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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

अनुपम


   पन्द्रह वर्षीय विलसन बेंटली हिमकणों की जटिल किंतु अद्भुत सुंदरता देखकर उन पर मोहित हो गया। उसकी माँ ने उसे एक पुराना सूक्ष्मदर्शी (microscope) दिया था, जिसके द्वारा वह उन हिमकणों को देखकर उनकी अद्भुत और विशिष्ट रचना के रेखाचित्र बनाया करता था। किंतु क्योंकि वे बहुत तेज़ी से पिघल जाते थे इसलिए वह उनका विवरण पूरी तरह से नहीं बना पाता था। कुछ वर्षों के बाद, 1885 में, उसने सूक्ष्मदर्शी के साथ एक कैमरा जोड़ा, और अनेकों प्रयासों के बाद हिमकण का पहला चित्र लिया। अपने जीवनकाल में बेंटली ने हिमकणों के 5,000 चित्र लिए, और प्रत्येक हिमकण अनुपम था। उसने उन्हें “सुंदरता के छोटे आश्चर्यकर्म” और “बर्फ के फूल” कहा।

   कोई भी दो हिमकण एक समान नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी वे सब एक ही स्रोत से आते हैं। यही बात मसीह यीशु के अनुयायियों के साथ भी है। हम सभी मसीही विश्वासी एक ही सृष्टिकर्ता और उद्धारकर्ता से हैं, परन्तु हम सभी विशिष्ट हैं, भिन्न हैं। परमेश्वर की अद्भुत योजना में उसने भिन्न प्रकार के लोगों को एकसाथ लाकर संगठित पूर्ण बनाया है, और हमें भिन्न वरदान दिए हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में, मसीही विश्वासियों को दिए गए वरदानों के बारे में लिखते हुए, प्रेरित पौलुस ने कहा, “वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है। और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है। और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है” (1 कुरिन्थियों 12:4-6)।

   दूसरों की सहायता तथा परमेश्वर की सेवकाई में अनुपम योगदान कर पाने की क्षमता जो उसने हमें प्रदान की है, और हमारी अनुपम रचना के लिए, परमेश्वर का धन्यवाद हो । - डेनिस फिशर


प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर की प्रेम भरी रचना का अनुपम उदाहरण है।

क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों 2:10

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 12:4-14
1 Corinthians 12:4 वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।
1 Corinthians 12:5 और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।
1 Corinthians 12:6 और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।
1 Corinthians 12:7 किन्‍तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है।
1 Corinthians 12:8 क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्धि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
1 Corinthians 12:9 और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का वरदान दिया जाता है।
1 Corinthians 12:10 फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को आत्माओं की परख, और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना।
1 Corinthians 12:11 परन्तु ये सब प्रभावशाली कार्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।
1 Corinthians 12:12 क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।
1 Corinthians 12:13 क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्‍वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया।
1 Corinthians 12:14 इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 14
  • मत्ती 26:51-75



सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

ज्ञान


   भाषा पर अपनी पुस्तक में, ब्रिटिश राजनयिक, लांसेलौट ओलिफेंट (1881-1965) ने बताया कि बहुत से विद्यार्थी परिक्षा में तो सही उत्तर लिखते हैं, परन्तु उन्हीं उत्तरों को अपने व्यवहार में नहीं लाने पाते हैं। ओलिफेंट ने कहा कि ऐसे अनपचे ज्ञान का कोई लाभ नहीं है।

   लेखक बर्नाबास पाइपर ने इस बात का समानांतर अपने जीवन में देखा, उन्होंने कहा: “मुझे लगता था कि मैं परमेश्वर के निकट हूँ क्योंकि मुझे सभी उत्तर पता थे, परन्तु मैंने अपने आप को इस भ्रम में रखा हुआ था कि यह प्रभु यीशु के साथ संबंध बनाने के समान है।”

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पढ़ते हैं कि एक दिन मंदिर में प्रभु यीशु की बातचीत ऐसे लोगों से हुई जिन्हें लगता था कि उनके पास सभी उत्तर उपलब्ध हैं। वे बड़े गर्व के साथ अपने आप को अब्राहम की संतान तो बताते थे, परन्तु परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करने से इनकार करते थे।

