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मंगलवार, 9 मई 2017

स्मरण


   हमें बहुधा अनेकों ईमेल प्राप्त होत हैं जो हमें आने वाली कार्यक्रमों या किसी के साथ मिलने या बात करने या किसी के लिए प्रार्थना करने का स्मरण करवाते रहते हैं। ये सभी आवश्यक अनुस्मारक हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब पौलुस ने तीतुस को पत्री लिखी तो उसके अन्त में कहा, "लोगों को सुधि दिला...." (तीतुस 3:1)। पौलुस के द्वार प्रयुक्त शब्दों से हम अनुमान लगा सकते हैं कि पौलुस पहले भी इस विषय में उन्हें लिख चुका था। परन्तु यह इतना महत्वपूर्ण विषय था कि उसने उन बातों को फिर से दोहराया और उन्हें उनका स्मरण करवाया।

   उस बात का ध्यान करें जिसे पौलुस नहीं चाहता था कि वे भूलें। पौलुस ने दमनकारी रोमी शासन में जी रहे मसीही विश्वासियों को स्मरण दिलाया कि वे "हाकिमों और अधिकारियों के अधीन रहें" (पद 1)। मसीही विश्वासियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे आज्ञाकारिता के लिए, भलाई करने के लिए, बदनाम नहीं करने के लिए, शान्तिप्रीय होने और दूसरों का ध्यान रखने वाले होने के लिए, शिकायत करने की बजाए नम्रता से रहने वाले होने के लिए जाने जाएं। उनके व्यवहार को मसीह यीशु द्वारा उनके जीवन में लाए गए परिवर्तन को प्रदर्शित करना था (पद 3-5)।

   उस समय वे, और आज हम, ऐसा कैसे कर सकते हैं? प्रत्येक मसीही विश्वासी को परमेश्वर के पवित्र आत्मा से मिलने वाली सामर्थ के द्वारा: "उसने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्‍नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। जिसे उसने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला। यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं" (पद 5-6, 8)। प्रभु यीशु मसीह से मिली पापों की क्षमा और नए जीवन के दान से ही हम संसार पर भला प्रभाव डालने के लिए सुसज्जित हो सकते हैं; और हमें ऐसा करते रहने का स्मरण रखना बहुत आवश्यक है। - डेव ब्रैनन


मसीही विश्वासी का जीवन वह खिड़की है जिसमें से लोग प्रभु यीशु को देख सकते हैं।

इन बातों की आज्ञा कर, और सिखाता रह। कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। - 1 तिमुथियुस 4:11-12

बाइबल पाठ: तीतुस 3:1-8
Titus 3:1 लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के आधीन रहें, और उन की आज्ञा मानें, और हर एक अच्‍छे काम के लिये तैयार रहें। 
Titus 3:2 किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्‍वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें। 
Titus 3:3 क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्‍व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे। 
Titus 3:4 पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की कृपा, और मनुष्यों पर उसकी प्रीति प्रगट हुई। 
Titus 3:5 तो उसने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्‍नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। 
Titus 3:6 जिसे उसने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला। 
Titus 3:7 जिस से हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें। 
Titus 3:8 यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 7-9
  • यूहन्ना 1:1-28


सोमवार, 8 मई 2017

धैर्य एवं प्रतीक्षा


   एक दिन जब मैंने अपने पति को हमारे स्थानीय रेल्वे स्टेशन पर छोड़ने गई, तो मैंने देखा कि ट्रेन का कंडक्टर धैर्य के साथ देर से आने वालों की प्रतीक्षा कर रहा है। स्टेशन में कार खड़ी करने के स्थान से गीले बालों के साथ एक महिला भागती हुई आई और लपक कर ट्रेन के डिब्बे में चढ़ गई। फिर गहरे रंग का सूट पहिने एक पुरुष द्रुत गति से आया और चढ़ गया। कंडक्टर धैर्य के साथ प्रतीक्षा करता रहा और विलंब से पहुँचने वाले कई और लोग भागते हुए आकर अन्तिम पलों में भी ट्रेन पर चढ़ गए।

