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मंगलवार, 22 सितंबर 2020

प्रोत्साहन


         सन 2010 में बनी फिल्म The King’s Speech इंग्लैंड के राजा जॉर्ज षष्टम के जीवन पर है, जो, जब उनके भाई ने सिंहासन छोड़ दिया, तो अनायास ही राजा बन गए। देश उस समय दूसरे विश्वयुद्ध की कगार पर था, और रेडियो की समाज में प्रभावशाली भूमिका और पहुँच थी, इसलिए सरकारी अधिकारी एक ऐसा नेतृत्व चाहते थे जो बोलने और व्यवहार में अच्छा हो। किन्तु राजा जॉर्ज षष्टम के साथ एक समस्या थी – वह हकलाता था।

         मुझे उस फिल्म में जॉर्ज की पत्नी एलिज़ाबेथ के चित्रण ने बहुत प्रभावित किया। उसके हकलाने की समस्या पर विजयी होने के समस्त कठिन संघर्ष में, वह निरंतर उन्हें प्रोत्साहन देती रही। उसकी पत्नी के उसके प्रति दृढ़ समर्पण और सहायता तथा प्रोत्साहन से जॉर्ज अपनी इस चुनौती पर विजयी हो सका, तथा इंग्लैंड पर भी उस कठिन दौर में अच्छा शासन किया।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रोत्साहन देने वालों की कहानियाँ भी हैं, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में औरों को बहुत सहायता प्रदान की। इस्राएल के युद्ध में मूसा को हारून और हूर की सहायता मिली (निर्गमन 17:8-16)। प्रभु यीशु की माता मरियम को अपनी गर्भावस्था में उसकी रिश्तेदार एलिज़ाबेथ ने प्रोत्साहन दिया (लूका 1:42-45)।

         पौलुस के मसीही विश्वासी बनने के पश्चात उसको , बरनबास, जिसके नाम का शब्दार्थ होता है “शान्ति का पुत्र”, से प्रोत्साहन और सहायता मिली। जब शिष्य पौलुस के विषय घबरा रहे थे, तब बरनबास ने अपनी ख्याति का जोखिम उठाकर, पौलुस के पक्ष में बात की (प्रेरितों 9:27)। बरनबास द्वारा पौलुस के अनुमोदन से ही मसीही विश्वासियों के समाज ने पौलुस को स्वीकार किया। बाद में बरनबास पौलुस का प्रचार यात्राओं में साथी बना (प्रेरितों 14)। खतरों के बावजूद उन्होंने साथ मिलकर सुसमाचार प्रचार का कार्य किया।

         आज भी मसीही विश्वासियों की बुलाहट है कि वे औरों को शान्ति दें तथा दूसरों की उन्नति का कारण बनें (1 थिस्सलुनीकियों 5:11)। हमें भी आज कठिन परिस्थितियों और समस्याओं का सामना करने वाले लोगों को प्रोत्साहन और सहायता देने वाले मसीही बनना चाहिए। - लीसा सामरा

 

मित्र का प्रोत्साहन बहुत अंतर ला सकता है।


इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:11

बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:26-31

प्रेरितों 9:26 यरूशलेम में पहुंचकर उसने चेलों के साथ मिल जाने का उपाय किया: परन्तु सब उस से डरते थे, क्योंकि उन को विश्वास न होता था, कि वह भी चेला है।

प्रेरितों 9:27 परन्तु बरनबास उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जा कर उन से कहा, कि इस ने किस रीति से मार्ग में प्रभु को देखा, और इस ने इस से बातें कीं; फिर दमिश्क में इस ने कैसे हियाव से यीशु के नाम का प्रचार किया।

प्रेरितों 9:28 वह उन के साथ यरूशलेम में आता जाता रहा।

प्रेरितों 9:29 और निधड़क हो कर प्रभु के नाम से प्रचार करता था: और यूनानी भाषा बोलने वाले यहूदियों के साथ बातचीत और वाद-विवाद करता था; परन्तु वे उसके मार डालने का यत्न करने लगे।

प्रेरितों 9:30 यह जानकर भाई उसे कैसरिया में ले आए, और तरसुस को भेज दिया।

प्रेरितों 9:31 सो सारे यहूदिया, और गलील, और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती जाती थी।

 

 एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 10-12
  • गलातियों 1

सोमवार, 21 सितंबर 2020

अनपेक्षित

 

