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शनिवार, 24 अक्टूबर 2015

नया जीवन


   क्रिस सिंप्सन का जीवन घृणा से भरा हुआ था। अपने पहले बच्चे की म्रुत्यु से आहत होकर क्रिस चकरा गया, क्रोध और रोष से भर गया। उसने अपने क्रोध का निशाना विभिन्न जातीय समुदायों को बनाया और अपने शरीर पर घृणा से भरे अनेक वाक्य गुदवा लिए। लेकिन जब क्रिस ने अपने बेटे को उसी घृणा की नकल करते देखा तो उसे एहसास हुआ कि उसे अपना रवैया बदलना होगा। उन्हीं दिनों उसने साहस पर बनी मसीही विश्वास से संबंधित एक फिल्म देखी और फिर चर्च जाना आरंभ कर दिया। इसके एक माह पश्चात क्रिस ने प्रभु यीशु का अनुयायी बन कर अपने मसीही विश्वास की गवाही के रूप में बप्तिस्मा लिया। आज क्रिस सिंप्सन एक नया व्यक्ति है, उसने अपने घृणा से भरे जीवन को पीछे छोड़ दिया है और अब वह कष्टदायक तथा महंगी प्रक्रिया में लगा है - अपने बीते जीवन के चिन्हों, उन घृणापूर्ण गोदनों को अपने शरीर से हटाने की प्रक्रिया।

   प्रेरित पौलुस भी इसी प्रकार के जीवन परिवर्तन के गहरे अनुभव से होकर निकला था। पहले वह प्रभु यीशु मसीह से नफरत करता था और प्रभु यीशु के अनुयायियों को सताता था (प्रेरितों 22:4-5; 1 कुरिन्थियों 15:9)। लेकिन प्रभु यीशु मसीह से हुए उसके व्यक्तिगत साक्षत्कार तथा परिणमस्वरूप मसीह यीशु से बने आत्मिक संबंध ने यह सब कुछ बदल दिया। प्रभु यीशु ने जो कार्य क्रूस पर समस्त मानवजाति के लिए किया है उसने पौलुस को अपने जीवन पर पुनःविचार करने के लिए बाध्य किया। प्रभु यीशु के साथ जुड़े इस आत्मिक संबंध ने पौलुस को एक नया मनुष्य बना दिया; अतीत के पाप, मृत्यु और स्वार्थ का पुराना नज़रिया बदल गया, उसके स्थान पर एक नई वाचा, एक नया नज़रिया और जीवन की नई शैली आ गई।

   जब प्रभु यीशु जीवन में आते हैं तो जीवन परिवर्तित हो जाता है; पुरानी बातें बीत जाती हैं (2 कुरिन्थियों 5:17), आशीष और आनन्द से भरा एक नया जीवन आरंभ हो जाता है। - मार्विन विलियम्स


मसीह यीशु में होना नवीनिकरण मात्र नहीं वरन नया र्सृजन है।

मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया। - गलतियों 2:20 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:12-21
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं। 
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। 
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 3-5
  • 1 तिमुथियुस 4


शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2015

जीवन


   जब सन 1997 में मदर टेरेसा का देहान्त हुआ तब लोगों ने समाज के ज़रूरतमन्दों और तिरिस्कृत लोगों के लिए उनके निस्वार्थ प्रेम और दीनता से करी गई सेवकाई के जीवन को अचंभे के साथ स्मरण किया। उन्होंने 50 वर्ष तक मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी नामक संस्था के द्वारा भारत के कोलकता शहर में दरिद्र, बीमार, अनाथ और मर्णासन लोगों की सेवा करी थी।

   मदर टेरेसा के साथ अनेक व्यापक साक्षात्कारों के बाद इंगलैंड के पत्रकार मैल्कॉम मग्गरिज ने उनके विष्य में लिखा, "आज अपनी एक पहचान खोजने के बारे में बहुत चर्चा है, मानो यह कोई ऐसी चीज़ है जिसे खोजा जा सकता है, जैसे कोई लॉटरी जीतने वाले नंबर हो - जो यदि मिल जाए तो उसे खज़ाने के समान संभाल कर सुरक्षित कर लें। लेकिन सच्चाई तो यह है कि पहचान को हम जितना खर्च करते हैं, वह उतनी ही बढ़ती जाती है। यही मदर टेरेसा के साथ भी हुआ है, अपने आप को दूसरों के लिए मिटा देने के द्वारा वे वह बन गईं जो आज हैं; मैंने आज तक उनके जैसा स्मरणयोग्य व्यक्तित्व नहीं देखा।"

