ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

भागो



      मैंने जब हाई-स्कूल में तलवारबाज़ी सीखनी आरंभ की, तो मेरे प्रशिक्षक जैसे ही मेरी और आक्रामक कदम उठाते थे, साथ ही ऊँची आवाज़ में मुझे उनके उस कदम से बचाव के लिए मुझे क्या करना है उसे भी बता देते थे। तो जैसे ही वे अपनी तलवार से आक्रमण करने मेरी और आते, मुझे तुरंत ही बचाव वाली स्थिति अपना कर उनके वार से बचने के लिए तैयार रहना होता था; इसलिए मेरे लिए अत्यावश्यक था कि मैं उनकी आवाज़ को सुनता रहूं और उनके द्वारा की जा रही कार्यवाही पर अपने दृष्टि भी बनाए रखूँ।

      इस प्रकार से सचेत होकर सुनते रहने और प्रतिद्वन्दी की कार्यवाही पर ध्यान बनाए रखने की बात से परमेश्वर के वचन बाइबल में यौन प्रलोभनों से बचने के बारे में दी गयी शिक्षा स्मरण हो आती है। प्रेरित पौलुस ने 1 कुरिन्थियों 6:18 में मसीही विश्वासियों को कहा कि, “व्यभिचार से बचे रहो।” पवित्र शास्त्र कहीं-कहीं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दृढ़ होकर डटे रहने के लिए कहता है (गलातियों 5:1; इफिसियों 6:11), परन्तु यहाँ, यौन प्रलोभन की स्थिति के लिए बाइबल चिल्लाकर हमारे बचाव का सर्वोत्तम मार्ग बताती है: वहाँ से भागो!

      तुरंत की गयी त्वरित कार्यवाही कोई भी समझौता कर बैठने से बचाए रखती है। यह करना आवश्यक भी है क्योंकि छोटे-छोटे समझौते बड़ी और विनाशकारी हार ला सकते हैं। कोई भी अनियंत्रित अनैतिक विचार, इंटरनेट पर किसी गलत चित्र की झलक, विवाहित होते हुए किसी के साथ छेड़खानी भरी मित्रता, आदि – सभी वे स्थितियां हैं जो हमें वहाँ ले जा सकती हैं जहाँ हमें नहीं होना चाहिए; और हम में तथा परमेश्वर में दूरी ला सकती हैं।

      जब हम प्रलोभनों से बचकर भागते हैं, तो परमेश्वर बच कर भाग जाने के लिए स्थान भी उपलब्ध करवाता है। हमारे पापों के लिए प्रभु यीशु की क्रूस पर मृत्यु, और उनके मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा हमारे लिए प्रभु यीशु में पापों की क्षमा, नया आरंभ, और अनंत जीवन की आशा उपलब्ध करवाई गई है – हमने चाहे जो भी किया हो, कैसा भी जीवन व्यतीत किया हो, प्रभु यीशु हमारे लिए सुरक्षित एवं आशीश्पूर्ण शरणस्थान हैं। हम जब भी कमज़ोर होते हैं, प्रलोभनों में आते हैं, शैतान हमें परीक्षाओं में गिराने के प्रयास करता है, तो हमारे लिए सर्वोत्तम प्रतिक्रिया होती है – भागो; और भागकर प्रभु यीशु की शरण में आ जाओ। - जेम्स बैंक्स

केवल परमेश्वर ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता पूरी कर सकता है
 और हमें गहरी संतुष्टि प्रदान कर सकता है।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 6:12-20
1 Corinthians 6:12 सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएं लाभ की नहीं, सब वस्तुएं मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के आधीन न हूंगा।
1 Corinthians 6:13 भोजन पेट के लिये, और पेट भोजन के लिये है, परन्तु परमेश्वर इस को और उसको दोनों को नाश करेगा, परन्तु देह व्यभिचार के लिये नहीं, वरन प्रभु के लिये; और प्रभु देह के लिये है।
1 Corinthians 6:14 और परमेश्वर ने अपनी सामर्थ्य से प्रभु को जिलाया, और हमें भी जिलाएगा।
1 Corinthians 6:15 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? सो क्या मैं मसीह के अंग ले कर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊं? कदापि नहीं।
1 Corinthians 6:16 क्या तुम नहीं जानते, कि जो कोई वेश्या से संगति करता है, वह उसके साथ एक तन हो जाता है? क्योंकि वह कहता है, कि वे दोनों एक तन होंगे।
1 Corinthians 6:17 और जो प्रभु की संगति में रहता है, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है।
1 Corinthians 6:18 व्यभिचार से बचे रहो: जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करने वाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है।
1 Corinthians 6:19 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो?
1 Corinthians 6:20 क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 21-22
  • मत्ती 28



