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शनिवार, 22 दिसंबर 2012

स्तर


   मेरे पुत्र और पुत्रवधु के पास एक १२० पौंड वज़न का पालतु बुल्डौग है, उसका शरीर ताकतवर और मुँह खतरनाक दिखने वाला है और नाम है ’बडी’। जब तक हम ’मित्र’ नहीं हो गए बडी मुझ से आशंकित रहता था। जब मैं खड़ा रहता था तो वह मेरी नज़रों से अपनी नज़रें नहीं मिलाता था और दूर ही रहता था। फिर एक दिन मैं ने समझा कि यदि मैं नीचे ज़मीन पा आजाऊँ तो बडी का रवैया बदल जाता है, और वह मुझ से भयभीत नहीं रहता। मैंने ऐसा ही किया और मुझे अपने स्तर पर देखकर बडी मुझ से भयभीत नहीं रहा, मेरे पास आ गया, मेरा ’मित्र’ हो गया। उसके बाद से वह निसंकोच मेरे पास आकर मुझसे खेलने लगा और मेरे हाथों से अपनी पीठ सहलवाने के लिए प्रयासरत रहने लगा।

   बडी के इस व्यवहार से मुझे परमेश्वर के मसीह यीशु के रूप में इस पृथ्वी पर मानव स्तर और रूप में आने का भेद समझने में सहायता मिली। जब से हमारे आदि माता-पिता ने पाप किया और परमेश्वर की उपस्थिति से छुपने का प्रयास किया, तब से ही मानव जाति परमेश्वर के पास परमेश्वर की शर्तों पर आने से भयभीत रही है (यूहन्ना ३:२०)।

   क्योंकि हमारे लिए परमेश्वर के स्तर तक उठ पाना संभव नहीं था, इसीलिए, जैसे यशायाह भविष्यद्वकता ने भविष्यद्वाणी करी थी, परमेश्वर ने हम मनुष्यों को अपने पास ले आने के लिए हमारे स्तर पर उतर आना स्वीकार किया। एक निम्न कोटि के सेवक के समान जीवन व्यतीत करके और हमारे पापों के लिए अपने आप को बलिदान करके उसने हमारे पापों के दण्ड को हमारे स्थान पर सह लिया और हमें दण्ड सहने से मुक्त कर दिया। वह चाहता है कि हम अपने आत्मिक अन्धकार से निकलें (यशायाह ४२:७); वह हमें मित्र बनाना चाहता है (यूहन्ना १५:१५); फिर उसपर विश्वास करने से क्यों डरना? क्या आपने मसीह यीशु को अपना मित्र बना लिया है? - मार्ट डी हॉन


अति महान और वैभवशाली परमेश्वर प्रभु यीशु में अति दीन और विनम्र दास बन गया।

मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है; मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा; कि तू अन्धों की आंखें खोले, बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धियारे में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले। - यशायाह ४२:६-७

बाइबल पाठ: यशायाह ४२:१-७
Isa 42:1  मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है; मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह अन्यजातियों के लिये न्याय प्रगट करेगा। 
Isa 42:2  न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा।
Isa 42:3  कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा। 
Isa 42:4  वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे; और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जोहेंगे।
Isa 42:5  ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहोवा है, वह यों कहता है: 
Isa 42:6  मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है; मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा; कि तू अन्धों की आंखें खोले, 
Isa 42:7  बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धियारे में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका ६-७ 
  • प्रकाशितवाक्य १३

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

खुला मार्ग


   मैं अकसर विश्वास से संबंधित बातों के बारे में अचरज के साथ सोचता हूँ। उदाहर्ण के रूप में, मैं जब किसी हवाईअड्डे पर खड़ा होता हूँ तो अनेक विशिष्ट दिखने वाले लोगों को व्यस्तता इधर से उधर जाते देखता हूँ। वे हाथों में अपने ब्रीफकेस लिए, कुछ देर को किसी कौफी की दुकान पर रुकते हैं और फिर किसी अगले सम्मेलन अथवा व्यवसायिक मीटिंग पर अपनी हवाई यात्रा पर निकल लेते हैं। मैं सोचता हूँ, क्या ये लोग कभी परमेश्वर के बारे में सोचने पाते हैं?