   प्रभु यीशु ने उनसे कहा, “यदि तुम इब्राहीम के सन्तान होते, तो इब्राहीम के समान काम करते” (यूहन्ना 8:39); और वह काम क्या था? अब्राहम ने “यहोवा पर विश्वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धर्म गिना” (उत्पत्ति 15:6)। लेकिन उन लोगों ने प्रभु यीशु की बात फिर भी नहीं सुनी, “...उन्होंने उस से कहा, हम व्यभिचार से नहीं जन्मे; हमारा एक पिता है अर्थात परमेश्वर” (यूहन्ना 8:41)। तब प्रभु यीशु ने प्रत्युत्तर दिया, “जो परमेश्वर से होता है, वह परमेश्वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्वर की ओर से नहीं हो” (पद 47)।

   लेखक बर्नाबास पाइपर ने स्मरण किया कि कैसे उनके लिए सब बिखर गया, और उसके बाद उन्होंने बड़ी गहराई से परमेश्वर के अनुग्रह और प्रभु यीशु के व्यक्तित्व को प्राप्त किया। जब हम परमेश्वर के सत्य के ज्ञान को व्यवहार में लाकर उसे अपने जीवन को परिवर्तित करने देते हैं, तब हम ‘सही उत्तर’ वाले ज्ञान से कहीं अधिक बढ़कर प्राप्त करते हैं; हम सँसार का परिचय प्रभु यीशु से करवाते हैं। - टिम गुस्ताफ्सन


विश्वास परमेश्वर की सच्चाई को स्वीकार करना भर नहीं है, 
वरन परमेश्वर के जीवन को प्राप्त करना है।

तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्हों ने उन की प्रतीति की थी, कहा, यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे। और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा। - यूहन्ना 8:31-32

बाइबल पाठ: यूहन्ना 8:39-47
John 8:39 उन्होंने उन को उत्तर दिया, कि हमारा पिता तो इब्राहीम है: यीशु ने उन से कहा; यदि तुम इब्राहीम के सन्तान होते, तो इब्राहीम के समान काम करते।
John 8:40 परन्तु अब तुम मुझ ऐसे मनुष्य को मार डालना चाहते हो, जिसने तुम्हें वह सत्य वचन बताया जो परमेश्वर से सुना, यह तो इब्राहीम ने नहीं किया था।
John 8:41 तुम अपने पिता के समान काम करते हो: उन्होंने उस से कहा, हम व्यभिचार से नहीं जन्मे; हमारा एक पिता है अर्थात परमेश्वर।
John 8:42 यीशु ने उन से कहा; यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझ से प्रेम रखते; क्योंकि मैं परमेश्वर में से निकल कर आया हूं; मैं आप से नहीं आया, परन्तु उसी ने मुझे भेजा।
John 8:43 तुम मेरी बात क्यों नहीं समझते? इसलिये कि मेरा वचन सुन नहीं सकते।
John 8:44 तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्‍वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है।
John 8:45 परन्तु मैं जो सच बोलता हूं, इसीलिये तुम मेरी प्रतीति नहीं करते।
John 8:46 तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? और यदि मैं सच बोलता हूं, तो तुम मेरी प्रतीति क्यों नहीं करते?
John 8:47 जो परमेश्वर से होता है, वह परमेश्वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्वर की ओर से नहीं हो।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 13
  • मत्ती 26:26-50



रविवार, 11 फ़रवरी 2018

क्षमा


   अपने बेटे के विवाह भोज के समय, मेरे मित्र बॉब ने नवविवाहितों को आने वाले वैवाहिक जीवन के लिए परामर्श और प्रोत्साहन देते हुए एक घटना बताई। उसने निकट के एक शहर के एक फुटबॉल प्रशिक्षक के बारे में बताया, जिसकी टीम अपना एक खेल हार गई थी। अपनी टीम को यह बात याद दिलाते रहने के लिए उसने सारे सप्ताह उनके हारने वाले अंकों को स्कोरबोर्ड पर लगाए रखा। हो सकता है कि यह फुटबॉल में अच्छी रणनीति हो, परन्तु बॉब ने बुद्धिमता से सलाह दी कि विवाह में ऐसा करना बहुत हानिकारक होता है। यदि आपका जोड़ीदार किसी रीति से आपको परेशान या विचलित कर देता है, या आपकी आशा के अनुरूप कार्य नहीं करता है, तो उसकी इस विफलता के बारे में लगातार उसे स्मरण मत दिलाते रहिए। हिसाब रखने के स्कोरबोर्ड से उस बात को हटा दीजिए।