   मुझे लगता है कि हम में से बहुतेरे प्रभु यीशु की कही बात मानने से इसलिए कतराते हैं क्योंकि हमें सन्देह रहता है कि यदि मान लिया तो ना जाने क्या हो जाएगा? प्रभु यीशु ने कहा, "यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका 9:23-24)।

   प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को याद दिलाया कि वह उन्हें बहुतायत से जीवन देने आया है (यूहन्ना 10:10)। जब हम प्रभु यीशु को अपने जीवन दे देते हैं तो उसमें मिलने वाली जीवन की भरपूरी को पा लेते हैं। प्रभु यीशु में आज संसार के हर जन के लिए जीवन की भरपूरी सेंत-मेंत उपलब्ध है; समय रहते इसे ले लीजिए। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब हम मसीह यीशु में अपने जीवन खो देते हैं, तो उसी में जीवन की भरपूरी को भी पा लेते हैं।

द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। - यूहन्ना 10:9-10

बाइबल पाठ: लूका 9:18-27
Luke 9:18 जब वह एकान्‍त में प्रार्थना कर रहा था, और चेले उसके साथ थे, तो उसने उन से पूछा, कि लोग मुझे क्या कहते हैं? 
Luke 9:19 उन्होंने उत्तर दिया, युहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, और कोई कोई एलिय्याह, और कोई यह कि पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से कोई जी उठा है। 
Luke 9:20 उसने उन से पूछा, परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो? पतरस ने उत्तर दिया, परमेश्वर का मसीह। 
Luke 9:21 तब उसने उन्हें चिताकर कहा, कि यह किसी से न कहना। 
Luke 9:22 और उसने कहा, मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और पुरिनए और महायाजक और शास्त्री उसे तुच्‍छ समझकर मार डालें, और वह तीसरे दिन जी उठे। 
Luke 9:23 उसने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। 
Luke 9:24 क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा। 
Luke 9:25 यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपना प्राण खो दे, या उस की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? 
Luke 9:26 जो कोई मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा; मनुष्य का पुत्र भी जब अपनी, और अपने पिता की, और पवित्र स्वर्ग दूतों की, महिमा सहित आएगा, तो उस से लजाएगा। 
Luke 9:27 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कोई कोई ऐसे हैं कि जब तक परमेश्वर का राज्य न देख लें, तब तक मृत्यु का स्‍वाद न चखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 1-2
  • 1 तिमुथियुस 3


गुरुवार, 22 अक्टूबर 2015

आन्दोलन


   प्रति वर्ष हमारे समुदाय के लोग "भले बनो" आन्दोलन में भाग लेते हैं जो लोगों को एक दूसरे के प्रति प्रेम और सदभाव के साथ रहने और व्यवहार करने को प्रेरित करता है। इस आन्दोलन के दौरान एक स्कूल प्राध्यापक ने कहा, "हम चाहते हैं कि स्कूल में आने वाले विद्यार्थी अपने अन्य सहपाठियों के साथ बिना भय, बेचैनी और ध्यान भंग हुए रहें और पढ़ें। हम भरपूर प्रयास कर रहे हैं कि विद्यार्थी एक दूसरे को उभारने वाले बनें ना कि एक दूसरे की आलोचना करने और एक दूसरे को गिराने वाले हों।"

   प्रेरित पौलुस ने भी चाहा कि रोम के मसीही विश्वासी प्रेम का एक उत्कृष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करें। वे लोग, चाहे वे अपने मसीही विश्वास में दृढ़ थे या कमज़ोर, एक दूसरे के प्रति आलोचना और अपमान का रवैया अपनाए हुए थे (रोमियों 14:1-12)। उनमें भोजन वस्तुओं को लेकर तकरार था, वे किस दिन को अधिक या कम महत्व देना चाहिए को लेकर विभाजित थे; पौलुस ने उन्हें समझाया, "इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो" (रोमियों 14:19)। पौलुस ने उन्हें स्मरण करवाया कि "हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे। क्योंकि मसीह ने अपने आप को प्रसन्न नहीं किया..." (रोमियों 15:2-3); जैसे मसीह यीशु ने सप्रेम सेवा का उदाहरण हमें दिया है, वैसा ही हमें भी संसार के सामने रखना है (फिलिप्पियों 2:4-5)।

