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शनिवार, 5 नवंबर 2011

"आप अंगूरों को पी नहीं सकते"

   जब मैंने अपने पास्टर द्वारा दिये जाने वाले सन्देश का यह शीर्षक पढ़ा, तो मैं सोच में पड़ गया कि वे कहना क्या चाहते हैं? प्रभु भोज के लिए उनका यह सन्देश प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों के साथ किये गए अन्तिम भोज में उपयोग किए गए और आते समय के लिए दिए गए दो चिन्हों पर आधरित था - रोटी और दाखरस (अंगूरों का रस)। रोटी प्रभु यीशु की देह को दिखाती है जो संसार के पापों के लिए तोड़े जाने को दी गई और दाखरस उसके लहू को दिखाता है जो संसार के पापों के धोए जाने के लिए बहाया गया। वह दाखरस पके हुए मीठे अंगूरों से आया था; लेकिन उनसे रस के निकाले जाने के लिए अंगूरों को अपने आप को कुचले जाने के लिए समर्पित करना आवश्यक था, तभी वह रस उनमें से निकल सकता था।

   यही प्रभु यीशु के जीवन के लिए भी सत्य था। उनके इस पृथ्वी पर आने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह अनिवार्य था कि उनका दूसरों की सेवा और भलाई में समर्पित जीवन संसार के सर्वोत्तम भले के लिए कुचले जाने के लिए दिया जाए। वे संसार में संसार के पापों की कीमत चुकाने आए थे जिससे संसार को पापों से मुक्ति और उद्धार का मार्ग दे सकें। यह कीमत थी उनका अपने प्राणों का बलिदान। उन्होंने यह कीमत रोमी क्रूस पर चढ़कर चुकाई। चाहे क्रूस पर चढ़ाने वाले सैनिक रोमी साम्राज्य के थे, परन्तु उनके इस दण्ड के भोगे जाने की अनुमति पिता परमेश्वर की ओर सी थी, जिसके विष्य में भविष्यद्वक्ता यशायाह ने लिखा था "तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा, उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी" (यशायाह ५३:१०)।
   यह सत्य है कि हम अंगूरों को पी नहीं सकते; उन्हें पहले कुचला जाना आवश्यक है, तभी उनका रस हमें मिल सकता है। यही मसीह यीशु के साथ कलवरी के क्रूस पर हुआ। उन्होंने अपने शारीरिक जीवन को कुचले जाने के लिए दे दिया ताकि संसार को उद्धार द्वारा अनन्त आत्मिक जीवन मिल सके। आज समस्त संसार में जो कोई भी सच्चे मन और साधारण विश्वास से उनके इस बलिदान पर विश्वास करके उन्हें स्वीकार करता है, उनसे अपने पापों की क्षमा मांगता है, वह अपने इस विश्वास द्वारा उद्धार और अनन्त जीवन पाता है।

   जब मसीही विश्वासी प्रभु भोज में भाग लेते हैं तो वे स्मरण करते हैं कि हमारे पापों के लिए परमेश्वर के पवित्र और निष्पाप पुत्र ने अपनी जान बलिदान कर दी; वह हमारे ही पापों के कारण कुचला गया और हमारे ही अधर्म के कारण उसने दुखः उठाए। - डेव एग्नर

शारीरिक जीवन परमेश्वर की श्वास द्वारा मिला, किंतु अनन्त जीवन मसीह की मृत्यु से मिला।

तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा, उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी। - यशायाह ५३:१०
 
बाइबल पाठ: यशायाह ५३
    Isa 53:1  जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
    Isa 53:2  क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।
    Isa 53:3  वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी, और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
    Isa 53:4  निश्चय उस ने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया, तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
    Isa 53:5  परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया, हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।
    Isa 53:6  हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया, और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
    Isa 53:7  वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला।
    Isa 53:8  अत्याचार करके और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया; मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी।
    Isa 53:9  और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उस ने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
    Isa 53:10  तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा, उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।
    Isa 53:11  वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा, और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा।
    Isa 53:12  इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया, तौभी उस ने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और अपराधियों के लिये बिनती करता है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३४-३६ 
  • इब्रानियों २

शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

पाने के लिए गंवाना

   अमीरीकी गृह युद्ध की समप्ति के बाद विजयी सेना की परेड में सेनानायक जनरल विलियम शरमन को सेना का नेतृत्व करना था। उन्होंने सेना की एक टुकड़ी के अध्यक्ष जनरल ओलिवर होवर्ड को अपने कमरे में बुलाया और उनसे कहा, "जनरल, कल की परेड में अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करने का अधिकार आपका है, यह मैं भली-भांति जानता हूं, लेकिन मुझे निर्देश मिले हैं कि जो जनरल आपसे आप से पहले उस टुकड़ी के अध्यक्ष थे, उन्हें परेड में टुकड़ी का नेतृत्व दिया जाए।" जनरल होवर्ड ने उत्तर दिया, "सर अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करने का अधिकार तो मेरा है।" जनरल शरमन ने कहा, "हां अधिकार तो आप ही का है, लेकिन मैं सोच रहा था कि क्योंकि आप एक मसिही विश्वासी हैं तो मसीही व्यवहर के अन्तर्गत, शांति बनाए रखने के लिए, आप अपने अधिकार को छोड़ने के लिए राज़ी होंगे।" जनरल होवर्ड बोले, "यदि ऐसा है तो मैं टुकड़ी के नेतृत्व का अपना यह अधिकार छोड़ने को तैयार हूं।" यह स्वीकृति पाने के बाद जनरल शरमन ने जनरल होवर्ड से कहा, "तो फिर ठीक है, कल की परेड में आप पूरी सेना के नेतृत्व में मेरे साथ सबसे आगे चलेंगे।" जनरल होवर्ड का अपने सेनापति की इच्छा में अपना अधिकार छोड़ने को राज़ी होना, उनके लिए और भी अधिक सम्मान मिलने का मर्ग बन गया।

   प्रभु यीशु ने कहा, "यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले, और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा" (युहन्ना १२:२६)। जब प्रभु यीशु की निन्दा और उपहास किया गया तो उसने अपने अधिकारों का दावा और बदले की भावना नहीं दिखाई क्योंकि "वह गाली सुनकर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्‍चे न्यायी के हाथ में सौपता था" (१ पतरस २:२३)। यही स्वभाव मसीही विश्वसियों में भी होना चहिए।

   यदि मसीही विश्वासी होने के नाते हम अपने जीवन दूसरों की सेवा में लगा देते हैं तो अपने प्रभु से इसका प्रतिफल भी पाएंगे। इस सेवा में यदि हमें कुछ गंवाना भी पड़े, तौ भी वह हमारे लिए लाभ कमाना ही ठहरेगा। - पौल वैन गोर्डर


अपनी इच्छापूर्ति को प्राथमिकता देना हमारी सेवा के मार्ग में अवरोध ही बनता है।

क्‍योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा। - मरकुस ८:३५
 
बाइबल पाठ: मरकुस ८:३४-३८
    Mar 8:34  उस ने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुला कर उन से कहा, जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्‍कार करे और अपना क्रूस उठा कर, मेरे पीछे हो ले।
    Mar 8:35  क्‍योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा।
    Mar 8:36  यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्‍त करे और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्‍या लाभ होगा?
    Mar 8:37  और मनुष्य अपने प्राण के बदले क्‍या देगा?
    Mar 8:38  जो कोई इस व्यभिचारी और पापी जाति के बीच मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा, मनुष्य का पुत्र भी जब वह पवित्र दूतों के साथ अपने पिता की महिमा सहित आएगा, तब उस से भी लजाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३२-३३ 
  • इब्रानियों १

गुरुवार, 3 नवंबर 2011

परमेश्वर का जन

   अपनी लालिमा लिए हुए रंग के कारण अमेरिका के मूल रेड इन्डियन निवासियों के बीच एक मिशनरी प्रभु यीशु द्वारा उद्धार का सुसमाचार लेकर गया। पहले पहल उन निवासियों ने उसे बड़े सन्देह से देखा, और उसे "श्वेत आदमी" कह कर संबोधित करते थे। थोड़े समय में जब वे उसे अधिक अच्छे से जानने लगे तो वे उसे "आदरणीय श्वेत आदमी" कहकर बुलाने लगे। और कुछ समय बाद जब उन्होंने उसके भले और सहायता भरे स्वभाव को देखा तो उसे अपनाकर वे उसे "श्वेत इन्डियन" कहने लगे। जब उन में से एक रेड इन्डियन घायल हुआ तो यह मिशनरी उसे अपने घर में ले आया, उसका इलाज और उसकी सेवा करने लगा। उसके इस सेवा भाव को देखकर वे लोग चकित हो गए और उन्होंने उसे "परमेश्वर का जन" कहना आरंभ कर दिया।

