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गुरुवार, 27 अप्रैल 2017

पालनहार


   मेरे मित्र ग्रीष्म ऋतु के लिए सब्ज़ियाँ उगाने की योजनाएं बना रहे हैं, उन्हें लागू कर रहे हैं। कुछ ने शीघ्र आरंभ के लिए घरों के अन्दर ही बीज बो कर पौध उगाना आरंभ कर दिया है, जहाँ बीजों के अंकुरित होने के लिए वे सबसे उपयुक्त वातावरण को बना तथा नियंत्रित कर सकते हैं। जब शरद ऋतु के पाले द्वारा अंकुरों को हानि का खतरा टल जाएगा तब वे उन पौधों को बाहर ज़मीन में बनी क्यारियों में लगा देंगे। एक बार पौधे उगने लगें, फिर उनकी देखभाल करने, समय से उन्हें पर्याप्त रीति से सींचने, खाद डालने, जंगली पौधों को निकालने, कीट तथा जानवरों से उनका बचाव करने, आदि का समय आरंभ हो जाता है। भोजन वस्तु को उगाना बड़ी मेहनत का कार्य है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि मूसा के द्वारा परमेश्वर ने इस्त्राएलियों को इस बात का स्मरण दिलाया। जब वे इस्त्राएली मिस्त्र में दासत्व में थे तो उन्हें अपने हाथों से फसल की सींचाई करनी पड़ती थी (व्यवस्थाविवरण 11:10)। परन्तु परमेश्वर जिस स्थान पर बसाने के लिए उन्हें लेकर जा रहा था, वहाँ के लिए उसने उनसे वायदा किया था कि उनके इस परिश्रम को हलका करेगा, उन्हें समयानुसार वर्षा देगा: "मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा" (व्यवस्थाविवरण 11:14)। परमेश्वर ने ऐसा करने के लिए केवल एक ही शर्त रखी थी, "और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो" (व्यवस्थाविवरण 11:13)। प्रभु परमेश्वर अपने लोगों को एक ऐसे स्थान पर ले जा रहा था जहाँ उनकी आज्ञाकारिता और परमेश्वर की आशीष मिलकर अन्य लोगों के लिए जीवन का प्रकाश बन जाएंगे।

   आज भी परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों के द्वारा यही प्रयोजन रखता है; वह चाहता है कि उसके प्रति हमारा प्रेम, उसके वचन के प्रति हमारी आज्ञाकारिता के द्वारा प्रगट हो, जिससे उसकी आशीषों से परिपूर्ण होकर हमारे जीवन औरों को परमेश्वर की ओर आकर्षित करने वाली ज्योति बन जाएं। वह चाहता है कि संसार हमारे जीवनों से देखे कि वो हमारा सृष्टिकर्ता ही नहीं वरन पालनहार भी है, और हम सब के लिए अनन्त आनन्द के जीवन की ज्योति तथा मार्ग भी। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर से प्रेम करने से जीवन सरल नहीं हो जाता; 
परन्तु उसकी सामर्थ्य से सहज अवश्य हो जाता है।

यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। - यूहन्ना 14:23

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 11:8-15
Deuteronomy 11:8 इस कारण जितनी आज्ञाएं मैं आज तुम्हें सुनाता हूं उन सभों को माना करना, इसलिये कि तुम सामर्थी हो कर उस देश में जिसके अधिकारी होने के लिये तुम पार जा रहे हो प्रवेश कर के उसके अधिकारी हो जाओ, 
Deuteronomy 11:9 और उस देश में बहुत दिन रहने पाओ, जिसे तुम्हें और तुम्हारे वंश को देने की शपथ यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी, और उस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं। 
Deuteronomy 11:10 देखो, जिस देश के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो वह मिस्र देश के समान नहीं है, जहां से निकलकर आए हो, जहां तुम बीज बोते थे और हरे साग के खेत की रीति के अनुसार अपने पांव की नलियां बनाकर सींचते थे; 
Deuteronomy 11:11 परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराईयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सिंचता है; 
Deuteronomy 11:12 वह ऐसा देश है जिसकी तेरे परमेश्वर यहोवा को सुधि रहती है; और वर्ष के आदि से ले कर अन्त तक तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि उस पर निरन्तर लगी रहती है।
Deuteronomy 11:13 और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो, 
Deuteronomy 11:14 तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा। 
Deuteronomy 11:15 और मैं तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊंगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा।

