मई 2016

भला


   मेरे बाल काटने के बाद मेरे बालों की देखभाल करने वाले ने कहा, "आपके बाल वास्तव में काफी स्वस्थ हैं; मेरी आशा है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आप हमारे द्वारा बनाए गए उत्पाद प्रयोग करती हैं।" मैंने उत्तर दिया, "माफ कीजिए, लेकिन ऐसा नहीं है; मैं तो केवल वह प्रयोग करती हूँ जिसकी सुगन्ध अच्छी होती है और जो महंगा नहीं होता।" फिर मैंने उससे आगे कहा, "लेकिन मैं अच्छा भोजन खाने पर बहुत ध्यान देती हूँ; मेरे विचार से इससे बहुत प्रभाव पड़ता है।"

   अपने आप को आकर्षक बनाने के लिए जो कुछ हम लोग करते हैं, उन बातों के बारे में सोचने पर मेरा ध्यान इस पर भी जाता है कि अपने आप को आत्मिक रीति से आकर्षक बनाने के लिए हम क्या करते हैं? यरुशालेम के धार्मिक अगुवओं के साथ हुए प्रभु यीशु के वार्तालाप में, प्रभु ने यह मुद्दा भी उनके सामने रखा (मत्ती 23)। वे धार्मिक अगुवे, परमेश्वर द्वारा दिए गए नियमों के अलावा अपने ही द्वारा बनाए गए अनेकों उल्झाने वाले नियमों का पालन करते थे, जिससे कि अपने आस-पास के लोगों और समाज को यह दिखा सकें कि वे उन बाकी सभी लोगों से भले और धर्मी थे। लेकिन उनके ये प्रयास परमेश्वर को किसी रीति प्रभावित नहीं करते थे। प्रभु यीशु ने उनसे कहा, "हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्‍धेर असंयम से भरे हुए हैं" (पद 25)। अपने आप को औरों से अधिक भला और धर्मी दिखाने के उनके प्रयास, उलटा यही दिखाते थे कि वास्तव में भले और धर्मी नहीं थे।

   प्रत्येक समाज तथा संस्कृति के अपने धार्मिक आचरण, व्यवहार और प्रथाएं होती हैं; लेकिन परमेश्वर किसी जाति, समाज, धर्म या संस्कृति विशेष से बंधा हुआ नहीं है। परमेश्वर के आदर्श तथा उसको ग्रहणयोग्य व्यवहार के मानक भी उसने स्वयं ही निर्धारित किए हैं; और जो उसे पसन्द है उसका आँकलन वह दूसरों के देखने या उनके विचारों के अनुसार नहीं करता। परमेश्वर को एक कोमल निर्मल हृदय और पवित्र तथा नम्र मंशाएं भाती हैं।

   परमेश्वर को ग्रहणयोग्य जीवन बाहर से भला दिखने वाला नहीं वरन हर बात और हर परिस्थिति में अन्दर से भला बने रहने वाला जीवन है। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


अन्दर से भले हुए बिना, हम बाहर से भले दिख तो सकते हैं, परन्तु भले रह नहीं सकते।

इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। रोमियों 12:1-2 

बाइबल पाठ: मत्ती 23:23-31
Matthew 23:23 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गंभीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते। 
Matthew 23:24 हे अन्धे अगुवों, तुम मच्छर को तो छान डालते हो, परन्तु ऊंट को निगल जाते हो। 
Matthew 23: हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्‍धेर असंयम से भरे हुए हैं। 
Matthew 23:26 हे अन्धे फरीसी, पहिले कटोरे और थाली को भीतर से मांज कि वे बाहर से भी स्‍वच्‍छ हों।
Matthew 23:27 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्‍दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं। 
Matthew 23:28 इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो।
Matthew 23:29 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें संवारते और धर्मियों की कब्रें बनाते हो। 
Matthew 23:30 और कहते हो, कि यदि हम अपने बाप-दादों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उन के साझी न होते। 
Matthew 23:31 इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्तान हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 19-21
  • यूहन्ना 4:1-30


