जब मैं बालक था तो मेरे एक निकट संबंधी ने मुझे और बेहतर करने को प्रोत्साहित करने के विचार से बार बार मुझे "तुम इतने बेवकूफ क्यों हो?" कहना आरंभ कर दिया। उनकी इस बात का मुझपर कैसा प्रभाव हुआ यह मैंने अपनी युवावस्था में जा कर समझा - तब जब किसी ने मेरी पीठ पीछे किसी अन्य को कहा "बेवकूफ" और मैंने तुरंत इस आश्य से कि कोई मुझे बुला रहा है पीछे मुड़कर उसकी ओर देखा!
प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता और प्रभु मान लेने के बाद मुझे यह एहसास हुआ कि परमेश्वर ने मुझे अपने स्वरूप में बनाया है (उत्पत्ति 1:27), और मैं बेवकूफ नहीं वरन परमेश्वर की अद्भुत रचना हूँ (भजन 39:14)। संसार की रचना के बाद परमेश्वर ने सब कुछ का अवलोकन किया और कहा, "बहुत अच्छा" (उत्पत्ति 1:31)।
दाऊद अपने भजन में वर्णन करता है कि कैसे परमेश्वर हम सब को बहुत निकटता से, अन्दर-बाहर से जानता है: "हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है। तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है" (भजन 139:1-3)।
ना केवल हम परमेश्वर की अद्भुत रचना हैं, वरन प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर दिए बलिदान के द्वारा हम परमेश्वर के साथ सही संबंध में बहाल भी किए जाते हैं, एक नई सृष्टि के समान: "सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है" (2 कुरिन्थियों 5:17-18)।
परमेश्वर के स्वरूप में बनाई गई परमेश्वर ही की अद्भुत रचना होने के कारण हमारा कर्तव्य है कि हम सब मनुष्यों को आदर की दृष्टि से देखें, किसी को नीचा या हीन ना समझें और परमेश्वर की इच्छा एवं उद्देश्यों के अनुसार सभी को प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा मिलने वाले उद्धार तथा पापों की क्षमा का सुसमाचार सुनाएं, उन्हें परमेश्वर के साथ सही संबंध में बहाल होने के तरीके के बारे में बताएं। - एल्बर्ट ली
प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर के स्नेह की अद्वितीय अभिव्यक्ति है।
फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें। तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। - उत्पत्ति 1:26-27
बाइबल पाठ: भजन 139:1-16
Psalms 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।
Psalms 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
Psalms 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।
Psalms 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।
Psalms 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।
Psalms 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं?
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है!
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं,
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्धेरा हो जाएगा,
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
Psalms 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं।
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
एक साल में बाइबल:
- भजन 67-69