एक साल में बाइबल:

  • 1 राजा 1-2
  • लूका 19:28-48


बुधवार, 26 अप्रैल 2017

पुस्तक


   सारे संसार भर में लाखों लोगों ने "Gone With the Wind" फिल्म को देखा है। इस फिल्म का पहला प्रदर्शन अमेरिका में 15 दिसंबर 1939 को हुआ था। इस फिल्म ने 10 एकैडमी पुरुस्कार जीते थे, और यह अब तक की हॉलीवुड की आर्थिक रीति से सबसे सफल फिल्मों में से एक है। यह फिल्म 1936 में प्रकाशित मारग्रेट मिचल के इसी नाम उपन्यास पर बनी है; इस उपन्यास की, उसके प्रकाशन के छः माह में ही 10लाख प्रतियाँ बिक गई थीं, उसे लेखन के लिए पुलिट्ज़र पुरुस्कार भी मिला और इस उपन्यास का 40 से अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। एक महान फिल्म अकसर एक महान और समय के प्रभाव से रहित कहानी पर ही बन सकती है।

   मसीही विश्वास का आधार भी एक सत्य, अटल और शाश्वत पुस्तक है - परमेश्वर का वचन बाइबल, जो 66 भिन्न पुस्तकों, पत्रियों, ऐतिहासिक वर्णनों, कविताओं, भविष्यवाणियों और शिक्षा के सदवचनों का संकलन है। इस संकलन की प्रथम पुस्तक, उत्पत्ति से लेकर उसकी अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य तक, बाइबल में परमेश्वर ने अपनी सृष्टि तथा अपने लोगों के लिए अपनी योजना को प्रगट किया है। इस पुस्तक में भजन संहिता का एक भजन - भजन 119, परमेश्वर के वचन की हमारे जीवनों में सामर्थ्य तथा अवश्यकता का वर्णन है। इस भजन में भजनकार परमेश्वर के वचन से मिलने वाले अनेकों लाभों को लिखता है, जैसे कि, यह वचन हमारे पथ के लिए उजियाला है (पद 105), हमारी आत्मा को तरोताज़ा करता है (पद 107), हमारे कदमों की रक्षा करता है (पद 110)। परमेश्वर की प्रेरर्णा से लिखे गए इस पवित्रशास्त्र से हम बुध्दि, मार्गदर्शन, जीवन और आनन्द पाते हैं (पद 111)।

   हमारा तथा सारे जगत का उध्दारकर्ता प्रभु यीशु हमारा आहवान करता है कि हम अपने जीवन उसके वचन पर बनाएं, और उसे जानने के आनन्द को उन लोगों के साथ बाँटें जो परमेश्वर के साथ सच्चे आनन्द का जीवन बिताने की खोज में हैं। बाइबल अनुपम तथा अद्भुत पुस्तक है, उसका नायक तथा विषय-वस्तु, प्रभु यीशु मसीह, अनुपम तथा अद्भुत उध्दारकर्ता है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


परमेश्वर के शाश्वत सत्य वचन बाइबल पर आज भी भरोसा किया जा सकता है।

इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी। परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया। और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया। - मत्ती 7:24-27

बाइबल पाठ: भजन 119:105-112
Psalms 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। 
Psalms 119:106 मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा। 
Psalms 119:107 मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला। 
Psalms 119:108 हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जान कर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा। 
Psalms 119:109 मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया। 
Psalms 119:110 दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका। 
Psalms 119:111 मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण हैं। 
Psalms 119:112 मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 23-24
  • लूका 19:1-27


मंगलवार, 25 अप्रैल 2017

सेवा


   अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने पर जॉन एफ़. केनेडी ने राष्ट्र को किए अपने प्रथम संबोधन में अमेरिका के नागरिकों के सामने एक चुनौती रखी, "यह मत पूछिए कि आपका राष्ट्र आपके लिए क्या कर सकता है; वरन यह पूछिए कि आप अपने राष्ट्र के लिए क्या कर सकते हैं?" यह नागरिकों के लिए पुनःसमर्पण का उनका आहवान था कि वे दूसरों की सेवा के लिए अपने जीवनों को समर्पित करें। उनके शब्दों ने विशेषकर उन लोगों के पुत्र और पुत्रियों को प्रेरित किया जिन्होंने युध्द में अपने देश की सेवा की थी।

