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रविवार, 6 मार्च 2016

भय


   अपने बच्चों के साथ खेले गए सबसे आरंभिक खेलों में से एक अकसर होता है माता-पिता द्वारा एक बनावटी भय का प्रयोग। माता-पिता अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लेते हैं और फिर अचानक ही मूँह से "भू" की आवाज़ निकालते हुए चेहरे से हाथ हटाकर बच्चे के सामने अपना चेहरा प्रगट कर देते हैं जिससे बच्चे रोमांचित और आनन्दित होते हैं। ऐसे बनावटी भय से भयभीत होना रोमांचकारी और मज़ेदार होता है, जब तक कि बच्चा वास्तविक भय का सामना नहीं करता; और तब वह भय किसी आनन्द और हंसी का कारण नहीं होता। यह अनुभव भी बच्चों को अकसर तब होता है जब वे एक से दूसरी चीज़ से आकर्षित होकर माता-पिता से दूर चलते चले जाते हैं और फिर अचानक ही उन्हें आभास होता है कि वे अकेले हैं, उन्हें आश्वस्त रखने वाला कोई परिचित जन उनके साथ नहीं है; और तब बच्चों के मूँह से हंसी नहीं वरन चिल्लाकर रोने की आवाज़ निकलती है। उस आवाज़ को सुनते ही माता-पिता उस बच्चे के पास आकर उसे गोद में उठा लेते हैं, पुचकारते हैं आश्वस्त करते हैं, विश्वास दिलाते है कि वे अकेले नहीं हैं।

   जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं हमारे बनावटी भय भी अलग-अलग और भिन्न स्वरूप लेने लगते हैं - डरावने कथानक वाली पुस्तकें और फिल्में, या फिर मनोरंजन पार्कों में ऐसे झूले और कार्य जिनमें भय का समावेश होता है, इत्यादि हमें रोमांचित करने लगते हैं। यह कृत्रिम भय कई दफा इतना रोमांच उत्पन्न करता है कि हम और अधिक रोमांच पाने के लिए और अधिक जोखिम उठाने लग जाते हैं।

   संसार के आकर्षण और रोमांच कई दफा हमें परमेश्वर के मार्गों और परमेश्वर से दूर भी ले जाते हैं, और फिर किसी कठिन या कष्टदायक परिस्थिति में पड़ने पर ही हमें एहसास होता है कि हम उस प्रेम करने और ध्यान रखने वाले परमेश्वर पिता से दूर निकल आए हैं, जैसा कि प्राचीन इस्त्राएलियों ने अनुभव किया (यशायाह 30), और तब हम वास्तव में भयभीत होते हैं। ऐसे में हमें सहायता के लिए परमेश्वर को पुकारने के लिए कोई विशेष शब्दों के प्रयोग की या फिर किसी स्पष्टीकरण की या अपनी बात को सही दिखाने के लिए कोई तर्क देने की आवश्यकता नहीं है; बस सच्चे दिल से निकली एक पुकार ही काफी है, और परमेश्वर हमारी सहायता के लिए तुरंत हाज़िर हो जाता है, हमें संभालता है, आश्वस्त करता है।

   प्रेम करने वाले माता-पिता के समान परमेश्वर सदा तत्पर रहता है कि हमें आश्वस्त रखे कि उसे हमारी परवाह है और वह यही चाहता है कि उसके बच्चे उसके साथ, उसके संरक्षण में बने रहें जिससे उन्हें कभी किसी परिस्थिति का सामना करने में घबराना ना पड़े; किसी भय से परेशान ना होना पड़े। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर भरोसा रखने से भय हम से दूर रहते हैं।

