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गुरुवार, 15 अगस्त 2013

पृथ्वी की कसीदाकारी

   परमेश्वर की रची विलक्षण प्रकृति के एक भव्य स्थल - विश्व-विख्यात नाइग्रा जल प्रपात के कैनाडा वाले छोर के निकट, एक विस्मित कर देने वाली सुन्दरता से भरा वानस्पतिक उद्यान है; उस छोर पर एक फूलों का बाग़ बनाया गया है। इस बाग़ की रचना और रख-रखाव बहुत विशिष्ट है और इसमें संसार भर से लाए गए बहुत सुन्दर फूलों और अद्भुत पौधों का संग्रह है, जिनकी सुन्दरता स्तब्ध कर देती है। इस सुन्दरता को निहारते हुए जब हम उस बाग़ में घूम रहे थे तो एक अन्य बात ने हमारा ध्यान खींचा - एक तख़ती जिस पर लिखा था, "मित्रों आईए, परमेश्वर की अद्भुत कारीगरी - पृथ्वी की कसीदाकारी को निहारिए।" हमारे सृष्टिकर्ता ने जो अद्भुत सुन्दरता इस पृथ्वी पर हमारे लिए सजाई है, उसे व्यक्त करने का कितना बेहतरीन तरीका है यह संज्ञा - "पृथ्वी की कसीदाकारी"।

   पृथ्वी की कसीदाकारी के अन्य भव्य नमूने हैं ब्राज़ील देश के घने जंगल जिनमें अनेक प्रकार के वनस्पति और अद्भुत जीव-जन्तु पाए जाते हैं; उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रूवों पर स्थित हिमशिलाएं, हिमनद और बर्फ के मैदान जिनकी सुन्दरता देखते ही बनती है तथा उन स्थानों पर रहने वाले विशेष जीव-जन्तु; संसार के कई स्थानों पर बड़े बड़े मैदानों में लहलहाते अन्न के खेत जिनमें हवा के साथ अटखेलियाँ करती अन्न की बालें एक अति मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती हैं; अफ्रीका में स्थित सेरेन्गटी का सैंकड़ों वर्ग किलोमीटर में फैला विशाल उपजाऊ मैदान जो अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं का निवास स्थल है; इत्यादि।

   परमेश्वर का वचन बाइबल भी हमें स्मरण दिलाती है कि हर वस्तु, हर फूल - गुलाब (यशायाह 35:1) से लेकर सोसन के फूल (मत्ती 6:28) तक और, हर वनस्पति - जंगल के देवदार, बबूल, मेंहदी, और जलपाई तथा सनौवर, तिधार वृक्ष, और सीधा सनौबर वृक्ष तक (यशायाह 41-19-20), सब परमेश्वर ही की रचना है।

   परमेश्वर ने हमारी पृथ्वी को भव्य सुन्दरता से सजाया है, इसे ऐसे ही बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। धरती की यह सुन्दरता ना केवल हमारे मनों को प्रफुल्लित करती है, वरन परमेश्वर की यह कसीदाकारी हमें उसकी आराधना करने को प्रेरित भी करती है। अपने चारों ओर परमेश्वर की कसीदाकारी को निहारिए और उसकी आराधना करने और उसे धन्यवाद देने में समय बिताईए। - डेव ब्रैनन


सारी सृष्टि सृष्तिकर्ता की ओर संकेत करने वाले चिन्हों से भरी हुई है।

मैं जंगल में देवदार, बबूल, मेंहदी, और जलपाई उगाऊंगा; मैं अराबा में सनौवर, तिधार वृक्ष, और सीधा सनौबर इकट्ठे लगाऊंगा; जिस से लोग देखकर जान लें, और सोचकर पूरी रीति से समझ लें कि यह यहोवा के हाथ का किया हुआ और इस्राएल के पवित्र का सृजा हुआ है। - यशायाह 41:19-20 

बाइबल पाठ: भजन 19:1-11
Psalms 19:1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है।
Psalms 19:2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है।
Psalms 19:3 न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है।
Psalms 19:4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है,
Psalms 19:5 जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है।
Psalms 19:6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है।
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं;
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है;
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं।
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं।
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।
एक साल में बाइबल: भजन 91-93 रोमियों 15:1-13

बुधवार, 14 अगस्त 2013

बाध्य?

   मेरे एक मित्र ने मुझे संसार भर के 20 सबसे सुन्दर चर्च भवनों की फोटो भेजीं। ये 20 चर्च भवन विश्व के उत्तर-पश्चिम गोलार्ध में स्थित आइसलैंड देश से लेकर दक्षिण-पूर्व गोलार्ध में स्थित भारत देश तक संसार भर में फैले हुए हैं और प्रत्येक चर्च वास्तुशिल्पकला का उत्कृष्ट और अनुपम नमूना है।

