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सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

विधि


   हमारे पोते के जन्मदिन को मनाने के लिए मेरी पत्नि ने एक बड़ा सा चॉकलेट केक बना कर सजाया। यह करने के लिए उसने अपनी व्यंजन बनाने की विधियाँ सिखाने वाली पुस्तक को निकाला, उसमें लिखी विधि के अनुसार सही अनुपात में आवश्यक सामग्री को एकत्रित किया, फिर दी गई केक बनाने की विधि का क्रमवार अनुसरण किया, और केक बनकर तैयार हो गया। कितना अच्छा होता यदि जीवन भी कुछ ऐसा ही होता - जीने के कुछ सरल क्रमों का पालन करें और आनन्दमय जीवन का सुख लें!

   लेकिन जीवन ऐसा सरल नहीं है। हम एक पाप में पतित संसार में रहते हैं और ऐसी कोई सरल विधि नहीं है जिसके पालन से हम हानि, पीड़ा, अन्याय और कष्ट से विहीन जीवन व्यतीत कर सकेंगे। जीवन की तकलीफों में हमें एक ऐसे सहायक और मार्गदर्शक की आवश्यकता है जिसने स्वयं यह सब अनुभव किया हो किंतु उन सब पर जयवन्त रहा हो और अब हमें भी जयवन्त कर सकता हो। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों की पत्री में ऐसे एकमात्र जन - प्रभु यीशु के विषय में लिखा है: "क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला" (इब्रानियों 4:15)। प्रभु यीशु मसीह जो हमें जीवन देने के लिए बलिदान होकर मृतकों में से जी उठा, पूर्ण रीति से सक्षम है कि हमें जीवन के सभी दुखों और अन्धकारमय अनुभवों के पार सकुशल निकाल लाए, क्योंकि "निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया..." (यशायाह 53:4)।

   प्रभु यीशु जानता है कि ऐसी कोई सरल विधि नहीं है जिससे जीवन के दुख मिटाए जा सकें, इसलिए वह स्वयं संसार में आ गया, हमारे दुखों को अपने ऊपर ले लिया, उन से सुरक्षित निकल जाने का मार्ग बनाकर दे दिया। क्या आज आप उस पर विश्वास करके अपने दुखों और आँसुओं के जीवन को उन दुखों से पार सुरक्षित निकाल ले जाने के लिए उसे समर्पित करेंगे। जीवन की सुरक्षा और अनन्त आनन्द की इससे सरल विधि और कहीं नहीं है, कोई नहीं है। - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु जो हमें जीवन देने के लिए बलिदान हो गया, वही हमें जीवन के दुखों से पार भी लगा सकता है।

इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्‍चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। - 2 तिमुथियुस 1:12

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:11-16
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े। 
Hebrews 4:12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। 
Hebrews 4:13 और सृष्‍टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं।
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे। 
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। 
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41



रविवार, 22 फ़रवरी 2015

अभिषिक्त


   अन्तरिक्ष यान वॉयएजर 1 को सन 1977 में प्रक्षेपित किया गया; अब वह धरती से 10 अरब मील दूर हमारे सौर मण्डल के बाहरी किनारे के समीप है। फरवरी 1990 में जब यह यान पृथ्वी से 4 अरब मील की दूरी पर था तब वैज्ञानिकों ने उसके कैमरे को पृथ्वी की ओर घुमाया और पृथ्वी की तसवीरें खींचीं। उन तसवीरों में पृथ्वी रिक्त स्थान के अथाह समुद्र में एक छोटे से नीले बिन्दु के समान दिखाई देती है। कलपना से भी परे सृष्टि के फैलाव में हमारा यह गृह एक बहुत सूक्ष्म कण के समान है। इस विशाल और अपरिमित तारा समूहों के फैलाव में विद्यमान इस सूक्ष्म से कण पर 7 अरब से भी अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से एक आप हैं!