और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा। - भजन 50:15 

बाइबल पाठ: यशायाह 30:1-5; 18-19
Isaiah 30:1 यहोवा की यह वाणी है, हाय उन बलवा करने वाले लड़कों पर जो युक्ति तो करते परन्तु मेरी ओर से नहीं; वाचा तो बान्धते परन्तु मेरे आत्मा के सिखाये नहीं; और इस प्रकार पाप पर पाप बढ़ाते हैं। 
Isaiah 30:2 वे मुझ से बिन पूछे मिस्र को जाते हैं कि फिरौन की रक्षा में रहे और मिस्र की छाया में शरण लें। 
Isaiah 30:3 इसलिये फिरौन का शरणस्थान तुम्हारी लज्जा का, और मिस्र की छाया में शरण लेना तुम्हारी निन्दा का कारण होगा। 
Isaiah 30:4 उसके हाकिम सोअन में आए तो हैं और उसके दूत अब हानेस में पहुंचे हैं। 
Isaiah 30:5 वे सब एक ऐसी जाति के कारण लज्जित होंगे जिस से उनका कुछ लाभ न होगा, जो सहायता और लाभ के बदले लज्जा और नामधराई का कारण होगी।
Isaiah 30:18 तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊंचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं।
Isaiah 30:19 हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 1-2
  • मरकुस 10:1-31


शनिवार, 5 मार्च 2016

सहकर्मी


   मेरे एक मित्र का अपने घर के पिछले आँगन में पत्थरों की नई सीढ़ीयाँ बनाने में सारा दिन लग गया। जब वह काम कर रहा था तो उसकी पाँच वर्षीय बेटी ने आकर कहा कि वह भी इस कार्य में उसकी सहायता करना चाहती है। मेरे मित्र ने अपनी बेटी का दिल रखने के लिए उससे कहा कि वह उसके पास खड़ी होकर उसके लिए गाना गाती रहे जिससे प्रोत्साहित होकर मेरा मित्र काम करता रहेगा, लेकिन उस बच्ची ने ऐसा करने से साफ मना करते हुए कहा कि वह उसकी ’सहायता’ करना चाहती है। इसलिए मेरे मित्र को बड़ी सावधानी बरतते हुए जिससे कि बेटी के हाथ पर कोई चोट ना आए, उसे उन पत्थरों पर हाथ लगाने दिए जिन्हें उठाकर वह सीढ़ी बनाने के लिए रख रहा था।

   उस बच्ची को काम में लिए बिना वह यह कार्य काफी कम समय में कर लेता, परन्तु उसने धैर्य से बच्ची को अपने साथ लगाए रखा। शाम होने पर ना केवल उस मित्र के पास कुछ नई सीढ़ीयाँ थीं वरन एक गर्वान्वित बेटी भी थी जिसने बड़े प्रेम और गौरव के साथ रात्रि के भोजन के समय सब को बताया, "आज मैंने और पिताजी ने मिलकर नई सीढ़ीयाँ बनाईं!"

   संसार के आरंभ से ही परमेश्वर ने अपने कार्य को संभालने और आगे बढ़ाने के लिए हम मनुष्यों को अपना सहकर्मी बनाया है। आदम को भूमि पर काम करने योग्य और पशुओं पर अधिकार देने के बाद परमेश्वर ने अदन की वाटिका लगाई और आदम को उस वाटिका की देखभाल करने की कार्य सौंप दिया (उत्पत्ति 2:15-20)। यही नमूना आगे भी लागू रहा; जब मनुष्यों की दुष्टता पृथ्वी पर बहुत बढ़ गई और परमेश्वर ने जल-प्रलय द्वारा पापी लोगों के नाश की ठान ली तो धर्मियों को बचाने के लिए नाव बनाने का कार्य नूह को सौंपा, जिसके लिए आवश्यक सभी निर्देश परमेश्वर ने नूह को दे दिए। जब पृथ्वी पर परमेश्वर के मन्दिर के बनने का समय आया तो यह मन्दिर स्वर्ग से उतर कर पृथ्वी पर नहीं आ गया, वरन परमेश्वर ने हज़ारों लोगों को इसके योग्य सभी गुणों और योग्यताओं से परिपूर्ण करके इस कार्य को उनसे करवाया (निर्गमन 35-38; 1 राजा 6)। जब प्रभु यीशु ने परमेश्वर के राज्य की पृथ्वी पर आने की घोषणा करी तो उन्होंने अपने चेलों से इस कार्य को पूरा करने के लिए मनुष्यों को खड़ा करने की प्रार्थना करने को कहा: "इसलिये खेत के स्‍वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे" (मत्ती 9:38)।

