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बुधवार, 27 नवंबर 2019

समझ



      जब हम विदेश से अपने दत्तक पुत्र को घर लेकर आए तो मैं उस पर अपना प्रेम न्योछावर करने और उसे वह सब देने के लिए लालायित थी जो उसने अभी तक नहीं पाया था, विशेषकर अच्छा भोजन, क्योंकि उसमें पोषण का अभाव था। परन्तु हमारे यथासंभव प्रयासों और विशेषज्ञों की सलाह लेने के बावजूद वह बहुत कम बढ़ रहा था। हमें लगभग तीन वर्ष के बाद पता चला कि उसे कुछ प्रकार की भोजन सामग्री नहीं पचा पाने की समस्या है। जैसे ही हमने उसके भोजन में से वह सामग्री निकाल दी, वह कुछ ही महीनों में पाँच इंच बढ़ गया। यद्यपि मुझे इस बात का दुःख था कि अनजाने में मैं उसे वह भोजन सामग्री खिलाती रही जिससे उसकी बढ़ोतरी बाधित हो रही थी, परन्तु मुझे इस बात की प्रसन्नता भी थी कि अब उसका स्वास्थ्य अच्छा हो रहा है, वह बढ़ रहा है।

      मुझे लगता है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा योशिय्याह को भी कुछ ऐसा ही लगा होगा जब परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक कई वर्षों तक मंदिर में खोई रहने के बाद पाई गई। जिस प्रकार मुझे दुःख हुआ कि अनजाने में मैं अपने बेटे की बढ़ोतरी में बाधा बनी रही, उसी प्रकार योशिय्याह भी परमेश्वर की अपने लोगों के लिए भली और सम्पूर्ण इच्छा की जानकारी न होने के लिए दुखी हुआ (2 राजाओं 22:11)। यद्यपि राजा योशिय्याह की सराहना की गयी है कि उसने वह किया जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में भला था (पद 2), परन्तु व्यवस्था की पुस्तक को पा लेने के पश्चात उसने और भी अच्छे से परमेश्वर का आदर किया। जो ज्ञान और समझ उसे उस पुस्तक से मिले, उनके द्वारा उसने अपनी प्रजा को परमेश्वर की वैसी आराधना करना सिखाया, जैसी परमेश्वर चाहता है (23:22-23)।

      हम बाइबल में होकर सीखते, समझते हैं कि हम परमेश्वर को वह उचित आदर जिसके वह योग्य है, कैसे दें। परन्तु संभव है कि हम इस बात के लिए भी दुखी होते हैं कि परमेश्वर की हमारे लिए जो इच्छा है, हम उस पर पूरे नहीं उतरे हैं। परन्तु हम इस बात से सांत्वना प्राप्त कर सकते हैं कि वह हमें सही करके पुनःस्थापित करता है, और धैर्य तथा कोमलता के साथ अपनी समझ की गहराईयों में लिए चलता है। - कर्स्टिन होल्मबर्ग