रविवार, 16 फ़रवरी 2020

प्रेम



      मैं एक ऐसे चर्च में आराधना करता हूँ जो एक बड़े, खुले मैदान में लगता है – जो कि मेरे निवास-स्थान सिंगापुर में एक बहुत ही कम पाई जाने वाली स्थिति है – हमारा निवास-स्थान मात्र पच्चीस मील लंबा और पंद्रह मील चौड़ा टापू है। कुछ समय पहले, बाहर से आकर यहाँ काम करने वाले कुछ प्रवासी उस चर्च स्थल पर प्रति इतवार पिकनिक मनाने के लिए आने लगे।

      इससे चर्च के लोगों में भिन्न प्रतिक्रियाएं हुईं। कुछ उन लोगों द्वारा अपने पीछे छोड़े गए कूड़े को लेकर बेचैनी हुई; परन्तु कुछ अन्य ने इसे चर्च छोड़कर बाहर जाए बिना ही परदेसी लोगों को आतिथ्य प्रदान करने का एक स्वर्गीय अवसर समझा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, इस्राएलियों को भी अपने समय में, अपने नए निवास-स्थान में आकर बस जाने के पश्चात, कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा होगा, जब उनका नए लोगों से सामना हुआ होगा। परन्तु परमेश्वर ने उन्हें स्पष्ट आज्ञा दी थी कि वे परदेसियों से भी अपने समान ही प्रेम और व्यवहार करें (लैव्यवस्था 19:34)। परमेश्वर द्वारा उन्हें दिए गए नियमों में से अनेकोण नियम परदेसियों से सम्बंधित थे: उन्हें सताया नहीं जाना था, उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना था, उनकी सहायता की जानी थे, और उनसे प्रेम किया जाना था (निर्गमन 23:9; व्यवस्थाविवरण 10:19)। इसके सदियों बाद, प्रभु यीशु ने भी यही आज्ञा अपने अनुयायियों को दी, कि वे अपने पड़ौसी से अपने समान प्रेम रखें (मरकुस 12:31)।

      हम में भी हमारे प्रभु परमेश्वर के समान ही औरों से प्रेम करने और प्रदर्शित करने का मन हो, और हम यह कभी न भूलें की हम भी पृथ्वी पर परदेसी हैं। फिर भी परमेश्वर ने हमें अपनाकर हम से प्रेम किया है। - लेस्ली कोह

औरों से प्रेम करने की कुंजी परमेश्वर के प्रेम को अपनाना है।

परदेशी पर अन्धेर न करना; तुम तो परदेशी के मन की बातें जानते हो, क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे। - निर्गमन 23:9

बाइबल पाठ: लैव्यवस्था 19:33-34
Leviticus 19:33 और यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दु:ख न देना।
Leviticus 19:34 जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उस से अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 19-20
  • मत्ती 27:51-66



शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

सेवकाई



      बचपन में मैं हमारे चर्च में इतवार की संध्याकालीन सभाओं के लिए बहुत उत्सुक्त रहती थी, क्योंकि वे रोमांचकारी होती थीं। बहुधा इतवार की संध्या सभाओं का अर्थ होता था की हमें मसीही सेवकाई में जाने वाले लोगों और अन्य मेहमान प्रचारकों से सन्देश सुनने को मिलते थे। उनके सन्देश मुझे प्रेरणादायक लगते थे क्योंकि वे लोग परिवार और मित्रजनों को छोड़कर, और कभी-कभी तो घर, संपत्ति, और नौकरियों को भी छोड़कर किसी विचित्र, अनजाने, और कभी-कभी खतरनाक स्थान पर परमेश्वर की सेवकाई के लिए जाया करते थे।