         1986 में, पाँच वर्षीय लिवन मेरिट इंग्लैंड के जर्सी चिड़ियाघर में गुरिल्लाओं के बाड़े में बीस फीट नीचे गिर गया। उसके माता-पिता और अन्य देखने वाले सहायता के लिए चिल्लाने लगे। उस बाड़े का एक वयस्क गुरिल्ला जिसे जम्बो नाम दिया गया था, उसके पास आया और आकर बेसुध पड़े लेविन और अन्य गुरिल्लाओं के मध्य खड़ा हो गया। फिर उसने धीरे-धीरे लेविन की पीठ को सहलाना आरंभ किया। जब लेविन होश में आकर रोने लगा, तो जम्बो ने अन्य गुरिल्लाओं को अपने साथ लिया और अपने जंगले के अंदर चला गया, और तब चिड़ियाघर की देख-रेख करने वालों और एम्बुलेंस ड्राइवर ने आकर लेविन को उठाया और उसे अस्पताल ले गए। अब तीस से भी अधिक वर्ष के बाद भी लेविन उस नम्र विशालकाय गुरिल्ला के बारे में बताता है – जिसने रक्षा करने वाले स्वर्गदूत के समान बिलकुल अप्रत्याशित और अनपेक्षित रीति से उसकी सहायता की, और गुरिल्लाओं के प्रति उसके दृष्टिकोण को जीवन भर के लिए बदल दिया।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में एलिय्याह की अपेक्षा रही होगी कि परमेश्वर एक विशेष रीति से कार्य करे, परन्तु ईश्वरों के भी परमेश्वर ने चट्टानों को तोड़ने वाली आँधी, तीव्र भूकंप, और धधकती हुई ज्वाला के द्वारा भविष्यद्वक्ता को दिखाया कि उसके बारे में किन बातों के सन्दर्भ में न सोचे। फिर परमेश्वर ने एक कोमल धीमी फुसफुसाहट के द्वारा भविष्यद्वक्ता से बातें कीं, उस पर अपने मन को प्रगट किया, और उस पर अपनी उपस्थिति को व्यक्त किया (1 राजाओं 19:11, 12)।

         एलिय्याह ने परमेश्वर की सामर्थ्य को पहले भी देखा था (18:38-39); परन्तु उसने उसे, जो चाहता है कि उसे सबसे महान और सबसे भयावह ईश्वर होने से भी कुछ भिन्न रूप में जाना जाए, पूर्णतः नहीं समझा था (19:10-14)।

         एलिय्याह द्वारा सुनी गई वह धीमी आवाज़ अन्ततः प्रभु यीशु की प्रबल नम्रता में सदेह प्रगट हुई, और प्रभु यीशु ने कहा, “...जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है...” (यूहन्ना 14:9)। और इसके बाद प्रभु ने शांत होकर अपने आप को क्रूस पर ठोक दिए जाने के लिए अर्पित कर दिया – हमसे प्रेम करने वाले परमेश्वर द्वारा दिया गया अपना अनपेक्षित बलिदान जिससे समस्त संसार के लिए पापों की क्षमा और उद्धार का मार्ग बन गया। - मार्ट डीहान

 

यदि हमें केवल एक फुसफुसाहट ही की आवश्यकता है, तो परमेश्वर चिल्लाएगा नहीं।


तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। - ज़कर्याह 4:6

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 19:1-12

1 राजा 19:1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला।

1 राजा 19:2 तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें।

1 राजा 19:3 यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया।

1 राजा 19:4 और आप जंगल में एक दिन के मार्ग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृत्यु मांगी कि हे यहोवा बस है, अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।

1 राजा 19:5 वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और देखो एक दूत ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा।

1 राजा 19:6 उसने दृष्टि कर के क्या देखा कि मेरे सिरहाने पत्थरों पर पकी हुई एक रोटी, और एक सुराही पानी धरा है; तब उसने खाया और पिया और फिर लेट गया।

1 राजा 19:7 दूसरी बार यहोवा का दूत आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, क्योंकि तुझे बहुत भारी यात्रा करनी है।

1 राजा 19:8 तब उसने उठ कर खाया पिया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा।

1 राजा 19:9 वहां वह एक गुफा में जा कर टिका और यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा, कि हे एलिय्याह तेरा यहां क्या काम?