   जैसे वह कंडक्टर लोगों के ट्रेन पर चढ़ने के लिए धैर्य धरे रहा, आज हमारा प्रभु परमेश्वर भी धैर्य के साथ प्रतीक्षा कर रहा है कि इन अन्तिम दिनों में भी लोग उसे जानें, अपने पापों के लिए पश्चाताप के साथ उसके पास आएं, उससे पापों की क्षमा और उध्दार को सेंत-मेंत प्राप्त करें। क्योंकि वह समय अब बहुत ही निकट है जब प्रभु यीशु का पुनः आगमन होगा, "प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे" (2 पतरस 3:10)। जब ऐसा होगा, या ऐसा होने से पहले यदि मृत्यु हमें हमारे पार्थिव शरीरों से पृथक कर दे, तो फिर पापों से क्षमा तथा उध्दार प्राप्त करने और परमेश्वर के साथ संबंध बनाने का कोई अवसर शेष नहीं रहेगा; फिर तो पापों के लिए न्याय और दण्ड का ही समय होगा।

   प्रभु हमारे साथ धैर्य रखता है "प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले" (2 पतरस 3:9)। यदि आपने अभी तक प्रभु यीशु से पापों की क्षमा प्राप्त करने का निर्णय नहीं लिया है, तो अभी भी आपके लिए अवसर है, प्रभु अभी भी आपकी प्रतीक्षा में है, "कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा" (रोमियों 10:9)। वह धैर्य के साथ आपको पुकार रहा है, वह आपको पापों का दण्ड पाते हुए नहीं वरन उससे अनन्तकाल की अशीषें लेते हुए देखना चाहता है। उसके धैर्य एवं प्रतीक्षा का आप क्या प्रत्युत्तर देंगे? - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु को चुनने और उसके साथ संबंध बना लेने का समय अभी है।

वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। क्योंकि परमेश्वर एक ही है: और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात मसीह यीशु जो मनुष्य है। - 1 तिमुथियुस 2:4-5

बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:1-15
2 Peter 3:1 हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिला कर तुम्हारे शुध्द मन को उभारता हूं। 
2 Peter 3:2 कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी। 
2 Peter 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे। 
2 Peter 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था? 
2 Peter 3:5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है। 
2 Peter 3:6 इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया। 
2 Peter 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2 Peter 3:8 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं। 
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले। 
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे। 
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। 
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्‍न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्‍त हो कर गल जाएंगे। 
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।
2 Peter 3:14 इसलिये, हे प्रियो, जब कि तुम इन बातों की आस देखते हो तो यत्‍न करो कि तुम शान्‍ति से उसके साम्हने निष्‍कलंक और निर्दोष ठहरो। 
2 Peter 3:15 और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 4-6
  • लूका 24:36-53


रविवार, 7 मई 2017

प्रार्थना


   एक पुरानी कहावत है कि "तेल चरमराते पहिए में ही दिया जाता है।" बचपन में मैं स्कूल और घर के बीच की लंबी दूरी साइकल द्वारा तय किया करता था, और पहियों से आने वाली चामराने की ध्वनि मुझे ध्यान दिलाती थी कि तेल दिए जाने की आवश्यकता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, लूका 18. में एक विध्वा का दृष्टांत है जो अपने मुद्दई के विरुध्द न्यायाधीश से अपना न्याय लेने के लिए "चरमराते पहिए" के समान निरन्तर गुहार लगाती रही जब तक कि उसे अपना न्याय मिल नहीं गया। लूका बताता है कि प्रभु यीशु ने यह कहानी अपने शिष्यों से इसलिए कही जिससे वे बिना हार माने निरन्तर प्रार्थना में लगे रहें, चाहे प्रार्थना का उत्तर आने में विलंब ही क्यों ना हो रहा हो (पद 1-5)।

   निश्चय ही परमेश्वर कोई कठोर न्यायधीश नहीं है जिसे जब तक तंग न किया जाए वह प्रत्युत्तर नहीं देता है। वह हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता है, जो हमारी चिन्ता करता है, हमारे पुकारने को सुनता है। नियमित, अनवरत प्रर्थनाएं हमें उसके निकट लाती हैं। हमें लग सकता है कि हम एक चरमराते पहिए के समान हैं, परन्तु प्रभु हमारी प्रार्थनाओं का स्वागत करता है, और जब हम उसे पुकारते हैं तब हमारी सुनता है, हमें प्रोत्साहित करता है कि अपनी प्रत्येक बात और आवश्यकता को लेकर हम प्रार्थना में उसके समक्ष आएं। वह हमारी प्रार्थनाएं सुनकर उनका उत्तर अवश्य देगा, किसी ऐसी रीति से भी जिसकी हमने कभी अपेक्षा भी नहीं की होगी।

