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सोमवार, 5 जुलाई 2021

प्रचार और व्यवहार

 

          पास्टर और लेखक यूजीन पीटरसन को एक अवसर हुआ कि वह स्विट्ज़रलैंड के एक चिकित्सक और बहुत आदर प्राप्त मसीही परामर्शदाता, पॉल टूर्नियर के एक व्याख्यान सन्देश को सुनें। पीटरसन पहले उनके लेखों को पढ़ चुके थे और चिकित्सा के प्रति उनके दृष्टिकोण की सराहना करते थे। उस व्याख्यान सन्देश ने पीटरसन को बहुत प्रभावित किया; उन्हें सुनते समय पीटरसन को ऐसा लगा जैसे कि टूर्नियर जो बोल रहे थे, उसे जीते भी थे; और जैसा जीते थे, उसका ही प्रचार भी करता थे। अपने इस अनुभव का वर्णन करने के लिए पीटरसन ने जो शब्द प्रयोग किया उसका अनुवाद होता है “अनुरूप” – उन्होंने कहा की यही शब्द उनके अनुभव को सबसे अच्छे से बताता है।

          अनुरूप, अर्थात जो प्रचार करें उसके अनुरूप व्यवहार भी करें, या अपने प्रचार का पालन करना। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना ने इस बात पर बल दिया कि “जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूं; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है” (1 यूहन्ना 2:9)। कहने का अभिप्राय यह कि हमारे व्यवहार और प्रचार में समानता नहीं है। यूहन्ना आगे लिखता है कि इस प्रकार के लोग नहीं जानते हैं कि वे कहाँ जा रहे हाँ (पद 11)। और अनुरूप न होने की स्थिति को बताने के लिए जो शब्द पीटरसन ने प्रयोग किया वह था – अंधापन!

          परमेश्वर के साथ निकटता से चलते रहने, उसके वचन को सदा अपने मार्ग का मार्गदर्शक बनाए रखने से हम अन्धकार में, अंधेपन में भटकने से बचे रहेंगे। इसका परिणाम वह दिव्य-दृष्टि होगी जो हमारे जीवनों को स्पष्टता देगी और हमें परमेश्वर पर केन्द्रित बनाए रखेगी – हमारा प्रचार और व्यवहार अनुरूप होंगे। जब और लोग यह देखेंगे, तो उन्हें आभास होगा कि हम किसी ऐसे का अनुसरण कर रहे हैं जो अच्छे से जानता है कि हमें कहाँ जाना है, क्या करना है। हमारा व्यवहार ही हमारा प्रचार हो; और हमारा प्रचार ही हमारा व्यवहार बने। - जॉन ब्लेज़

 

हे प्रभु मेरे प्रचार और व्यवहार को अनुरूप बनाएँ।


तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन संहिता 119:105

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 2:7-11

1 यूहन्ना 2:7 हे प्रियो, मैं तुम्हें कोई नई आज्ञा नहीं लिखता, पर वही पुरानी आज्ञा जो आरम्भ से तुम्हें मिली है; यह पुरानी आज्ञा वह वचन है, जिसे तुम ने सुना है।

1 यूहन्ना 2:8 फिर मैं तुम्हें नई आज्ञा लिखता हूं; और यह तो उस में और तुम में सच्ची ठहरती है; क्योंकि अन्धकार मिटता जाता है और सत्य की ज्योति अभी चमकने लगी है।

1 यूहन्ना 2:9 जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूं; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है।

1 यूहन्ना 2:10 जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता।

1 यूहन्ना 2:11 पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अन्धकार में है, और अन्धकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहां जाता है, क्योंकि अन्धकार ने उस की आंखें अन्‍धी कर दी हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 30-31
  • प्रेरितों 13:26-52


रविवार, 4 जुलाई 2021

हर बात

 