      उन सेवकों के सामान ही, हम परमेश्वर के वचन बाइबल में देखते हैं कि एलीशा ने भी परमेश्वर की सेवकाई के लिए निकलने के लिए बहुत कुछ छोड़ा था (1 राजाओं 19:19-21)। एलिय्याह में होकर परमेश्वर द्वारा एलीशा को बुलाए जाने से पहले हम एलीशा के बारे में कुछ विशेष जानकारी नहीं पाते हैं – सिवाए इसके कि वह किसान था। एलिय्याह की उससे पहली मुलाक़ात एलीशा के खेत में जुताई करते हुए हुई, और एलिय्याह ने अपना चोगा, जो उसके परमेश्वर का नबी होने का चिन्ह था, एलीशा के कन्धों पर डाल दिया, और उसे अपने पीछे चले आने के लिए कहा। एलीशा ने केवल एक अनुरोध किया, कि वह अपने माता-पिता से विदा ले आए, और तुरंत ही उसने अपने बैलों को बलि किया तथा जुताई करने के अपने सामान को जलाया, अपने माता-पिता से विदा ली, और एलिय्याह के पीछे चल निकला।

      यद्यपि हम में से बहुतेरों को परमेश्वर की पूर्णकालिक सेवकाई के लिए परिवार और मित्र जनों को छोड़ने के लिए बुलाहट नहीं आती है, किन्तु परमेश्वर चाहता है की हम उसका अनुसरण करें तथा, “जैसा प्रभु ने हर एक को बांटा है, और परमेश्वर ने हर एक को बुलाया है; वैसा ही वह चले: और मैं सब कलीसियाओं में ऐसा ही ठहराता हूं” (1 कुरिन्थियों 7:17)। मेरा अक्सर यह अनुभव रहा है, हम चाहे जहाँ भी हों, परमेश्वर की सेवा करना रोमांचक और चुनौतीपूर्ण हो सकता है – चाहे हमें कभी सेवकाई के लिए घर भी न छोड़ना पड़े! – एलिसन कीडा

हम जहाँ भी होंगे, परमेश्वर हमें वहीं उसकी सेवकाई के विषय बताएगा।

जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे था, तो पवित्र आत्मा ने कहा; मेरे निमित्त बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिस के लिये मैं ने उन्हें बुलाया है। - प्रेरितों 13:2

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 19:19-21
1 Kings 19:19 तब वह वहां से चल दिया, और शापात का पुत्र एलीशा उसे मिला जो बारह जोड़ी बैल अपने आगे किए हुए आप बारहवीं के साथ हो कर हल जोत रहा था। उसके पास जा कर एलिय्याह ने अपनी चद्दर उस पर डाल दी।
1 Kings 19:20 तब वह बैलों को छोड़ कर एलिय्याह के पीछे दौड़ा, और कहने लगा, मुझे अपने माता-पिता को चूमने दे, तब मैं तेरे पीछे चलूंगा। उसने कहा, लौट जा, मैं ने तुझ से क्या किया है?
1 Kings 19:21 तब वह उसके पीछे से लौट गया, और एक जोड़ी बैल ले कर बलि किए, और बैलों का सामान जलाकर उनका मांस पका के अपने लोगों को दे दिया, और उन्होंने खाया; तब वह कमर बान्धकर एलिय्याह के पीछे चला, और उसकी सेवा टहल करने लगा।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 17-18
  • मत्ती 27:27-50



शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

भरोसा



      मेरी एक सहेली को हाल ही में अपने वर्तमान स्थान से लगभग 1000 मील दूर स्थान पर स्थानांतरित होना पड़ा। क्योंकि समय कम था इसलिए उसने और उसके पति ने सम्बंधित कार्यों को आपस में बाँट लिया, और वे दोनों अपने-अपने कार्य करने लगे। मेरी सहेली सामान को बाँधने और पैक करने में लग गई, और उसका पति रहने के लिए अच्छा स्थान ढूँढने और निश्चित करने में लग गया। मैं चकित थी कि कैसे रहने के नए स्थान को बिना देखे और उसके बारे में स्वयं जाने बिना, तथा नए घर को देखे बिना वह वहाँ जाने के लिए तैयार थी। मैंने उससे इसके बारे में जब पूछा तो उसने उत्तर दिया की यह चुनौतीपूर्ण तो है, परन्तु उसे पता है कि इतने वर्षों से साथ रहने के कारण उसके पति को उसकी पसंद और नापसंद का ज्ञान है, तथा मेरी सहेली को अपने पति पर भरोसा था की वे स्थान और घर का चुनाव उसकी पसंद को ध्यान में रखते हुए ही करेंगे।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से शीघ्र ही उनके पकड़वाए जाने और मारे जाने के बारे में बताया। प्रभु यीशु के पृथ्वी जीवन का, तथा शिष्यों के जीवन का भी सबसे अंधकारपूर्ण समय निकट था। ऐसे में प्रभु ने शिष्यों को आश्वस्त किया कि वह उनके लिए स्वर्ग में एक नया घर बनाएगा, जैसे की मेरी सहेली के पति ने उनके रहने के लिए नए स्थान पर घर तैयार किया। जब शिष्यों ने प्रभु यीशु से प्रश्न किए तो प्रभु ने उन्हें  स्मरण दिलाया की कैसे उन्होंने साथ समय बिताया था, कार्य किए थे, और उन्होंने प्रभु को आश्चर्यकर्म करते देखा था। प्रभु ने उन्हें आश्वस्त किया कि चाहे प्रभु के चले जाने से उन्हें दुःख होगा, किन्तु फिर भी वे प्रभु पर भरोसा बनाए रख सकते हैं कि जो वह कहता है वह उसे करता भी है।

      आज हम मसीही विश्वासी भी अपने जीवन की कठिन और विपरीत परिस्थितियों में प्रभु के प्रति आश्वस्त रह सकते हैं कि वह हर बात में होकर हमें भलाई ही की ओर लेकर जाएगा। जब हम उसके साथ चलते रहते हैं तो हम उसकी विश्वासयोग्यता पर भरोसा बनाए रखना भी सीखते रहते हैं। - कर्स्टन होल्म्बर्ग

कठिन और विपरीत परिस्थितियों में से भी हमें 
पार लगाने के लिए हम परमेश्वर पर भरोसा बनाए रख सकते हैं।

और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। - रोमियों 12:2

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-14
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं।
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो।
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहां जाता है तो मार्ग कैसे जानें?
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
John 14:7 यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है।
John 14:8 फिलेप्पुस ने उस से कहा, हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे: यही हमारे लिये बहुत है।
John 14:9 यीशु ने उस से कहा; हे फिलेप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है: तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा।
John 14:10 क्या तू प्रतीति नहीं करता, कि मैं पिता में हूं, और पिता मुझ में हैं? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूं, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है।
John 14:11 मेरी ही प्रतीति करो, कि मैं पिता में हूं; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरी प्रतीति करो।
John 14:12 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।
John 14:13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।
John 14:14 यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 15-16
  • मत्ती 27:1-26



गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

धन्यवाद



      मैं कंप्यूटर पर बैठी कार्य कर रही थी, और मुझे एक ईमेल मिलने का संकेत सुनाई दिया। सामान्यतः मैं प्रत्येक ईमेल को तुरंत ही देखने का प्रयास नहीं करती हूँ, परन्तु उस ईमेल का विषय, “तुम आशीष हो” बहुत लुभावना था, इसलिए मैंने उसे खोल कर पढ़ा। वह ईमेल मेरी एक सहेली का था जो बहुत दूर रहती थी, और वह मुझे बता रही थी कि वह मेरे परिवार के लिए प्रार्थना कर रही थी। मेरी उस सहेली ने अपने रसोई की मेज़ पर एक ‘आशीष का कटोरा’ रखा हुआ है, जिसमें हर सप्ताह वह अपने किसी एक प्रीय जन की फोटो रखती है और उसके परिवार के लिए प्रार्थना करती रहती है। उसने मुझे लिखा, “मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं, तब तब अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं” (फिलिप्पियों 1:3), और फिर हमारे द्वारा साथ मिलकर किए गए परमेश्वर के प्रेम को औरों के साथ बाँटने के प्रयासों को स्मरण किया और उनकी सराहना की – सुसमाचार प्रचार में हमारी सहभागिता की।

