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गुरुवार, 28 जनवरी 2021

स्तुति

 

          मैं अपनी साप्ताहिक ट्रेन यात्रा के लिए ट्रेन स्टेशन पर खड़ी ट्रेन की प्रतीक्षा कर रही थी, और जैसा कि ऐसे समय में यात्रियों के साथ होता है, मेरे मन भी कई प्रकार के विचार आने लगे। शीघ्र ही क़र्ज़ चुकाने को लेकर तनाव, किसी के द्वारा मुझ से कहे गए कटु शब्द, हाल ही में मेरे परिवार के एक सदस्य के साथ हुए अन्याय को सहना करना, आदि विचारों ने मेरे मन को खराब कर दिया, और ट्रेन के आने के समय तक मैं बहुत ही कटु मनःस्थिति में आ गई थी।

          ट्रेन में बैठने के बाद मेरे मन में एक और विचार आया : अपने मन के इन सभी विचारों को लेकर परमेश्वर को एक चिट्ठी लिखो, और उसे सारी बातें विस्तार से बताओ। मैंने अपनी डायरी में सारी बातें लिखनी आरंभ कीं; जब मैं सब कुछ लिख चुकी, तो मैंने अपना फोन निकाला और उसमें भरे हुए परमेश्वर की स्तुति के गीत सुनने लग गई। थोड़ी ही देर में मेरी मनःस्थिति बिलकुल बदल गई थी।

          तब मुझे यह एहसास नहीं था कि मैंने जो किया था वह परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 94 के लिखने वाले के द्वारा दिए गए नमूने के अनुसार था। उस भजन में, भजनकार ने पहले अपनी शिकायतें परमेश्वर के सामने उडेलीं : “हे पृथ्वी के न्यायी उठ; और घमण्डियों को बदला दे! ...  कुकर्मियों के विरुद्ध मेरी ओर कौन खड़ा होगा? मेरी ओर से अनर्थकारियों का कौन सामना करेगा?” (भजन 94:2, 16)। उसने परमेश्वर से विधवाओं और अनाथों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में बताते समय कुछ भी छिपा न रखा। एक बार जब वह अपने दिल की सारी बातें बता चुका, तब वह परमेश्वर की स्तुति की ओर मुड़ा “परन्तु यहोवा मेरा गढ़, और मेरा परमेश्वर मेरी शरण की चट्टान ठहरा है” (पद 22)।

          परमेश्वर हमें निमंत्रित करता है कि हम अपने दुखी मन की सारी बातें उसके सामने ब्यान करें। वह हमारे भय, उदासी, असहाय होने के भाव को भी अपनी स्तुति में बदल सकता है। उसकी स्तुति हमारे दुखी मन को चंगा कर देती है। - लिंडा वाशिंगटन

 

स्तुति हमारे सबसे भारी बोझ को भी हल्का बना देती है।


तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं प्रतिदिन सात बेर तेरी स्तुति करता हूं। - भजन 119:164

बाइबल पाठ: भजन 94

भजन 94:1 हे यहोवा, हे पलटा लेने वाले ईश्वर, हे पलटा लेने वाले ईश्वर, अपना तेज दिखा!

भजन 94:2 हे पृथ्वी के न्यायी उठ; और घमण्डियों को बदला दे!

भजन 94:3 हे यहोवा, दुष्ट लोग कब तक, दुष्ट लोग कब तक डींग मारते रहेंगे?

भजन 94:4 वे बकते और ढिठाई की बातें बोलते हैं, सब अनर्थकारी बड़ाई मारते हैं।

भजन 94:5 हे यहोवा, वे तेरी प्रजा को पीस डालते हैं, वे तेरे निज भाग को दु:ख देते हैं।

भजन 94:6 वे विधवा और परदेशी का घात करते, और अनाथों को मार डालते हैं;

भजन 94:7 और कहते हैं, कि याह न देखेगा, याकूब का परमेश्वर विचार न करेगा।

भजन 94:8 तुम जो प्रजा में पशु सरीखे हो, विचार करो; और हे मूर्खों तुम कब तक बुद्धिमान हो जाओगे?

भजन 94:9 जिसने कान दिया, क्या वह आप नहीं सुनता? जिसने आंख रची, क्या वह आप नहीं देखता?

भजन 94:10 जो जाति जाति को ताड़ना देता, और मनुष्य को ज्ञान सिखाता है, क्या वह न समझाएगा?

भजन 94:11 यहोवा मनुष्य की कल्पनाओं को तो जानता है कि वे मिथ्या हैं।

भजन 94:12 हे याह, क्या ही धन्य है वह पुरुष जिस को तू ताड़ना देता है, और अपनी व्यवस्था सिखाता है,

भजन 94:13 क्योंकि तू उसको विपत्ति के दिनों में उस समय तक चैन देता रहता है, जब तक दुष्टों के लिये गड़हा नहीं खोदा जाता।

भजन 94:14 क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा को न तजेगा, वह अपने निज भाग को न छोड़ेगा;

भजन 94:15 परन्तु न्याय फिर धर्म के अनुसार किया जाएगा, और सारे सीधे मन वाले उसके पीछे पीछे हो लेंगे।

भजन 94:16 कुकर्मियों के विरुद्ध मेरी ओर कौन खड़ा होगा? मेरी ओर से अनर्थकारियों का कौन सामना करेगा?

भजन 94:17 यदि यहोवा मेरा सहायक न होता, तो क्षण भर में मुझे चुपचाप हो कर रहना पड़ता।

भजन 94:18 जब मैं ने कहा, कि मेरा पांव फिसलने लगा है, तब हे यहोवा, तेरी करुणा ने मुझे थाम लिया।

भजन 94:19 जब मेरे मन में बहुत सी चिन्ताएं होती हैं, तब हे यहोवा, तेरी दी हुई शान्ति से मुझ को सुख होता है।

भजन 94:20 क्या तेरे और दुष्टों के सिंहासन के बीच सन्धि होगी, जो कानून की आड़ में उत्पात मचाते हैं?

भजन 94:21 वे धर्मी का प्राण लेने को दल बान्धते हैं, और निर्दोष को प्राण दण्ड देते हैं।

भजन 94:22 परन्तु यहोवा मेरा गढ़, और मेरा परमेश्वर मेरी शरण की चट्टान ठहरा है।

भजन 94:23 और उसने उनका अनर्थ काम उन्हीं पर लौटाया है, और वह उन्हें उन्हीं की बुराई के द्वारा सत्यानाश करेगा; हमारा परमेश्वर यहोवा उन को सत्यानाश करेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • निर्गमन 19-20 
  • मत्ती 18:21-35

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