          मैंने मनमौजी ढंग से चित्रित किए गए और बच्चों के लिए तैयार किए गए परमेश्वर के वचन बाइबल की उस प्रति को खोला और अपने पोते के लिए उसे पढ़ना आरंभ किया। हम तुरंत ही उसके लेख में लिखे गए परमेश्वर के प्रेम और प्रावधानों के वर्णन को पढ़कर रोमांचित हो उठे। मैंने उस बाइबल को पलटकर उसकी जिल्द के सामने के भाग को देखा, और एक बार फिर उसके शीर्षक को पढ़ा – शीर्षक था “द जीसस स्टोरी बुक बाइबल: एवरी स्टोरी व्हिस्पर्स हिज़ नेम (यीशु की कहानी वाली बाइबल: प्रत्येक कहानी उसका नाम बताती है)” – बाइबल की हर बात हमारे उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर के बारे में बताती है।

          सच कहें तो कभी-कभी बाइबल की कुछ बातें, विशेषकर पुराने नियम की, समझना कठिन होता है। ऐसा क्यों है कि जो परमेश्वर को जानते और मानते भी नहीं है वे कई बार परमेश्वर के लोगों पर जयवंत और हावी रहते हैं? परमेश्वर इतनी क्रूरता को कैसे होने देता है जबकि हम जानते हैं कि उसका चरित्र परिशुद्ध है और उसके उद्देश्य हमारी भलाई के लिए हैं?

          अपने पुनरुत्थान के पश्चात प्रभु यीशु अपने दो शिष्यों से मिला, जो इम्माऊस के मार्ग जा रहे थे, और अपने आशा किए हुए मसीहा की मृत्यु हो जाने की निराशा के साथ संघर्ष कर रहे थे, और उन्होंने प्रभु को नहीं पहचाना (लूका 24:19-24)। उन्हें आशा थी कि “...यही इस्राएल को छुटकारा देगा...” (लूका 24:21)। लूका फिर दर्ज करता है कि प्रभु यीशु ने उन्हें किस प्रकार आश्वस्त किया और,तब उसने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ कर के सारे पवित्र शास्त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया” (लूका 24:27)।

          बाइबल की हर बात प्रभु के बारे में बताती है, समझने में कठिन बातें भी। बाइबल हमारे संसार का पापों के कारण टूटा हुआ होने और संसार को एक उद्धारकर्ता की आवश्यकता के बारे में बताती है। बाइबल में दर्ज हर कार्य, हर घटना, हर हस्तक्षेप हमें उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर के गुणों, चरित्र, कार्यों के बारे में बताता है। कैसे परमेश्वर ने अपने लोगों के छुटकारे के लिए योजना बनाई, कार्यान्वित की, और आज लोगों को उनके पापों से छुड़ा रहा है। बाइबल की हर बात उद्धारकर्ता की ओर संकेत करती है। - एलिसा मॉर्गन

 

हे प्रभु मैं आपकी पुस्तक में से आपके बारे में प्रतिदिन सीखता रहूं।


हर एक पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। - 2 तीमुथियुस 3:16

बाइबल पाठ: लूका 24:17-27

लूका 24:17 उसने उन से पूछा; ये क्या बातें हैं, जो तुम चलते चलते आपस में करते हो? वे उदास से खड़े रह गए।

लूका 24:18 यह सुनकर, उनमें से क्‍लियुपास नाम एक व्यक्ति ने कहा; क्या तू यरूशलेम में अकेला परदेशी है; जो नहीं जानता, कि इन दिनों में उस में क्या क्या हुआ है?

लूका 24:19 उसने उन से पूछा; कौन सी बातें? उन्होंने उस से कहा; यीशु नासरी के विषय में जो परमेश्वर और सब लोगों के निकट काम और वचन में सामर्थी भविष्यद्वक्ता था।

लूका 24:20 और महायाजकों और हमारे सरदारों ने उसे पकड़वा दिया, कि उस पर मृत्यु की आज्ञा दी जाए; और उसे क्रूस पर चढ़वाया।

लूका 24:21 परन्तु हमें आशा थी, कि यही इस्राएल को छुटकारा देगा, और इन सब बातों के सिवाय इस घटना को हुए तीसरा दिन है।