   मसीह यीशु द्वारा दिखाए गए प्रेम के इस आन्दोलन में भाग लीजिए और परमेश्वर की महिमा का कारण बनिये। - ऐनी सेटास


कोमलता के साथ प्रवाहित होने वाला सहज प्रेम ही करुणा है।

हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:4-5

बाइबल पाठ: रोमियों14:1-7 
Romans 14:1 जो विश्वास में निर्बल है, उसे अपनी संगति में ले लो; परन्तु उसी शंकाओं पर विवाद करने के लिये नहीं। 
Romans 14:2 क्योंकि एक को विश्वास है, कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है, वह साग पात ही खाता है। 
Romans 14:3 और खानेवाला न-खाने वाले को तुच्छ न जाने, और न-खानेवाला खाने वाले पर दोष न लगाए; क्योंकि परमेश्वर ने उसे ग्रहण किया है। 
Romans 14:4 तू कौन है जो दूसरे के सेवक पर दोष लगाता है? उसका स्थिर रहना या गिर जाना उसके स्वामी ही से सम्बन्ध रखता है, वरन वह स्थिर ही कर दिया जाएगा; क्योंकि प्रभु उसे स्थिर रख सकता है। 
Romans 14:5 कोई तो एक दिन को दूसरे से बढ़कर जानता है, और कोई सब दिन एक सा जानता है: हर एक अपने ही मन में निश्चय कर ले। 
Romans 14:6 जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है: जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि वह परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और जा नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्वर का धन्यवाद करता है। 
Romans 14:7 क्योंकि हम में से न तो कोई अपने लिये जीता है, और न कोई अपने लिये मरता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66
  • 1 तिमुथियुस 2


बुधवार, 21 अक्टूबर 2015

महिमामय दिन


   सोमवार का दिन था, पिछले ही दिन मेरी मनपसंद टीम अपने फाइनल खेल में हार गई थी और अब उनको चैंपियन देखने का मेरा सपना टूट चुका था। मैं जब कार्य पर जाने के लिए अपनी कार में बैठने लगा तो मौसम ठंडा और धुँध भरा था; सामान्यतः इसका कोई खास प्रभाव नहीं होता परन्तु सब निराशाजनक बातें मिलकर इशारा कर रही थीं कि दिन शायद अच्छा नहीं होगा। कार में बैठकर मैंने रेडियों चलाया और गाने सुनते हुए चलने लगा। तभी एक ऐसा गाना आया जिसने उस दिन के बारे में मेरे परिपेक्ष को बदल दिया। गाना था कास्टिंग क्राउन द्वारा गाया गया Glorious Day (महिमामय दिन)। गाने के आरंभिक बोल थे, "एक दिन वे कलवरी पहाड़ी पर यीशु को ले गए; एक दिन उन्होंने उसे मारने के लिए काठ पर ठोक दिया" - गाने में अभी कुछ आशाजनक नहीं था; "यीशु ने वेदना, तिरिस्कार, ताड़ना सही" - और भी अधिक बुरी खबर। लेकिन इसके बाद उस गीत में प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान और मृत्यु पर विजय का वर्णन आता है, जो ऐसी घटना है जिसने सारे संसार के लिए एक अद्भुत आशा और आशीष का द्वार खोल दिया है।

   संसार के इतिहास के सबसे खराब दिन से, यरुशालेम के निकट की पहाड़ी पर हुए अन्याय और छाए अंधकार में से मानाव जाति के लिए आशा और आशीष का तेज चमका है। जैसा वह गीत आगे वर्णन करता है, "यीशु ने मेरे लिए अपने बदन में कीलें ठुकवा लीं, मेरे पापों को अपने ऊपर ले लिया और सदा के लिए उन्हें हटा दिया" अब एक दिन प्रभु यीशु मुझे लेने के लिए आने वाला है और अपने साथ स्वर्ग में ले जाएगा - वह क्या ही महिमामय दिन होगा!