   जैसा प्रभु यीशु ने मत्ती 6:5-8 में सिखाया, अनवरत प्रार्थना का अर्थ लंबी और व्यर्थ की "बक-बक" वाली प्रार्थनाएं नहीं है। वरन जैसे-जैसे हम "रात-दिन" (लूका 18:7) अपनी आवश्यकताएं परमेश्वर के पास लाते हैं, हम उसके साथ जो हमारी प्रत्येक बात और आवश्यकता को पहले ही से जानता है, और निकटता में बढ़ते हैं, उसपर भरोसा करना और प्रार्थना के उत्तर के लिए उसके समय की प्रतीक्षा करना सीखते हैं। - लॉरेंस दरमानी


निराश होकर हार ना मानें; जब आप प्रार्थना करते हैं परमेश्वर अवश्य ही सुनता है।

इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है। - याकूब 5:16

बाइबल पाठ: लूका 18:1-8
Luke 18:1 फिर उसने इस के विषय में कि नित्य प्रार्थना करना और हियाव न छोड़ना चाहिए उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा। 
Luke 18:2 कि किसी नगर में एक न्यायी रहता था; जो न परमेश्वर से डरता था और न किसी मनुष्य की परवाह करता था। 
Luke 18:3 और उसी नगर में एक विधवा भी रहती थी: जो उसके पास आ आकर कहा करती थी, कि मेरा न्याय चुकाकर मुझे मुद्दई से बचा। 
Luke 18:4 उसने कितने समय तक तो न माना परन्तु अन्‍त में मन में विचारकर कहा, यद्यपि मैं न परमेश्वर से डरता, और न मनुष्यों की कुछ परवाह करता हूं। 
Luke 18:5 तौभी यह विधवा मुझे सताती रहती है, इसलिये मैं उसका न्याय चुकाऊंगा कहीं ऐसा न हो कि घड़ी घड़ी आकर अन्‍त को मेरा नाक में दम करे। 
Luke 18:6 प्रभु ने कहा, सुनो, कि यह अधर्मी न्यायी क्या कहता है? 
Luke 18:7 सो क्या परमेश्वर अपने चुने हुओं का न्याय न चुकाएगा, जो रात-दिन उस की दुहाई देते रहते; और क्या वह उन के विषय में देर करेगा? 
Luke 18:8 मैं तुम से कहता हूं; वह तुरन्त उन का न्याय चुकाएगा; तौभी मनुष्य का पुत्र जब आएगा, तो क्या वह पृथ्वी पर विश्वास पाएगा?

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 1-3
  • लूका 24:1-35


शनिवार, 6 मई 2017

दुःख


   अपनी पुस्तक The Problem of Pain में सुप्रसिध्द लेखक तथा मसीही विश्वासी, सी. एस. ल्यूईस कहते हैं, "परमेश्वर हमारे आनन्द के समय में फुसफुसाकर, हमारे विवेक से बोलकर, परन्तु हमारे दुःख के समय में ऊँची आवज़ में बात करता है; दुःख बहरे संसार को जगाने के लिए उसके मेगाफोन हैं।" दुःख अकसर हमारे ध्यान को पुनःकेन्द्रित करने में सहायता करता है। वह हमारी सोच को हमारी तात्कालिक परिस्थितियों से हटाता है जिससे हमारे जीवनों में उसके कार्यों के संबंध में हम परमेश्वर की सुन सकें। सामान्य जीवन एक आत्मिक कक्षा बन जाता है।