   मसीही विश्वासी दो समानन्तर विश्वों में एक अजीब से विश्वास के साथ जीते हैं। एक विश्व है इस भौतिक संसार का, जहां इमारतें हैं, तरह तरह के वस्त्र हैं, व्यवसाय की व्यसतता है, और लोग एक से दूसरे स्थान पर पैसा कमाने के लिए दौड़ते रहते हैं; और धन अर्जित करते करते, बिना पूरी तरह से उस अर्जित धन का उपयोग किए ही संसार से खाली हाथ ही कूच भी कर जाते हैं। दूसरा विश्व है आत्मिक शक्तियों, स्वर्गदूतों और किसी अदृश्य स्थान में बसे स्वर्ग और नरक का। इस भौतिक विश्व को तो हम देख और अनुभव कर सकते हैं, परन्तु अपने आप को उस अदृश्य विश्व का नागरिक मानने के लिए एक असाधारण विश्वास की आवश्यकता होती है।

   क्रिसमस वह समय है जब इन दोनों विश्वों के प्रभु का इस भौतिक संसार में प्रवेश मनाया जाता है; वह आया कि इस संसार के नियमों के अन्तर्गत जीवन जी कर इस नाशमान भौतिक विश्व से उस अदृश्य अनन्त विश्व के स्वर्ग देश में मानव जाति के प्रवेश का मार्ग बना कर संसार को प्रदान करे। प्रभु यीशु के आगमन ने दोनों विश्वों के बीच का संपर्क का मार्ग बनाया और प्रभु के कार्य तथा बलिदान और मृत्यु पर विजय ने दोनों विश्वों के परस्पर असंगति के निवार्ण का मार्ग खोल कर संसार से स्वर्ग पहुँचने का मार्ग दे दिया।

   इसीलिए प्रभु यीशु के जन्म के समय स्वर्गदूतों ने परमेश्वर की स्तुति करी, क्योंकि अब मनुष्य के लिए परमेश्वर के साथ मेल हो सकने का मार्ग खुलने पर था। आज यह मार्ग संसार के प्रत्येक जन के लिए खुला और उपलब्ध है, प्रभु यीशु में साधारण विश्वास के साथ इस भौतिक संसार में रहते हुए ही उस आते विश्व के लिए अपना भविष्य सुनिश्चित कर लीजीए, क्योंकि इस संसार से कूच करने के बाद स्वर्ग के लिए फिर कोई मार्ग नहीं है।- फिलिप यैन्सी


क्रिसमस का मुख्य श्ब्द है "इम्मैनुएल" अर्थात परमेश्वर हमारे साथ।

आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो। - लूका २:१४

बाइबल पाठ: लूका २:१-१४
Luk 2:1  उन दिनों में औगूस्‍तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं। 
Luk 2:2  यह पहिली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्‍विरिनियुस सूरिया का हाकिम था। 
Luk 2:3   और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए। 
Luk 2:4   सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। 
Luk 2:5   कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए। 
Luk 2:6  उस के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। 
Luk 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेट कर चरनी में रखा: क्‍योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 
Luk 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरि्ये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्‍ड का पहरा देते थे। 
Luk 2:9  और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luk 2:10 तब स्‍वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्‍योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्‍द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luk 2:11  कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luk 2:12  और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े मे लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luk 2:13 तब एकाएक उस स्‍वर्गदूत के सा्थ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luk 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका ४-५ 
  • प्रकाशितवाक्य १२

गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

सार्थक समर्पण


   इतिहास में प्रभु यीशु की माता मरियम को आदर का एक उच्च स्थान मिलता रहा है। यह ठीक भी है! स्वयं परमेश्वर ने उसे चुना था कि वह लंबे समय से प्रतीक्षित संसार के मसीहा को पृथ्वी पर जन्म देने वाली बने।