1 राजा 19:10 उन ने उत्तर दिया सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के निमित्त मुझे बड़ी जलन हुई है, क्योंकि इस्राएलियों ने तेरी वाचा टाल दी, तेरी वेदियों को गिरा दिया, और तेरे नबियों को तलवार से घात किया है, और मैं ही अकेला रह गया हूँ; और वे मेरे प्राणों के भी खोजी हैं।

1 राजा 19:11 उसने कहा, निकलकर यहोवा के सम्मुख पर्वत पर खड़ा हो। और यहोवा पास से हो कर चला, और यहोवा के सामने एक बड़ी प्रचण्ड आन्धी से पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं, तौभी यहोवा उस आन्धी में न था; फिर आन्धी के बाद भूंईडोल हुआ, तौभी यहोवा उस भूंईडोल में न था।

1 राजा 19:12 फिर भूंईडोल के बाद आग दिखाई दी, तौभी यहोवा उस आग में न था; फिर आग के बाद एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाई दिया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 7-9
  • 2 कुरिन्थियों 13

रविवार, 20 सितंबर 2020

आशा

 

         एलिज़ाबेथ ने काफी लम्बे समय तक ड्रग्स की लत के साथ संघर्ष किया था, और अन्ततः जब वह इस लत से छूट गई, तो उसकी लालसा थी कि वह इसके बारे में औरों को भी आशा दे। इसलिए वह बिना अपना नाम लिखे, छोटे-छोटे पर्चे लिख कर अपने शहर में इधर-उधर अनेकों स्थानों में लगाने लगी। एलिज़ाबेथ इन पर्चों को कार के विंडशील्ड वाईपर्स के नीचे, पार्क्स के खम्भों पर, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगा देती है। पहले वह आशा के चिह्न ढूँढती थी; अब वह औरों के लिए चिह्न छोड़ती है। उसके द्वारा लिखे गए एक पर्चे का अन्त इन शब्दों के साथ हुआ: “बहुत प्रेम के साथ। आशा प्रेषित की गई।”

         परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रेम के साथ आशा – प्रभु यीशु मसीह ही यह देता है। वह प्रतिदिन हमारे पास अपने प्रेम को लेकर आता है और आशा के द्वारा हमें बलवंत करता है। उसके प्रेम हमें बूंद-बूंद करके नहीं दिया जाता है, वरन उसके हृदय से उदारतापूर्वक हमारे हृदयों में भरपूरी से उडेला जाता है। लिखा है, और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है” (रोमियों 5:5)। वह चाहता है कि हम कठिन समयों में अपने धीरज और चरित्र को विकसित करें, और वह हमें संतुष्ट और आशा से भरे हुए जीवन में लाए (पद 3-4)। और हम चाहे उससे दूर भी हों, किन्तु फिर भी वह हम से प्रेम करता रहता है (पद 6-8)।

         क्या आप आशा के चिह्न ढूँढ़ रहे हैं? प्रभु परमेश्वर अपने प्रेम के साथ हमें आशा भी प्रदान करता है और हमें आमंत्रित करता है कि हम उसके साथ अपने संबंधों को और घनिष्ठ करते चले जाएँ। एक परिपूर्ण जीवन जीने की हमारी आशा उसके अक्षय प्रेम के साथ जुड़ी हुई है। - ऐनी सेटास

 

आशा ही आत्मा का लंगर है।


वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:4

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11

रोमियों 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।

रोमियों 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

रोमियों 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज।

रोमियों 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है।

रोमियों 5:5 और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।

रोमियों 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा।

रोमियों 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे।

रोमियों 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

रोमियों 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे?

रोमियों 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे?

रोमियों 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 4-6
  • 2 कुरिन्थियों 12

शनिवार, 19 सितंबर 2020

समय


        कल मैंने अपनी पहली संतान, अपनी बड़ी बेटी को, कॉलेज भेजने के लिए उसकी हवाई यात्रा का टिकट खरीदा। ऐसा करते समय मेरी आँखों से बहकर मेरे कम्प्यूटर के की-बोर्ड पर गिरते रहने वाले आँसुओं के बाद, मुझे अचरज है कि मेरा की-बोर्ड अभी भी काम कर रहा है। मुझे उसके साथ बिताए गए अठारह वर्ष का प्रत्येक दिन इतना अच्छा लगता है कि अब उसके चले जाने की बात सोच कर ही मैं उदास हो जाती हूँ। परन्तु फिर भी केवल इसलिए कि उसकी कमी मुझे बहुत खलेगी, मैं उसे उसके भविष्य के उन्नति के अवसरों से वंचित नहीं कर सकती हूँ। उसके जीवन के इस समय में, उसके लिए यह उचित है कि वह अपने जीवन की एक नई यात्रा आरंभ करे, अपने वयस्क होने को समझे और देश के एक नए भाग को देखे।