   यदि यह तथ्य आपको महत्वहीन अनुभव करवाते हैं तो ज़रा ठहरिए, परमेश्वर के पास आपके लिए एक अच्छी खबर है। परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा दाऊद द्वारा लिखे गए भजनों में से एक में वह ऐसी बात कहता है जिसके संदर्भ में आप सितारों की ओर देखकर भी आनन्दित होंगे; दाऊद बताता है कि हम इस महान और विशाल सृष्टि के सृष्टिकर्ता परमेश्वर की नज़रों में अति महत्वपूर्ण और बहुमूल्य हैं: "जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं; तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?  क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है" (भजन 8:3-5)। दाऊद द्वारा लिखी गई इस बात पर थोड़ा ठहर कर विचार कीजिए; जिस सृष्टि के छोर को मनुष्य द्वारा बनाया कोई यंत्र या दूरबीन देख नहीं पाई, अपने सारे वैज्ञानिक उपकरणों और ज्ञान के बाद भी जिसमें विद्यमान तारा गणों और नक्षत्रों की संख्या का मनुष्य केवल अनुमान मात्र लगा सकता है, गिन नहीं सकता, उस सृष्टि का रचियता परमेश्वर आपको तथा आपके बारे में व्यक्तिगत रीति से खुलासे से जानता है, आपसे लगाव रखता है, आपकी चिंता करता है, आपसे इतना प्रेम करता है कि उसने प्रभु यीशु को स्वर्ग से पृथ्वी पर आपके बदले अपने प्राण बलिदान करने के लिए भेज दिया जिससे आप परमेश्वर के साथ रह सकें। आप अपनी नज़रों में गौण एवं महत्वहीन हो सकते हैं, परमेश्वर की नज़रों में कदापि नहीं।

   परमेश्वर की सृष्टि को अचरज से निहारें, सृष्टि के सृष्टिकर्ता की महिमा करें, उसे धन्यवाद दें क्योंकि उसने आपको प्रभु यीशु में अभिषिक्त हो कर अपने साथ स्वर्ग में रहने का निमंत्रण और मार्ग दिया है। - डेव ब्रैनन


सृष्टि में हम परमेश्वर की सामर्थ और प्रभु यीशु में हम परमेश्वर का प्रेम देखते हैं।

हे यहोवा, मनुष्य क्या है कि तू उसकी सुधि लेता है, या आदमी क्या है, कि तू उसकी कुछ चिन्ता करता है? - भजन 144:3

बाइबल पाठ: भजन 8
Psalms 8:1 हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तू ने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है। 
Psalms 8:2 तू ने अपने बैरियों के कारण बच्चों और दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नेव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेने वालों को रोक रखे। 
Psalms 8:3 जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं; 
Psalms 8:4 तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? 
Psalms 8:5 क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है। 
Psalms 8:6 तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। 
Psalms 8:7 सब भेड़-बकरी और गाय-बैल और जितने वनपशु हैं, 
Psalms 8:8 आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां, और जितने जीव- जन्तु समुद्रों में चलते फिरते हैं। 
Psalms 8:9 हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 4-6
  • मरकुस 4:1-20



शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

मिट्टी के बरतन


   जब आप कोई बहुमूल्य आभूषण खरीदते हैं तो उसे एक डब्बे में रखकर आपको दिया जाता है, जिसमें अन्दर किसी गहरे रंग का मखमल लगा होता है। इससे आपका ध्यान डब्बे या मखमल की ओर नहीं वरन उस पृष्ठभूमि में चमक रहे उस सुन्दर आभूषण की ओर जाता है। यदि डब्बे या अन्दर के मखमल को बहुत सजावट के साथ लगाया जाए तो देखने वालों का ध्यान आभूषण से हटकर डब्बे की ओर जा सकता है।

   इससे मुझे प्रेरित पौलुस द्वारा मसीही सेवकाई के विषय में कही गई बात स्मरण आती है; पौलुस ने कुरिन्थ के मसीही विश्वासियों को लिखा, "परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे" (2 कुरिन्थियों 4:7)। मसीही सेवकाई में कभी कभी इस बात को नज़रन्दाज़ कर देना सहज हो जाता है कि हम मसीही विश्वासी बाहरी "डब्बे" मात्र ही हैं, असली सुन्दरता और मूल्य तो उस प्रभु का है जो हमारे अन्दर रहता है और हम में होकर कार्य करता है। क्योंकि हम इस तथ्य को भूल बैठते हैं इसलिए जब हम किसी को क्षमा कर देते हैं, या किसी पर दया दिखाते हैं, या कोई बड़ा दान करते हैं या मसीही सेवकाई में होने वाली अन्य उपलब्धियों के लिए स्वयं श्रेय लेने लग जाते हैं, अपने लिए महिमा अर्जित करने लग जाते हैं। ऐसा करने से हम उस परमेश्वर प्रभु को जो हमारे अन्दर रहकर और हम में होकर कार्य करता है उसकी महिमा और गौरव से वंचित करते हैं और उसके प्रताप को संसार के सामने प्रकट होने और लोगों को उसकी ओर आकर्षित होने में बाधा बनते हैं।