   परन्तु मरियम और उसके जीवन के महत्व में मग्न होने से पहले थोड़ा यह भी विचार कर लें कि इस कार्य के लिए अपने आप को परमेश्वर के हाथों में समर्पित करने का उसके लिए लिए क्या अर्थ रहा होगा। मरियम गलील के इलाके के एक छोटे से गांव में रहने वालि कन्या थी। गांव के सब लोग एक दुसरे को और एक दुसरे की बातों को जानते थे। उसे विवाह से पूर्व ही गर्भवती होने की निन्दनीय दशा में इन सबके सामने रहना था। अपने परिवार और समाज के लोगों को स्वर्गदुत के दर्शन और पवित्र आत्मा की सामर्थ से गर्भवती होने को समझाना उसके लिए लगभग असंभव था। इस गर्भ के कारण यूसुफ से होने वाले उसके रिशते पर भी गंभीर प्रभाव आना ही था - यूसुफ को भी वह क्या बताती और उसे यह सब कैसे समझाती? क्या वह उसका विश्वास करता?

   इन सब बातों और व्यक्तिगत समस्याओं के संदर्भ में, स्वर्गदूत को दिया गया उसका उत्तर विसमित कर देने वाला है; उसने कहा: "देख मैं परमेश्वर की दासी हूँ; तेरे वचन के अनुसार ही मेरे साथ हो" (लूका १:३८)। मरियम के समर्पण के ये शब्द हमें स्मरण दिलाते हैं कि एक महत्वपूर्ण और प्रभावी जीवन से पहले परमेश्वर को हर दशा और हर कीमत पर समर्पित मन बहुत अनिवार्य है।

   हम नहीं जानते कि परमेश्वर किन महत्वपुर्ण बातों और अशीषों की योजना हमारे लिए बनाए हुए है; किंतु वे जो भी हों, उन तक पहुँचने का आरंभ होगा परमेश्वर को सम्पूर्ण समर्पण द्वारा। - जो स्टोवैल


परमेश्वर को संपूर्ण समर्पण परमेश्वर द्वारा जीवन में महान कार्य और आशीष का पहला कदम है।

इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। - १ पतरस ५:६

बाइबल पाठ: लूका १:२६-३८
Luk 1:26  छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्‍वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया। 
Luk 1:27   जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। 
Luk 1:28  और स्‍वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा; आनन्‍द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है। 
Luk 1:29   वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? 
Luk 1:30  स्‍वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम; भयभीत न हो, क्‍योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। 
Luk 1:31  और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्‍पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। 
Luk 1:32   वह महान होगा, और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा, और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा। 
Luk 1:33  और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्‍त न होगा। 
Luk 1:34  मरियम ने स्‍वर्गदूत से कहा, यह क्‍योंकर होगा मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं। 
Luk 1:35  स्‍वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया, कि पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्‍पन्न होने वाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा। 
Luk 1:36   और देख, और तेरी कुटुम्बिनी इलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्र होने वाला है, यह उसका, जो बांझ कहलाती थी छठवां महीना है। 
Luk 1:37  क्‍योंकि जो वचन परमेश्वर की ओर से होता है वह प्रभावरहित नहीं होता। 
Luk 1:38  मरियम ने कहा, देख, मैं प्रभु की दासी हूं, मुझे तेरे वचन के अनुसार हो: तब स्‍वर्गदूत उसके पास से चला गया।

एक साल में बाइबल: 

