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बुधवार, 4 अप्रैल 2018

बुद्धिमता और अनुग्रह



   अप्रैल 4, 1968 के दिन अमेरिका में मानव-अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले अश्वेत नेता, डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या कर दी गई, जिससे लाखों लोग क्रुद्ध और मायूस हो गए। इंडियानापोलिस शहर में अधिकतर अश्वेत नागरिकों की एक बड़ी भीड़, रॉबर्ट एफ. केनेडी को सुनने के लिए एकत्रित हुई थी। उनमें से अधिकांश को अभी डॉक्टर किंग की हत्या के बारे में पता नहीं चला था, इसलिए केनेडी को उन्हें यह दुखद समाचार भी बताना पड़ा। उन्होंने लोगों से शान्ति बनाए रखने का आग्रह करते हुए, इस हत्या के कारण, न केवल उन लोगों की व्यथा को स्वीकारा वरन उन्हें अपने दुःख का भी स्मरण करवाया, जो उनके भाई राष्ट्रपति जौन एफ. केनेडी की हत्या के कारण उन्हें और उनके परिवार को हुआ था।

   केनेडी ने इस दुःख को व्यक्त करने के लिए एस्क्लेअस (526-456 ईसा पूर्व) की एक प्राचीन  कविता का एक रूप प्रस्तुत किया : 'हमारी निद्रा में भी, पीड़ा जिसे भूला नहीं जा सकता है, बूंद-बूंद करके हमारे हृदयों पर टपकती है, जब तक कि हमारी निराशा में, हमारी इच्छा के न होते हुए भी, परमेश्वर के विस्मयकारी अनुग्रह द्वारा हमें बुद्धिमत्ता प्राप्त होती है'।

   परमेश्वर के विस्मयकारी अनुग्रह द्वारा हमें बुद्धिमत्ता, एक अद्भुत वाक्य है, जिसका अर्थ है कि जीवन की सबसे कठिन परिस्थितियों में भी परमेश्वर का अनुग्रह हमें श्रद्धा से भरकर बुद्धिमत्ता में बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने अपनी पत्री में लिखा, “यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी” (याकूब 1:5)। याकूब ने इससे पहले कहा कि यह बुद्धिमत्ता कठिनाई की मिट्टी में उगती है (पद 2-4), क्योंकि तब हम न केवल परमेश्वर से बुद्धिमत्ता सीखते हैं, वरन परमेश्वर के अनुग्रह में विश्राम पाते हैं। - बिल क्राउडर


परीक्षाओं का अन्धकार परमेश्वर के अनुग्रह को और अधिक ज्योतिर्मय बना देता है।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। - 2 कुरिन्थियों 12:9

बाइबल पाठ: याकूब 1:1-8
James 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं नमस्‍कार पहुंचे।
James 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
James 1:3 तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।
James 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
James 1:5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी।
James 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।
James 1:7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा।
James 1:8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है।


एक साल में बाइबल: 
  • रूत 1-4
  • लूका 8:1-25



मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

सेवा



   सन 1878 में जब स्कॉटलैंड निवासी एलेक्जेंडर मैके अफ्रीका के उस इलाके में मसीही मिशनरी बनकर सेवा करने के लिए आए जो आज यूगांडा कहलाता है, तो उन्होंने सबसे पहले एक लोहारखाना लगाया। वहाँ के लोग कौतूहल के साथ एकत्रित होकर अपने हाथों से कार्य करने वाले इस अजनबी को अचरज से देखा करते थे, क्योंकि वे “जानते” थे कि कार्य करना तो महिलाओं के लिए है। उस समय यूगांडा के पुरुष कभी कार्य नहीं करते थे। वे अन्य गाँवों पर हमले करते थे उर दास बनाने के लिए लोगों को पकड़ कर उन्हें बाहर वालों को बेच देते थे। परन्तु अब उनके सामने यह विदेशी था जो अपने हाथों से कार्य कर के उनके लिए खेती करने के औज़ार बना रहा था।