परमेश्वर हमें पुनःआरंभ करने के अवसर देता है।

अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है। - योएल 2:13

बाइबल पाठ: 2 राजाओं 22:1-4, 8-13
2 Kings 22:1 जब योशिय्याह राज्य करने लगा, तब वह आठ वर्ष का था, और यरूशलेम में एकतीस वर्ष तक राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम यदीदा था जो बोस्कतवासी अदाया की बेटी थी।
2 Kings 22:2 उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है और जिस मार्ग पर उसका मूलपुरुष दाऊद चला ठीक उसी पर वह भी चला, और उस से न तो दाहिनी ओर और न बाईं ओर मुड़ा।
2 Kings 22:3 अपने राज्य के अठारहवें वर्ष में राजा योशिय्याह ने असल्याह के पुत्र शापान मंत्री को जो मशुल्लाम का पोता था, यहोवा के भवन में यह कह कर भेजा, कि हिलकिय्याह महायाजक के पास जा कर कह,
2 Kings 22:4 कि जो चान्दी यहोवा के भवन में लाई गई है, और द्वारपालों ने प्रजा से इकट्ठी की है,
2 Kings 22:8 और हिलकिय्याह महायाजक ने शापान मंत्री से कहा, मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है; तब हिलकिय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी, और वह उसे पढ़ने लगा।
2 Kings 22:9 तब शापान मंत्री ने राजा के पास लौट कर यह सन्देश दिया, कि जो चांदी भवन में मिली, उसे तेरे कर्मचारियो ने थैलियों में डाल कर, उन को सौंप दिया जो यहोवा के भवन में काम कराने वाले हैं।
2 Kings 22:10 फिर शपान मंत्री ने राजा को यह भी बता दिया, कि हिलकिय्याह याजक ने उसे एक पुस्तक दी है। तब शपान उसे राजा को पढ़कर सुनाने लगा।
2 Kings 22:11 व्यवस्था की उस पुस्तक की बातें सुन कर राजा ने अपने वस्त्र फाड़े।
2 Kings 22:12 फिर उसने हिलकिय्याह याजक, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकायाह के पुत्र अकबोर, शापान मंत्री और असाया नाम अपने एक कर्मचारी को आज्ञा दी,
2 Kings 22:13 कि यह पुस्तक जो मिली है, उसकी बातों के विष्य तुम जा कर मेरी और प्रजा की और सब यहूदियों की ओर से यहोवा से पूछो, क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इस कारण भड़की है, कि हमारे पुरखाओं ने इस पुस्तक की बातें न मानी कि कुछ हमारे लिये लिखा है, उसके अनुसार करते।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 30-32
  • 1 पतरस 4



मंगलवार, 26 नवंबर 2019

जानता



      जब अपने चर्च में डेनीस की मुलाक़ात एक दुखी युवती से हुई तो उसके हृदय में उसके लिए भावनाएं उठीं, और डेनीस ने सोचा कि मैं उसकी सहायता करने का प्रयास करूंगी। प्रति सप्ताह वह उसके साथ प्रार्थना करने और उसे परामर्श देने के लिए समय लगाती; डेनीस उसकी सलाहकार, मार्गदर्शिका बन गई। परन्तु चर्च के कुछ अगुवों का ध्यान डेनीस के इस कार्य की और नहीं गया, और उन्होंने उस युवती को परामर्श देने और सहायता करने के लिए एक चर्च कर्मचारी को नियुक्त कर दिया; इस टिप्पणी के साथ कि कोई उस युवती पर ध्यान नहीं दे रहा था।

      यद्यपि डेनीस अपने कार्य के लिए किसी ख्याति की चाह में तो नहीं थी, परन्तु उसे कुछ निराशा अवश्य हुई। उसने मुझे बताया कि उसे लगा कि “यह ऐसा था, मानो मैं कुछ कर ही नहीं रही थी।” परन्तु एक दिन उस युवती ने डेनीस को बताया कि वह डेनीस से उसे मिली सांत्वना एवं सहायता के लिए बहुत धन्यवादी है। यह सुनकर डेनीस को प्रोत्साहन मिला। उसे ऐसा लगा जैसे परमेश्वर उस से कह रहा है, “मैं जानता हूँ कि तुम उसकी सहायता और सांत्वना के लिए उसके साथ हो।” डेनीस अभी भी उस युवती के साथ नियमित मिलती है।

      कभी-कभी, जब हमारे प्रयासों की कोई पहचान या सराहना नहीं होती है, तो हमें निराशा होती है। परन्तु पवित्र शास्त्र हमें स्मरण करवाता है कि हम जो भी करते हैं, परमेश्वर वह सब कुछ जानता है; उसे वह भी पता होता है जो अन्य किसी को पता नहीं होता है। जब हम उसके नाम में होकर औरों की सेवा करते हैं, किसी मनुष्य से प्रशंसा पाने के लिए नहीं, वरन बस उसके लिए, तो यह परमेश्वर को प्रसन्न करता है।

      इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने हमें यह कहा है कि हम अपने दान गुप्त में दें, ताकि हमें प्रतिफल परमेश्वर पिता से मिले (मत्ती 6:4)। हमें किसी की भी ओर ख्याति अथवा प्रशंसा पाने के लिए देखने की आवश्यकता नहीं है। हम इस बात से संतुष्ट रह सकते हैं कि जब हम उसकी तथा उसके नाम में औरों की सेवा करते हैं, तब हमारा परमेश्वर पिता उसे जानता है। - लेस्ली कोह