   हो सकता है कि आप के लिए आज का दिन अच्छा ना रहा हो; हो सकता है कि आप अनेक समस्याओं और परेशानियों का सामना कर रहे हैं जो आपके दिनों को निराशामय बना रहे हों; अपना ध्यान प्रभु यीशु पर लगाएं, उसने जो आपके लिए कलवरी के क्रूस पर किया उस पर विचार करें, ज़रा सोचें कि कैसे वह आपको अपने साथ मृत्यु पर जयवन्त करता है, उस आशा और आशीष पर ध्यान करें जो प्रभु यीशु में होकर अनन्तकाल के लिए आपके लिए उपलब्ध है - यह आपके किसी भी दिन को महिमामय दिन बना सकता है। - डेव ब्रैनन


मसीह यीशु की खाली कब्र हमें आशा और आशीष से भर देती है।

मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:2-3

बाइबल पाठ: मत्ती27:27-31; 28:1-6
Matthew 27:27 तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जा कर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की। 
Matthew 27:28 और उसके कपड़े उतारकर उसे किरिमजी बागा पहिनाया। 
Matthew 27:29 और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा; और उसके दाहिने हाथ में सरकण्‍डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राजा नमस्‍कार। 
Matthew 27:30 और उस पर थूका; और वही सरकण्‍डा ले कर उसके सिर पर मारने लगे। 
Matthew 27:31 जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतारकर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
Matthew 28:1 सब्त के दिन के बाद सप्‍ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। 
Matthew 28:2 और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। 
Matthew 28:3 उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्‍त्र पाले की नाईं उज्ज़्‍वल था। 
Matthew 28:4 उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। 
Matthew 28:5 स्वर्गदूत ने स्‍त्र्यिों से कहा, कि तुम मत डरो: मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो। 
Matthew 28:6 वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 62-64
  • 1 तिमुथियुस 1


मंगलवार, 20 अक्टूबर 2015

प्रेम और अनुग्रह


   पिछली पतझड़ ऋतु की बात है, मेरे शहर से निकलने वाला एक प्रमुख राजमार्ग कई घंटों तक बन्द रहा क्योंकि वहाँ मवेशियों से भरा एक ट्रक पलट गया था और वे जानवर उस में से निकलकर राजमार्ग पर इधर-उधर घूम रहे थे। भटकते हुए मवेशियों के इस समाचार को पढ़कर मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में निर्गमन 32 अध्याय में इस्त्राएलियों के परमेश्वर से भटक जाने के बारे में स्मरण हो आया।

   परमेश्वर के पराक्रम के अद्भुत कार्य देखने और कठोर दासत्व से निकल कर वाचा के देश की ओर पलायन करते समय इस्त्राएलियों के मन शीघ्र ही परमेश्वर से भटक गए। जब इस्त्राएलियों का अगुवा मूसा सिनै पर्वत पर परमेश्वर से व्यवस्था के लेख को लेने गया हुआ था तो अपने अगुवे को लंबे समय तक अपने मध्य ना पाकर उन इस्त्राएलियों के मन परमेश्वर से भटक गए और उन्होंने मूसा के भाई हारून को उकसाया; तब हारून ने उनके लिए एक सोने का बछड़ा बना कर दे दिया और इस्त्राएलियों को उसकी उपासना करने को कहा।

   परमेश्वर के लोगों को भटकाने का ऐसा ही एक और कार्य प्राचीन इस्त्राएल के विभाजित राज्य में राजा यरोबाम ने भी किया था। यरोबाम ने अपने राज्य इ्स्त्राएल में अपने आप को दृढ़ करने के उद्देश्य से अपने राज्य के लोगों को यहूदा में स्थित यरुशालेम के मन्दिर में उपासना के लिए जाने से रोकने की योजना बनाई, और उनके लिए वहीं सोने से बने दो बछड़े स्थापित करवा दिए, उनके पर्व निर्धारित कर दिए और उनके पुरोहित नियुक्त कर दिए, और इस्त्राएल के लोगों से कहा कि वे यरुशालेम जाने की बजाए उन बछड़ों की उपासना करें (1 राजा 12:25-32)।

