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शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

हल्का मन

हम मसीही कभी कभी अपने गौरव को बनाए रखने के भ्रम में आवश्यक्ता से अधिक गंभीर और विनोद रहित हो जाते हैं। यह एक अजीब व्यवहार है, यह जानते हुए कि हम उस परमेश्वर के लोग हैं जिसने हंसी और आनन्द का अद्भुत दान हमें दिया है।

आनन्द-विनोद करना कोई गलत बात नहीं है, हर परिवार इसे अपने ही तरीके से करता है। मैं परमेश्वर का धन्यवादी हूँ कि उसने मुझे हंसी खुशी से भरे परिवार में रखा है। परिवार के हम सब सदस्य, आपस में हंसी मज़ाक करने, एक दूसरे की टांग खेंचने और एक दूसरे के साथ किसी न किसी बात में स्वस्थ प्रतियोगिता करने में लगे रहते हैं। हंसी हमारे जीवन की अनेक कठिनाईयों में परमेश्वर का ऐसा वरदान रहा है, जिसके साथ हम उन में से निकल सके। परमेश्वर का आनन्द अक्सर हमारा शरण स्थान और दृढ़ गढ़ रहा है (नेहेमेयाह ८:१०)।

जब राजा दाउद वाचा का पवित्र सन्दूक ओबेदेदोम के घर से यरुशलेम में लेकर आया तो "यहोवा के सम्मुख तन मन से नाचता रहा" ( २ शमुएल ६:१४)। पद १६ बताता है कि "जब यहोवा का सन्दूक दाऊदपुर में आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झांककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना।" मीकल, जो दाउद की पत्नी भी थी, को लगा कि दाउद का यह करना उसके राजा होने की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं था और उसने दाउद को इसके लिये कड़ा उलाहना दिया। दाउद की प्रतिक्रिया थी कि वह परमेश्वर के सम्मुख अपने आप को और भी तुच्छ कर लेगा (पद २२) क्योंकि परमेश्वर में, दाउद का मन हलका और निश्चिंत था।

हंसी और आनन्द के लिये समय निकालिये (सभोपदेशक ३:४)। - डेविड रोपर


स्वस्थ हंसी बेशकीमती होती है।

मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियां सूख जाती हैं। - नीतिवचन १७:२२


बाइबल पाठ: २ शमुएल ६:१२-२३

तब दाऊद राजा को यह बताया गया, कि यहोवा ने ओबेदेदोम के घराने पर, और जो कुछ उसका है, उस पर भी परमेश्वर के सन्दूक के कारण आशिष दी है। तब दाऊद ने जाकर परमेश्वर के सन्दूक को ओबेदेदोम के घर से दाऊदपुर में आनन्द के साथ पहूंचा दिया।
जब यहोवा के सन्दूक के उठानेवाले छ: कदम चल चुके, तब दाऊद ने एक बैल और एक पाला पोसा हुआ बछड़ा बलि कराया।
और दाऊद सनी का एपोद कमर में कसे हुए यहोवा के सम्मुख तन मन से नाचता रहा।
यों दाऊद और इस्राएल का समस्त घराना यहोवा के सन्दूक को जय जयकार करते और नरसिंगा फूंकते हुए ले चला।
जब यहोवा का सन्दूक दाऊदपुर में आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झांककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना।
और लोग यहोवा का सन्दूक भीतर ले आए, और उसके स्थान में, अर्थात उस तम्बू में रखा, जो दाऊद ने उसके लिये खड़ा कराया था, और दाऊद ने यहोवा के सम्मुख होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।
जब दाऊद होमबलि और मेलबलि चढ़ा चुका, तब उस ने सेनाओं के यहोवा के नाम से प्रजा को आशीर्वाद दिया।
तब उस ने समस्त प्रजा को, अर्थात‌, क्या स्त्री क्या पुरुष, समस्त इस्राएली भीड़ के लोगों को एक एक रोटी, और एक एक टुकड़ा मांस, और किशमिश की एक एक टिकिया बंटवा दी। तब प्रजा के सब लोग अपने अपने घर चले गए।
तब दाऊद अपने घराने को आशीर्वाद देने के लिये लौटा। और शाऊल की बेटी मीकल दाऊद से मिलने को निकली, और कहने लगी, आज इस्राएल का राजा जब अपना शरीर अपके कर्मचारियों की लौंडियों के साम्हने ऐसा उघाड़े हुए था, जैसा कोई निकम्मा अपना तन उघाढ़े रहता है, तब क्या ही प्रतापी देख पड़ता था!
दाऊद ने मीकल से कहा, यहोवा, जिस ने तेरे पिता और उसके समस्त घराने की सन्ती मुझ को चुनकर अपनी प्रजा इस्राएल का प्रधान होने को ठहरा दिया है, उसके सम्मुख मैं ने ऐसा खेला--और मैं यहोवा के सम्मुख इसी प्रकार खेला करूंगा।
और इस से भी मैं अधिक तुच्छ बनूंगा, और अपने लेखे नीच ठहरूंगा, और जिन लौंडियों की तू ने चर्चा की वे भी मेरा आदरमान करेंगी।
और शाऊल की बेटी मीकल के मरने के दिन तक उसके कोई सन्तान न हुआ।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२०-१२२
  • १ कुरिन्थियों ९

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