    मैके के कार्य और जीवन ने गाँव वालों के साथ उनके समबन्ध विकसित किए और वहाँ के राजा मूतेसा के साथ भी उनका परिचय करवाया। मैके ने मूतेसा को चुनौती दी कि वे दास व्यापार को बन्द करे, और उसने ऐसा कर भी दिया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम बसलेल और ओहोलिआब के विषय में पढ़ते हैं कि वे परमेश्वर द्वारा चुने और विशिष्ट गुणों से भरे गए जिससे कि वे अपने हाथों के कार्य के द्वारा परमेश्वर की उपासना के लिए मिलावाला तम्बू और उसका सारा सामान बना सकें (निर्गमन 31:1-11)। जैसे मैके ने किया था, उन्होंने भी परमेश्वर का आदर तथा उस की सेवा अपनी योग्यताओं और गुणों के अनुसार परिश्रम करने के द्वारा की।

   हम अपने कार्य को या तो चर्च का कार्य अथवा सांसारिक कार्य कह कर वर्गीकृत करना चाहते हैं। लेकिन वास्तव में दोनों में कोई भिन्नता नहीं है। परमेश्वर ने हम में से प्रत्येक को ऐसे बनाया है जिससे उसके राज्य के लिए हमारे योगदान अद्वितीय एवँ सार्थक हों। चाहे हमारे पास कहाँ और क्या कार्य करना है, इसके विषय कोई अधिक विकल्प न भी हों, तो भी परमेश्वर की हमारे लिए बुलाहट रहती है कि हम जहाँ भी हैं, जो भी कर रहे हैं, वहीं और उसी के द्वारा परमेश्वर को और निकटता से तथा भरपूरी से जानें, और वह हमें दिखाएगा कि वहीं पर उसकी सेवा कैसे करनी है। - रैंडी किल्गोर


हम जहाँ भी हों, परमेश्वर वहीं पर हमें दिखाएगा कि उसकी सेवा कैसे करें।

यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह। यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा। - भजन 37:3-4

बाइबल पाठ: निर्गमन 31:1-11
Exodus 31:1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
Exodus 31:2 सुन, मैं ऊरी के पुत्र बसलेल को, जो हूर का पोता और यहूदा के गोत्र का है, नाम ले कर बुलाता हूं।
Exodus 31:3 और मैं उसको परमेश्वर की आत्मा से जो बुद्धि, प्रवीणता, ज्ञान, और सब प्रकार के कार्यों की समझ देनेवाली आत्मा है परिपूर्ण करता हूं,
Exodus 31:4 जिस से वह कारीगरी के कार्य बुद्धि से निकाल निकाल कर सब भांति की बनावट में, अर्थात सोने, चांदी, और पीतल में,
Exodus 31:5 और जड़ने के लिये मणि काटने में, और लकड़ी के खोदने में काम करे।
Exodus 31:6 और सुन, मैं दान के गोत्र वाले अहीसामाक के पुत्र ओहोलीआब को उसके संग कर देता हूं; वरन जितने बुद्धिमान है उन सभों के हृदय में मैं बुद्धि देता हूं, जिस से जितनी वस्तुओं की आज्ञा मैं ने तुझे दी है उन सभों को वे बनाएं;
Exodus 31:7 अर्थात मिलापवाला तम्बू, और साक्षीपत्र का सन्दूक, और उस पर का प्रायश्चित्तवाला ढकना, और तम्बू का सारा सामान,
Exodus 31:8 और सामान सहित मेज़, और सारे सामान समेत चोखे सोने की दीवट, और धूपवेदी,
Exodus 31:9 और सारे सामान सहित होमवेदी, और पाए समेत हौदी,
Exodus 31:10 और काढ़े हुए वस्त्र, और हारून याजक के याजक वाले काम के पवित्र वस्त्र, और उसके पुत्रों के वस्त्र,
Exodus 31:11 और अभिषेक का तेल, और पवित्र स्थान के लिये सुगन्धित धूप, इन सभों को वे उन सब आज्ञाओं के अनुसार बनाएं जो मैं ने तुझे दी हैं।


एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 19-21
  • लूका 7:31-50



सोमवार, 2 अप्रैल 2018

मार्ग



   इटालियन कलाकार माईकलेंजलो मेरिसी डा करावाज्जियो (1571-1610) अपने तीक्षण स्वभाव और अपारंपरिक शैली के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कार्यशील साधारण लोगों को नमूना बनाकर संतों के चित्रों को बनाया, और अपने चित्रों में दर्शकों को उस दृश्य का भाग होने का एहसास करवाते थे। प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान के बाद की घटना पर बनाया गया उनका चित्र Supper at Emmaus (इम्माउस में भोजन) में सराय के मालिक को खड़ा हुआ, और प्रभु यीशु तथा उनके दो चेलों को भोजन के लिए मेज़ पर बैठे हुए दिखाया गया; दृश्य उस समय का है जब उन चेलों ने पहचाना कि जो उनके साथ है वह पुनरुत्थान हुआ प्रभु यीशु ही है (लूका 24:31)। चित्र में एक चेला बैठे से खड़ा हो रहा है, जबकि दूसरे की बाहें फ़ैली हुई और हाथ आश्चर्य में खुले हुए हैं।

   लूका, जिसने परमेश्वर के वचन बाइबल में अपने द्वारा लिखे सुसमाचार में इस घटना को दर्ज किया है, बताता है कि ये दो चेले फिर तुरंत यरूशलेम को लौट आए जहाँ उन्हें शेष चेले तथा अन्य लोग एकत्रित मिले, जो कह रहे थे कि “यह सत्य है, प्रभु वास्तव में जी उठा है और शमौन को दिखाई दिया है।” फिर उन दोनों ने बताया कि उनके साथ मार्ग में क्या हुआ, और कैसे रोटी के तोड़ने के समय उन्होंने प्रभु यीशु को पहचाना (पद 33-35)।

   सुप्रसिद्ध मसीही लेखक और प्रचारक ओस्वौल्ड चैम्बर्स ने कहा, “जहाँ हम उसके होने की आशा रखते हैं, प्रभु यीशु वहाँ शायद ही कभी आता है; वह वहाँ प्रगट होता है जहाँ उसके होने की हम सबसे कम आशा रखते हैं, और सदा सबसे कम तर्कसंगत संदर्भ में। एक सेवक प्रभु के प्रति खरा तब ही हो सकता है जब वह उसके अचानक अनपेक्षित आगमन के लिए सदा तैयार रहे।”

   आज हम जिस भी मार्ग पर हों, हम प्रभु यीशु के अपने आप को हम पर नए और आश्चर्जनक तरीकों ने प्रगट करने के लिए तैयार रहें। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु को पाने के लिए हमें उसे ढूँढने के लिए तैयार रहना चाहिए।

मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया। जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। - भजन 34:4-5