        जबकि बेटी की परवरिश का यह समय पूरा हो रहा है, किन्तु साथ ही एक दूसरा समय भी आरंभ हो रहा है। निःसंदेह, इस नए समय में भी नई चुनौतियां होंगी, और आनन्द के नए अवसर भी होंगे। परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलैमान ने लिखा कि परमेश्वर हर बात के लिए एक समय नियुक्त करता है (सभोपदेशक 3:1)। हम मनुष्यों के हाथों में अपने जीवनों की घटनाओं पर बहुत कम नियंत्रण रहता है – वे घटनाएं चाहे हमारे पक्ष में हो अथवा विरोध में। परन्तु परमेश्वर अपने समय में हर बात को सुन्दर बना कर देता है (सभोपदेशक 3:11)।

        दुःख के समयों के लिए भी हम परमेश्वर पर भरोसा रख सकते हैं कि वह अपने समय में उनसे भी कुछ अच्छा निकाल कर लाएगा। हमारे आराम और आनन्द के समय आते-जाते रह सकते हैं, परन्तु परमेश्वर के कार्य सदा बने रहेंगे (पद 14)। हमें हर एक समय चाहे अच्छा न भी लगे, कुछ बहुत दुखद भी हो सकते हैं, परन्तु परमेश्वर हर समय में से कुछ अच्छा निकाल सकता है। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

परमेश्वर हर बात से कुछ मनोहर निकाल लाता है।


और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-14

सभोपदेशक 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।

सभोपदेशक 3:2 जन्म का समय, और मरने का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रुकने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।

सभोपदेशक 3:9 काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?

सभोपदेशक 3:10 मैं ने उस दु:ख भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।

सभोपदेशक 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

सभोपदेशक 3:12 मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;

सभोपदेशक 3:13 और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

सभोपदेशक 3:14 मैं जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उस में कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें।

 

एक साल में बाइबल:
  • सभोपदेशक  1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33

शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

हथेलियों

 

        सुप्रसिद्ध मसीही प्रचारक चार्ल्स स्पर्जन के 1800 के वर्षों में लन्डन के उनके चर्च में उनके द्वारा की गई अनेकों वर्षों की सेवकाई में, उन्हें परमेश्वर के वचन बाइबल में से यशायाह 49:16 पर प्रचार करना बहुत पसंद था, जहाँ लिखा है कि परमेश्वर ने हमारा चित्र अपनी हथेलियों पर खोद कर बना रखा है। स्पर्जन कहते थे कि “ऐसे पदों से सैंकड़ों बार प्रचार किया जाना चाहिए!” यह विचार इतना बहुमूल्य है कि हम इसे अपने मनों में बारंबार दोहराते रह सकते हैं।

        स्पर्जन ने परमेश्वर द्वारा अपने लोगों, इस्राएलियों से की गई इस प्रतिज्ञा का अद्भुत संबंध परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर मरने के साथ दिखाया। स्पर्जन ने पूछा, “तुम्हारी हथेलियों में ये घाव कैसे हैं? ... खोदने वाले के औज़ार वे कील और हथौड़ा थे। उसे क्रूस पर ठोका गया, जिससे कि उसके लोग उसकी हथेलियों पर खोदे जाएँ।” जिस प्रकार प्रभु ने अपने लोगों को अपनी हथेलियों पर खोद लेने की प्रतिज्ञा दी, वैसे ही यीशु ने अपनी बाहें क्रूस पर फैलाईं, और कीलों को अपनी हथेलियों में स्वीकार किया, जिससे कि हम पापों से मुक्त हो सकें।

        यदि कभी हमें यह सोचने का प्रलोभन हो कि परमेश्वर हमें भूल गया है, तो हमें बस अपनी हथेलियों की ओर देखने भर की आवश्यकता है और परमेश्वर की प्रतिज्ञा हमें स्मरण हो आएगी। उसने हमारे लिए अपनी हथेलियों पर कभी न मिट सकने वाले निशान बना लिए हैं; वह हम से इतना प्रेम करता है। - एमी बाउचर पाई

