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रविवार, 10 मई 2020

दृष्टि



     एमी कार्माईकल (1867-1951) भारत में अनाथ लड़कियों को देवदासी बनाए जाने से बचाने और उन्हें नया जीवन देने के लिए सुविख्यात हैं। इस कठिन और थका देने वाले कार्य के मध्य में उनके पास कुछ समय ऐसे होते थे जिन्हें उन्होंने अपनी पुस्तक, ‘गोल्ड बाय मून्लाईट’ में “दर्शन के पल” कहा है। उन्होंने लिखा, “किसी व्यस्त दिन के मध्य में, हमें दूर स्थित एक देश की एक झलक दी जाती है और हम उस झलक भर को देख कर मार्ग में ही स्तब्ध खड़े रह जाते हैं।”

     परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने एक ऐसे समय के विषय लिखा जब परमेश्वर के बलवाई लोग वापस उस की ओर मुड़ेंगे, “तू अपनी आंखों से राजा को उसकी शोभा सहित देखेगा; और लम्बे चौड़े देश पर दृष्टि करेगा” (यशायाह 33:17)। इस दूर स्थित देश को देखना, अपनी वर्तमान परिस्थितियों से ऊपर उठ कर अनन्त का दृष्टिकोण प्राप्त करना है। हमारी कठिनाईयों के समयों में परमेश्वर हमें हमारे जीवनों को उस के दृष्टिकोण से देखने और आशा रखने के लिए सक्षम करता है, “क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है; वही हमारा उद्धार करेगा” (पद 22)।

     हर दिन, हम चुन सकते हैं कि निराश हो कर नीचे देखेंगे, या अपनी आँखें उस दूर स्थित देश की ओर, उस प्रभु परमेश्वर की ओर जो हमारा “महाप्रतापी यहोवा” (पद 21) है लगाएंगे।

     एमी कार्माईकल ने भारत में पचासे से भी अधिक वर्ष व्यतीत किए, उन युवतियों और जवान स्त्रियों की सहायता करने के लिए जिन्हें इसकी बहुत आवश्यकता थी। वह यह कैसे कर सकीं? उनका मन्त्र था, प्रति दिन अपनी दृष्टि प्रभु यीशु पर लगाए रखें और अपना जीवन उनकी देखभाल के सुपुर्द कर दें। यही हम भी कर सकते हैं – सदा, हर बात के लिए ,अपनी दृष्टि प्रभु यीशु पर लगाए रखो। - डेविड सी. मैक्कैसलैंड

अपनी दृष्टि और ध्यान प्रभु यीशु पर केन्द्रित रखो।

उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है। देख, पृथ्वी पर तो अन्धियारा और राज्य राज्य के लोगों पर घोर अन्धकार छाया हुआ है; परन्तु तेरे ऊपर यहोवा उदय होगा, और उसका तेज तुझ पर प्रगट होगा। - यशायाह 60:1-2

बाइबल पाठ: यशायाह 33:17-22
यशायाह 33:17 तू अपनी आंखों से राजा को उसकी शोभा सहित देखेगा; और लम्बे चौड़े देश पर दृष्टि करेगा।
यशायाह 33:18 तू भय के दिनों को स्मरण करेगा: लेखा लेने वाला और कर तौल कर लेने वाला कहां रहा? गुम्मटों का गिनने वाला कहां रहा?
यशायाह 33:19 जिनकी कठिन भाषा तू नहीं समझता, और जिनकी लड़खड़ाती जीभ की बात तू नहीं बूझ सकता उन निर्दय लोगों को तू फिर न देखेगा।
यशायाह 33:20 हमारे पर्व के नगर सिय्योन पर दृष्टि कर! तू अपनी आंखों से यरूशेलम को देखेगा, वह विश्राम का स्थान, और ऐसा तम्बू है जो कभी गिराया नहीं जाएगा, जिसका कोई खूंटा कभी उखाड़ा न जाएगा, और न कोई रस्सी कभी टूटेगी।
यशायाह 33:21 वहां महाप्रतापी यहोवा हमारे लिये रहेगा, वह बहुत बड़ी बड़ी नदियों और नहरों का स्थान होगा, जिस में डाँडवाली नाव न चलेगी और न शोभायमान जहाज उस में हो कर जाएगा।
यशायाह 33:22 क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है; वही हमारा उद्धार करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 10-12
  • यूहन्ना 1:29-51