   जब हम अपने प्रभु यीशु मसीह के लिए कार्य करते हैं, तो उद्देश्य स्वयं श्रेय लेने का नहीं वरन उसे ही सारा आदर, गौरव और महिमा देने का होना चाहिए; जितना हम अपने आप को पीछे और मसीह यीशु को आगे करेंगे, संसार उतनी भली-भांति उसकी महिमा और सामर्थ को जानने पाएगा। हम अपने आप को जितना उसके सामने झुकाते और उसके पीछे छुपाते रहेंगे, प्रभु उतना अधिक हमें आदर का पात्र बनाता जाएगा और उठाता जाएगा। इसीलिए पौलुस लिखता है कि प्रभु रूपी यह धन मिट्टी के बरतन रूपी साधारण से मनुष्यों में रखा गया है, जिससे देखने वाले मिट्टी के बरतन से नहीं वरन उसके अन्दर रखे बहुमूल्य खज़ाने से आकर्षित हों; उस खज़ाने से जो अपनी उपस्थिति से उस मिट्टी के बरतन का मूल्य बढ़ा देता है, वरना सजाए हुई मिट्टी के बरतन की क्या कीमत - रहेगा तो वह मिट्टी का ही। - जो स्टोवैल


अपने जीवन से मसीह यीशु की चमक को दिखाएं।

उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:7-15
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे। 
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर। 
2 Corinthians 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। 
2 Corinthians 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा। 
2 Corinthians 4:15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 1-3
  • मरकुस 3



शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

दिशा-निर्देश


   मैंने अपने साथ की सवारियों से कहा ही था, "चिंता मत कीजिए, मुझे पता है मैं कहाँ हूँ और मार्ग क्या है" कि गाड़ी में एक मशीनी आवाज़ सुनाई देने लगी, "दिशा पुनःनिर्धारण...; दिशा पुनःनिर्धारण..." - अब सब वास्तविकता को जान गए कि मैं मार्ग से भटक चुका था और मुझे सही मार्ग पता नहीं था। आज के समय में इस आवाज़ और इन शब्दों को लाखों गाड़ी चालक जानते-पहचानते हैं। यह आवाज़ एवं सन्देश आता है गाड़ियों में लगे जी.पी.एस. यंत्र से जो गन्तव्य स्थान के अनुसार गाड़ी की स्थिति एवं मार्ग के सही होने पर नज़र रखता है और मार्ग से हटते ही सही मार्ग पर वापस लौट जाने के लिए निर्देश तैयार करके देने लगता है।

   अनेक बार मसीही विश्वासी भी अपने आत्मिक मार्ग से भटक कर, जाने-अनजाने में संसार की ओर बढ़ निकलते हैं। कभी यह इस कारण होता है क्योंकि हम समझते हैं कि हमें सब पता है और अपने अहम में होकर हम किसी की सलाह लेना या मानना उचित नहीं समझते; और कभी यह अनजाने में ही धीरे धीरे सही मार्ग से भटक जाने के कारण होता है। परमेश्वर ने हमें किसी भी परिस्थिती के लिए असहाय नहीं छोड़ा है। उसने सभी मसीही विश्वासियों को अपने पवित्र आत्मा का दान दिया है जो उनमें रहता है (यूहन्ना 14:16-17; 1 कुरिन्थियों 3:16) तथा उन्हें पाप के विषय में कायल करता है (यूहन्ना 16:8, 13)। जब हम परमेश्वर के मार्ग से भटकने लगते हैं तो वह हमारे विवेक को झकझोरता है, हमें पथभ्रष्ट होने की सूचना देता है (गलतियों 5:16-25)। हमारा उसकी चेतावनी को नज़रन्दाज़ करना हमारे लिए नुकसानदायक ही होता है (यशायाह 63:10; गलतियों 6:8)।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए यह जानना कितना सांत्वनापूर्ण एवं शान्तिदायक है कि परमेश्वर हमारे जीवनों में कार्यरत है, हमें कभी अकेला या असहाय नहीं छोड़ता और वह अपने पवित्र आत्मा द्वारा सदा हमारा मार्गदर्शन करता रहता है (रोमियों 8:26-27)। परमेश्वर द्वारा दिए जाने वाले इन दिशा-निर्देशों के सहारे हम अपने जीवन को उसे भाते रहने वाले मार्गों पर बनाए रख सकते हैं। - रैन्डी किल्गोर