शुक्रवार, 13 मई 2016

नया जन्म


   नवजात शिशुओं में ऐसा क्या होता है जो हमारे चेहरों पर मुस्कुराहट ले आता है? शिशु को देखने या सुनने पर अनेक लोग, वह सब कुछ जो वे कर रहे हैं छोड़कर, उस बच्चे को निहारने के लिए आ जाते हैं। मेरा ध्यान इस बात पर तब गया जब मैं अपने पिताजी से मिलने एक नर्सिंग होम में गया। यदयपि उस नर्सिंग होम में भरती अधिकांश लोग पहिए वाली कुर्सी के सहारे ही इधर-उधर आ जा सकते थे, तथा उनमें से अनेकों की याद्दाशत बहुत कमज़ोर हो गई थी, लेकिन शिशु को साथ लेकर आए किसी परिवार को देखते ही उनकी आँखों में एक चमक आ जाती थी, और फिर एक मुस्कान भी उनके चेहरे पर दिखने लगती थी। उन लोगों के हाव-भाव में यह परिवर्तन होते देखना अद्भुत था।

   संभवतः शिशुओं द्वारा आने वाली मुस्कान का कारण है नए जीवन का अचरज - जीवन जो छोटा सा किंतु इतना बहुमूल्य, इतनी आशा से भरा हुआ। एक शिशु को देखकर हम अपने महान परमेश्वर को तथा हमारे प्रति उसके अद्भुत प्रेम को स्मरण कर सकते हैं। उसने हम से इतना प्रेम किया, हमें जीवन दिया, हमें स्वरूप दिया, हमारी माँ के गर्भ में हमारी रचना करी, जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार कहता है: "मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा" (भजन 139:13)।

   परमेश्वर ना केवल हमें शारीरिक जीवन देता है वरन हमें एक नया आत्मिक जीवन भी देता है, जब हम प्रभु यीशु पर विश्वास लाते हैं (यूहन्ना 3:3-8); और सभी मसीही विश्वासियों से परमेश्वर का वायदा है कि प्रभु यीशु के लौटने पर हमें नए अविनाशी शरीर और अनन्त अविनाशी जीवन भी मिलगा (1 कुरिन्थियों 15:50-52)।

   वर्तमान का शारीरिक जीवन, आत्मिक नया जन्म और आने वाले समय में नए अविनाशी शरीर - हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता से मिलने वाले उपहार, जिनकी बहुमूल्यता हमें समझनी चाहिए, जिनके लिए हमें उसका आभारी होना चाहिए, उसकी आराधना करनी चाहिए। - एलिसन कीडा (Our Daily Bread स्टाफ संपादक)


तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, 
अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, 
नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। - उत्पत्ति 1:27

हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है। देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे। और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे। - 1 कुरिन्थियों 15:50-52

बाइबल पाठ: भजन 139:7-16; यूहन्ना 3:3-8
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? 
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है! 
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं, 
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा। 
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्धेरा हो जाएगा, 
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
Psalms 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा। 
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं। 
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं। 
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।

John 3:3 यीशु ने उसको उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता। 
John 3:4 नीकुदेमुस ने उस से कहा, मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दुसरी बार प्रवेश कर के जन्म ले सकता है? 
John 3:5 यीशु ने उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं; जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता। 
John 3:6 क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है। 
John 3:7 अचम्भा न कर, कि मैं ने तुझ से कहा; कि तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है। 
John 3:8 हवा जिधर चाहती है उधर चलती है, और तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता, कि वह कहां से आती और किधर को जाती है? जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है। 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 17-18
  • यूहन्ना 3:19-36