शनिवार, 9 मई 2020

शब्द



     वह किसी भी अन्य नदी को पार कर लेने के समान साधारण बात नहीं थी। कानून के अनुसार, कोई भी रोमी सेनापति अपने अस्त्रों से लैस सैनिकों को लेकर रोम में प्रवेश नहीं कर सकता था। इसलिए जब सन 49 ईसा पूर्व में जूलियस सीज़र ने सेना की तेरहवीं टुकड़ी के साथ इटली की रुबिकौन नदी को पार कर के रोम में प्रवेश किया, तो यह राजद्रोह था। सीज़र के इस निर्णय के परिणाम बदले नहीं जा सकते थे, और रोम वर्षों के गृह-युद्ध में चला गया, जब तक कि अंततः रोम का वह सबसे महान सेनापति वहां का पूर्ण शासक नहीं बन गया। “रुबिकौन को पार करना” एक मुहावरा बन गया जिसे आज भी किसी ऐसी सीमा को पार करने के लिए प्रयोग किया जाता है जहां से वापस लौट पाना संभव न हो।

     कभी-कभी हम अपने शब्दों, अपनी वाणी में संबंधों के किसी रुबिकौन को पर कर जाते हैं। एक बार कहे गए शब्द फिर वापस नहीं किए जा सकते हैं। उन से या तो किसी को सहायता और शान्ति मिलती है, या फिर उन से होने वाली हानि सीज़र के द्वारा रोम में प्रवेश करने के समान फिर पलटी नहीं जा सकती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने हमारे शब्दों को बारे में एक और शब्द-चित्र दिया; उसने लिखा, “जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है” (याकूब 3:6)।

     जब हमें लगता है कि हमने किसी के साथ अपने वार्तालाप में कोई रुबिकौन पार कर लिया है, तो हमें उन से और परमेश्वर से उस के लिए क्षमा माँग लेनी चाहिए (मत्ती 5:23-24; 1 यूहन्ना 1:9)। लेकिन इस से भी अधिक अच्छा है परमेश्वर के आत्मा में प्रतिदिन विश्राम करना, और पौलुस की सलाह, “तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए” (कुलुस्सियों 4:6) का पालन करना। इस से न केवल हमारे शब्द हमारे प्रभु परमेश्वर को आदर प्रदान करेंगे, वरन साथ ही में हमारे आस-पास और साथ के लोगों को भी उभारेंगे, उन्हें प्रोत्साहित करेंगे। - बिल क्राउडर

जब भी हमारे शब्द हथियार बनाते हैं, तो हानि हमारे संबंधों की ही होती है।

कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है, परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है। - नीतिवचन 15:1

बाइबल पाठ: याकूब 3:1-12
याकूब 3:1 हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्योंकि जानते हो, कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे।
याकूब 3:2 इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है।
याकूब 3:3 जब हम अपने वश में करने के लिये घोड़ों के मुंह में लगाम लगाते हैं, तो हम उन की सारी देह को भी फेर सकते हैं।
याकूब 3:4 देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचण्‍ड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्छा के अनुसार घुमाए जाते हैं।
याकूब 3:5 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है।
याकूब 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है।
याकूब 3:7 क्योंकि हर प्रकार के बन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं।
याकूब 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है।
याकूब 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्पन्न हुए हैं श्राप देते हैं।
याकूब 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
याकूब 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नहीं होना चाहिए।
याकूब 3:12 क्या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलते हैं? हे मेरे भाइयों, क्या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 7-9
  • यूहन्ना 1:1-28



शुक्रवार, 8 मई 2020

मार्गदर्शन



     अगस्त 2015 में, जब मैं अपने घर से कुछ घंटे की यात्रा की दूरी पर स्थित विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर अपने अध्ययन को जारी रखने की तैयारी कर रही थी, तब मुझे यह भी एहसास हुआ कि संभव है कि वहां अपना अध्ययन पूरा कर लेने के बाद मैं लौट कर घर न आऊँ, वरन कहीं और ही चली जाऊं। इस से मेरे मन में तेज़ी से विचार उठाने लगे: “मैं अपने परिवार, अपने घर, अपने चर्च, को कैसे छोड़ने पाऊँगी? यदि इसके बाद परमेश्वर मुझे और कहीं जाकर काम करने को कहे, किसी दूसरे राज्य, या देश में, तब क्या होगा?”