   यर्मियाह नबी के दिनों में इस्त्राएल के लिए परमेश्वर की उपासना का सबसे सुन्दर स्थान था यरूशालेम में स्थित मन्दिर जिसकी राजा योशिय्याह ने हाल ही में मरम्मत करवाई थी (2 इतिहास 34-35)। उस समय के इस्त्राएली लोग उस भवन इमारत से बहुत प्रभावित थे और उससे बहुत लगाव रखते थे (यर्मियाह 7:4), और उनकी यह मूर्खतापूर्ण धारणा थी कि उस मन्दिर के वहाँ होने के कारण परमेश्वर उन्हें उनके शत्रुओं से बचा कर रखने को बाध्य है। लेकिन इसके विप्रीत परमेश्वर ने अपने नबी यर्मियाह द्वारा इस्त्राएली लोगों तक यह सन्देश पहुँचाया कि उन लोगों के मन और जीवन में पाप बसा हुआ है जो उनकी उपासना को व्यर्थ कर दे रहा है (पद 3, 9-10)।

   बाइबल बताती है कि परमेश्वर उसके नाम से बनाई गई भव्य और सुन्दर इमारतों से प्रसन्न नहीं होता यदि उन इमारतों को उसके नाम के लिए उपयोग में लाने वालों के मन में पवित्रता की सुन्दरता बसी हुई नहीं है। ना ही परमेश्वर को एक बाहरी विधि सम्मत आराधना, रीति-रिवाज़ों एवं विधि-विधानों को मानना, नियत पर्वों का मनाया जाना और विशेष दिनों को उसके नाम से निर्धारित किया जाना भाता है यदि यह सब करने वालों के मन उसके प्रति सच्ची रीति से समर्पित और उनके जीवन उसके आज्ञाकारी ना हों; उसे दिखावे की बाहरी पवित्रता नहीं वरन मन की खरी पवित्रता और सच्चा समर्पण चाहिए। और ऐसे ही बाइबल के अनुसार यह भी व्यर्थ विचार है कि लोगों के धर्म-कर्म के कार्यों तथा आडंबर के कारण परमेश्वर उनकी किसी भी बात को मान लेने और हर हाल में उनकी रक्षा करने को बाध्य हो जाता है।

   बाइबल सिखाती है कि कोई भी परमेश्वर को कुछ करने के लिए विवश नहीं कर सकता; परमेश्वर अपने निर्णय स्वयं अपने संपूर्ण ज्ञान तथा अपनी सिद्ध समझ के अनुसार ही लेता है, किसी के द्वारा किसी रीति या कार्य से बाध्य होकर नहीं। क्योंकि हम मसीही विश्वासी परमेश्वर की आराधना उपासना करते हैं, बाइबल पढ़ते हैं, प्रार्थना करते हैं और अन्य मसीही विश्वासियों के साथ संगति करते हैं इसलिए परमेश्वर हमारे पक्ष में कुछ करते रहने को बाध्य रहता है - यह भी एक व्यर्थ विचार है। हमारा इन सब बातों को करने का उद्देश्य परमेश्वर को अपने पक्ष में विवश करना नहीं वरन उसके बारे में सीखना, उसकी इच्छाओं को जानना, अपने संबंध को उसके साथ सही बनाए रखना तथा और प्रगढ़ करते रहना है जिससे हम उसकी आज्ञाकारिता में, उसे समर्पित और उसे महिमा देने वाला जीवन जी सकें और हमारे जीवनों से लोग सच्चे जीवित परमेश्वर की सच्चाई को देख सकें और अनुभव कर सकें। - सी. पी. हिया


सदा स्मरण रखिए - परमेश्वर ना बाध्य हो सकता है और ना ही किया जा सकता है।

पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। - 1 पतरस 2:9

बाइबल पाठ: यर्मियाह 7:1-11
Jeremiah 7:1 जो वचन यहोवा की ओर से यिर्मयाह के पास पहुंचा वह यह है:
Jeremiah 7:2 यहोवा के भवन के फाटक में खड़ा हो, और यह वचन प्रचार कर, ओर कह, हे सब यहूदियो, तुम जो यहोवा को दण्डवत करने के लिये इन फाटकों से प्रवेश करते हो, यहोवा का वचन सुनो।
Jeremiah 7:3 सेनाओं का यहोवा जो इस्राएल का परमेश्वर है, यों कहता है, अपनी अपनी चाल और काम सुधारो, तब मैं तुम को इस स्थान में बसे रहने दूंगा।
Jeremiah 7:4 तुम लोग यह कह कर झूठी बातों पर भरोसा मत रखो, कि यही यहोवा का मन्दिर है; यही यहोवा का मन्दिर, यहोवा का मन्दिर।
Jeremiah 7:5 यदि तुम सचमुच अपनी अपनी चाल और काम सुधारो, और सचमुच मनुष्य-मनुष्य के बीच न्याय करो,
Jeremiah 7:6 परदेशी और अनाथ और विधवा पर अन्धेर न करो; इस स्थान में निर्दोष की हत्या न करो, और दूसरे देवताओं के पीछे न चलो जिस से तुम्हारी हानि होती है,
Jeremiah 7:7 तो मैं तुम को इस नगर में, और इस देश में जो मैं ने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था, युग युग के लिये रहने दूंगा।
Jeremiah 7:8 देखो, तुम झूठी बातों पर भरोसा रखते हो जिन से कुछ लाभ नहीं हो सकता।
Jeremiah 7:9 तुम जो चोरी, हत्या और व्यभिचार करते, झूठी शपथ खाते, बाल देवता के लिये धूप जलाते, और दूसरे देवताओं के पीछे जिन्हें तुम पहिले नहीं जानते थे चलते हो,
Jeremiah 7:10 तो क्या यह उचित है कि तुम इस भवन में आओ जो मेरा कहलाता है, और मेरे साम्हने खड़े हो कर यह कहो कि हम इसलिये छूट गए हैं कि ये सब घृणित काम करें?
Jeremiah 7:11 क्या यह भवन जो मेरा कहलाता है, तुम्हारी दृष्टि में डाकुओं की गुफ़ा हो गया है? मैं ने स्वयं यह देखा है, यहोवा की यह वाणी है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 89-90 
  • रोमियों 14