परमेश्वर सब कुछ देखता और जानता है।

हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है। तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। - भजन 139:1-2

बाइबल पाठ: मत्ती 6: 1-4
Matthew 6:1 सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
Matthew 6:2 इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
Matthew 6:3 परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
Matthew 6:4 ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 27-29
  • 1 पतरस 3



सोमवार, 25 नवंबर 2019

मनुष्य



      जब एक न्यायाधिकारी से कहा गया कि वह समाज में अपनी भूमिका के बारे में कुछ कहे, तो उसने न तो अपने पद का हवाला दिया, और न ही अपने अधिकारों का वर्णन किया। वरन उसने नम्रता से कहा, “हम मनुष्य हैं, जो संकट में पड़े अन्य मनुष्यों के साथ काम करते हैं।”

      उसकी यह नम्रता – उसके द्वारा यह स्वीकार करना कि वह अन्य मनुष्यों के समान ही है – मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में पतरस के शब्दों को स्मरण करवाता है, जो उसने रोमी शासन के आधीन सताव झेल रहे प्रथम शताब्दी के मसीही विश्वासियों को लिखे थे। पतरस ने कहा: “निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो” (1 पतरस 3:8)। प्रतीत होता है कि पतरस कह रहा था कि संकट में पड़े मनुष्यों के प्रति सबसे उत्तम प्रतिक्रिया है मनुष्य ही के समान होना, इस बात का बोध रखना कि हम सभी समान ही हैं। क्या परमेश्वर ने भी यही नहीं किया जब उसने अपने पुत्र को भेजा – वह मनुष्य बन कर आया ताकि हम मनुष्यों की सहायता कर सके (फिलिप्पियों 2: 5-7)।

      यदि हम केवल अपने पतित हृदयों की गहराइयों में ही झांकते रहेंगे, तो हम अपने मनुष्य होने को तुच्छ समझने का खतरा उठाते हैं। परन्तु क्या हो यदि हम अपने मनुष्य होने को संसार के लिए उपयोगी होना समझें? प्रभु यीशु हमें सिखाते हैं कि हम कैसे पूर्णतः मनुष्यों की समानता का जीवन जी सकते हैं, सेवकों के समान, इस बोध के साथ कि हम सभी समान हैं। परमेश्वर ने हमें “मनुष्य” ही बनाया है, किन्तु अपने स्वरूप में, और फिर हमारे प्रति अपने बिना किसी शर्त के प्रेम के अंतर्गत हमारा उद्धार भी किया है।

      यह निश्चित है कि हमारा सामना विभिन्न संघर्षों में पड़े मनुष्यों से होगा। उस प्रभाव की कल्पना करें जो हम लाने पाएंगे जब उनके प्रति मनुष्य के समान ही प्रत्युत्तर दें – ऐसे मनुष्य जो अन्य मनुष्यों के साथ मिलकर संकट में पड़े मनुष्यों की सहायता करने वाले साथी होते हैं। - एलीसा मॉर्गन

नम्रता परमेश्वर को, तथा उसके समक्ष अपने आप को, पहिचानने का परिणाम है।

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। - फिलिप्पियों 2:5-7

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:11-17; 3:8-9
1 Peter 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1 Peter 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1 Peter 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1 Peter 2:14 और हाकिमों के, क्योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1 Peter 2:15 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1 Peter 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1 Peter 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो।
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 24-26
  • 1 पतरस 2



रविवार, 24 नवंबर 2019

हृदय



      बहुत वर्षों तक हमारे पास ‘वेस्ट हाइलैंड टेरियर’जाती का एक पालतू कुत्ता था। इस प्रकार के कुत्ते बहुत मज़बूत होते हैं, उन्हें शिकार के लिए इस नसल का बनाया गया है जिससे वे बिज्जू और अन्य जानवरों के बिलों में घुसकर उन्हें पकड़ सकें। हमारा कुत्ता अपनी नसल के मूल कुत्तों से अनेकों पीढ़ी बाद का था, परन्तु फिर भी उसमें वही प्रवृत्ति थी जो अनेकों वर्षों तक प्रजनन के द्वारा उनमें लाई गई थी। एक बार वह हमारे घर के पीछे के आंगन में एक पत्थर के नीचे छिपे किसी जानवर के पीछे पड़ गया, और उसे पकड़ने के लिए उस पत्थर के नीचे खोदने लगा, और कई फीट तक खोदता ही गया।