क्योंकि हमारे अन्दर परमेश्वर का पवित्र-आत्मा निवास करता है इसलिए हम कभी असहाय नहीं होते।

यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा। वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा। भजन - 25:8-9

बाइबल पाठ: नीतिवचन 3:1-8
Proverbs 3:1 हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा को न भूलना; अपने हृदय में मेरी आज्ञाओं को रखे रहना; 
Proverbs 3:2 क्योंकि ऐसा करने से तेरी आयु बढ़ेगी, और तू अधिक कुशल से रहेगा। 
Proverbs 3:3 कृपा और सच्चाई तुझ से अलग न होने पाएं; वरन उन को अपने गले का हार बनाना, और अपनी हृदय रूपी पटिया पर लिखना। 
Proverbs 3:4 और तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों का अनुग्रह पाएगा, तू अति बुद्धिमान होगा।
Proverbs 3:5 तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। 
Proverbs 3:6 उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। 
Proverbs 3:7 अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना। 
Proverbs 3:8 ऐसा करने से तेरा शरीर भला चंगा, और तेरी हड्डियां पुष्ट रहेंगी।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 26-27
  • मरकुस 2



गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015

धैर्य


   सैन फ्रैंसिस्को, कैलिफोर्निया में एक व्यक्ति ने अधीर होकर अपना बड़ा नुकसान कर लिया; रुकी हुई कारों की पंक्ति से निकल कर आगे बढ़ जाने की अधीरता में उसने अपनी गाड़ी सड़क के खाली दिख रहे भाग में डाल दी, किंतु सड़क के उस भाग के पुनःनिर्माण के लिए उसपर हाल ही में सीमेंट की मोटी परत डाली गई थी जिसमें उसकी महंगी कार फंस गई और उसे ना केवल गाड़ी को हुए नुकसान का वरन सड़क खराब करने का तथा नियमों के उल्लंघन का भी हर्जाना भरना पड़ा। अधीरता की कीमत बहुत बड़ी होती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी एक ऐसे राजा का वर्णन है जिसकी अधीरता उसके राज-पद से हाथ धो बैठने का कारण बन गई। इस्त्राएलियों के पहले राजा शाऊल ने, इस्त्राएलियों के युद्ध में जाने से पहले, परमेश्वर से आशीष प्राप्त करने के लिए उतावली करी। उस समय के परमेश्वर के नबी शमूएल को आकर परमेश्वर के सम्मुख बलिदान करना तथा इस्त्राएलियों को आशीर्वाद देना था, लेकिन जब शमूएल के आने में देर हुई, तो शाऊल ने परमेश्वर की आज्ञा के विरुद्ध स्वयं ही बलिदान चढ़ा दिया। शाऊल ने अधीरता में होकर यह सोच लिया कि वह परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन कर सकता है और अनधिकृत रीति से पुरोहित का कार्य भी कर सकता है, और उसके द्वारा करी जा रही इस अनाज्ञाकारिता के कोई गंभीर परिणाम नहीं होंगे। लेकिन शाऊल का सोचना गलत था।

   जब शमूएल आया तो उसने शाऊल द्वारा किए गए कार्य को देखकर उसकी अनाज्ञाकारिता तथा अधिरता के लिए उसे डाँटा, और उसे बता दिया कि वह अपना राजपद खो देगा। शाऊल का परमेश्वर की योजना के परिपक्व होने तक प्रतीक्षा करने में उतावली करना, उसके अधीर होकर गलत कार्य करने का कारण हुआ, जो परमेश्वर के प्रति उसके अपूर्ण विश्वास को दिखाता है। यदि हम परमेश्वर को समर्पित जीवन व्यतीत करते हैं तो परमेश्वर की योजनाओं के लिए धैर्य रखना भी सीखें। जब हम धैर्य एवं समर्पण के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित रहेंगे, तो वह हमें सर्वोत्त्म तथा सबसे लाभकारी मार्ग और उस मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन एवं सामर्थ भी देगा। - मार्विन विलियम्स