   उस मिशनरी ने अपने प्रभु यीशु मसीह जैसा स्वभाव प्रदर्शित किया, क्योंकि प्रभु यीशु भी सेवा लेने नहीं वरन सेवा करने आया था ( मरकुस १०:४५)। तिबिरियास की झील के किनारे प्रभु यीशु ने चेलों को मछली और रोटी का नाशता बनाकर परोसा और वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया जैसा उसने उनके पांव धोने के समय किया था। ऐसे ही हम मसीही विश्वासियों को भी एक दूसरे की, अपने प्रीय जनों की, अपने रिश्तेदारों एवं मित्रों की और उन लोगों की सेवा करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए, जिनकी सेवा करना हमें कठिन लगता है।

   यदि हम अपने आप को दीन कर के अपने प्रभु का अनुसरण करेंगे तो हम भी उस मिशनरी के समान "परमेश्वर के जन" कहलाएंगे। - डेव एग्नर


यदि हम एक-दूसरे के लिए छोटे छोटे कार्य करने को तैयार हो जाएं तो परमेश्वर के लिए बड़े बड़े कार्य कर सकेंगे।

यीशु ने उन से कहा, कि आओ, भोजन करो और चेलों में से किसी को हियाव न हुआ, कि उस से पूछे, कि तू कौन है? यीशु आया, और रोटी लेकर उन्‍हें दी, और वैसे ही मछली भी। - युहन्ना २१:१२, १३
 
बाइबल पाठ: युहन्ना २१:१-१४
    Joh 21:1  इन बातों के बाद यीशु ने अपने आप को तिबिरियास झील के किनारे चेलों पर प्रगट किया और इस रीति से प्रगट किया।
    Joh 21:2  शमौन पतरस और थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, और गलील के काना नगर का नतनएल और जब्‍दी के पुत्र, और उसके चेलों में से दो और जन इकट्ठे थे।
    Joh 21:3  शमौन पतरस ने उन से कहा, मैं मछली पकड़ने जाता हूं: उन्‍होंने उस से कहा, हम भी तेरे साथ चलते हैं: सो वे निकल कर नाव पर चढ़े, परन्‍तु उस रात कुछ न पकड़ा।
    Joh 21:4  भोर होते ही यीशु किनारे पर खड़ा हुआ; तौभी चेलों ने न पहचाना कि यह यीशु है।
    Joh 21:5  तब यीशु ने उन से कहा, हे बालको, क्‍या तुम्हारे पास कुछ खाने को है उन्‍होंने उत्तर दिया कि नहीं।
    Joh 21:6  उस ने उन से कहा, नाव की दाहिनी ओर जाल डालो, तो पाओगे, तब उन्‍होंने जाल डाला, और अब मछिलयों की बहुतायत के कारण उसे खींच न सके।
    Joh 21:7  इसलिये उस चेले ने जिस से यीशु प्रेम रखता था पतरस से कहा, यह तो प्रभु है: शमौन पतरस ने यह सुन कर कि प्रभु है, कमर में अंगरखा कस लिया, क्‍योंकि वह नंगा था, और झील में कूद पड़ा।
    Joh 21:8  परन्‍तु और चेले डोंगी पर मछिलयों से भरा हुआ जाल खींचते हुए आए, क्‍योंकि वे किनारे से अधिक दूर नहीं, कोई दो सौ हाथ पर थे।
    Joh 21:9  जब किनारे पर उतरे, तो उन्‍होंने कोएले की आग, और उस पर मछली रखी हुई, और रोटी देखी।
    Joh 21:10  यीशु ने उन से कहा, जो मछिलयां तुम ने अभी पकड़ी हैं, उन में से कुछ लाओ।
    Joh 21:11  शमौन पतरस ने डोंगी पर चढ़ कर एक सौ तिर्पन बड़ी मछिलयों से भरा हुआ जाल किनारे पर खींचा, और इतनी मछिलयां होने पर भी जाल न फटा।
    Joh 21:12  यीशु ने उन से कहा, कि आओ, भोजन करो और चेलों में से किसी को हियाव न हुआ, कि उस से पूछे, कि तू कौन है?
    Joh 21:13  यीशु आया, और रोटी लेकर उन्‍हें दी, और वैसे ही मछली भी।
    Joh 21:14  यह तीसरी बार है, कि यीशु ने मरे हुओं में से जी उठने के बाद चेलों को दर्शन दिए।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३०-३१ 
  • फिलेमौन

