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सोमवार, 28 मई 2018

समझ



   डेविड डिल्लर्ड एक आर्कीटेक्ट हैं, और अपने साथ कार्य करने वाले युवा आर्किटेक्ट्स को, उन लोगों की आवश्यकताएँ समझाने के लिए जिनके लिए वे भवन निर्माण की रूपरेखाएँ बनाते हैं, डिल्लर्ड उन्हें कुछ समय उन लोगों के साथ बिताने के लिए भेजते हैं। 80 और 90 वर्ष की आयु के बुजुर्गों की आवश्यकताओं को समझाने के लिए, उन्होंने अपने युवा आर्किटेक्ट्स को एक वृद्ध आश्रम में जाकर रहने और समय बिताने के लिए भेजा। उन युवा आर्किटेक्ट्स ने वहाँ जाकर उन वृद्धों के समान पजामे पहने, सुनना कम करने के लिए कानों में प्लग्स लगाए, हाथों के काम करने की क्षमता को कम करने के लिए ऊंगलियों को परस्पर टेप से बाँध लिया और कमज़ोर दृष्टि का आभास लेने के लिए चश्मे पहने। डिल्लर्ड का कहना है कि इससे होने वाला सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि मैं इन अनुभवों को लेने के लिए 27 वर्षीय युवाओं को भेजता हूँ, और जब वे लौट कर आते हैं तो उनका हृदय दस गुणा बड़ा हो चुका होता है। जब वे लोगों से मिलते हैं, तब ही वे उनकी समस्याओं को समझने पाते हैं। (रौडनी ब्रुक्स, यूएसए टुडे)

   प्रभु यीशु इस पृथ्वी पर 33 वर्ष तक मनुष्य बनकर रहे, और सभी मनुष्यों के समान कठिनाईयों का सामना किया, उनका अनुभव किया। वे हमारे समान पूर्णतयाः मनुष्य थे (इब्रानियों 2:17), इसलिए वे भली-भांति समझते हैं कि इस पृथ्वी पर मनुष्य बनकर रहना कैसा अनुभव होता है। वे हमारे संघर्षों को समझते हैं, और हमारी परिस्थितियों में समझ के साथ हमारे साथ-साथ चलते हैं।

   क्योंकि जब उसने परीक्षा की दशा में दुख उठाया, तो वह उन की भी सहायता कर सकता है, जिन की परीक्षा होती है” (इब्रानियों 2:18)। प्रभु क्रूस पर चढ़ाए जाने से बच सकते थे, परन्तु वे परमेश्वर पिता के आज्ञाकारी रहे। अपनी मृत्यु के द्वारा, उन्होंने शैतान की शक्ति को तोड़ डाला, और हमें मृत्यु के भय से छुड़ा लिया (आयतें 14-15)।

   हमारे प्रत्येक परिक्षा, परिस्थिति और संघर्ष में प्रभु यीशु हमारे साथ-साथ बने रहते हैं, हमें सांत्वना, साहस और सामर्थ्य देते हैं। वे हमें तथा हमारे प्रत्येक आवश्यकता को भली-भांति समझते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु सब समझते हैं।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: इब्रानियों 2:10-18
Hebrews 2:10 क्योंकि जिस के लिये सब कुछ है, और जिस के द्वारा सब कुछ है, उसे यही अच्छा लगा कि जब वह बहुत से पुत्रों को महिमा में पहुंचाए, तो उन के उद्धार के कर्ता को दुख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।
Hebrews 2:11 क्योंकि पवित्र करने वाला और जो पवित्र किए जाते हैं, सब एक ही मूल से हैं: इसी कारण वह उन्हें भाई कहने से नहीं लजाता।
Hebrews 2:12 पर कहता है, कि मैं तेरा नाम अपने भाइयों को सुनाऊंगा, सभा के बीच में मैं तेरा भजन गाऊंगा।
Hebrews 2:13 और फिर यह, कि मैं उस पर भरोसा रखूंगा; और फिर यह कि देख, मैं उन लड़कों सहित जिसे परमेश्वर ने मुझे दिए।
Hebrews 2:14 इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे।
Hebrews 2:15 और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले।
Hebrews 2:16 क्योंकि वह तो स्‍वर्गदूतों को नहीं वरन इब्राहीम के वंश को संभालता है।
Hebrews 2:17 इस कारण उसको चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिस से वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बन्‍ध रखती हैं, एक दयालु और विश्वास योग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्‍चित्त करे।
Hebrews 2:18 क्योंकि जब उसने परीक्षा की दशा में दुख उठाया, तो वह उन की भी सहायता कर सकता है, जिन की परीक्षा होती है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 10:24-42