 

प्रभु ने हमारा चित्र अपनी हथेलियों पर बना रखा है।


तुम्हारा स्वभाव लोभ रहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ:   यशायाह 49:14-18

यशायाह 49:14 परन्तु सिय्योन ने कहा, यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है।

यशायाह 49:15 क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूध पिउवे बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हां, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता।

यशायाह 49:16 देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के सामने बनी रहती है।

यशायाह 49:17 तेरे लड़के फुर्ती से आ रहे हैं और खण्डहर बनाने वाले और उजाड़ने वाले तेरे बीच से निकले जा रहे हैं।

यशायाह 49:18 अपनी आंखें उठा कर चारों ओर देख, वे सब के सब इकट्ठे हो कर तेरे पास आ रहे हैं। यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की शपथ, तू निश्चय उन सभों को गहने के समान पहन लेगी, तू दुल्हन के समान अपने शरीर में उन सब को बान्ध लेगी।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 30-31
  • 2 कुरिन्थियों 11:1-15

गुरुवार, 17 सितंबर 2020

बाँटना और बताना

 

         मैं अपनी पर-नानी की बाइबल के पन्ने पलट रहा था, और मेरी गोदी में एक खज़ाना आ गिरा – कागज़ का एक छोटा टुकड़ा, जिस पर एक बच्चे की लिखाई में लिखा हुआ था, धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है। धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे” (मत्ती 5:3-4)। परमेश्वर के वचन बाइबल में से लिए गए इन पदों के साइड में बच्चों के लिखाई में, मेरी माँ के हस्ताक्षर थे।

         मेरी पर-नानी की आदत थी कि वे अपने नाती-पोते-पोतियों को पवित्र शास्त्र के पद लिख कर सीखने के लिए कहती थीं, जिससे वे उन्हें कंठस्थ हो जाएँ, उनके मन में बस जाएँ। परन्तु इस कागज़ पर लिखे पदों के पीछे की कहानी से मेरी आँखें भर आईं। मेरी माँ अभी छोटी ही थीं, जब उनके पिता (मेरे नाना) का देहांत हो गया, और उसके कुछ सप्ताह बाद ही मेरी माँ के छोटे भाई का भी देहांत हो गया। उस दुखद समय में मेरी पर-नानी ने मेरी माँ को प्रभु यीशु और उस सांत्वना के बारे में बताया जो केवल प्रभु ही प्रदान कर सकता है।

         बाइबल में हम देखते हैं कि पौलुस ने तिमुथियुस को लिखा, और मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहिले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में थी, और मुझे निश्चय हुआ है, कि तुझ में भी है” (2 तीमुथियुस 1:5)। विश्वास विरासत में नहीं मिलता है, परन्तु बांटा या बताया जाता है। तिमुथियुस की माँ और नानी ने उसके साथ अपने विश्वास को बाँटा, उसे प्रभु के बारे में बताया, और उसने भी विश्वास किया।

         जो लोग हमारे निकट हैं जब हम उन्हें प्रोत्साहित करता हैं कि वे प्रभु यीशु में विश्वास लाएं, तो हम उन्हें प्रेम की एक विरासत सौंपते हैं। उस कागज़ के टुकड़े पर लिखे गए कुछ शब्दों के द्वारा मेरी माँ ने मेरी पर-नानी के उद्धारकर्ता के प्रति और अपने परिवार के प्रति प्रेम का प्रमाण छोड़ा।

         हम भी प्रभु के बारे में लोगों को बताएँ, अपने विश्वास को औरों के साथ बाँटें। - जेम्स बैंक्स

 

जब हम अपना विश्वास बांटते हैं, तब हम सबसे बड़ा खज़ाना बाँटते हैं।


उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 1:1-5

2 तीमुथियुस 1:1 पौलुस की ओर से जो उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है, परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है।

2 तीमुथियुस 1:2 प्रिय पुत्र तीमुथियुस के नाम। परमेश्वर पिता और हमारे प्रभु मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और दया और शान्ति मिलती रहे।

2 तीमुथियुस 1:3 जिस परमेश्वर की सेवा मैं अपने बाप दादों की रीति पर शुद्ध विवेक से करता हूं, उसका धन्यवाद हो कि अपनी प्रार्थनाओं में तुझे लगातार स्मरण करता हूं।

