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शनिवार, 22 सितंबर 2018

द्वार.



      जब आप सँसार के कुछ महान शहरों में प्रवेश करते हैं तो आपको कुछ प्रसिद्ध द्वार मिलते हैं, जैसे के बर्लिन का ब्रैंडेनबर्ग द्वार, यरूशलेम का जाफ़ा द्वार, लंडन की डाउनिंग स्ट्रीट के द्वार, इत्यादि। वे द्वारा चाहे सुरक्षा या फिर औपचारिकता के लिए बनाए गए हों, वे सभी शहर के कुछ क्षेत्रों के अन्दर या उनसे बाहर होने को दिखाते हैं। कुछ द्वार खुले होते हैं, और कुछ अधिकांश लोगों के लिए बन्द होते हैं।

      प्रभु यीशु मसीह के बलिदान और पुनरुत्थान के द्वारा, अब परमेश्वर की उपस्थिति में सभी के आने का द्वार सदा खुला रहता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 100 का परिचित गीत इस्राएलियों के लिए मंदिर के द्वार से होकर परमेश्वर की उपस्थिति में आने का निमंत्रण है। उन्हें कहा गया कि वे प्रवेश करते समय “जयजयकार” करें और “जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आएँ” (पद 1-2)।

      आनन्द से जयजयकार करना प्राचीन विश्व में महाराजा का अभिवादन करने के लिए प्रथा थी। इसीलिए भजन में लिखा है कि सारी पृथ्वी परमेश्वर के लिए जयजयकार के साथ गाए! उनके इस आनन्द का कारण उन्हें परमेश्वर से मिली पहचान था (पद 3)। उन्हें उसके फाटकों में प्रशंसा और धन्यवाद के साथ प्रवेश करना था पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहने वाली परमेश्वर की भलाई और करुणा और सच्चाई के लिए (पद 4-5)। वे चाहे परमेश्वर से मिली अपनी पहचान को छोड़कर इधर-उधर भटक भी गए, परमेश्वर से दूर भी चले गए, फिर भी परमेश्वर उनके प्रति वफादार बना रहा, और उन्हें फिर से अपने सम्मुख आने का निमत्रण दिया।

      आज सारे सँसार के सभी लोगों के लिए प्रभु यीशु के मारे जाने, गाड़े जाने और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठने के द्वारा पापों की क्षमा और उद्धार पाने तथा परमेश्वर की उपस्थिति में आने का द्वारा खुला है, सारे सँसार के सभी लोगों को परमेश्वर का निमंत्रण है कि वे समय रहते इस अवसर का सदुपयोग कर लें, और आनन्द के साथ परलोक में अपना अनन्तकाल उसकी उपस्थिति में मनाएँ। - मारविन विलियम्स

प्रभु यीशु में होकर परमेश्वर की उपस्थिति में आने का द्वार सबके लिए खुला है।

द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। - यूहन्ना 10:9

बाइबल पाठ: भजन 100
Psalms 100:1 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!
Psalms 100:2 आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!
Psalms 100:3 निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं।
Psalms 100:4 उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!
Psalms 100:5 क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।


एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 10-12
  • गलतियों 1



शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

परीक्षाएं



      आग पेड़ों की सबसे बड़ी दुश्मन हो सकती है; परन्तु वह सहायक भी हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी, और बार-बार लगने वाली आग, जिसे वे “ठंडी आग” कहते हैं, जंगल की भूमि से सूखे पत्तों और टहनियों को साफ़ कर देती है, परन्तु पेड़ों को हानि नहीं पहुंचाती है। उस आग के पीछे छूटी हुई राख बीजों के उगने के लिए बहुत अच्छी होती है। यह आश्चर्यजनक किन्तु सत्य है कि ऐसी छोटी आग पेड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम मसीही विश्वासियों पर आने वाली परीक्षाओं को “आग” के समान दिखाया गया है, और वे भी हमारे आत्मिक स्वास्थ्य और बढ़ोतरी के लिए आवश्यक हैं (1 पतरस 1:7; 4:12)। याकूब ने लिखा, “हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे” (याकूब 1:2-4)।