   उनका तात्पर्य स्पष्ट था: जो आपके माता-पिता ने कमाया-बनाया है, बहुधा अपने जीवन की आहुति के द्वारा, उसे अब शांतिप्रीय साधनों द्वारा सुरक्षित रखो। उनके इस आहवान के प्रत्युत्तर में अनेकों स्व्यंसेवकों की सेना उठ खड़ी हुई जिसने दशकों से सारे संसार भर में मानवता की सेवा के लिए कार्य किया है।

   इससे भी कई शताबदी पहले, जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में दर्ज है, प्रेरित पौलुस ने भी मसीही विश्वासियों को एक चुनौति दी, आहवान किया, जो रोमियों 12 में हमें मिलता है। यहाँ पौलुस हमें अपने शरीरों को, उसकी सेवा के लिए जिसने अपने प्राण हमारे लिए बलिदान कर दिए, अर्थात प्रभु यीशु मसीह के लिए जीवते बलिदान कर के अर्पित करने को कहता है। हम मसीही विश्वासियों के लिए यह आत्मिक बलिदान मात्र शब्दों में नहीं होना चाहिए, वरन हमें अपने जीवनों को दूसरों की शारीरिक, भावनात्मक तथा आत्मिक भलाई के लिए निवेश करना है।

   सबसे उत्तम बात यह है कि यह बलिदान जहाँ हम अभी हैं, वहीं किया जा सकता है; जिनके बीच हम अभी हैं, उनके मध्य ही यह सेवा की जा सकती है। - रैंडी किलगोर


यीशु से यही नहीं कहें कि वह आपके लिए कुछ करे; 
उससे यह पूछें कि आप उसके लिए क्या कर सकते हैं?

मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास कर के सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास कर के सौंप दो। - रोमियों 6:19

बाइबल पाठ: रोमियों 12:1-8
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। 
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुध्दि के साथ अपने को समझे। 
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। 
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे। 
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। 
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 21-22
  • लूका 18:24-43


सोमवार, 24 अप्रैल 2017

परीक्षाएं


   जब बयान से बाहर त्रासदी लोगों के जीवनों को ध्वस्त करती है, तो वे उस परिस्थिति की दुविधा से संबंधित प्रश्न पूछते हैं। हाल ही में एक माँ ने, जिसके बेटे की किशोरावस्था में ही मृत्यु हो गई थी, मुझसे प्रश्न किया, "यह मेरी समझ के बाहर है। मैं नहीं जानती कि अब मैं और आगे विश्वास रखने पाऊँगी कि नहीं। मैं प्रयास तो करती हूँ, परन्तु अब परमेश्वर मुझे युक्तिसंगत प्रतीत नहीं होता है। इस सब का अर्थ क्या है?" ऐसे बड़ी चिन्ताओं के लिए कोई सरल उत्तर नहीं हैं। परन्तु हम, जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास किया है, हमारे लिए आशा है - चाहे हम आशीषों में आनन्दित हों अथवा दुःख में पिस रहे हों।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में पतरस ने अपनी प्रथम पत्री में इसे समझाया है। पतरस ने बड़े उत्साही शब्दों में पहले तो नए जन्म द्वारा जीवित आशा के विषय में लिखा (1 पतरस 1:3), जिस से त्रासदी में भी सांत्वना और आनन्द प्राप्त होता है। वह इस आशा के स्थाई होने के बारे में भी लिखता है (पद 4)। फिर वह हमें एक हृदय विदारक सत्य के सामने लाकर खड़ा करता है, कि हमें अनेकों प्रकार की परीक्षाओं के कारण दुःख उठाने पडेंगे। परन्तु पतरस द्वारा इससे आगे कहे गए शब्दों से उन्हें सांत्वना मिलेगी जिन्हें कोई हानि उठानी पड़ी है, क्योंकि पतरस आगे समझाता है कि यह सब इसलिए है ताकि प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने पर हम मसीही विश्वासियों का विश्वास प्रशंसा, महिमा और आदर का कारण ठहरे (पद 7)।

   जब दिखने में असंगत, निरुद्देश्य तथा समझ से बाहर परीक्षाओं को पतरस के इन वचनों के प्रकाश में देखा जाता है, तो उनका तात्पर्य भिन्न हो जाता है। परीक्षाओं और परेशानियों में भी हमारे मसीही विश्वास से मिले उध्दार की सामर्थ्य और मनोहरता, हमारे तथा सारे संसार के महान उध्दारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के कारण चमकती है। और उसकी इस चमक का प्रकाश किसी परेशान व्यक्ति के लिए उस दिन को बिताने के लिए पर्याप्त ज्योति हो सकता है।