2 तीमुथियुस 1:4 और तेरे आंसुओं की सुधि कर कर के रात दिन तुझ से भेंट करने की लालसा रखता हूं कि आनन्द से भर जाऊं।

2 तीमुथियुस 1:5 और मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहिले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में थी, और मुझे निश्चय हुआ है, कि तुझ में भी है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10

बुधवार, 16 सितंबर 2020

प्रार्थना

 

         मैं उन लोगों की सराहना करती हूँ जो प्रतिदिन प्रार्थना के निवेदनों को अपनी एक पुस्तिका में लिखते हैं, प्रतिदिन प्रार्थनाओं, स्तुति और आराधना की बातों का नियमित लेखा बनाकर रखते हैं, और निरंतर प्रयोग के द्वारा उनके वे पुस्तिकाएं फटने भी लग जाती हैं। मैं उन से प्रोत्साहित होती हूँ जो औरों के साथ प्रार्थना के लिए एकत्रित होते हैं, और जिनके घुटनों पर आकर प्रार्थना करने के द्वारा, उनके बिस्तर के साथ लगी दरी में घिसने से घुटनों के स्थान बन गए हैं। मैंने कई वर्ष प्रयास किया कि उनके समान करूं, एक सिद्ध प्रार्थना की विधि का पालन करूं, और उन लोगों की अति उत्तम वाक्पटुता के जैसे मनोहर शब्दों के प्रयोग के द्वारा प्रार्थना करूं। मेरी बहुत लालसा थी कि मैं प्रार्थना करने की सही विधि को सीख कर उसका पालन कर सकूँ, और मैं उसकी परतें खोलने का प्रयास कर रही थी जो मुझे एक रहस्य लगता था।

         अन्ततः मैंने सीखा कि हमारा प्रभु केवल इतना ही चाहता है कि हमारी प्रार्थनाएँ नम्रता और दीनता के साथ आरंभ तथा अन्त हों (मत्ती 6:5)। वह हमें एक घनिष्ठ निकटता के वार्तालाप और महिमा  में आमंत्रित करता है, जिसमें उसका वायदा है कि वह हमारी प्रार्थना को सुनेगा (पद 6)। उसे कभी किसी आलंकारिक भाषा, रटे हुए वाक्यों और वाक्यांशों आदि की आवश्यकता नहीं है (पद 7)। वह हमें आश्वस्त करता है कि प्रार्थना एक उपहार है, उसके वैभव का आदर करने के लिए हमें प्रदान किया गया एक अवसर है (पद9-10 ), जिसके द्वारा हम उसके प्रावधानों में अपना भरोसा व्यक्त कर सकते हैं (पद 11), तथा उसकी क्षमा और मार्गदर्शन में हमारी सुरक्षा की पुष्टि कर सकते हैं (पद 12-13)।

         परमेश्वर हमें आश्वस्त करता है कि वह हमारी प्रत्येक कही या अनकही प्रार्थना को सुनता है और उनकी चिंता करता है; उन प्रार्थनाओं की भी जो केवल आँसुओं के रूप में हमारे गालों पर लुढ़कती हैं, परन्तु होंठों पर नहीं आने पाती हैं। जब हम परमेश्वर पर हमारे प्रति उसके सिद्ध प्रेम पर भरोसा करते हैं, तब हम आश्वस्त रह सकते हैं कि उसे समर्पित एक विनम्र और उसपर निर्भर रहने वाले मन से निकली प्रत्येक प्रार्थना, उसे स्वीकार्य है, सही प्रार्थना है। - होकिटिल डिक्सन

 

हमारे प्रेमी उद्धारकर्ता और प्रभु, यीशु मसीह से नम्रता के साथ वार्तालाप ही सही प्रार्थना है।


और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं। - 1 यूहन्ना 3:22

बाइबल पाठ: मत्ती 6:5-15

मत्ती 6:5 और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े हो कर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।

मत्ती 6:6 परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

मत्ती 6:7 प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी।

मत्ती 6:8 सो तुम उन के समान न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यकता है।

मत्ती 6:9 सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए।

मत्ती 6:10 तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।

मत्ती 6:11 हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।

मत्ती 6:12 और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।

मत्ती 6:13 और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।” आमीन।

मत्ती 6:14 इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।

मत्ती 6:15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 25-26
  • 2 कुरिन्थियों 9