लूका 24:22 और हम में से कई स्त्रियों ने भी हमें आश्चर्य में डाल दिया है, जो भोर को कब्र पर गई थीं।

लूका 24:23 और जब उस की लोथ न पाई, तो यह कहती हुई आईं, कि हम ने स्‍वर्गदूतों का दर्शन पाया, जिन्होंने कहा कि वह जीवित है।

लूका 24:24 तब हमारे साथियों में से कई एक कब्र पर गए, और जैसा स्त्रियों ने कहा था, वैसा ही पाया; परन्तु उसको न देखा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 28-29
  • प्रेरितों 13:1-25


शनिवार, 3 जुलाई 2021

ईमानदार

 

          मेरे तीन वर्षीय पोते के दिन का आरंभ अच्छा नहीं हुआ था। उसे अपनी पसंदीदा शर्ट नहीं मिल रही थी। जिन जूतियों को वह पहनना चाह रहा था वे बहुत भड़कीली थीं। पहले तो वह इनके लिए अपनी दादी के निर्देशों को लेकर खिसियाता और चिड़चिड़ाता रहा, और फिर बैठकर रोने लग गया।

          मैंने उससे पूछा, “तुम इतने परेशान क्यों हो?” हमने थोड़ी देर बैठकर बातें कीं, और वह शांत हो गया। फिर मैंने उससे कोमलता से पूछा, “क्या तुम दादी के प्रति अच्छे थे?” उसने थोड़ी देर विचार-पूर्वक अपनी जूतियों की ओर देखा, और फिर उत्तर दिया, “नहीं, मैं अच्छा नहीं था, मुझे माफ करें।”

          मेरा हृदय गदगद हो गया। अपने किए के लिए बहाने बनाने और अपने आप को सही ठहराने के स्थान पर वह ईमानदार रहा। फिर हम दोनों ने साथ मिलकर प्रार्थना की, प्रभु यीशु से हमने अपनी गलतियों के लिए माफी माँगी, और उससे निवेदन किया कि हमें बुराई से बचाए रखे, तथा हमने अपने व्यवहार में और बेहतर होते जाने के लिए प्रभु से सहायता तथा मार्गदर्शन माँगा।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह 1 अध्याय में, परमेश्वर अपने लोगों का सामना करता है, और उन्हें उनकी गलतियों का बोध करवाता है। उनकी कचहरियों में अन्याय और रिश्वत लेना-देना भरा पड़ा था; भौतिक लाभ के लिए अनाथों और विधवाओं का विशेषकर शोषण किया जाता था। लेकिन फिर भी परमेश्वर ने उनके प्रति करुणा का व्यवहार करते हुए, उन्हें कहा कि वे अपने पापों को मान लें, और उन से मुड़ जाएँ,यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वाद-विवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे” (यशायाह 1:18)।

          परमेश्वर की लालसा है कि हम उसके साथ अपने पापों के प्रति ईमानदार और खुले हों। वह पश्चाताप और ईमानदारी के प्रति प्रेम और क्षमा का प्रत्युत्तर देता है: “यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है” (1 यूहन्ना 1:9)। क्योंकि हमारा परमेश्वर दयालु, क्षमा करने वाला और धैर्य रखने वाला है, इसलिए हम ईमानदारी से उसके सामने आ सकते हैं। - जेम्स बैंक्स

 

हे पिता, मुझे मेरे पाप से मुड़कर, सच्चे मन से आपके पीछे चलने वाला बनाएँ।


जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी। - नीतिवचन 28:13

बाइबल पाठ: यशायाह 1:12-18

यशायाह 1:12 मैं बछड़ों या भेड़ के बच्चों या बकरों के लहू से प्रसन्न नहीं होता। तुम जब अपने मुंह मुझे दिखाने के लिये आते हो, तब यह कौन चाहता है कि तुम मेरे आंगनों को पांव से रौंदो?