   कितना भला परामर्श! परमेश्वर का वचन बाइबल एक दूसरे से प्रेम रखने और एक दूसरे की गलतियों को नज़रंदाज़ करने के निर्देषों और आज्ञाओं से भरी पड़ी है। हमें स्मरण दिलाया गया है कि प्रेम बुरा नहीं मानता है (1 कुरिन्थियों 13:5), और हमें भी एक दूसरे को वैसे ही क्षमा कर देने को तैयार रहना चाहिए, जैसे परमेश्वर ने हमारे साथ किया है: “और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो” (इफिसियों 4:32)।

   मैं परमेश्वर का बहुत कृतज्ञ और आभारी हूँ कि वह मेरी गलतियों का हिसाब नहीं रखता है। जब भी हम अपनी गलतियों के लिए पश्चाताप करते हैं, वह केवल हमारी गलतियों और अपराधों को क्षमा ही नहीं करता है, वरन उन्हें उतनी दूर कर देता है, जितना पूरब से पश्चिम दूर है (भजन 103:12)। परमेश्वर के साथ क्षमा का अर्थ है कि हमारा पाप न केवल दृष्टि से दूर है, वरन उसके मन से भी हट गया है। परमेश्वर हमें अनुग्रह प्रदान करे कि हम भी औरों को ऐसे ही क्षमा कर सकें जैसे परमेश्वर ने हमें क्षमा किया है। - जो स्टोवैल


वैसे क्षमा करें जैसे परमेश्वर आपको करता है; हिसाब न रखें।

उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। - भजन 103:12  

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:25-32
Ephesians 4:25 इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
Ephesians 4:26 क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।
Ephesians 4:27 और न शैतान को अवसर दो।
Ephesians 4:28 चोरी करने वाला फिर चोरी न करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।
Ephesians 4:29 कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो।
Ephesians 4:30 और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है।
Ephesians 4:31 सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्‍दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।
Ephesians 4:32 और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 11-12
  • मत्ती 26:1-25



शनिवार, 10 फ़रवरी 2018

सर्वप्रथम


   मेरे मित्र के बेटे ने एक दिन अपने स्कूल की पोषाक के ऊपर एक स्पोर्ट्स कमीज़ पहन ली। वह अपनी मनपसंद टीम के लिए, जो उस संध्या एक महत्वपूर्ण खेल खेलने जा रही थी, अपना समर्थन दिखाना चाह रहा था। घर से बाहर निकलने से पहले उस स्पोर्ट्स कमीज़ के ऊपर उसने कुछ और डाल लिया – एक चेन जिसमें लगी लटकन पर लिखा था ‘यीशु’। उसके इस साधारण से कार्य ने एक महत्वपूर्ण और गहरे सत्य को प्रकट किया: हमारे जीवन की प्रत्येक बात में, प्रभु यीशु ही सर्वप्रथम, सर्वोच्च स्थान के हकदार हैं।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु ही “सब वस्‍तुओं में प्रथम है” (कुलुस्सियों 1:17)। प्रभु यीशु समस्त सृष्टि में सर्वोच्च हैं (पद 15-16); और “वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर हैं” (पद 18)। इस बात के कारण उन्हें सब बातों में पहला स्थान मिलना चाहिए।

   जब अपने जीवन की प्रत्येक बात में हम प्रभु यीशु को आदर का सर्वोच्च स्थान देते हैं, तो उसका सत्य हमारे आस-पास के लोगों पर प्रकट हो जाता है। हमें विचार करना चाहिए कि, अपने कार्यस्थल में क्या हम सर्वप्रथम परमेश्वर के लिए कार्य कर रहे हैं या केवल अपने अधिकारी को प्रसन्न करने के लिए? (3:23); औरों के साथ हमारे व्यवहार में हम परमेश्वर के मानकों को कैसे प्रकट करते हैं? (12-14)। क्या अपने जीवन-यापन, अपनी दिनचर्या, अपनी मनपसंद गतिविधियों में हम उसे सर्वप्रथम स्थान देते हैं?