   इब्रानियों का लेखक इस प्रकार की मूर्तिपूजा को लेकर परमेश्वर के रोष के लिए लिखता है, "इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना" (इब्रानियों 3:10)। लेकिन फिर भी अपने महान और बेबयान प्रेम तथा अनुग्रह के अन्तर्गत परमेश्वर ने उन्हें त्यागा नहीं, जैसा प्रेरित पौलुस लिखता है, "इसलिये मैं कहता हूं, क्या परमेश्वर ने अपनी प्रजा को त्याग दिया? कदापि नहीं; मैं भी तो इस्त्राएली हूं: इब्राहीम के वंश और बिन्यामीन के गोत्र में से हूं। परमेश्वर ने अपनी उस प्रजा को नहीं त्यागा, जिसे उसने पहिले ही से जाना..." (रोमियों11:1-2)।

   परमेश्वर हमारी सृष्टि को जानता है, उसे हमारी कमज़ोरियों का एहसास है (भजन 103:14)। इसीलिए वह हमारे साथ बहुत ही सहनशीलता, धैर्य, करुणा और अनुग्रह के साथ व्यवहार करता है; वह सदा प्रभु यीशु में होकर हमारे पापों को क्षमा करने और हमें अपने साथ ले लेने को तैयार रहता है (प्रेरितों 17:30)। आज भी परमेश्वर के द्वार संसार के हर पश्चातापी जन के लिए खुले हैं; आज भी कोई भी जन साधारण विश्वास से प्रभु यीशु से पापों की क्षमा माँगकर तत्काल परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सकता है। - सिंडी हैस कैस्पर


आप जिस किसी भी चीज़ को परमेश्वर से अधिक चाहते हैं, परमेश्वर से अधिक जिसकी लालसा रखते हैं, वह आपके लिए एक मूर्ति है। - ए. बी. सिंप्सन

क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है। - भजन 103:14

बाइबल पाठ: प्रेरितों17:22-31
Acts 17:22 तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा हो कर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े मानने वाले हो। 
Acts 17:23 क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्‍तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं। 
Acts 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्‍वामी हो कर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता। 
Acts 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्‍वास और सब कुछ देता है। 
Acts 17:26 उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाईं हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्‍धा है। 
Acts 17:27 कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोल कर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं! 
Acts 17:28 क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं। 
Acts 17:29 सो परमेश्वर का वंश हो कर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। 
Acts 17:30 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। 
Acts 17:31 क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 59-61
  • 2 थिस्सलुनीकियों 3


सोमवार, 19 अक्टूबर 2015

आश्वासन


   राजा शाऊल 9 वर्ष तक दाऊद के पीछे ऐसे पड़ा रहा "...जैसा कि कोई पहाड़ों पर तीतर का अहेर करे" (1 शमूएल 26:20) और दाऊद ने अपनी परेशानी में परमेश्वर को पुकारा, "हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?" (भजन 13:1-2)

   लंबे समय तक चलती रहने वाली परेशानी हमें घबरा सकती है; हमें उसका समाधान चाहिए होता है, तुरंत समाधान। लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका समाधान नहीं वरन उन्हें सहना होता है। हम अपने कष्टों में परमेश्वर की दोहाई दे सकते हैं, उसे पुकार सकते हैं। हमारा परमेश्वर पिता चाहता है कि हम अपने संघर्षों में उसे सम्मिलित करें, अपनी परिस्थितियों को उसके साथ बाँटें। जैसा वह हमें समझता और जानता है, वैसा और कोई नहीं।

   जब हम अपनी शिकायतें लेकर उसकी ओर फिरते हैं तब हम अपने बारे में सचेत होते हैं। दाऊद ने अपनी विकट परिस्थिति में जीवन की निश्चयता को पहिचाना - उसके प्रति परमेश्वर का अडिग और सदा बने रहने वाला प्रेम! दाऊद ने अपने आप को स्मरण कराया, "परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा। मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है" (भजन 13:5-6)। चाहे परेशानियाँ बनी रहीं लेकिन दाऊद उन सभी परिस्थित्यों में भजन गा सका, क्योंकि उसे स्मरण रहा कि वह परमेश्वर की प्रीय संतान है; बस यही हम मसीही विश्वासियों को भी स्मरण रखना है।

