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शनिवार, 17 अगस्त 2019

घर



      आज के हमारे सँसार भर में शरणार्थियों की – उनकी जिन्हें संघर्ष और सताव के कारण अपने घर और देश छोड़ने पड़े हैं, संख्या इतनी अधिक हो चुकी है जितनी पहले कभी नहीं थी। संयुक्त राष्ट्र ने देशों के नेताओं से आग्रह किया है कि वे साथ मिलकर कार्य करें और शरणार्थियों को स्वीकार करें जिससे प्रत्येक बच्चे को शिक्षा तथा प्रत्येक व्यसक को जीविका कमाने के लिए काम मिल सके, और प्रत्येक परिवार के पास रहने के लिए एक घर हो।

      संकट के समय में शरणार्थियों के लिए घर बनाने के सपने से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में यहूदा राष्ट्र को परमेश्वर द्वारा दी गई प्रतिज्ञा स्मरण हो आई, जब क्रूर अश्शूरी सेनाओं ने उनके घरों को उजाड़ने की धमकी दी थी। ऐसे समय में परमेश्वर ने मीका नबी को नियुक्त किया कि वह यहूदा के लोगों को सचेत करे कि वे अपने प्रिय शहर यरूशलेम और उसमें स्थित उनके मंदिर को खो देंगे। परन्तु परमेश्वर ने यह वायदा भी किया कि इस हानि से परे, भविष्य में, एक बहुत सुन्दर भविष्य उनके लिए रखा हुआ है।

      मीका ने कहा कि एक ऐसा दिन आएगा जब परमेश्वर समस्त सँसार के सभी लोगों को अपने पास बुलाएगा। हिंसा का अन्त हो जाएगा। युद्ध के हथियार खेती के उपकरण बन जाएँगे, और प्रत्येक वह व्यक्ति जो परमेश्वर के आह्वान को स्वीकार करेगा उसे परमेश्वर के राज्य में शांतिमय घर और फलवन्त जीवन प्राप्त होगा (4:3-4)।

      आज सँसार के अनेकों लोगों के लिए, और हो सकता है कि आप के लिए भी एक सुरक्षित घर वास्तविकता नहीं, परन्तु एक सपना है। परन्तु हम परमेश्वर की प्राचीन प्रतिज्ञा पर भरोसा रख सकते हैं कि सँसार के सभी राष्ट्रों के लोगों को एक घर मिलेगा; और हम उस शांतिपूर्ण घर की प्रतिज्ञा को वास्तविक होने के लिए प्रार्थना, कार्य और प्रतीक्षा करते रह सकते हैं। - एमी पीटरसन


परमेश्वर अपने बच्चों को अपने राज्य में एक शांतिपूर्ण घर देने का वायदा करता है।

वह जाति जाति का न्याय करेगा, और देश देश के लोगों के झगड़ों को मिटाएगा; और वे अपनी तलवारें पीट कर हल के फाल और अपने भालों को हंसिया बनाएंगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध फिर तलवार न चलाएगी, न लोग भविष्य में युद्ध की विद्या सीखेंगे। - यशायाह 2:4

बाइबल पाठ: मीका 4:1-5
Micah 4:1 अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।
Micah 4:2 और बहुत जातियों के लोग जाएंगे, और आपस में कहेंगे, आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।
Micah 4:3 वह बहुत देशों के लोगों का न्याय करेगा, और दूर दूर तक की सामर्थी जातियों के झगड़ों को मिटाएगा; सो वे अपनी तलवारें पीटकर हल के फाल, और अपने भालोंसे हंसिया बनाएंगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध तलवार फिर न चलाएगी;
Micah 4:4 और लोग आगे को युद्ध विद्या न सीखेंगे। परन्तु वे अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले बैठा करेंगे, और कोई उन को न डराएगा; सेनाओं के यहोवा ने यही वचन दिया है।।
Micah 4:5 सब राज्यों के लोग तो अपने अपने देवता का नाम ले कर चलते हैं, परन्तु हम लोग अपने परमेश्वर यहोवा का नाम ले कर सदा सर्वदा चलते रहेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 97-99
  • रोमियों 16