मंगलवार, 13 अगस्त 2013

प्रवीण कारिगर

   जब मेरी सगाई हुई तो मेरे होने वाले ससुर, जिम ने मुझे एक ऐसा विशेष उपहार दिया जिसे मैं आज तक संजोए हुए हुँ। जिम व्यवसाय से एक घड़ी साज़ तथा जौहरी है, और हमारी शादी की अँगूठियाँ उसी ने हमें बनाकर दीं। मेरी अँगूठी बनाने के लिए जिम ने सोने के छोटे छोटे टुकड़ों का उपयोग किया - वे टुकड़े जो ज़ेवर संवारते-सुधारते समय काट कर निकाले जाते हैं और जिनका कोई विशेष महत्व नहीं होता। लेकिन इस प्रवीण कारीगर के हाथ में उन टुकड़ों ने एक ऐसा अनुपम और सुन्दर रूप ले लिया जिसे हर देखने वाला सराहता है और मैं जिसे संजोए रहता हूँ और निहारता रहता हूँ। यह एक विलक्षण, अद्भुत लेकिन विचार योग्य बात है कि एक प्रवीण कारिगर के हाथों में छोटे छोटे बेकार टुकड़े भी कैसे बहुमूल्य, सुन्दर और उपयोगी हो जाते हैं।

   परमेश्वर भी हमारे जीवनों में ऐसे ही कार्य करता है। वह तो सभी प्रवीण कारिगरों से भी महान और सिद्ध कारिगर है। वह हमारे जीवनों को, उसके व्यर्थ और टूटे-फूटे अंशों सहित लेकर, एक अर्थपूर्ण, उपयोगी और आशीशित जीवन बना देता है - यदि हम स्वेच्छा से अपने जीवन उसके हाथों में समर्पित करके उसे अपना कार्य करने दें। परमेश्वर के वचन बाइबल में यर्मियाह नबी ने इसी बात को एक कुम्हार द्वारा मिट्टी से बर्तन बनाए जाने के उदाहरण से समझाया है। जैसे कुम्हार एक बिगड़े हुए बर्तन को भी पुनः संवार कर एक नया और अच्छा स्वरूप दे सकता है, वैसे ही परमेश्वर भी हमें संवार कर अच्छा कर सकता है: "और जो मिट्टी का बासन वह बना रहा था वह बिगड़ गया, तब उसने उसी का दूसरा बासन अपनी समझ के अनुसार बना दिया" (यर्मियाह 18:4)।

   हमने चाहे अपने जीवन को कैसा भी बिगाड़ लिया हो, परमेश्वर हमें सुधार कर अपनी और संसार की दृष्टि में सुन्दर बना सकता है। आवश्यकता बस इतनी है कि हम अपने पाप मानकर परमेश्वर प्रभु यीशु से उनकी क्षमा माँग लें, अपना जीवन उस के हाथों में समर्पित कर दें और उसकी आज्ञाकारिता में जीवन बिताना आरंभ कर दें; इस के द्वारा ही परमेश्वर हमारे जीवनों में अपना कार्य करना और हमारा स्वरूप सुधारना आरंभ कर देगा (2 तिमुथियुस 2:21), और वह नया स्वरूप अद्भुत होगा।

   केवल यही एक मार्ग है बिगड़े हुए को सुधारने और संवारने का - उस महान सिद्ध प्रवीण कारिगर के हाथों में अपने आप को सौंप दीजिए और उसे अपना कार्य कर लेने दीजिए। केवल वह ही हमें सुधार सकता है, क्योंकि आखिरकर हमारा बनाने वाला वह ही तो है। - बिल क्राउडर


यदि परमेश्वर को मरम्मत करने दी जाए तो टूटे-फूटे जीवन भी सुन्दर और आशीशित जीवन बन सकते हैं।

यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा; और स्‍वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। - 2 तिमुथियुस 2:21