  • मीका १-३ 
  • प्रकाशितवाक्य ११

बुधवार, 19 दिसंबर 2012

अनन्त जीवन


   आयरलैंड में न्यूग्रैन्ज एक ५००० वर्ष पुराना समाधि-स्थल है जो बोएने घाटी के किसानों द्वारा बनाया गया था। यह अद्भुत स्थल एक एकड़ से भी अधिक ज़मीन पर बना हुआ है, और लोग यहां पर मृत्यु से संबंधित बातों पर चिंतन और मनन के लिए जाया करते थे। यह स्थल साल में एक बार दिसंबर १९-२३ के दिनों में, जब दिन सबसे छोटे होते हैं, १७ मिनिटों के लिए सूर्य की एक किरण के इसके कमरों से होकर निकलने के लिए भी विख्यात है। कुछ लोगों का कहना है कि यह बात मृत्यु पर जीवन की विजय का सामर्थी प्रतीक है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के उत्पत्ति ३ अध्याय में दिए गए पाप के कारण मानव जीवन में आए मृत्यु के अनुभव के बाद से ही मृत्यु मानव जीवन का अवश्यंभावी सत्य और अधिकांश लोगों के लिए एक प्रमुख भय रही है। लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए। प्रेरित पौलुस ने लिखा: "क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कराण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्‍त जीवन में राज्य करेंगे" (रोमियों ५:१७)।

   अदन की वाटिका के उस क्षण से, हमारे आदि माता-पिता के पाप के कारण मृत्यु ने प्रवेश किया और पाप के साथ हम पर प्रभुता करी है। किंतु अब हमें मृत्यु और उसके परिणामों से भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है। मसीह यीशु में होकर हम अनन्त जीवन की दृढ़ आशा रख सकते हैं क्योंकि मृत्यु पर उसकी जय ने प्रभु यीशु के प्रत्येक विश्वासी को भी यही आशा और अनन्त जीवन प्रदान कर दिया है।

   मसीह यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण कीजिए, और मृत्यु के भय से छुटकारा तथा अनन्त जीवन भी आपको मिल जाएगा। - बिल क्राउडर


मसीह की खाली कब्र हमारे अनन्त जीवन तथा म्रुत्यु पर विजय का निश्चय है।

क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्‍त जीवन में राज्य करेंगे। - रोमियों ५:१७

बाइबल पाठ: रोमियों ५:१५-२१
Rom 5:15  पर जैसा अपराध की दशा है, वैसी अनुग्रह के वरदान की नहीं, क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध से बहुत लोग मरे, तो परमेश्वर का अनुग्रह और उसका जो दान एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के अनुग्रह से हुआ बहुतेरे लागों पर अवश्य ही अधिकाई से हुआ। 
Rom 5:16  और जैसा एक मनुष्य के पाप करने का फल हुआ, वैसा ही दान की दशा नहीं, क्‍योंकि एक ही के कारण दण्‍ड की आज्ञा का फैसला हुआ, परन्‍तु बहुतेरे अपराधों से ऐसा वरदान उत्‍पन्न हुआ, कि लोग धर्मी ठहरे। 
Rom 5:17  क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कराण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्‍त जीवन में राज्य करेंगे। 
Rom 5:18  इसलिये जैसा एक अपराध सब मनुष्यों के लिये दण्‍ड की आज्ञा का कारण हुआ, वेसा ही एक धर्म का काम भी सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित्त धर्मी ठहराए जाने का कारण हुआ। 
Rom 5:19  क्‍योंकि जैसा एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे, वैसे ही एक मनुष्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरेंगे। 
Rom 5:20  और व्यवस्था बीच में आ गई, कि अपराध बहुत हो, परन्‍तु जहां पाप बहुत हुआ, वहां अनुग्रह उस से भी कहीं अधिक हुआ। 
Rom 5:21  कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्‍त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे।

एक साल में बाइबल: 
  • योना १-४ 
  • प्रकाशितवाक्य १०

मंगलवार, 18 दिसंबर 2012

मसीह केन्द्रित


   क्या आपने परमेश्वर के वचन बाइबल को समझने के लिए ’मसीह केन्द्रित’ सिद्धांत के बारे में सुना है? सरल शब्दों में, यह सिद्धांत सिखाता है कि जब हम परमेश्वर, स्वर्गदूत, शैतान, मान्वीय आशाएं, इस सारी सृष्टि की सारी बातों को मसीह यीशु से संबंधित करके देखते हैं तो उन्हें बेहतर समझ सकते हैं क्योंकि मसीह यीशु ही सब बातों का केन्द्र बिन्दु है।