रविवार, 27 मई 2018

शान्ति



   मेरी अभ्यास कक्षा में मेरी एक परिचित ने कहा, “मुझे अचरज नहीं है कि तुम रिट्रीट्स का संचालन करती हो; तुम पर भली आभा है।” मुझे उसकी टिप्पणी से झटका सा तो लगा, परन्तु मैं प्रसन्न भी हुई क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि उसे जो मुझमें “आभा” दिखाई दे रही थी, वह मसीह की शान्ति थी। हम जब प्रभु यीशु का अनुसरण करते हैं तो वह हमें हमारी समझ से परे शान्ति प्रदान करता है (फिलिप्पियों 4:7), और चाहे हम उसके बारे में अवगत न भी हों, वह हम मसीही विश्वासियों के अन्दर से निकलती है।

   प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों के लिए इस शान्ति की प्रतिज्ञा की थी जब उनके साथ अंतिम भोज के समय वह उन्हें अपने मारे जाने और पुनरुत्थान के लिए तैयार कर रहा था। प्रभु ने शिष्यों से कहा कि यद्यपि सँसार में उन्हें कष्ट होगा परन्तु परमेश्वर पिता उनके अन्दर निवास करने के लिए सत्य की आत्मा को भेजेंगे जो उनके साथ तथा उनमें निवास करेगा (यूहन्ना 14:16-17)। यह पवित्र आत्मा उन्हें सिखाएगा और प्रभु के सत्य स्मरण करवाएगा; उन्हें सांतवना देगा, और अपनी शान्ति उन में डालेगा। यद्यपि शीघ्र ही उन्हें परीक्षाओं का सामना करना पड़ेगा – धर्म के अगुवों से कठोर विरोध और प्रभु को क्रूस पर चढ़ाया जाना देखना पड़ेगा – प्रभु ने उन्हें कहा कि वे भयभीत न हों। पवित्र आत्मा की उपस्थिति सदा उनके साथ बनी रहेगी।

   परमेश्वर की सन्तान होने पर भी हम मसीही विश्वासियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, परन्तु परमेश्वर का आत्मा हम में निवास करता है, और हम में होकर सँसार के लोगों पर प्रकट होता है। हम जिससे भी मिलें, चाहे स्थानीय बाज़ार में, या स्कूल अथवा कार्य क्षेत्र में, या व्यायामशाला में, हम में से निकलने वाली परमेश्वर की शान्ति उनके लिए परमेश्वर की साक्षी हो सकती है। - एमी बाउचर पाई


जब हम अपने मन परमेश्वर पर लगाए रहते हैं, 
उसकी आत्मा हमारे मनों को शान्त रखती है।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? - 1 कुरिन्थियों 3:16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:16-27
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे।
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।
John 14:22 उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्या हुआ की तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं।
John 14:23 यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।
John 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिसने मुझे भेजा।
John 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं।
John 14:26 परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
John 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23



शनिवार, 26 मई 2018

भेड़



   जब मैं अपने दादाजी के साथ उत्तरी घाना में रहता था, तब मेरा रोज का कार्य था भेड़ों की देख-भाल करना। प्रति प्रातः मैं उन्हें चराने के लिए ले जाता और संध्या को उन्हें लेकर लौटता। उस समय मैंने इस बात पर पहली बार ध्यान दिया कि भेड़ कितनी ढीठ हो सकती हैं। जब भी उन्हें कोई खेत दिखाई देते, वे उसमें जाने के प्रयास करतीं, जिससे अनेकों बार मुझे किसानों के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ा।

   कभी-कभी जब मैं थका हुआ होता और किसी पेड़ की छाया में विश्राम कर रहा होता तो मैं देखता के भेड़ें तित्तर-बित्तर होकर झाड़ियों में घुस रही हैं और पहाडियों की ओर जा रही हैं। मुझे उनके पीछे भागना पड़ता जिससे मेरी टांगें झाड़ियों से छिल जातीं। मुझे उन्हें पशुओं के खतरों और मुसीबत से बचाए रखने के लिए बहुत परिश्रम करना पड़ता, विशेषतया तब जब पशुओं को चुराने वाले चोर भटकी हुई भेड़ों को चुराने के लिए हमले करते।