बाइबल पाठ: यर्मियाह 18:1-10
Jeremiah 18:1 यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा, उठ कर कुम्हार के घर जा,
Jeremiah 18:2 और वहां मैं तुझे अपने वचन सुनवाऊंगा।
Jeremiah 18:3 सो मैं कुम्हार के घर गया और क्या देखा कि वह चाक पर कुछ बना रहा है!
Jeremiah 18:4 और जो मिट्टी का बासन वह बना रहा था वह बिगड़ गया, तब उसने उसी का दूसरा बासन अपनी समझ के अनुसार बना दिया।
Jeremiah 18:5 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, हे इस्राएल के घराने,
Jeremiah 18:6 यहोवा की यह वाणी है कि इस कुम्हार की नाईं तुम्हारे साथ क्या मैं भी काम नहीं कर सकता? देख, जैसा मिट्टी कुम्हार के हाथ में रहती है, वैसा ही हे इस्राएल के घराने, तुम भी मेरे हाथ में हो।
Jeremiah 18:7 जब मैं किसी जाति वा राज्य के विषय कहूं कि उसे उखाड़ूंगा वा ढा दूंगा अथवा नाश करूंगा,
Jeremiah 18:8 तब यदि उस जाति के लोग जिसके विषय मैं ने कह बात कही हो अपनी बुराई से फिरें, तो मैं उस विपत्ति के विषय जो मैं ने उन पर डालने को ठाना हो पछताऊंगा।
Jeremiah 18:9 और जब मैं किसी जाति वा राज्य के विषय कहूं कि मैं उसे बनाऊंगा और रोपूंगा;
Jeremiah 18:10 तब यदि वे उस काम को करें जो मेरी दृष्टि में बुरा है और मेरी बात न मानें, तो मैं उस भलाई के विष्य जिसे मैं ने उनके लिये करने को कहा हो, पछताऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 87-88 
  • रोमियों 13



सोमवार, 12 अगस्त 2013

उद्देश्य और उपयोग

   कैन्सस में एक 60 वर्ष पुराने होटल को रिहायशी मकानों में परिवर्तित किया जा रहा है। फिलेडैल्फिया में एक पुराने ज़ंग लगे पानी के जहाज़ का नवीनिकरण चल रहा है और उसे एक होटल या संग्रहालय के रूप में प्रयोग करने की योजना है। कॉलेरैडो में स्थित पुराने स्टेपलटन एयरपोर्ट के हैंगर 61 को, जो अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता था, एक चर्च में परिवर्तित किया जा रहा है। इन सब ढाँचों का कभी एक विशेष उद्देश्य और प्रयोग था जो अब समय के साथ समाप्त हो गया है, लेकिन फिर भी किसी ना किसी की नज़र में ये उपयोगी हैं, एक नए उद्देश्य और उपयोग के योग्य हैं, और वे इन ढाँचों को एक नया रूप देकर उस नए उद्देश्य और उपयोग के लिए तैयार कर रहे हैं।

   यदि पुराने ढाँचे एक नया उद्देश्य और उपयोग पा सकते हैं तो मनुष्य क्यों नहीं? परमेश्वर के वचन बाइबल के कुछ नायकों के बारे में विचार कीजिए, जिनके जीवन अनायास ही एक अनेपक्षित दिशा में मुड़ गए और वे साधारण सांसारिक मनुष्यों से परिवर्तित हो कर अनन्त काल के लिए परमेश्वर के वचन में आदर पाने वाले नायक बन गए। याकूब - स्वभाव से स्वार्थी, अड़ंगीमार और धोखेबाज़ था; परमेश्वर के दूत के साथ एक रात जूझने के बाद उसका जीवन और नाम बदल गया (उत्पत्ति 32), वह याकूब से इस्त्राएल हो गया, उसके वंशज आज भी उसके नाम से जाने जाते हैं तथा परमेश्वर ने उसके बारह पुत्रों को इस्त्राएल के बारह गोत्रों का स्त्रोत बना दिया। मूसा - एक अहंकारी राजकुमार था जो अपनी जान बचा कर भागा और जंगल में रहकर भेड़ें चराने लगा, एक जलती हुई झाड़ी में दर्शन देकर (निर्गमन 3) परमेश्वर ने उसे इस्त्राएल को मिस्त्र के दासत्व से निकालकर लाने वाला, परमेश्वर के नियमों और व्यवस्था को इस्त्राएलियों तक पहुँचाने वाला और परमेश्वर के वचन की पहली पाँच पुस्तकों का लिखने वाला बना दिया। शाउल - एक धार्मिक उन्माद से भरा मसीही विश्वासियों का घोर विरोधी होता था, जिसे प्रभु यीशु ने एक चकाचौंध कर देने वाली रौशनी में दर्शन देकर कुछ दिनों के लिए अन्धा तो कर दिया (प्रेरितों 9), लेकिन फिर जब उसकी आँखें खोली गईं तो वह पौलुस नाम से प्रभु यीशु मसीह का एक ऐसा अनुयायी बना जो आज तक सभी मसीही विश्वासियों के लिए एक नमूना है और बाइबल के नए नियम खंड का लगभग दो-तिहाई भाग परमेश्वर ने उसी शाउल से पौलुस बन गए व्यक्ति के द्वारा लिखवाया। ऐसे ही अनेक अन्य उदाहरण ना केवल बाइबल में वरन संसार भर में मसीही समाज में मिल जाएंगे - साधारण और सांसारिक लोग जिन्होंने परमेश्वर को अनुभव किया और उनके जीवन सदा के लिए एक नए उद्देश्य और उपयोग के लिए एक नयी दिशा में चल निकले।