    ऐ. डबल्यू थोरोल्ड ने लिखा, "आत्मिक जीवन की सबसे ऊँची चोटी खिली हुई धूप में हर्षित आनन्द नहीं है, वरन परमेश्वर के प्रेम में पूर्ण और निःसन्देह भरोसा है।" हमें परमेश्वर की ओर से दृढ़ और अपरिवर्तनीय आश्वासन है कि हमारी सभी परेशानियों और समस्त कष्टों के समयों में भी परमेश्वर का प्रेम हमारे साथ होगा; इसके लिए उसपर संपूर्ण विश्वास किया जा सकता है।


जब सब कुछ असफल भी हो जाए तब भी परमेश्वर का प्रेम स्थिर बना रहता है।

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:8

बाइबल पाठ: भजन 13
Psalms 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? 
Psalms 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? 
Psalms 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी; 
Psalms 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
Psalms 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा। 
Psalms 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 56-58
  • 2 थिस्सलुनीकियों 2


रविवार, 18 अक्टूबर 2015

समाप्त?


   इस संसार की हर चीज़ का आखिरकर अन्त हो ही जाता है, जो कई बार निराशाजनक हो सकता है। ऐसा एहसास तब होता है जब हम कोई बहुत अच्छी पुस्तक पढ़ रहे हों, और नहीं चाहते कि वह कभी समाप्त हो, परन्तु उसका अन्त आता ही है; या फिर कोई बहुत अच्छा चलचित्र देख रहे हों और मन करता रहे कि कुछ और, थोड़ा सा और किंतु फिर भी वह स्माप्त हो ही जाता है। हर चीज़ का, चाहे वह अच्छी हो या बुरी, अन्त अनिवार्य है। हमारे जीवन का भी अन्त अवश्यंभावी है, चाहे वह अनेपक्षित और अनायास ही हो। किसी प्रीय जन की अर्थी के पास खड़े होने पर मन के दुखद खालीपन के एहसास से हम अनभिज्ञ नहीं हैं, बार बार मन में चाह उठती है कि काश ऐसा अभी नहीं हुआ होता, थोड़ा समय और मिल जाता।

   लेकिन हम मसीही विश्वासियों के पास वह आशा है जो संसार में किसी और के पास कदापि नहीं है, प्रभु यीशु में मिलने वाला अनन्त जीवन और प्रभु में सोए हुए अपने प्रीय जनों के साथ पुनः अनन्तकाल तक रहने की आशा! प्रभु यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान ने हम मनुष्यों के लिए इस अभूतपूर्व आशा को जन्म दिया है। प्रभु यीशु में सांसारिक जीवन का अन्त, स्वर्ग में अनन्तकाल के सुखों का आरंभ है। क्योंकि हमारे शरीर अनन्तकाल तक रहने वाली सच्चाई नहीं हैं, इसीलिए प्रेरित पौलुस ने इस संदर्भ में कुरिन्थुस के विश्वासियों को लिखा "देखो, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे" (1 कुरिन्थियों 15:51) और उन्हें आश्वस्त किया कि प्रभु यीशु के जयवंत कार्य के कारण हम निसंकोच कह सकते हैं कि "हे मृत्यु तेरी जय कहां रही?" (1 कुरिन्थियों 15:55)

   इसलिए इस जीवन की समाप्ति को लेकर अपने हृदयों को व्याकुल ना होने दें। शारीरिक विछोह दुखदायी तो होता है लेकिन हमें परमेश्वर के द्वारा प्रभु यीशु में अनन्त विजय का मार्ग उपलब्ध कराया गया है। अब जो मसीह यीशु में हैं उनके लिए "समाप्त" अनन्तकाल के समारोह का आरंभ है। क्या आप इस समारोह में सम्मिलित होंगे? - जो स्टोवैल


मसीह यीशु में सांसारिक अन्त स्वर्गीय आरंभ है।

और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:3 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:50-58
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है। 
1 Corinthians 15:51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:52 और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:53 क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले। 
1 Corinthians 15:54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। 
1 Corinthians 15:55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? 
1 Corinthians 15:56 हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। 
1 Corinthians 15:57 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। 
1 Corinthians 15:58 सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1