धैर्य का अर्थ है परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा और उसके प्रेम में विश्वास।

मनुष्य का ज्ञान रहित रहना अच्छा नहीं, और जो उतावली से दौड़ता है वह चूक जाता है। - नीतिवचन 19:2

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 13:5-14
1 Samuel 13:5 और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए, अर्थात तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए; और बेतावेन के पूर्व की ओर जा कर मिकमाश में छावनी डाली। 
1 Samuel 13:6 जब इस्राएली पुरूषों ने देखा कि हम सकेती में पड़े हैं (और सचमुच लोग संकट में पड़े थे), तब वे लोग गुफाओं, झाड़ियों, चट्टानों, गढिय़ों, और गढ़हों में जा छिपे। 
1 Samuel 13:7 और कितने इब्री यरदन पार हो कर गाद और गिलाद के देशों में चले गए; परन्तु शाऊल गिलगाल ही में रहा, और सब लोग थरथराते हुए उसके पीछे हो लिए।
1 Samuel 13:8 वह शमूएल के ठहराए हुए समय, अर्थात सात दिन तक बाट जोहता रहा; परन्तु शमूएल गिलगाल में न आया, और लोग उसके पास से इधर उधर होने लगे। 
1 Samuel 13:9 तब शाऊल ने कहा, होमबलि और मेलबलि मेरे पास लाओ। तब उसने होमबलि को चढ़ाया। 
1 Samuel 13:10 ज्योंही वह होमबलि को चढ़ा चुका, तो क्या देखता है कि शमूएल आ पहुंचा; और शाऊल उस से मिलने और नमस्कार करने को निकला। 
1 Samuel 13:11 शमूएल ने पूछा, तू ने क्या किया? शाऊल ने कहा, जब मैं ने देखा कि लोग मेरे पास से इधर उधर हो चले हैं, और तू ठहराए हुए दिनों के भीतर नहीं आया, और पलिश्ती मिकमाश में इकट्ठे हुए हैं, 
1 Samuel 13:12 तब मैं ने सोचा कि पलिश्ती गिलगाल में मुझ पर अभी आ पड़ेंगे, और मैं ने यहोवा से बिनती भी नहीं की है; सो मैं ने अपनी इच्छा न रहते भी होमबलि चढ़ाया। 
1 Samuel 13:13 शमूएल ने शाऊल से कहा, तू ने मूर्खता का काम किया है; तू ने अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा को नहीं माना; नहीं तो यहोवा तेरा राज्य इस्राएलियों के ऊपर सदा स्थिर रखता। 
1 Samuel 13:14 परन्तु अब तेरा राज्य बना न रहेगा; यहोवा ने अपने लिये एक ऐसे पुरूष को ढूंढ़ लिया है जो उसके मन के अनुसार है; और यहोवा ने उसी को अपनी प्रजा पर प्रधान होने को ठहराया है, क्योंकि तू ने यहोवा की आज्ञा को नहीं माना।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 25
  • मरकुस 1:23-45



बुधवार, 18 फ़रवरी 2015

बलिदान


   इन दिनों में हम आने वाले ईस्टर के उत्सव के बारे में सोचने लग जाते हैं और मेरा ध्यान प्रभु यीशु द्वारा समस्त मानव जाति के पापों की क्षमा और उद्धार के लिए दिए गए बलिदान की ओर जाता है, जिसके द्वारा मेरा और सभी लोगों का परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप होना संभव हो सका। इस बात को समझने के लिए कि प्रभु यीशु को मेरे पापों की क्षमा तथा उद्धार के लिए क्या कुछ बलिदान करना पड़ा, मैं भी अपना एक छोटा बलिदान करती हूँ - उपवास। जब मैं उपवास में उन वस्तुओं का इनकार करती हूँ जो सामान्यतः मुझे अच्छी लगती हैं, तो उन वस्तुओं की प्रत्येक लालसा मुझे स्मरण दिलाती है कि मेरे प्रभु ने मेरे लिए क्या कुछ छोड़ दिया।