   इसलिए मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा कही गई बात, “हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया” (यशायाह 53:6) को भली-भांति समझ सकता हूँ। हम अनेकों तरह से भटक जाते हैं, जैसे कि: जो प्रभु को पसन्द नहीं है उसकी लालसा तथा व्यवहार करने के द्वारा, अपने व्यवहार द्वारा औरों को आहत करके, और क्योंकि हम बहुत व्यस्त हैं या क्योंकि हमारी रुचि नहीं है इसलिए परमेश्वर तथा उसके वचन के साथ समय बिताने में ध्यान न लगाने के द्वारा। हम मैदान में भेड़ों के समान आचरण करते हैं।

   यह हमारा सौभाग्य है कि हमारा एक अच्छा चरवाहा है, जिसने हमारे लिए अपने प्राण दिए (यूहन्ना 10:11), और जो हमारे पापों और दुखों को अपने ऊपर उठाए रहता है (यशायाह 53:4-6)। और हमारा चरवाहा होने के नाते, वह हमें सुरक्षित चारागाहों में वापस बुलाता है जिससे हम अधिक निकटता के साथ उसका अनुसरण कर सकें। - लॉरेंस दरमानी


यदि आप चाहते हैं कि परमेश्वर आपकी अगुवाई करे, 
तो उसके पीछे चलने को भी तैयार रहें।

मेरी प्रजा खोई हुई भेडें हैं; उनके चरवाहों ने उन को भटका दिया और पहाड़ों पर भटकाया है; वे पहाड़-पहाड़ और पहाड़ी-पहाड़ी घूमते-घूमते अपने बैठने के स्थान को भूल गई हैं। - यिर्मयाह 50:6

बाइबल पाठ: यशायाह 53: 1-12
Isaiah 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
Isaiah 53:2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।
Isaiah 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
Isaiah 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
Isaiah 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।
Isaiah 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Isaiah 53:7 वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला।
Isaiah 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी।
Isaiah 53:9 और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
Isaiah 53:10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।
Isaiah 53:11 वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा।
Isaiah 53:12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 28-29
  • यूहन्ना 9:24-41



शुक्रवार, 25 मई 2018

पुनरुत्थान


   हम लोग जो मिशिगन प्रांत में रहते हैं, उन्हें ठण्डी, बर्फीली शरद ऋतु में, आने वाले बसंत ऋतु की आशा संभाले रहती है। मई के महीन में हमारी आशा का परिणाम सामने आता है; और होने वाला परिवर्तन अद्भुत होता है। वे पेड़ और उनकी डालियाँ जो 1 मई को निर्जीव ठूँठ प्रतीत होते हैं, वे माह का अन्त होते-होते हरी भरी डालियाँ बनकर लहलहाने लगते हैं। यद्यपी एक से दूसरे दिन तक कोई परिवर्तन होता हुआ प्रतीत नहीं होता है, परन्तु माह के अन्त तक मेरे आँगन के पेड़ निर्जीव दिखने की बजाए से सजीव दिखने लग जाते हैं।

   परमेश्वर ने अपनी सृष्टि में विश्राम और नवीनीकरण का चक्र बनाया है। हमें जो मृत्यु प्रतीत होता है, वह परमेश्वर के लिए विश्राम है। जैसे विश्राम नवीनीकरण के लिए तैयारी का समय है, वैसे ही मृत्यु पुनरुत्थान के लिए तैयारी है।

   प्रतिवर्ष जंगलों के हरे होने को देखना मुझे बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि यह मुझे स्मरण करवाता है कि हम मसीही विश्वासियों के लिए मृत्यु एक अस्थायी दशा है, जिसका उद्देश्य हमें नए जीवन, नए आरंभ, कुछ अति उत्तम के लिए तैयार करना है। प्रभु यीशु ने कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है” (यूहन्ना 12:24)।