   जैसे एक पिता अपने बच्चों के साथ करता है, वैसे ही परमेश्वर भी हमें अपने साथ अपना सहकर्मी बना कर इस्तेमाल करता है। - फिलिप यैन्सी


परमेश्वर अपने महान कार्यों को करवाने के लिए दीन और नम्र मनुष्यों को इस्तेमाल करता है।

क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो। - 1 कुरिन्थियों 3:9 

बाइबल पाठ: मत्ती 9:35-10:1
Matthew 9:35 और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। 
Matthew 9:36 जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। 
Matthew 9:37 तब उसने अपने चेलों से कहा, पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। 
Matthew 9:38 इसलिये खेत के स्‍वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।
Matthew 10:1 फिर उसने अपने बारह चेलों को पास बुलाकर, उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया, कि उन्हें निकालें और सब प्रकार की बीमारियों और सब प्रकार की दुर्बलताओं को दूर करें।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 34-36
  • मरकुस 9:30-50


शुक्रवार, 4 मार्च 2016

पक्षपात


   न्यूज़वीक पत्रिका द्वारा सन 2010 में किए गए एक सर्वेक्षण से कुछ चौंका देने वाले आँकड़े सामने आए। इस सर्वेक्षण के अनुसार, लोगों को काम के लिए चुनने और रखने वाले प्रबंधकों में से 57% का मानना था कि देखने में अनाकर्षक व्यक्ति का नौकरी के लिए चुने जाना कठिन था चाहे वह उस कार्य के लिए योग्य शिक्षा रखता हो; 84% प्रबंधकों का मानना था कि उनके अधिकारी अपने से बड़ी उम्र के व्यक्ति को नौकरी के लिए चुनने में आनाकानी करेंगे और 64% का मानना था कि कंपनियों को नौकरी के लिए लोगों के रूप-रंग के अनुसार चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। ये सभी अनुचित और अस्वीकारीय पक्षपात के उदाहरण हैं।

   पक्षपात कोई नई बात नहीं है, और शायद ही कोई स्थान हो जहाँ यह किसी ना किसी रूप में ना मिलता हो। पक्षपात मसीही विश्वासियों की आरंभिक मण्डली में भी दिखाई देने लगा था और प्रभु यीशु के अनुयायी तथा मण्डली के अगुवे याकूब ने इसका सीधे-सीधे सामना किया। एक पास्टर के संवेदनशील हृदय और मण्डली के भविष्य का ध्यान रखते हुए याकूब ने लिखा, "हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो" (याकूब 2:1) और इस पक्षपात का उदाहरण भी दिया: गरीबों की अवहेलना करना और धनी व्यक्तियों का पक्ष लेना (पद 2-4)। याकूब ने समझाया कि ऐसा करना प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के अनुकूल क्यों नहीं है (पद 1); क्योंकि ऐसा करना परमेश्वर के अनुग्रह के साथ विश्वासघात है (पद 5-7), प्रेम के नियम का उल्लंघन है (पद 8) और पाप है (पद 9)। ऐसे पक्षपात करने से बचने का उपाय है प्रभु यीशु के उदाहरण, अपने पड़ौसी से अपने समान प्रेम करो (पद 8), का अनुसरण करना।

   परमेश्वर ने जो प्रेम हमारे प्रति दिखाया है जब हम उसे दूसरों के प्रति दिखाए गए प्रेम और व्यावहार में अपने जीवनों से पूर्णतः प्रगट होने देते हैं, तो हम पक्षपात करने के पाप से बचे रहते हैं। - मार्विन विलियम्स

प्रभु यीशु की ओर ऊपर देखते रहने से हम दूसरों को नीची नज़रों से कभी नहीं देख सकते।