      परीक्षाओं के समयों में ही परमेश्वर के उद्देश्य अधिकाँशतः पहचाने जाते हैं, क्योंकि तब ही स्थिति हमारी आत्मिक बढ़ोतरी के लिए सबसे अनुकूल होती है। यह बढ़ोतरी न केवल हमें जीवन जीने के लिए तैयार करती है, वरन हमें प्रभु यीशु को सँसार के सामने, जिसे उनकी बहुत आवश्यकता है, अधिक भली-भांति प्रतिबिंबित करने में सक्षम करती है।

      हमारे परमेश्वर पिता के हाथों में, हमारी परीक्षाएं परमेश्वर के उद्देश्यों की पूर्ति, हमारी भलाई और उसके आदर के लिए, करती हैं। ये परीक्षाएं हमें हमारे उद्धारकर्ता प्रभु की समानता में ढलने में सहायता करती हैं।


विश्वास परमेश्वर को अन्धकार और उजियाले, दोनों में देखता है।

क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। - 2 कुरिन्थियों 4:17

बाइबल पाठ: याकूब 1:2-12
James 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
James 1:3 तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।
James 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
James 1:5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी।
James 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।
James 1:7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा।
James 1:8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है।
James 1:9 दीन भाई अपने ऊंचे पद पर घमण्‍ड करे।
James 1:10 और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्योंकि वह घास के फूल के समान जाता रहेगा।
James 1:11 क्योंकि सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती है और घास को सुखा देती है, और उसका फूल झड़ जाता है, और उस की शोभा जाती रहती है; उसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते चलते धूल में मिल जाएगा।
James 1:12 धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।


एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 7-9
  • 2 कुरिन्थियों 13



गुरुवार, 20 सितंबर 2018

चित्र



      फ़्रांसीसी कलाकार जॉरजेस सेयुरत ने 1880 के समय में कला की एक नई विधि को प्रस्तुत किया, जिसे “बिंदु चित्रण” (pointillism) भी कहा जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, सेयुरत ने रंगों की कूची की बजाए, चित्र बनाने के लिए रंगीन बिंदुओं का प्रयोग किया। निकट से देखने पर उसकी कृतियाँ अलग-अलग बिंदुओं के समूह जैसी लगती हैं। परन्तु जब उन्हें थोड़ा सा पीछे हटाकर, कुछ दूरी से देखा जाए तो मानव आँख उन बिंदुओं एक-दूसरे के साथ मिलाकर रंगीन चित्र बना देती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल का दूर से दिखने वाला बड़ा चित्र भी कुछ ऐसा ही है। जब हम बाइबल की बातों को निकट से देखते हैं तो वे हमें सेयुरत के चित्र बनाने के पटल पर बिखरे उन बिंदुओं के समान जटिल और समझने में कठिन दिखाई दे सकती हैं। बाइबल को पढ़ते समय हम अपने आप को प्रभु यीशु के उन शिष्यों, क्लियोपास और उसके मित्र के समान देख सकते हैं जो प्रभु के पुनारुत्थान के पश्चात, संध्या काल को यरूशलेम से इम्माउस को हाल ही में घटित हुई घटनाओं के विषय परस्पर चर्चा करते हुए जा रहे थे। वे उस सप्ताहांत में हुई त्रासदीपूर्ण घटनाओं के “बिंदुओं” को परस्पर मिला और समझ नहीं पा रहे थे। उन्हें अपेक्षा थी प्रभु यीशु ही वह मसीहा हैं जो इस्राएल को छुटकारा देंगे (लूका 24:21), परन्तु अभी हाल ही में उन्होंने प्रभु यीशु को क्रूस पर मारे जाते हुए देखा था।