   क्योंकि मैं अपने उपवास रूपी बलिदान में सफल रहना चाहती हूँ, इसलिए मैं केवल उन ही वस्तुओं का उपवास रखती हूँ जो मेरे लिए अधिक बड़ा प्रलोभन नहीं हों, लेकिन फिर भी मैं कई बार अपने उपवास में चूक जाती हूँ। इतनी छोटी से बात में भी मेरा असफल रहना मुझे समझाता है कि ईस्टर हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है - यदि हम अपने ही प्रयासों से सिद्ध या सफल हो सकते तो प्रभु यीशु को हमारे बदले अपना बलिदान देने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी; वे केवल निर्देश दे देते और हम कार्य कर लेते!

   प्रभु यीशु के पास एक बहुत धनी युवक आया और अपने भले कार्यों के द्वारा अनन्त जीवन की प्राप्ति का प्रयास करने लगा। प्रभु यीशु ने उससे कहा, कि वह अपने सांसारिक धन को छोड़ कर के स्वर्ग में धन एकत्रित करे; लेकिन उसके लिए यह बलिदान बहुत भारी था और वह निराश होकर लौट गया। प्रभु के चेले यह सब देखकर बड़े विस्मित हुए, तब प्रभु यीशु ने उन्हें समझाया कि मनुष्य अपने आप को कभी ऐसा भला नहीं बना सकता कि पाप से दोषमुक्त हो जाए, "...मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है" (मरकुस 10:27)।

   उपवास या बलिदान में कुछ छोड़ अथवा त्याग देने से कोई भला नहीं हो जाता; यह तो हमें केवल इस बात को स्मरण करवाता है कि कुछ छोड़ने का आभास कैसा होता है। और उस सर्वसिद्ध एवं सर्वोत्तम परमेश्वर प्रभु यीशु ने सांसारिक ही नहीं वरन स्वर्ग का भी वैभव और सुख भी हमारे लिए छोड़ दिया जिससे कि हम उस पर विश्वास कर के उसके द्वारा स्वर्ग में जाने के योग्य बन सकें। हम पापी मनुष्यों के कमज़ोर तथा अपूर्ण बलिदान नहीं वरन उस उत्तम एवं सिद्ध परमेश्वर का पूर्ण बलिदान ही हमारे पापों की क्षमा और उद्धार को संभव कर सकता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु ने हमारे बदले अपने प्राण बलिदान कर दिए।

हे प्रभु यहोवा, तू ने बड़े सामर्थ और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है। - यर्मियाह 32:17

बाइबल पाठ: मरकुस 10:17-27
Mark 10:17 और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उस से पूछा हे उत्तम गुरू, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूं? 
Mark 10:18 यीशु ने उस से कहा, तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक अर्थात परमेश्वर। 
Mark 10:19 तू आज्ञाओं को तो जानता है; हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना। 
Mark 10:20 उसने उस से कहा, हे गुरू, इन सब को मैं लड़कपन से मानता आया हूं। 
Mark 10:21 यीशु ने उस पर दृष्टि कर के उस से प्रेम किया, और उस से कहा, तुझ में एक बात की घटी है; जा, जो कुछ तेरा है, उसे बेच कर कंगालों को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले। 
Mark 10:22 इस बात से उसके चेहरे पर उदासी छा गई, और वह शोक करता हुआ चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था। 
Mark 10:23 यीशु ने चारों ओर देखकर अपने चेलों से कहा, धनवानों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है! 
Mark 10:24 चेले उस की बातों से अचम्भित हुए, इस पर यीशु ने फिर उन को उत्तर दिया, हे बालकों, जो धन पर भरोसा रखते हैं, उन के लिये परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है! 
Mark 10:25 परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है! 
Mark 10:26 वे बहुत ही चकित हो कर आपस में कहने लगे तो फिर किस का उद्धार हो सकता है? 
Mark 10:27 यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 23-24
  • मरकुस 1:1-22



मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

सेवकाई एवं गुण


   मेरी कार स्वचलित गियर वाली है - मुझे आवश्यकतानुसार अपने हाथ द्वारा गियर बदलने नहीं पड़ते, गाड़ी में आवश्यकतानुसार स्वयं ही गियर बदलते रहते हैं; इसलिए उसे चलाते समय केवल मेरे दाहिने पैर को ही एक्सलेरटर दबाने या छोड़ने का कार्य करते रहना पड़ता है, मेरे बाएँ पैर का गाड़ी के चलाने में कोई योगदान नहीं होता। यदि मैं यह सोच लूँ कि गाड़ी चलाने में मेरे दाहिने पैर को ही क्यों मेहनत करते रहना पड़े, आधा समय तो बाएँ पैर को भी एक्सलरेटर पर कार्य करना चाहिए - तो आप क्या कहेंगे? अवश्य ही आप मुझे कहेंगे, कृप्या ऐसा करने का प्रयास भी मत कीजिएगा क्योंकि इसके परिणाम अति हानिकारक होंगे!

   यदि हमें अपने शरीर के सभी अंगों में परस्पर समान कार्य-योग्यता एवं क्षमता की आशा नहीं करते, तो फिर अपने प्रभु यीशु के देह अर्थात मसीही विश्वासियों की मण्डली अर्थात चर्च या कलीसिया के सदस्यों में इसकी आशा क्यों करते हैं? ऐसा भी नहीं है कि यह धारणा रखना आज की ही समस्या हो; प्रथम ईसवीं में रोम में स्थित मसीही विश्वासियों की मण्डली में भी यही समस्या देखने में आ रही थी। उस मण्डली के कुछ लोग अपने आप को अन्य लोगों से बेहतर समझने लगे थे क्योंकि वे कुछ ऐसे कार्य कर रहे थे जो अन्य सदस्य नहीं कर रहे थे (रोमियों 12:3)। प्रेरित पौलुस ने उन्हें लिखी अपनी पत्री में देह के उदाहरण द्वारा समझाया कि जैसे शरीर में सभी अंगों का समान कार्य नहीं होता है, वैसे ही देह के प्रत्येक अंग का भी समान कार्य नहीं होता है, किंतु देह के सुचारू रीति से कार्य करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी अंग परस्पर मिल कर और एक दूसरे के पूरक होकर अपने अपने निर्धारित कार्य भली-भांति करते रहें।

   इसी प्रकार मसीही विश्वासियों की मण्डली, अर्थात चर्च या कलीसिया में भी परमेश्वर ने सभी सदस्यों को अलग अलग कार्य तथा उन कार्यों को करने के लिए अलग अलग गुण दीए हैं। ये सभी गुण किसी के निज उन्नति के प्रयोग के लिए नहीं वरन मिलजुल कर मण्डली की उन्नति के लिए कार्य करने को हैं। जब सभी सदस्य अपनी अपनी ज़िम्मेदारी भली-भांति निभाएंगे तब ही मसीह की देह उन्नति पाएगी। इसलिए हमें यह नहीं देखना है कि कौन कितना और कैसा कार्य कर रहा है, वरन इस बात का ध्यान रखना है कि हम अपने कार्य को भली-भांति कर रहे हैं या नहीं, परमेश्वर द्वारा गिए गए गुणों का सही प्रयोग कर रहे हैं या नहीं।

   दूसरों की ओर नहीं वरन अपने अन्दर दृष्टि डालें और जाँचें कि परमेश्वर द्वारा आपको दी गई सेवकाई एवं गुणों का आप कैसा उपयोग कर रहे हैं; आप मसीही मण्डली की उन्नति में सहयोगी हैं या आपके कारण मण्डली की उन्नति बाधित हो रही है? - सी. पी. हिया


परमेश्वर के कार्यों में हम सब एक ही सेवा तो नहीं कर सकते, किंतु सुनिश्चित रखें कि हम सब परस्पर तालमेल के साथ एक ही उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य करते रहें।

इसलिये तुम भी जब आत्मिक वरदानों की धुन में हो, तो ऐसा प्रयत्न करो, कि तुम्हारे वरदानों की उन्नति से कलीसिया की उन्नति हो। - 1 कुरिन्थियों 14:12

बाइबल पाठ: रोमियों 12:3-13
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे। 
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। 
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे। 
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। 
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे। 
Romans 12:9 प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई में लगे रहो। 
Romans 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। 
Romans 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। 
Romans 12:12 आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो। 
Romans 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 21-22
  • मत्ती 28