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रविवार, 21 अगस्त 2016

अनुभव और भरोसा


   एक पुरानी कहावत है, "उतना ही मुँह में लो जितना कि चबा सकते हो"; अर्थात क्षमता से अधिक कुछ भी हाथ में ना लो; उत्तरदायित्व भी उतने ही लो जितने निभाने पाओ। लेकिन यह ध्यान रखने के बावजूद, जो कार्य या ज़िम्मेदारी हमने हाथ में ली है, कभी-कभी उसकी विशालता या कठिनाई से हम अभिभूत हो भी सकते हैं। यह हमारे मसीही विश्वास और प्रभु यीशु मसीह के प्रति हमारे समर्पण के साथ भी हो सकता है। लेकिन प्रभु पर हमारा भरोसा यदि डगमगाने भी लगे, तो प्रभु के पास हमारे प्रोत्साहन के लिए उपयुक्त शब्द उपलब्ध हैं (1 कुरिन्थियों 10:13)।

   हमारे प्रोत्साहन का एक और तरीका है परमेश्वर की हमारे प्रति सदा बने रहने वाली विश्वासयोग्यता को स्मरण करते रहना, उसका ध्यान बनाए रखना। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों को लिखी पत्री का लेखक उन्हें उनके उस साहस को स्मरण करने के लिए कहता है जो उन्होंने अपने मसीही विश्वास में आने के प्राथमिक दिनों में दिखाया था (इब्रानियों 10:32-33)। सामाजिक अपमान, तिरिस्कार और ताड़ना के बावजूद, उन्होंने बंदीगृह में डाले गए मसीही विश्वासियों की सहायता करी, अपनी संपत्ति को आनन्द से लुटने दिया (पद 33-34)। इस बात को आधार बना कर लेखक उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कहता है: "सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है। पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं" (पद 35-36)।

   आज हम मसीही विश्वासियों की आशा का आधार हमारी अपनी कोई योग्यता या क्षमता नहीं, वरन प्रभु यीशु मसीह, उसका जीवता वचन और सही समय पर उसके पुनरागमन की आशा है। यह परमेश्वर से हमें मिलने वाली सामर्थ ही है जिससे संसार और शैतान द्वारा मार्ग में डाली जाने वाली हर बाधा और निराशा के बावजूद हम अपने मसीही विश्वास की यात्रा को ज़ारी रखते हुए अपने स्वर्गीय गन्तव्य की ओर बढ़ते रहते हैं, सकुशल बने रहते हैं। बीते दिनों में हमारे प्रति बनी रही परमेश्वर की विश्वासयोग्यता के अनुभव, आने वाले दिनों की सभी बातों के लिए उस में हमारे भरोसे को दृढ़ और स्थिर करती है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर की विश्वासयोग्यता हमारे भरोसे को उकसाती और बढ़ाती है।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर विश्वासयोग्य है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:32-39
Hebrews 10:32 परन्तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे। 
Hebrews 10:33 कुछ तो यों, कि तुम निन्‍दा, और क्‍लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी। 
Hebrews 10:34 क्योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जान कर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है। 
Hebrews 10:35 सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है। 
Hebrews 10:36 क्योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्छा को पूरी कर के तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ। 
Hebrews 10:37 क्योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा। 
Hebrews 10:38 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा। 
Hebrews 10:39 पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 107-109
  • 1 कुरिन्थियों 4


शनिवार, 20 अगस्त 2016

बुनियाद


   जर्मनी के बावेरिया प्रांत में स्थित नॉर्डलिंगन शहर अद्वितीय है क्योंकि वह एक विशाल गोलाकार गढ्ढे में स्थित है। बहुत वर्ष पहले यह गढ्ढा एक उलका-पिण्ड के टकराव से बना था। उस टकराव से इतना अधिक दबाव और गर्मी उत्पन्न हुई कि वहाँ की चट्टानें रवेदार हो गईं और वहाँ अनगिनित सूक्षम हीरे बन गए। 13वीं शताब्दी में उन रवेदार चट्टानों और सूक्षम हीरों से जड़े पत्थरों से वहाँ का सेंट जॉर्ज चर्च बनाया गया। आज भी उस चर्च को देखने के लिए आने वाले उसकी दीवारों और बुनियाद में उन पत्थरों में बने सुन्दर मणियों और रत्नों को देख सकते हैं, और उन्हें देखकर कुछ लोग यह भी कहते हैं कि उस चर्च की बुनियाद अलौकिक है।