बुधवार, 2 नवंबर 2011

दीन सेवकाई

   एक जवान युवती अपने माता-पिता के साथ सरकार से मिलने वाले थोड़े से भत्ते पर रहती और अपनी इस दयनीय दशा के कारण सदा निराशा और विषाद से भरी रहती। फिर भी जब मैं ने उस से कुछ काम करने अथवा स्वयंसेवा के कार्यों में हाथ बंटाने का परामर्ष दिया तो उसने इन्कार कर दिया, क्योंकि वह कोई ’छोटा’ कार्य करने के द्वारा लज्जित नहीं होना चाहती थी!

   विश्व-प्रसिद्ध मसीही धर्मशास्त्री ग्रेशम मेकन, प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान YMCA में स्वयंसेवक थे और उन्होंने निम्न स्तर का कार्य स्वीकार किया था - उन्हें सैनिकों की एक भोजनशाला में प्रातः गरम चॉकलेट बना कर देना होता था। यह चॉकलेट प्रातः ७ बजे तैयार चाहिए होता था, इसलिए ग्रेशम तड़के ५ बजे उठकर इस कार्य में लग जाते, और उन्हें अपने प्रातः का नाशता करने के लिए अकसर बहुत देर प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। यदि वे चाहते तो भोजनशाला में आकर नाशता करने वाले सैनिकों के लिए वे एक बहुत उपयोगी सलाहकार बन सकते थे, किंतु सलाहकार की आदरणीय श्रेणी की बजाए उन्होंने रसोई में तुच्छ कार्य स्वीकार करके अपने प्रभु की शिक्षा का पालन किया और उसे महिमा दी।

   बाइबल में यीशु पूर्व के पुराने नियम के काल में मन्दिर में लेवियों के लिए ये आदर था कि वे मन्दिर और उसके सामान की देख-रेख और रख-रखाव में शारीरिक परिश्रम करें। इसी प्रकार प्रेरित पौलुस अपनी जीविका कमाने के लिए, बिना किसी लज्जा का अनुभव करे, तंबू बनाता था। हमारे प्रभु यीशु ने अपने चेलों के पांव धोने में कोई छोटापन अनुभव नहीं किया।

   मसीही विश्वासी कोई भी कार्य करें, वे उसमें प्रफुल्लित और आनन्दित रह सकते हैं, क्योंकि कोई भी कार्य छोटा नहीं है यदि वह प्रभु की महिमा के लिए और प्रभु के नाम से किया जाए। प्रत्येक कार्य प्रभु को आदर देने और हमारे विश्वास की वास्तविक्ता को दिखाने का अवसर है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

यदि परमेश्वर उसमें हो तो छोटा भी बड़ा होता है।

क्‍योंकि बड़ा कौन है, वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्‍या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक की नाईं हूं। - लूका २२:२७
 
बाइबल पाठ: लूका २२:२४-३०
    Luk 22:24  उन में यह वाद-विवाद भी हुआ कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है?
    Luk 22:25  उस ने उन से कहा, अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं, और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं।
    Luk 22:26  परन्‍तु तुम ऐसे न होना; वरन जो तुम में बड़ा है, वह छोटे की नाईं और जो प्रधान है, वह सेवक की नाईं बने।
    Luk 22:27  क्‍योंकि बड़ा कौन है, वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्‍या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक की नाईं हूं।
    Luk 22:28  परन्‍तु तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे।
    Luk 22:29  और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है,
    Luk 22:30  वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूं, ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पिओ; वरन सिंहासनों पर बैठ कर इस्‍त्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २७-२९ 
  • तीतुस ३