   यही अनुभव हमारे साथ भी हो सकता है; कोई अनेपक्षित घटना हमारे जीवन की दिशा बदल सकती है। यह घटना हमारे लिए तो अनायास और अनेपक्षित हो सकता है, लेकिन परमेश्वर के लिए नहीं। हम जैसे भी हैं, परमेश्वर के लिए उपयोगी हैं; वह हम में कुछ ऐसा देखता है जो संसार तो क्या हम स्वयं भी अपने अन्दर नहीं देख पाते। परमेश्वर ने अपने वचन में कहा है कि इससे पहले हम उससे प्रेम करते उसने हम से प्रेम किया। वह हमें एक उद्देश्य, आशा और भविष्य देना चाहता है जो ऐसा आशीशित, अनुपम और विलक्षण है जैसा संसार की कोई सामर्थ, हमारी अपनी कोई योजना हमें दे नहीं सकती। परमेश्वर चाहता है कि हम अपनी सारी चिन्ताएं, अपना सारा जीवन उसे सौंप दें क्योंकि उसे हमारा खयाल सदा ही रहता है (1 यहून्ना 4:19; यर्मियाह 29:11; 1 पतरस 5:7; यूहन्ना 10:10)।

   परमेश्वर के वायदों पर भरोसा कीजिए, उन्हें थामें रखिए, उसे जीवन समर्पित करके उससे प्रार्थना कीजिए कि वह आपको भी आपके जीवन के लिए एक नया उद्देश्य दे और और अपने लिए उपयोगी बनाए; वह यह करना चाहता भी है, उसे केवल आपकी सहमति की प्रतीक्षा है। - सिंडी हैस कैसपर


अपनी आँखें परमेश्वर पर लगाए रखिए और आप अपने जीवन के उद्देश्य से कभी नहीं भटकेंगे।

क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यर्मियाह 29:11

बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:1-16
Acts 9:1 और शाऊल जो अब तक प्रभु के चेलों को धमकाने और घात करने की धुन में था, महायाजक के पास गया।
Acts 9:2 और उस से दमिश्क की अराधनालयों के नाम पर इस अभिप्राय की चिट्ठियां मांगी, कि क्या पुरूष, क्या स्त्री, जिन्हें वह इस पंथ पर पाए उन्हें बान्‍ध कर यरूशलेम में ले आए।
Acts 9:3 परन्तु चलते चलते जब वह दमिश्क के निकट पहुंचा, तो एकाएक आकाश से उसके चारों ओर ज्योति चमकी।
Acts 9:4 और वह भूमि पर गिर पड़ा, और यह शब्द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?
Acts 9:5 उसने पूछा; हे प्रभु, तू कौन है? उसने कहा; मैं यीशु हूं; जिसे तू सताता है।
Acts 9:6 परन्तु अब उठ कर नगर में जा, और जो कुछ करना है, वह तुझ से कहा जाएगा।
Acts 9:7 जो मनुष्य उसके साथ थे, वे चुपचाप रह गए; क्योंकि शब्द तो सुनते थे, परन्तु किसी को दखते न थे।
Acts 9:8 तब शाऊल भूमि पर से उठा, परन्तु जब आंखे खोलीं तो उसे कुछ दिखाई न दिया और वे उसका हाथ पकड़ के दमिश्क में ले गए।
Acts 9:9 और वह तीन दिन तक न देख सका, और न खाया और न पीया।
Acts 9:10 ​दमिश्क में हनन्याह नाम एक चेला था, उस से प्रभु ने दर्शन में कहा, हे हनन्याह! उसने कहा; हां प्रभु।
Acts 9:11 तब प्रभु ने उस से कहा, उठ कर उस गली में जा जो सीधी कहलाती है, और यहूदा के घर में शाऊल नाम एक तारसी को पूछ ले; क्योंकि देख, वह प्रार्थना कर रहा है।
Acts 9:12 और उसने हनन्याह नाम एक पुरूष को भीतर आते, और अपने ऊपर आते देखा है; ताकि फिर से दृष्टि पाए।
Acts 9:13 हनन्याह ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु, मैं ने इस मनुष्य के विषय में बहुतों से सुना है, कि इस ने यरूशलेम में तेरे पवित्र लोगों के साथ बड़ी बड़ी बुराईयां की हैं।
Acts 9:14 और यहां भी इस को महायाजकों की ओर से अधिकार मिला है, कि जो लोग तेरा नाम लेते हैं, उन सब को बान्‍ध ले।
Acts 9:15 परन्तु प्रभु ने उस से कहा, कि तू चला जा; क्योंकि यह, तो अन्यजातियों और राजाओं, और इस्त्राएलियों के साम्हने मेरा नाम प्रगट करने के लिये मेरा चुना हुआ पात्र है।
Acts 9:16 और मैं उसे बताऊंगा, कि मेरे नाम के लिये उसे कैसा कैसा दुख उठाना पड़ेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 84-86 
  • रोमियों 12