गुरुवार, 12 मई 2016

व्यवहार


   अनेक वर्षों से मैंने एक फाइल बना रखी है जिस का शीर्षक है "प्रचार हेतु"। इस फाइल में मैं वे लेख, उद्धरण, रोचक सामग्री आदि जमा करता रहता हूँ जो प्रचार में उपयोगी हो सकती हैं। हाल ही में मैंने चाहा कि उस मोटी हो चुकी फाइल में से वह सब निकाल दूं जो पुराना पड़ चुका है, अब समसामयिक नहीं रहा है। लेकिन फाइल की बहुत सी सामग्री को निकाल कर फेंक पाना मेरे लिए कठिन हो गया; इसलिए नहीं क्योंकि मैंने उन्हें लंबे समय से या कभी भी किसी प्रचार में प्रयोग नहीं किया है, वरन इसलिए क्योंकि वे बातें मैं अपने व्यावाहरिक जीवन में जी कर नहीं दिखा पाया। उस फाइल को बंद कर के वापस रखते समय मैं सोचने लगा, "ये प्रचार में बोलने के लिए उपयोगी बातें नहीं हैं; ये तो व्यवहार में जीने के लिए उपयोगी बातें हैं।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में व्यवस्थाविवरण की पुस्तक, 40 वर्ष की यात्रा के बाद वाचा किए हुए कनान देश में प्रवेश से पहले मुसा द्वारा उन इस्त्राएलियों के सामने कही और दोहराई गई बातों का विवरण है। मूसा ने उन से कहा: "अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूं उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाओ" (व्यवस्थाविवरण 4:1)। यहाँ मूसा ने बारंबार इस बात को दोहराया कि परमेश्वर के नियम दैनिक व्यवहार में लाने के लिए हैं (व्यवस्थाविवरण 4:1, 2, 6, 9); "सुनो, मैं ने तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार तुम्हें विधि और नियम सिखाए हैं, कि जिस देश के अधिकारी होने जाते हो उस में तुम उनके अनुसार चलो" (व्यवस्थाविवरण 4:5)।

   जितना हम करने पा रहे हैं या जैसा सत्य हम जीने पा रहे हैं उससे बढ़-चढ़ कर बोलना और प्रचार करना बहुत सरल होता है। हम, यह भुला कर कि परमेश्वर ने अपने नियम अपने मन से हमारे प्रति उसके असीम प्रेम के कारण दिए हैं, शब्दों से भरे हुए किंतु वास्तविकता से रहित हो सकते हैं। लेकिन परमेश्वर के वचन के व्यावाहरिक पालन का जीवन ही सच्चा मसीही जीवन है। - डेविड मैक्कैअसलैंड


हमारे कार्यों और जीवन का प्रदर्शन हमारे शब्दों के अनुरूप ही होना चाहिए।

परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। - याकूब 1:22

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 4:1-9
Deuteronomy 4:1 अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूं उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाओ। 
Deuteronomy 4:2 जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूं उस में न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूं उन्हें तुम मानना। 
Deuteronomy 4:3 तुम ने तो अपनी आंखों से देखा है कि बालपोर के कारण यहोवा ने क्या क्या किया; अर्थात जितने मनुष्य बालपोर के पीछे हो लिये थे उन सभों को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे बीच में से सत्यानाश कर डाला; 
Deuteronomy 4:4 परन्तु तुम जो अपने परमेश्वर यहोवा के साथ लिपटे रहे हो सब के सब आज तक जीवित हो। 
Deuteronomy 4:5 सुनो, मैं ने तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार तुम्हें विधि और नियम सिखाए हैं, कि जिस देश के अधिकारी होने जाते हो उस में तुम उनके अनुसार चलो। 
Deuteronomy 4:6 सो तुम उन को धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के साम्हने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है। 
Deuteronomy 4:7 देखो, कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसका देवता उसके ऐसे समीप रहता हो जैसा हमारा परमेश्वर यहोवा, जब कि हम उसको पुकारते हैं? 
Deuteronomy 4:8 फिर कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसके पास ऐसी धर्ममय विधि और नियम हों, जैसी कि यह सारी व्यवस्था जिसे मैं आज तुम्हारे साम्हने रखता हूं? 
Deuteronomy 4:9 यह अत्यन्त आवश्यक है कि तुम अपने विषय में सचेत रहो, और अपने मन की बड़ी चौकसी करो, कहीं ऐसा न हो कि जो जो बातें तुम ने अपनी आंखों से देखीं उन को भूल जाओ, और वह जीवन भर के लिये तुम्हारे मन से जाती रहे; किन्तु तुम उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाना।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 15-16
  • यूहन्ना 3:1-18