      अब मेरे प्रश्न पर विचार कीजिए: हम मनुष्य क्यों किसी बात के पीछे पड़कर, फिर उसे पा लेने के लिए उसके पीछे पड़े ही रहते हैं? क्यों हमें उन पहाड़ों पर चढ़ना ही होता है जिनपर कोई और नहीं चढ़ा है; उन बर्फीली खड़ी ढलानों पर स्की करना ही होता है; सबसे खतरनाक पहाड़ी नदियों में होकर नौका चलानी ही होती है; प्रकृति के बल को चुनौतियां देनी ही होती हैं? इस लालसा का कुछ भाग तो रोमांच और आनन्द की अभिलाषा के कारण है, परन्तु इससे बढ़कर भी कुछ है। यह परमेश्वर के प्रति हमारी प्रवृत्ति है जो हम में डाली गई है। ऐसा हो ही नहीं सकता है कि हम परमेश्वर को पाने की लालसा न रखें।

      अवश्य ही हम इसे पहिचानते नहीं हैं; हमें बस इतना पता होता है कि हमें किसी बात की लालसा है। मार्क ट्वेन ने कहा, “आप यह नहीं जानते हैं कि आपको क्या चाहिए; परन्तु आप उसकी इतनी तीव्र लालसा रखते हैं कि उसके लिए आप मृत्यु का जोखिम भी उठा लेते हैं।” हमारा हृदय ही परमेश्वर का सच्चा घर है। जैसे कि चर्च के फादर अगस्टिन ने, उनके प्रसिद्ध कथन में, कहा है: “हे प्रभु आपने हमें अपने लिए बनाया है, और हमारे हृदय तब तक बेचैन रहते हैं जब तक कि वे आप में चैन न पा लें।”

      और हृदय क्या है? वह हमारे अन्दर का एक गहरा रिक्त स्थान है जिसे केवल परमेश्वर ही भर सकता है। - डेविड रोपर

हमारी सभी गहरी लालसाओं के पीछे, परमेश्वर के प्रति हमारी गहरी लालसा है।

आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! – रोमियों 11:33

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:10-11
Ecclesiastes 3:10 मैं ने उस दु:खभरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।
Ecclesiastes 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 22-23
  • 1 पतरस 1



शनिवार, 23 नवंबर 2019

सर्वसामर्थी



      एक दिन समुद्रतट पर विचरण करते हुए मैंने कुछ लोगों को हवा के वेग से चलने वाले पटरों की सहायता से लहरों पर अटखेलियाँ करते हुए देखा। जब उनमें से एक किनारे पर आया तो मैंने उससे पूछा कि क्या उसका वह पानी पर उछालें लेना जितना कठिन दिखाई देता क्या वास्तव में वैसा या उससे भी कठिन था? उसने उत्तर दिया, “नहीं; वरन यह केवल लहरों के वेग की सहायता से पानी पर पटरा चलाने से अधिक सरल था, क्योंकि उन्हें हवा की सहायता भी उपलब्ध थी।”

      बाद में जब मैं समुद्रतट पर टहल रही थी, तो मैं हवा की शक्ति के बारे में सोचने लगी – उससे न केवल वे लोग पानी पर पटरा चला सकते थे, वरन वही हवा मेरे बालों को उड़ाकर मेरे चेहरे पर भी ला रही थी; और मैंने अपने विचारों को रोक कर हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर के विषय में ध्यान किया। हम परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खंड में अमोस की पुस्तक में देखते हैं कि परमेश्वर कहता है, “देख, पहाड़ों का बनाने वाला और पवन का सिरजने वाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बताने वाला और भोर को अन्धकार करने वाला, और जो पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलने वाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है” (अमोस 4:13)।