बाइबल पाठ: लूका 24:13-35
Luke 24:13 देखो, उसी दिन उन में से दो जन इम्माऊस नाम एक गांव को जा रहे थे, जो यरूशलेम से कोई सात मील की दूरी पर था।
Luke 24:14 और वे इन सब बातों पर जो हुईं थीं, आपस में बातचीत करते जा रहे थे।
Luke 24:15 और जब वे आपस में बातचीत और पूछताछ कर रहे थे, तो यीशु आप पास आकर उन के साथ हो लिया।
Luke 24:16 परन्तु उन की आंखे ऐसी बन्‍द कर दी गईं थी, कि उसे पहिचान न सके।
Luke 24:17 उसने उन से पूछा; ये क्या बातें हैं, जो तुम चलते चलते आपस में करते हो? वे उदास से खड़े रह गए।
Luke 24:18 यह सुनकर, उनमें से क्‍लियुपास नाम एक व्यक्ति ने कहा; क्या तू यरूशलेम में अकेला परदेशी है; जो नहीं जानता, कि इन दिनों में उस में क्या क्या हुआ है?
Luke 24:19 उसने उन से पूछा; कौन सी बातें? उन्होंने उस से कहा; यीशु नासरी के विषय में जो परमेश्वर और सब लोगों के निकट काम और वचन में सामर्थी भविष्यद्वक्ता था।
Luke 24:20 और महायाजकों और हमारे सरदारों ने उसे पकड़वा दिया, कि उस पर मृत्यु की आज्ञा दी जाए; और उसे क्रूस पर चढ़वाया।
Luke 24:21 परन्तु हमें आशा थी, कि यही इस्त्राएल को छुटकारा देगा, और इन सब बातों के सिवाय इस घटना को हुए तीसरा दिन है।
Luke 24:22 और हम में से कई स्‍त्रियों ने भी हमें आश्चर्य में डाल दिया है, जो भोर को कब्र पर गई थीं।
Luke 24:23 और जब उस की लोथ न पाई, तो यह कहती हुई आईं, कि हम ने स्‍वर्गदूतों का दर्शन पाया, जिन्हों ने कहा कि वह जीवित है।
Luke 24:24 तब हमारे साथियों में से कई एक कब्र पर गए, और जैसा स्‍त्रियों ने कहा था, वैसा ही पाया; परन्तु उसको न देखा।
Luke 24:25 तब उसने उन से कहा; हे निर्बुद्धियों, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्‍दमतियों!
Luke 24:26 क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठा कर अपनी महिमा में प्रवेश करे?
Luke 24:27 तब उसने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ कर के सारे पवित्र शास्‍त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया।
Luke 24:28 इतने में वे उस गांव के पास पहुंचे, जहां वे जा रहे थे, और उसके ढंग से ऐसा जान पड़ा, कि वह आगे बढ़ना चाहता है।
Luke 24:29 परन्तु उन्होंने यह कहकर उसे रोका, कि हमारे साथ रह; क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है। तब वह उन के साथ रहने के लिये भीतर गया।
Luke 24:30 जब वह उन के साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी ले कर धन्यवाद किया, और उसे तोड़कर उन को देने लगा।
Luke 24:31 तब उन की आंखे खुल गईं; और उन्होंने उसे पहचान लिया, और वह उन की आंखों से छिप गया।
Luke 24:32 उन्होंने आपस में कहा; जब वह मार्ग में हम से बातें करता था, और पवित्र शास्त्र का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?
Luke 24:33 वे उसी घड़ी उठ कर यरूशलेम को लौट गए, और उन ग्यारहों और उन के साथियों को इकट्ठे पाया।
Luke 24:34 वे कहते थे, प्रभु सचमुच जी उठा है, और शमौन को दिखाई दिया है।
Luke 24:35 तब उन्होंने मार्ग की बातें उन्हें बता दीं और यह भी कि उन्होंने उसे रोटी तोड़ते समय क्योंकर पहचाना।
Luke 24:36 वे ये बातें कह ही रहे ये, कि वह आप ही उन के बीच में आ खड़ा हुआ; और उन से कहा, तुम्हें शान्ति मिले।


एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 16-18
  • लूका 7:1-30



रविवार, 1 अप्रैल 2018

नया आरंभ



   ईस्टर की गाथा में एक बात है जो मेरे अन्दर कौतूहल उत्पन्न करती है: प्रभु यीशु ने अपनी पुनरुथित देह पर क्रूस के निशान क्यों रखे? यह संभव है कि पुनरुत्थान के समय वे जैसी भी देह चाहते वैसी उन्हें मिल जाती, परन्तु फिर भी उन्होंने एक ऐसी देह को चाहा जिसमें क्रूस के निशान थे, ऐसे निशान जिन्हें देखा और छुआ जा सकता है। ऐसा क्यों?

   मेरा मानना है कि ईस्टर की कहानी अधूरी होगी यदि प्रभु यीशु के हाथों, पावों और पंजर में वे निशान न हों (यूहन्ना 20:27)। हम मनुष्य अपने लिए सीधे और चमकते हुए दाँत, झुर्री रहित त्वचा, और देह का सुडौल आदर्श आकार चाहते हैं। हम एक अस्वाभाविक स्थिति, एक सिद्ध देह, की कल्पना करते हैं। परन्तु प्रभु यीशु के लिए मानव तवचा और शरीर में सीमित होकर रहना एक अस्वाभाविक स्थिति थी। उसकी देह के वे निशान इस बात का सदा काल के लिए स्मारक हैं कि हमारे उद्धार के लिए उन्होंने क्या कुछ सहन किया।

   स्वर्ग के परिप्रेक्ष्य से वे निशान सृष्टि के इतिहास की सबसे वीभत्स घटना को दिखाते हैं; चाहे आज वह घटना स्मरण करने की एक बात ही क्यों न बन गई हो। प्रभु यीशु मसीह के मृतकों में से पुनरुत्थान के कारण आज प्रभु के प्रत्येक अनुयायी के लिए यह आश्वासन है कि हमारा प्रत्येक आँसू, हमारा प्रत्येक संघर्ष, हमारा प्रत्येक कष्ट, मित्रों, परिवार जनों और अन्य लोगों से संबंधित हमारी प्रत्येक हृदय-वेदना, एक दिन प्रभु यीशु की देह के उन निशानों के समान हो जाएँगे। निशान कभी जाते नहीं हैं, परन्तु वे दुखते भी नहीं हैं।

