हमारे
निवास स्थान,घाना के एकरा शहर में टैक्सी चालकों तथा मिनी-बस चालकों के
असावधानीपूर्ण गाड़ी चलाने के कारण, परस्पर क्रोधित व्यवहार और असभ्य भाषा का
प्रयोग आम बात है। किन्तु एक ट्रैफिक घटना में मैंने एक बिलकुल ही भिन्न बात घटित
होते हुए देखी। एक टैक्सी-चालक की असावधानी के कारण, उसकी टक्कर एक बस से
होते-होते बची। मैंने सोचा कि अब ये दोनों चालक एक दूसरे पर क्रोधित होंगे,
चिल्लाएंगे और गाली-गलौज होगी। परन्तु बस चालक ने ऐसा नहीं किया; उसने अपने सख्त
चहरे को नम्र किया, दोषी टैक्सी चालक की ओर देखकर मुस्कुराया, और उसके मुस्कुराने
ने चमत्कार कर दिया। टैक्सी चालक ने हाथ उठा कर उससे क्षमा माँगी, वापस बस चालक को
मुस्कुराहट का प्रत्युत्तर दिया, और अपनी गाड़ी आगे बढ़ा ली – सारा तनाव जाता रहा।
हमारे
मस्तिष्क की कार्य-विधि पर मुस्कुराहट का अद्भुत मोहक प्रभाव होता है। शोधकर्ताओं
ने पाया है कि मुस्कुराने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन नामक कुछ रासयनिक तत्व निकलते
हैं जिनका शरीर और मन पर आरामदायक प्रभाव होता है। मुस्कुराहट से न केवल तनावपूर्ण
परिस्थितियाँ जाती रहती हैं, वरन हमारे अन्दर के तनाव भी जाते रहते हैं। हमारी
भावनाएँ और व्यवहार न केवल हमें वरन औरों को भी प्रभावित करते हैं, और सकारात्मक
व्यवहार औरों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में सिखाया गया है, “सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध,
और कलह, और निन्दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर
की जाए। और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो” (इफिसियों
4:31-32); और यह भी कि आनन्दित हृदय औषधि का कार्य करता है (नीतिवचन 17:22)। जब भी
तनाव या कटुता, प्रभु या औरों के साथ हमारे संबंधों को प्रभावित करने लगें, तो इस
औषधि का उपयोग अवश्य करें; यह हमारे लिए बहुत लाभकारी होगा। - लॉरेंस दरमानी
जब हम मसीह यीशु के प्रेम में जीना सीखते
हैं, हम आन्दित रहना सीखते हैं।
मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियां सूख जाती हैं। - नीतिवचन 17:22
बाइबल पाठ: इफिसियों 4: 20-32
Ephesians 4:20 पर तुम ने मसीह की ऐसी
शिक्षा नहीं पाई।
Ephesians 4:21 वरन तुम ने सचमुच उसी की
सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी
में सिखाए भी गए।
Ephesians 4:22 कि तुम अगले चालचलन के
पुराने मनुष्यत्व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है,
उतार डालो।
Ephesians 4:23 और अपने मन के आत्मिक स्वभाव
में नये बनते जाओ।
Ephesians 4:24 और नये मनुष्यत्व को पहिन
लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।
Ephesians 4:25 इस कारण झूठ बोलना छोड़कर
हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्योंकि हम आपस में एक दूसरे
के अंग हैं।
Ephesians 4:26 क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।
Ephesians 4:27 और न शैतान को अवसर दो।
Ephesians 4:28 चोरी करनेवाला फिर चोरी न
करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे;
इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके
पास कुछ हो।
Ephesians 4:29 कोई गन्दी बात तुम्हारे
मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के
लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो।
Ephesians 4:30 और परमेश्वर के पवित्र
आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के
लिये छाप दी गई है।
Ephesians 4:31 सब प्रकार की कड़वाहट और
प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा
सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।
Ephesians 4:32 और एक दूसरे पर कृपाल,
और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में
तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध
क्षमा करो।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 23-25
- फिलिप्पियों 1