   परमेश्वर का वचन, बाइबल, हम मसीही विश्वासियों की एक अन्य अलौकिक बुनियाद के बारे में भी बताती है - प्रभु यीशु मसीह। प्रभु यीशु स्मस्त मानव-जाति के उद्धार के लिए स्वर्ग से उतरकर आए (यूहन्ना 3:13) और अपने बलिदान, पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण के पश्चात वापस स्वर्ग को लौट गए; लेकिन पृथ्वी पर अपने अनुयायियों को, जिन्हें बाइबल में परमेश्वर का "जीवित मन्दिर" भी कहा जाता है, अपने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए छोड़ गए; और इस जीवित मन्दिर की वे स्वयं ही बुनियाद हैं। प्रेरित पौलुस ने इस बुनियाद के विषय में लिखा, "क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता" (1 कुरिन्थियों 3:11)।

   बावेरिया में बना वह भौतिक चर्च भवन की बुनियाद और निर्माण पृथ्वी के पत्थरों से है; परन्तु वह आत्मिक चर्च - अर्थात सभी मसीही विश्वासियों का समूह, सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वोत्तम स्वर्गीय बुनियाद - प्रभु यीशु मसीह पर स्थापित है, और उसके निर्माण के लिए परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों को प्रयोग कर रहा है (यशायाह 28:16; 1 कुरिन्थियों 10:3-4)।

   परमेश्वर की स्तुति एवं प्रशंसा हो कि जो कार्य हमारे उद्धार के लिए प्रभु यीशु ने पूरा कर के दे दिया है, उसके कारण हमारा उद्धार अनन्तकाल के लिए सुदृढ़ और सुरक्षित है। - डेनिस फिशर


हमारे विश्वास की चट्टान, मसीह यीशु ही हमारी दृढ़ आशा है।

इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए। और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो। जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है। जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो। - इफिसियों 2:19-22

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-11
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं। 
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो। 
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? 
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं? 
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। 
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। 
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। 
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो। 
1 Corinthians 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है। 
1 Corinthians 3:11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 105-106
  • 1 कुरिन्थियों 3


शुक्रवार, 19 अगस्त 2016

अनुसरण


   मेरे घर के निकट कुत्तों की एक प्रदर्शनी आयोजित हुई; उस प्रदर्शनी में अनेक तरह के कुत्ते थे और उनके मालिक उन कुत्तों की विशेषताएं भी दिखा रहे थे। एक विशेष जाति के कुत्ते ने, जिसका नाम ट्रेवर था, अपने स्वामी के निर्देषानुसार कई बातों को कर के दिखाया। अपने स्वामी के कहने पर ट्रेवर कुछ दूर तक दौड़ कर गया और तुरंत लौटकर वापस भी आया; उसने बाड़ के ऊपर से छलांगें लगाईं, सूँघकर भिन्न वस्तुओं को पहिचना। हर कार्य को करने के पश्चात ट्रेवर वापस आकर अपने स्वामी के कदमों पर बैठ जाता था, और अगले निर्देष की प्रतीक्षा करने लगता था और फिर निर्देष पाने पर ही वह स्वामी के कदमों से उसे पूरा करने के लिए हटता था।

   ट्रेवर की इस निर्देष पाने पर ही हिलने की बात ने मुझे उस समर्पण की याद दिलाई जो परमेश्वर अपने लोगों से चाहता है। जब परमेश्वर इस्त्राएलियों को मिस्त्र के दास्तव से निकाल कर वाचा किए हुए कनान देश की ओर लेकर चला, तो वह स्वयं ही बादल और अग्नि के खंबे के रूप में उनका मार्गदर्शक बनकर उनके आगे चला। यदि परमेश्वर की उपस्थिति का बादल ऊपर उठता था तो परमेश्वर के लोग आगे बढ़ते थे, और यदि बादल नीचे उतर जाता तो वे लोग उस स्थान पर शिविर लगा लेते थे और वहीं रहते थे जब तक कि बादल पुनः उठकर आगे ना बढ़ने लगे: "यहोवा की आज्ञा से वे अपने डेरें खड़े करते, और यहोवा ही की आज्ञा से वे प्रस्थान करते थे; जो आज्ञा यहोवा मूसा के द्वारा देता था उसको वे माना करते थे" (गिनती 9:23)। वे इस्त्राएली दिन-रात, इसी रीति का पालन करते रहे और चाहे जितना भी समय किसी एक स्थान पर बिताना पड़ता था, वे बिताते थे और परमेश्वर के निर्देष पर ही आगे कनान की ओर बढ़ते थे।