      मेरी सहेली के इस सुविचारित कार्य के द्वारा मेरे ईमेल के इनबॉक्स में परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा कहे गए शब्द आ गए, और मुझे उनसे वैसा ही आनन्द प्राप्त हुआ, जैसा मुझे लगता है उस प्रथम-शताब्दी की मसीही मण्डली को हुआ होगा जिन्हें पौलुस ने यह धन्यवाद के शब्द लिखे थे। ऐसा लगता है कि पौलुस के साथ जो लोग कार्य करते थे, उन्हें पौलुस धन्यवाद अवश्य कहता था, यह करना उसकी आदत थी। उसकी कई पत्रियों की आरंभिक पंक्ति धन्यवाद के शब्द होते हैं, जैसे कि, “पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूंकि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है” (रोमियों 1:8)।

      प्रथम शताब्दी में, पौलुस ने अपने सहकर्मियों को प्रार्थना सहित कहे गए धन्यवाद के शब्दों के द्वारा आशीष दी। इक्कीसवीं शताब्दी में मेरी सहेली ने अपने ‘आशीष के कटोरे’ का प्रयोग मेरे दिन को आनन्दमय बनाने के लिए किया। आज हम हमारे साथ परमेश्वर के लिए कार्यरत लोगों के प्रति धन्यवाद व्यक्त कैसे कर सकते हैं, उन्हें प्रोत्साहित और आनन्दित कर सकते हैं? – एलिसा मौर्गन

आज आप किसे धन्यवाद कह सकते हैं?

हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है। - 2 थिस्सलुनीकियों 1:3

बाइबल पाठ: रोमियों 1:1-10
Romans 1:1 पौलुस की ओर से जो यीशु मसीह का दास है, और प्रेरित होने के लिये बुलाया गया, और परमेश्वर के उस सुसमाचार के लिये अलग किया गया है।
Romans 1:2 जिस की उसने पहिले ही से अपने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा पवित्र शास्त्र में।
Romans 1:3 अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह के विषय में प्रतिज्ञा की थी, जो शरीर के भाव से तो दाउद के वंश से उत्पन्न हुआ।
Romans 1:4 और पवित्रता की आत्मा के भाव से मरे हुओं में से जी उठने के कारण सामर्थ के साथ परमेश्वर का पुत्र ठहरा है।
Romans 1:5 जिस के द्वारा हमें अनुग्रह और प्रेरिताई मिली; कि उसके नाम के कारण सब जातियों के लोग विश्वास कर के उस की मानें।
Romans 1:6 जिन में से तुम भी यीशु मसीह के होने के लिये बुलाए गए हो।
Romans 1:7 उन सब के नाम जो रोम में परमेश्वर के प्यारे हैं और पवित्र होने के लिये बुलाए गए हैं। हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे।
Romans 1:8 पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है।
Romans 1:9 परमेश्वर जिस की सेवा मैं अपनी आत्मा से उसके पुत्र के सुसमाचार के विषय में करता हूं, वही मेरा गवाह है; कि मैं तुम्हें किस प्रकार लगातार स्मरण करता रहता हूं।
Romans 1:10 और नित्य अपनी प्रार्थनाओं में बिनती करता हूं, कि किसी रीति से अब भी तुम्हारे पास आने को मेरी यात्रा परमेश्वर की इच्छा से सफल हो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 14
  • मत्ती 26:51-75



बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

प्रावधान



      कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के पश्चात, मुझे जो काम मिला उसमें वेतन बहुत कम था। पैसे की तंगी रहती थी, और कभी-कभी तो मुझे अगले भोजन के लिए भी जुटा पाना कठिन होता था। ऐसे में मैंने परमेश्वर पर अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निर्भर होना सीखा।

      यह मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में एलिय्याह भविष्यद्वक्ता का अनुभव स्मरण करवाता है। उसकी सेवकाई के दिनों में, उसे भी अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए परमेश्वर पर निर्भर रहना सीखना पड़ा। एलिय्याह द्वारा इस्राएल पर अकाल द्वारा परमेश्वर के न्याय की घोषणा किए जाने के कुछ ही समय पश्चात परमेश्वर ने उसे एक निर्जन स्थान पर, करीत नाले के पास भेजा जहाँ कौवे आकर उसे उसका प्रतिदिन का भोजन देते थे और वह उस नाले में से पीता था (1 राजाओं 17:1-4)।

      परन्तु सूखा पड़ने से वह नाला धीरे-धीरे सूख गया, और तब परमेश्वर ने एलिय्याह से कहा, “चलकर सीदोन के सारपत नगर में जा कर वहीं रह: सुन, मैं ने वहां की एक विधवा को तेरे खिलाने की आज्ञा दी है” (पद 9)। सारपत फिनीके में था, जहां के निवासी इस्राएलियों के शत्रु थे। क्या ऐसे स्थान पर कोई एलिय्याह को शरण देगा? और, क्या एक निर्धन विधवा के पास इतना होगा कि वह एलिय्याह को खिला-पिला सके?