     जैसे परमेश्वर के वचन बाइबल में, मूसा घबराया था, जब परमेश्वर ने उसे इस्राएलियों को मिस्र से निकाल कर लाने के लिए कहा था (निर्गमन 3:10), मुझे भी घबराहट हो रही थी। मैं अपने आराम के स्थल को छोड़ना नहीं चाहती थी। हाँ, बाद में मूसा ने परमेश्वर की बात मानी और उसके कहे के अनुसार किया, किन्तु पहले प्रश्न उठाने, और फिर किसी और को भेजने के लिए कहने के बाद ही ऐसा किया (निर्गमन 3:11-13; 4:13)।

     मूसा के उदाहरण से हम देखते हैं कि हमें क्या नहीं करना चाहिए, जब हमें परमेश्वर की बुलाहट का स्पष्ट आभास होता है। इसके स्थान पर हमें, वैसे करना चाहिए जैसे शिष्यों ने  किया था, जब प्रभु यीशु ने उन्हें अपने पीछे हो लेने के लिए बुलाया; वे सब कुछ छोड़ कर उसके पीछे हो लिए (मत्ती 4:20-22; लूका 5:28)। घबराना स्वाभाविक है, परन्तु हम परमेश्वर की योजनाओं पर भरोसा कर सकते हैं।

     आज भी, घर से इतनी दूर रहना कठिन तो लगता है। परन्तु, जैसे-जैसे मैं परमेश्वर की इच्छा को निरंतर खोजती रहती हूँ, वह मेरे लिए मार्ग खोलता रहता है, जिससे मैं आश्वस्त रहती हूँ कि मैं वहां हूँ जहां वह चाहता है कि मैं हूँ।

     जब हमें हमारे आराम के स्थल में से निकाल कर बाहर लाया जाता है, तो हम या तो मूसा के समान हिचकिचाते हुए जा सकते हैं, या शिष्यों के समान प्रसन्नता से – जो प्रभु के साथ चलते रहे, जहां भी वह गया। कभी-कभी ऐसा करने का अर्थ होता है अपने आराम के जीवन को छोड़ना, और सैकड़ों या हज़ारों मील दूर किसी नए स्थान पर जा कर रहना। किन्तु यह चाहे कितना भी कठिन लगे, परमेश्वर के मार्गदर्शन में चलते रहना सदा ही लाभप्रद होता है। - जूली श्वौब

परमेश्वर ने हमें आराम के जीवन के लिए नहीं बुलाया गया है।

मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है। - यूहन्ना 16:33

बाइबल पाठ: निर्गमन 3:7-14
निर्गमन 3:7 फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम कराने वालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ;
निर्गमन 3:8 इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकाल कर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं।
निर्गमन 3:9 सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है,
निर्गमन 3:10 इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूं कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए।
निर्गमन 3:11 तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मैं कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊं?
निर्गमन 3:12 उसने कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; और इस बात का कि तेरा भेजने वाला मैं हूं, तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि जब तू उन लोगों को मिस्र से निकाल चुके तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्वर की उपासना करोगे।
निर्गमन 3:13 मूसा ने परमेश्वर से कहा, जब मैं इस्राएलियों के पास जा कर उन से यह कहूं, कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है, तब यदि वे मुझ से पूछें, कि उसका क्या नाम है? तब मैं उन को क्या बताऊं?
निर्गमन 3:14 परमेश्वर ने मूसा से कहा, मैं जो हूं सो हूं। फिर उसने कहा, तू इस्राएलियों से यह कहना, कि जिसका नाम मैं हूं है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 4-6
  • लूका 24:36-53