मंगलवार, 1 नवंबर 2011

सेवक अगुवे

   एक मसीही कॉलेज के छात्रावास के कुछ लड़कों ने शरारत करी और छात्रावास की दीवारों को तरह तरह की चीज़ें पोत कर गंदा कर दिया। जब कॉलेज के अध्यक्ष को इस बात का पता चला तो वह सोच में पड़ गया कि इस बात की क्या प्रतिक्रिया करे। वह छात्रावास के उन छात्रों को दिवारें साफ करने के लिए बाध्य कर सकता था, वह यह कार्य सफाई कर्मचारियों द्वार भी करवा सकता था। किंतु उसने ऐसा नहीं किया, वरन स्वयं ही सफाई करने का सामान लिया और दीवारें साफ करने लगा। थोड़ी ही देर में छात्रावास के कमरों के बन्द दरवाज़े खुलने लगे और शरारती युवकों ने बाहर आकर स्वयं सफाई करना आरंभ कर दिया। क्योंकि अध्यक्ष ने सेवक की भूमिका अपनाई इसी कारण वह उन युवकों को एक महत्वपूर्ण शिक्षा दे सका।

   मुझे कभी कभी प्रतीत होता है कि आज के मसीही समाज में सही नेतृत्व की कमी होती जा रही है। ऐसा नहीं है कि समाज में अगुवे नहीं हैं, अगुवे तो बहुत हैं और बहुत लोग अगुवे बनना भी चाहते हैं, लेकिन बहुत ही थोड़े हैं जो परमेश्वर के वचन बाइबल में दिये अगुवे के नमूने को अपनाने और उसको निभाने की इच्छा रखते हैं या प्रयास करते हैं। अगुवे बनने की इच्छा रखने वाले ये नेतागण मत्ती के २० अध्याय और अन्य ऐसे खंडों में दी गई नेतृत्व की मूल शिक्षाओं का पालन बहुत कम किंतु उनकी अवहेलना बहुत अधिक करते हैं।

   प्रभु यीशु द्वारा उनकी मण्डली में नेतृत्व के उदाहरण को एक शब्द में बयान किया जा सकता है - सेवक; प्रभु यीशु ने स्वयं इसे कर के दिखाया जब उसने अपने चेलों के पांव धोये और उन से इस उदाहरण का अनुसरण करने को कहा ( युहन्ना १३:२-१६)।

   जब हम नेतृत्व की स्थिति में हों तो हमें सेवक होने के संबंध में अपने रवैये को मत्ती २० और युहन्ना १३ की शिक्षाओं के परिपेक्ष में जांच लेना चाहिए। शायद नेतृत्व की ज़िम्मेदरी संभालने से पहले हमें सेवक होने का अभ्यास करने की अधिक आवश्यक्ता हो। - डेव एग्नर


सच्चे नेता सदा अपनी सेवा को सुधारते रहते हैं।
 
और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। - मत्ती २०:२७
 
बाइबल पाठ: मत्ती २०:२०-२८
    Mat 20:20  जब जब्‍दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी।
    Mat 20:21  उस ने उस से कहा, तू क्‍या चाहती है? वह उस से बोली, यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दहिने और एक तेरे बाएं बैठें।
    Mat 20:22  यीशु ने उत्तर दिया, तुम नहीं जानते कि क्‍या मांगते हो जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्‍या तुम पी सकते हो उन्‍होंने उस से कहा, पी सकते हैं।
    Mat 20:23  उस ने उन से कहा, तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएं किसी को बिठाना मेरा काम नहीं, पर जिन के लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।
    Mat 20:24  यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए।
    Mat 20:25  यीशु ने उन्‍हें पास बुलाकर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं।
    Mat 20:26  परन्‍तु तुम में ऐसा न होगा; परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।
    Mat 20:27  और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने।
    Mat 20:28  जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल की जाए, परन्‍तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २४-२६ 
  • तीतुस २

सोमवार, 31 अक्टूबर 2011

मंच के तानाशाह

   बीते समय के वाद्यवृंद संचालकों में से कुछ बहुत कठोर और तानाशाह थे। उनके विष्य में छपे एक लेख में लेखक रौबर्ट बैक्सटर ने लिखा, "इन लोगों के शीर्ष पर होने का समय था २०वीं सदी के १९३०-४० के दशक। इन दिनों में वाद्यवृंद संचालक आर्थर रौडिन्स्की अपने साथ अभ्यास के समय गोलियों से भरी रिवाल्वर रखता था; आर्ट्यूरो टोस्कनी क्रोधित होकर संचालन वाली अपनी छाड़ी तोड़ देता था, फ्रिट्ज़ रेनियर अपनी पैनी आंखों से घूरकर बजाने वालों को धमकाता था और जॉर्ज स्ज़ेल अपनी उस्तरे जैसी तेज़ ज़बान के वारों से उन्हें घायल करता था। एक बार एक आहत बजाने वाला टोस्कनी के साथ अभ्यास से क्रोधित होकर बुड़्बुड़ाता हुआ उठकर बाहर की ओर चला तो पीछे से टोस्कनी ने ज़ोर से चिल्लाकर उससे कहा ’अब तुम्हें क्षमा मांगने का अवसर भी नहीं है!’" इतनी क्रूरता तथा आपसी संबंधों में इतनी कटुता के होते यह बड़े विस्मय की बात है कि इन तानाशाहों के साथ वाद्य बजाने वाले इतना मधुर संगीत किस तरह बजा लेते थे।