      तभी अचानक एक व्यक्ति जिसे वे पहचानते नहीं थे, उनके साथ चलने लगा, और उनके वार्तालाप में रुचि दिखाने लगा। उस व्यक्ति ने उन्हें, वचन में पहले से मसीह यीशु के संबंध में, उसके सताए जाने, मारे जाने और मृतकों में से जी उठने के बारे में लिखी भविष्यवाणियों के उन “बिंदुओं” को जोड़ने में सहायता की। बाद में जब वह उनके साथ भोजन करने बैठा तो उस व्यक्ति ने उन्हें उसे पहचानने दिया, कि वह प्रभु यीशु ही है, और फिर जैसे वह आश्चर्यजनक रीति से उनके पास आया था, वैसे ही चला भी गया।

      जब हम पवित्र-शास्त्र और प्रभु यीशु के संबंध में दी गई भविष्यवाणियों के “बिंदुओं” को मिलाकर देखते हैं, तो हमारे सामने एक ऐसे परमेश्वर का चित्र उभर कर आता है जो हमसे इतना अधिक प्रेम करता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। - मार्ट डीहॉन


प्रभु यीशु ने हमारे प्रति अपने प्रेम को दिखाने के लिए अपने आप को बलिदान किया।

इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। - यूहन्ना 15:13

बाइबल पाठ: लूका 24:13-32
Luke 24:13 देखो, उसी दिन उन में से दो जन इम्माऊस नाम एक गांव को जा रहे थे, जो यरूशलेम से कोई सात मील की दूरी पर था।
Luke 24:14 और वे इन सब बातों पर जो हुईं थीं, आपस में बातचीत करते जा रहे थे।
Luke 24:15 और जब वे आपस में बातचीत और पूछताछ कर रहे थे, तो यीशु आप पास आकर उन के साथ हो लिया।
Luke 24:16 परन्तु उन की आंखे ऐसी बन्‍द कर दी गईं थी, कि उसे पहिचान न सके।
Luke 24:17 उसने उन से पूछा; ये क्या बातें हैं, जो तुम चलते चलते आपस में करते हो? वे उदास से खड़े रह गए।
Luke 24:18 यह सुनकर, उनमें से क्‍लियुपास नाम एक व्यक्ति ने कहा; क्या तू यरूशलेम में अकेला परदेशी है; जो नहीं जानता, कि इन दिनों में उस में क्या क्या हुआ है?
Luke 24:19 उसने उन से पूछा; कौन सी बातें? उन्होंने उस से कहा; यीशु नासरी के विषय में जो परमेश्वर और सब लोगों के निकट काम और वचन में सामर्थी भविष्यद्वक्ता था।
Luke 24:20 और महायाजकों और हमारे सरदारों ने उसे पकड़वा दिया, कि उस पर मृत्यु की आज्ञा दी जाए; और उसे क्रूस पर चढ़वाया।
Luke 24:21 परन्तु हमें आशा थी, कि यही इस्त्राएल को छुटकारा देगा, और इन सब बातों के सिवाय इस घटना को हुए तीसरा दिन है।
Luke 24:22 और हम में से कई स्‍त्रियों ने भी हमें आश्चर्य में डाल दिया है, जो भोर को कब्र पर गई थीं।
Luke 24:23 और जब उस की लोथ न पाई, तो यह कहती हुई आईं, कि हम ने स्‍वर्गदूतों का दर्शन पाया, जिन्हों ने कहा कि वह जीवित है।
Luke 24:24 तब हमारे साथियों में से कई एक कब्र पर गए, और जैसा स्‍त्रियों ने कहा था, वैसा ही पाया; परन्तु उसको न देखा।
Luke 24:25 तब उसने उन से कहा; हे निर्बुद्धियों, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्‍दमतियों!
Luke 24:26 क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठा कर अपनी महिमा में प्रवेश करे?
Luke 24:27 तब उसने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ कर के सारे पवित्र शास्‍त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया।
Luke 24:28 इतने में वे उस गांव के पास पहुंचे, जहां वे जा रहे थे, और उसके ढंग से ऐसा जान पड़ा, कि वह आगे बढ़ना चाहता है।
Luke 24:29 परन्तु उन्होंने यह कहकर उसे रोका, कि हमारे साथ रह; क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है। तब वह उन के साथ रहने के लिये भीतर गया।
Luke 24:30 जब वह उन के साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी ले कर धन्यवाद किया, और उसे तोड़कर उन को देने लगा।
Luke 24:31 तब उन की आंखे खुल गईं; और उन्होंने उसे पहचान लिया, और वह उन की आंखों से छिप गया।
Luke 24:32 उन्होंने आपस में कहा; जब वह मार्ग में हम से बातें करता था, और पवित्र शास्त्र का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?


एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 4-6
  • 2 कुरिन्थियों 12



बुधवार, 19 सितंबर 2018

आहार



      मेरे देश सिंगापुर में प्रचलित एक भोजन, अंडा और रोटी परांठा मुझे बहुत पसन्द है। इसलिए मुझे यह पढ़कर विसमय हुआ कि एक 57 किलो वज़न के व्यक्ति को 5 मील प्रति घंटा की रफ्तार से 30 मिनिट तक दौड़ते रहना पड़ेगा, तब ही वह एक अंडा रोटी परांठा से मिलने वाली 240 कैलोरी ऊर्जा को जलाने में पाएगा। जब से मैने जिम में जाकर व्यायाम करना आरंभ किया है, इन संख्याओं का मेरे लिए एक नया महत्व हो गया है। अब मैं अपने आप से पूछती रहती हूँ: क्या यह जो मैं खाने जा रही हूँ, उसमें विद्यमान कैलोरीज अपने अन्दर लेने के लायक है?

      स्वयं द्वारा खाए जाने वाले भोजन के लिए सचेत रहना अच्छा है, परन्तु उससे भी अच्छा है उसका ध्यान रखना जो हम प्रतिदिन मीडिया के द्वारा अपने मन के अंदर आने देते हैं। शोध ने दिखाया है कि हम जो देखते हैं वह हमारे मनों के अन्दर लंबे समय तक रहता है और हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है। वे बातें “चिपकने वाली” होती हैं, उसे ढीठ चर्बी के समान जिसे जलाना हमारे लिए इतना कठिन होता है।

      आज हमारे चारों ओर विविध प्रकार की मीडिया सामग्री उपलब्ध है, इसलिए हमें समझदार उपभोगता बनने की आवश्यकता है। मेरे कहने का यह तात्पर्य नहीं है कि आपको केवल मसीही साहित्य ही पढ़ना चाहिए या केवल मसीही विश्वास से संबंधित फ़िल्में ही देखनी चाहिएँ। परन्तु यह कि इस बात का ध्यान रखें कि हमारी आँखें क्या कुछ देखने पाती हैं। जो भी हम देखना चाह रहे हैं, उसके विषय अपने आप से यह प्रश्न कर लेना चाहिए: क्या यह मेरे समय के उपयोग तथा व्यवहार और जीवन के लिए उपयुक्त है?

      परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पियों 4:8 में पौलुस ने लिखा, “निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो।” यही वह आहार है जो हमारे आत्मिक पोषण तथा उस के उपयुक्त है जो प्रभु यीशु मसीह ने हमारे लिए किया है। - पो फैंग चिया


मस्तिष्क उसी से बनता है जो उसमें जाता है। - विल ड्यूरेन्ट

मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला। - भजन 119:37

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:4-9
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो।
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो।
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।


एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33



मंगलवार, 18 सितंबर 2018

तैयारी



      हम अंत्येष्टि गृह में मेरे ससुर की देह के पास खड़े उन्हें ताबूत में रखा हुआ देख रहे थे; उनके एक पुत्र ने आकर उनके हाथों के नीचे उनकी काम करने वाली हथौड़ी रख दी। वर्षों बाद, जब मेरी सास का देहांत हुआ, उनके बच्चों में से एक ने बुनाई करने वाली सलाईयाँ उनके हाथों के नीचे रख दीं। इन प्रेम भरे कार्यों द्वारा हमें थोड़ी शान्ति मिली, जब हमने स्मरण किया कि उन लोगों ने अपने जीवन में उन उपकरणों को कैसे उपयोग किया था।