   परमेश्वर के वचन के पुराने नियम ख्ण्ड में हम देखते हैं कि कैसे भजनकार ने अपने मन को सीखनेवाला बनाए रखा, दुःख भरी परिस्थितियों में भी। उसने उन परिस्थितियों को परमेश्वर द्वारा निर्धारित स्वीकार किया और समर्पित मन से प्रार्थना की, "हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तू ने अपनी सच्चाई के अनुसार मुझे दु:ख दिया है" (भजन 119:75)। भविष्यद्वक्ता यशायाह ने दुःख को निर्मल करने की प्रक्रिया के समान देखा: "देख, मैं ने तुझे निर्मल तो किया, परन्तु, चान्दी की नाईं नहीं; मैं ने दु:ख की भट्ठी में परखकर तुझे चुन लिया है" (यशायाह 48:10)। और अय्युब ने, अपने विलापों के बावजूद, अपने दुःख और समस्याओं द्वारा परमेश्वर की सार्वभौमिकता तथा महानता का पाठ सीखा (अय्युब 40-42)।

   दुःखों से होकर निकलने के अनुभव में हम अकेले नहीं हैं। परमेश्वर ने भी जब मनुष्य रूप धारण किया तो हमारे पापों से छुटकारे तथा उध्दार का मार्ग बना कर देने के लिए, संख्या तथा प्रचण्डता में, वह बहुत दुःखों से होकर निकला और क्रूस की अत्यंत पीड़ादायक मृत्यु को भी सह लिया, और हमारे लिए दुःखों के प्रति रवैया रखने का एक आदर्श उदाहरण बन गया: "और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो" (1 पतरस 2:21)। आज वह हाथों तथा पैरों पर ठोकी गई कीलों के निशान लिए हमारे साथ बना रहता है, हमारे हर दुःख में हमें शान्ति देता है, हमें सिखाता है। - डेनिस फिशर


हम परीक्षाओं के विद्यालय में ही भरोसा रखने के पाठ सीखने पाते हैं।

और विश्वास के कर्ता और सिध्द करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया, कि तुम निराश हो कर हियाव न छोड़ दो। - इब्रानियों 12:2-3

बाइबल पाठ: भजन 119:65-80
Psalms 119:65 हे यहोवा, तू ने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है। 
Psalms 119:66 मुझे भली विवेक-शक्ति और ज्ञान दे, क्योंकि मैं ने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है। 
Psalms 119:67 उस से पहिले कि मैं दु:खित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूं। 
Psalms 119:68 तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियां सिखा। 
Psalms 119:69 अभिमानियों ने तो मेरे विरुद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूंगा। 
Psalms 119:70 उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूं। 
Psalms 119:71 मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं। 
Psalms 119:72 तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रूपयों और मुहरों से भी उत्तम है।
Psalms 119:73 तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूं; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूं। 
Psalms 119:74 तेरे डरवैये मुझे देख कर आनन्दित होंगे, क्योंकि मैं ने तेरे वचन पर आशा लगाई है। 
Psalms 119:75 हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तू ने अपने सच्चाई के अनुसार मुझे दु:ख दिया है। 
Psalms 119:76 मुझे अपनी करूणा से शान्ति दे, क्योंकि तू ने अपने दास को ऐसा ही वचन दिया है। 
Psalms 119:77 तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूंगा; क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं। 
Psalms 119:78 अभिमानियों की आशा टूटे, क्योंकि उन्होंने मुझे झूठ के द्वारा गिरा दिया है; परन्तु मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा। 
Psalms 119:79 जो तेरा भय मानते हैं, वह मेरी ओर फिरें, तब वे तेरी चितौनियों को समझ लेंगे। 
Psalms 119:80 मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिध्द हो, ऐसा न हो कि मुझे लज्जित होना पड़े।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 21-22
  • लूका 23:26-56