   जब हमारे जीवनों पर प्रभाव डालने वाले सबसे महत्वपूर्ण प्रभु यीशु होंगे, तो हमारे ह्रदयों में उनका सही स्थान – सर्वप्रथम, भी हो जाएगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु को अपने जीवन की हर बात में सर्वप्रथम रखिए।

प्रभु परमेश्वर वह जो है, और जो था, और जो आने वाला है; जो सर्वशक्तिमान है: यह कहता है, कि मैं ही अल्फा और ओमेगा हूं। - प्रकाशितवाक्य 1:8

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:12-20
Colossians 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों।
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।
Colossians 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है।
Colossians 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएं, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।
Colossians 1:17 और वही सब वस्तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
Colossians 1:18 और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे।
Colossians 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे।
Colossians 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 8-10
  • मत्ती 25:31-46



शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

भोजन


   मीट-माउनटेन नामक सुपर-सैंडविच में गोश्त की छः परतें होती हैं। चिकन, बेकन, चीज़ और अन्य कई वस्तुओं से बना यह सैंडविच, दिखने में तो किसी भी रेस्टोरेंट की भोजन सूची में होना चाहिए; परन्तु मीट माउनटेन रेस्टोरेंटों की भोजन सूची में पाया नहीं जाता है। यह उन भोजन व्स्स्तुओं में से एक है जिसके बारे में केवल सोशल मीडिया में पता होता है या फिर जिसे माँग कर बनावाया जाता है। लगता है कि प्रतिस्पर्धा के कारण फास्ट-फूड रेस्टोरेंट अपने जानकर और विशेष ग्राहकों के लिए एक गुप्त भोजन सूची रखने पर विवष हैं।

   जब प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि उनके पास ऐसा भोजन है वे जिसके बारे में जानते नहीं हैं, तो उन शिष्यों को भी लगा होगा कि प्रभु के पास कोई गुप्त भोजन सूची उपलब्ध है (यूहन्ना 4:32)। प्रभु ने उनके असमंजस को भाँप लिया और स्पष्ट किया कि उसका भोजन अपने पिता की इच्छा को पूरा करना और उसे सौंपे गए कार्य को पूरा करना था  (पद 34)।

   प्रभु यीशु तब याकूब के कुएँ के निकट बैठकर सामरी स्त्री से बातचीत कर रहा था, और उसे उस जीवन जल के बारे में बताया था जिसके बारे में उस स्त्री ने कभी सुना भी नहीं था। बातचीत के दौरान प्रभु ने जीवन के लिए उसका स्त्री की अनबुझी प्यास के बारे में अलौकिक समझ प्रकट की। जब प्रभु ने उस स्त्री के सामने अपने आप को प्रकट किया तो तुरंत ही वह अपने घड़े वहीं छोड़कर अपने पड़ौसियों से यह पूछने के लिए भागी चली गई कि “कहीं यही तो मसीह नहीं?” (पद 29)।

   पहले जो गुप्त था, अब सबके लिए उपलब्ध है। प्रभु यीशु का सँसार के सभी लोगों को खुला निमंत्रण है कि वे उसके पास आएँ क्योंकि वह उनके मन की प्रत्येक आवश्यकता की आपूर्ति करने के लिए सक्षम है। जब हम उसके पास आते हैं तो पाते हैं कि वह न केवल हमारी शारीरिक भूख वरन आत्मिक भूख भी तृप्त कर सकता है। उससे मिलने वाला भोजन हर आवश्यकता के लिए काफी है। - मार्ट डीहान


सँसार की आत्मिक भूख को 
केवल जीवित रोटी मसीह यीशु ही तृप्त कर सकता है।

यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। - यूहन्ना 6:35

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4: 27-34
John 4:27 इतने में उसके चेले आ गए, और अचम्भा करने लगे, कि वह स्त्री से बातें कर रहा है; तौभी किसी ने न कहा, कि तू क्या चाहता है? या किस लिये उस से बातें करता है।
John 4:28 तब स्त्री अपना घड़ा छोड़कर नगर में चली गई, और लोगों से कहने लगी।
John 4:29 आओ, एक मनुष्य को देखो, जिसने सब कुछ जो मैं ने किया मुझे बता दिया: कहीं यह तो मसीह नहीं है?
John 4:30 सो वे नगर से निकलकर उसके पास आने लगे।
John 4:31 इतने में उसके चेले यीशु से यह बिनती करने लगे, कि हे रब्बी, कुछ खा ले।
John 4:32 परन्तु उसने उन से कहा, मेरे पास खाने के लिये ऐसा भोजन है जिसे तुम नहीं जानते।
John 4:33 तब चेलों ने आपस में कहा, क्या कोई उसके लिये कुछ खाने को लाया है?
John 4:34 यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजने वाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 6-7
  • मत्ती 25:1-30



गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

फल


   मैं अपने किए को पलट नहीं सकती थी। एक महिला ने मेरे आगे अपनी कार को मार्ग में खड़ा किया और पास रखे डिब्बे में कुछ चीज़ों को डालने के लिए चली गई, जिससे पेट्रोल भरवाने के पम्प तक पहुँचाने का मेरा मार्ग अवरुद्ध हुआ। क्योंकि मैं प्रतीक्षा नहीं करना चाहती थी, इसलिए मैंने क्रोधावेश में जोर से हॉर्न बजाया और अपने गाड़ी को पीछे कर के घुमा कर पेट्रोल पम्प की ओर चली गई। तुरंत ही मुझे अपने इस प्रकार अधीर और क्रोधित होने का बुरा लगा, कि मैं उस महिला के लौटकर अपनी कार को आगे बढ़ा लेने का, जिसमें उसे 30 सेकेंड से अधिक नहीं लगते, प्रतीक्षा नहीं कर सकी। मैंने परमेश्वर से क्षमा माँगी। यह ठीक है कि उसे अपनी गाड़ी निर्धारित स्थान पर खड़ी करनी चाहिए थी, परन्तु मुझे भी तो उस कड़ुवाहट के स्थान पर नम्रता और धीरज दिखाना चाहिए था। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी, वह महिला जा चुकी थी, और अब मैं उससे अपने इस कठोर व्यवहार के लिए क्षमा नहीं माँग सकती थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन नामक पुस्तक में अनेकों ऐसी शिक्षाएँ दी गई हैं जो हमें सिखाती हैं कि जब औरों के द्वारा हमारे मार्ग या योजनाएं बाधित हों, तो हमें कैसे प्रत्युत्तर देना चाहिए। एक स्थान पर लिखा है, “मूढ़ की रिस उसी दिन प्रगट हो जाती है, परन्तु चतुर अपमान को छिपा रखता है” (नीतिवचन 12:16)। एक अन्य में कहा गया है, “मुकद्दमे से हाथ उठाना, पुरूष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं” (20:3)। और यह भी है जो सीधे हृदय को स्पर्श करती है, “मूर्ख अपने सारे मन की बात खोल देता है, परन्तु बुद्धिमान अपने मन को रोकता, और शान्त कर देता है” (29:11)।

   कभी-कभी नम्रता और धैर्य में बढना बहुत कठिन लगता है, परन्तु पौलुस प्रेरित ने बताया है कि ये गुण विक्सित करना परमेश्वर द्वारा संभव है; क्योंकि ये परमेश्वर के पवित्र आत्मा के फल है (गलतियों 5:22-23)। हम अपने व्यवहार में जितना अधिक परमेश्वर के आत्मा के साथ सहयोग करते हैं, उस पर निर्भर होते हैं, उतना अधिक वह हमारे अन्दर अपने फल उत्पन्न करता जाता है।

   हे प्रभु हमें अन्दर से परिवर्तित कीजिए, हमारे अन्दर बहुतायत से अपनी आत्मा के फल उत्पन्न कीजिए! – ऐनी सेटास