      निःसंदेह, हम भली-भांति जानते थे कि अपने अनन्त जीवन में उन्हें इन वस्तुओं का कोई प्रयोजन नहीं है। प्राचीन मिस्त्रियों के समान, हमें कोई भ्रम हीं था कि किसी व्यक्ति के साथ दफनाए गए औज़ार, या धन, या हथियार उनको पृथ्वी के बाद के जीवन के लिए बेहतर तैयार करेंगे। हम अच्छे से जानते थे कि हम में से कोई भी व्यक्ति अपने साथ कोई भी पार्थिव वस्तु लेकर परलोक नहीं जा सकते है (भजन 49:16-17; 1 तिमुथियुस 6:7)।

      परन्तु उस अवश्यंभावी अनन्त जीवन के लिए मेरे सास-ससुर को कुछ तैयारी करनी अनिवार्य थी। उन्होंने अपनी यह तैयारी, अपने देहांत से वर्षों पहले कर ली थी जब उन्होंने अपने पापों से पश्चाताप किया और प्रभु यीशु को अपना जीवन समर्पित कर दिया, उसे अपना प्रभु स्वीकार कर लिया। उस पल, उस दिन से उनका अनन्त भविष्य स्वर्ग में प्रभु के साथ व्यतीत होना निर्धारित हो गया था। इसी प्रकार हम में से प्रत्येक को परलोक के उस अनन्त के लिए अपनी निज तैयारी करनी है।

      हमारी यह तैयारी, हमारी मृत्यु के समय आरंभ नहीं की जा सकती है। हम में से प्रत्येक को अपने अनन्त काल को सुनिश्चित करने के लिए, प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर दिए गए बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान द्वारा उपलब्ध कराई गई पापों की क्षमा और उद्धार के उपहार को अभी, समय रहते, ग्रहण करना है; यही उस अवश्यंभावी समय के लिए हमारी सबसे महत्वपूर्ण तैयारी है।

      साथ ही प्रभु यीशु ने भी अपने विश्वासियों के लिए एक तैयारी कर के रखी है; प्रभु ने अपने शिष्यों को आश्वस्त किया: “और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो” (यूहन्ना 14:3)। उसने हमें अनन्तकाल तक अपने साथ रखने की तैयारी कर के रख ली है। - सिंडी हैस कैस्पर


परमेश्वर हमें समय प्रदान करता है कि हम अपने अनन्त समय की तैयारी कर सकें।

यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। - यूहन्ना 12:26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-6
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं।
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो।
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहां जाता है तो मार्ग कैसे जानें?
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 30-31
  • 2 कुरिन्थियों 11:1-15



सोमवार, 17 सितंबर 2018

संभाल



      मैं स्विमिंग पूल के पास खड़ी थी; मैंने तैराकी प्रशिक्षक को एक प्रशिक्षणार्थी को, जो बहुत देर से पानी में था और थका हुआ सा लग रहा था, एक निर्देश देते हुए सुना। उसने कहा, “लगता है कि तुम थकने लगे हो। जब बिलकुल थक जाओ, और गहरे पानी में हो, तो तैरने की जीवन-रक्षा शैली का अभ्यास करना।”

      जीवन की कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जिनमें हमें अपनी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक सामार्थ्य इतनी व्यय करनी पड़ जाती है कि हम अपने आपको संभाले नहीं रख पाते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने अपने जीवन के एक ऐसे समय के बारे में लिखा जब उसके शत्रु उसपर हावी होने के प्रयास कर रहे थे और वह उनके क्रोध के भावनात्मक दबाव को अनुभव कर पा रहा था। जिस कष्ट से होकर वह निकल रहा था, उसे उससे से बच निकलने की आवश्यकता थी।