      अपने इस भविष्यद्वक्ता के द्वारा परमेश्वर ने अपने लोगों को अपनी सामर्थ्य के बारे में स्मरण करवाया, और उन्हें लौट कर अपने पास आने के लिए कहा। उसने उन्हें सचेत किया कि यदि वे उसकी और लौट कर नहीं आएँगे, तो वह उन पर अपने आप को अपने न्याय के द्वारा प्रकट करेगा। यद्यपि यहाँ पर हम परमेश्वर के न्यायी होने को देखते हैं, बाइबल हमें परमेश्वर के प्रेम के बारे में उतनी ही स्पष्टता से बताती है, जिस प्रेम के अंतर्गत परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार के लोगों के पापों के बदले बलिदान होने के लिए भेजा (यूहन्ना 3:16)।

      दक्षिण इंग्लैंड में उस दिन तेज़ बहती हुई हवा की शक्ति के द्वारा मुझे परमेश्वर की महानता का एहसास हुआ। यदि आज आप हवा के वेग का अनुभव करें, तो थोड़ा थम कर हमारे सर्वसामर्थी परमेश्वर के बारे में थोड़ा विचार करें। - एमी बाउचर पाई

परमेश्वर ने अपने प्रेम में होकर सृष्टि की रचना की – उसकी स्तुति हो।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।  - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: अमोस 4:12-13
Amos 4:12 इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूंगा, और इसलिये कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूं, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर के साम्हने आने के लिये तैयार हो जा।
Amos 4:13 देख, पहाड़ों का बनाने वाला और पवन का सिरजने वाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बताने वाला और भोर को अन्धकार करने वाला, और जो पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलने वाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 20-21
  • याकूब 5



शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

आराधना



      कुछ समय पहले की बात है, जब मैं एक चर्च की तलाश में थी जहां मैं नियमित आराधना के लिए जा सकूँ, तब मेरी एक सहेली ने मुझे अपने चर्च में बुलाया। गीत मण्डली के अगुवों ने एक स्तुति गीत गाने में उपस्थित मण्डली के लोगों की अगुवाई की; जो गीत गाया गया वह मुझे बहुत पसंद था, इसलिए अपने कॉलेज के समय के संगीत मण्डली के निर्देशक की सलाह “खुल कर गाओ” को स्मरण करते हुए, मैंने बड़े जोश के साथ वह गाना गाया। गीत गाए जाने के बाद, मेरी सहेली के पति ने मेरी और मुड़कर मुझसे कहा, “तुमने काफी ऊँची आवाज़ में गाया” और उनकी यह टिप्पणी सराहना के भाव में नहीं थी! उसके बाद से मैं अपने गीत गाने पर सचेत होकर ध्यान रखने लगी, यह बात निश्चित करती रही कि मेरी आवाज़ मेरे आस-पास के लोगों से माध्यम हो; और मेरे मन में सदा यह चलता रहा कि मेरे गीत गाने को लेकर लोग मेरी कोई आलोचना तो नहीं कर रहे हैं।

      परन्तु एक इतवार की आराधना सभा में मैंने देखा कि मेरे पास की एक महिला बिना किसी संकोच के, खुले मन से, सच्ची आराधना के भाव में स्तुति गीत गा रही थी। उसकी आराधना को सुनकर मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद द्वारा उसके जीवन में देखी जा सकने वाली सहज और उत्साही आराधना का स्मरण हो आया। भजन 98 में दाऊद कहता है कि सारी पृथ्वी जयजयकार के साथ आराधना करे (पद 4)।

      भजन 98 का पहला पद हमें बताता है कि हमें आराधना आनन्द के साथ क्यों करनी चाहिए, हमें स्मरण दिलाता है कि परमेश्वर ने आश्चर्यकर्म किए हैं। इस पूरे भजन में दाऊद परमेश्वर के उन अद्भुत कार्यों को स्मरण करता है – परमेश्वर की विश्वासयोग्यता और सभी के प्रति न्याय, उसकी करुणा, और उसका उद्धार। परमेश्वर के, तथा उसके द्वारा किए गए कार्यों के विषय मनन करने से हमारे हृदय आराधना भर जाते हैं।