   यद्यपि, बसंत ऋतु के आने पर फूलों से निकलने वाले पराग-कण परेशान करते हैं – हमारे फर्नीचर और सामान पर छा जाते हैं, लोगों में एलर्जी और छींकना उत्पन्न करते हैं, परन्तु वे मुझे यह भी स्मरण करवाते हैं कि परमेश्वर जीवन प्रदान करने में कार्य-रत है। परमेश्वर की सारे जगत के सभी लोगों से अटल प्रतिज्ञा है कि जो भी उसके पुत्र प्रभु यीशु पर विश्वास लाएगा, अपने पापों से पश्चाताप करके अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर देगा उसे वह मृत्यु की पीड़ा के पश्चात, एक परम-आनन्द के स्थान में अनन्तकाल के लिए महिमामय पुनरुत्थान प्रदान करेगा। - जूली एकरमैन लिंक


बसंत का प्रत्येक नया पत्ता हमारे पुनरुत्थान की प्रतिज्ञा का स्मरण है।

मैं तुम से सच सच कहता हूं, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजने वाले की प्रतीति करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार हो कर जीवन में प्रवेश कर चुका है। - यूहन्ना 5:24

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:14-27
John 11:14 तब यीशु ने उन से साफ कह दिया, कि लाजर मर गया है।
John 11:15 और मैं तुम्हारे कारण आनन्‍दित हूं कि मैं वहां न था जिस से तुम विश्वास करो, परन्तु अब आओ, हम उसके पास चलें।
John 11:16 तब थोमा ने जो दिदुमुस कहलाता है, अपने साथ के चेलों से कहा, आओ, हम भी उसके साथ मरने को चलें।
John 11:17 सो यीशु को आकर यह मालूम हुआ कि उसे कब्र में रखे चार दिन हो चुके हैं।
John 11:18 बैतनिय्याह यरूशलेम के समीप कोई दो मील की दूरी पर था।
John 11:19 और बहुत से यहूदी मारथा और मरियम के पास उन के भाई के विषय में शान्‍ति देने के लिये आए थे।
John 11:20 सो मारथा यीशु के आने का समचार सुनकर उस से भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही।
John 11:21 मारथा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
John 11:22 और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा।
John 11:23 यीशु ने उस से कहा, तेरा भाई जी उठेगा।
John 11:24 मारथा ने उस से कहा, मैं जानती हूं, कि अन्‍तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।
John 11:25 यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।
John 11:26 और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?
John 11:27 उसने उस से कहा, हां हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूं, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23


गुरुवार, 24 मई 2018

चालक


   वायु-यान की एक आरामदेह उड़ान में शीघ्र ही गड़बड़ी होने वाली थी। उड़ान के  दौरान दी जाने वाली खाना-पान सेवा को रोकते हुए वायु-यान के कप्तान ने घोषणा की कि सभी यात्री अपने स्थानों को ग्रहण कर लें और अपने सीट-बेल्ट बाँध लें। शीघ्र ही वायु-यान समुद्र एक जहाज़ के समान हिचकोले लेने लगा। सभी यात्री इन हिचकोलों में अपने आप को स्थिर बनाए रखने के प्रयास कर रहे थे, अपनी घबराहट को दबाने के प्रयास कर रहे थे। ऐसे में एक बालिका शान्ति से अपनी सीट पर बैठी, अपनी पुस्तक पढ़ रही थी, मनो कुछ हो ही नहीं रहा था। वायु-यान के सुरक्षित ज़मीन पर उतरने के पश्चात उस बालिका से पूछा गया कि वह इतनी शान्त कैसे बनी रही? उसने उत्तर दिया, “वायु-यान के चालक मेरे पिताजी हैं, और वे मुझे घर लेकर जा रहे हैं; तो फिर मुझे किस बात का डर होगा?”

   परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में, मरकुस रचित सुसमाचार में हम प्रभु यीशु मसीह और उनके शिष्यों के साथ हुई घटना के विषय में पढ़ते हैं, जब एक तूफ़ान ने उन अनुभवी मछुआरों की नाव को डुबोने का प्रयास किया। यद्यपि वे शिष्य प्रभु यीशु के निर्देशानुसार नाव में जा रहे थे, तो फिर उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा था? (मरकुस 4:35-38)। प्रभु यीशु उनके साथ था, परन्तु नाव के पिछले भाग में सो रहा था। उस दिन उस घटना से उन शिष्यों ने सीखा कि यदि वे प्रभु की आज्ञानुसार भी करेंगे, तो भी जीवन में तूफानों का सामना करना पड़ेगा। परन्तु क्योंकि प्रभु उनके साथ था, इसलिए कोई भी तूफ़ान उन्हें उनके प्रभु द्वारा निर्धारित गंतव्य तक पहुँचने से रोक नहीं पाएगा (5:1)।