      उसने अपनी भावनाओं का विश्लेषण किया, और अपनी कठिनाई के इस समय से उसे बचने का मार्ग दिखाई दिया। उस ने अपने इस अनुभव के आधार पर कहा, “अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा” (भजन 55:22)। उसने पहचाना कि यदि हम अपनी परेशानियां प्रभु पर छोड़ दें, तो उनके निवारण में परमेश्वर हमारी सहायता करता है। हमें अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का नियंत्राण अपने ही हाथों में रखकर, स्वयं ही उसके निवारण का प्रयास नहीं करना चाहिए – इससे थकान ही उत्पन्न होती है। क्योंकि परमेश्वर हमारे जीवन की हर बात पर नियंत्रण रखता है, इसलिए, हमें हर बात उस ही के हाथों में छोड़ देनी चाहिए।

      हर बात, हर कार्य को अपने ही प्रयास द्वारा करने का प्रयास करने के स्थान पर, हम प्रभु परमेश्वर में विश्राम पा सकते हैं; वह हमें इस विश्राम के लिए आमंत्रित भी करता है (मत्ती 11:28)। बस हम अपनी हर बात को उसके सक्षम हाथों में समर्पित कर के, थका देने वाले अपने प्रयासों से थम जाएँ, उसमें पूर्ण भरोसे के साथ विश्राम करें, और इस बात का आनन्द लें कि वह हमें संभाले हुए है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु परमेश्वर सुरक्षित विश्राम-स्थान है।

प्रभु यीशु ने कहा: “हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।” (मत्ती 11:28)

बाइबल पाठ: भजन 55:4-23
Psalms 55:4 मेरा मन भीतर ही भीतर संकट में है, और मृत्यु का भय मुझ में समा गया है।
Psalms 55:5 भय और कंपकपी ने मुझे पकड़ लिया है, और भय के कारण मेरे रोंए रोंए खड़े हो गए हैं।
Psalms 55:6 और मैं ने कहा, भला होता कि मेरे कबूतर के से पंख होते तो मैं उड़ जाता और विश्राम पाता!
Psalms 55:7 देखो, फिर तो मैं उड़ते उड़ते दूर निकल जाता और जंगल में बसेरा लेता,
Psalms 55:8 मैं प्रचण्ड बयार और आन्धी के झोंके से बचकर किसी शरण स्थान में भाग जाता।
Psalms 55:9 हे प्रभु, उन को सत्यानाश कर, और उनकी भाषा में गड़बड़ी डाल दे; क्योंकि मैं ने नगर में उपद्रव और झगड़ा देखा है।
Psalms 55:10 रात दिन वे उसकी शहरपनाह पर चढ़कर चारों ओर घूमते हैं; और उसके भीतर दुष्टता और उत्पात होता है।
Psalms 55:11 उसके भीतर दुष्टता ने बसेरा डाला है; और अन्धेर, अत्याचार और छल उसके चौक से दूर नहीं होते।
Psalms 55:12 जो मेरी नामधराई करता है वह शत्रु नहीं था, नहीं तो मैं उसको सह लेता; जो मेरे विरुद्ध बड़ाई मारता है वह मेरा बैरी नहीं है, नहीं तो मैं उस से छिप जाता।
Psalms 55:13 परन्तु वह तो तू ही था जो मेरी बराबरी का मनुष्य मेरा परममित्र और मेरी जान पहचान का था।
Psalms 55:14 हम दोनों आपस में कैसी मीठी मीठी बातें करते थे; हम भीड़ के साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे।
Psalms 55:15 उन को मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएं; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयां और उत्पात भरा है।
Psalms 55:16 परन्तु मैं तो परमेश्वर को पुकारूंगा; और यहोवा मुझे बचा लेगा।
Psalms 55:17 सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा।
Psalms 55:18 जो लड़ाई मेरे विरुद्ध मची थी उस से उसने मुझे कुशल के साथ बचा लिया है। उन्होंने तो बहुतों को संग ले कर मेरा साम्हना किया था।
Psalms 55:19 ईश्वर जो आदि से विराजमान है यह सुनकर उन को उत्तर देगा। ये वे हैं जिन में कोई परिवर्तन नहीं और उन में परमेश्वर का भय है ही नहीं।
Psalms 55:20 उसने अपने मेल रखने वालों पर भी हाथ छोड़ा है, उसने अपनी वाचा को तोड़ दिया है।
Psalms 55:21 उसके मुंह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थी परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं।
Psalms 55:22 अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।
Psalms 55:23 परन्तु हे परमेश्वर, तू उन लोगों को विनाश के गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूंगा।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10