      हम में से अधिकाँश यही चाहते हैं कि हमारे संसाधनों के समाप्त होने से पहले ही परमेश्वर हमें बहुतायत से उपलब्ध करवा दे, बजाए इसके कि हमें प्रतिदिन के प्रावधान पर निर्भर होना पड़े। परन्तु हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता, धीमी आवाज़ में हम से कहता है, मुह पर भरोसा बनाए रखो। जैसे उसने एलिय्याह को उपलब्ध करवाने के लिए कौवों और एक निर्धन विधवा का उपयोग किया, वह हमारे लिए भी करेगा; उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। हम उसके प्रेम और सामर्थ्य पर भरोसा रख सकते हैं कि वह हमारे दैनिक प्रावधान को उपलब्ध करवाता रहेगा। - पोह फैंग चिया

परमेश्वर हमारी दैनिक आवश्यकताओं को प्रतिदिन पूरा करता है।

इसलिये तुम चिन्‍ता कर के यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए। इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। - मत्ती 6: 31-33

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 17:7-16
1 Kings 17:7 कुछ दिनों के बाद उस देश में वर्षा न होने के कारण नाला सूख गया।
1 Kings 17:8 तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा,
1 Kings 17:9 कि चलकर सीदोन के सारपत नगर में जा कर वहीं रह: सुन, मैं ने वहां की एक विधवा को तेरे खिलाने की आज्ञा दी है।
1 Kings 17:10 सो वह वहां से चल दिया, और सारपत को गया; नगर के फाटक के पास पहुंच कर उसने क्या देखा कि, एक विधवा लकड़ी बीन रही है, उसको बुलाकर उसने कहा, किसी पात्र में मेरे पीने को थोड़ा पानी ले आ।
1 Kings 17:11 जब वह लेने जा रही थी, तो उसने उसे पुकार के कहा अपने हाथ में एक टुकड़ा रोटी भी मेरे पास लेती आ।
1 Kings 17:12 उसने कहा, तेरे परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ मेरे पास एक भी रोटी नहीं है केवल घड़े में मुट्ठी भर मैदा और कुप्पी में थोड़ा सा तेल है, और मैं दो एक लकड़ी बीनकर लिये जाती हूँ कि अपने और अपने बेटे के लिये उसे पकाऊं, और हम उसे खाएं, फिर मर जाएं।
1 Kings 17:13 एलिय्याह ने उस से कहा, मत डर; जा कर अपनी बात के अनुसार कर, परन्तु पहिले मेरे लिये एक छोटी सी रोटी बना कर मेरे पास ले आ, फिर इसके बाद अपने और अपने बेटे के लिये बनाना।
1 Kings 17:14 क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि जब तक यहोवा भूमि पर मेंह न बरसाएगा तब तक न तो उस घड़े का मैदा चुकेगा, और न उस कुप्पी का तेल घटेगा।
1 Kings 17:15 तब वह चली गई, और एलिय्याह के वचन के अनुसार किया, तब से वह और स्त्री और उसका घराना बहुत दिन तक खाते रहे।
1 Kings 17:16 यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने एलिय्याह के द्वारा कहा था, न तो उस घड़े का मैदा चुका, और न उस कुप्पी का तेल घट गया।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 13
  • मत्ती 26:26-50



मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020

बढ़ोतरी



      हमारे समुदाय में शरणार्थियों की संख्या बढ़ने से स्थानीय चर्चों में आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। बढ़ोतरी के साथ चुनौतियाँ भी आती हैं। चर्च के सदस्यों को इन नए लोगों का स्वागत करना सीखना होता है, साथ ही उन्हें उन लोगों की संस्कृति, भाषा, और आराधना की भिन्न पद्धति को स्वीकार करना तथा उनके साथ समायोजित होना सीखना होता है। इस नएपन के कारण कुछ अटपटी परिस्थितियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। जहाँ कहीं लोग होंगे, वहाँ गलतफहमियाँ और मतभेद भी होंगे। यह चर्च में भी देखने को मिलता है। यदि हम अपने मतभेदों को स्वस्थ तरीके से नहीं सुलझाएंगे, तो फिर उनके कारण विभाजन उत्पन्न हो सकते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि जब यरूशलेम में मसीही विश्वासियों की आरंभिक मण्डली बढ़ रही थी तो उनमें सांस्कृतिक आधार पर मतभेद उत्पन्न हो गया। यूनानी भाषा बोलने वाली यहूदियों को अरामी भाषा बोलने वाले यहूदियों से शिकायत थी कि उनके समुदाय की विधवाओं की भोजन वितरण में अवहेलना की जा रही है (प्रेरितों 6:1)। जब यह मतभेद सुलझाने के लिए बात प्रेरितों तक पहुँची, तो उन्होंने कहा, “इसलिये हे भाइयो, अपने में से सात सुनाम पुरूषों को जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों, चुन लो, कि हम उन्हें इस काम पर ठहरा दें” (पद 3)। इस निर्देश के अनुसार जो सात लोग चुने गए, उन सभी के नाम यूनानी हैं (पद 5); अर्थात वे सभी यूनानी भाषा बोलने वालों में से थे – उसी समुदाय से जिसे शिकायत थी, और वे समस्या को भली-भांति समझ सकते थे। प्रेरितों ने प्रार्थना कर के उन पर हाथ रखे और कलीसिया बढ़ती तथा फैलती चली गयी (पद 6-7)।

      बढ़ोतरी के साथ चुनौतियां आती हैं, क्योंकि बढ़ोतरी के साथ संस्कृतियों के पार संपर्क और आदान-प्रदान बढ़ता है। परन्तु जब हम प्रत्येक बात के लिए पवित्र आत्मा की सहायता और मार्गदर्शन की प्रार्थी रहते हैं, तो संभावित समस्याओं के लिए रचनात्मक समाधान भी हमें मिलते रहेंगे, जिन से परमेश्वर की अगुवाई में समस्याएँ बढ़ोतरी के नए अवसर बन जाएँगी। - टीम गुस्ताफासन

साथ आना आरंभ है; साथ बने रहना प्रगति है; साथ कार्य करना सफलता है।

यदि कोई अकेले पर प्रबल हो तो हो, परन्तु दो उसका साम्हना कर सकेंगे। जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटती। - सभोपदेशक 4:12

बाइबल पाठ: प्रेरितों 6:1-7
Acts 6:1 उन दिनों में जब चेले बहुत होते जाते थे, तो यूनानी भाषा बोलने वाले इब्रानियों पर कुड़कुड़ाने लगे, कि प्रति दिन की सेवकाई में हमारी विधवाओं की सुधि नहीं ली जाती।
Acts 6:2 तब उन बारहों ने चेलों की मण्‍डली को अपने पास बुलाकर कहा, यह ठीक नहीं कि हम परमेश्वर का वचन छोड़कर खिलाने पिलाने की सेवा में रहें।
Acts 6:3 इसलिये हे भाइयो, अपने में से सात सुनाम पुरूषों को जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों, चुन लो, कि हम उन्हें इस काम पर ठहरा दें।
Acts 6:4 परन्तु हम तो प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहेंगे।
Acts 6:5 यह बात सारी मण्‍डली को अच्छी लगी, और उन्होंने स्‍तिुफनुस नाम एक पुरूष को जो विश्वास और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था, और फिलेप्पुस और प्रखुरूस और नीकानोर और तीमोन और परिमनास और अन्ताकियावासी नीकुलाउस को जो यहूदी मत में आ गया था, चुन लिया।
Acts 6:6 और इन्हें प्रेरितों के साम्हने खड़ा किया और उन्होंने प्रार्थना कर के उन पर हाथ रखे।
Acts 6:7 और परमेश्वर का वचन फैलता गया और यरूशलेम में चेलों की गिनती बहुत बढ़ती गई; और याजकों का एक बड़ा समाज इस मत के आधीन हो गया।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 11-12
  • मत्ती 26:1-25