   परीक्षाएं हमें तोड़ने के लिए नहीं, हमें निखारने और चमकाने के लिए आती हैं। - डेव ब्रैनन


गहरे अन्धकार में भी उध्दार की ज्योति स्पष्ट चमकती है।

केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। - रोमियों 5:3-5

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:3-9
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ्य से, विश्वास के द्वारा उस उध्दार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उध्दार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 19-20
  • लूका 18:1-23


रविवार, 23 अप्रैल 2017

सदा साथ


   1986 में एम्सटरडैम के एक बहुत विशाल सभाघर में सारे संसार से आए 10,000 से अधिक सुसमाचार प्रचारक और मसीही अगुवे एकत्रित थे, और सारे विश्व में सुप्रसिध्द मसीही प्रचारक बिली ग्राहम के प्रवचन को सुन रहे थे। मैं भी उनमें बैठा था, और उनके अनुभवों को सुन रहा था। फिर, चकित होकर मैंने उन्हें कहते सुना, "मैं आप से कहना चाहता हूँ: जब भी मैं परमेश्वर के सेवकों की सभा के सामने प्रचार करने के लिए खड़ा होता हूँ, मुझें कंपकंपी होती है, मेरे घुटने थरथराने लगते हैं!"

   मैंने विचार किया, "क्या? इतना महान प्रचारक जिसने लाखों को अपने सामर्थी प्रचार से स्तब्ध किया है, वह कैसे कंपकंपा और थर्रा सकता है?" फिर बिली ग्राहम ने इस बात को समझाते हुए आगे कहा, ऐसा मंच पर खड़े होने के या अन्य किसी भय के कारण नहीं है, वरन उस अत्यन्त दीनता और नम्रता के कारण है जिसके अन्तर्गत वह अपने आप को उस चुनौतिपूर्ण कार्य के लिए अयोग्य अनुभव करते हैं जो परमेश्वर ने उन्हें सौंपा है। उन्हें अपनी वाकपटुता पर नहीं परन्तु परमेश्वर की सामर्थ्य पर निर्भर होना पड़ता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि मूसा से जब परमेश्वर ने कहा कि वह जाकर इस्त्राएलियों को मिस्त्र के 400 वर्ष के दासत्व से छुड़ाए, तो मूसा ने बहुत आनाकनी की क्योंकि वह अपने आप को इस कार्य के लिए अनुप्युक्त समझता था। मूसा ने परमेश्वर से निवेदन किया कि यह कार्य करने के लिए वह किसी और को भेज दे, और एक बहाना यह दिया कि वह कभी भी अच्छा वक्ता नहीं रहा है (निर्गमन 4:10, 13)।

   जब परमेश्वर हमें कोई कार्य करने के लिए बुलाता है तो हमें भी ऐसे ही भय का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन परमेश्वर ने जैसे मूसा को तैयार और आश्वस्त करके भेजा, "अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा" (पद 12), वैसे ही वह हमारे लिए भी परिस्थितियों को और हमें तैयार करके भेजता है।

   उस दिन जैसे बिली ग्राहम ने उपस्थित श्रोताओं से कहा, "जब परमेश्वर बुलाता है और अपने कार्य को करने के लिए भेजता है, तो अपने कंपकंपाने और थर्राने से मत घबराएं, क्योंकि ऐसे में वह सदा साथ बना रहेगा।" - लॉरेंस दरमानी


परमेश्वर हमें कहीं भी भेजे, वह स्वयं सदा हमारे साथ बना रहेगा।

यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:18-20

बाइबल पाठ: निर्गमन 4:10-17
Exodus 4:10 मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं। 
Exodus 4:11 यहोवा ने उस से कहा, मनुष्य का मुंह किस ने बनाया है? और मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखने वाला, वा अन्धा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? 
Exodus 4:12 अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा। 
Exodus 4:13 उसने कहा, हे मेरे प्रभु, जिस को तू चाहे उसी के हाथ से भेज। 
Exodus 4:14 तब यहोवा का कोप मूसा पर भड़का और उसने कहा, क्या तेरा भाई लेवीय हारून नहीं है? मुझे तो निश्चय है कि वह बोलने में निपुण है, और वह तेरी भेंट के लिये निकला भी आता है, और तुझे देखकर मन में आनन्दित होगा। 
Exodus 4:15 इसलिये तू उसे ये बातें सिखाना; और मैं उसके मुख के संग और तेरे मुख के संग हो कर जो कुछ तुम्हें करना होगा वह तुम को सिखलाता जाऊंगा। 
Exodus 4:16 और वह तेरी ओर से लोगों से बातें किया करेगा; वह तेरे लिये मुंह और तू उसके लिये परमेश्वर ठहरेगा। 
Exodus 4:17 और तू इस लाठी को हाथ में लिये जा, और इसी से इन चिन्हों को दिखाना।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18
  • लूका 17:20-37