   अभी हाल ही में मैंने पाया कि बाइबल के पुराने नियम कि एक पुस्तक - ज़कर्याह नबी की पुस्तक सबसे अधिक मसीह केन्द्रित है। इस पुस्तक में हमें मसीह की मानवता (६:१२), उसकी नम्रता (९:९), उसका पकड़ा जाना (११:१२), उसकी दिव्यता (१२:८), उसका क्रूस पर चढ़ाया जाना (१२:१०), उसकी वापसी (१४:४), और उसका भावी शासन (१४:८-२१) - सब मिलता है।

   इस पुस्तक का एक खण्ड "...तब वे मुझे ताकेंगे अर्यात्‌ जिसे उन्होंने बेधा है..." विशेष अर्थ रखता है। इस भाग में बेधने का तात्पर्य एतिहासिक रूप में घटित इस्त्राएल द्वारा मसीह यीशु का इनकार, जिसके कारण उसे क्रूस पर चढ़ाया गया, से है। परन्तु यही पद भविष्य की एक ऐसी इस्त्राएली पीढ़ी के बारे में बताती है जो प्रभु यीशु को अपने मसीहा के रूप में स्वीकार कर लेंगे। प्रभु यीशु के दूसरे आगमन के समय, इस्त्राएल के बचे हुए लोगों में से कुछ क्रूस पर चढ़ाए गए प्रभु यीशु को पहचानेंगे और विश्वास में उसकी ओर मुड़ेंगे।

   ज़कर्याह नबी द्वारा लिखित यह पुस्तक हमें मसीह केन्द्रित अन्य सत्यों को - बाइबल के अन्य भागों में और हमारे जीवनों में भी, खोजने को प्रोत्साहित करती है। मसीह केंद्रित जीवन व्यतीत करें, प्रभु यीशु को अपने जीवन का केन्द्र बिन्दु बनाएं, जीवन और जीवन की बातें सरल हो जाएंगी। - डेनिस फिशर


मसीह यीशु वह कुंजी है जो परमेश्वर के वचन बाइबल की समझ को खोल देता है।

और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करने वाली और प्रार्थना सिखाने वाली आत्मा उण्डेलूंगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात जिसे उन्होंने बेधा है, और उसके लिये ऐसे रोएंगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते-पीटते हैं, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिये करते हैं। - ज़कर्याह १२:१०

बाइबल पाठ: ज़कर्याह ६:१२-१५
Zec 6:12  और उस से यह कह, सेनाओं का यहोवा यों कहता है, उस पुरूष को देख जिस का नाम शाख है, वह अपने ही स्थान से उगकर यहोवा के मन्दिर को बनाएगा। 
Zec 6:13  वही यहोवा के मन्दिर को बनाएगा, और महिमा पाएगा, और अपने सिंहासन पर विराजमान होकर प्रभुता करेगा। और उसके सिंहासन के पास एक याजक भी रहेगा, और दोनों के बीच मेल की सम्मति होगी। 
Zec 6:14  और वे मुकुट हेलेम, तोबिय्याह, यदायाह, और सपन्याह के पुत्र हेन को मिलें, और वे यहोवा के मन्दिर में स्मरण के लिये बने रहें।
Zec 6:15  फिर दूर दूर के लोग आ आकर यहोवा के मन्दिर बनाने में सहायता करेंगे, और तुम जानोगे कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है। और यदि तुम मन लगाकर अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं का पालन करो तो यह बात पूरी होगी।

एक साल में बाइबल: 
  • ओबद्याह 
  • प्रकाशितवाक्य ९

सोमवार, 17 दिसंबर 2012

परमेश्वर का प्रेम


   मैं एक सम्मेलन में भाग ले रहा था। सम्मेलन के एक मनन और प्रार्थना के समय में उस सत्र के हमारे अगुवे ने कहा कि हम सब मिलकर ऊँची आवाज़ में १ कुरिन्थियों १३:४-८ से पढ़ेंगे और इस खण्ड में जहाँ ’प्रेम’ आया है, उसके स्थान पर ’यीशु’ बोलेंगे। यह करना और बोलना हमें बहुत ही स्वाभाविक लगा, और हम सब ने बड़ी सहजता से वह खण्ड यीशु के नाम को डालकर पढ़ा: "यीशु धीरजवन्त है और कृपालु है; यीशु डाह नहीं करता; यीशु अपनी बड़ाई नहीं करता और फूलता नहीं। यीशु अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता...यीशु कभी टलता नहीं।"