   फिर एक ऐसा दिन भी आएगा जब हमारे पास एक नई देह, एक नया आकाश और पृथ्वी होंगे, जहाँ फिर कोई पीड़ा नहीं होगी (प्रकाशितवाक्य 21:4)। हमारे लिए अनन्त काल के लिए नया आरंभ होगा। - फिलिप येन्सी


मसीह यीशु का पुनरुत्थान हमारे भी पुनरुत्थान होने की निश्चितता है।

और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:4

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:12-24
1 Corinthians 15:12 सो जब कि मसीह का यह प्रचार किया जाता है, कि वह मरे हुओं में से जी उठा, तो तुम में से कितने क्योंकर कहते हैं, कि मरे हुओं का पुनरुत्थान है ही नहीं?
1 Corinthians 15:13 यदि मरे हुओं का पुनरुत्थान ही नहीं, तो मसीह भी नहीं जी उठा।
1 Corinthians 15:14 और यदि मसीह भी नहीं जी उठा, तो हमारा प्रचार करना भी व्यर्थ है; और तुम्हारा विश्वास भी व्यर्थ है।
1 Corinthians 15:15 वरन हम परमेश्वर के झूठे गवाह ठहरे; क्योंकि हम ने परमेश्वर के विषय में यह गवाही दी कि उसने मसीह को जिला दिया यद्यपि नहीं जिलाया, यदि मरे हुए नहीं जी उठते।
1 Corinthians 15:16 और यदि मुर्दे नहीं जी उठते, तो मसीह भी नहीं जी उठा।
1 Corinthians 15:17 और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो तुम्हारा विश्वास व्यर्थ है; और तुम अब तक अपने पापों में फंसे हो।
1 Corinthians 15:18 वरन जो मसीह मे सो गए हैं, वे भी नाश हुए।
1 Corinthians 15:19 यदि हम केवल इसी जीवन में मसीह से आशा रखते हैं तो हम सब मनुष्यों से अधिक अभागे हैं।
1 Corinthians 15:20 परन्तु सचमुच मसीह मुर्दों में से जी उठा है, और जो सो गए हैं, उन में पहिला फल हुआ।
1 Corinthians 15:21 क्योंकि जब मनुष्य के द्वारा मृत्यु आई; तो मनुष्य ही के द्वारा मरे हुओं का पुनरुत्थान भी आया।
1 Corinthians 15:22 और जैसे आदम में सब मरते हैं, वैसा ही मसीह में सब जिलाए जाएंगे।
1 Corinthians 15:23 परन्तु हर एक अपनी अपनी बारी से; पहिला फल मसीह; फिर मसीह के आने पर उसके लोग।
1 Corinthians 15:24 इस के बाद अन्‍त होगा; उस समय वह सारी प्रधानता और सारा अधिकार और सामर्थ्य का अन्‍त कर के राज्य को परमेश्वर पिता के हाथ में सौंप देगा।


एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 13-15
  • लूका 6:27-49



शनिवार, 31 मार्च 2018

त्यागे हुए



   रूसी लेखक फोएडर दोस्तोवस्की ने कहा, “किसी समाज की सभ्यता को उसके कैदखानों में जाने से पहचाना जा सकता है।” इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने एक लेख पढ़ा “सँसार के 8 सबसे खतरनाक कैदखाने।” इनमें से एक कैदखाना ऐसा है जिसमें का प्रत्येक कैदी एकांत कारावास में रखा गया है।

   हम मनुष्यों को, समाज में रहने और परस्पर संबंध रखने के लिए बनाया गया है, न कि एकांत के लिए। इसीलिए एकांत कारावास इतना कठोर दण्ड है।

   क्रूस पर चढ़ाए जाने के पश्चात प्रभु यीशु का परमेश्वर पिता से अनन्त संबंध का टूटना, उस परिस्थिति का वह एकांत उनकी सबसे भयानक वेदना थी; और इसीलिए, “तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” (मत्ती 27:46)। हमारे पापों के बोझ तले दबे हुए उन्होंने हर पीड़ा को सहा और अपना जीवन बलिदान किया। वहाँ क्रूस पर मसीह यीशु अचानक ही अकेले, त्यागे हुए, परमेश्वर के साथ अपने संबंध से कटे हुए हो गए। परन्तु उनकी इस एकांत की यातना सहन करने से हम मनुष्यों के लिए परमेश्वर पिता से यह प्रतिज्ञा मिली: “...उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा” (इब्रानियों 13:5)।