                  
परमेश्वर हमारे हृदयों को विशाल करने के लिए हमारे धैर्य की परिक्षा लेता है।

तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। - यूहन्ना 15:16

बाइबल पाठ: गलतियों 5:13-26
Galatians 5:13 हे भाइयों, तुम स्‍वतंत्र होने के लिये बुलाए गए हो परन्तु ऐसा न हो, कि यह स्‍वतंत्रता शारीरिक कामों के लिये अवसर बने, वरन प्रेम से एक दूसरे के दास बनो।
Galatians 5:14 क्योंकि सारी व्यवस्था इस एक ही बात में पूरी हो जाती है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
Galatians 5:15 पर यदि तुम एक दूसरे को दांत से काटते और फाड़ खाते हो, तो चौकस रहो, कि एक दूसरे का सत्यानाश न कर दो।
Galatians 5:16 पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे।
Galatians 5:17 क्योंकि शरीर आत्मा के विरोध में, और आत्मा शरीर के विरोध में लालसा करती है, और ये एक दूसरे के विरोधी हैं; इसलिये कि जो तुम करना चाहते हो वह न करने पाओ।
Galatians 5:18 और यदि तुम आत्मा के चलाए चलते हो तो व्यवस्था के आधीन न रहे।
Galatians 5:19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्‍दे काम, लुचपन।
Galatians 5:20 मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, फूट, विधर्म।
Galatians 5:21 डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं, इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।
Galatians 5:22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,
Galatians 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।
Galatians 5:24 और जो मसीह यीशु के हैं, उन्होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।
Galatians 5:25 यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
Galatians 5:26 हम घमण्‍डी हो कर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह करें।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 4-5
  • मत्ती 24:29-51



बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

शान्ति


   क्लीवलैंड ब्राउन फुटबॉल कल्ब का आजीवन समर्थक होने के कारण मैं निराशाओं से होकर निकलना जानता हूँ। मेरी यह टीम, प्रतिस्पर्धाओं में इस खेल के सर्वोच्च स्तर की चैम्पियनशिप पर कभी न पहुंच पाने वाली चार टीमों में से एक है। परन्तु फिर भी इस टीम के अपने वफादार समर्थक हैं जो वर्ष-प्रतिवर्ष इसके साथ बने रहते हैं। परन्तु क्योंकि इन समर्थकों को अकसर निराशा ही का सामना करना पड़ता है, इसलिए इस टीम के गृह-स्टेडियम को “उदासी का कारखाना” कहा जाता है।

   पाप और निराशाओं से टूटा हुआ यह सँसार भी “उदासी का कारखाना” हो सकता है। यहाँ दिल दुखाने या निराश करने वाली बातों की उपलब्धता का कोई अन्त नहीं है। ये बातें चाहे हमारे अपने चुनावों के कारण हों या हमारे नियंत्रण से बाहर की बातों के कारण।

   परन्तु प्रभु यीशु मसीह के शिष्यों के पास एक अद्भुत आशा है, जो न केवल आने वाले जीवन के लिए है वरन आज के दिन के लिए भी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा, “मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है” (यूहन्ना 16:33)। प्रभु यीशु मसीह द्वारा कहे गए इस कथन में ध्यान कीजिए कि उन्होंने किसी के भी द्वारा अनुभव हो सकने वाले संघर्षों या दुखों में किसी प्रकार की कोई भी कमी के किए जाने का आश्वासन दिए बिना, उन विपरीत और दुखदायी परिस्थितियों का प्रतिरोध, प्रभु से मिलने वाली शान्ति, आनन्द, और अंतिम विजय की प्रतिज्ञाओं से किया है।

   प्रभु यीशु में महान शान्ति उपलब्ध है; इतनी कि सँसार और जीवन से मिलने वाली कितनी भी, किसी भी विचलित या दुखदायी परिस्थिति में से होकर हम सुरक्षित और विजयी निकल सकें। - बिला क्राऊडर


हमारी आशा और शान्ति प्रभु यीशु मसीह में होकर हमें मिलती है।

और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:4

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:28-33
John 16:28 मैं पिता से निकलकर जगत में आया हूं, फिर जगत को छोड़कर पिता के पास जाता हूं।
John 16:29 उसके चेलों ने कहा, देख, अब तो तू खोल कर कहता है, और कोई दृष्‍टान्‍त नहीं कहता।
John 16:30 अब हम जान गए, कि तू सब कुछ जानता है, और तुझे प्रयोजन नहीं, कि कोई तुझ से पूछे, इस से हम प्रतीति करते हैं, कि तू परमेश्वर से निकला है।
John 16:31 यह सुन यीशु ने उन से कहा, क्या तुम अब प्रतीति करते हो?
John 16:32 देखो, वह घड़ी आती है वरन आ पहुंची कि तुम सब तित्तर बित्तर हो कर अपना अपना मार्ग लोगे, और मुझे अकेला छोड़ दोगे, तौभी मैं अकेला नहीं क्योंकि पिता मेरे साथ है।
John 16:33 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 1-3
  • मत्ती 24:1-28