उसने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। - मत्ती 22:37-39

बाइबल पाठ: याकूब 2:1-10
James 2:1 हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो। 
James 2:2 क्योंकि यदि एक पुरूष सोने के छल्ले और सुन्‍दर वस्‍त्र पहिने हुए तुम्हारी सभा में आए और एक कंगाल भी मैले कुचैले कपड़े पहिने हुए आए। 
James 2:3 और तुम उस सुन्‍दर वस्‍त्र वाले का मुंह देख कर कहो कि तू वहां अच्छी जगह बैठ; और उस कंगाल से कहो, कि तू यहां खड़ा रह, या मेरे पांव की पीढ़ी के पास बैठ। 
James 2:4 तो क्या तुम ने आपस में भेद भाव न किया और कुविचार से न्याय करने वाले न ठहरे? 
James 2:5 हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उसने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं 
James 2:6 पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया: क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते? और क्या वे ही तुम्हें कचहिरयों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते? 
James 2:7 क्या वे उस उत्तम नाम की निन्‍दा नहीं करते जिस के तुम कहलाए जाते हो? 
James 2:8 तौभी यदि तुम पवित्र शास्त्र के इस वचन के अनुसार, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो। 
James 2:9 पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है। 
James 2:10 क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 31-33
  • मरकुस 9:1-29


गुरुवार, 3 मार्च 2016

तत्काल और तुरंत


   जब 1972 में पोलोरॉइड एस.एक्स.-70 कैमरा संसार के समक्ष लाया गया तो उससे फोटो खींचने में क्रांति सी आ गई। स्मिथसोनियन पत्रिका में लिखे एक लेख में ओवेन एडवर्डस ने उस कैमरे के वर्णन में उसे भौतिक शास्त्र, प्रकाश विज्ञान तथा इलैकट्रौनिक्स से बना अजूबा बताया। उस कैमरे से जब कोई चित्र लिया जाता तो एक खाली चौकोर कागज़ बाहर निकल कर आता और आँखों के सामने ही उस कागज़ में तस्वीर बनकर तैयार हो जाती। लोग इस तत्काल परिणाम से बहुत आकर्षित हुए।

   विख्यात प्रचारक और परमेश्वर के वचन बाइबल के टीकाकार ओस्वॉल्ड चैम्बर्स ने हमारे तत्काल परिणाम पाने की लालसा और हवस में एक गहरा संबंध देखा: "हवस कहती है ’मुझे यह तुरंत चाहिए’; जिसकी लालसा करी गई है वह कोई शारीरिक भूख हो सकती है या कोई आत्मिक अधिकार। हवस परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा नहीं कर सकती, उसे परमेश्वर अपनी लालसाओं के प्रति बहुत उदासीन लगता है।"

   दाऊद ने भजन 27 में घोर समस्या के समय में जब कुछ भी उपाय सूझ नहीं रहा था, तब भी अपने परमेश्वर की प्रतीक्षा करने के बारे में लिखा। निराश और हताश होने कि बजाए दाउद ने अपने भरोसे को बनाए रखा और कहा, "यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता" (भजन 27:13)।

   हम एक ऐसे संसार में रहते हैं जो तात्काल और तुरंत की उपासना करता है। लेकिन जब हमारी गहरी अभिलाषाओं और लालसाओं के पूरे हो पाने का कोई लक्षण भी दिखाई ना दे रहा हो तब भी भजनकार हम मसीही विश्वासियों से कहता है: "यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह" (भजन 27:14)। - डेविड मैक्कैसलैंड


तत्काल और तुरंत की हवस पर जयवंत होने का उपाय है अपने विचारों और दृष्टिकोण को अनन्त पर केन्द्रित रखना।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन 27:1-14
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? 
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। 
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे। 
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा। 
Psalms 27:9 अपना मुख मुझ से न छिपा। अपने दास को क्रोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे! 
Psalms 27:10 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
Psalms 27:11 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल। 
Psalms 27:12 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता। 
Psalms 27:14 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 28-30
  • मरकुस 8:22-38