गुरुवार, 7 मई 2020

रचना



     लाइगौन स्टीवेंस को पर्वतारोहण अच्छा लगता था, और वह अपने भाई, निक, के साथ पर्वतारोहण के लिए जाया करती थी। वे दोनों अनुभवी पर्वतारोही थे, और उन्होंने उत्तरी अमेरिका के सबसे ऊंचे शिखर पर भी विजय प्राप्त की थी। फिर एक दिन, जनवरी 2008 में, वे कोलराडो के एक पहाड़ पर हिमस्खलन का शिकार हो गए, जिसमें निक तो चोटिल हुआ, किन्तु बीस वर्षीय लाइगौन की मृत्यु हो गई। बाद में निक को अपनी बहन के एक झोले में उसके द्वारा लिखी जाने वाली दैनिक डायरी मिली, और उसे पढ़कर निक को बहुत सान्तवना मिली। वह डायरी परमेश्वर के प्रति प्रार्थनाओं, धन्यवाद, स्तुति, और मनन से भरी हुई थी, जैसा कि उसके एक लेख से प्रगट होता है: “मैं एक कलाकृति हूँ, जिस पर परमेश्वर के हस्ताक्षर हैं। परन्तु उसका काम अभी पूरा नहीं हुआ है; वास्तव में यह तो आरंभ ही है...। मुझ पर परमेश्वर की उँगलियों के निशान हैं। कभी भी मेरे समान कोई दूसरा मनुष्य नहीं होगा...। इस जीवन में मेरे द्वारा किए जाने के लिए कुछ तय किया गया है, और उस कार्य को कोई अन्य नहीं कर सकता है।”

     यद्यपि लाइगौन अब इस संसार में शारीरिक रूप में विद्यमान नहीं है, परन्तु उसकी डायरी और उसके जीवन आज भी उन्हें प्रोत्साहित करते और चुनौती देते हैं, जिन्हें वह पीछे छोड़ गई है।

     क्योंकि हम परमेश्वर के स्वरूप में रचे गए हैं (उत्पत्ति 1:27), इसलिए प्रत्येक मनुष्य परमेश्वर द्वारा हस्ताक्षरित एक कलाकृति है, जैसे कि परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इफिसुस की मसीही मण्डली के लोगों को लिखा: “क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया” (इफिसियों 2:10)।

       हम सभी परमेश्वर की अद्भुत और अद्वितीय रचना हैं, जिन्हें परमेश्वर अपने समय, अपनी विधि के अनुसार, औरों की सहायता करने के लिए उपयोग करता रहता है। - डेनिस फिशर

प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर की अनुपम कारीगरी की अद्वितीय अभिव्यक्ति है।

तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। - उत्पत्ति 1:27

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
इफिसियों 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
इफिसियों 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
इफिसियों 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
इफिसियों 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया।
इफिसियों 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
इफिसियों 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
इफिसियों 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
इफिसियों 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
इफिसियों 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे।
इफिसियों 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 1-3
  • लूका 24:1-35



बुधवार, 6 मई 2020

प्रतिज्ञा



     मेरे एक मित्र और उसके भाई ने, अपने बचपन में, अपनी बहन को आश्वस्त किया कि यदि वह वास्तव में ‘विश्वास’ करेगी, तो छाते में इतनी सामर्थ्य है कि उसे ऊपर थामे रखे। उनकी बात पर विश्वास करके, उनकी बहन छाता लिए हुए छत से कूद गई, जिस से उसके सिर पर कुछ चोट आई, और वह कुछ समय के लिए बेसुध भी हो गई।

     परमेश्वर ने जो भी प्रतिज्ञा की है, वह उसे अवश्य ही पूरा भी करेगा। परन्तु हमें यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि हम जब भी उस से उसकी किसी प्रतिज्ञा के पूरे किए जाने को मांगते हैं, हम वास्तव में उसके वास्तविक वचन के आधार पर ऐसा कर रहे हैं। क्योंकि, तब ही हमें यह आश्वासन है कि परमेश्वर हमें वह देगा, या हमारे लिए वह करेगा, जो उसकी प्रतिज्ञा है। अपने आप में, ‘विश्वास’ में कोई सामर्थ्य नहीं है; वह तब ही कार्यकारी होता है जब वह परमेश्वर की किसी स्पष्ट और खरी प्रतिज्ञा पर आधारित हो। इसके अतिरिक्त किसी भी अन्य बात पर ‘विश्वास’ रखना, मात्र कल्पना करना है।