शुक्रवार, 5 मई 2017

आनन्दित हृदय


   सिंगापुर के चाँगी हवाई अड्डे पर अपनी यात्रा के लिए वायु यान में चढ़ने की प्रतीक्षा करते हुए मैंने एक युवा परिवार को देखा - माता, पिता और बेटा। प्रतीक्षालय भीड़ से भरा था, और वे लोग कहीं बैठने का स्थान ढूँढ़ रहे थे। अचानक ही उनका वह लगभग छः वर्षीय लड़का ऊँची आवाज़ में गाने लगा, "खुश हो खुदावन्द आया है।" मैं यह देखकर बहुत प्रभावित हुआ कि इस छोटी आयु में भी उसे वह स्तुति-गीत पूरा कण्ठस्त था। लेकिन इस से भी अधिक जिस बात ने मेरा ध्यान उसकी ओर खेंचा वह था उस लड़के के चेहरे के भाव - उसके चेहरे पर खिली हुई मुस्कुराहट उस स्तुति-गीत के शब्दों से मेल खा रही थी, जिसके द्वारा वह प्रतीक्षालय में एकत्रित लोगों को प्रभु यीशु के आगमन के आनन्द का सुसमाचार सुना रहा था।

   प्रभु यीशु के संसार में आने के सुसमाचार का आनन्द केवल क्रिसमस समय या प्रफुल्लित बच्चों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। क्रूस पर चढ़ाए जाकर बलिदान होने से तुरंत पहले जो शिक्षाएं प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को दीं, उनमें से एक थी सदैव हमारे जीवन में मसीह यीशु के बने रहने का असीम आनन्द। प्रभु ने शिष्यों को उनके प्रति अपने प्रगाढ़ प्रेम के बारे में बताया - वैसा ही प्रेम जैसा पिता परमेश्वर ने प्रभु से किया (यूहन्ना 15:9)। उनसे यह बाँटने के पश्चात कि उसके साथ उनका यह अनन्तकाल का संबंध कैसा होगा, प्रभु यीशु ने कहा, "मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए" (यूहन्ना 15:11)।

   कैसी अद्भुत प्रतिज्ञा! प्रभु यीशु में होकर हमारे हृदय सदा आनन्दित रह सकते हैं - वास्तविक एवं चिरस्थाई आनन्द से। - बिल क्राउडर


जीवन की हर परिस्थिति में हम प्रभु यीशु में आनन्दित रह सकते हैं।

फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है। - नहेम्याह 8:10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:1-11
John 15:1 सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है। 
John 15:2 जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले। 
John 15:3 तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो। 
John 15:4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। 
John 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। 
John 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं। 
John 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। 
John 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे। 
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 19-20
  • लूका 23:1-25


गुरुवार, 4 मई 2017

सर्वोत्तम विवाह


   पिछले लगभग 800 वर्षों में यहूदी विवाह समारोह में एक नई परंपरा जुड़ गई है। विवाह की सारी रस्मों के अन्त में दूल्हा वाईन का गिलास अपने पाँव के नीचे रख कर तोड़ देता है। इस की एक व्याख्या यह है कि यह गिलास का टूटना 70 ईसवीं में यरुशलेम में बने परमेश्वर के मन्दिर के विनाश किए जाने का द्योतक है। युवा दंपत्तियों को, जो अपना नया घर बनाने जा रहे हैं, यह स्मरण रखने की शिक्षा दी जाती है कि परमेश्वर का घर टूटा पड़ा है।

   परन्तु, परमेश्वर बेघर नहीं है। उसने अपने निवास के लिए एक नया स्थान बना लिया है - अपने अनुयायियों में, हम मसीही विश्वासियों में। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रयुक्त रूपक अलंकारों में, मसीही विश्वासी मसीह यीशु की दुल्हिन भी हैं और परमेश्वर के निवास का मन्दिर भी। परमेश्वर अपने लोगों को एक साथ जोड़ता जा रहा है जिससे वे एक साथ मिलकर उसका स्थाई निवास-स्थान बन सकें। साथ ही वह अपनी दुल्हिन, अर्थात अपने विश्वासियों की मण्डली को भी तैयार कर रहा है, और एक ऐसे विवाह समारोह की तैयारियाँ कर रहा है जिसमें समय के आरंभ से लेकर उस समय तक के परमेश्वर के परिवार के सभी लोग सम्मिलित होंगे।

   इसमें हमारा भाग सरल परन्तु कभी-कभी कष्टदायक होता है। परमेश्वर इस तैयारी में हमें अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह के स्वरूप में ढाल रहा है, और उसके साथ इस कार्य में सहयोग करके हम उस तैयारी का भाग बन रहे हैं। फिर वह समय आएगा जब सृष्टि के इतिहास का सर्वोत्तम विवाह समारोह संपन्न होगा, हम सभी मसीही विश्वासी एक साथ मिलकर एक देह होकर, उसके द्वारा बेदाग़ और बेझुर्री बनाए जाकर उसकी दुल्हिन के रूप में उसके साथ पवित्र तथा निर्दोष होकर खड़े होंगे (इफिसियों 5:27)।