रविवार, 11 अगस्त 2013

वचन की सहायता

   प्रभु यीशु की पृथ्वी की सेवकाई का आरंभ तो बहुत अच्छा था। परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती 3 अध्याय में हम पाते हैं कि उसके बपतिस्मे के समय परमेश्वर पिता ने स्वर्ग से आकाशवाणी के द्वारा कहा: "और देखो, यह आकाशवाणी हुई, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अत्यन्‍त प्रसन्न हूं" (मत्ती 3:17)। लेकिन इसके तुरंत बाद परिस्थिति विकट हो गई - प्रभु यीशु को परीक्षा के लिए जाना पड़ा!

   प्रभु यीशु की यह परीक्षा अनायास अथवा अनपेक्षित नहीं थी - पवित्र आत्मा प्रभु यीशु को बियाबान में ले गया जहाँ स्वर्ग और नरक की ताकतों का सामना हो सके। चालीस दिन तक प्रभु यीशु उपवास में रहा और शैतान द्वारा परखा गया (लूका 4:1)। अपनी इस परीक्षा से विजयी होकर निकलने के द्वारा प्रभु यीशु ने हम मसीही विश्वासियों के लिए एक उदाहराण दिया जिसके द्वारा हम भी अपनी परीक्षाओं के समय में प्रभु यीशु के समान ही जयवंत हो सकते हैं। जैसे शैतान ने हमारे प्रभु की परीक्षा करी थी, वैसे ही आज भी वह प्रभु यीशु के अनुयायीयों की परीक्षा करता रहता है, उन्हें भरमाने और पाप में गिराने के प्रयास करता रहता है।

    मत्ती और लूका रचित सुसमाचारों में दिए प्रभु यीशु की परीक्षा से संबंधित इस खंड में हम यह भी पाते हैं कि शैतान ने उस चालिस दिन के उपवास के अन्त में, जब प्रभु भूखा और थका हुआ था, उसे परमेश्वर पिता के विरुद्ध भड़काने और स्वार्थ सिद्धि के लिए कार्य करने को उकसाने का प्रयास किया। शैतान हमारे साथ भी यही कार्य करता है - जब हम थकित और कमज़ोर होते हैं तब वह प्रलोभनों, अनुचित मार्गों और विधियों के प्रयोग और परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारी होने के सुझावों के द्वारा हमें बहकाने और गिराने के प्रयास करता है। ऐसी स्थिति में उसकी युक्तियों को व्यर्थ करने और उस पर जयवंत होने के लिए हमें भी वही करना चाहिए जो प्रभु यीशु ने किया - परमेश्वर के वचन की सहायता लेना।

   शैतान के हर प्रयास और प्रलोभन का उत्तर प्रभु यीशु ने परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखी परमेश्वर की आज्ञा को उद्धरित करके दिया। जीवन में आने वाली हर परिस्थिति और प्रलोभन तथा आवश्यकता से संबंधित शिक्षा बाइबल में मिलती है। अनेकों ऐसे पद और हवाले हैं जो हमें लुचपन, लालच, झूठ, तरह तरह की बुराइयों आदि के संबंध में चिताते हैं और मार्गदर्शन करते हैं। यदि हम परमेश्वर के वचन को अपने मन में बसा लें और स्मरण रखें तो परिस्थिति के अनुसार शैतान के हमलों का उचित प्रत्युत्तर दे सकते हैं और बुराई तथा पाप में गिरने से बच सकते हैं।

   पाप से बचने के लिए परमेश्वर के वचन की सहायता ही हमारी सर्वोत्तम सहायता है। - जो स्टोवैल


जब शैतान वार करे तो परमेश्वर के वचन से उस पर पलटवार करें।

फिर यीशु पवित्रआत्मा से भरा हुआ, यरदन से लैटा; और चालीस दिन तक आत्मा के सिखाने से जंगल में फिरता रहा; और शैतान उस की परीक्षा करता रहा। - लूका 4:1

बाइबल पाठ: मत्ती 4:1-11
Matthew 4:1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्‍लीस से उस की परीक्षा हो।
Matthew 4:2 वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, अन्‍त में उसे भूख लगी।
Matthew 4:3 तब परखने वाले ने पास आकर उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियां बन जाएं।
Matthew 4:4 उसने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा।
Matthew 4:5 तब इब्‍लीस उसे पवित्र नगर में ले गया और मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया।
Matthew 4:6 और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्‍वर्गदूतों को आज्ञा देगा; और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे।
Matthew 4:7 यीशु ने उस से कहा; यह भी लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न कर।
Matthew 4:8 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर
Matthew 4:9 उस से कहा, कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा।
Matthew 4:10 तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।
Matthew 4:11 तब शैतान उसके पास से चला गया, और देखो, स्वर्गदूत आकर उस की सेवा करने लगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 81-83 
  • रोमियों 11:19-36