शनिवार, 22 अप्रैल 2017

सुखद अन्त


   मेरे एक मित्र ने बहुत वर्ष पहले उसके साथ घटी एक घटना के बारे में बताया; वह टी.वी. पर फुटबॉल का खेल देख रहा था, और उसकी छोटी बेटी पास ही में खेल रही थी। अपनी पसन्दीदा टीम के खराब खेल से क्रोधित होकर मेरे मित्र ने आवेश में आकर जो पहली चीज़ उसके हाथ में आई, उसे ज़ोर से पटक दिया। परिणामस्वरूप, उसकी बेटी का पसन्दीदा खिलौना और दिल, दोनों ही टूट गए। मेरे मित्र ने तुरंत ही अपनी बेटी को गले लगा लिया और उससे क्षमा माँगी। उसने वैसा ही एक और खिलौना भी लाकर अपनी बेटी को दे दिया, और उसे लगा कि अब बात ठीक हो गई है। परन्तु उसे आभास नहीं था कि उसके आवेशपूर्ण कार्य ने उसकी चार वर्षीय पुत्री को कितना भयभीत कर दिया था, और उस बेटी को आभास नहीं था कि इससे उसे कितनी गहरी चोट पहुँची थी। परन्तु समय के साथ, क्षमा भी आ गई।

   कई वर्ष के बाद, अब जब उसकी बेटी बड़ी हो गई थी, विवाहित थी, और अपने पहले बच्चे को जन्म देने की तैयारी में थी, तो मेरे मित्र ने वैसा ही एक खिलौना अपनी बेटी को फिर से भेजा। बेटी ने उस खिलौने की तसवीर फेसबुक पर पोस्ट की और साथ ही लिखा, "इस उपहार की, मेरे बचपन तक जाने वाली एक लंबी और पुरानी कहानी है। उस समय यह कहानी सुखद नहीं थी, परन्तु अब इस कहानी का अन्त सुखद है। छुटकारा पाना बहुत मनोरम होता है। धन्यवाद नाना जी!"

   परमेश्वर का वचन बाइबल हम मसीही विश्वासियों से आग्रह करती है कि, "नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है" (इफिसियों 4:24)। प्रभु यीशु में लाए विश्वास से हमें मिले नए मनुष्यत्व को पहने रखें और क्रोध करना छोड़ दें। यदि हम किसी अन्य व्यक्ति के क्रोध का शिकार होते हैं, तो भी परमेश्वर चाहता है कि हम, "एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो" (पद 32)।

   संबंधों को पुनःस्थापित करना सरल नहीं होता, परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से ऐसा होना संभव होता है, और तब उस कहानी का सुखद अन्त भी होता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


पश्चाताप और क्षमा वो गोंद हैं जो टूटे संबंधों को जोड़ देते हैं।

इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। - कुलुस्सियों 3:12-13

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:20-32
Ephesians 4:20 पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई। 
Ephesians 4:21 वरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए। 
Ephesians 4:22 कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो। 
Ephesians 4:23 और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ। 
Ephesians 4:24 और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।
Ephesians 4:25 इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Ephesians 4:26 क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। 
Ephesians 4:27 और न शैतान को अवसर दो। 
Ephesians 4:28 चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो। 
Ephesians 4:29 कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो। 
Ephesians 4:30 और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है। 
Ephesians 4:31 सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्‍दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। 
Ephesians 4:32 और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 14-15
  • लूका 17:1-19


शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

संभव


   सन 2008 में, इंगलैण्ड में घरों की कीमतें गिर रही थीं। लेकिन 40 वर्ष के हमारे घर को बेचने की इच्छा को प्रकट करने के दो सप्ताह बाद ही हमें उसे अच्छी कीमत पर खरीदने वाला एक खरीददार मिला और सौदा पक्का हो गया। ऐसा होते ही हमने मुझे विरासत में मिले पुराने घर को गिरा कर उसके स्थान पर नया घर खड़ा करने का काम आरंभ करवा दिया, क्योंकि अब हमें वहीं जाकर उस घर में रहना था। लेकिन घर के बेचने की प्रक्रिया के पूरा होने के कुछ ही दिन पूर्व, उस खरीददार ने हाथ पीछे खींच लिए और सौदे से इन्कार कर दिया। अब हम बड़ी कठिन परिस्थिति में थे - हमारे पास अब दो घर थे, एक की कीमत तेज़ी से गिरती जा रही थी; और दूसरा जीर्ण और रहने के अयोग्य था, हम ना तो उसमें रह सकते थे और ना ही उसे बेच सकते थे। हमारे लिए एक असंभव स्थिति बन गई थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, मूसा के बाद इस्त्राएलियों का नेतृत्व करने का दायित्व प्राप्त करने वाले यहोशू के सामने भी एक असंभव स्थिति थी - कनान में प्रवेश करते ही उनके सामने दृढ़ गढ़ वाला नगर यरीहो था। यहोशु को भी प्रतीत हुआ होगा कि वह असंभव स्थिति का सामना कर रहा है, क्योंकि आगे बढ़ने के लिए उसे यरीहो पर जय पानी थी (यहोशु 5:13-6:27)। ऐसे में उसे तलवार हाथ में लिए एक दिव्य पुरुष ने दर्शन दिया; कुछ धर्मज्ञानियों का मानना है कि वह व्यक्ति स्वयं प्रभु यीशु ही था। यहोशू ने उत्सुकत्ता से उस से पूछा कि आते युध्द में वह इसत्राएलियों की ओर से लड़ेगा या उनके शत्रुओं की ओर से? उसने कहा, "...नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान हो कर अभी आया हूं..." (यहोशू 5:14); और यहोशू ने झुक कर उसे दण्डवत की और परमेश्वर की आज्ञा पूछी।

   यहोशु अभी भी नहीं जानता था कि कैसे वह यरीहो पर जय पाएगा, परन्तु उसने विश्वास के साथ परमेश्वर की बात को सुना और स्वीकार किया, तथा परमेश्वर की आराधना की। इसके बाद यहोशु ने परमेश्वर के निर्देषों के अनुसार कार्य किया, और परमेश्वर की सामर्थ्य से असंभव प्रतीत होने वाला विकट कार्य सरल और संभव हो गया; वे अद्भुत रीति से यरीहो पर जयवंत हो गए। मेरियन स्ट्राउड


परमेश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है। - मरकुस 10:27

बाइबल पाठ: यहोशू 5:13-6:5
Joshua 5:13 जब यहोशू यरीहो के पास था तब उसने अपनी आंखें उठाई, और क्या देखा, कि हाथ में नंगी तलवार लिये हुए एक पुरूष साम्हने खड़ा है; और यहोशू ने उसके पास जा कर पूछा, क्या तू हमारी ओर का है, वा हमारे बैरियों की ओर का? 
Joshua 5:14 उसने उत्तर दिया, कि नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान हो कर अभी आया हूं। तब यहोशू ने पृथ्वी पर मुंह के बल गिरकर दण्डवत किया, और उस से कहा, अपने दास के लिये मेरे प्रभु की क्या आज्ञा है? 
Joshua 5:15 यहोवा की सेना के प्रधान ने यहोशू से कहा, अपनी जूती पांव से उतार डाल, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र है। तब यहोशू ने वैसा ही किया।
Joshua 6:1 और यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे, और कोई बाहर भीतर आने जाने नहीं पाता था। 
Joshua 6:2 फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूं। 
Joshua 6:3 सो तुम में जितने योद्धा हैं नगर को घेर लें, और उस नगर के चारों ओर एक बार घूम आएं। और छ: दिन तक ऐसा ही किया करना। 
Joshua 6:4 और सात याजक सन्दूक के आगे आगे जुबली के सात नरसिंगे लिये हुए चलें; फिर सातवें दिन तुम नगर के चारों ओर सात बार घूमना, और याजक भी नरसिंगे फूंकते चलें। 
Joshua 6:5 और जब वे जुबली के नरसिंगे देर तक फूंकते रहें, तब सब लोग नरसिंगे का शब्द सुनते ही बड़ी ध्वनि से जयजयकार करें; तब नगर की शहरपनाह नेव से गिर जाएगी, और सब लोग अपने अपने साम्हने चढ़ जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16