   ऐसा करके परमेश्वर उन इस्त्राएलियों की केवल परीक्षा ही नहीं ले रहा था, वरन उस वाचा किए हुए उत्तम कनान देश में पहुँचकर बसने और फलवन्त होने के लिए उनका प्रशिक्षण भी कर रहा था। आज परमेश्वर का अनुसरण करने की यही बात हम मसीही विश्वासियों के साथ भी है। परमेश्वर चाहता है कि हम उसके साथ निकट-संगति रखें, उसकी आशीषों के संभागी हों। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि जो दीन और नम्र होकर उसका अनुसरण करते हैं, परमेश्वर उनके प्रति विश्वासयोग्य और प्रेमी रहता है, उनकी भलाई करने में लगा रहता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर चाहता है कि उसकी सन्तान उसका अनुसरण करे।

भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिस से उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! - व्यवस्थाविवरण 5:29

बाइबल पाठ: गिनती 9:15-23
Numbers 9:15 जिस दिन निवास जो साक्षी का तम्बू भी कहलाता है खड़ा किया गया, उस दिन बादल उस पर छा गया; और सन्ध्या को वह निवास पर आग सा दिखाई दिया और भोर तक दिखाई देता रहा। 
Numbers 9:16 और नित्य ऐसा ही हुआ करता था; अर्थात दिन को बादल छाया रहता, और रात को आग दिखाई देती थी। 
Numbers 9:17 और जब जब वह बादल तम्बू पर से उठ जाता तब इस्त्राएली प्रस्थान करते थे; और जिस स्थान पर बादल ठहर जाता वहीं इस्त्राएली अपने डेरे खड़े करते थे। 
Numbers 9:18 यहोवा की आज्ञा से इस्त्राएली कूच करते थे, और यहोवा ही की आज्ञा से वे डेरे खड़े भी करते थे; और जितने दिन तक वह बादल निवास पर ठहरा रहता उतने दिन तक वे डेरे डाले पड़े रहते थे। 
Numbers 9:19 और जब जब बादल बहुत दिन निवास पर छाया रहता तब इस्त्राएली यहोवा की आज्ञा मानते, और प्रस्थान नहीं करते थे। 
Numbers 9:20 और कभी कभी वह बादल थोड़े ही दिन तक निवास पर रहता, और तब भी वे यहोवा की आज्ञा से डेरे डाले पड़े रहते थे और फिर यहोवा की आज्ञा ही से प्रस्थान करते थे।
Numbers 9:21 और कभी कभी बादल केवल सन्ध्या से भोर तक रहता; और जब वह भोर को उठ जाता था तब वे प्रस्थान करते थे, और यदि वह रात दिन बराबर रहता तो जब बादल उठ जाता तब ही वे प्रस्थान करते थे। 
Numbers 9:22 वह बादल चाहे दो दिन, चाहे एक महीना, चाहे वर्ष भर, जब तक निवास पर ठहरा रहता तब तक इस्त्राएली अपने डेरों में रहते और प्रस्थान नहीं करते थे; परन्तु जब वह उठ जाता तब वे प्रस्थान करते थे। 
Numbers 9:23 यहोवा की आज्ञा से वे अपने डेरे खड़े करते, और यहोवा ही की आज्ञा से वे प्रस्थान करते थे; जो आज्ञा यहोवा मूसा के द्वारा देता था उसको वे माना करते थे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 103-104
  • 1 कुरिन्थियों 2