यशायाह 1:13 व्यर्थ अन्नबलि फिर मत लाओ; धूप से मुझे घृणा है। नये चांद और विश्रामदिन का मानना, और सभाओं का प्रचार करना, यह मुझे बुरा लगता है। महासभा के साथ ही साथ अनर्थ काम करना मुझ से सहा नहीं जाता।

यशायाह 1:14 तुम्हारे नये चांदों और नियत पर्वों के मानने से मैं जी से बैर रखता हूं; वे सब मुझे बोझ से जान पड़ते हैं, मैं उन को सहते सहते उकता गया हूं।

यशायाह 1:15 जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।

यशायाह 1:16 अपने को धोकर पवित्र करो: मेरी आंखों के सामने से अपने बुरे कामों को दूर करो; भविष्य में बुराई करना छोड़ दो,

यशायाह 1:17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो।

यशायाह 1:18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वाद-विवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 25-27
  • प्रेरितों 12


शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

शान्ति

 

          हम साथ बैठे भोजन कर रहे थे, जब मेरे मित्र ने मुझ से प्रश्न किया, “तुम शान्ति के बारे में क्या सोचती हो?” मैंने कुछ विस्मय से उसकी ओर देखकर पूछा “शान्ति? लेकिन तुम मुझ से यह क्यों पूछ रहे हो?” उसने उत्तर दिया, “तुम चर्च की सभा के समय अपने पैरों को काफी हिला रहीं थीं। मुझे लगा कि किसी बात के लिए चिंतित हो। क्या तुम ने कभी उस शान्ति के बारे में विचार किया है जो परमेश्वर उस से प्रेम करने वालों को देता है?

          यह कुछ वर्ष पहले की बात है, और उस दिन मैं अपने उस मित्र के उस प्रश्न से कुछ आहत हुई थी। किन्तु उसके प्रश्न ने मुझे एक यात्रा के मार्ग पर भी डाल दिया। मैंने उसके प्रश्न से प्रभावित होकर परमेश्वर के वचन बाइबल में खोजना आरंभ किया कि कठिनाइयों और विपरीत परिस्थितियों के होते हुए भी परमेश्वर के लोग भलाई और शान्ति के मार्ग पर किस प्रकार से दृढ़ बने रहे। मैं जब पौलुस द्वारा कुलुस्सियों को लिखी गई पत्री को पढ़ रही थी, तो मैंने प्रेरित द्वारा उन्हें दिए गए निर्देश, कि वे मसीह की शान्ति को अपने हृदयों पर राज्य करने दें (कुलुस्सियों 3:15), पर गंभीरता से विचार करना आरंभ किया।

          पौलुस ने यह पत्री एक ऐसे चर्च को लिखी थी जिस से वह कभी जाकर मिला नहीं था। उसने उनके बारे में अपने मित्र, और उस चर्च के अगुवे, इपफ्रास से सुना था। वह चिंतित था कि गलत शिक्षाओं का सामना करते हुए वे मसीह की शान्ति से दूर होते जा रहे थे। किन्तु इसके लिए उन्हें उलाहना देने के स्थान पर पौलुस ने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे प्रभु यीशु पर विश्वास में दृढ़ बने रहें, और प्रभु उन्हें आश्वासन और आशा से भरपूर रखेगा (पद 15)।

          हम सभी को ऐसे समयों का सामना करना पड़ेगा जब हम मसीह की शान्ति को अपने हृदयों पर राज्य करने से या तो इनकार कर सकते हैं या स्वीकार कर सकते हैं। जब हम प्रभु की ओर मुड़ते हैं, और उसे अपने हृदयों पर राज्य करने के लिए आमंत्रित करते हैं, तो वह हमारे अन्दर आकर हमें कोमलता से हमारी चिंताओं और व्यग्रता से मुक्त करता है, जो हमें जकड़े हुए हैं। जब हम उसकी शान्ति के खोजी होते हैं, तो हमें यह भरोसा भी रखना चाहिए कि वह अपने प्रेम के साथ हमें अपनी शान्ति में रखेगा। - एमी बाउचर पाई

 

