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सोमवार, 12 अक्टूबर 2015

महत्वहीन


   मेरी सहेली जेन ने एक कार्य बैठक में चल रही चर्चा के दौरान कुछ कहा, परन्तु किसी ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया, इसलिए उसने वही बात दोबारा कही, फिर भी उसके सहकर्मियों ने उसे नज़रन्दाज़ कर दिया, जिससे उसे एहसास हुआ कि वहाँ उसके विचार या राय का कोई महत्व नहीं है। जेन ने अपने आप को महत्वहीन और उपेक्षित अनुभव किया, और आप समझ सकते हैं कि यह कैसा अनुभव रहा होगा।

   जेन के समान, परमेश्वर के लोगों ने भी अपने आप को ऐसे ही उपेक्षित और महत्वहीन अनुभव किया था (यशयाह 40), फर्क केवल इतना था कि उन्हें लगा कि उनकी उपेक्षा करने वाला स्वयं परमेश्वर ही है, जो उनके जीवित रहने के दैनिक संघर्ष को नज़रन्दाज़ कर रहा है। इस्त्राएल के दक्षिणी भाग के लोग बन्धुआई में चले गए थे और उनकी शिकायत थी, "...मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता" (यशायाह 40:27)।

   उस समय के परमेश्वर के भविष्यद्वकता, यशायाह ने पृथ्वी के सभी लोगों पर परमेश्वर की सार्वभौमिकता और अधिकार को मानते हुए कहा, "देखो, जातियां तो डोल की एक बून्द वा पलड़ों पर की धूलि के तुल्य ठहरीं; देखो, वह द्वीपों को धूलि के किनकों सरीखे उठाता है" (यशायाह 40:15) और यशायाह ने परमेश्वर के लोगों को समझाया कि परमेश्वर कमज़ोरों और जिन्हें आवश्यकता होती है उन्हें बल देता है (पद 29)। यशायाह ने उन लोगों को आश्वस्त किया कि यदि वे परमेश्वर की बाट जोहेंगे तो वे परमेश्वर से नया बल प्राप्त करेंगे और फिर वे उकाबों के समान उड़ान भरेंगे, दौड़ेंगे परन्तु थकेंगे नहीं (पद 31)।

   मसीही विश्वासी होने पर भी यदि आप कभी अपने आप को महत्वहीन और उपेक्षित अनुभव करें, तो स्मरण करें कि आपका परमेश्वर पिता आपकी चिंता करता है, वह सदैव अपनी नज़र आप पर बनाए हुए है। उसके समय की प्रतीक्षा कीजिए, उसे अपनी योजनाएं अपने तरीके से पूरी करने दीजिए और वह आपको भी नया बल देगा; ऐसा बल जिसके बाद आप थकेंगे नहीं। - ऐनी सेटास

चाहे हमें परमेश्वर की उपस्थिति का एहसास ना भी हो, परन्तु उसकी सप्रेम देखरेख हमारे चारों ओर सदा विद्यमान रहती है।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: यशायाह 40:25-31
Isaiah 40:25 सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है। 
Isaiah 40:26 अपनी आंखें ऊपर उठा कर देखो, किस ने इन को सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले ले कर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।
Isaiah 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता? 
Isaiah 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है। 
Isaiah 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। 
Isaiah 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; 
Isaiah 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 39-40
  • कुलुस्सियों 4