   इसके बाद उस अगुवे ने कहा, "अब एक बार फिर से यही खण्ड ऊँची आवाज़ में पढ़ेंगे, किंतु इस बार प्रेम के स्थान पर सब यीशु का नहीं वरन अपना अपना नाम बोलेंगे।" हम सब को यह सुनकर घबराहट और संकोच हुआ। हमारा मन परमेश्वर के वचन के समक्ष हमारी वास्तविकता को बता रहा था, हम अपनी असली हालत जानते थे; बड़ी ठहरी और हिचकिचाती हुई दबी सी आवाज़ में मैंने पढ़ना आरंभ किया: "डेविड धीरजवन्त है और कृपालु है; डेविड डाह नहीं करता; डेविड अपनी बड़ाई नहीं करता और फूलता नहीं। डेविड अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता...डेविड कभी टलता नहीं।"

   इस अभ्यास ने मुझे अपने आप से पूछने पर मजबूर किया, "परमेश्वर के प्रेम को अपने में होकर प्रकट होने में मैं किस किस प्रकार से बाधा बन रहा हूँ?" क्या मैं अपने विश्वास की अभिव्यक्ति को किसी अन्य रीति से करने को अधिक महत्वपूर्ण मानता हूँ? प्रेरित पौलुस ने समझाया है कि परमेश्वर के दृष्टिकोण से वाकपटुता, आत्मिक बातों की गहरी समझ, आत्म-बलिदान की बातें इत्यादि सब व्यर्थ हैं यदि वे प्रेम के साथ नहीं हो (१ कुरिन्थियों १३:१-३)।

   परमेश्वर अपने प्रेम से भरे हृदय को हम मसीही विश्वासियों में होकर संसार पर प्रगट करने की लालसा रखता है। हम उसकी यह लालसा के पूरे होने में कितने सहायक हैं और कितनी बाधा - यह हम सब के लिए व्यक्तिगत रीति से जांचने की बात है? - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह के समान जीवन जीने का अर्थ है परमेश्वर के समान प्रेम करना।

प्रेम कभी टलता नहीं... - १ कुरिन्थियों १३:८

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १३
1Co 13:1  यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं। 
1Co 13:2 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्‍तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं। 
1Co 13:3  और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। 
1Co 13:4 प्रेम धीरजवन्‍त है, और कृपाल है; प्रेम डाल नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। 
1Co 13:5  वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। 
1Co 13:6 कुकर्म से आनन्‍दित नहीं होता, परन्‍तु सत्य से आनन्‍दित होता है। 
1Co 13:7  वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। 
1Co 13:8 प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्‍त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा। 
1Co 13:9 क्‍योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी। 
1Co 13:10 परन्‍तु जब सवर्सिद्ध आएगा, तो अधूरा मिट जाएगा। 
1Co 13:11 जब मैं बालक था, तो मैं बालकों की नाईं बोलता था, बालकों का सा मन था बालकों की सी समझ थी; परन्‍तु सियाना हो गया, तो बालकों की बातें छोड़ दीं। 
1Co 13:12 अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; परन्‍तु उस समय आमने साम्हने देखेंगे, इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है, परन्‍तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं। 
1Co 13:13  पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थाई हैं, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस ७-९ 
  • प्रकाशितवाक्य ८