   आज आपके जीवन में कोई भी तूफ़ान हो, वह चाहे किसी त्रासदी या दुर्घटना के कारण हो, चाहे नौकरी के चले जाने के कारण हो, या अन्य कोई भी परिक्षा अथवा परिस्थिति हो, हम मसीही विश्वासी सदा आश्वस्त रह सकते हैं कि किसी तूफ़ान से हमारी कोई हानि नहीं होगी। हमारे जीवनों का चालक, किसी भी तूफ़ान का सामना कर सकता है, हमारी जीवन-नैया को सुरक्षित पार लगा सकता है, हमें हमारे अनन्तकाल के निवास-स्थान पहुँचा सकता है। - सी. पी. हिया


जब प्रभु यीशु मसीह हमारे साथ है 
तो हमें किसी तूफ़ान से डराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: मरकुस 4:35-5:1
Mark 4:35 उसी दिन जब सांझ हुई, तो उसने उन से कहा; आओ, हम पार चलें,
Mark 4:36 और वे भीड़ को छोड़कर जैसा वह था, वैसा ही उसे नाव पर साथ ले चले; और उसके साथ, और भी नावें थीं।
Mark 4:37 तब बड़ी आन्‍धी आई, और लहरें नाव पर यहां तक लगीं, कि वह अब पानी से भरी जाती थी।
Mark 4:38 और वह आप पिछले भाग में गद्दी पर सो रहा था; तब उन्होंने उसे जगाकर उस से कहा; हे गुरू, क्या तुझे चिन्‍ता नहीं, कि हम नाश हुए जाते हैं?
Mark 4:39 तब उसने उठ कर आन्‍धी को डांटा, और पानी से कहा; “शान्‍त रह, थम जा”: और आन्‍धी थम गई और बड़ा चैन हो गया।
Mark 4:40 और उन से कहा; तुम क्यों डरते हो? क्या तुम्हें अब तक विश्वास नहीं?
Mark 4:41 और वे बहुत ही डर गए और आपस में बोले; यह कौन है, कि आन्‍धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं?
Mark 5:1 और वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुंचे।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 22-24
  • यूहन्ना 8:28-59


बुधवार, 23 मई 2018

सुरक्षा


   रूत परदेशी थी, विधवा थी, निर्धन थी। सँसार के अनेकों स्थानों पर आज भी उसे नाचीज़, वह जिसके भविष्य में कोई आशा नहीं थी, समझा जाता ।

   किन्तु रूत को उसके दिवंगत पति के एक कुटुम्बी, बोआज, की कृपादृष्टि प्राप्त हुई। बोआज संपन्न था, खेतों का स्वामी था; और रूत को उसी के खेतों में से नीचे गिरा हुआ अनाज बीनने की अनुमति मिली हुई थी। उसकी कृपादृष्टि के लिए रूत ने बोआज से पूछा, “...क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है?” (रूत 2:10)।

   बोआज ने, जिसने रूत पर कृपादृष्टि की थी, उसे सच्चाई से उत्तर दिया – उसने रूत द्वारा अपनी सास नाओमी के साथ किए गए भले व्यवहार के बारे में, और कैसे रूत ने अपने लोगों और देश को छोड़कर, नाओमी के साथ रहने और उसके परमेश्वर को अपना परमेश्वर मानने के निर्णय के बारे में सुना था। बोआज ने प्रार्थना की कि परमेश्वर रूत को आशीष दे। बाद में जब रूत का कुटुम्बी छुड़ानेवाला होने के नाते बोआज ने रूत से विवाह किया, तो वह रूत की प्रार्थना के उत्तर का एक भाग और उसे सुरक्षा प्रदान करने वाला भी बन गया।

   रूत के समान, हम भी परमेश्वर से दूर, और परदेशी थे। हम भी अचरज कर सकते हैं कि हमारे इतना अयोग्य होने के बावजूद क्यों परमेश्वर ने हम से प्रेम करने का निर्णय लिया? उत्तर हम में नहीं है, परन्तु परमेश्वर के चरित्र में है: “परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा” (रोमियों 5:8)। प्रभु यीशु मसीह हमारा मुक्तिदाता बन गया है। हम जब उसके पास अपने पापों के लिए पश्चाताप और उसके प्रति समर्पण तथा पापों के लिए क्षमा याचना के साथ आते हैं, वह हमें अनन्त काल के लिए अपनी सुरक्षा में ले लेता है। - कीला ओकोआ