   महान नेताओं को दूसरों से आदर पाने के लिए उन्हें डरा धमका कर रखने की आवश्यक्ता नहीं है। इस संसार के एकमात्र सिद्ध अगुए प्रभु यीशु मसीह ने अगुए होने का इससे बहुत उत्तम मार्ग दिखाया। प्रभु यीशु  का मंच रूपांतर का वह पहाड़ नहीं था जहां उसके इश्वरत्व के दर्शन उसके चेलों ने देखे, उसका मंच था रोमी शास्कों और धर्मे के अगुवों के द्वारा दिया गया उसका वह क्रूस जहां हमारे पापों की सज़ा को उठाकर उसने हमारी सबसे गहरी और अनिवार्य आवश्यक्ता का समाधान किया। क्रूस रूपी उस मंच के सहारे आज भी वह पाप से बिगड़े हुए जीवनों से उद्धार द्वारा मधुर संगीत प्रस्तुत करवाता है। प्रभु यीशु पाप से बिगड़े जीवनों को पहले अपने प्रेम और क्षमा से ढांप देता है, फिर जैसे जैसे हम उसके निर्देशों को समर्पित होते हैं, वह हम में होकर दूसरों तक अपने प्रेम की मधुर धुन को पहुंचाता है।

   प्रभु यीशु ने दिखाया कि नेता होने के लिए तानाशाह होना आवश्यक नहीं है, सेवा द्वार जो शीर्ष स्थान मिलता है वह प्रेम और आदर से भरा तथा चिरस्थाई होता है। - डेनिस डी हॉन

जब तक नेता अपने नेतृत्व में सेवा लेकर नहीं आते तब तक वे सच्चे अगुवे नहीं बन सकते।

जो तुम में बड़ा हो, वह तुम्हारा सेवक बने। - मत्ती २३:११
 
बाइबल पाठ: मत्ती २३:१-१२
    Mat 23:1  तब यीशु ने भीड़ से और अपने चेलों से कहा।
    Mat 23:2  शास्त्री और फरीसी मूसा की गद्दी पर बैठे हैं।
    Mat 23:3  इसलिये वे तुम से जो कुछ कहें वह करना, और मानना; परन्‍तु उन के से काम मत करना, क्‍योंकि वे कहते तो हैं पर करते नहीं।
    Mat 23:4  वे एक ऐसे भारी बोझ को जिन को उठाना कठिन है, बान्‍ध कर उन्‍हें मनुष्यों के कन्‍धों पर रखते हैं, परन्‍तु आप उन्‍हें अपनी उंगली से भी सरकाना नहीं चाहते ।
    Mat 23:5  वे अपने सब काम लोगों को दिखाने के लिये करते हैं: वे अपने तावीजों को चौड़े करते, और अपने वस्‍त्रों की कोरें बढ़ाते हैं।
    Mat 23:6  जेवनारों में मुख्य मुख्य जगहें, और सभा में मुख्य मुख्य आसन।
    Mat 23:7  और बाजारों में नमस्‍कार और मनुष्य में रब्‍बी कहलाना उन्‍हें भाता है।
    Mat 23:8  परन्‍तु, तुम रब्‍बी न कहलाना, कयोंकि तुम्हारा एक ही गुरू है: और तुम सब भाई हो।
    Mat 23:9  और पृथ्वी पर किसी को अपना पिता न कहना, कयोंकि तुम्हारा एक ही पिता है, जो स्‍वर्ग में है।
    Mat 23:10  और स्‍वामी भी न कहलाना, क्‍योंकि तुम्हारा एक ही स्‍वामी है, अर्थात मसीह।
    Mat 23:11  जो तुम में बड़ा हो, वह तुम्हारा सेवक बने।
    Mat 23:12  जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा: और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २२-२३ 
  • तीतुस १