शनिवार, 10 अगस्त 2013

उत्तरदायित्व

   मेरे एक मित्र जैफ से उसकी पुत्री ने निवेदन किया कि वह उसके विवाह समारोह की सभी बातों की देखरेख और संचालन करे। यह उसके लिए बहुत आनन्द की बात थी और वे विवाह के लिए एक दूरगामी और अनुपम सुन्दर स्थल पर पहुँचे। लेकिन एक समस्या थी - क्योंकि विवाह में जाने वाले पारिवारिक सदस्य संख्या में थोड़े ही थे, जैफ को तीन भिन्न भूमिकाएं निभानी थीं, जो परस्पर टकराव की स्थिति उत्पन्न कर सकती थीं - विवाह की रस्म अदा करने वाला पास्टर, आमंत्रित मेहमानों का स्वागत करने वाला दुल्हन का पिता और विवाह समारोह की तस्वीरें उतारने वाला फोटोग्राफर।

   क्या कभी आपने ऐसा अनुभव किया है कि आप अनेक उत्तरदायित्वों को पूरा करने में लगे हैं और यह आपको थका दे रहा है? परमेश्वर के वचन बाइबल में एक ऐसी ही स्थिति का उल्लेख है - मूसा के ससुर जेथरो ने देखा कि मूसा को अनेक उत्तरदायित्वों को निभाना पड़ रहा है (निर्गमन 18)। मूसा को इस्त्राएलियों का नेतृत्व भी करना था, उनके व्यक्तिगत मामलों को सुलझाना भी होता था, गंभीर बातों की सुनवाई करके न्यायिक निर्णय भी देने होते थे, और क्योंकि इस्त्राएली संख्या में लाखों में थे, इसलिए मूसा के पास इन बातों के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी। अन्ततः जेथरो ने मूसा से कहा: "और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता" (निर्गमन 18:18)। फिर उसने मूसा को बुद्धिमानी की सलाह दी कि वह अपनी ज़िम्मेदारियों का बंटवारा करे, अपने साथ अन्य योग्य लोगों को इन विवादों को सुलझाने के लिए नियुक्त करे जिससे छोटे या कम गंभीरता वाले विवाद तो वे सुलझा सकें और बड़ी तथा महत्वपूर्ण बातों एवं नेतृत्व के कार्य पर मूसा ध्यान दे सके (निर्गमन 18:21-23)।

   ऐसी परिस्थिति किसी के साथ भी हो सकती है - चाहे आप घर की देखभाल करने तथा छोटे बच्चों को संभालने वाली गृहणी हों, किसी व्यवासाय को संभालने वाले अतिश्रमित प्रबंधक, चर्च के कामों और उत्तरदायित्वों में लिप्त पास्टर, या कार्यों की ज़िम्मेदारियों से थकित एक सामन्य व्यक्ति। हम सभी मूसा और जेथरो से सबक ले सकते हैं। जैसा जेथरो ने मुसा से कहा, आप भी परमेश्वर से प्रार्थना करके अपने उत्तरदायित्वों का आँकलन कीजिए और चिन्हित कीजिए कि कौन से ऐसे कार्य हैं जिन्हें आप दूसरों को सौंप सकते हैं या करना बन्द भी कर सकते हैं। शारीरिक और मानसिक थकावट के साथ केवल काम-चलाऊ रीति से बहुत से कार्य करने से भला है कि बिना अनुचित रीति से थके भलि-भांति और उत्तम रीति से थोड़े से कार्य करे जाएं। कार्य करते करते थोड़े समय में थक कर निढाल और शिथिल हो जाने से भला है कि उतना ही कार्य किया जाए जिसमें शरीर तथा मन की स्फूर्ति तथा किए गए कार्य की गुणवन्ता बनी रह सके और लंबे समय तक उत्तम रीति से उत्तरदायित्व निभाए जा सकें। - डेनिस फिशर


यदि समय समय पर कार्य से अलग होकर उचित विश्राम नहीं करेंगे तो टूट कर बिखर जाएंगे।

यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें। - निर्गमन 18:23

बाइबल पाठ: निर्गमन 18:13-27
Exodus 18:13 दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से सांझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे।
Exodus 18:14 यह देखकर कि मूसा लोगों के लिये क्या क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से सांझ तक तेरे आसपास खड़े रहते हैं?
Exodus 18:15 मूसा ने अपने ससुर से कहा, इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते है।
Exodus 18:16 जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें जताता हूं।
Exodus 18:17 मूसा के ससुर ने उस से कहा, जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं।
Exodus 18:18 और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता।
Exodus 18:19 इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूं, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुंचा दिया कर।
Exodus 18:20 इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर कर के, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इन को जता दिया कर।
Exodus 18:21 फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरूषों को छांट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय मानने वाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उन को हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे।
Exodus 18:22 और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएंगे।
Exodus 18:23 यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें।
Exodus 18:24 अपने ससुर की यह बात मान कर मूसा ने उसके सब वचनों के अनुसार किया।
Exodus 18:25 सो उसने सब इस्त्राएलियों में से गुणी-गुणी पुरूष चुनकर उन्हें हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, दस-दस, लोगों के ऊपर प्रधान ठहराया।
Exodus 18:26 और वे सब लोगों का न्याय करने लगे; जो मुकद्दमा कठिन होता उसे तो वे मूसा के पास ले आते थे, और सब छोटे मुकद्दमों का न्याय वे आप ही किया करते थे।
Exodus 18:27 और मूसा ने अपने ससुर को विदा किया, और उसने अपने देश का मार्ग लिया।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 79-80 
  • रोमियों 11:1-18


शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

झुण्ड

   भेड़-पालन में सहायता करने वाले विशेष रीति से प्रशिक्षित कुत्तों के एक प्रशिक्षक ने एक प्रदर्शन के दौरान समझाया कि शिकारी जानवरों द्वारा भेड़ों को शिकार कर लेना बहुत सरल होता है क्योंकि भेड़ों के पास अपनी रक्षा का कोई साधन नहीं होता। केवल एक झुण्ड के रूप में ही वे कुछ सुरक्षित रह सकतीं हैं; एक अकेली पड़ गई भेड़ समझो मरी हुई भेड़ है। इसलिए इन सहायक कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाता है कि वे भेड़ों को अलग अलग ना होने दें, उन्हें एक साथ एक सघन झुण्ड में बनाए रखें।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के लोगों को भेड़ों के समान और परमेश्वर को एक भेड़ों के चरवाहे के रूप में दिखाया गया है। यह हमारे लिए एक सशक्त चित्रण है यह स्मरण रखने का कि हम मसीही विश्वासियों को एक दूसरे के साथ एवं सहयोग की कितनी अधिक आवश्यकता है। भजनकार ने इस्त्राएलियों के मिस्त्र से निकल कर वाचा के देश में जाने के संबंध में लिखा, "परन्तु अपनी प्रजा को भेड़-बकरियों की नाईं प्रस्थान कराया, और जंगल में उनकी अगुवाई पशुओं के झुण्ड की सी की। तब वे उसके चलाने से बेखटके चले और उन को कुछ भय न हुआ, परन्तु उनके शत्रु समुद्र में डूब गए" (भजन 78:52-53)।

   परमेश्वर का झुण्ड होने के कारण, हम मसीही विश्वासी प्रभु यीशु के मार्गदर्शक और सुरक्षित हाथों में हैं और एक दूसरे के सहायक और रक्षक हैं। हमारे प्रभु यीशु से हमें मिली परस्पर संगति, तथा एक दूसरे की चिन्ता और देख-भाल करते रहने की ज़िम्मेदारी हमें एक दूसरे के प्रति जवाबदेह बनाती है। एक दूसरे के साथ बने रहकर और आवश्यकता के समयों में साथ खड़े रहकर ही हम प्रभु द्वारा दी गई इस ज़िम्मेदारी का निर्वाह कर सकते हैं। हमारे दैनिक जीवन और आपसी व्यवहार में हमारा दृष्टिकोण "मैं और मेरा" का नहीं वरन "हम, हमारा और हमारे प्रभु यीशु का" होना अनिवार्य है। जब प्रभु यीशु हमारा चरवाहा और हम एक दूसरे के साथ एक झुण्ड बने रहेंगे तो हमारी सुरक्षा भी बनी रहेगी। - डेविड मैककैसलैंड


परमेश्वर का झुण्ड होने के कारण हम परमेश्वर द्वारा और एक-दूसरे के साथ सुरक्षा पाते हैं।

तू ने मूसा और हारून के द्धारा, अपनी प्रजा की अगुवाई भेड़ों की सी की। - भजन 77:20 

बाइबल पाठ: भजन 77:11-20
Psalms 77:11 मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा।
Psalms 77:12 मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूंगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूंगा।
Psalms 77:13 हे परमेश्वर तेरी गति पवित्रता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के तुल्य बड़ा है?
Psalms 77:14 अद्भुत काम करने वाला ईश्वर तू ही है, तू ने अपने देश देश के लोगों पर अपनी शक्ति प्रगट की है।
Psalms 77:15 तू ने अपने भुजबल से अपनी प्रजा, याकूब और यूसुफ के वंश को छुड़ा लिया है। (सेला)
Psalms 77:16 हे परमेश्वर समुद्र ने तुझे देखा, समुद्र तुझे देख कर ड़र गया, गहिरा सागर भी कांप उठा।
Psalms 77:17 मेघों से बड़ी वर्षा हुई; आकाश से शब्द हुआ; फिर तेरे तीर इधर उधर चले।
Psalms 77:18 बवण्डर में तेरे गरजने का शब्द सुन पड़ा था; जगत बिजली से प्रकाशित हुआ; पृथ्वी कांपी और हिल गई।
Psalms 77:19 तेरे मार्ग समुद्र में है, और तेरा रास्ता गहिरे जल में हुआ; और तेरे पांवों के चिन्ह मालूम नहीं होते।
Psalms 77:20 तू ने मूसा और हारून के द्धारा, अपनी प्रजा की अगुवाई भेड़ों की सी की।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 77-78 
  • रोमियों 10