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मंगलवार, 18 मई 2021

साथ

 

            मैं अपने बच्चों के साथ पैदल यात्रा पर निकली थी, और हमें मार्ग में उगने वाले लचीले हरे पौधों के छोटे गुच्छे दिखाई दिए। वहाँ लगे एक संकेत चिह्न के अनुसार, उस पौधे को डियर मौस कहते हैं, किन्तु वह वास्तव में मौस नहीं है। वह एक प्रकार का लाइकिन है जो कि फफूंद और काई कि कुछ विशेष किस्मों के एक साथ मिलकर रहने से बनता है, और उन दोनों में परस्पर ऐसा संबंध होता है कि वे एक दूसरे से लाभ प्राप्त करते हैं। अपने आप में उनमें से कोई एक भी जीवित नहीं रह सकता है, किन्तु साथ मिलाकर उगने से वे एक ऐसा मजबूत पौधा बनाते हैं जो उच्च पर्वतीय क्षेत्रों और बर्फ में भी 4500  वर्ष तक भी जीवित रह सकते हैं। क्योंकि यह पौधा सूखे और बहुत ठण्डे वातावरण को भी सहन कर सकता है, इसलिए यह कठोर ठण्ड में उस इलाके में पाए जाने वाले बारहसिंगे की रेनडियर प्रजाति के भोजन का एक मुख्य स्त्रोत होते हैं।

फफूंद और काई के इस प्रकार साथ मिलकर जीवित रहने से मुझे हमारे मानवीय संबंधों का ध्यान आता है। हम मनुष्य भी एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। उन्नति और विकास करने के लिए हमें एक दूसरे के साथ सहायक होने के संबंध में होना आवश्यक ही। 

परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्से की मसीही मण्डली को लिखी अपनी पत्री में पौलुस वर्णन करता है कि हमारा परस्पर संबंध कैसा होना चाहिए। हमें "इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो" (कुलुस्सियों 3:12)। हमें एक दूसरे को क्षमा करने वाले और एक ही देह के अंगों के समान साथ मिलकर शान्ति से रहने वाले होना चाहिए (पद 15)। 

अपने परिवारों, मित्रों, आस-पास के लोगों के साथ हमेशा ही शान्ति से रह पाना सहज नहीं होता है। परन्तु जब परमेश्वर का आत्मा हमें अपने संबंधों में क्षमा और नम्रता को प्रदर्शित करने के लिए सक्षम करता है, तो हमारा परस्पर प्रेम औरों को मसीह की ओर इंगित करता है (यूहन्ना 13:35) और हमारा साथ मिल-जुल कर रहना परमेश्वर की महिमा का कारण होता है। - एमी पीटरसन

 

हे परमेश्वर, हमें सक्षम करें कि संसार हम में होकर मसीह के प्रेम को देख सके।


पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:23-22

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17

कुलुस्सियों 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।

कुलुस्सियों 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।

कुलुस्सियों 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्ध लो।

कुलुस्सियों 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

कुलुस्सियों 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।

कुलुस्सियों 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 6:1-21

1 टिप्पणी:

  1. आपने बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है. ऐसे ही आप अपनी कलम को चलाते रहे. Ankit Badigar की तरफ से धन्यवाद.

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