   यह सर्वोत्तम विवाह अनन्तकाल के लिए सारे दुःख और पीड़ा का अन्त होगा। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


प्रभु यीशु का दोबारा आना निश्चित है।

जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है। जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो। - इफिसियों 2:21-22

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-8
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमेगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंत-मेंत पिलाऊंगा। 
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा। 
Revelation 21:8 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्‍हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्‍धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 16-18
  • लूका 22:47-71


बुधवार, 3 मई 2017

सेवक


   मैं खीज कर चिल्ला उठी, "मैं किसी की नौकरानी नहीं हूँ!" उस प्रातः मेरे परिवार की माँगें कुछ अधिक ही लग रही थीं; मैं अपने पति की नीली टाई ढूँढ़ने के साथ-साथ, रो रहे शिशु को दूध पिला रही थी और अपने 2 वर्षीय बच्चे के खोए हुए खिलौने को पलंग के नीचे से निकालने का प्रयास भी कर रही थी।

   उसी दिन, बाद में जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ रही थी तो मेरे सामने यह पद आया: "क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक की नाईं हूं" (लूका 22:27)।

   प्रभु यीशु को अपने शिष्यों के पाँव धोने की कोई आवश्यकता नहीं थी, परन्तु उन्होंने यह किया (यूहन्ना 13:5); इस काम को करने के लिए सेवक होते थे, परन्तु प्रभु यीशु ने स्वयं शिष्यों की सेवा करना चुना। आज का समाज इस बात पर ज़ोर देता है कि हमारा कोई उच्च-स्तर हो, हम भी कुछ हों। हमें सबसे अच्छा मेहनताना देने वाली नौकरियाँ, कंपनी में सर्वोच्च स्थान, चर्च में वर्चस्व चाहिए। लेकिन हम चाहे जिस भी पद पर हों, अपने तथा समस्त संसार के उध्दारकर्ता के उदाहरण से सेवा करने की शिक्षा ले सकते हैं।

   हम जीवन में विभिन्न भूमिकाएं निभाते हैं - माता-पिता, सन्तान, मित्र, कार्यकर्ता, अगुवे, या विद्यार्थी। प्रश्न यह है: क्या हम इन भिन्न भूमिकाओं को सेवभाव के साथ निभाते हैं? चाहे मेरी दैनिक दिनचर्या थका देने वाली होती है, मैं धन्यवादी हूँ कि मेरा स्वामी-परमेश्वर मेरे साथ रहता है, मेरी सहायता और मार्गदर्शन करता है, क्योंकि मैं उसका अनुसरण करना चाहती हूँ, स्वेच्छा से लोगों की सेवा करना चाहती हूँ।

  परमेश्वर करे कि हम अपने प्रभु यीशु के समान सेवक बनकर उसके लिए एक सजीव उदाहरण बनें; क्योंकि इसका प्रतिफल महान है (लूका 22:30)। - कीला ओकोआ


प्रभु यीशु के समान होने के लिए हम में 
उसके समान सेवक का सा आचरण होना चाहिए।

यीशु ने उन्हें पास बुलाकर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं। परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे। - मत्ती 20:25-28

बाइबल पाठ: लूका 22:24-30
Luke 22:24 उन में यह वाद-विवाद भी हुआ; कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है 
Luke 22:25 उसने उन से कहा, अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं; और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं। 
Luke 22:26 परन्तु तुम ऐसे न होना; वरन जो तुम में बड़ा है, वह छोटे की नाईं और जो प्रधान है, वह सेवक की नाईं बने। 
Luke 22:27 क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक की नाईं हूं। 
Luke 22:28 परन्तु तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे। 
Luke 22:29 और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है, 
Luke 22:30 वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूं, ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पिओ; वरन सिंहासनों पर बैठकर इस्त्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 14-15
  • लूका 22:21-46