बुधवार, 2 मार्च 2016

प्रेम का प्रमाण


   यह निःसन्देह असाधारण था; मैंने एक ही दिन में तीन भिन्न लोगों द्वारा और भिन्न परिस्थितियों में एक ही गीत - ’यीशु मुझसे प्रेम करता है’ सुना। दोपहर में मैं एक वृद्धाश्रम में थी, जहाँ सभा के अन्त में वहाँ रहने वाली एक वृद्ध महिला ने चाहा कि हम सब मिलकर गाएं ’यीशु मुझसे प्रेम करता है’। शाम को मैं एक जवानों की सभा में गई जहाँ उन्होंने यही गीत बड़े जोश के साथ हाथों से ताली बजाते और कदमों से ताल देते हुए गाया। बाद में उस रात मेरे फोन पर एक सन्देश आया जिसके साथ मेरे भाई की ढाई वर्षीय पोती द्वारा गाया गया यही गीत संलग्न था। एक बच्ची, कुछ किशोर और कुछ वृद्ध, उस दिन सभी एक ही गीत गा रहे थे, और मैं उनके इस गीत के गाए जाने को सुन रही थी।

   एक ही दिन में तीन बार इस सामान्य से गीत को सुन कर मैं सोचने लगी कि संभवतः प्रभु परमेश्वर मुझसे कुछ कहना चाह रहा है। लेकिन परमेश्वर केवल मुझ से ही नहीं सारे संसार से यही बात कह रहा है - यीशु आपसे प्रेम करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पढ़ते हैं कि हम पापी मनुष्यों के प्रति अपने महान, समझ से बाहर और बेबयान प्रेम के अन्तर्गत ही प्रभु यीशु ने अपने सिर पर काँटों का ताज रखा जाने दिया, उन आताताईयों को अपना ठठा उड़ाने, मारने-पीटने, सार्वजनिक स्थान पर नंगा करके क्रूस पर चढ़ा लेने दिया। प्रभु के पास उन्हें यह सब करने से रोकने की सामर्थ थी, लेकिन वे खामोश रहे। उन्होंने यह सब केवल इसलिए किया क्योंकि वह हम सब से प्रेम करते हैं, हमें पापों में नाश होते देखना नहीं चाहते, इसीलिए उन्होंने हम सब के सभी पापों को अपने ऊपर लेकर उनका पूरा-पूरा दण्ड चुका दिया। आज प्रभु यीशु हम सब को, सारे संसार के सभी लोगों को, अपनी धार्मिकता सेंत-मेंत देना चाहते हैं, यदि हम अपने पापों को मान लें, प्रभु यीशु से उन पापों के लिए क्षमा माँग लें और अपने जीवन उन्हें सौंप कर उन्हें अपना प्रभु मान लें।

   यह जानने के लिए कि प्रभु परमेश्वर हम से कितना प्रेम करता है, क्रूस पर चढ़ाए गए प्रभु यीशु की ओर देखें और उसके द्वारा स्वेच्छा से दिए गए अपने बलिदान पर विचार करें। उनका हमारे लिए मारा जाना, गाड़ा जाना और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठकर आज हमें अनन्त जीवन का दान देना ही हमारे प्रति उनके प्रेम का प्रमाण है। - ऐनी सेटास


परमेश्वर के प्रेम का सबसे सच्चा माप यही है कि वह हमसे किसी भी माप से परे प्रेम करता है। - क्लैरवॉ के बर्नार्ड