     इसका एक स्पष्ट उदाहरण है प्रभु द्वारा यूहन्ना 15:7-8 में की गई प्रतिज्ञा: “यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।” ये पद यह प्रतिज्ञा नहीं हैं कि जो भी हम कह देंगे परमेश्वर उसे पूरा कर देगा। वरन यह इस बात के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा है कि वह हमारे व्यक्तिगत रीति से धर्मी होने की प्रत्येक लालसा – जिसे पौलुस “आत्मा के फल कहता है (गलातियों 5:22-23)” का प्रत्युत्तर देगा। यदि हम पवित्रता के भूखे और प्यासे होंगे, और परमेश्वर से उसे मांगेंगे, तो वह हमें उसके विषय संतुष्ट भी करेगा। इसमें कुछ समय अवश्य लगेगा, क्योंकि आत्मिक बढ़ोतरी में भी, शारीरिक बढ़ोतरी के समान ही, समय लगता है। इसलिए हताश हो कर माँगना छोड़ न दें; परमेश्वर से निवेदन करते रहें कि वह आपको पवित्र बनाए। उसके समय, उसकी विधि, और उसकी गति के अनुसार, वह यह आपके लिए कर देगा। परमेश्वर ऐसी कोई प्रतिज्ञा नहीं करता है जिसे वह पूरा न करे। - डेविड एच. रोपर

हमारा परमेश्वर प्रतिज्ञा निभाने वाला परमेश्वर है।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलातियों 5:22-23

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:5-8
यूहन्ना 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
यूहन्ना 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली के समान फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
यूहन्ना 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
यूहन्ना 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजाओं 21-22
  • लूका 23:26-56



मंगलवार, 5 मई 2020

निकट



     अपने बेटी को स्कूल छोड़कर आने के लिए मुझे एक मील चलना पड़ता है, और यह मुझे अवसर प्रदान करता है कि मैं बाइबल के कुछ पद कंठस्त कर सकूँ – यदि मैं ऐसा करना चाहूँ तो! जब मैं उस समय का उपयोग अपने मन में परमेश्वर के वचन को दोहराने के लिए करती हूँ, तो मैं पाती हूँ कि शेष दिन में भी वह वचन मुझे स्मरण आता रहता है, मुझे शान्ति और सद्बुद्धि प्रदान करता रहता है।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि जब मूसा ने इस्राएलियों को प्रतिज्ञा किए हुए देश में प्रवेश करने की तैयारी के लिए निर्देश दिए, तो उसने उन से बल देकर कहा कि वे परमेश्वर के वचनों और आज्ञाओं की निकटता में बने रहें (व्यवस्थाविवरण 6:1-2)। इस उद्देश्य से कि वे उस देश में फले-फूलें, उसने उन लोगों से कहा कि वे उन वचनों पर मनन करते रहें, और अपने बच्चों के साथ उन पर चर्चा करते रहें (पद 6, 7)। उसने तो यह भी कहा कि वे लोग उन्हें अपनी कलाई और माथे पर बाँध लें (पद 8)। वह नहीं चाहता था कि वे लोग कभी परमेश्वर के वचन को, उसे आदर देने वाली उसकी प्रजा होने को, और उसकी कृपा तथा आशीष के पात्र होने को भूलें।

     आज आप परमेश्वर के वचन के विषय क्या रवैया रखते हैं? एक विचार यह हो सकता है कि आप पवित्र शास्त्र में से प्रतिदिन एक पद लिख लें, और जब भी आप हाथ धोएं, या पानी पीएं, तो उस पद को भी पढ़ें और फिर उस पर मनन करते रहें। यह भी कर सकते हैं कि सोने से पहले परमेश्वर के वचन से एक छोटा खंड पढ़ें, और उस पर विचार करते हुए सो जाएं, उसे अपने अन्दर कार्य करने दें। परमेश्वर के वचन को अपने निकट रखने के अनेकों तरीके हैं; बस उसके निकट बने रहें। - एमी बाउचर पाई