रविवार, 30 अक्टूबर 2011

सेवक का तौलिया

   अपने क्रूस पर दिए गए बलिदान से पहले, प्रभु यीशु ने एक ऊपरी कमरे में अपने चेलों के साथ अन्तिम भोज किया और उन्हें आते समय की उनकी ज़िम्मेदारियों के विष्य में कुछ बहुत महत्वपूर्ण शिक्षाएं दीं। युहन्ना १३ में वर्णन है कि प्रभु ने भोज से उठ कर अपने चेलों के पांव भी धोए और उन्हें एक तौलिए से पोंछा, और अपने चेलों को समझाया कि जैसे उन्होंने चेलों की सेवा करी है, वैसे ही चेलों को भी संसार में सेवक हो कर जाना है, सेवा करवाने वाले हो कर नहीं। इस घटना के ऊपर पास्टर हौवर्ड ओग्डन ने एक सन्देश दिया जिसका शीर्षक था "हाथों में तौलिया लिए परमेश्वर।" प्रभु के हाथ का वह तौलिया इस बात का प्रतीक था कि "जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्‍तु इसलिए आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिए अपने प्राण दे" (मत्ती २०:२८)। किंतु आज कितनी सहजता से हम प्रभु के दिए इस क्रम को उलट कर सेवा करने वालों की बजाए लेने वाले बन जाते हैं। इसीलिए हमें सदा प्रभु के इस उदाहरण को अपने समक्ष बनाए रखना चाहिए।

   जब वर्नेन ग्राउन्ड्स डेन्वर के एक बाइबल कॉलेज के अधिपति थे तो १९७३ में स्नातक हो रहे विद्यार्थियों को उन्होंने अपने स्नातक सन्देश में युहन्ना १३ के इस सत्य से चुनौती दी। उन्होंने उतीर्ण हो कर स्नातक होने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को एक छोटा प्रतीक दिया, यह कहते हुए कि इससे उन्हें अपने आते समय में सहायता मिलेगी। वह प्रतीक था एक सफेद तौलिए का छोटा सा टुकड़ा। उस दिन के स्नातक होने वाले विद्यार्थियों में से एक ने, जो विदेशों में मिशनरी बनकर कार्य करता है, कहा: "हमें संसार में सेवक हो कर जाने के लिए निर्धारित किया गया था। तौलिए का वह छोटा टुकड़ा, तब से मेरे बटुए में रखा है; वह इतने वर्षों के बाद जीर्ण और मटमैला हो गया है, लेकिन मुझे सदा स्मरण दिलाता रहता है कि संसार में मेरा उद्देश्य क्या है।"

   उस ऊपरी कमरे में जो चुनौती प्रभु यीशु ने अपने चेलों के सामने रखी वह आज भी उसके चेलों को चिताती रहती है और हमें अपने आप को जांचने को उकसाती है कि क्या हम वास्तव में संसार में सेवक का स्वरूप लेकर जीते हैं। संभवतः यह समय है कि हम पहचाने कि प्रभु ने हमें जो सौंपा है वह "सेवक का तौलिया" है। - डेव एग्नर


प्रत्येक मसीही विश्वासी की प्रतिभाएं उसे स्वार्थ लाभ के लिए नहीं, सेवा के लिए सौंपी गईं हैं।
 
यीशु ने उन्‍हें पास बुला कर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं। परन्‍तु तुम में ऐसा न होगा; परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। - मत्ती २०:२५, २६
 
बाइबल पाठ: मत्ती २०:२०-२८
    Mat 20:20  जब जब्‍दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी।
    Mat 20:21  उस ने उस से कहा, तू क्‍या चाहती है? वह उस से बोली, यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दाहिने और एक तेरे बाएं बैठें।
    Mat 20:22  यीशु ने उत्तर दिया, तुम नहीं जानते कि क्‍या मांगते हो जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्‍या तुम पी सकते हो? उन्‍होंने उस से कहा, पी सकते हैं।
    Mat 20:23  उस ने उन से कहा, तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएं किसी को बिठाना मेरा काम नहीं, पर जिन के लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।
    Mat 20:24  यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए।
    Mat 20:25  यीशु ने उन्‍हें पास बुला कर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं।
    Mat 20:26  परन्‍तु तुम में ऐसा न होगा; परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।
    Mat 20:27  और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने।
    Mat 20:28  जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्‍तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २०-२१ 
  • २ तिमुथियुस ४