गुरुवार, 18 अगस्त 2016

प्रतीक्षा और विश्वास


   दूसरे विश्वयुद्ध के समय, जर्मनी के एक युद्ध-बंदी शिविर में, कुछ अमरीकी युद्ध बंदियों ने, जर्मन सुरक्षाकर्मियों की जानकारी में आए बिना एक रेडियो बना लिया था। उस रेडियो पर उन्होंने एक दिन समाचार सुना कि जर्मनी के उच्च सेनाधिकारियों ने समर्पण कर दिया है और युद्ध समाप्त हो गया है। संचार व्यवस्था के बाधित हो जाने के कारण उस शिविर के जर्मन सुरक्षाकर्मियों तक यह समाचार आधिकारिक रूप में नहीं पहुँचने पाया। परन्तु जैसे ही यह समाचार युद्ध बंदियों में फैलने लगा, वे पुनः स्वतंत्र होने की आशा में ऊँची आवाज़ में खुशी मनाने लगे; तीन दिन तक वे आनन्दित होकर गीत गाते, पहरेदारों की ओर हाथ हिलाते और आपस में चुटकुले सुनाते, मज़ाक करते रहे। चौथे दिन उन बंदियों ने पाया कि उनके जर्मन सुरक्षाकर्मी शिविर छोड़कर भाग गए हैं और उन बंदियों की आशा की प्रतीक्षा का अन्त हो गया था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम अनेक घटनाएं एवं शिक्षाएं पाते हैं जो प्रतीक्षा पर केंद्रित हैं, जैसे कि: अब्राहम की सन्तान तथा उत्तराधिकारी पाने की प्रतीक्षा; इस्त्राएलियों की मिस्त्र के दास्तव से छुड़ाए जाने की प्रतीक्षा। परमेश्वर के भविष्यद्वकताओं की अपनी भविष्यवाणियों के पूरी होने की प्रतीक्षा; प्रभु यीशु मसीह के चेलों की प्रतीक्षा कि उनकी आशा के अनुरूप प्रभु सामर्थी मसीहा बनकर कार्य करे, इत्यादि। बाइबल की अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य के अन्त में प्रभु यीशु द्वारा कहे गए शब्द हैं, "...हां मैं शीघ्र आने वाला हूं" और फिर एक आग्रह से भरी प्रार्थना है, "आमीन। हे प्रभु यीशु आ" (प्रकाशितवाक्य 22:20); इन शब्दों के पूरे होने की हम मसीही विश्वासियों को प्रतीक्षा है।

   मैं अपने आप से प्रश्न करता हूँ, जब हम मसीही विश्वासी उस सुखद अन्त को भली-भांति जानते हैं, और प्रभु के आने की आशा तथा प्रतीक्षा में भी हैं तो फिर अपने जीवन में इतने भयभीत और चिंतित क्यों रहते हैं? उन युद्ध बंदियों के समान ही, उस सुखद और भले समाचार पर विश्वास रखते हुए हम अपनी उस आशा के अनुरूप जीवन क्यों नहीं व्यतीत करते हैं? परमेश्वर में विश्वास रखने का अर्थ और क्या है, सिवाए इसके कि जो उसने कहा है वह वैसा ही पूरा भी होगा। - फिलिप यैन्सी


प्रतीक्षा हमारे विश्वास को परखती है; इसलिए आशा के साथ प्रतीक्षा करें।

अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्‍चय, और अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण है। - इब्रानियों 11:1

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 22:12-21
Revelation 22:12 देख, मैं शीघ्र आने वाला हूं; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है। 
Revelation 22:13 मैं अलफा और ओमिगा, पहिला और पिछला, आदि और अन्‍त हूं। 
Revelation 22:14 धन्य वे हैं, जो अपने वस्‍त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के पेड़ के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे। 
Revelation 22:15 पर कुत्ते, और टोन्‍हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा।
Revelation 22:16 मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे: मैं दाऊद का मूल, और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूं।
Revelation 22:17 और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।
Revelation 22:18 मैं हर एक को जो इस पुस्‍तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूं, कि यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए, तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्‍तक में लिखीं हैं, उस पर बढ़ाएगा। 
Revelation 22:19 और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्‍तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्‍तक में है, उसका भाग निकाल देगा।
Revelation 22:20 जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं। आमीन। हे प्रभु यीशु आ।
Revelation 22:21 प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 100-102
  • 1 कुरिन्थियों 1