अपने आप को परमेश्वर के वचन से घेर लें।

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं। - भजन 119:11

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 6:1-9
व्यवस्थाविवरण 6:1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो;
व्यवस्थाविवरण 6:2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
व्यवस्थाविवरण 6:3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
व्यवस्थाविवरण 6:4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
व्यवस्थाविवरण 6:5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
व्यवस्थाविवरण 6:6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
व्यवस्थाविवरण 6:7 और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
व्यवस्थाविवरण 6:8 और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी कर के बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें।
व्यवस्थाविवरण 6:9 और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजाओं 19-20
  • लूका 23:1-25



सोमवार, 4 मई 2020

पहले



     जब हम परमेश्वर के अनंत, बिना आरम्भ, बिना अंत का होने के बारे में उन्हें बताते हैं तो कोई न कोई सन्डे स्कूल का विद्यार्थी यह प्रश्न अवश्य ही पूछ लेता है कि, “यदि परमेश्वर का कोई आरम्भ नहीं है, कोई अंत नहीं है, वह सदा से रहा है और सदा रहेगा, तो फिर हमारी सृष्टि किए जाने से पहले वह कर क्या रहा था? वह अपना समय कैसे व्यतीत करता था?” मेरा उत्तर हुआ करता था कि यह एक रहस्य है; परन्तु हाल ही में मैंने जाना की परमेश्वर के वचन बाइबल में इसके विषय कुछ कहा गया है।

     यूहन्ना 17 में जब प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर पिता से प्रार्थना करते हैं, तो वे कहते हैं, “हे पिता, मैं चाहता हूं कि जिन्हें तू ने मुझे दिया है, जहां मैं हूं, वहां वे भी मेरे साथ हों कि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तू ने मुझे दी है, क्योंकि तू ने जगत की उत्‍पत्ति से पहिले मुझ से प्रेम रखा” (पद 24)। यह प्रभु यीशु द्वारा हम पर प्रकट किया गया परमेश्वर है, संसार की सृष्टि से भी पहले से ही, परमेश्वर हमेशा से ही त्रिएक (पिता, पुत्र, और पवित्र-आत्मा) रहा है – जो सदा साथ और एक दूसरे से प्रेम करते हुए रहते आए हैं। जब प्रभु यीशु मसीह का बप्तिस्मा हुआ, तब परमेश्वर ने अपने पवित्र आत्मा को कबूतर के रूप में भेजा और कहा, “...यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अत्यंत प्रसन्न हूं” (मत्ती 3:17)। परमेश्वर के व्यक्तित्व की सबसे आधारभूत बात, उसका जीवन-दाई और व्यक्त होने वाला प्रेम है।

     यह हमारे परमेश्वर का कितना प्रोत्साहित और प्रसन्न कर देने वाला सत्य है। त्रिएक परमेश्वर, पिता, पुत्र, और पवित्र-आत्मा, के प्रत्येक व्यक्तित्व द्वारा परस्पर व्यक्त किया जाने वाला प्रेम ही परमेश्वर के स्वभाव को समझने की कुंजी है। समय के आरम्भ से पहले परमेश्वर क्या कर रहा था? वही जो वह सदा करता है: वह प्रेम कर रहा था क्योंकि वह पहले से ही प्रेम है। - एमी पीटरसन

सदा प्रेम और संबंध में रहने वाले परमेश्वर ने हमें अपने स्वरूप में सृजा है।

हे प्रियो, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है।  - 1 यूहन्ना 4:7-8

बाइबल पाठ: मत्ती 3:13-17
मत्ती 3:13 उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे पर यूहन्ना के पास उस से बपतिस्मा लेने आया।
मत्ती 3:14 परन्तु यूहन्ना यह कहकर उसे रोकने लगा, कि मुझे तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यक्ता है, और तू मेरे पास आया है?
मत्ती 3:15 यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, कि अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धामिर्कता को पूरा करना उचित है, तब उसने उस की बात मान ली।
मत्ती 3:16 और यीशु बपतिस्मा ले कर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिये आकाश खुल गया; और उसने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा।
मत्ती 3:17 और देखो, यह आकाशवाणी हुई, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अत्यंत प्रसन्न हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजाओं 16-18
  • लूका 22:47-71