रविवार, 16 सितंबर 2018

सुगंध



      न्यू यॉर्क में इत्रों तथा सुगन्धित द्रव्यों का कार्य करने वाली एक महिला का दावा है कि वह कुछ सुगंधों के मिश्रण को पहचान सकती है और उस मिश्रण को बनाने वाले के नाम को बता सकती है। एक बार सूंघ कर वह  बता सकती है, “इसे जेनी ने बनाया है।”

      कोरिन्थ में मसीही विश्वासियों को लिखते समय  पौलुस ने एक ऐसे उदाहरण का प्रयोग किया जो उन्हें किसी जीते हुए नगर में विजयी रोमी सेना के प्रवेश के याद दिलाता (2 कुरिन्थियों 2:14)। नगर के मार्ग पर सुगन्धित द्रव्य जलाए जाते, और सबसे पहले रोमी सेना का सेनापति प्रवेश करता, उसके पीछे-पीछे उसकी सेना आती, और सबसे अन्त में पराजित सेना के कैदी लाए जाते। रोमी सैनिकों के लिए उस सुगंध का अर्थ था विजय का उत्सव, जबकि पराजित कैदियों के लिए उसी सुगंध का अर्थ था मृत्यु।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस ने कहा कि परमेश्वर के लिए हम वह सुगंध हैं जो पाप पर मसीह की विजय की सूचक है। परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को स्वयं मसीह यीशु ही की सुगंध प्रदान की है, जिससे हम उसके बलिदान की सुगंध बन सकें। किन्तु हम कैसे इस सुखद सुगंध को औरों के जीवनों में ला सकते हैं? हम उन्हें मसीह यीशु के समान उदारता और प्रेम प्रदर्शित कर सकते हैं, उनके साथ प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार बाँट सकते हैं। हम परमेश्वर पवित्र-आत्मा को अपने अन्दर आत्मा के फलों, प्रेम, आनन्द, दयालुता आदि को प्रगट करने दे सकते हैं (गलतियों 5:22-23)।

      जब लोग हमें देखते हैं तो क्या वे कह सकते हैं, “यह यीशु का कार्य है”? क्या हम प्रभु को अनुमति और अवसर दे रहे हैं कि वह हम में होकर अपनी सुगंध सँसार के लोगों के मध्य फैला सके? क्या हम उसके उद्धार के सुसमाचार को बाँट रहे हैं? प्रभु यीशु सर्वोत्तम सुगंध है; ऐसी सुगंध जिसकी सब को आवश्यकता है। - केला ओकोआ


प्रभु यीशु में धार्मिकता का जीवन, 
औरों को भी प्रभु की ओर आकर्षित करता है।

क्योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है। - 1 कुरिन्थियों 1:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 2:12-17
2 Corinthians 2:12 और जब मैं मसीह का सुसमाचार, सुनाने को त्रोआस में आया, और प्रभु ने मेरे लिये एक द्वार खोल दिया।
2 Corinthians 2:13 तो मेरे मन में चैन न मिला, इसलिये कि मैं ने अपने भाई तितुस को नहीं पाया; सो उन से विदा हो कर मैं मकिदुनिया को चला गया।
2 Corinthians 2:14 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्‍सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्‍ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।
2 Corinthians 2:15 क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्‍ध हैं।
2 Corinthians 2:16 कितनो के लिये तो मरने के निमित्त मृन्यु की गन्‍ध, और कितनो के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्‍ध, और इन बातों के योग्य कौन है?
2 Corinthians 2:17 क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 25-26
  • 2 कुरिन्थियों 9