बुधवार, 17 अगस्त 2016

गायन


   पृथ्वी से 200 किलोमीटर की ऊँचाई से, कैनाडा के अन्तरिक्ष यात्री और अन्तराष्ट्रीय अन्तरिक्ष केन्द्र के कमांडर क्रिस हैडफील्ड पृथ्वी पर स्थित एक स्टूडियो में एकत्रित छात्रों के साथ एक समूह के साथ गीत गाने में सम्मिलित हुए। उन लोगों ने एक साथ हैडफील्ड और एड रॉबर्टसन द्वारा मिलकर लिखा गया गीत, "Is Somebody Singing" गाया। उस गीत की एक पंक्ति: "You can't make out borders from up here" (आप यहाँ से कोई भी सीमा रेखाएं नहीं देख सकते हैं) ने मेरा ध्यान खींचा। हम मनुष्य अपने आप को एक दूसरे से पृथक रखने के लिए अपने मध्य में अनेकों प्रकार की सीमा रेखाएं खींच लेते हैं - जैसे कि राष्ट्र, नसल, विचारधारा इत्यादि की सीमाएं; लेकिन इस गीत ने मुझे स्मरण करवाया कि परमेश्वर हमारे बीच में ऐसे कोई विभाजन नहीं देखता है। परमेश्वर के लिए एक ही बात महत्वपूर्ण है, कि हम उससे और आपस में एक दूसरे से सच्चा प्रेम रखें: "और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं" (मरकुस 12:30-31)।

   एक प्रेमी पिता होने के नाते परमेश्वर चाहता है कि उसका परिवार एक जुट होकर साथ रहे। यदि हम एक-दूसरे के साथ मेल-मिलाप और सहयोग के साथ नहीं रहेंगे तो जो परमेश्वर हम से चाहता है, उस कार्य को पूरा कभी नहीं कर सकेंगे। अपने क्रूस पर चढ़ाए जाने से पूर्व-रात्रि में प्रभु यीशु ने गहरी संवेदना के साथ परमेश्वर से प्रार्थना करी कि परमेश्वर उनके अनुयायियों को एक होकर रहने वाला बनाए: "जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा" (यूहन्ना 17:21)।

   एक साथ मिलकर गीत गाना इसी एकता को दिखाता है। समूह-गायन के समय सभी गाने वाले उस गीत के बोल, स्वर, ताल, लय, संगीत आदि में एक होते हैं; सभी एक-दूसरे का साथ निभाते, एक-दूसरे की सहायता करते, एक-दुसरे को उभारते हुए मिलकर गाते हैं, तभी अच्छा गायन प्रस्तुत होने पाता है।

   परमेश्वर की स्तुति और आराधना का गायन भी हमें ना केवल परमेश्वर के गुणों को संसार के सामने प्रगट करने का माध्यम प्रदान करता है, वरन हमारे मसीह यीशु में होकर एक होने को संसार के सामने दिखाने का अवसर भी देता है। सामूहिक आराधना और स्तुति गायन के सदुपयोग द्वारा परमेश्वर की महिमा संसार पर अवश्य प्रगट करें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर की आराधना और स्तुति करने का चलन कभी पुराना नहीं पड़ेगा।

अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। - इफिसियों 4:2-3

बाइबल पाठ: यूहन्ना 17:11-26
John 17:11 मैं आगे को जगत में न रहूंगा, परन्तु ये जगत में रहेंगे, और मैं तेरे पास आता हूं; हे पवित्र पिता, अपने उस नाम से जो तू ने मुझे दिया है, उन की रक्षा कर, कि वे हमारी नाईं एक हों। 
John 17:12 जब मैं उन के साथ था, तो मैं ने तेरे उस नाम से, जो तू ने मुझे दिया है, उन की रक्षा की, मैं ने उन की चौकसी की और विनाश के पुत्र को छोड़ उन में से काई नाश न हुआ, इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो। 
John 17:13 परन्तु अब मैं तेरे पास आता हूं, और ये बातें जगत में कहता हूं, कि वे मेरा आनन्द अपने में पूरा पाएं।
John 17:14 मैं ने तेरा वचन उन्हें पहुंचा दिया है, और संसार ने उन से बैर किया, क्योंकि जैसा मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं। 
John 17:15 मैं यह बिनती नहीं करता, कि तू उन्हें जगत से उठा ले, परन्तु यह कि तू उन्हें उस दुष्‍ट से बचाए रख। 
John 17:16 जैसे मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं। 
John 17:17 सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है। 
John 17:18 जैसे तू ने जगत में मुझे भेजा, वैसे ही मैं ने भी उन्हें जगत में भेजा। 
John 17:19 और उन के लिये मैं अपने आप को पवित्र करता हूं ताकि वे भी सत्य के द्वारा पवित्र किए जाएं। 
John 17:20 मैं केवल इन्‍हीं के लिये बिनती नहीं करता, परन्तु उन के लिये भी जो इन के वचन के द्वारा मुझ पर विश्वास करेंगे, कि वे सब एक हों। 
John 17:21 जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा। 
John 17:22 और वह महिमा जो तू ने मुझे दी, मैं ने उन्हें दी है कि वे वैसे ही एक हों जैसे की हम एक हैं। 
John 17:23 मैं उन में और तू मुझ में कि वे सिद्ध हो कर एक हो जाएं, और जगत जाने कि तू ही ने मुझे भेजा, और जैसा तू ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही उन से प्रेम रखा। 
John 17:24 हे पिता, मैं चाहता हूं कि जिन्हें तू ने मुझे दिया है, जहां मैं हूं, वहां वे भी मेरे साथ हों कि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तू ने मुझे दी है, क्योंकि तू ने जगत की उत्‍पत्ति से पहिले मुझ से प्रेम रखा। 
John 17:25 हे धामिर्क पिता, संसार ने मुझे नहीं जाना, परन्तु मैं ने तुझे जाना और इन्‍होंने भी जाना कि तू ही ने मुझे भेजा। 
John 17:26 और मैं ने तेरा नाम उन को बताया और बताता रहूंगा कि जो प्रेम तुझ को मुझ से था, वह उन में रहे और मैं उन में रहूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 97-99
  • रोमियों 16


मंगलवार, 16 अगस्त 2016

राजदूत


   पीट पीटरसन का वियतनाम के साथ पहला संपर्क वियतनाम के युद्ध के दौरान हुआ। सन 1966 में बंबारी करने की एक मुहिम में उनका लड़ाकू विमान मार गिराया गया और उन्हें युद्ध बन्दी बना लिया गया। इसके 30 वर्ष से भी अधिक के पश्चात वे अमेरिका के राजदूत बनकर वियतनाम लौटे। एक समाचार लेख में उनके इस आगमन पर उन्हें "मेल-मिलाप के लिए चलता-फिरता विज्ञापन पटल" कहा गया। पीट ने वर्षों पहले इस बात का एहसास कर लिया था कि परमेश्वर ने उनका जीवन इसलिए नहीं बचाया कि वे उसे क्रोध और कटुता में व्यतीत कर दें। क्योंकि वे अपने जीवन के प्रति परमेश्वर के उद्देश्य को समझने लगे थे इसलिए उन्होंने अपना शेष जीवन और अपना ओहदा वियतनाम के बच्चों को बेहतर सुरक्षा मानकों के उपलब्ध करवाए जाने और उनके जीवनों को बेहतर बनाने के लिए लगा दिया।

   अपने देश का राजदूत बनाकर किसी दूसरे देश में भेजे जाना बड़े आदर और गौरव की बात है। परमेश्वर का वचन बाइबल हम मसीही विश्वासियों को यह बताती है कि हम मसीह यीशु  के राजदूत हैं (2 कुरिन्थियों 5:20)। जैसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह को इसलिए पृथ्वी पर भेजा कि हमारा मेल-मिलाप परमेश्वर के साथ हो जाए, वैसे ही आज हमें इसी मेल-मिलाप के सन्देश को लोगों तक पहुँचाने की सेवकाई सौंपी गई है (पद 18-19)। जो सन्देश हमें संसार के सभी लोगों तक पहुँचाना है वह है कि मसीह यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा संसार के प्रत्येक व्यक्ति का मेल परमेश्वर के साथ हो सकता है क्योंकि "जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं" (पद 21)।