अयोग्य होने पर भी, परमेश्वर द्वारा दिखाए गए महान प्रेम के प्रति 
कृतज्ञता ही आभारी हृदय की प्रतिक्रया है।

प्रभु यहोवा, जो निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठे करने वाला है, उसकी यह वाणी है कि जो इकट्ठे किए गए हैं उनके साथ मैं औरों को भी इकट्ठे कर के मिला दूंगा। - यशायाह 56:8

बाइबल पाठ: रूत 2:1-11
Ruth 2:1 नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज था।
Ruth 2:2 और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उसने कहा, चली जा, बेटी।
Ruth 2:3 सो वह जा कर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था।
Ruth 2:4 और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे।
Ruth 2:5 तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है।
Ruth 2:6 जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उसने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है।
Ruth 2:7 उसने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी।
Ruth 2:8 तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना।
Ruth 2:9 जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जा कर जवानों का भरा हुआ पानी पीना।
Ruth 2:10 तब वह भूमि तक झुककर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है?
Ruth 2:11 बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्मभूमि को छोड़कर ऐसे लोगों में आई है जिन को पहिले तू ने जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 19-21
  • यूहन्ना 8:1-27


मंगलवार, 22 मई 2018

लक्ष्य



   सुप्रसिद्ध मसीही लेखक तथा प्रचारक सी. एस. ल्युईस द्वारा लिखित Chronicles of Narnia श्रंखला की पुस्तकों के एक पात्र दृढ़ बातूनी चूहे – रीपिचीप को मैं बहुत पसंद करता हूँ। वह सुदूर पूर्व में महान बब्बर सिंह असलन [जो कहानी में प्रभु यीशु मसीह का प्रतीक है] के साथ जाकर मिलना चाहता है, और ऐसा करने के लिए दृढ़ निश्चय है। रीपिचीप अपने इस दृढ़ निर्णय के विषय कहता है, “जब तक मुझ से हो सकेगा, मैं पूर्व की ओर जलपोत में यात्रा करूँगा। यदि जलपोत अक्षम हो जाएगा तो उसमें से एक छोटी नौका लेकर उसे पूर्व की ओर खेने लगूँगा, यदि वह भी डूब गई, तो अपने चारों हाथों-पांवों से पूर्व की ओर तैरूँगा, और फिर जब मैं और तैरने नहीं पाऊँगा, यदि तब तक मैं असलन के देश में नहीं पहुँचा होऊंगा, तो अपनी नाक सूर्योदय की ओर करके डूब जाऊँगा।”

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इसी दृढ़ निश्चय को दूसरे शब्दों में व्यक्त किया, “निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं...” (फिलिप्पियों 3:14)। उसका लक्ष्य प्रभु यीशु के समान होना था; उसे और किसी बात से कोई सरोकार नहीं था। पौलुस ने स्वीकार किया कि इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए उसे बहुत दूर जाना होगा, परन्तु वह तब तक पीछे नहीं हटेगा जब तक वह उसे न प्राप्त कर ले जिसके लिए प्रभु यीशु मसीह ने उसे बुलाया था।

   हम में से कोई भी वैसा नहीं है जैसा हमें होना चाहिए। परन्तु पौलुस प्रेरित के समान अपने उस लक्ष्य की ओर प्रार्थना के साथ अग्रसर बने रह सकते हैं। पौलुस के समान हमें भी यह कहना पड़ सकता है कि, “यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूँ।” लेकिन दुर्बलता, असफलता, थकान के बावजूद हमें आगे बढ़ते ही जाना है (पद 12)। परन्तु सब कुछ परमेश्वर पर निर्भर करता है; उसके बिना हम कुछ नहीं कर सकते हैं।

   परमेश्वर आपके साथ है, आपको लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है, अग्रसर रहें। - डेविड रोपर


अग्रसर रहने के लिए आवश्यक सामर्थ्य परमेश्वर प्रदान करता है।

जो मुझे सामर्थ्य देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। - फिलिप्पियों 4:13

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:12-16
Philippians 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।
Philippians 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।
Philippians 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।
Philippians 3:15 सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा।
Philippians 3:16 सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 16-18
  • यूहन्ना 7:28-53