रविवार, 16 दिसंबर 2012

महान आश्चर्यकर्म


   एक प्रसिद्ध ब्रिटिश सुसमाचार प्रचारक लियोनार्ड रैव्नहिल (१९०७-१९९४) ने एक बार कहा था: "परमेश्वर द्वारा किया जाने वाला एक महान अश्चर्यकर्म है कि वह एक पापी मनुष्य को पापी संसार में से लेकर उसे पवित्र बना दे और उसे फिर से पापी संसार में रख दे और फिर उस संसार में रहते हुए भी उस मनुष्य की पवित्रता को बनाए रखे।" परमेश्वर ने यही यशायाह भविष्यद्वक्ता के साथ किया जब परमेश्वर ने उसे अपने लोगों तक अपना सन्देश पहुँचाने के लिए नियुक्त किया।

   यहूदा के सफल राजाओं में से एक, राजा उज़्ज़ियाह की मृत्यु के बाद यशायाह को परमेश्वर का एक दर्शन मिला जिसमें यशायाह ने परमेश्वर को सृष्टि के अधिपति के रूप में अपनी महिमा में एक भव्य सिंहासन पर बैठे देखा। उस दर्शन में यशायाह ने देखा कि साराप (स्वर्गदूत) परमेश्वर की आराधना कर रहे हैं, उसे पवित्र, पराक्रमी और महिमावान कह रहे हैं।

   परमेश्वर की वास्तविकता को देख कर यशायाह को अपनी वास्तविकता का बोध हुआ, कि परमेश्वर के सम्मुख वह कैसा पापी और अपवित्र है, और यशायाह पुकार उठा "...हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं..." (यशायाह ६:५)। अपनी अपवित्रता और पाप के इस बोध ने उसे परमेश्वर के शुद्ध और पवित्र करने वाले अनुग्रह की आवश्यकता और उपलब्धता का एहसास कराया (पद ७); यशायाह शुद्ध और पवित्र किया गया और फिर परमेश्वर के वचन को लोगों तक पहुँचाने के लिए उसने परमेश्वर की पुकार को स्वीकार किया और नियुक्त किया गया। तब परमेश्वर ने यशायाह को एक अपवित्र संसार में अपवित्र लोगों के बीच में भेजा कि वह एक पवित्र जीवन व्यतीत करे और पवित्र परमेश्वर के बारे में लोगों को बताए।

   आज भी अपने विश्वासियों को परमेश्वर अपनी पवित्रता और उनकी वास्तविकता का बोध कराना चाहता है जिससे कि वे उसके अनुग्रह और पवित्रता की, उनके जीवनों में घोर आवश्यकता को पहचान सकें, उससे वह प्राप्त कर सकें और फिर उसके लिए उपयोगी पात्र बनकर उसके सन्देश को संसार में पहुँचाने वाले बन सकें। यह महान आश्चर्यकर्म वह आपके जीवन में भी करना चाहता है, यदि आप उसको समर्पण के लिए तैयार हैं। - मार्विन विलियम्स


पाप के अन्धकार से भरे जीवनों को परमेश्वर के अनुग्रह की ज्योति पवित्रता से रौशन कर देती है।

और उस ने उस से मेरे मुंह को छूकर कहा, देख, इस ने तेरे होंठों को छू लिया है, इसलिये तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए। - यशायाह ६:७

बाइबल पाठ: यशायाह ६:१-८
Isa 6:1  जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया। 
Isa 6:2  उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे। 
Isa 6:3  और वे एक दूसरे से पुकार पुकार कर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है। 
Isa 6:4  और पुकारने वाले के शब्द से डेवढिय़ों की नेवें डोल उठीं, और भवन धूंए से भर गया। 
Isa 6:5  तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है! 
Isa 6:6  तब एक साराप हाथ में अंगारा लिए हुए, जिसे उस ने चिमटे से वेदी पर से उठा लिया था, मेरे पास उड़ कर आया। 
Isa 6:7  और उस ने उस से मेरे मुंह को छूकर कहा, देख, इस ने तेरे होंठों को छू लिया है, इसलिय तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए। 
Isa 6:8  तब मैं ने प्रभु का यह वचन सुना, मैं किस को भेंजूं, और हमारी ओर से कौन जाएगा? तब मैं ने कहा, मैं यहां हूं! मुझे भेज।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस ४-६ 
  • प्रकाशितवाक्य ७