      आपके जीवन में परमेश्वर ने क्या अद्भुत कार्य किए हैं? कृतज्ञता के साथ उसकी भलाईयों को स्मरण करें, और धन्यवाद की आराधना में उसके लिए अपने स्वरों को उठाएं। - लिंडा वॉशिंगटन

आराधना हमारे ध्यान के केंद्र बिंदु को वहीं स्थापित कर देती है
 जहां उसे होना चाहिए – परमेश्वर पर।

राज्य राज्य के लोग आनन्द करें, और जयजयकार करें, क्योंकि तू देश देश के लोंगों का न्याय धर्म से करेगा, और पृथ्वी के राज्य राज्य के लोगों की अगुवाई करेगा। - भजन 67:4

बाइबल पाठ: भजन 98
Psalms 98:1 यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है!
Psalms 98:2 यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है।
Psalms 98:3 उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
Psalms 98:4 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ!
Psalms 98:5 वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ।
Psalms 98:6 तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
Psalms 98:7 समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें!
Psalms 98:8 नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें।
Psalms 98:9 यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 18-19
  • याकूब 4



गुरुवार, 21 नवंबर 2019

उद्देश्य



      जब हमारे बच्चे छोटे थे, तो उनका एक प्रीय खेल था हमारे पड़ौसी के घर में लगे चिनार के पेड़ के हमारे आँगन में गिरते हुए बीजों को पकड़ने का प्रयास करना। उन बीजों के ‘पंख’ होते हैं, और वे पेड़ से नीचे गिरते समय गोल-गोल घूमते और उड़ते हुए नीचे आते हैं। उन बीजों का उद्देश्य यह उड़ना और घूमना नहीं है, वरन धरती पर गिरकर उगना और पेड़ बनना है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले, प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा, “...वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो। मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है” (यूहन्ना 12:23-24)।

      प्रभु यीशु के शिष्य तो चाहते थे कि उनका आदर उस प्रतिज्ञागत मसीहा के रूप में हो, परन्तु वे इसलिए आए थे कि अपने जीवन का बलिदान करें, जिससे उन पर विशवास लाने वालों को पापों की क्षमा और बदले हुए जीवन का दान मिल सके। प्रभु यीशु के अनुयायी होने के नाते हमारे लिए उसके वचन हैं कि, “जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा” (पद 25-26)।

      यह प्रभु यीशु का उद्देश्य था कि हम उस पर विश्वास लाएं और उससे पापों से क्षमा तथा अनन्त जीवन पाएं। - डेविड मैक्कैसलैंड

प्रभु यीशु हमें बुलाता है कि हम उसकी सेवा में अपने जीवन उसे समर्पित करें।

प्रभु यीशु ने कहा: “...मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।” – यूहन्ना 10:10-11

बाइबल पाठ: यूहन्ना 12:23-33
John 12:23 इस पर यीशु ने उन से कहा, वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो।
John 12:24 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।
John 12:25 जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा।
John 12:26 यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।
John 12:27 जब मेरा जी व्याकुल हो रहा है। इसलिये अब मैं क्या कहूं? हे पिता, मुझे इस घड़ी से बचा? परन्तु मैं इसी कारण इस घड़ी को पहुंचा हूं।
John 12:28 हे पिता अपने नाम की महिमा कर: तब यह आकाशवाणी हुई, कि मैं ने उस की महिमा की है, और फिर भी करूंगा।
John 12:29 तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे, उन्होंने कहा; कि बादल गरजा, औरों ने कहा, कोई स्वर्गदूत उस से बोला।
John 12:30 इस पर यीशु ने कहा, यह शब्द मेरे लिये नहीं परन्तु तुम्हारे लिये आया है।
John 12:31 अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदार निकाल दिया जाएगा।
John 12:32 और मैं यदि पृथ्वी पर से ऊंचे पर चढ़ाया जाऊंगा, तो सब को अपने पास खीचूंगा।
John 12:33 ऐसा कहकर उसने यह प्रगट कर दिया, कि वह कैसी मृत्यु से मरेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 16-17
  • याकूब 3