जनवरी 28, 1986 के दिन, मौसम संबंधित पाँच विलम्ब
होने के बाद, अन्ततः अंतरिक्षयान,चैलेंजर, ने तेज धवनी और आग की लपटों के
साथ अंतरिक्ष की ओर अपनी यात्रा आरंभ की। वायुमण्डल में ऊपर उठने के मात्र 73
सेकेंड में, किसी अंदरूनी खराबी के कारण वह यान टूट कर टुकड़े-टुकड़े हो गया, और
उसके चालाक दल के सातों जन मारे गए।
बाद की जाँच में इस असफलता एवं दुर्घटना का
ज़िम्मेदार एक ओ-रिंग सील को पाया गया, जिसमें पहले भी कमियाँ होने की बात जानकारी
में थी। इस घातक चूक को “go fever”, अर्थात किसी भी कीमत पर कार्य को जल्दबाजी में
बस कर ही देने की प्रवृत्ति है, चाहे उसके लिए महत्वपूर्ण सावधानियों को नज़रंदाज़
ही क्यों न करना पड़े।
हमारा महत्वकांक्षी मानवीय स्वभाव निरन्तर हम
पर अविवेकशील चुनाव करने के लिए दबाव डालता रहता है। परन्तु साथ ही, इसके विपरीत, हम
भय के वशीभूत भी रह सकते हैं जो हमें अत्याधिक सजग बनाकर कुछ भी करने से रोके रहता
है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम इस्राएलियों द्वारा, एक ही बात को लेकर, इन
दोनों प्रवृत्तियों को प्रदर्शित करने का उदाहरण पाते हैं।
मिस्र की गुलामी से निकलकर, कनान देश में
प्रवेश करने की तैयारी के समय, लोगों के मन में उस देश को लेकर आशंकाएं उठीं, तो
परमेश्वर ने उन्हें 12 लोगों के एक दल के द्वारा उस देश की टोह लेकर आने को कहा,
जिससे वे स्वयं देख सकें कि परमेश्वर उन्हें जिस देश में बसाने के लिए ले जा रहा
था वह कितना उपजाऊ और उत्तम था। उन 12 लोगों ने आकर लोगों को उस देश की संपन्नता
और उपजाऊ होने की बात तो बताई, परन्तु साथ ही उनमें से 10 ने सब लोगों को यह कहकर
घबरा भी दिया कि उस देश में विशालकाय मानव हैं और उन्हें नहीं लगता है कि वे लोग उन्हें
हारने पाएँगे। बहुत समझाने और परमेश्वर की सामर्थ्य पर भरोसा रखने के आग्रह के
बावजूद, लोगों ने मूसा और भेद लेने गए अन्य 2 व्यक्तियों की बात नहीं मानी,
परमेश्वर के विरुद्ध बलवा किया और वापस मिस्र की ओर लौट जाना चाहा, जिसके
परिणामस्वरूप इस्राएलियों को भरमा देने वाले 10 लोग मार दिए गए, और परमेश्वर ने
उन्हें 40 वर्ष तक जंगल से होकर निकलने का दण्ड दिया जिसमें बलवा करने वाली पीढ़ी
को समाप्त हो जाना था। यह देखकर, अब इस्राएलियों ने तुरंत अपना मन बदल लिया, और
परमेश्वर की इच्छा के विरुद्ध, एवँ उसकी सुरक्षा के बिना “go fever” प्रवृत्ति
दिखाते हुए कनान में प्रवेश करने का निर्णय लिया, और घुसते ही भारी हानि उठाई,
जिससे उन्हें परमेश्वर के कहे अनुसार जंगल की 40 वर्ष की यात्रा आरंभ करनी पड़ी।
हम जब भी परमेश्वर पर से अपनी आँख हटाकर, अपनी
ही इच्छा के अनुसार निर्णय लेते हैं, तब हम उपरोक्त में से एक या दूसरी गलती कर
बैठते हैं – या तो अधीर होकर उसके बिना ही किसी बात में आगे बढ़ जाते हैं, अथवा
अपने भय से अभिभूत होकर उसकी बात को अनसुना कर देते हैं, उसके अनाज्ञाकारी हो जाते
हैं। दोनों ही परिस्थितियों में हमें हानि ही होती है। लेकिन जब हम अपनी नज़रें
परमेश्वर पर बनाए रखते हैं, उसकी इच्छा के अनुसार निर्णय लेते हैं, कार्य करते हैं
तब हम बुद्धिमत्तापूर्ण साहस के निर्णय लेने पाते हैं, सफल होते हैं। - टिम
गुस्ताफसन
थोड़ा
सा धैर्य, बड़े विनाश से बचा लेता है।
चुप
हो जाओ,
और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं
जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! सेनाओं
का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़
है। - भजन 46:10-11
बाइबल
पाठ: गिनती 14:36-45
Numbers 14:36 तब जिन पुरूषों को मूसा ने उस देश के भेद लेने के लिये भेजा था,
और उन्होंने लौटकर उस देश की नामधराई कर के सारी मण्डली को
कुड़कुड़ाने के लिये उभारा था,
Numbers 14:37 उस देश की वे नामधराई करने वाले पुरूष यहोवा के मारने से उसके
साम्हने मर गए।
Numbers 14:38 परन्तु देश के भेद लेने वाले पुरूषों में से नून का पुत्र यहोशू और
यपुन्ने का पुत्र कालिब दोनों जीवित रहे।
Numbers 14:39 तब मूसा ने ये बातें सब इस्त्राएलियों को कह सुनाईं और वे बहुत विलाप
करने लगे।
Numbers 14:40 और वे बिहान को सवेरे उठ कर यह कहते हुए पहाड़ की चोटी पर चढ़ने लगे,
कि हम ने पाप किया है; परन्तु अब तैयार हैं,
और उस स्थान को जाएंगे जिसके विषय यहोवा ने वचन दिया था।
Numbers 14:41 तब मूसा ने कहा, तुम यहोवा की आज्ञा का
उल्लंघन क्यों करते हो? यह सफल न होगा।
Numbers 14:42 यहोवा तुम्हारे मध्य में नहीं है, मत चढ़ो,
नहीं तो शत्रुओं से हार जाओगे।
Numbers 14:43 वहां तुम्हारे आगे अमालेकी और कनानी लोग हैं, सो
तुम तलवार से मारे जाओगे; तुम यहोवा को छोड़कर फिर गए हो,
इसलिये वह तुम्हारे संग नहीं रहेगा।
Numbers 14:44 परन्तु वे ढिठाई कर के पहाड़ की चोटी पर चढ़ गए, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक, और मूसा, छावनी से न हटे।
Numbers 14:45 अब अमालेकी और कनानी जो उस पहाड़ पर रहते थे उन पर चढ़ आए, और होर्मा तक उन को मारते चले आए।
एक
साल में बाइबल:
- गिनती 12-14
- मरकुस 5:21-43