   प्रभु यीशु ने क्रूस पर त्यागे जाने की और शारीरिक पीड़ा को सहा ताकि हम मनुष्यों को कभी परमेश्वर का त्यागा हुआ न रहना पड़े। आज भी प्रभु यीशु के बलिदान में लाया गया विश्वास, उसके नाम में सच्चे मन से किया गया पापों से पश्चाताप, आपको त्यागे हुए से सदा काल के लिए परमेश्वर का अपनाया हुआ बना देगा। - बिल क्राउडर


जो प्रभु यीशु के हो गए हैं वे कभी अकेले नहीं हो सकते हैं।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: भजन 22:1-10
Psalms 22:1 हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहां है?
Psalms 22:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूं परन्तु तू उत्तर नहीं देता; और रात को भी मैं चुप नहीं रहता।
Psalms 22:3 परन्तु हे तू जो इस्राएल की स्तुति के सिहांसन पर विराजमान है, तू तो पवित्र है।
Psalms 22:4 हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था।
Psalms 22:5 उन्होंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए।
Psalms 22:6 परन्तु मैं तो कीड़ा हूं, मनुष्य नहीं; मनुष्यों में मेरी नामधराई है, और लोगों में मेरा अपमान होता है।
Psalms 22:7 वह सब जो मुझे देखते हैं मेरा ठट्ठा करते हैं, और ओंठ बिचकाते और यह कहते हुए सिर हिलाते हैं,
Psalms 22:8 कि अपने को यहोवा के वश में कर दे वही उसको छुड़ाए, वह उसको उबारे क्योंकि वह उस से प्रसन्न है।
Psalms 22:9 परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला; जब मैं दूधपिउवा बच्च था, तब ही से तू ने मुझे भरोसा रखना सिखलाया।
Psalms 22:10 मैं जन्मते ही तुझी पर छोड़ दिया गया, माता के गर्भ ही से तू मेरा ईश्वर है।


एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 11-12
  • लूका 6:1-26



शुक्रवार, 30 मार्च 2018

जी उठा



   स्टिग कर्नेल ने अपनी मृत्यु से पूर्व अंतिम संस्कार की प्रक्रियाओं के प्रबंधन करने वालों से कहा के उनकी कब्र पर रखे जाने वाले पत्थर पर पारंपरिक वाक्य न लिखे जाएँ, परंतु केवल तीन शब्द “मैं मर गया” लिखा जाए। जब 92 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हुई, तब ऐसा ही किया गया। उनकी मृत्यु की सूचना के इस अपारंपरिक, साधारण से परन्तु दुःसाहसी वाक्य ने सँसार भर के समाचारपत्रों का ध्यान खींचा। इससे जागृत हुई अंतराष्ट्रीय जिज्ञासा ने उनकी इच्छा के विपरीत, उनकी मृत्यु के प्रति अनेपक्षित रुचि उत्पन्न कर दी।

   जब प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था, तो उनकी मृत्यु की सूचना कुछ इस प्रकार की हो सकती थी, “वह मर गया।” किन्तु तीन दिन के पश्चात, वह सूचना समाचार पत्रों के लिए एक प्रथम-पृष्ठ का समाचार, “वह जी उठा!” में परिवर्तित हो जाती। परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड का अधिकांश भाग प्रभु यीशु के पुनरुत्थान, तथा उस घटना की घोषणा, प्रभाव एवँ तात्पर्य को समझाता है। “मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा?... हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं” (रोमियों 8:34-37)।

   प्रभु यीशु की मृत्यु की तीन शब्दों सूचना, “वह मर गया” अब अनन्तकाल के लिए स्तुति और आराधना में परिवर्तित हो गई है – “वह जी उठा है” – वह हमारे उद्धार और परमेश्वर के साथ हमारा मेल करवाने के लिए वास्तव में जी उठा है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु ने अपना जीवन हमारे जीवन के लिए बलिदान किया।

