लोकप्रीय चित्रकार ऐन्डी वारहोल ने एक बार कहा, "भविष्य में ऐसा समय आएगा ज्ब हर कोई १५ मिनिट के लिये प्रसिद्ध होगा।" परन्तु यह सही नहीं है। ऐसे लाखों लोग हैं जो कभी अपनी प्रसिद्धी पाने के अवसर को थामते नहीं, बस अपनी ज़िम्मेवारी को पूरा करते रहते हैं। उन में से कुछ ऐसे स्त्री और पुरुष हैं जो पूरी लगन और मेहन्त के साथ अपना काम करते रहने में ही अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं, या अपने बच्चों को परमेश्वर के भय और धार्मिकता में बड़ा करते हैं, या दूसरों के लिये प्रार्थनाएं करते हैं, या प्रभु यीशु में अपने विश्वास को उनके साथ बांटते हैं जो अभी भी प्रभु यीशु को नहीं जानते। वे लोगों को परमेश्वर के वचन की शिक्षाएं सिखाते हैं, बीमारों को भोजन पहुंचाते हैं, बुज़ुर्गों को डाकटरों के पास ले जाते हैं और प्रेम तथा भलाई के ऐसे ही अनेक कार्य खामोशी और गुमनामी में करते रहते हैं।
ऐसे लोग अपने मित्रों और कुटुमबियों के बाहर सम्भवतः कभी जाने न जाएं। उनके नाम प्रसिद्ध नहीं होंगे। और यद्यपि वे निस्वार्थ भाव से और बहुत त्याग सहित अपने आप को ऐसी सेवा में दे देते हैं, तो भी उनकी प्रशंसा करने या उन्हें धन्यवाद कहने वाला शायद ही कोई होता होगा। लेकिन परमेश्वर उनकी यह विश्वासयोग्यता जानता है और उनकी इस आज्ञाकारिता से प्रसन्न होता है, "तब धर्मी उस को उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया या प्यासा देखा, और पिलाया? हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए? हम ने कब तुझे बीमार या बन्दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए? तब राजा उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।" (मती २५:३७-४०)
पौलुस २ कुरिन्थियों ५:९ में कहता है कि हम अपने जीवन का ध्येय बना लें कि हम परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले बनेंगे। जब हम उसमें विश्वास करके अपने जीवन उसे समर्पित कर देते हैं और अपने जीवन उसकी सेवकाई में बिताते हैं, तो वह हमसे प्रसन्न होता है। जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है, वह उसे प्रतिफल भी देता है, और उसका प्रतिफल मनुष्यों द्वारा दी गई किसी भी ख्याति से कहीं बढ़कर और भला होता है।
आप किससे प्रतिफल और ख्याति पाना चाहते हैं - संसार से अथवा परमेश्वर से? - सिंडी हैस कैसपर
मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। - मती २५:४०
बाइबल पाठ : मत्ती २५:३१-४६
जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा।
और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी, और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।
और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाईं और खड़ी करेगा।
तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।
कयोंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया, मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं परदेशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया।
मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए, मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।
तब धर्मी उस को उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया या पियासा देखा, और पिलाया?
हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए?
हम ने कब तुझे बीमार या बन्दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए?
तब राजा उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।
तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, हे श्रापित लोगों, मेरे साम्हने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है।
क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को नहीं दिया, मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी नहीं पिलाया।
मैं परदेशी था, और तुम ने मुझे अपने घर में नहीं ठहराया, मैं नंगा था, और तुम ने मुझे कपड़े नहीं पहिनाए, बीमार और बन्दीगृह में था, और तुम ने मेरी सुधि न ली।
तब वे उत्तर देंगे, कि हे प्रभु, हम ने तुझे कब भूखा, या पियासा, या परदेशी, या नंगा, या बीमार, या बन्दीगृह में देखा, और तेरी सेवा टहल न की?
तब वह उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं कि तुम ने जो इन छोटे से छोटों में से किसी एक के साथ नहीं किया, वह मेरे साथ भी नहीं किया।
और यह अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।
एक साल में बाइबल:
ऐसे लोग अपने मित्रों और कुटुमबियों के बाहर सम्भवतः कभी जाने न जाएं। उनके नाम प्रसिद्ध नहीं होंगे। और यद्यपि वे निस्वार्थ भाव से और बहुत त्याग सहित अपने आप को ऐसी सेवा में दे देते हैं, तो भी उनकी प्रशंसा करने या उन्हें धन्यवाद कहने वाला शायद ही कोई होता होगा। लेकिन परमेश्वर उनकी यह विश्वासयोग्यता जानता है और उनकी इस आज्ञाकारिता से प्रसन्न होता है, "तब धर्मी उस को उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया या प्यासा देखा, और पिलाया? हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए? हम ने कब तुझे बीमार या बन्दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए? तब राजा उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।" (मती २५:३७-४०)
पौलुस २ कुरिन्थियों ५:९ में कहता है कि हम अपने जीवन का ध्येय बना लें कि हम परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले बनेंगे। जब हम उसमें विश्वास करके अपने जीवन उसे समर्पित कर देते हैं और अपने जीवन उसकी सेवकाई में बिताते हैं, तो वह हमसे प्रसन्न होता है। जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है, वह उसे प्रतिफल भी देता है, और उसका प्रतिफल मनुष्यों द्वारा दी गई किसी भी ख्याति से कहीं बढ़कर और भला होता है।
आप किससे प्रतिफल और ख्याति पाना चाहते हैं - संसार से अथवा परमेश्वर से? - सिंडी हैस कैसपर
जिन कार्यों से परमेश्वर प्रसन्न होता है, वे उसकी आज्ञाकारिता और सेवाकाई में किये जाने वाले कार्य हैं।
मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। - मती २५:४०
बाइबल पाठ : मत्ती २५:३१-४६
जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा।
और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी, और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।
और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाईं और खड़ी करेगा।
तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।
कयोंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया, मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं परदेशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया।
मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए, मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।
तब धर्मी उस को उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया या पियासा देखा, और पिलाया?
हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए?
हम ने कब तुझे बीमार या बन्दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए?
तब राजा उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।
तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, हे श्रापित लोगों, मेरे साम्हने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है।
क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को नहीं दिया, मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी नहीं पिलाया।
मैं परदेशी था, और तुम ने मुझे अपने घर में नहीं ठहराया, मैं नंगा था, और तुम ने मुझे कपड़े नहीं पहिनाए, बीमार और बन्दीगृह में था, और तुम ने मेरी सुधि न ली।
तब वे उत्तर देंगे, कि हे प्रभु, हम ने तुझे कब भूखा, या पियासा, या परदेशी, या नंगा, या बीमार, या बन्दीगृह में देखा, और तेरी सेवा टहल न की?
तब वह उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं कि तुम ने जो इन छोटे से छोटों में से किसी एक के साथ नहीं किया, वह मेरे साथ भी नहीं किया।
और यह अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।
एक साल में बाइबल:
- यहेजेकेल १, २
- इब्रानियों ११:१-१९