   जो प्रेम और मेल-मिलाप प्रभु यीशु ने हमारे प्रति दिखाया है, उसके लिए कृतज्ञ होकर प्रत्युत्तर में हम इसी प्रेम को दूसरों के साथ बांट सकते हैं, उन्हें इसके बारे में बता सकते हैं। हम मसीह यीशु के राजदूत हैं, और संसार में जहाँ भी परमेश्वर हमें नियुक्त करता है, हमें वहाँ प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा परमेश्वर से होने वाले मेल-मिलाप के सन्देश को लोगों तक पहुँचाना है। - सी० पी० हिया


सुसमाचार यदि बताया ही नहीं जाए तो वह कोई समाचार नहीं रह जाता है।

पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। - 1 पतरस 2:9 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:14-21
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 94-96
  • रोमियों 15:14-33


सोमवार, 15 अगस्त 2016

आशा


   मैं अपने पिता की कब्र के पास बैठी हुई प्रतीक्षा में थी कि मेरी माँ के अन्तिम संस्कार और दफनाने की क्रीया आरंभ हो। मेरा मन स्तब्ध और और मेरा मस्तिष्क सुन्न था; तीन महीने के अन्दर ही दोनों को खो देने को मैं कैसे सहन करने पाऊँगी? अब उनके मेरे साथ ना होने के कारण अपने इस वियोग में मैं अकेलेपन और दुःख तथा कुछ हद तक एक निराशा का अनुभव कर रही थी।

   क्रिया आरंभ हुई और एक पास्टर ने एक अन्य कब्र के समीप हुई कुछ बातों के बारे में परमेश्वर के वचन बाइबल से पढ़ना आरंभ किया। प्रभु यीशु मसीह की मृत्युप्रांत, सप्ताह के पहले दिन बड़ी भोर के समय कुछ महिलाएं प्रभु यीशु कि देह पर सुगन्धित द्रव्य लगाने के लिए उसकी कब्र पर पहुँचीं (मत्ती 28:1; लूका 24:1)। वहाँ पहुँच कर वे खुली हुई तथा खाली कब्र देखकर भौंचक्की रह गईं - और एक स्वर्गदूत ने उनसे कहा, "मत डरो" (मत्ती 28:5)। उन्हें उस खाली कब्र या वहाँ उपस्थित उस स्वर्गदूत से डरने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वह दूत उन के लिए एक अच्छी खबर लेकर आया था। उस स्वर्गदूत के मुँह से निकलने वाले अगले शब्द "वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था" (पद 6) सुनकर उन स्त्रियों में आशा जागृत हुई। क्योंकि प्रभु यीशु मृतकों में से पुनः जीवित हो उठे थे इसलिए अब मृत्यु पराजित हो चुकी थी। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कुछ ही दिन पहले कहा था: "और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे" (यूहन्ना 14:19)।

   चाहे हम अपने किसी प्रीय जन के चले जाने से दुःखी होते हैं, लेकिन मसीह यीशु के पुनरुत्थान से हमें आशा मिली है; हमें आश्वासन है कि मृत्युप्रांत भी जीवन है; प्रभु यीशु के साथ का आनन्दमय अनन्त जीवन। - ऐनी सेटास


क्योंकि हमारा प्रभु जीवता प्रभु है, इसलिए हमारे पास भी अनन्त जीवन की आशा है।

क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे। - रोमियों 6:5

बाइबल पाठ: मत्ती 28:1-10
Matthew 28:1 सब्त के दिन के बाद सप्‍ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। 
Matthew 28:2 और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। 
Matthew 28:3 उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्‍त्र पाले की नाईं उज्ज़्‍वल था। 
Matthew 28:4 उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। 
Matthew 28:5 स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, कि तुम मत डरो: मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो। 
Matthew 28:6 वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था। 
Matthew 28:7 और शीघ्र जा कर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया। 
Matthew 28:8 और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गईं। 
Matthew 28:9 और देखो, यीशु उन्हें मिला और कहा; ‘सलाम’ और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उसको दण्डवत किया। 
Matthew 28:10 तब यीशु ने उन से कहा, मत डरो; मेरे भाईयों से जा कर कहो, कि गलील को चलें जाएं वहाँ मुझे देखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 91-93
  • रोमियों 15:1-13