पर अब हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु के प्रगट होने के द्वारा प्रकाश हुआ, जिसने मृत्यु का नाश किया, और जीवन और अमरता को उस सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान कर दिया। - 2 तिमुथियुस 1:10

बाइबल पाठ: रोमियों 8:28-39
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों के समान गिने गए हैं।
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई,
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।


एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 9-10
  • लूका 5:17-39



गुरुवार, 29 मार्च 2018

कुचला हुआ



   यदि आप गलील की झील के किनारे बसे हुए कफरनहूम शहर जाएँ तो वहाँ आपको नुमाइश के लिए रखे गए, जैतून को दबा कर तेल निकालने वाले प्राचीन कोल्हू देखने को मिलेंगे। ये कोल्हू वहाँ के पत्थर से बने हैं, इनके दो भाग होते हैं: एक आधार और दूसरा एक पहिया या चाक। आधार चौड़ा, गोलाकार होता है और उसमें चाक के चलने के लिए एक नांद बनी होती है। जैतून के बीजों को इस नांद में डालकर उनके ऊपर पत्थर की वह भारी चाक घुमाई जाती थी, जिससे कुचल कर जैतून के बीजों से तेल बाहर आ जाता था।

   अपने मारे जाने से पूर्व की रात को प्रभु यीशु जैतून के पहाड़ पर गए, जहाँ से यरुशलेम शहर दिखाई देता था, और वहाँ गतसमानी के बाग़ में, उन्होंने टूट कर परमेश्वर पिता से प्रार्थना की, यह जानते हुए कि उनके आगे क्या अनुभव रखा है।

   गतसमनी शब्द का अर्थ है “जैतून का कोल्हू” – और यह प्रभु यीशु मसीह के हमारे उद्धार के लिए दिए गए बलिदान के उस आरंभिक समय को भली-भांति दिखाता है – कैसे वह हमारे लिए कुचला गया। उस बाग़ में “वह अत्यन्‍त संकट में व्याकुल हो कर और भी हृदय वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लोहू की बड़ी बड़ी बून्‍दों के समान भूमि पर गिर रहा था” (लूका 22:44)।

   प्रभु यीशु ने सारे सँसार के सभी लोगों के पापों के लिए लिए यातनाएं सहीं और बलिदान हुए (यूहन्ना 1:29), जिससे परमेश्वर पिता के साथ हमारा समबन्ध पुनःस्थापित हो जाए “निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं” (यशायाह 53:4-5)।

   हमारे लिए अपनी आप को कुचले जाने के लिए दे देने वाले उस जगत के उद्धारकर्ता के प्रति हमारे मन आराधना और कृतज्ञता से भरे हुए हैं। - बिल क्राउडर


मेरे पाप सब मिट गए, अब मैं स्वतंत्र हूँ – 
यह सब केवल इसलिए क्योंकि यीशु मेरे बदले घायल हुए। - डब्ल्यू. जी. ओवेंस

दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है। - यूहन्ना 1:29

बाइबल पाठ: मरकुस 14:32-39
Mark 14:32 फिर वे गतसमने नाम एक जगह में आए, और उसने अपने चेलों से कहा, यहां बैठे रहो, जब तक मैं प्रार्थना करूं।
Mark 14:33 और वह पतरस और याकूब और यूहन्ना को अपने साथ ले गया: और बहुत ही अधीर, और व्याकुल होने लगा।
Mark 14:34 और उन से कहा; मेरा मन बहुत उदास है, यहां तक कि मैं मरने पर हूं: तुम यहां ठहरो, और जागते रहो।
Mark 14:35 और वह थोड़ा आगे बढ़ा, और भूमि पर गिरकर प्रार्थना करने लगा, कि यदि हो सके तो यह घड़ी मुझ पर से टल जाए।
Mark 14:36 और कहा, हे अब्‍बा, हे पिता, तुझ से सब कुछ हो सकता है; इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले: तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, पर जो तू चाहता है वही हो।
Mark 14:37 फिर वह आया, और उन्हें सोते पाकर पतरस से कहा; हे शमौन तू सो रहा है? क्या तू एक घड़ी भी न जाग सका?
Mark 14:38 जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, पर शरीर दुर्बल है।
Mark 14:39 और वह फिर चला गया, और वही बात कहकर प्रार्थना की।


एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 7-8
  • लूका 5:1-16