प्रभु, आपकी शान्ति मेरे मन-मस्तिष्क पर राज्य करे।


[प्रभु यीशु ने कहा:] मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17

कुलुस्सियों 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।

कुलुस्सियों 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।

कुलुस्सियों 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्ध लो।

कुलुस्सियों 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

कुलुस्सियों 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुति-गान और आत्मिक गीत गाओ।

कुलुस्सियों 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 22-24
  • प्रेरितों 11


गुरुवार, 1 जुलाई 2021

मालूम

 

          थॉमस को मालूम था कि उसे क्या करना है। वह भारत के एक निर्धन परिवार में पैदा हुआ था और अमेरिका के एक दंपति ने उसे गोद ले लिया था। एक बार अपनी एक भारत यात्रा के समय, जब वह अपने घर के इलाके से निकल रहा था तो उसने वहाँ के बच्चों की दयनीय दशा को देखा। उसने निर्णय लिया कि उसे उनकी सहायता करनी होगी। उसने योजना बनानी आरंभ कर दी कि वह वापस अमेरिका जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करेगा, बहुत सा धन एकत्रित करेगा और भविष्य में कभी वापस आकर उन बच्चों के लिए कुछ करेगा।

          फिर एक दिन परमेश्वर के वचन बाइबल में से याकूब की पत्री को पढ़ते समय उसका ध्यान याकूब 2:14-18 में लिखी बात पर गया। वहाँ पर याकूब प्रश्न उठा रहा है कि कोई विश्वास करने का दावा करे किन्तु अपने कर्मों से उस विश्वास को जी कर न दिखाए, तो उसके विश्वास के दावे करने का क्या लाभ? थॉमस को ध्यान आया एक छोटी लड़की रोती हुई अपनी माँ से कह रही थी कि “माँ लेकिन मुझे तो भूख अभी लग रही है।” थॉमस को अपने दिन याद आए जब वह भी तीव्र भूख से पीड़ित बच्चा था, और कुछ भोजन पा लेने के लिए कूड़े के ढेर खंगालता था। थॉमस को समझ में आ गया कि वह सहायता करने के लिए कई वर्ष तक प्रतीक्षा नहीं कर सकता है। उसने निर्णय लिया, “मैं अभी ही आरंभ करूँगा!”

          उसने एक अनाथालय आरंभ किया, जिसमें आज पचास बच्चों का पालन पोषण होता है, उन्हें अच्छा भोजन खाने को मिलता है, अच्छी शिक्षा मिलती है, और वो प्रभु यीशु मसीह कर बारे में भी सीखते हैं। यह सब इसलिए क्योंकि एक आदमी को मालूम था कि उसे क्या करना है, और उसने उस बात को बाद के समय के लिए नहीं टाला, वरन परमेश्वर की इच्छा को तत्काल पूरा किया।

          बाइबल में, याकूब की पत्री में दिया गया सन्देश हमारे लिए भी लागू होता है। प्रभु यीशु मसीह में हमारा विश्वास हमें बहुत से लाभ भी प्रदान करता है – उसके साथ संबंध, बहुतायत का जीवन, और भविष्य की एक अद्भुत आशा। लेकिन इस सब से औरों को क्या लाभ मिल रहा है? जब तक हम हाथ बढ़ाकर आज उनकी सहायता नहीं करते हैं जो रो रहे हैं, “लेकिन मुझे भूख तो अभी लग रही है।”

          यदि आपको मालूम है कि आपको क्या करना है, तो उसे आरंभ भी कर दीजिए। - डेव ब्रैनन

 

प्रभु मेरा मार्गदर्शन करें कि मैं औरों की सहायता कर सकूँ।


क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों 2:10

बाइबल पाठ: याकूब 2:14-18

याकूब 2:14 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?

याकूब 2:15 यदि कोई भाई या बहिन नंगे उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो।

याकूब 2:16 और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्त रहो; पर जो वस्तुएं देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ?

याकूब 2:17 वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है।

याकूब 2:18 वरन कोई कह सकता है कि तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूं: तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना तो दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 20-21
  • प्रेरितों 10:24-48