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 19:17-24
John 19:17 तब वे यीशु को ले गए। और वह अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया, जो खोपड़ी का स्थान कहलाता है और इब्रानी में गुलगुता। 
John 19:18 वहां उन्होंने उसे और उसके साथ और दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाया, एक को इधर और एक को उधर, और बीच में यीशु को। 
John 19:19 और पीलातुस ने एक दोष-पत्र लिखकर क्रूस पर लगा दिया और उस में यह लिखा हुआ था, यीशु नासरी यहूदियों का राजा। 
John 19:20 यह दोष-पत्र बहुत यहूदियों ने पढ़ा क्योंकि वह स्थान जहां यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था नगर के पास था और पत्र इब्रानी और लतीनी और यूनानी में लिखा हुआ था। 
John 19:21 तब यहूदियों के महायाजकों ने पीलातुस से कहा, यहूदियों का राजा मत लिख परन्तु यह कि “उसने कहा, मैं यहूदियों का राजा हूं”। 
John 19:22 पीलातुस ने उत्तर दिया, कि मैं ने जो लिख दिया, वह लिख दिया।
John 19:23 जब सिपाही यीशु को क्रूस पर चढ़ा चुके, तो उसके कपड़े ले कर चार भाग किए, हर सिपाही के लिये एक भाग और कुरता भी लिया, परन्तु कुरता बिन सीअन ऊपर से नीचे तक बुना हुआ था: इसलिये उन्होंने आपस में कहा, हम इस को न फाडें, परन्तु इस पर चिट्ठी डालें कि वह किस का होगा। 
John 19:24 यह इसलिये हुआ, कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो कि उन्होंने मेरे कपड़े आपस में बांट लिये और मेरे वस्‍त्र पर चिट्ठी डाली: सो सिपाहियों ने ऐसा ही किया।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 26-27
  • मरकुस 8:1-21



मंगलवार, 1 मार्च 2016

अनन्त


   आज प्रातः एक अद्भुत सूर्योदय हुआ, लेकिन मैं उसका आनन्द नहीं ले पाया क्योंकि मैं अन्य बातों में बहुत व्यस्त था; मैंने उस पर ध्यान देने की बजाए और बातों पर अपना ध्यान लगा लिया। अभी कुछ देर पहले ही मैंने उस सूर्योदय के बारे में सोचा और जाना कि आज प्रातः परमेश्वर की आराधना करने का एक सुअवसर मैंने गवाँ दिया था।

   हमारी व्यस्तता और तनावों से भरी दिनचर्या के कार्यों में, यहाँ-वहाँ परमेश्वर ने अपनी भलाईयों और महिमा की निशानियों को डाल रखा है। सृष्टि की दीवार पर बने ये वे स्थान हैं जहाँ से स्वर्ग के दर्शन मिल सकते हैं, यदि हम थम कर उन पर ध्यान दें और उन में होकर हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम के प्रगटिकरण पर मनन करें।

   ज़रा सोचिए, क्या होता यदि मूसा उस झाड़ी की एक झलक भर देखता परन्तु उसपर ध्यान ही नहीं देता, जो जल तो रही थी किंतु भस्म नहीं हो रही थी (निर्गमन 3:2)? क्या होता यदि वह इस अद्भुत दृश्य को नज़रंदाज़ करके अपने अन्य कार्य करने के लिए आगे बढ़ जाता - उसके पास ध्यान रखने के लिए भेड़ें थीं और उन पर से ध्यान हटाना बहुत हानिकारक हो सकता था! यदि उस समय वह उस दृश्य को नज़रंदाज़ कर देता तो परमेश्वर के साथ जीवन परिवर्तित कर देने वाले साक्षात्कार के अवसर को खो देता (निर्गमन 3:4-12)।

   जीवन में अकसर हमें जल्दबाज़ी में कार्य करने होते हैं, परन्तु सामान्यतः हमें जीवन को जल्दबाज़ी का कम और ध्याने देने वाला अधिक बनाना चाहिए। जीवन वर्तमान में जीने में है, जीवन चैतन्य रहने में है, जीवन परमेश्वर द्वारा हमारे प्रति उसके प्रेम की निशानियों, जैसे कि उस अद्भुत सूर्योदय की सुन्दरता, को पहिचानने में है। ये निशानियाँ चाहे थोड़े ही समय में बीत जाने वाली हो सकती हैं, परन्तु वे हमें यह भरोसा दे जाती हैं कि परमेश्वर की ओर से एक महिमामय और आनन्दमय अनन्त उसके बच्चों की प्रतीक्षा कर रहा है। - डेविड रोपर


हे प्रभु हमारी आँखे खोल दे कि हम आपके प्रेम की निशानियों को देख सकें!

मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं। - भजन 119:18

बाइबल पाठ: निर्गमन 3:1-12
Exodus 3:1 मूसा अपने ससुर यित्रो नाम मिद्यान के याजक की भेड़-बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की परली ओर होरेब नाम परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया। 
Exodus 3:2 और परमेश्वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्टि उठा कर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती। 
Exodus 3:3 तब मूसा ने सोचा, कि मैं उधर फिरके इस बड़े अचम्भे को देखूंगा, कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती। 
Exodus 3:4 जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, कि हे मूसा, हे मूसा। मूसा ने कहा, क्या आज्ञा। 
Exodus 3:5 उसने कहा इधर पास मत आ, और अपने पांवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है। 
Exodus 3:6 फिर उसने कहा, मैं तेरे पिता का परमेश्वर, और इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं। तब मूसा ने जो परमेश्वर की ओर निहारने से डरता था अपना मुंह ढ़ांप लिया। 
Exodus 3:7 फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम कराने वालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ; 
Exodus 3:8 इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकाल कर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं। 
Exodus 3:9 सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाईं पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है, 
Exodus 3:10 इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूं कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए। 
Exodus 3:11 तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मैं कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊं? 
Exodus 3:12 उसने कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; और इस बात का कि तेरा भेजने वाला मैं हूं, तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि जब तू उन लोगों को मिस्र से निकाल चुके तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्वर की उपासना करोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 23-25
  • मरकुस 7:14-37



सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

उड़ान


   परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा धीरज से प्रभु की प्रतीक्षा करने को कही गई बात (यशायाह 40:31) हमें भविष्य के लिए भरोसेमन्द आशा प्रदान करती है। आज हम अपनी परीक्षाओं के स्थान में अपने उस छुटकारे की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिसका आना अवश्यंभावी है, क्योंकि प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को आशावासन दिया है, "धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे" (मत्ती 5:4)।

   क्योंकि हम यह जानते हैं कि हमारा भविष्य स्वर्ग जाने की निश्चित आशा है, महिमामय है, हम यहाँ इस पृथ्वी पर अपने कार्यों और ज़िम्मेदारियों के लिए अपने कदम और दृढ़ता से बढ़ा सकते हैं; चाहे हम थके ही क्यों ना हों, हम अपने पंख पसार कर ऊँचाईयों को छू सकते हैं। हम प्रभु की आज्ञाकारिता के मार्ग पर चलने के लिए थकित नहीं हों; अपनी दिनचर्या निभाते हुए श्रमित नहीं हों। हमारी आशा है कि हम मसीही विश्वासियों के लिए एक बेहतर संसार आने वाला है जब हमारी आत्माएं हमें कार्य के लिए बुलाएंगी और प्रत्युत्तर में हमारे शरीर उनमुक्त होकर दौड़ेंगे, कूदेंगे और उड़ान भरेंगे।

   इस बीच, जब तक यह होने का समय आए, वर्तमान में भी हम अपने लिए इसे सत्य बना सकते हैं; कैसे? अपनी थकान में भी दृढ़, धीरजवन्त और आनन्दित रहने के द्वारा; अपनी कमज़ोरियों और निराशाओं पर ध्यान लगाने की बजाए शान्त और नम्र होकर अपनी नहीं वरन दूसरों के हित की चिंता करने के द्वारा; जो लोग कठिनाईयों में संघर्ष कर रहे हैं उनसे प्रेम के कुछ शब्द कहने के द्वारा। उस दिन के लिए जिस दिन हमारी आत्माएं उड़ान भरेंगी हम आज और अभी से तैयार हो सकते हैं। - डेविड रोपर


जब आप जीवन के संघर्षों से थकने लगें तो प्रभु यीशु में विश्राम लें।

हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28

बाइबल पाठ: यशायाह 40:27-31
Isaiah 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता? 
Isaiah 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है। 
Isaiah 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। 
Isaiah 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; 
Isaiah 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।